काहिरा/येरूशलम, 27 मई (हि.स.)। इजराइल और हमास के बीच पिछले कई महीनों से जारी जंग के बीच हमास ने एक बार फिर तेल अवीव पर बड़ा मिसाइल हमला किया है जिसके जवाब में इजराइल ने कार्रवाई की है।

जानकारी के मुताबिक करीब चार महीने बाद हमास ने रविवार को इजराइल पर राकेटों से हमला किया। गाजा के रफाह से किए गए हमास के हमले के चलते तेल अवीव सहित कई इजरायली शहरों में सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए सतर्क करने वाले सायरन बजे। इजराइल पर हमले में हमास ने लंबी दूरी तक मार करने वाले राकेटों का इस्तेमाल किया। इस हमले से इजराइल में किसी के हताहत होने या बड़ा नुकसान होने की फिलहाल सूचना नहीं है। इजराइली सेना ने बताया है कि गाजा से आठ राककेट छोड़े गए, इनमें से ज्यादातर को एयर डिफेंस सिस्टम से आकाश में ही नष्ट कर दिया गया।

हमास की सशस्त्र शाखा अल-कसम ब्रिगेड ने कहा कि उसने रविवार को तेल अवीव पर एक ‘बड़ा मिसाइल’ हमला किया। बताया जा रहा है कि इजरायली सेना ने संभावित आने वाले रॉकेटों की चेतावनी के लिए शहर में सायरन बजाया। इजराइली आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं ने कहा कि उन्हें किसी के हताहत होने की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है।

गाजा में इजराइली सेना और फलस्तीनी लड़ाकों के बीच इस लड़ाई में अभी तक लगभग 36 हजार फलस्तीनी मारे जा चुके हैं। हमास ने दावा किया है कि उसके लड़ाकों ने जबालिया में इजराइली सैनिकों को पकड़कर बंदी बना लिया है लेकिन इजराइली सेना ने हमास के इस दावे का खंडन किया है। हमास ने यह नहीं बताया कि उसने कितने सैनिकों को बंदी बनाया है और अपने दावे के समर्थन में कोई साक्ष्य भी प्रस्तुत नहीं किए हैं।

हमास के प्रवक्ता अबू उबैदा ने बताया कि लड़ाकों ने एक सुरंग में घात लगाकर इजराइली सैनिकों को पकड़ा। ये सैनिक हमास लड़ाकों की तलाश में सुरंग में घुसे थे। इस बीच मिस्र ने बदले रास्ते से गाजा को राहत सामग्री से भरे ट्रक फिर से भेजने शुरू कर दिए हैं।

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वाशिंगटन, 22 मई (हि.स.)। ईरान में राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के हेलीकॉप्टर हादसे की जांच में सहयोग करने से अमेरिका ने इनकार कर दिया है। अमेरिका ने आने-जाने की दिक्कतों का हवाला दिया है। इस हादसे में राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के साथ विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियन और छह अन्य लोगों की मौत हो गई थी। ईरान सरकार ने अमेरिका से जांच में मदद का आग्रह किया था।

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर से प्रेस वार्ता में जब ईरान सरकार की ओर से मदद का आग्रह किए जाने के बाबत पूछा गया तो उन्होंने स्पष्ट किया कि अमेरिका इस तरह की स्थितियों में विदेशी सरकारों से आग्रह आने पर मदद करता है लेकिन अमेरिका उसकी किसी भी तरह की मदद कर पाने में सक्षम नहीं है। अमेरिका काफी हद तक लॉजिस्टिकल कारणों से ईरान की मदद करने में सक्षम नहीं है।

अमेरिका द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में रईसी के प्रति संवेदना व्यक्त करने और एक मिनट के मौन में भाग लेने संबंधी सवाल पर मिलर ने कहा कि उनके देश का स्पष्ट मत है कि रईसी चार दशकों तक ईरानी लोगों के दमन में क्रूर भागीदार थे, लेकिन अमेरिका हेलीकॉप्टर दुर्घटना जैसी घटना में कोई भी जान जाने पर अफसोस व्यक्त करता है। लेकिन इससे ईरान में जज और राष्ट्रपति के तौर पर रईसी के रिकार्ड की हकीकत और यह तथ्य नहीं बदल जाता कि उनके हाथ खून से सने थे।

