वाशिंगटन, 19 मार्च (हि.स.)। ट्रंप प्रशासन ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉन एफ. कैनेडी की हत्या से जुड़े दस्तावेजों का पुलिंदा सार्वजनिक कर दिया। हालांकि कैनेडी हत्याकांड से जुड़ी कई फाइलें पहले भी सार्वजनिक की जा चुकी हैं। बाइडेन प्रशासन के दौरान 13,000 दस्तावेजों का पुलिंदा देश के सामने सार्वजनिक किया गया था। मंगलवार को सार्वजनिक दस्तावेजों में कुछ हिस्से संपादित बताए गए हैं।

सीएनएन की खबर के अनुसार, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को कहा था कि कैनेडी की हत्या से संबंधित 80,000 पन्नों का रिकॉर्ड देखने के लिए लोग दशकों से इंतजार कर रहे हैं। खास बात यह है कि ट्रंप ने इस साल जनवरी में दूसरे कार्यकाल के लिए पदभार ग्रहण करने के तुरंत बाद कैनेडी, रॉबर्ट एफ. कैनेडी और मार्टिन लूथर किंग जूनियर की हत्याओं से संबंधित हजारों फाइलों को सार्वजनिक करने संबंधी एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए थे।

राष्ट्रीय अभिलेखागार की वेबसाइट पर यह दस्तावेज मंगलवार शाम अपलोड किए गए। इस संबंध में टॉम समोलुक का कहना है कि सार्वजनिक किए गए दस्तावेज में कुछ भी नया नहीं है। कैनेडी की हत्या के लिए एक अकेला बंदूकधारी ली हार्वे ओसवाल्ड जिम्मेदार था। टॉम समोलुक हत्या रिकॉर्ड समीक्षा बोर्ड के उप निदेशक रहे हैं। 1990 के दशक में हत्या से संबंधित रिकॉर्ड का अध्ययन करने के लिए सरकार ने इस बोर्ड का गठन किया था। टॉम और दर्जनों लोगों की टीम ने 1994 और 1998 के बीच दस्तावेजों की नए सिरे से जांच की थी ।

उन्होंने कहा कि बोर्ड ने जिन अभिलेखों के संग्रह की समीक्षा की, उनमें से अधिकांश को सार्वजनिक कर दिया गया है। अगर दस्तावेजों में कुछ भी नया तथ्य होता तो बोर्ड तभी जारी कर देता। मंगलवार को सार्वजनिक किए गए दस्तावेज में कुछ भी नहीं है। राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड ने एक बयान में कहा कि सार्वजनिक किए गए दस्तावेजों में लगभग 80,000 पृष्ठ पहले से वर्गीकृत अभिलेख हैं। उनको बिना किसी संशोधन के प्रकाशित किया जाएगा।

वर्जीनिया विश्वविद्यालय के राजनीतिक अध्येता लैरी सबाटो ने कहा कि जो लोग इन दस्तावेजों से 61 साल बाद हत्याकांड के रहस्य से परदा उठने की उम्मीद कर रहे हैं, वे बुरी तरह निराश होने वाले हैं। कैनेडी की हत्या ने लंबे समय से षड्यंत्र के सिद्धांतों को हवा दी है। ऐसा करने में ट्रंप भी पीछे नहीं रहे। लैरी सुबाटो का टिप्पणी इस मायने में अहम है कि वह इस हत्याकांड पर किताब लिख चुके हैं। इस किताब का नाम है-द कैनेडी हाफ-सेंचुरी: द प्रेसीडेंसी, असैसिनेशन, एंड लास्टिंग लिगेसी ऑफ जॉन एफ. कैनेडी। जॉन एफ कैनेडी की 22 नवंबर, 1963 को गोली मार कर हत्या की गई थी।

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फ्लोरिडा, 19 मार्च (हि.स.)। नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) से संबद्ध भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर धरती पर वापस लौट आए । फ्लोरिडा के तट पर उनकी सफल लैंडिंग हुई है। दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर स्पेसएक्स क्रू-9 वापस धरती पर आ गया। नासा के ये दोनों अंतरिक्ष यात्री मात्र आठ दिन के मिशन पर गए थे। तकनीकी खराबी के कारण दोनों नौ माह और 13 दिन तक अंतरिक्ष में फंसे रहे। नासा ने अपनी वेबसाइट पर लिखा है-”घर में आपका स्वागत है! नासा का स्पेसएक्स क्रू-9 विज्ञान मिशन के बाद धरती पर वापस आ गया है।’

