अमेरिका के कैलिफोर्निया के जंगलों में आग के कारण कई घर जल गए हैं। यह आग अब लॉस एंजिल्स और हॉलीवुड हिल्स की झुग्गियों तक पहुंच गयी है। इस आग में कुछ लोगों की मौत हो गई और कुछ अन्य घायल हो गए। करीब 30 हजार लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा है। इसके अलावा कुछ हॉलीवुड एक्टर्स के बंगले भी इस आग की भेंट चढ़ गए हैं। एक्ट्रेस प्रियंका चोपड़ा सोशल मीडिया देखा जा सकता है।

शादी के बाद अमेरिका में बसने वाली प्रियंका चोपड़ा अब हॉलीवुड में एक्टिव नजर आ रही हैं। प्रियंका अपने पति निक जोनस के साथ अमेरिका के कैलिफोर्निया में रहती हैं। प्रियंका ने अपने इंस्टाग्राम पर लॉस एंजेलिस शहर से कुछ तस्वीरें और वीडियो शेयर किए हैं। ये तस्वीरें संयुक्त राज्य अमेरिका के लॉस एंजिल्स शहर में आग के दृश्य दिखाती हैं। सोशल मीडिया पर एक्ट्रेस ने आग लगने की घटना की फोटो शेयर करते हुए लिखा, “इस भयानक आग से प्रभावित सभी लोगों के प्रति मेरी संवेदनाएं। मुझे उम्मीद है कि हम सभी सुरक्षित रहेंगे।”

इसके अलावा प्रियंका ने एक वीडियो शेयर किया और कैप्शन दिया, “जिस तरह से लॉस एंजेलिस में आग बढ़ रही है। हजारों लोगों की जान जा चुकी है। इसके बाद उन्होंने एक और पोस्ट शेयर किया और फायरकर्मियों को धन्यवाद दिया। मेरा सलाम सैनिकों। इन सैनिकों को बहुत-बहुत धन्यवाद, जिन्होंने आग में फंसे लोगों को बचाने के लिए पूरी रात कड़ी मेहनत की।”

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काठमांडू, 7 जनवरी (हि.स.)। मंगलवार की सुबह तिब्बत के डिंगरी काउंटी को केंद्रबिंदु बनाते हुए आए 7.1 तीव्रता वाली भूकंप के कारण मरने वालो की संख्या 126 पहुंच गई है। तिब्बत प्रशासन के मुताबिक अब तक 188 लोगों को मलबे से जिंदा निकाला गया है।

चीन की सरकारी न्यूज एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक तिब्बत में भूकंप के इपी सेंटर के आसपास हुए तबाही में स्थानीय समयानुसार रात के 8:30 बजे तक 126 लोगों का शव निकाला जा चुका है। रेस्क्यू के काम में जुटे अधिकारियों के हवाले से बताया गया है कि मलबा हटाने का काम अभी भी जारी है।

इन मलबों से 188 लोगों को जीवित निकालकर अस्पताल पहुंचाया गया है। रेस्क्यू अधिकारियों के मुताबिक इनमें 28 लोगों की हालत बहुत ही नाजुक होने के कारण उन्हें डिंगरी काउंटी और ल्होत्से काउंटी से सिगाज पीपुल्स हॉस्पिटल में आईसीयू में रखकर उपचार किया जा रहा है।

7.1 तीव्रता वाले भूकंप के कारण हुई तबाही को देखते हुए प्रशासन की तरफ से इसे इमरजेंसी वन लेवल की घोषणा की गई है जोकि सबसे अधिक खतरनाक स्तर पर पहुंचने के बाद होती है। सरकारी न्यूज एजेंसी ने बताया कि अबतक बेघर हो चुके 30 हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर टेंट में बने स्थाई आवास में पहुंचा दिया गया है। अब तक 3,609 घरों के पूरी तरह से ध्वस्त होने की जानकारी दी गई है। बचाव के क्रम में जितने लोगों का जीवित उद्धार किया गया है उन्हें पास के स्थानीय अस्पतालों में इलाज किया जा रहा है। तिब्बत प्रशासन के तरफ से करीब 10 हजार अस्थाई आवास की व्यवस्था की जा रही है। साथ ही वहां 100 आईसीयू बेड वाला अस्थाई अस्पताल का निर्माण भी किया जा रहा है।