मिलर ने कहा, “ईरान के प्रति हमारा मौलिक दृष्टिकोण न बदला है और न ही बदलेगा। हम ईरान के लोगों का समर्थन करना और उनके मानवाधिकारों, एक खुले व मुक्त समाज और लोकतांत्रिक भागीदारी की उनकी आकांक्षाओं की रक्षा करना जारी रखेंगे।”

मिलर ने पूर्व ईरानी विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ की उस टिप्पणी का भी जवाब दिया, जिन्होंने हादसे के लिए अमेरिकी प्रतिबंधों को दोषी ठहराया था।

अमेरिकी प्रवक्ता ने कहा, “ईरानी सरकार ने आतंकवाद का समर्थन करने के लिए उपकरण ले जाने में अपने विमान का उपयोग किया। इसलिए हम अपने प्रतिबंधों को पूरी तरह से जारी रखेंगे, जिसमें ईरान सरकार द्वारा उपयोग के लिए विमानों पर प्रतिबंध शामिल हैं। अंतत: ईरानी सरकार ही खराब मौसम में 45 वर्ष पुराने हेलीकॉप्टर को उड़ाने के लिए जिम्मेदार है। इससे पहले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में हेलीकॉप्टर हादसे में मारे गए रईसी और अन्य लोगों के लिए एक मिनट का मौन रखा गया।

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लाहौर/नई दिल्ली, 14 अप्रैल (हि.स.)। पाकिस्तान की जेल में बंद रहे भारतीय सरबजीत सिंह की हत्या करने के आरोपित एवं आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद के करीबी सहयोगी आमिर सरफराज ताम्बा की रविवार को लाहौर में अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। आमिर सरफराज ताम्बा को लाहौर का असली डॉन के नाम से जाना जाता था जो संपत्ति की खरीद-फरोख्त और मादक पदार्थों की तस्करी में संलिप्त था।

सूत्रों ने बताया कि ताम्बा पर मोटरसाइकिल सवार हमलावरों ने पाकिस्तान में लाहौर के इस्लामपुरा इलाके में हमला किया और उसे नाजुक हालत में एक अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई।

बता दें, कड़ी सुरक्षा वाली कोट लखपत जेल के अंदर ताम्बा सहित अन्य कैदियों द्वारा किए गए बर्बर हमले के कुछ दिनों बाद सरबजीत सिंह (49) की दो मई 2013 की सुबह लाहौर के जिन्ना अस्पताल में दिल का दौरा पडऩे से मृत्यु हो गई थी। हमले के बाद, करीब एक हफ्ते तक सिंह अचेत रहे थे।

ताम्बा का जन्म 1979 में लाहौर में हुआ था और वह लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक का करीबी सहयोगी था। लाहौर का असली डॉन नाम से कुख्यात ताम्बा संपत्ति की खरीद-फरोख्त और मादक पदार्थों की तस्करी में संलिप्त था। पाकिस्तानी कैदियों के एक समूह ने सिंह पर ईंट और लोहे की छड़ों से हमला किया था। सरबजीत सिंह को कई झूठे आरोपों में मौत की सजा सुनाई गई थी।

जानकारी के अनुसार, ताम्बा के शरीर पर चार गोलियों के घाव हैं, जिनमें से दो-दो गोलियां छाती और पैरों में लगी हैं। एक बंदूकधारी ने हेलमेट पहन रखा था, दूसरे ने चेहरे पर नकाब डाल रखा था और दोनों उस पर गोली चलाने के बाद घटनास्थल से भाग गए। सूत्रों ने बताया कि ताम्बा अपनी आपराधिक गतिविधियों के लिए कारावास के दौरान जेल के अंदर मोबाइल फोन सहित सभी सुविधाएं प्राप्त कर रहा था।

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ताइपे, 03 अप्रैल (हि.स.)। ताइवान में आज (बुधवार) सुबह शक्तिशाली भूकंप के झटके महसूस किए गए। राजधानी ताइपे समेत अन्य इलाकों में इससे दहशत फैल गई। ताइवान मौसम विज्ञान एजेंसी के अनुसार, रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 7 दशमलव 4 मापी गई। एजेंसी ने सुनामी की चेतावनी जारी की है।