अब सभी मिलेंगे अपने परिवारों से

नासा की वेबसाइट के अनुसार, निक हेग, सुनीता विलियम्स, बुच विल्मोर और रोस्कोस्मोस के अंतरिक्ष यात्री अलेक्जेंडर गोरबुनोव पूर्वी समय पर शाम 5:57 बजे पृथ्वी पर लौट आए। स्पेसएक्स रिकवरी जहाजों पर सवार टीमों ने अंतरिक्ष यान और उसके चालक दल को वापस निकाला। तट पर लौटने के बाद चालक दल ह्यूस्टन में नासा के जॉनसन स्पेस सेंटर के लिए उड़ान भरेगा। वहां सभी अपने परिवारों से मिलेंगे। नासा के स्पेसएक्स क्रू-9 ने मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए एजेंसी के नौवें वाणिज्यिक क्रू रोटेशन मिशन को पूरा किया। यह अमेरिका की खाड़ी में फ्लोरिडा के तल्हासी तट से स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान में सुरक्षित रूप से उतरा।

जेनेट पेट्रो ने कहा-यह ट्रंप की वजह से संभव हुआ

नासा की कार्यवाहक प्रशासक जेनेट पेट्रो ने कहा, “हम सुनीता, बुच, निक और एलेक्जेंडर की सुरक्षित घरवापसी पर रोमांचित हैं।” उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के निर्देश पर नासा और स्पेसएक्स की एक महीने की मेहनत रंग लाई। अंतरराष्ट्रीय चालक दल और धरती पर मौजूद हमारी टीमों ने सभी को घर वापस लाने में कड़ी मेहनत की। नासा के ऐसे मिशन मानवता के लाभ के लिए हैं। हेग और गोरबुनोव ने 28 सितंबर, 2024 को दोपहर 1:17 बजे फ्लोरिडा के केप कैनावेरल स्पेस फ़ोर्स स्टेशन के स्पेस लॉन्च कॉम्प्लेक्स 40 से स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट पर उड़ान भरी थी। अगले दिन वे स्टेशन के हार्मनी मॉड्यूल के आगे की ओर वाले पोर्ट पर डॉक किए गए। सुनीता विलियम्स और विल्मोर को बोइंग के स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान और यूनाइटेड लॉन्च अलायंस एटलस वी रॉकेट पर पांच जून, 2024 को स्पेस लॉन्च कॉम्प्लेक्स 41 से एजेंसी के बोइंग क्रू फ्लाइट टेस्ट के हिस्से के रूप में लॉन्च किया गया था। दोनों 6 जून को अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचे।

मिशन के दौरान 121,347,491 मील की यात्रा की

बताया गया है कि सुनीता विलियम्स और विल्मोर ने अपने मिशन के दौरान 121,347,491 मील की यात्रा की। अंतरिक्ष में 286 दिन बिताए और पृथ्वी के चारों ओर 4,576 परिक्रमा पूरी की। हेग और गोरबुनोव ने अपने मिशन के दौरान 72,553,920 मील की यात्रा की, अंतरिक्ष में 171 दिन बिताए और पृथ्वी के चारों ओर 2,736 परिक्रमा पूरी कीं। हेग ने अपने दो मिशनों में अंतरिक्ष में 374 दिन और विलियम्स ने अपनी तीन उड़ानों में अंतरिक्ष में 608 दिन बिताए हैं। विल्मोर ने अपनी तीन उड़ानों में अंतरिक्ष में 464 दिन बिताए हैं।

अंतरिक्ष परी ने दो स्पेसवॉक किए

सुनीता विलियम्स ने दो स्पेसवॉक किए। एक में उनके साथ विल्मोर और दूसरे में हेग शामिल थे। अंतरिक्ष में 900 घंटे से अधिक समय तक शोध के साथ 150 से अधिक अद्वितीय वैज्ञानिक प्रयोग किए गए। इस शोध में पौधों की वृद्धि और गुणवत्ता पर जांच शामिल थी, साथ ही रक्त रोगों, ऑटोइम्यून विकारों और कैंसर को संबोधित करने के लिए स्टेम सेल तकनीक की क्षमता भी शामिल थी। उन्होंने अंतरिक्ष यात्रियों को सर्कैडियन लय बनाए रखने में मदद करने के लिए प्रकाश व्यवस्था का भी परीक्षण किया। यह अध्ययन करने के लिए अंतरिक्ष स्टेशन के बाहरी हिस्से से नमूने लिए कि क्या सूक्ष्मजीव अंतरिक्ष में जीवित रह सकते हैं।

सुनीता के पैतृक गांव में जश्न

भारतीय समयानुसार सुबह 3.27 बजे ऑर्बिट बर्न का प्रोसेस पूरा होने के बाद फ्लोरिडा के तट पर अंतरिक्ष परी के उतरते ही सुनीता विलियम्स के गुजरात के पैतृक गांव में जश्न शुरू हो गया। इतिहास रचकर धरती पर सकुशल वापस लौटीं सुनीता विलियम्स का स्वागत समुद्र में तैरते डॉल्फिन के झुंड ने किया। जब उनका कैप्सूल पानी में उतरा तो उनके आसपास बड़ी संख्या में डॉल्फिन थीं। इसके बाद उनको रिकवरी पोत से कैप्सूल से निकाला गया।

