Chhapra: अखिल भारतीय विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय शिक्षक महासंघ (एआईफुक्टो ) के आह्वान पर अपनी माँगों के समर्थन में तीन दिवसीय विरोध-प्रदर्शन का आगाज महाविद्यालय के प्राध्यापकों द्वारा किया गया। राजेन्द्र महाविद्यालय के प्राध्यापकों ने अपनी हाथोँ पर काला पट्टी बाँध कर अपने कार्यो को किया।
उल्लेखनीय है कि एआईफुक्टो ने यूजीसी द्वारा जारी किए गए नई शिक्षा नीति सहित विभिन्न पुराने पेंशन स्कीम को बहाल किये जाने सहित अन्य माँगों को लेकर 24 से 26 मार्च तक देशभर के विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय में सांकेतिक रूप से काली पट्टी लगाकर विरोध जताने का आह्वान किया है।
इसी क्रम में सोमवार को जेपीविवि के राजेन्द्र महाविद्यालय शिक्षक संघ के आह्वान पर सभी शिक्षकों ने अपनी मांगों को लेकर सांकेतिक विरोध किया। संघ के सचिव डॉ प्रशांत कुमार सिंह ने कहा कि शिक्षकों की माँग है कि यूजीसी ड्रॉफ्ट रेगुलेशन 2024 एवं 2025 को समाप्त किया जाये। पुराने पेंशन योजना को बहाल किया जाए।
एनईपी 2020 को शिक्षक हित मे समाप्त किया जाए। एमफील एवं पीएचडी इंक्रीमेंट को पुनः बहाल किया जाए। एसोसिएट एवं प्रोफेसर के लिए पीएचडी की बाध्यता को समाप्त किया जाए तथा शिक्षकों की बहाली रेगुलर मोड में ही किया जाये। तीन दिवसीय विरोध-प्रदर्शन में इसके अलावे अन्य कई माँगे सम्मिलित है जिसमे बिहार में विश्वविद्यालय सेवा आयोग से बहाल हुए शिक्षकों में यथाशीघ्र उन्हें वेतन दिया जाये। मालूम हो कि विगत विभिन्न विषयों के कॉलेज शिक्षकों को दस से चार माह तक का वेतन भुगतान अभी शुरू नही किया गया है जिसकारण उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
हाथों पर काली पट्टी बांध कर अपने शैक्षणिक व गैरशैक्षणिक कार्यों का निपटारा करने के उपरांत महाविद्यालय के शिक्षकों ने एकत्र होकर अपना विरोध जताया। इस अवसर पर शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ इकबाल ईमाम, सचिव डॉ प्रशांत कुमार सिंह, संयुक्त सचिव डॉ रंकेश कुमार जायसवाल महाविद्यालय के वरीय शिक्षक डॉ अशोक कुमार सिन्हा, डॉ पुनम सिंह, डॉ राजीव कुमार मिश्रा, डॉ देवेश रंजन, डॉ गौरव कुमार सिंह, डॉ कुमार गौरव, डॉ धर्मेंद्र कुमार सिंह, डॉ परेश कुमार, डॉ राकेश कुमार सिंह, डॉ सुनील प्रसाद, डॉ गौरव शर्मा, डॉ अंकित कुमार विश्वकर्मा, डॉ ओमप्रकाश, डॉ सुप्रिया कुमारी, डॉ प्रियंका जायसवाल, डॉ प्रीति मिश्रा आदि उपस्थित थे।