विवेकानंद इंस्टिट्यूट ऑफ फार्मेसी के विद्यार्थियों ने मलेरिया से बचाव हेतु लोगों को किया जागरूक

विवेकानंद इंस्टिट्यूट ऑफ फार्मेसी के विद्यार्थियों ने मलेरिया से बचाव हेतु लोगों को किया जागरूक

Chhapra: सारण जिले का एकमात्र सुप्रसिद्व फार्मेसी इंस्टिट्यूट “विवेकानंद इंस्टिट्यूट ऑफ फार्मेसी” में दिनांक 25 अप्रैल 2023 (मंगलवार) को “विश्व मलेरिया दिवस” के उपलक्ष्य में कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन तथा इसमें संलग्न समस्त अभ्यर्थियों व विद्यार्थियों के अनूठे प्रयास की सराहना करते हुए उन्हें अपना स्नेहाशीष प्रदान करने के उद्देश्य से मुख्य अतिथि के रूप में विवेकानंद इंस्टिट्यूट ऑफ फार्मेसी के अध्यक्ष सह वी० आई० पी० ग्रुप के निदेशक डॉ० राहुल राज, ई० नीलम सिंह, संस्थापक श्री विपिन कुमार सिंह जी ,प्राचार्य एवम् शिक्षकगण उपस्थित हुए।

मुख्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया तथा इसके उपरांत विद्यार्थियों द्वारा विभिन्न प्रकार के रोचक, प्रभावशाली और ज्ञानप्रद कार्यक्रमों की प्रस्तुति की गई। इसी इंस्टिट्यूट के विद्यार्थियों ने तमाम पोस्टर्स और मॉडल के माध्यम से भी मलेरिया रोग से बचाव हेतु लोगो को सक्रिय करने हेतु प्रयत्न किया। अपने संबोधन में अध्यक्ष सह मुख्य अतिथि डॉ० राहुल राज ने अपने मंतव्यों में कहा कि विश्व मलेरिया दिवस का मुख्य उद्देश्य मलेरिया जैसे संक्रामक बीमारी से लोगों को जागरूक और उनकी जान की रक्षा करना है। यह दिवस मलेरिया जैसी गंभीर बीमारी की ओर लोगों का ध्यान आकृष्ट करने, उसके निवारण और नियंत्रण के लिए मनाया जाता है। प्रत्येक साल विश्व मलेरिया दिवस मनाने का उद्देश्य मलेरिया को नियंत्रित करने के विश्वव्यापी प्रयासों को मान्यता देता है। विश्व स्तर पर, कुल 106 देशों में 3.3 बिलियन लोगों को मलेरिया का खतरा है। अतः प्रत्येक वर्ष विश्व मलेरिया दिवस एक विशेष लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए मनाया जाना चाहिए।

मौके पर प्राचार्य हो ने कहा कि पहली बार ‘विश्व मलेरिया दिवस’ 25 अप्रैल 2008 को मनाया गया था। यूनिसेफ द्वारा इस दिन को मनाने का उद्देश्य मलेरिया जैसे खतरनाक रोग पर जनता का ध्यान केंद्रित करना है, जिससे हर साल लाखों लोग मरते हैं।

संस्थापक महोदय विपिन कुमार सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि जानकारी ही बचाव है, क्योंकि कई लोग जानकारी के अभाव में ही इस संक्रामक बीमारी के शिकार होकर जान गँवा बैठते हैं। उन्होंने बताया कि इस फार्मेसी इंस्टिट्यूट की स्थापना करने का मुख्य उद्देश्य यही था कि जहाँ अपने क्षेत्र से बच्चों को औषधियों से जुड़ी शिक्षा हेतु अपने घरों से दूर बाहर जाकर रहना पड़ता था वहीं अब अपने घरों के नजदीक सम्पूर्ण सुविधाओं से लैश सुसज्जित संस्थान में अपनी अध्ययन प्रक्रिया को पूर्ण कर एक योग्य फार्मेसिस्ट के रूप में दुनिया मे अपनी अलग पहचान कायम करते हुए स्वास्थ्य संबंधी योगदान देने का अवसर प्राप्त होता है। इस कार्यक्रम में अपनी सहभागिता देने हेतु सैकड़ो की संख्या में लोग उपस्थित थें।।

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