प्रधानमंत्री मोदी ने भारत आने का निमंत्रण दिया

भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सुनीता विलियम्स को पत्र लिखकर भारत आने का निमंत्रण दिया है। पहली मार्च को लिखे और नासा के पूर्व अंतरिक्ष यात्री माइक मैसिमिनो के माध्यम से भेजे गए इस पत्र को केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने एक्स पर साझा किया। है। प्रधानमंत्री मोदी ने पत्र में कहा कि भले ही आप हजारों मील दूर हों, लेकिन आप हमारे दिलों के करीब हैं। भारत के लोग आपके अच्छे स्वास्थ्य और आपके मिशन में सफलता के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। आपकी वापसी के बाद हम भारत में आपसे मिलने के लिए उत्सुक हैं। भारत के लिए अपनी सबसे शानदार बेटियों में से एक की मेजबानी करना खुशी की बात होगी।

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– स्पेसक्राफ्ट में तकनीकी खराबी से वापस नहीं आ पाए थे अंतरिक्ष यात्री बुच विल्मोर और विलियम्स

फ्लोरिडा, 16 मार्च (हि.स.)। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में लगभग नौ माह से फंसे सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को घर वापस लाने की योजना के तहत एक नए चालक दल को लेकर स्पेसएक्स रॉकेट अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर पहुंच गया है। अंतरिक्ष यात्रियों के आईएसएस पर केवल आठ दिन रहने की उम्मीद थी, लेकिन प्रायोगिक अंतरिक्ष यान में तकनीकी समस्याओं के कारण वे नौ महीने से अधिक समय से वहां फंसे हैं।

नासा के मुताबिक स्पेसएक्स क्रू-10 मिशन के चार चालक दल के सदस्यों को शुक्रवार शाम 7:03 बजे पूर्वी समय पर फ्लोरिडा में नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर के लॉन्च कॉम्प्लेक्स 39ए से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए रवाना किया गया। स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट ने नासा के अंतरिक्ष यात्री ऐनी मैकक्लेन और निकोल एयर्स, जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (जेएक्सए) के अंतरिक्ष यात्री ताकुया ओनिशी और रोस्कोस्मोस के अंतरिक्ष यात्री किरिल पेसकोव के साथ ड्रैगन अंतरिक्ष यान को कक्षा में पहुंचाया।

लंबे इंतजार के बाद 14 मार्च को इलॉन मस्क की स्पेस एजेंसी स्पेसएक्स का रॉकेट फॉल्कन 9 भारतीय समयानुसार करीब 4:30 बजे लॉन्च किया गया था। नासा के अनुसार अंतरिक्ष यान ने 15 मार्च को लगभग 11:30 बजे स्टेशन के हार्मनी मॉड्यूल के आगे वाले पोर्ट पर स्वायत्त रूप से डॉक किया। इसके तुरंत बाद चालक दल कक्षा में स्थित प्रयोगशाला में लंबे समय तक रहने के लिए शामिल हो गए। स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान का हैच 16 मार्च को सुबह 1:35 बजे खुला और क्रू-10 के सदस्य अपने उत्साहित एक्सपीडिशन 72 चालक दल के बाकी सदस्यों के साथ अंतरिक्ष स्टेशन में प्रवेश कर गए। नासा ने ‘एक्स’ पर लिखा, “अंतरिक्ष स्टेशन पर डॉकिंग के कुछ ही समय बाद क्रू-10 का स्वागत कक्षीय सूर्योदय द्वारा किया गया। अंतरिक्ष में आपका स्वागत है, ऐनी, निकोल, टाकुया और किरिल।”

स्पेस स्टेशन में 9 महीने से फंसी भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स चार दिन बाद यानी 19 मार्च को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) से धरती पर वापसी करेंगी। सुनीता और उनके साथ गए बुच विलमोर नौ महीने से आईएसएस पर फंसे हैं। उनके स्पेसक्राफ्ट में तकनीकी खराबी आ गई थी, जिसकी वजह से उनकी वापसी तय समय पर नहीं हो पाई थी। नए दल में नासा की ऐनी मैकक्लेन और निकोल अयर्स, जापानी अंतरिक्ष एजेंसी जेएक्सए के टकुया ओनिशी और रूसी स्पेस एजेंसी रोस्कोस्मोस के कोस्मोनॉट किरिल पेस्कोव शामिल हैं। ये चारों अंतरिक्ष यात्री आईएसएस में अब सुनीता विलियम्स, बुच विलमोर और क्रू-9 के दो अन्य सदस्यों की जगह लेंगे।

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वाशिंगटन, 15 मार्च (हि.स.)। नेशनल एयरोनॉटिक्स ऐंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) और अरबपति एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स ने अंतरिक्ष में पिछले साल से फंसे सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को वापस लाने के लिए क्रू-10 मिशन लॉन्च किया। इस प्रक्षेपण के बाद नासा के विल्मोर और विलियम्स के घर लौटने का रास्ता साफ हो गया है। इन अंतरिक्ष यात्रियों के 19 मार्च तक लौटने की उम्मीद है। क्रू-10 मिशन पर ड्रैगन अंतरिक्ष यान ले जाने वाले फाल्कन 9 रॉकेट ने नासा के फ्लोरिडा स्थित कैनेडी स्पेस सेंटर से शुक्रवार शाम 7ः03 बजे उड़ान भरी।