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काठमांडू, 07 जनवरी (हि.स.)। मंगलवार की सुबह तिब्बत के शिगात्से को केंद्र बिंदु बनाते हुए आए 7.1 तीव्रता वाले भूकंप से अब तक 95 लोगों के मौत होने की पुष्टि की गई है। बचाव कार्य में 130 लोगों को अब तक मलबे से जिंदा निकाला गया है।

चीन के सरकारी टीवी चैनल सीजीटीएन के मुताबिक दोपहर दो बजे तक मरने वालों की संख्या बढ़ कर 95 हो गई है। अब तक 135 लोगों का रेस्क्यू करके अस्पताल पहुंचाया गया है। मरने वालों की तादाद लगातार बढ़ती जा रही है। टीवी चैनल पर दिखाई जा रही तस्वीरों से तिब्बत के शिगात्से क्षेत्र में बड़े नुकसान का अंदाजा लगाया जा रहा है। इस चैनल ने बताया है कि अब तक 5000 से अधिक मकान भूकंप की चपेट में पूरी तरह से ध्वस्त हो गए हैं।

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काठमांडू, 7 जनवरी (हि.स.)। तिब्बत और नेपाल के बड़े हिस्से में मंगलवार सुबह आए भूकंप ने तिब्बत में भारी तबाही मचाई है। 7.1 की तीव्रता से आए भूकंप में 50 से अधिक लोगों की मौत की खबर है जबकि बड़ी संख्या में लोग घायल हुए हैं। भूकंप प्रभावित इलाके की ज्यादातर इमारतों को नुकसान पहुंचा है और कुछ इमारतें ध्वस्त भी हुई हैं।

आज सुबह तिब्बत के शिगात्से को केंद्रबिंदु बनाते हुए आए 7.1 तीव्रता वाले भूकंप के चपेट में आकर अब तक 53 लोगों के मौत होने की जानकारी दी गई है। चीन की सरकारी मीडिया सिन्हुआ के मुताबिक भूकंप की चपेट में आकर सुबह 11 बजे तक मारने वालों की तादाद 53 पहुंच गई है जबकि 63 घायल लोगों को अस्पताल पहुंचाया गया है। मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। एक घंटे पहले ही मरने वालों का आंकड़ा 36 बताया गया था जो एक घंटे में ही बढ़ कर 53 हो गया है। जितनी बड़ी संख्या में लोग घायल हुए हैं, उससे मरने वालों की संख्या बढ़ने का अंदेशा है।

चीन के सरकारी टीवी चैनल सीजीटीएन की तरफ से जो दृश्य दिखाई जा रहे हैं, उससे तिब्बत के शिगात्से क्षेत्र में बड़े नुकसान का अंदाजा लगाया जा रहा है। बड़ी संख्या में घर और इमारतें क्षतिग्रस्त हुई हैं। इन तस्वीरों को देखकर यह आशंका व्यक्त की जा रही है कि कुछ घंटे के भीतर बड़े नुकसान के आंकड़े सामने आ सकते हैं।

नेपाल-चीन सीमा पर रहे शिगात्से में आज सुबह आए भूकंप का असर तिब्बत के दक्षिणी क्षेत्र के अलावा नेपाल, भारत, भूटान और बांग्लादेश तक महसूस किया गया था। हालांकि नेपाल में इस भूकंप से किसी भी प्रकार के नुकसान की खबर फिलहाल नहीं है।

