डॉ अम्बेडकर समृद्ध राष्ट्र, स्वस्थ समाज और शैक्षिक उन्नति के लिए संकल्पित थे: कमाल अहमद

डॉ अम्बेडकर समृद्ध राष्ट्र, स्वस्थ समाज और शैक्षिक उन्नति के लिए संकल्पित थे: कमाल अहमद

Chhapra: डॉ अम्बेडकर जयंती और गंगा सिंह महाविद्यालय स्थापना दिवस के सुअवसर पर आज महाविद्यालय परिसर में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ उपस्थित प्राध्यापकों द्वारा बाबा साहब के तैलचित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित कर किया गया।

कार्यक्रम में प्रारंभिक वक्तव्य देते हुए एनएसएस के कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ कमाल अहमद ने कहा कि डॉ भीमराव अम्बेडकर समृद्ध राष्ट्र, स्वस्थ समाज और शैक्षिक उन्नति के लिए निरंतर कार्य करते रहे। उनका जीवन ही हमारे लिए दर्शन है। उनके आदर्शों को अपनाकर हम एक बेहतर नागरिक बन सकते हैं। एनएसएस स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि ज्ञान प्राप्ति के साथ-साथ सामुदायिक सेवा का भाव अगर आपमें जाग्रत हो जाए, तो आप एक अनुशासित नागरिक बन कर सामाजिक जीवन और राष्ट्र निर्माण के क्षेत्र में सार्थक योगदान दे सकते हैं।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कॉलेज के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ हरिमोहन पिंटू ने कहा कि यह सुखद संयोग है कि कॉलेज का स्थापना दिवस और संविधान निर्माता डॉ अम्बेडकर का जन्म दिवस 14 अप्रैल ही है। कॉलेज के संस्थापक और डॉ अम्बेडकर दोनों ही शिक्षित समाज बनाने के लिए संकल्पित थे। हमें उनके संकल्पों को धरातल पर उतारना है, यह उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

साहित्य के गहरे अध्येता और कॉलेज शिक्षक संघ के सचिव डॉ संतोष कुमार सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि संघर्षशील व्यक्ति ही अपने उद्देश्य में सफल हो पाता है। हमें अपनी संकीर्णता को त्यागना होगा, तभी एक समरस समाज की संकल्पना अपना आकार ग्रहण कर पाएगी। युवा देश के भविष्य हैं, सो उन्हें बाबा साहब के बताए रास्तों पर चलकर अपने जीवन और जगत को बेहतर बनाना है।

विशिष्ट वक्तव्य हेतु आमंत्रित चर्चित प्राध्यापक डॉ मनोज कुमार पाण्डेय ने अपने वक्तव्य में भारत रत्न डॉ भीमराव अंबेडकर के जीवन और दर्शन पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि बाबा साहब का जीवन हमारे लिए आदर्श है। हम उनके पद्चिन्हों का अनुसरण करते हुए एक अनुशासित नागरिक बन सकते हैं और राष्ट्र निर्माण में अपना अमूल्य योगदान दे सकते हैं।

कार्यक्रम के विशिष्ठ अतिथि डीएवी कॉलेज सिवान के प्राध्यापक डॉ विभूति दत्त सिंह ने अपने वक्तव्य में कहा कि संविधान ही इस देश की मूल आत्मा है। बाबा साहब ने सामाजिक संघर्षों से दो-चार होकर ही अपने व्यक्तित्व का निर्माण किया था। महापुरुषों की गाथाएं हुआ करती हैं, हमें उन गाथाओं से सीख लेनी चाहिए। शिक्षित बनो, संगठित रहो, संघर्ष करो डॉ अम्बेडकर का सिर्फ नारा भर नहीं है, बल्कि हम भारतीयों के लिए एक जीवन-दर्शन है।

मुख्य अतिथि के रूप में कॉलेज के प्राध्यापक सह शिक्षक नेता डॉ धर्मेंद्र कुमार सिंह ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि देश संविधान से चलता है। संविधान के अनुरूप ही हमें अपना जीवन निर्वाह करना चाहिए, तभी हम ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की संकल्पना को साकार कर पाएंगे। सबका साथ, सबका विश्वास, सबका विकास की अवधारणा बाबा साहब द्वारा बनाए गए संविधान में ही वर्णित है, हमें उस दिशा में उचित और सार्थक प्रयास करना है।

उक्त कार्यक्रम से पूर्व कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य डॉ आदित्य चंद्र झा ने महाविद्यालय के कुलदेवता की प्रतिमा और बाबा साहब के तैलचित्र पर माल्यार्पण कर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की थी।

इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय सेवा योजना के विशेष शिविर में भाग लेने वाले महाविद्यालय के 35 प्रतिभागियों को एनएसएस के कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ कमाल अहमद ने सर्टिफ़िकेट प्रदान किया। कार्यक्रम के दौरान एनएसएस के कुछ स्वयंसेवकों ने अपने अनुभवों को साझा किया और अपनी स्वरचित कविताएं भी सुनाई। धन्यवाद ज्ञापन डॉ राजेश कुमार ने किया।

 

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