सीएनएन की खबर के अनुसार, नासा के सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर पिछले साल जून में आईएसएस पर फंस गए थे। विलियम्स और विल्मोर जून 2024 में आईएसएस के मिशन पर गए थे। यह मिशन आठ दिन का था। बोइंग के स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान में तकनीकी समस्याओं के कारण वह नहीं लौट पाए।

मिशन को लॉन्च करने से कुछ घंटे पहले एक्स पर नासा ने कहा कि क्रू 10 के शनिवार (15 मार्च) को स्टेशन से जुड़ने के बाद क्रू9 के निक हेग, सुनीता विलियम्स, बुच विल्मोर और अलेक्जेंडर गोरबुनोव कुछ दिनों बाद पृथ्वी पर लौटने वाले हैं। नासा ने कहा कि यदि सब कुछ योजना के अनुसार होता है तो विलियम्स, विल्मोर, हेग और गोरबुनोव क्रू-9 अंतरिक्ष यान पर चढ़ेंगे और 19 मार्च को पृथ्वी पर वापस लौटेंगे।

इससे पहले नासा ने 13 मार्च को में क्रू-10 को लॉन्च करने की योजना बनाई थी, लेकिन लॉन्चिंग पैड पर तेज हवाओं और बारिश के कारण मिशन में देरी करनी पड़ी। इसके अलावा स्पेसएक्स के इंजीनियरों को लॉन्च कॉम्प्लेक्स 39 ए में फाल्कन 9 रॉकेट के लिए ग्राउंड सपोर्ट क्लैंप आर्म के साथ एक हाइड्रोलिक सिस्टम समस्या का सामना करना पड़ा।

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काठमांडू, 28 फरवरी (हि.स.)। नेपाल में आधीरात बाद सुबह होने से कुछ पहले सिंधुपालचोक जिले में आए भूकंप से राजधानी काठमांडू तक धरती हिल गई। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.1 दर्ज की गई। अभी तक कहीं से भी किसी के मरने या घायल होने की सूचना नहीं है।

राष्ट्रीय भूकंप निगरानी और अनुसंधान केंद्र के अनुसार, रात 2:51 बजे उत्तरी नेपाल के सिंधुपालचोक में 6.1 तीव्रता का भूकंप आया। इसके झटके काठमांडू, घाटी और आसपास के इलाकों में महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र सिंधुपालचोक जिले के भैरवकुंड में था। किसी के हताहत होने या क्षति की तत्काल कोई रिपोर्ट नहीं है।

भूकंप के कारण घाटी के निवासी जाग गए और कुछ लोग बाहर निकल आए। अधिकारी प्रभावित क्षेत्रों में प्रभाव का आकलन कर रहे हैं। सिंधुपालचोक के वरिष्ठ अधिकारी गणेश नेपाली कहते हैं कि भूकंप ने लोगों की नींद को बुरी तरह झकझोर दिया। नेपाल पुलिस के डीआईजी दिनेश कुमार आचार्य के मुताबिक भूकंप के कारण किसी की मौत या घायल होने की कोई सूचना नहीं है। न ही भूकंप के केंद्र में बुनियादी ढांचे को कोई बड़ा नुकसान होने की सूचना है।

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टोरंटो, 18 फ़रवरी (हि.स.)। कनाडा में टोरंटो के पियर्सन हवाई अड्डे पर सोमवार को डेल्टा एयरलाइंस का विमान लैंडिंग के समय पलट गया। यह विमान रनवे पर उल्टा पड़ा रहा। राहत की बात है कि हादसे में किसी की जान नहीं गई। मामूली रूप से घायल 18 यात्रियों को अस्पताल भेजा गया है। दुर्घटना के कारणों का अबतक पता नहीं चला है, फिलहाल इसकी जांच चल रही है।

टोरंटो स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक पियर्सन हवाई अड्डे पर सोमवार को डेल्टा एयरलाइंस का विमान लैंडिंग के समय पलट गया। दुर्घटना दोपहर करीब 2:15 बजे हुई। दुर्घटनाग्रस्त विमान में 76 यात्री और चालक दल के 4 सदस्य सवार थे। हादसे में मामूली रूप से घायल हुए 18 विमान यात्रियों को अस्पताल ले जाया गया है। यात्रियों में 22 कनाडा के नागरिक और बाकी विदेशी नागरिक थे।

हादसे के बाद हवाई अड्डे के दो रनवे को बंद कर दिया गया है, जो जांच पूरी होने तक अगले कुछ समय तक बंद रहेंगे।

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-वाशिंगटन डीसी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बड़ी घोषणा

 

