बीजिंग, 29 अप्रैल (एजेंसी )। आबादी के मामले में भारत से पीछे होने और लगातार जनसंख्या घटने से चीन परेशान हो गया। अब चीन ने बड़ा फैसला लेते हुए अविवाहित महिलाओं को भी बच्चे पैदा करने की छूट देने का फैसला किया है। साथ ही लोगों को बच्चे पैदा करने को लेकर प्रोत्साहित करने के लिए नए नियम भी बनाए जा रहे हैं।

पिछले दिनों संयुक्त राष्ट्र संघ ने आबादी के मामले में चीन के भारत से पिछड़ने का ऐलान किया था। वैसे भी चीन की जनसंख्या तेजी से कम हो रही है और देश में बूढ़े लोगों की संख्या भी बढ़ रही है। शादी और बच्चों के लालन-पालन में होने वाले खर्च को देखते हुए चीन के लोग बच्चे पैदा करने से कतरा रहे हैं। ऐसे में चीन की सरकार को अपने कार्यबल में कमी आने का डर सता रहा है। यही कारण है कि चीन की सरकार ने लोगों को बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित करना शुरू किया है। अब चीन एक और नया नियम बनाने जा रहा है, जिसके तहत अविवाहित महिलाएं न सिर्फ बच्चे पैदा कर सकेंगी, बल्कि कोई चिकित्सकीय समस्या होने की स्थिति में कानूनी तौर पर उपचार भी करा सकेंगी।

चीन के सिचुआन प्रांत में तो अविवाहित महिलाओं को बच्चे पैदा करने की अनुमति दी जा चुकी है। अब चीन की सरकार पूरे देश में इसे कानूनी तौर पर मान्यता देने की तैयारी कर रही है। साथ ही चीन की सरकार अविवाहित महिलाओं के गर्भवती होने पर मैटरनिटी लीव देने, बच्चे पैदा करने पर मिलने वाली सब्सिडी देने और साथ ही इनविट्रोफर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) उपचार की अनुमति देने की भी तैयारी कर रही है। माना जा रहा है कि यदि चीन की सरकार आईवीएफ उपचार को अविवाहित महिलाओं के लिए भी कानूनी दर्जा दे देती है तो ऐसी अविवाहित महिलाएं भी मां बन सकेंगी जो शादी करने की इच्छा नहीं रखतीं।

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खार्तूम जेद्दाह/, 28 अप्रैल एजेंसी )। हिंसक संघर्ष से प्रभावित सूडान में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए चलाए जा रहे अभियान, ऑपरेशन कावेरी में तेजी लाई गयी है। सूडान से भारतीयों का दसवां जत्था निकाला गया है। वहीं, सूडान स्थित भारतीय दूतावास कर्मचारियों के परिजन भी सूडान से निकल कर जेद्दाह पहुंच चुके हैं।

भारत सरकार ने सूडान में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए ऑपरेशन कावेरी शुरू किया है। इस बीच सूडान की सेना और अर्धसैनिक बल रैपिड सपोर्ट फोर्सेस के बीच संघर्ष विराम 72 घंटे के लिए और बढ़ जाने का लाभ भी ऑपरेशन कावेरी से जुड़े अधिकारी लेना चाहते हैं। इस कारण सूडान से भारतीयों को निकालने में तेजी लाई जा रही है। इस अभियान के तहत जल व वायुमार्ग से सूडान में फंसे भारतीयों को निकाला जा रहा है। भारतीय वायुसेना के सी-130जे विमान ने सूडान से जेद्दाह के लिए उड़ान भरी। इस विमान से 135 भारतीयों का दसवां जत्था सूडान से निकाला गया है।

उधर, जेद्दाह में भारत सरकार के केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन स्वयं मौजूद रहकर ऑपरेशन कावेरी पर नजर रख रहे हैं। इससे पहले उन्होंने ट्वीट कर सूडान से आए आठवें जत्थे का जेद्दाह में स्वागत करने की जानकारी दी थी। इस जत्थे में सूडान स्थित भारतीय दूतावास के कर्मचारियों के परिजन भी शामिल थे, जिन्होंने संकटग्रस्त सूडान से निकलने के बाद राहत की सांस ली।

सूडान में करीब तीन हजार भारतीय रह रहे थे। जिस रफ्तार से भारतीय टीम वहां से लोगों को निकाल रही है, इससे माना जा रहा है कि जल्द ही भारत का ऑपरेशन कावेरी सफलतापूर्वक पूरा हो जाएगा।