ताइवान मौसम विज्ञान एजेंसी और ताइवान न्यूज ने भू-गर्भीय हलचल का विवरण जारी किया है। ताइवान मौसम विज्ञान एजेंसी के अनुसार, भूकंप का केंद्र हुलिएन काउंटी हॉल से 25 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पूर्व में 15.5 किलोमीटर की गहराई पर था। भूकंप के तेज झटके हुलिएन काउंटी, यिलान काउंटी, मियाओली काउंटी, ताइचुंग, चांगहुआ काउंटी, सिंचू काउंटी, नानटौ काउंटी, ताओयुआन, न्यू ताइपे और ताइपे में महसूस किए गए।

इसके अलावा हलके झटके ताइतुंग काउंटी, चियायी काउंटी, युनलिन काउंटी, काऊशुंग, चियायी, सिंचू, ताइनान और कीलुंग, पिंगतुंग काउंटी,पेंघू काउंटी, लियानचियांग काउंटी, किनमेन काउंटी में महसूस किए गए। ताइवान मौसम विज्ञान एजेंसी ने ताइवान क्षेत्र के लिए सुनामी की चेतावनी जारी की है। चेतावनी में कहा गया है कि इसका ताइवान पर पड़ेगा। तटीय निवासियों को भारी बाढ़ के कारण होने वाले खतरों के प्रति आगाह किया गया है।

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नई दिल्ली, 14 फरवरी (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को यूएई के अबूधाबी स्थित बीएपीएस मंदिर का उद्घाटन किया। मंदिर उद्घाटन के बाद उन्होंने बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) मंदिर में पूजा-अर्चना की।

प्रधानमंत्री का स्वागत करते हुए महंत स्वामी महाराज ने प्रधानमंत्री मोदी को माला पहनाई। इस दौरान प्रधानमंत्री ने दुनिया भर के 1,200 से अधिक बीएपीएस मंदिरों में एक साथ की गई ‘वैश्विक आरती’ में भाग लिया। यहां उन्होंने मंदिर में वर्चुअल गंगा, यमुना नदी में जल चढ़ाया।

उद्घाटन कार्यक्रम के बाद प्रधानमंत्री ने मंदिर निर्माण में शामिल रहे कारीगरों और मजदूरों से मुलाकात की।

यह मंदिर 27 एकड़ में फैला है और इसकी ऊंचाई 108 फीट है। इसके निर्माण में 18 लाख ईंटों का इस्तेमाल किया गया है। दुनिया भर के अन्य सभी बीएपीएस मंदिरों की तरह यह मंदिर हर किसी के लिए खुला है। पारंपरिक नागर शैली में बना यह मंदिर सार्वभौमिक मूल्यों, विभिन्न संस्कृतियों के सद्भाव की कहानियों, अवतारों और हिंदू आध्यात्मिक नेताओं का प्रतिनिधित्व करता है।

मंदिर के बाहरी हिस्से में राजस्थान के गुलाबी बलुआ पत्थर का उपयोग किया गया है। मंदिर के आंतरिक भाग में इटालियन मार्बल का उपयोग किया गया है। मंदिर में केंद्रीय गुंबद – ‘सद्भाव का गुंबद’ और ‘शांति का गुंबद’ हैं। सात शिखर, 12 समरन शिखर जिसको ‘घुम्मट’ कहते हैं। सात शिखर संयुक्त अरब अमीरात के सात अमीरातों के प्रतिनिधि हैं। इसमें 402 खंभे, 25,000 पत्थर के टुकड़े, मंदिर तक जाने वाले रास्ते के चारों ओर 96 घंटियां और गौमुख स्थापित हैं। इसमें नैनो टाइल्स का इस्तेमाल किया गया है, जो गर्मी की मौसम में भी पर्यटकों के लिए चलने में आरामदायक होगी। मंदिर के ऊपर बायीं ओर 1997 में अबू धाबी में मंदिर की कल्पना करने वाले परम पूज्य प्रमुख स्वामीजी महाराज की तस्वीर को एक पत्थर पर उकेरा गया है। मंदिर के ऊपरी दाहिनी ओर उस समय की स्मृति उकेरी गई है जब परम पूज्य महंत स्वामीजी महाराज ने 2019 में आधारशिला रखी थी।

