सामूहिक पूजन के साथ घर घर हुआ चित्रगुप्त पूजन

सामूहिक पूजन के साथ घर घर हुआ चित्रगुप्त पूजन

सामूहिक पूजन के साथ घर घर हुआ चित्रगुप्त पूजन

यमदित्या पर कायस्थ समाज ने पूजा भगवान चित्रगुप्त व कलम दवात को

Chhapra: कार्तिक शुक्ल पक्ष द्वितीया के दिन कायस्थ समाज ने अपने इष्टदेव भगवान चित्रगुप्त जी की सामूहिक पूजा अर्चना की जिसमें बड़ी संख्या में कायस्थ परिवार के बंधुओं ने भाग लिया। साथ ही कायस्थ समाज में घर-घर चित्रगुप्त व कलम दवात की पूजा की गई।

कायस्थ परिवार के डॉ विद्याभूषण श्रीवास्तव ने बताया कि चित्रगुप्त जी ब्रह्मा जी की काया से उत्पन्न होने के कारण कायस्थ कहलाए व इनका नाम चित्रगुप्त पड़ा। सभी जीवो के पाप पुण्य का लेखा जोखा रखने वाले भगवान चित्रगुप्त जन्म से लेकर मृत्यु पर्यंत जीवो के सभी कर्मों को अपनी पुस्तक में लिखते हैं। एवं मृत्यु पश्चात यमराज के समक्ष जीवात्मा के कर्मों को रखते हैं। इनकी लेखनी से जीवो को उनके कर्मों के अनुसार न्याय मिलता है।

अभिजीत श्रीवास्तव ने कहा कि भगवान चित्रगुप्त कलम के अधिष्ठाता देव हैं हर साल दिवाली के एक दिन बाद चित्रगुप्त पूजा को कलम दवात पूजा के रूप में मनाया जाता है। इस दिन प्रार्थना करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है ।

प्रिंस राज ने कहा कि सृष्टि के सभी देहधारियों के भाग्य कर्मफल अंकित करने वाले भगवान चित्रगुप्त कर्म के आधार पर बिना पक्षपात के सब का लेखा जोखा रखते हैं ।

आज के दिन कायस्थ समाज द्वारा सामूहिक चित्रगुप्त पूजन के साथ साथ प्रत्येक कायस्थ परिवार में घर-घर चित्रगुप्त व कलम दवात की पूजा की जाती है।

चित्रगुप्त मन्दिर में पुजा मे नरेंद्र कुमार वर्मा, विमल कुमार श्रीवास्तव, राकेश कुमार सिन्हा, मनीष रंजन, अनूप कुमार श्रीवास्तव रवीश कुमार उर्फ रवि , सुभाष चन्द्र भास्कर, अरुण कुमार श्रीवास्तव, बिटू जी, सदानद, सुनील कुमार वर्मा विकास कुमार वर्मा एवं सौरभ सिन्हा इस अवसर पर सहित कई चित्रांश बंधु उपस्थित रहे.

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