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अंकारा (तुर्किये)/दमिश्क (सीरिया): तुर्किये-सीरिया में एक बार फिर सोमवार को शक्तिशाली भूकंप के दो झटके महसूस किए गए। भूकंप तुर्किये-सीरिया सीमा क्षेत्र में जमीन पर दो किलोमीटर (1.2 मील) की गहराई में आया। यूरोपीय भू-मध्यसागरीय भूकंपीय केंद्र ने कहा है कि रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.4 रही। इससे कई इमारतों को नुकसान पहुंचा और तीन लोगों की मौत हुई है। भूकंप के झटके लेबनान और मिस्र में भी महसूस किए गए।

उल्लेखनीय है कि इससे पहले 6 फरवरी को तुर्किये और सीरिया में आए भूकंप से भारी तबाही हुई है। सोमवार आए भूकंप से राहत कार्य में बाधा आई है। साथ ही तीन लोगों की मौत हो गई और 213 लोग घायल हो गए हैं। तुर्किये और सीरिया में अब तक 32 आफ्टर शॉक्स आ चुके हैं।

तुर्किये की आपदा एजेंसी के अनुसार दक्षिणी हटे प्रांत के समंदाग में 5.8 तीव्रता तो अंताक्य में 6.4 तीव्रता का भूकंप आया है। बीते दिनों आए जोरदार भूकंप के चलते लोग अभी भी दहशत में हैं। आज 6.4 के भूकंप के आने के तुरंत बाद लोग अपने घरों से बाहर आ गए और चारों ओर अफरा तफरी मच गई। भूकंप के झटके मिस्र और लेबनान में भी महसूस किए गए। तुर्किये-सीरिया में 6 फरवरी को आए भूकंप में अब तक 45,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। मौत का आंकड़ा हर रोज बढ़ रहा है।

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काठमांडू, 18 फरवरी (एजेंसी )। महाशिवरात्रि के मौके पर पशुपतिनाथ में लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। सुबह तीन बजे से ही पशुपतिनाथ के चारों कपाट खोल दिए गए हैं।

पशुपतिनाथ में उत्सव का माहौल है। इस मौके पर हर साल मंदिर परिसर में विशेष सजावट की जाती है। श्रद्धालु पूजन सामग्री लेकर दर्शन के लिए जाते नजर आ रहे हैं।

पशुपतिनाथ विकास कोष के कोषाध्यक्ष नारायण सुबेदी ने बताया कि श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए प्रबंधन की व्यवस्था की गयी है।

नेपाल पुलिस के प्रवक्ता डीआईजी पोशराज पोखरेल ने बताया कि सुरक्षा के लिए 35 सौ पुलिसकर्मियों को लगाया गया है। उनका अनुमान है कि सुबह आठ बजे तक पांच लाख से अधिक श्रद्धालु ने पशुपतिनाथ के दर्शन किए।

फाल्गुन की कृष्ण चतुर्दशी को पड़ने वाली महाशिवरात्रि का एक विशेष सांस्कृतिक महत्व है। पशुपतिनाथ क्षेत्र में देश-विदेश के साधु-संतों और भक्तों की खासी उपस्थिति रहती है।

भीड़ को देखते हुए काठमांडू घाटी ट्रैफिक पुलिस डिवीजन पहले ही एक प्रेस नोट के जरिए सूचित कर चुकी है कि वाहनों को डायवर्ट किया जाएगा।

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-फिजी के प्रधानमंत्री और भारतीय विदेश मंत्री ने किये समझौते पर हस्ताक्षर
-भारत और चीन के साथ पुरानी साझेदारी जारी रखने का फिजी ने किया एलान

सुवा: भारत और फिजी के बीच वीजा में छूट देने पर सहमति बनी है। फिजी में 12वें विश्व हिंदी सम्मेलन में शिरकत करने गए भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर और फिजी के प्रधानमंत्री सिटिवेनी राबुका ने इस समझौते पर हस्ताक्षर करने के साथ दोनों देशों का सहयोग और बढ़ाने की बात कही।