मंदिर में किसी भी प्रकार के लोहे और स्टील का नहीं बल्कि पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है। मंदिर में गोलाकार, षटकोणीय जैसे विभिन्न प्रकार के खंभे देखे जा सकते हैं। यहां एक विशेष स्तंभ है, जिसे ‘स्तंभों का स्तंभ’ कहा जाता है, इसमें लगभग 1400 नक़्क़ाशीदार छोटे स्तंभ बने हुए हैं। एक गुंबद में पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु, पौधे आदि तत्वों की नक्काशी के माध्यम से मानव सह-अस्तित्व और सद्भाव को दर्शाया गया है।

मंदिर भारत के उत्तर, पूर्व, पश्चिम और दक्षिण भाग के देवता हिंदू आध्यात्मिकता का प्रतिनिधित्व करते हैं । इस प्रकार सभी 7 तीर्थस्थलों में विभिन्न देवता होंगे – भगवान राम, सीताजी, लक्ष्मणजी और हनुमानजी भगवान शिव, पार्वतीजी, गणपतिजी, कार्तिकेयजी, भगवान जगन्नाथ, राधा-कृष्ण, श्री अक्षर-पुरुषोत्तम महाराज (भगवान स्वामीनारायण और गुणातीतानंद स्वामी) भगवान तिरूपति बालाजी और पद्मावतीजी भगवान अयप्पाजी।

भगवान शिव को समर्पित इस मंदिर में शिवपुराण और 12 ज्योतिर्लिंग उत्कीर्ण हैं। भगवान जगन्नाथ के मंदिर में, जगन्नाथ यात्रा/रथयात्रा अंकित है। भगवान कृष्ण को समर्पित इस मंदिर में भागवत और महाभारत की नक्काशी की गई है। इसी तरह, भगवान स्वामीनारायण, भगवान अयप्पा को समर्पित मंदिर में उनके जीवन, कार्य और शिक्षाओं को अंकित किया गया है। भगवान राम के मंदिर में रामायण की नक्काशी की गई है। मंदिर के आसपास की इमारतें आधुनिक और न्यूनतर हैं। मंदिर के चारों ओर पवित्र नदी की धाराएं निर्मित होती हैं। गंगा नदी मंदिर के दाहिनी ओर जा रही है। यमुना नदी मंदिर के बायीं ओर जा रही है। इन पवित्र नदियों का जल यहां लाया गया है। जहां गंगा नदी गुजरती है वहां वाराणसी जैसा घाट बनाया गया है।

मंदिर के प्रवेश द्वार पर आठ मूर्तियां बनाई गईं हैं, जो आठ मूल्यों का प्रतीक हैं, यानी विश्वास की मूर्ति, दान की मूर्ति, प्रेम की मूर्ति। ये आठ मूर्तियां आठ मूल्य हैं, जिन पर हमारा सनातन धर्म आधारित है। ऐतिहासिक शख्सियतों, संतों और आचार्यों की मूर्तियां हैं, जिन्होंने इन मूल्यों को बनाए रखा है ।

भारतीय सभ्यता के अलावा अन्य देशों की प्राचीन सभ्यताओं का भी समावेश किया गया है- माया, एज्टेक, इजिप्शियन, अरबी, यूरोपीय, चीनी और अफ़्रीकी सभ्यता शामिल है। सभा हॉल की 3000 लोगों की क्षमता हैं। इसके अलावा सामुदायिक केंद्र, प्रदर्शनियां, अध्ययन और मजलिस कक्ष हैं।

मंदिर की विशेषता है कि एक मुस्लिम राजा ने एक हिंदू मंदिर के लिए भूमि दान की है। यहां मुख्य वास्तुकार कैथोलिक ईसाई है। परियोजना प्रबंधक एक सिख थे। संस्थापक डिजाइनर एक बौद्ध हैं। निर्माण कंपनी एक पारसी समूह की है और निर्देशक जैन परंपरा से आते हैं।

