Chhapra : जिले के किसानों की दुर्दशा देखकर ऐसा लगता है कि केंद्र और राज्य सरकार केवल मीडिया में किसानों के हितैषी बनने का ढोंग रचती है, लेकिन धरातल पर किसानों की स्थिति बिन पानी मछली के समान है। केंद्र और राज्य सरकार किसान विरोधी है। उक्त बातें मढ़ौरा के राजद विधायक जितेंद्र कुमार राय ने अपने आवास पर आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहीं।
उन्होंने कहा कि जिले में बारिश नहीं होने से कृषि कार्य पूरी तरह प्रभावित है, नहरों से खेतों तक पानी नहीं पहुंच रहा है अधिकांश नहरों में पानी नहीं है. जिसके कारण लोग सिचाई नहीं कर पा रहे हैं और सरकार के आला अधिकारी कान में तेल डालकर सोए हुए हैं जिससे लगता है कि न सरकार और ना प्रशासन के लोगों को इस बात की चिंता है कि हमारे किसान अपनी खेती कैसे कर पाए. जिला प्रशासन अभी तक सुखार का रिपोर्ट राज्य को नहीं भेजी है मतलब साफ है कि किसान राम को राम भरोसे छोड़ दिया गया है.
उन्होंने कहा कि ने कहा कि कृषि विभाग की योजनाएं धरातल पर कहीं नहीं दिखाई दे रही है न किसानों को धान का बीज मिला और ना ही खाद मिलने की भी संभावना है. कृषि उपकरणों खाद बीजों के दाम में बेतहाशा वृद्धि कर दी गई है लेकिन किसान अपनी उपज को औने पौने दाम में बेचने पर मजबूर हैं. सारण नहर प्रमंडल एवं मढ़ौरा ब्रांच केनाल से अंतिम छोर तक पानी नहीं पहुंच रहा है जिससे किसान अपनी खेती नहीं कर पा रहे हैं. केंद्र की मोदी सरकार उल्टे किसानों पर टैक्स का बोझ जीएसटी के माध्यम से डालने का काम की है जो आजादी के बाद पहली बार हुआ है. किसानों के दूध दही आटा चावल इत्यादि पर जीएसटी का बोझ डाल दिया गया. पहले से ही किसान महंगाई से त्रस्त हैं और इस निर्णय के बाद किसानों को भूखे मरने की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी.
उन्होंने कहा कि राज सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री का इकबाल अब समाप्त हो चुका है मुख्यमंत्री जी थक चुके हैं जिसके कारण उनसे सत्ता नहीं चल रहा है और सत्ता में बैठे अधिकारी उनकी बातों को भी नहीं सुन रहे हैं मुख्यमंत्री जी मजबूर हैं ऐसे में जनता की सुधि लेने वाला कोई नहीं है. महंगाई बेरोजगारी चरम पर है. सिंचाई व्यवस्था पूरे राज्य में फेल है भ्रष्टाचार चरम पर है इसलिए डबल इंजन की सरकार को एक दिन भी बने रहने का अधिकार नहीं है.