फिजी के प्रधानमंत्री के साथ समझौते पर हस्ताक्षर के बाद दोनों देशों के बीच वीजा में छूट की राह खुल गई। इस समझौते के तहत दोनों देशों के उन नागरिकों को वीजा लेने में छूट दी जाएगी, जिनके पास डिप्लोमेटिक और काम संबंधी पासपोर्ट है। इससे फिजी जाने वाले भारतीयों की तादाद में इजाफा हो सकता है। यह समझौता दोनों देशों के नागरिकों के बीच पर्यटन को भी बढ़ावा देगा।

समझौते के बाद भारतीय विदेश मंत्री ने कहा कि भारत और फिजी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक तौर पर बेहद करीबी देश हैं। भारत और फिजी के लोगों का लोगों से संबंध है और दोनों देशों के बीच संबंध काफी पुराने भी हैं। स्वास्थ्य, शिक्षा और कृषि जैसे राष्ट्र निर्माण वाले क्षेत्रों में फिजी की मदद करना भारत के लिए खुशी की बात है। भारत ने फिजी के गन्ना उद्योग में काम किया है। अब भारत की ओर से अक्षय ऊर्जा और छोटे और मध्यम उद्योगों को आईटी सपोर्ट मुहैया कराने पर भी विचार किया जा रहा है। फिजी प्राकृतिक आपदाओं के लिए संवेदनशील इलाका है और भारत हमेशा फिजी के मुश्किल समय में उसके साथ खड़ा रहा है। कोरोना जैसे समय में भारत ने फिजी की मदद की और वैक्सीन मैत्री के तहत फिजी को एक लाख वैक्सीन की डोज भेजी गई थी।

फिजी के प्रधानमंत्री सिटिवेनी राबुका ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारत सरकार की 12वें विश्व हिंदी सम्मेलन का फिजी में सह-आयोजन करने के लिए प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि भारत हमेशा से फिजी का खास दोस्त और विश्वसनीय सहयोगी रहा है। दोनों देशों ने मजबूत साझेदारी विकसित की है, जिसमें राष्ट्र निर्माण के सभी क्षेत्र शामिल हैं। भारत हमेशा जरूरत के वक्त फिजी के साथ खड़ा रहा है। फिजी सौभाग्यशाली हैं कि कोरोना महामारी संकट के दौरान भारत ने वैक्सीन की मदद दी। फिजी के प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर के साथ हुई सकारात्मक बातचीत से दोनों देशों के बीच स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ेगा।

प्रशांत महासागर क्षेत्र के विकास के लिए भारत के समर्पण की तारीफ करते हुए फिजी के प्रधानमंत्री ने भारत सरकार को सहयोग के लिए धन्यवाद भी दिया। चीन के साथ सहयोग पर फिजी के प्रधानमंत्री ने बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि हमारे पास हमारे पुराने दोस्त हैं और हमें नए दोस्तों की जरूरत नहीं है। भारत और चीन के साथ हमारे पुराने संबंध रहे हैं और हम इस साझेदारी को आगे भी जारी रखेंगे।

बाद में भारतीय विदेश मंत्री डॉ.एस जयशंकर ने फिजी के राष्ट्रपति आर. विलियम कटोनिवेरे के साथ फिजी के स्टेट हाउस के सौर ऊर्जाकरण का उद्घाटन किया। इसके तहत प्रमुख आवासों में सौर ऊर्जा प्रवाह सुनिश्चित किया गया है। उन्होंने कहा कि इंटरनेशनल सोलर एलायंस का मजबूत सदस्य होने के कारण फिजी इस क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण है। दोनों नेताओं के बीच आपसी संबंधों को बढ़ाने पर बातचीत हुई।

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अंकारा (तुर्किये): पिछले सोमवार को शक्तिशाली भूकंप के झटकों से तबाह हुए तुर्किये में भारत का ‘आपरेशन दोस्त’ देवदूत बनकर उभरा है। ‘आपरेशन दोस्त’ के तहत राहत और बचाव कार्य में युद्धस्तर पर राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के अधिकारी और जवान लगे हुए हैं। भारत का ‘आपरेशन दोस्त’ सीरिया में भी चल रहा है।

एनडीआरएफ की लैब्राडोर नस्ल की जूली ने तुर्किये के गाजियांटेप के नूरदागी शहर में छह साल की बच्ची बेरेन को मलबे से जीवित निकालने में मदद की है। उसके हैंडलर कांस्टेबल कुंदन कुमार का कहना है -हमें जूली ने संकेत दिया कि मलबे में लाइव विक्टिम है। इसके बाद हमने दूसरे डॉग रोमियो से भी चेक करवाया। उसने भी यही संकेत दिया। तब हम वहां गए और सावधानी पूर्वक बेरेन को सकुशल बाहर निकाल लिया।