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ओटावा, 7 जनवरी (हि.स.)। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने लिबरल पार्टी के नेता और प्रधानमंत्री पद से सोमवार को इस्तीफा दे दिया। लिबरल पार्टी के नए नेता चुने जाने तक ट्रूडो प्रधानमंत्री बने रहेंगे। 2015 में 44 साल की उम्र में प्रधानमंत्री बने ट्रूडो अपनी नीतियों और फैसलों के कारण अपने ही देश में लगातार अलोकप्रिय हो रहे थे, जिसके कारण लिबरल पार्टी के भीतर भी उनपर इस्तीफे दबाव था। इसने ट्रूडो के 9 वर्षों के शासनकाल के अंत का रास्ता साफ कर दिया।

ट्रूडो-ट्रम्प के रिश्ते

20 जनवरी को डोनाल्ड ट्रम्प की अमेरिका में दोबारा ताजपोशी होगी, उससे पहले ट्रूडो ने इस्तीफे की घोषणा की। ट्रम्प के पिछले कार्यकाल के दौरान भी ट्रूडो के साथ उनके रिश्ते खराब थे जबकि इस बार चुनावी जीत के बाद ट्रम्प ट्रूडो पर लगातार हमलावर थे। उन्होंने कनाडा पर 25 फीसदी टैरिफ की धमकी दी है। ट्रम्प कई बार ट्रूडो को कनाडा का गवर्नर बताते हुए तंज कसते रहे हैं।

ट्रूडो की जगह कौन

लिबरल पार्टी के नेता के रूप में ट्रूडो के इस्तीफे के बाद चर्चा तेज है कि उनकी जगह कौन लेगा। इसी साल अक्टूबर में कनाडा में चुनाव होने वाले हैं। जस्टिन ट्रूडो ने अपने पद और पार्टी नेता के रूप में इस्तीफे की घोषणा के साथ अगले चुनाव में अपनी दावेदारी को खारिज करते हुए साफ कर दिया कि वो कनाडा में लोगों के लिए सर्वश्रेष्ठ विकल्प नहीं हो सकते हैं। ऐसे में ट्रूडो के जगह जिन नेताओं के नाम चर्चाओं में हैं उनमें पूर्व उपप्रधानमंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड, मार्क कार्नी, कनाडा की विदेश मंत्री मेलनी जोली के नाम शामिल हैं।

ट्रूडो के जाने से भारत से रिश्ते सुधरने की उम्मीद

ट्रूडो के इस्तीफे के साथ भारत-कनाडा के लगातार बदतर हो रहे रिश्तों के भी दोबारा पटरी पर आने की उम्मीदें बढ़ती दिख रही हैं। इस उम्मीद को इस बात से बल मिलता दिख रहा है कि इस साल होने वाले चुनाव में कंजर्वेटिव पार्टी के नेता पियरे पोइलिवरे के प्रधानमंत्री बनने की पुरजोर उम्मीद जताई जा रही है जो भारत के साथ अच्छे रिश्तों की वकालत करते रहे हैं।

ट्रूडो के कारण बिगड़े भारत-कनाडा संबंध

वर्ष 2015 में ट्रूडो के प्रधानमंत्री बनने के बाद से कनाडा-भारत संबंधों में लगातार उतार ही आता रहा। बीच- बीच में खालिस्तान समर्थकों से ट्रूडो की बढ़ती गर्मजोशी, भारत-कनाडा संबंधों के लिए आपदा साबित होती गई। खास तौर पर साल 2018 में ट्रूडो की भारत यात्रा विवादों में तब घिर गई जब एक भारतीय मंत्री की हत्या के प्रयास के दोषी जसपाल अटवाल को कनाडाई उच्चायोग ने रात्रिभोज के लिए निमंत्रण दे दिया। इस यात्रा में भारत-कनाडा ने नए निवेश और आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए संयुक्त ढांचे की घोषणा की। कनाडा ने आतंकवाद पर बब्बर खालसा इंटरनेशनल जैसे खालिस्तान समर्थक आतंकी समूहों का भी जिक्र किया लेकिन कुछ समय बाद ट्रूडो सरकार ने इससे खालिस्तानी उग्रवाद की बात हटा दी। इसके बाद साल 2020 में किसान आंदोलन पर ट्रूडो की टिप्पणी ने दोनों सरकारों के बीच कड़वाहट और बढ़ा दी।