वाशिंगटन, 14 फरवरी (हि.स.)। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की यहां हुई ऐतिहासिक मुलाकात के बाद संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में महत्वपूर्ण सामरिक घोषणा हुई। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ संवाददाता सम्मेलन में यह ऐलान किया। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने भारत को अत्याधुनिक एफ-35 लड़ाकू विमान बेचने का फैसला किया है। इसका मकसद भारत को अत्याधुनिक स्टील्थ विमानों वाले देशों के विशिष्ट क्लब में शामिल करना है।

प्रधानमंत्री मोदी से बेहद सौहार्दपूर्ण मुलाकात के बाद हुए संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि इस साल अमेरिका भारत में सैन्य बिक्री को कई अरब डॉलर तक पहुंचाएगा। हमने भारत को एफ-35 स्टील्थ लड़ाकू विमान देने का रास्ता खोल दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि भारत में अमेरिका तेजी के साथ सैन्य व्यापार बढ़ाएगा। महत्वपूर्ण यह है कि डोनाल्ड ट्रंप की व्हाइट हाउस में पुनः वापसी के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का यह पहला दौरा है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उन्हें खुशी इस बात की है कि राष्ट्रपति ट्रंप हमेशा राष्ट्रीय हित को सर्वोच्च स्थान पर रखते हैं। राष्ट्रपति ट्रंप की तरह वह भी अपने देश के हितों को सबसे ऊपर रखते हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आपको (डोनाल्ड ट्रंप) व्हाइट हाउस में वापस देखकर खुशी हो रही है। वह भारत के 140 करोड़ लोगों की ओर से उन्हें बधाई दे रहे हैं। भारत के लोगों ने मुझे तीसरी बार प्रधानमंत्री के रूप में काम करने का मौका दिया है।

इस कार्यकाल में वह अगले चार वर्ष तक आपके साथ मिलकर काम करेंगे। भारत के प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आपके पहले कार्यकाल के दौरान हमारे संबंध प्रगाढ़ रहे। अब हम उसी बंधन, समान विश्वास और समान उत्साह के साथ और तेजी से आगे बढ़ेंगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स हैंडल पर लिखा, ”राष्ट्रपति ट्रंप अकसर MAGA के बारे में बात करते हैं। भारत में, हम एक विकसित भारत की दिशा में काम कर रहे हैं। उसका अमेरिकी संदर्भ में अनुवाद MIGA है। और साथ में भारत-अमेरिका के बीच समृद्धि के लिए मेगा साझेदारी है।”

इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी ने एक अन्य पोस्ट में ट्रंप के भरोसेमंद साथी एलन मस्क से हुई मुलाकात का भी जिक्र किया। उन्होंने लिखा, ” वाशिंगटन डीसी में हमने विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की, जिनमें अंतरिक्ष, गतिशीलता, प्रौद्योगिकी और नवाचार जैसे मुद्दे भी शामिल हैं। मैंने सुधार और ‘न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन’ को आगे बढ़ाने की दिशा में भारत के प्रयासों के बारे में बात की।”

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वाशिंगटन, 13 फरवरी (हि.स.)। भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी फ्रांस का दौरा पूरा कर अमेरिका की यात्रा पर राजधानी वाशिंगटन डीसी पहुंच चुके हैं। उनका विमानतल पर जोरदार स्वागत किया गया। भारतीय समयानुसार सुबह 5ः32 बजे उन्होंने एक्स पर लिखा, ” थोड़ी देर पहले वाशिंगटन डीसी में उतरा हूं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिलने और भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए उत्सुक हूं। हमारे देश अपने लोगों के लाभ और हमारे ग्रह के बेहतर भविष्य के लिए मिलकर काम करते रहेंगे।”

प्रधानमंत्री मोदी का यहां पहुंचने पर भारतीय प्रवासियों ने भी जोरदार स्वागत किया। प्रधानमंत्री ने एक्स पर लिखा, “सर्दी की ठिठुरन में गर्मजोशी भरा स्वागत। ठंड के मौसम के बावजूद वाशिंगटन डीसी में भारतीय प्रवासियों ने मेरा बहुत ही विशेष स्वागत किया है। मैं उनका आभार व्यक्त करता हूं।” इस बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड से मुलाकात हुई है। प्रधानमंत्री ने यह जानकारी एक्स पर साझा करते हुए लिखा, ” गबार्ड से भारत-अमेरिका मित्रता के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। वह भारत की हमेशा प्रबल समर्थक रही हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपनी यात्रा के दौरान वाशिंगटन डीसी के ब्लेयर हाउस में ठहरेंगे। उनके आगमन से पहले ब्लेयर हाउस में अमेरिकी ध्वज की जगह भारतीय ध्वज लगाया गया। प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ द्विपक्षीय बैठक होनी है। मोदी बुधवार को फ्रांस से अमेरिका के लिए रवाना हुए। यह उनकी दो देशों की यात्रा का दूसरा चरण है। वह 10 फरवरी को फ्रांस पहुंचे थे।