उल्लेखनीय है कि भारत के गृहमंत्री अमित शाह ने गुरुवार को पहली बार इस लड़की को बचाने का वीडियो जारी कर एनडीआरएफ की सराहना की थी। शाह ने ट्वीट कर कहा था-हमें अपनी एनडीआरएफ पर गर्व है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार एनडीआरएफ को दुनिया का अग्रणी आपदा प्रतिक्रिया बल बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उल्लेखनीय है कि तब यह साफ नहीं हुआ था कि बेरेन को जीवित बचाने में जूली की महत्वपूर्ण भूमिका है।

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अंकारा/दमिश्क:  तुर्किये और सीरिया में आठ दिन पहले सोमवार को आए विनाशकारी भूकंप के बाद बड़े पैमाने पर राहत और बचाव कार्य जारी है। अब तक मलबे से 33,181 शव निकाले जा चुके हैं। तुर्किये के 10 प्रांतों में 25 हजार से ज्यादा भवन समतल हो चुके हैं। भूकंप विशेषज्ञों के मुताबिक, मलबे में अब भी 10 हजार से ज्यादा शव हो सकते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन सहित कई विशेषज्ञ संस्थान भी मृतकों की कुल संख्या 50 हजार से ज्यादा होने का अनुमान लगा चुके हैं। पहले ही दिन से मृतकों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है।

भीषण तबाही झेल रहे तुर्किये में फिर भूकंप आया है। यूएस जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक तुर्किये के दक्षिण-पूर्व क्षेत्र कहरामनमरास में रविवार को भूकंप के झटके महसूस किए गए। इनकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.7 मापी गई। इसका केंद्र कहरामनमरास शहर से 24 किलोमीटर दक्षिण था।

इस बीच, तुर्किये ने भूकंप से सबसे अधिक प्रभावित हाटाये प्रांत में हवाई अड्डे का परिचालन फिर से शुरू कर दिया है। तुर्किये के परिवहन एवं अवसंरचना मंत्रालय ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर तस्वीरें साझा कर यह जानकारी दी है। तुर्किये के स्वास्थ्य मंत्री फहार्टिन कोका के अनुसार, रविवार को विनाशकारी भूकंप के 108 घंटे बाद बचावकर्मियों ने हाटाये प्रांत में चमत्कारिक रूप से दो महीने के बच्चे को इमरात के मलबे से जिंदा निकाला। संयुक्त राष्ट्र के राहत प्रमुख मार्टिन ग्रिफिथ्स ने इस सप्ताह की शुरुआत में दक्षिणी तुर्किये और उत्तर-पश्चिमी सीरिया में आए शक्तिशाली भूकंप को एक सदी में होने वाली सबसे खराब घटना करार दिया है।तुर्किये और सीरिया की मदद के लिए भारत समेत दुनिया के कई राष्ट्रों ने हाथ बढ़ाए हैं। भारत ने दोनों देशों को आपरेशन दोस्त के तहत राहत और बचाव टीमों के साथ दवाएं और उपकरण भेजे हैं।

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अंकारा/दमिश्क, 12 फरवरी (Agency)। तुर्किये और सीरिया में सात दिन पहले आए विनाशकारी भूकंप के बाद बड़े पैमाने पर राहत और बचाव कार्य जारी है। अब तक मलबे से 28,192 शव निकाले जा चुके हैं।

तुर्किये के उपराष्ट्रपति फुआत ओकटे ने कहा कि तुर्किये में मरने वालों की संख्या 24,617 हो गई है। व्हाइट हेल्मेट्स सिविल डिफेंस ग्रुप के अनुसार, सीरिया के उत्तर पश्चिम में विद्रोहियों के कब्जे वाले क्षेत्रों और अन्य स्थानों पर 3,575 शव बरामद हुए हैं ।

इस बीच, तुर्किये में आए भूकंप के बाद लापता एक भारतीय नागरिक को माल्टा में एक होटल के मलबे के नीचे मृत पाया गया है। तुर्किये में भारतीय दूतावास ने शनिवार को एक ट्वीट में यह जानकारी दी। मृतक की पहचान विजय कुमार के रूप में हुई है। वो तुर्किये की व्यापारिक यात्रा पर आए थे थे।

विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) संजय वर्मा ने ‘ऑपरेशन दोस्त’ पर एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि हम बेंगलुरु में उनके परिवार और कंपनी के साथ संपर्क में हैं। उन्होंने कहा कि 10 लोग ऐसे हैं जो प्रभावित क्षेत्र के कुछ हिस्सों में फंसे हुए हैं लेकिन वे सुरक्षित हैं।

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अंकारा/दमिश्क, 11 फरवरी (एजेंसी ): भूकंप से तबाह हो चुके यूरोप के पास बसे पश्चिम एशिया के दो देश तुर्किये और सीरिया में छह दिन से मलबे में जिंदगी की तलाश की जा रही है। अब तो अपनों के शव देखकर हृदय को झकझोर देने वाला आर्तनाद तक शांत हो चुका है। इनदेशों ने 7.8 की तीव्रता वाला शक्तिशाली झटका झेला है। मृतकों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। इस आपदा में अब तक 24,000 से अधिक लोगों की जान गई है। तुर्किये में 19 हजार से ज्यादा लोग मारे गए हैंं। बाकी लोग सीरिया के हैं।

विश्व बैंक ने भूकंप से प्रभावित तुर्किये और सीरिया के लिए 1.78 अरब डालर की सहायता स्वीकृत की है। यह धनराशि राहत और बचाव कार्यों के अलावा पुनर्निर्माण पर खर्च की जाएगी। भूकंप से सबसे ज्यादा प्रभावित शहर अंताक्या, सान्लिउर्फा और अलेप्पो हैं।दक्षिण मध्य तुर्की के अंताक्या शहर की आबादी करीब 2.50 लाख थी। इस शहर का एक बड़ा हिस्सा मलबे में तब्दील हो चुका है। पूर्व में सान्लिउर्फा का भी यही हाल है। इस शहर को सीरियाई संस्कृति का प्रमुख केंद्र माना जाता है।अलेप्पो शहर भी खंडहर बन चुका है।

बारिश और बर्फबारी के बीच धीमी गति से चल रहे राहत और बचाव कार्य के दौरान मलबे के ढेर में एक ऐसा किशोर भी मिला है जो मूत्र पीकर जिंदा रहा। बचाव दल ने उसे निकालकर अस्पताल भेजा है। किशोर अदनान मुहम्मद कोरकुट भूकंप के केंद्र बिंदु रहे गाजियनटेप शहर के नजदीकी इलाके में मिला है।

गाजियनटेप के आसपास करीब डेढ़ करोड़ लोगों की आबादी भूकंप से सबसे ज्यादा प्रभावित हुई है। यहां शायद ही कोई मकान या बड़ा भवन क्षतिग्रस्त होने से बचा हो। बीतते समय के साथ लोगों के जिंदा मिलने की संभावना क्षीण होती जा रही है। भारत सहित कई देश और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां राहत और बचाव के कार्य में जुटी हैं।

मलबे में किसी के जिंदा बचने की उम्मीद छोड़ चुके बचाव दल के लिए यह अनुभव खुश कर देने वाला रहा। बचाव दल के प्रमुख स्टीवन बायर ने बताया कि जीनेप काहरामन (40) कंक्रीट के एक ब्लाक के नीचे जिंदा मिलीं। उन्हें नजदीक के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इसी तरह बुरी तरह से क्षतिग्रस्त एक घर में चार दिनों से फंसा दस दिन का बच्चा और उसकी मां शुक्रवार को सुरक्षित निकाली गईं। लोगों ने उन्हें देखकर इसे ईश्वर का चमत्कार कहा।

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अंकारा/दमिश्क: तुर्किये और सीरिया में भूकंप से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। भूकंप के पांचवें दिन भी (शुक्रवार) मलबे को खंगाला जा रहा है। लगातार शव निकल रहे हैं। तबाही का मंजर यह है कि कई शहरों सबकुछ खत्म हो चुका है। बावजूद लोगों को उम्मीद है मलबे के नीचे उनका कोई अपना जिंदा होगा। पल-पल टूटती आस के बीच दोनों देशों में अब तक 21 हजार से ज्यादा लोगों की जान गई है। तुर्किये और सीरिया में बचाव और राहत कार्य युद्धस्तर पर जारी हैं।