साल 2024 में सर्वाधिक खराब संबंध

ट्रूडो के पूर्वाग्रह ने दोनों देशों के बीच बिगड़ते संबंधों ने आग में घी का काम किया। विशेषकर खालिस्तानी हरदीप निज्जर की हत्या को लेकर ट्रूडो ने बिना सबूत जिस तरह भारत और उसके शीर्ष नेताओं पर बेहद गंभीर आरोप लगाए, उसने रही-सही कसर पूरी कर दी। सितंबर 2023 में ट्रूडो ने भारतीय अधिकारियों पर कनाडा में खालिस्तानी हरदीप निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया। अक्टूबर 2024 में कनाडा ने खालिस्तानियों पर हमलों के मामलों में कई भारतीय राजनयिकों की जांच की बात कही। कनाडा का आरोप था कि भारतीय राजनयिक और खुफिया अधिकारी, विदेशों में खालिस्तानियों को मारने के लिए गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के साथ काम कर रहे हैं। कनाडा ने इसमें भारत के गृह मंत्री अमित शाह का नाम भी शरारतन बेवजह घसीट लिया। जिसके बाद भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कनाडा से अपने कई राजनयिकों को वापस बुला लिया। भारत ने कनाडाई राजनयिकों को भी निष्कासित कर दिया।

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काठमांडू, 7 जनवरी (हि.स.)। नेपाल एकबार फिर भूकंप के तेज झटकों से हिल गया है। भूकंप की तीव्रता रेक्टर स्केल पर 7.1 मापी गई है। भूकंप मापन केंद्र के मुताबित नेपाल में इसके तुरंत बाद दोबारा बड़ा झटका महसूस किया गया, जिसकी तीव्रता 5.8 मापी गई है। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली ने लोगों से भूकंप के बड़े झटके के बाद लगातार आफ्टर शॉक आने की आशंका को देखते हुए सतर्क और सुरक्षित रहने की अपील की है।

भूकंप का केंद्र बिंदू काठमांडू से करीब 280 किमी उत्तर और माउंट एवरेस्ट से करीब 90 किमी की दूरी पर बताया गया है। यह तिब्बत का पहाड़ी क्षेत्र है जहां मानव बस्ती बहुत कम होने की बात कही गई है।

स्थानीय समय अनुसार भूकंप का पहला झटका 6:50 मिनट पर महसूस किया गया। यह झटका बहुत तेज रहा और लोग घरों से बाहर निकल गए। इसके कुछ ही मिनट बाद भूकंप के दूसरे झटके की तीव्रता 5.2 मापी गई। कड़ाके की ठंड, भारी बर्फबारी के बीच भूकंप ने लोगों को घरों से बाहर रहने के लिए मजबूर कर दिया है। लोगों को दोबारा भूकंप आने का अंदेशा है।

संखुवासभा के प्रमुख जिलाधिकारी विनोद कुमार खड़का और तापलेजुंग के प्रमुख जिलाधिकारी नेत्र प्रसाद शर्मा ने टेलीफोन पर बताया कि भूकंप के बहुत बड़े झटके महसूस किए गए। हालांकि किसी भी प्रकार की क्षति की जानकारी के लिए थोड़ा समय लगने की बात कही है।

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ओटावा, 06 जनवरी (हि.स.)। कई दिनों से चल रही अटकलों पर विराम लगाते हुए कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सोमवार रात सत्ताधारी लिबरल पार्टी के नेता और प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। राष्ट्र को संबोधित करते हुए ट्रूडो ने कहा, “कार्यालय में सेवा करने के लिए आभारी हूं। हालांकि मैं अगले चुनाव के लिए सबसे अच्छा विकल्प नहीं हूं”। उन्होंने कहा कि सर्वोत्तम प्रयासों के बावजूद संसद एक महीने तक ठप रही, लेकिन वह एक योद्धा हैं जो देश की परवाह करते हैं।