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नई दिल्ली, 12 फरवरी (हि.स.)। भारत की यूनिफाइड पेमेंट इंटरफ़ेस (यूपीआई) सेवाएं सोमवार को श्रीलंका और मॉरीशस में एक वर्चुअल समारोह के दौरान शुरू की गईं। इस दौरान भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे और मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जुगनाथ वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए।

यूपीआई सेवाओं की शुरुआत से श्रीलंका और मॉरीशस की यात्रा करने वाले भारतीय नागरिकों के साथ-साथ भारत की यात्रा करने वाले मॉरीशस के नागरिकों को भुगतान में आसानी होगी। इस पहल से डिजिटल कनेक्टिविटी बढ़ेगी।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर अपने संबोधन में आज के दिन को हिंद महासागर के तीन मित्र देशों के लिए विशेष दिन बताया। उन्होंने कहा कि अपने ऐतिहासिक संबंधों को आज हम आधुनिक डिजिटल रूप से जोड़ रहे हैं। ये हमारे लोगों के विकास के लिए हमारे कमिटमेंट का प्रमाण है। उन्होंने कहा, “इससे हमारे (भारत, श्रीलंका और मॉरीशस) के बीच पर्यटन बढ़ेगा। मुझे विश्वास है कि भारतीय पर्यटक भी उन गंतव्यों को पसंद करेंगे जहां यूपीआई सेवाएं उपलब्ध हैं।”

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले साल श्रीलंकाई राष्ट्रपति और मॉरीशस के प्रधानमंत्री की भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों द्वारा एक विज़न दस्तावेज़ अपनाया गया था। वित्तीय संपर्क बढ़ाना इसका अहम हिस्सा था। प्रधानमंत्री ने विश्वास के साथ कहा कि श्रीलंका और मॉरीशस के यूपीआई सिस्टम से जुड़ने से दोनों देशों को भी लाभ मिलेगा। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि एशिया में नेपाल, भूटान, सिंगापुर और खाड़ी में संयुक्त अरब अमीरात के बाद अब मॉरीशस से रुपे कार्ड की शुरुआत अफ्रीका में हो रही है। इससे मॉरीशस से भारत आने वाले लोगों को भी सुविधा मिलेगी।

डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के बारे में बात करते हुए मोदी ने कहा, “भारत में डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर से एक क्रांतिकारी बदलाव आया है। हमारे छोटे से छोटे गांव में छोटे से छोटे व्यापारियों के लिए भी डिजिटल पैठ चल रही है, क्योंकि इसमें सुविधा के साथ-साथ स्पीड भी है।”

उन्होंने कहा कि फिनटेक कनेक्टिविटी के माध्यम से केवल क्रॉस-बॉर्डर लेनदेन को ही नहीं, क्रॉस बॉर्डर कनेक्शन को भी बल मिलेगा। भारत का यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस यानी यूपीआई, अब नया दायित्व निभा रहा है- यूनाइटिंग पार्टनर्स विद इंडिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के सुदूर गांवों में छोटे व्यापारी डिजिटल भुगतान कर रहे हैं, क्योंकि इसमें सुविधा के साथ-साथ गति भी है। पिछले साल, यूपीआई लेनदेन 100 बिलियन का आंकड़ा पार कर गया, जिसकी राशि 2 लाख करोड़ रुपये थी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की ‘पड़ोस प्रथम’ नीति रही है। हमारा समुद्री दृष्टिकोण है- ”सागर”, यानी क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास। हमारा लक्ष्य पूरे क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और विकास है।

उन्होंने कहा कि कोरोना के दौरान भारत ने कोविन प्लेटफार्म के जरिए दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चलाया था। प्रौद्योगिकी के प्रयोग से पारदर्शिता बढ़ी है तथा भ्रष्टाचार में कमी आयी है। अर्थव्यवस्था भी अधिक समावेशी होती जा रही है। लोग अब सरकार पर पहले जैसा भरोसा कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि चाहे आपदा प्राकृतिक हो, हेल्थ संबंधी हो, आर्थिक हो या अंतरराष्ट्रीय पटल पर साथ देने की बात हो, भारत पहला प्रतिसादकर्ता रहा है, और आगे भी रहेगा।