भूकंप से सबसे ज्यादा प्रभावित शहर अंताक्या, सान्लिउर्फा और अलेप्पो हैं।दक्षिण मध्य तुर्की के अंताक्या शहर की आबादी करीब 2.50 लाख थी। इस शहर का एक बड़ा हिस्सा मलबे में तब्दील हो चुका है। पूर्व में सान्लिउर्फा का भी यही हाल है। इस शहर को सीरियाई संस्कृति का प्रमुख केंद्र माना जाता है।अलेप्पो शहर भी खंडहर बन चुका है।

अमेरिका ने की 85 मिलियन डॉलर की सहायता की घोषणा की है। भारत ने तुर्किये में भूकंप प्रभावित लोगों की मदद के लिए ‘ऑपरेशन दोस्त’ शुरू किया है। सेना, एयरफोर्स के जवान, एनडीआरएफ ऑर डॉक्टर्स की टीम तुर्किये में है। बड़े पैमाने पर राहत सामग्री भी भेजी गई है। प्रधानमंत्री नरेन्दर मोदी कह चुकै हैं कि भारत संकटग्रस्त सीरिया और तुर्किये की हर संभव मदद करेगा।

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नई दिल्ली: भूकंप प्रभावित तुर्किये की मदद के लिए भारत सरकार की तरफ से शुरू की गई मुहिम `ऑपरेशन दोस्त’ के तहत बचाव दल एवं राहत सामग्री के साथ भेजा गया छठा विमान गुरुवार को तुर्किये पहुंच गया। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस संबंध में ट्वीट किया है- राहत और बचाव कार्यों के लिए बचाव दल, बचाव उपकरण, दवा व चिकित्सा उपकरण तैयार हैं।

इससे पहले बुधवार देर रात भारतीय वायुसेना के सी17 ग्लोबमास्टर विमान को बचाव दल व राहत सामग्री के साथ केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री वी मुरलीधरन ने हिंडन एयरबेस से रवाना किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संबंधित अधिकारियों को तुर्किए में भूकंप से प्रभावित लोगों को सहायता के लिए आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया है। तुर्किये में भूकंप प्रभावित लोगों की मदद के लिए भारत ने वहां एक अस्पताल भी खोला है। एनडीआरएफ की टीम और आवश्यक उपकरण भी भेजे जा रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि 6 फरवरी को तुर्किए और सीरिया में विनाशकारी भूकंप पाया था। कई भूकंप झटकों से तुर्किए और सीरिया में भारी तबाही हुई है। दाेनों देशाें में भूकंप से मरने वालों का आंकड़ा 12 हजार के पार हो गया है।

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अंकारा/ दमिश्क /नई दिल्ली, 07 फरवरी (एजेंसी)। विनाशकारी भूकंप से मध्य तुर्किये और उत्तर-पश्चिम सीरिया में भारी तबाही हुई है। सोमवार को रिक्टर स्केल 7.8, 7.6 और 6.0 तीव्रता के दर्ज किए गए झटकों से और भी कई देशों की धरती हिल गई। इन झटकों से अकेले तुर्किये और सीरिया में अब तक 4,000 से ज्यादा लोग मौत की नींद में चले गए। इनके शव निकाल लिए गए हैं। पिछले 24 घंटे से युद्धस्तर पर राहत और बचाव जारी है। भारत ने तुर्किये को मानवीय और चिकित्सा सहायता भेजी है। मृतकों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है।

हालांकि कड़ाके की ठंड और बर्फबारी की वजह से राहत और बचाव कार्य में बाधा आ रही है। तुर्किये में 2,316 और सीरिया में 1999 से अधिक लोग मारे गए हैं। भूकंप से हजारों इमारतें जमींदोज हो गई हैं। तुर्किये में वर्ष 1939 में 7.8 की तीव्रता का भूकंप आया था। इसमें 32 हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे। इस भयानक प्राकृतिक आपदा आने के बाद तुर्किये में 7 दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की गई है। सीरिया ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से सहायता की अपील की है। इस बीच भारत ने तुर्किये की मदद के लिए एनडीआरएफ की टीम को भेजा है। गाजियाबाद के हिंडन एयरपोर्ट से यह टीम रवाना हुई। टीम में एनडीआरएफ के डिप्टी कमांडेंट दीपक तलवार समेत 47 अधिकारी और कर्मचारियों के अलावा स्वान भी शामिल हैं। भारत ने पैरामेडिकल स्टाफ और मेडिकल उपकरण भी भेजे हैं।

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