कनाडाई न्यूज सीबीसी ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि ट्रूडो प्रधानमंत्री के पद पर तब तक बने रहेंगे जब तक उनका उत्तराधिकारी चुन नहीं लिया जाता। ट्रूडो के इस्तीफे के बाद ऐसा माना जा रहा है कि तय समय से पहले चुनाव की मांग हो सकती है।

कनाडाई नागरिकों को संबोधित करते हुए 53 वर्षीय ट्रूडो ने कहा, “सर्वोत्तम प्रयासों के बावजूद संसद एक महीने तक ठप रही, लेकिन वह एक योद्धा हैं जो देश की परवाह करते हैं। मैं अपने देश की बेहतरी के लिए लड़ता रहा हूं। ये लड़ाई आगे भी जारी रहेगी।” उन्होंने कहा कि लिबरल पार्टी के भीतर आंतरिक लड़ाइयां थीं, जिसके कारण उन्हें पार्टी प्रमुख और कनाडा के प्रधानमंत्री पद छोड़ने का फैसला लेना पड़ा।

जस्टिन ट्रूडो ने कहा, “मैंने गवर्नर जनरल को सलाह दी थी कि हमें संसद के एक नए सत्र की आवश्यकता है। मेरे अनुरोध को स्वीकार कर लिया गया है और सदन का 24 मार्च तक के लिए सत्रावसान होगा।”

बतादें कि अपने पद से हटने के बढ़ते दबाव के बाद जस्टिन ट्रूडो ने इस्तीफे की घोषणा की है। इस बीच ट्रूडो को विभिन्न मुद्दों पर व्यापक आलोचना का सामना करना पड़ा, जिसमें निज्जर की हत्या पर भारत के खिलाफ बेबुनियाद आरोप तथा भोजन और आवास की आसमान छूती कीमतें शामिल थीं।

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-राष्ट्रपति बाइडेन ने दिया जांच का आदेश, कहा-यह गंभीर घटना, इसका हो सकता है न्यू ऑरलियन्स आतंकी हमले से संबंध

वाशिंगटन, 02 जनवरी (हि.स.)। अमेरिका के न्यू ऑर्लिन्स में नये साल के पहले दिन हुए हमले के बाद अब लास वेगास में ट्रंप इंटरनेशनल होटल के बाहर साइबरट्रक में विस्फोट से एक व्यक्ति की मौत हो गई। राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इसे गंभीर घटना बताते हुए जांच का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि इस घटना का न्यू ऑर्लिन्स में हुए आतंकी हमले से संबंध हो सकता है।

द न्यूयॉर्क टाइम्स की खबर के अनुसार, बुधवार सुबह लास वेगास में ट्रंप इंटरनेशनल होटल के बाहर टेस्ला साइबरट्रक में विस्फोट होने और आग लगने से एक व्यक्ति की मौत हो गई और कम से कम सात लोग झुलस गए।

एबीसी न्यूज के अनुसार, लास वेगास शेरिफ केविन मैकमाहिल ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि विस्फोट के बाद लगी आग में काफी सामान भी जल गया। उन्होंने इससे संबंधित एक वीडियो और कुछ तस्वीरें पत्रकारों को दिखाईं। यह होटल निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का बताया गया है। होटल के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है। ट्रंप के करीबी सहयोगी एलन मस्क ने कहा कि टेस्ला की पूरी टीम अभी इस मामले की जांच कर रही है। यह विस्फोट साइबरट्रक में रखे बम के कारण हुआ। हालांकि जांच अधिकारियों ने मस्क के दावे से इनकार किया है। फॉक्स न्यूज के अनुसार, साइबरट्रक में गैसोलीन, कैंप ईंधन कंटेनर के आतिशबाजी मोर्टार रखे थे।

राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि जांच एजेंसियां न्यू ऑर्लिन्स में हुए आतंकी हमले और टेस्ला साइबरट्रक में हुए विस्फोट के बीच लिंक तलाश रही हैं। दोनों ही मामलों में इस्तेमाल हुई गाड़ी एक ही रेंटल साइट से किराए पर ली गई। इसी वजह से एजेंसियों को आशंका है कि दोनों घटनाएं एक-दूसरे से जुड़ी हो सकती हैं।

