महिला नसबंदी की तुलना में पुरुष नसबंदी ज्यादा सरल एवं सुरक्षित

महिला नसबंदी की तुलना में पुरुष नसबंदी ज्यादा सरल एवं सुरक्षित

• पुरुष नसबंदी को लेकर पुरुषों की सोच में बदलाव की जरूरत
• पुरुष लाभार्थी को मिल रही 3000 रुपये प्रोत्साहन राशि

Chhapra:  पुरुष नसबंदी के बाद किसी भी तरह की शारीरिक या यौन कमजोरी नहीं आती है। यह पूरी तरह सुरक्षित और आसान है। लेकिन अधिकांश पुरुष- अभी भी इसे अपनाने में हिचक रहे हैं क्योंकि कहीं ना कहीं समुदाय में अभी भी पुरुष नसबंदी से संबंधित जानकारी का अभाव है। सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा ने बताया कि महिलाओं में नसबंदी की प्रक्रिया पुरुषों की अपेक्षा ज्यादा जटिल होती है। इसके अलावा पुरुष नसबंदी से न तो शारीरिक कमज़ोरी आती है और न ही संक्रमण का डर रहता है। सीएस ने बताया कि इसके लिए बहुत सामान्य सा ऑपरेशन है जिसमें आधे घंटे से भी कम का समय लगता है। यहाँ तक कि लाभार्थी को अस्पताल में रहने की जरूरत भी नहीं पड़ती तथा वह ऑपरेशन के आधे घंटे के बाद अपने घऱ भी जा सकते हैं। उनमें किसी भी प्रकार के शारीरिक बदलाव या दिनचर्या पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता और न ही नसबंदी से भविष्य में किसी तरह की स्वास्थ्यजनित समस्या होती है। पुरुष नसबंदी को लेकर पुरुषों को अपनी सोच बदलने की जरूरत है और यह समझना है कि परिवार नियोजन अकेले पत्नी की जिम्मेदारी नहीं है।


पुरुष नसबंदी के लिए योग्यता 

पुरुष नसबंदी परिवार नियोजन के लिए पुरुषों द्वारा अपनाया जाने वाला एकमात्र स्थायी साधन है। इसलिए यह जरूरी है कि नसबंदी के समय लाभार्थी की उम्र 22 वर्ष से कम या 60 वर्ष से ज्यादा नहीं हो । लाभार्थी शादीशुदा हो। लाभार्थी कम से कम एक बच्चे का पिता हो और मानसिक रूप से स्वस्थ हो।

लाभार्थी एवं प्रेरक दोनों को प्रोत्साहन राशि
डीपीएम अरविन्द कुमार ने बताया कि पुरुष नसबंदी की स्थिति में सुधार लाने के लिए स्वास्थ्य विभाग सघन प्रयास कर रहा है। यहाँ तक कि महिलाओं की तुलना में पुरुषों को नसबंदी कराने के लिए दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि को भी ज्यादा रखा गया है। नसबंदी के लिए पुरुष लाभार्थी को 3000 रुपए एवं प्रेरक को प्रति लाभार्थी 300 रुपए दिया जाता है। जबकि महिला नसबंदी के लिए लाभार्थी को 2000 रुपए एवं प्रेरक को प्रति लाभार्थी 300 रुपए दिया जाता है।

नसबंदी के बाद रखें इन बातों का ख्याल

• पुरुष नसबंदी के शुरुआती 3 महीने तक गर्भनिरोधक साधन का इस्तेमाल जरूर करें
• 3 महीने तक असुरक्षित यौन संबंध बनाने से बचें
• यौन संक्रमण एवं एचआईवी-एड्स जैसे रोगों से बचने के लिए नसबंदी के बाद भी कंडोम का इस्तेमाल जरूर करें
• नसबंदी कराने के बाद इसे पुनः सामान्य नहीं किया जा सकता, इसलिए खूब सोच-विचार कर तय करने के बाद ही नसबंदी करायें
• पुरुष नसबंदी बिल्कुल सुरक्षित है, इसलिए इसे कराने के बाद किसी भी प्रकार का नकारात्मक विचार मन में नहीं लायें।

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