प्रधानमंत्री मोदी की राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ व्यक्तिगत और प्रतिनिधिमंडल स्तर पर बैठक होनी हैं। वो उन चंद विश्व नेताओं में शामिल हैं, जो ट्रंप के 20 जनवरी को शपथ ग्रहण करने के बाद अमेरिका की यात्रा कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका की यात्रा के दौरान व्यापारी नेताओं और भारतीय समुदाय के सदस्यों से भी बातचीत करेंगे।

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पेरिस, 11 फरवरी (हि.स.)। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी फ्रांस पहुंच चुके हैं। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के निमंत्रण पर वो सोमवार को फ्रांस पहुंचे। आज फ्रांस में एआई (कृत्रिम मेधा) एक्शन समिट है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों समिट की सह अध्यक्षता करेंगे। इसके अलावा दोनों नेता द्विपक्षीय वार्ता करेंगे।

फ्रांस के मीडिया के अनुसार, राष्ट्रपति मैक्रों ने शासनाध्यक्षों और राष्ट्राध्यक्षों के सम्मान में एलिसी पैलेस में रात्रिभोज का आयोजन किया। इसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी शामिल हुए। मोदी और मैक्रों ने गले लगकर मुलाकात की। प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर के फोटो अपने एक्स हैंडल पर साझा किए। प्रधानमंत्री मोदी की रात्रिभोज में प्रौद्योगिकी क्षेत्र के सीईओ और समिट में आमंत्रित कई अन्य विशिष्ट व्यक्तियों से भी मुलाकात हुई। इनमें अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस प्रमुख हैं। रात्रिभोज पर प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर लिखा कि पेरिस में अपने मित्र राष्ट्रपति मैक्रों से मिलकर खुशी हुई।

मोदी और मैक्रों प्रतिनिधिमंडल स्तर पर भी बातचीत करेंगे। साथ ही भारत-फ्रांस सीईओ फोरम को संबोधित करेंगे। दोनों नेता कल प्रथम विश्वयुद्ध में बलिदान देने वाले भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए मजारगुएज युद्ध स्मारक का दौरा करेंगे। इसके अलावा मार्सिले में भारत के नए महावाणिज्य दूतावास का उद्घाटन करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी और मैक्रों कैडारैचे भी जाएंगे। कैडारैचे उच्च-विज्ञान परियोजना का केंद्र है। इस परियोजना को अंतरराष्ट्रीय थर्मोन्यूक्लियर प्रायोगिक रिएक्टर (आईटीईआर) के रूप में जाना जाता है। फ्रांस से प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका जाएंगे।

एआई एक्शन समिट की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति मैक्रों ने कहा कि जरूरत इस बात की है कि अब फ्रांस और यूरोप मिलकर अमेरिका और चीन जैसी अन्य वैश्विक शक्तियों के खिलाफ दौड़ में बने रहने के लिए महत्वपूर्ण कृत्रिम मेधा परियोजनाओं के लिए लालफीताशाही को तोड़ें। उन्होंने कहा कि एआई परियोजनाओं पर ”हम नोट्रे डेम डे पेरिस रणनीति को अपनाएंगे”। सबको याद होगा कि फ्रांस ने 2019 की आग में हुई तबाही के पांच साल के भीतर ऐतिहासिक कैथेड्रल का पुनर्निर्माण किया। उन्होंने यह उद्गार राजधानी पेरिस के दिव्य और भव्य ग्रैंड पैलैस में तकनीकी उद्योग के मालिकों और राजनीतिक नेताओं सहित उपस्थित लोगों के बीच व्यक्त किए।

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ढाका, 06 फरवरी (हि.स.)। बांग्लादेश की राजधानी में कल शाम से देररात तक अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के पिता और मुल्क के संस्थापक बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान के आवास (धानमंडी-32) पर जमकर तोड़फोड़ की गई। इतने भर से मन नहीं भरा तो भीड़ ने उनके आवास को फूंक दिया। साथ ही हसीना के पति के घर को भी आग के हवाले कर दिया गया। देश की अंतरिम सरकार इस दौरान तमाशबीन बनी रही। शेख हसीना पिछले साल अगस्त के महीने से भारत में रह रही हैं।

द डेली स्टार समाचार पत्र की खबर के अनुसार, यह पूरा बवाल शेख हसीना के ऑनलाइन संबोधन के दौरान हुआ। हजारों प्रदर्शनकारी धानमंडी-32 पहुंच गए। आवास पर जमकर तोड़फोड़ की। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि यह आवास फासीवाद का तीर्थस्थल है। इसे ध्वस्त किया जाए। इस पूरे अभियान को ‘बुलडोजर जुलूस’ नाम दिया गया है।

शेख हसीना का रात नौ बजे संबोधन शुरू होना था। इससे पहले ही हजारों प्रदर्शनकारियों ने बंगबंधु के आवास पर धावा बोल दिया। आवास पर फावड़े और हथौड़े चलाए। प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि इस दौरान बंगबंधु मुजीब की एक भित्ति भी नष्ट हो गई। कुछ लोगों ने रात करीब साढ़े नौ बजे इमारत में आग लगा दी। आधी रात से कुछ पहले एक क्रेन और एक खुदाई करने वाली मशीन पहुंची। लगभग ढाई घंटे बाद घटना की रिपोर्ट दर्ज की गई। तब तक आवास के कुछ हिस्से जमींदोज हो चुके थे।

