छपरा में दंगल गर्ल बबिता फोगाट ने कहा बेटियों को अब पापा की परी नही, शेरनी बनने की है जरूरत

छपरा में दंगल गर्ल बबिता फोगाट ने कहा बेटियों को अब पापा की परी नही, शेरनी बनने की है जरूरत

महिला पहलवान बबीता फोगाट ने अभाविप बिहार के 64वें प्रांतीय अधिवेशन का विधिवत उद्घाटन, एबीवीपी में महिलाओं का जैसा सम्मान होता है वो पुरे समाज के लिए प्रेरणा है : बबीता फोगाट

Chhpara: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के 64वें प्रांतीय अधिवेशन का विधिवत उद्घाटन शुक्रवार 06 जनवरी को हुआ. अधिवेशन के उद्घाटन में उद्घतानकर्ता आई.आई.टी. के डायरेक्टर टी.एन.सिंह, मुख्य अतिथि 2014 के कॉमन वेल्थ गेम्स में भारत को स्वर्ण पदक दिलाने वाली महिला पहलवान बबीता फोगाट, विशिष्ट अतिथि मिलिंद मराठे, अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क शुक्ल, डॉ ममता कुमारी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ पूनम सिंह, अभिषेक यादव, जगजीत सिंह, एवं धर्मेन्द्र सिंह ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वालित कर किया.

सर्व प्रथम अधिवेशन को संबोधित करते हुए स्वागत समिति के अध्यक्ष डॉ जगजीत पाण्डेय (कैंसर सर्जन, एम्स पटना) ने कहा कि छात्र शक्ति-राष्ट्र शक्ति एक नारा मात्र नहीं रह गया है, विद्यार्थी परिषद् ने इसे चरितार्थ करके दिखाया है. विद्यार्थी परिषद् ने युवाओं को कल का नहीं आज का नागरिक साबित किया है. युवाओं को प्रेरित करने के लिए उन्होंने राष्ट्रकवि दिनकर जी की पंक्ति “वसुधा का नेता कौन हुआ? भूखण्ड-विजेता कौन हुआ? अतुलित यश क्रेता कौन हुआ? नव-धर्म प्रणेता कौन हुआ? जिसने न कभी आराम किया, विघ्नों में रहकर नाम किया” का उल्लेख किया.

प्रदेश मंत्री अभिषेक यादव ने अधिवेशन को संबोधित करते हुए कहा कि छात्र हित के साथ साथ राष्ट्रीय हित के मुद्दों पर भी अभाविप सदैव मुखर रहा है. बंगलादेशी घुसपैठ का मुद्दा हो या राम मंदिर मिर्माण, कोरोना काल में जरुरतमंदों की सेवा हो परिषद् के कार्यकर्त्ता पूरे समर्पण के साथ कार्यरत रहे हैं. पर्यावरण संरक्षण के लिए सिर्फ बिहार में 5 लाख से अधिक वृक्षारोपण किया गया.

प्रदेश अध्यक्ष डॉ. ममता कुमारी ने कहा कि समाज के लिए विद्यार्थी परिषद् सदैव तत्पर रहा है. देश के लिए जिम्मेदार एवं युवाओं में चरित्र निर्माण के लिए विद्यार्थी परिषद् निरंतर कार्यरत है.

अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क शुक्ल ने कहा कि बिहार की धरती वो धरती है जहाँ के गुरु ने साधारण से बालक को चन्द्रगुप्त बना दिया. ये वो धरती है जिसने पूरी दुनिया को लोकतंत्र का ज्ञान दिया. देश को भी प्रथम राष्ट्रपति बिहार की धरती ने दिया है. सांस्कृतिक धरोहर को संजोकर विकास की मुख्य धारा से जुड़ने वाली बिहार ही है. इसलिए जो लोग ये पूछते हैं बिहार में का बा उन्हें एकबार बिहार में आकर बिहार की विराट सांस्कृतिक विरासत और त्याग और ज्ञान की अनुभति करनी चाहिए.

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि बबीता फोगाट ने युवाओं को सबोधित करते हुए कहा कि प्रत्येक युवा को प्रभु श्रीराम के चरित्र से प्रेरणा लेनी चाहिए. भारत सोने की चिड़िया अपनी ज्ञान और विज्ञान की बदौलत रहा है. भारत की सनातन संस्कृति को मिटने की कोशिश करने वाले खुद मिट गए, लकिन हम आदि काल में भी थे और अंत तक रहेंगे.

वही नारी शक्ति को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा की नारी में पूरी दुनिया को आकार देने की शक्ति है, बस आपको अपनी शक्ति पहचानने की जरुरत है. महारानी लक्ष्मी बाई का जीवन हर नारी के लिए प्रेरणा श्रोत है.

उनके जीवनी से आप सभी को सीख लेनी चाहिए. वही माता-पिता से उन्होंने आग्रह करते हुए कहा कि आप अपनी बेटियों को परी या गुडिया नहीं शेरनी बुलाएं और बच्चों को डरना नहीं डर से लड़ना सिखाएं, बेटियों को धाकर बनाएं.

आगे उन्होंने कहा कि महिलाओं का सम्मान जैसा एबीवीपी में होता है वो पुरे समाज के लिए प्रेरणा दायक है. वही छोटे बच्चों में बढ़ रही मोबाईल की लत पर भी चिंता जताई और अभिभावकों से बच्चों को अपनी सांस्कृतिक विरासत और संस्कारों से जोड़ने का निवेदन किया.

इसके अलावा विशिष्ट अतिथि प्रो. मिलिंद मराठे, आई.आई.टी. पटना के डायरेक्टर डॉ. टी. एन. सिंह, एवं अधिवेशन के स्वागत मंत्री धर्मेन्द्र सिंह ने भी अपने विचारों को रखा. मंच संचालन अभाविप की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ पूनम सिंह ने किया. इस मौके पर आरएसएस के विभाग संपर्क प्रमुख अवध किशोर मिश्रा, अभाविप के क्षेत्रीय संगठन मंत्री निखिल रंजन, प्रान्त संगठन मंत्री डॉ सुग्रीव कुमार, सह संघठन मंत्री धीरज कुमार समेत परिषद् के कई पदाधिकारी व गणमान्य मौजूद थे.

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