द न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, न्यू ऑर्लिन्स हमले में प्रयोग किए गए वाहन पर इस्लामिक स्टेट का झंडा लगा था। इस वाहन को नये साल के शुरुआती घंटों में बॉर्बन स्ट्रीट पर मौज-मस्ती कर रहे लोगों पर चढ़ा दिया गया। आरोपित वाहन चालक टेक्सास का 42 वर्षीय सेना का अनुभवी व्यक्ति है। इस घटना में कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई और लगभग 35 अन्य घायल हो गए।

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सियोल, 02 जनवरी (हि.स.)। दक्षिण कोरिया की विमानन कंपनी जेजू एयर को हालिया दुर्घटना के लिए बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है। अधिकारियों का कहना है कि यह पेशेवर लापरवाही है। इसलिए गुरुवार को जेजू एयर के सभी कार्यालयों और कुछ अन्य स्थानों पर छापा मारकर तलाशी ली गई। मुआन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर स्थित कंपनी के कार्यालय का रिकार्ड खंगाला गया। सेना ने इस दुर्घटना की अलग जांच शुरू कर दी है।

द कोरिया टाइम्स समाचार पत्र की खबर में यह जानकारी दी गई। वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि जियोनाम प्रांतीय पुलिस ने दक्षिण पश्चिम दक्षिण कोरिया में हवाई अड्डे, जेजू एयर के सियोल कार्यालय और बुसान क्षेत्रीय विमानन कार्यालय के मुआन कार्यालय में तलाशी और जब्ती अभियान शुरू किया है। यह अभियान पेशेवर लापरवाही के मद्देनजर शुरू किया गया है। उल्लेखनीय है कि मुआन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर रविवार को हुई विमान दुर्घटना में 179 लोगों की मौत हो चुकी है।

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ढाका, 02 जनवरी (हि.स.)। बांग्लादेश में आज चट्टोग्राम की एक अदालत ने हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की जमानत याचिका खारिज कर दी। अदालत ने कड़ी सुरक्षा के बीच सुनवाई की। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद जज ने ब्रह्मचारी को जमानत देने से इनकार कर दिया। चिन्मय नवंबर से जेल में बंद हैं।

द डेली स्टार के अनुसार, चट्टोग्राम मेट्रोपॉलिटन सत्र न्यायाधीश एमडी सैफुल इस्लाम ने लगभग 30 मिनट तक दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जमानत याचिका खारिज कर दी। मेट्रोपॉलिटन लोक अभियोजक एडवोकेट मोफिजुल हक भुइयां ने इसकी पुष्टि की। चिन्मय के वकील अपूर्व कुमार भट्टाचार्जी ने कहा कि अब वह हाई कोर्ट में अपील करेंगे। सुरक्षा कारणों से चिन्मय कृष्ण दास को अदालत नहीं लाया गया।

उल्लेखनीय है कि चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी को ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की जासूसी शाखा ने 25 नवंबर की शाम 4:30 बजे हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से हिरासत में लिया था। तब से ब्रह्मचारी जेल में बंद हैं। उनकी गिरफ्तारी के विरोध में ढाका के शाहबाग और चटगांव में कई दिनों तक लोग प्रदर्शन कर चुके हैं। 38 वर्षीय हिंदू संत चिन्मय को देशद्रोह के गंभीर आरोप का सामना करना पड़ा रहा है। चिन्मय मूल रूप से चटगांव के सतकनिया उपजिला के रहने वाले हैं। वह 2007 से चटगांव के हथाजारी स्थित पुंडरीक धाम के प्रमुख रहे हैं। वह सनातन जागरण मंच के संस्थापक हैं। मंच ने बांग्लादेश में हिंदुओं के उत्पीड़न का मुद्दा प्रमुखता से उठाया है।

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– ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे एक जलविद्युत परियोजना को दी मंजूरी

