शिक्षक भर्ती नियमावली के खिलाफ प्रदर्शन, नियमावली में नही हुआ संशोधन तो विद्यालय में होगी तालाबंदी: समरेंद्र
Chhapra: बिहार में शिक्षक बहाली को लेकर जारी नई नियमावली के आने के साथ हैं विरोध शुरू हो गया है. नई नियमावली को लेकर शिक्षकों में रोष है.
राज्य के सरकारी विद्यालयों में कार्यरत नियोजित शिक्षक इस नई नियमावली में अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं. नई नियमावली के प्रति आक्रोश जताते हुए मंगलवार को बिहार परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ कि सारण जिला इकाई द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया.
जिला अध्यक्ष समरेंद्र बहादुर सिंह के नेतृत्व में सैकड़ों शिक्षकों द्वारा आक्रोश मार्च निकालते हुए नगरपालिका चौक पर नई शिक्षक भर्ती नियमावली की प्रतियां जलाई गई, साथ ही साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर प्रसाद हाय हाय के नारे भी लगाए गए.
इस दौरान परिवर्तनकारी शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष समरेंद्र बहादुर सिंह ने कहा कि सरकार ने राज्य में नई शिक्षक भर्ती नियमावली 2023 का निर्माण कर कार्यरत नियोजित शिक्षकों को ठगने का काम किया है. नई नियमावली में नियोजित शिक्षकों का कोई स्थान नहीं है जिससे वह अधर में है.
विगत 15 वर्षों से कार्यरत नियोजित शिक्षकों से किए गए स्थानांतरण के वादे पर सरकार मुकर गई. उन्होंने कहा कि नई नियमावली नियोजित शिक्षकों के साथ धोखा है, नई शिक्षक भर्ती नियमावली ने महिलाओं को काफी आहत किया है.
राज्य की हजारों महिला शिक्षिका स्थानांतरण के इंतजार में थी लेकिन सरकार ने इस नियमावली में उन्हें परीक्षा में शामिल होकर नियमित शिक्षक बनने के उपरांत ही स्थानांतरण का मौका पाने की बात कही है.
श्री सिंह ने कहा कि सरकार अविलंब इस नई नियमावली में सुधार करें, सर्वप्रथम राज्य में कार्यरत नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा प्रदान करें, स्थानांतरण की प्रक्रिया शुरू करें, इसके बाद ही नई प्रक्रिया प्रारंभ करें.
उन्होंने कहा कि सरकार अगर हमारी मांगों को नहीं मानती है तो जल्द ही उन्हें सरकारी विद्यालयों में ताले नजर आएंगे. उन्होंने सभी शिक्षकों से आह्वान किया कि वह संगठित होकर अपने इस जायज मांग में सरकार के खिलाफ आवाज को बुलंद करें.