कुछ सोशल मीडिया पोस्ट के अनुसार, हसीना दिल्ली से बांग्लादेश विरोधी गतिविधियों का संचालन कर रही हैं। यह घटना इसी का जवाब है। प्रदर्शनकारियों ने इस दौरान नारे लगाए। नारों में दिल्ली शब्द का भी उल्लेख किया गया। प्रदर्शनकारियों ने मांग की है कि अवामी लीग को बांग्लादेश में किसी भी चुनाव में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। इस सारे बवाल के दौरान पुलिस तमाशबीन बनी रही। आधी रात तक कोई भी अग्निशमन कर्मी मौके पर नहीं पहुंचा। रात करीब साढ़े नौ बजे सेना के कुछ जवान जरूर मौके पर पहुंचे पर बाद में वह चले गए।

अंतरिम सरकार के गृह सलाहकार जहांगीर आलम चौधरी, पुलिस महानिरीक्षक बहारुल आलम, ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस आयुक्त एसएम सज्जात अली और अतिरिक्त आयुक्त एसएन नजरूल इस्लाम ने इस बवाल पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। बुलडोजर जुलूस का आह्वान “बशेरकेला” फेसबुक समूह, पीपुल्स एक्टिविस्ट्स कोएलिशन (पीएसी) के प्रवक्ता रतुल मोहम्मद, जुलाई रिवोल्यूशनरी अलायंस, स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन के संयोजक हसनत अब्दुल्ला, पेरिस स्थित व्लॉगर पिनाकी भट्टाचार्य आदि ने सोशल मीडिया पर किया था। खबर के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने रात करीब 11:00 बजे शेख हसीना के दिवंगत पति और परमाणु वैज्ञानिक एमए वाजेद मिया के धानमंडी स्थित आवास सुधा सदन में भी आग लगा दी। दमकल विभाग के अधिकारी रकीबुल हसन ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि विभाग को धानमंडी 32 में भी आग लगाने की सूचना मिली है।

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– 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली, फैसलों में राष्ट्र पहले की झलक
– पहली प्राथमिकता घुसपैठ रोकना, दूसरी महंगाई पर रोकथाम
– अपने पहले संबोधन में बोले, मेरी नीति ‘अमेरिका फर्स्ट’ की होगी

वाशिंगटन, 20 जनवरी (हि.स.)। अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ग्रहण करने के अपने पहले संबोधन में डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिका का स्वर्ण युग अब शुरू हुआ है। अमेरिका फर्स्ट की नीति के साथ वो फिर से देश को आगे लेकर जाएंगे। उन्होंने कहा कि वो सभी को साथ लेकर चलने को तत्पर हैं। साथ ही उन्होंने दक्षिणी सीमा पर नेशनल इमरजेंसी की भी घोषणा की।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने शपथ ग्रहण के बाद पहला बड़ा फैसला लेते हुए देश के दक्षिणी सीमा पर नेशनल इमरजेंसी की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि मेक्सिको बॉर्डर पर दीवार बनाई जाएगी। संगठित अपराध के खिलाफ आज से ही काम शुरू होगा। उन्होंने कहा कि घुसपैठ रोकने के लिए जरूरत पड़ी तो वहां सेना को भी भेजा जाएगा। ट्रंप ने कहा कि अवैध प्रवासियों को वहीं छोड़कर आएंगे जहां से वो आए हैं।

अपनी सरकार की प्राथमिकता को बताते हुए ट्रंप ने कहा कि उनकी पहली प्राथमिकता घुसपैठ को रोकना है ताकि देश की जनता सुरक्षित महसूस करे। दूसरी प्राथमिकता महंगाई पर रोक लगाना है ताकि लोगों को जरूरी सामानों के लिए अतिरिक्त बोझ न पड़े।

ट्रंप ने घोषित की ‘नेशनल एनर्जी इमरजेंसी’

ट्रंप ने कहा, ‘अत्यधिक खर्च और ऊर्जा की बढ़ती कीमतों के कारण महंगाई का संकट पैदा हुआ और इसीलिए आज मैं नेशनल एनर्जी इमरजेंसी की भी घोषणा करता हूं।’

लॉस एंजिल्स में आग की विभिषिका पर ट्रंप ने कहा, ‘हमारे पास एक पब्लिक हेल्थ सिस्टम है जो आपदा के समय काम नहीं करता है। फिर भी दुनिया के किसी भी देश की तुलना में इसपर अधिक पैसा खर्च किया जाता है। हम ऐसा नहीं होने दे सकते। हमारे पास एक ऐसी शिक्षा प्रणाली है जो हमारे बच्चों को कई मामलों में खुद पर शर्म करना और हमारे देश से नफरत करना सिखाती है। यह सब आज से ही बदल जाएगा।’