बीजिंग, 26 दिसंबर (हि.स.)। चीन ने भारतीय सीमा के करीब तिब्बत में ब्रह्मपुत्र नदी पर 137 अरब डॉलर की लागत से दुनिया के सबसे बड़े बांध के निर्माण को मंजूरी दे दी है, जिससे तटवर्ती देशों- भारत और बांग्लादेश में चिंताएं बढ़ गई हैं।

दरअसल, चीन की सरकार ने ऐलान किया है कि वह तिब्‍बत की सबसे लंबी नदी यारलुंग त्‍सांगपो (भारत का ब्रम्हपुत्र नद) पर महाशक्तिशाली बांध बनाने जा रही है। इस बांध से चीन के धरती की स्‍पीड को प्रभावित करने वाले थ्री जॉर्ज बांध से 3 गुना ज्‍यादा बिजली पैदा होगी। चीन की सरकारी न्‍यूज एजेंसी शिन्‍हुआ ने यह जानकारी दी है।

एजेंसी के अनुसार, चीन की सरकार इसे हिमालय के करीब एक विशाल घाटी में बनाने की योजना पर काम कर रही है। इसी स्थान से ब्रह्मपुत्र नदी अरुणाचल प्रदेश और फिर बांग्लादेश की तरफ मुड़ जाती है।

चीनी मीडिया का कहना है कि यह बीजिंग के लिए इंजीनियरिंग की बड़ी चुनौती बनने जा रहा है। सरकार इस बांध को बनाने के लिए 137 अरब डॉलर खर्च करने जा रही है।

बांध निर्माण की घोषणा के बाद कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि यह चीनी बांध धरती पर चल रहे सिंगल इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर के किसी भी प्राजेक्‍ट को बहुत पीछे कर देगा जबकि कुछ विशेषज्ञ इस निर्णय को सोची समझी प्रक्रिया बता रहे हैं। उनका कहना है कि चीन इस दैत्‍याकार बांध का इस्तेमाल हथियार की तरह उपयोग कर भारत के पूर्वोत्‍तर राज्‍यों में कभी भी बाढ़ ला सकता है।

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मॉस्को, 25 दिसंबर (हि.स.)। स्पेन और अल्जीरिया के बीच भूमध्य सागर में मंगलवार को एक रूसी मालवाहक जहाज ‘उर्सा मेजर’ डूब गया। उसके चालक दल के दो सदस्य लापता हैं। स्पेन की समुद्री बचाव एजेंसी के मुताबिक उर्सा मेजर के चालक दल के 14 सदस्यों को सुरक्षित बचा कर स्पेन भेजा गया है। यह जहाज इंजन रूम में विस्फोट के बाद डूबने लगा।

स्पेन मैरीटाइम रेस्क्यू सर्विस ने दो जहाज और एक हेलीकॉप्टर घटनास्थल पर भेजकर उर्सा मेजर के 14 क्रू मेंबर्स को सुरक्षित बचाकर उन्हें उन्हें कार्टाजेना पोर्ट पर पहुंचाया। रूसी विदेश मंत्रालय के अनुसार जहाज के 16 चालक दल के सदस्यों में से 14 को रेस्क्यू करके स्पेन लाया गया लेकिन दो सदस्य अभी भी लापता हैं। जहाज के इंजन रूम में विस्फोट का कारण क्या था, इसके बारे में अभी पता नहीं चला है।

यह मालवाहक जहाज रूस के पूर्वी बंदरगाह व्लादिवोस्तोक जा रही थी और जहाज पर दो विशाल पोर्ट क्रेन लदे थे। इस जहाज को 2009 में समुद्र में उतारा गया था, जिसके ऑपरेशन की जिम्मेदारी रूसी रक्षा मंत्रालय के सैन्य निर्माण कार्यों की देखरेख करने वाली कंपनी ओबोरोनलॉजिस्टिका के पास थी। ओबोरोनलॉजिस्टिका द्वारा संचालित यह सबसे बड़ा मालवाहक जहाज था, जो सैन्य व नागरिक सामान का परिवहन करता है।

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