ट्रंप की चाह- दुनिया उन्हें शान्ति दूत के तौर पर जाने

ट्रंप ने कहा, मैं देशों को जोड़ने की कोशिश करूंगा। शांति स्थापित करना मेरी प्राथमिकता है। विरोधियों के खिलाफ बदले की कार्रवाई नहीं होगी। सैनिकों के अधिकार बढ़ाए जाएंगे। मैं युद्ध रोकने की कोशिश करूंगा। साथ ही उन्होंने कहा कि दूसरे देशों की जंग में अब अमेरिका की सेना नहीं जाएगी। उन्होंने कहा कि वो चाहते हैं कि दुनिया उन्हें शांति दूत के तौर पर जाने।

चीन को चुनौती

चीन को चुनौती देते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि पनामा कैनाल से चीन का आधिपत्य खत्म करेंगे। पनामा कैनाल को वापस लेंगे। वहीं भविष्य की बात करते हुए उन्होंने कहा कि अमेरिका जल्द मंगल ग्रह पर अंतरिक्ष यात्री भेजेगा और दुनिया के सामने नई मिशाल पेश करेगा।

‘हमारी प्राथमिकता देश को गौरवान्वित, समृद्ध और स्वतंत्र बनाना’

अपने भाषण के शुरुआत में ट्रंप ने कहा, अमेरिका का स्वर्ण युग अब शुरू हुआ है। अमेरिका फर्स्ट की नीति के साथ वो फिर से देश को आगे लेकर जाएंगे। हम अपनी संप्रभुता बनाए रखेंगे। दुनिया हमारा इस्तेमाल नहीं कर सकेगी। अमेरिका में अब घुसपैठ नहीं होगा। उन्होंने कहा, ‘हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता एक ऐसा राष्ट्र बनाना होगा जो गौरवान्वित, समृद्ध और स्वतंत्र हो।’

दूसरे देशों पर टैक्स और टैरिफ बढ़ाएंगे

ट्रंप ने अमेरिका को संबोधित करते हुए कहा कि दूसरे देशों पर टैक्स और टैरिफ बढ़ाएंगे। हम देश की कानून व्यवस्था को पटरी पर लाएंगे। अमेरिका के लोगों को बोलने की स्वतंत्रता होगी। अमेरिका के दुश्मनों को हराकर रहेंगे। उन्होंने अमेरिका में ड्रग तस्करों को आतंकी घोषित करने का भी ऐलान किया। कहा सेना भी अपने मिशन के लिए आजाद रहेगी।

ट्रंप ने अमेरिका को लेकर अपनी नीतियों का भी खाका देश और दुनिया के सामने रखा। उन्होंने कहा कि अमेरिका फिर से मैन्युफैक्चरिंग हब बनेगा। अमेरिका से तेल और गैस का निर्यात बढ़ेगा।

साथ ही पूर्ववर्ती सरकार को निशाने पर लेते हुए ट्रंप ने कहा कि बाइडेन ने समाज का ताना-बाना तोड़ा। वो ग्लोबल इंवेंट्स को हैंडल नहीं कर पाए। बाइडेन के राज में अपराधियों को शरण मिली और सीमाओं की सुरक्षा पर वो कुछ नहीं कर सके।

वहीं, अपने संघर्षों को याद करते हुए ट्रम्प ने कहा कि लोगों ने मुझे बदलाव के लिए चुना है। आठ साल से मुझे चैलेंज किया जा रहा था। मेरी हत्या करने की कोशिश की गई। अब अमेरिका में तेजी से बदलाव आएगा।

इससे पहले, डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में सोमवार रात शपथ ली। उनसे पहले पहले जेडी वेंस ने उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली। वाशिंगटन डीसी के यूएस कैपिटल बिल्डिंग में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जॉन रॉबर्ट्स ने दोनों की शपथ दिलाई। वहीं, शपथ ग्रहण समारोह में फेसबुक के फाउंडर मार्क जुकरबर्ग, अमेजॉन के फाउंडर जेफ बेजोस और एलन मस्क आदि कई दिग्गज शामिल रहे।

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वाशिंगटन, 20 जनवरी (हि.स.)। डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में सोमवार रात शपथ ली। वाशिंगटन डीसी के यूएस कैपिटल बिल्डिंग में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जॉन रॉबर्ट्स ने ट्रम्प को शपथ दिलाई।

डोनाल्ड ट्रंप को अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण करने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बधाई दी है।

पीएम मोदी ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा कि मेरे प्रिय मित्र राष्ट्रपति @realDonaldTrump को संयुक्त राज्य अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में ऐतिहासिक शपथ ग्रहण पर बधाई। मैं एक बार फिर साथ मिलकर काम करने, दोनों देशों को लाभ पहुंचाने और दुनिया के लिए बेहतर भविष्य को आकार देने के लिए तत्पर हूं। आने वाले सफल कार्यकाल के लिए शुभकामनाएं।

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