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नई दिल्ली, 10 फरवरी (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 से 14 फरवरी तक संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की आधिकारिक यात्रा करेंगे जहां वे अबू धाबी में पहले हिंदू मंदिर बीएपीएस मंदिर का उद्घाटन करेंगे। वे विश्व सरकार शिखर सम्मेलन 2024 में सम्मानित अतिथि के रूप में भाग लेंगे और शिखर सम्मेलन में एक विशेष मुख्य भाषण देंगे।

विदेश मंत्रालय ने शनिवार को उनकी यात्रा की जानकारी दी। मंत्रालय के अनुसार 2015 के बाद से यह प्रधान मंत्री मोदी की संयुक्त अरब अमीरात की सातवीं यात्रा और पिछले आठ महीनों में तीसरी यात्रा होगी। यात्रा के दौरान प्रधान मंत्री मोदी संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के साथ द्विपक्षीय बैठकें करेंगे।

मंत्रालय ने कहा कि दोनों नेता देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को और गहरा, विस्तारित और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा करेंगे और आपसी हित के क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे।प्रधानमंत्री यूएई के उपराष्ट्रपति, प्रधान मंत्री और रक्षा मंत्री शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम से भी मुलाकात करेंगे। वह अबू धाबी के जायद स्पोर्ट्स सिटी में एक कार्यक्रम में संयुक्त अरब अमीरात में भारतीय समुदाय को भी संबोधित करेंगे।

उल्लेखनीय है कि लगभग 35 लाख मजबूत और जीवंत भारतीय समुदाय संयुक्त अरब अमीरात में सबसे बड़ा प्रवासी समूह है। मेजबान देश के विकास में उनका सकारात्मक और सराहनीय योगदान यूएई के साथ दोनों देशो के बीच उत्कृष्ट द्विपक्षीय जुड़ाव का एक महत्वपूर्ण आधार रहा है।

बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर

यह मंदिर 27 एकड़ में फैला है और इसकी ऊंचाई 108 फीट है। इसके निर्माण में 18 लाख ईंटों का इस्तेमाल किया गया है। दुनिया भर के अन्य सभी बीएपीएस मंदिरों की तरह यह मंदिर हर किसी के लिए खुला है। पारंपरिक नागर शैली में बना यह मंदिर सार्वभौमिक मूल्यों, विभिन्न संस्कृतियों के सद्भाव की कहानियों, अवतारों और हिंदू आध्यात्मिक नेताओं का प्रतिनिधित्व करता है।

मंदिर के बाहरी हिस्से में राजस्थान के गुलाबी बलुआ पत्थर का उपयोग किया गया है। मंदिर के आंतरिक भाग में इटालियन मार्बल का उपयोग किया गया है। मंदिर में केंद्रीय गुंबद – ‘सद्भाव का गुंबद’ और ‘शांति का गुंबद’ हैं। सात शिखर, 12 समरन शिखर जिसको ‘घुम्मट’ कहते हैं। सात शिखर संयुक्त अरब अमीरात के सात अमीरातों के प्रतिनिधि है। इसमें 402 खंभे, 25,000 पत्थर के टुकड़े, मंदिर तक जाने वाले रास्ते के चारों ओर 96 घंटियाँ और गौमुख स्थापित हैं। इसमें नैनो टाइल्स का इस्तेमाल किया गया है, जो गर्मी की मौसम में भी पर्यटकों के लिए चलने में आरामदायक होगी। मंदिर के ऊपर बायीं ओर 1997 में अबू धाबी में मंदिर की कल्पना करने वाले परम पूज्य प्रमुख स्वामीजी महाराज के दृश्य की एक पत्थर की नक्काशी है। मंदिर के ऊपरी दाहिनी ओर उस समय की स्मृति उकेरी गई है जब परम पूज्य महंत स्वामीजी महाराज ने 2019 में आधारशिला रखी थी।

मंदिर में किसी भी प्रकार के लोहे और स्टील का नहीं बल्कि पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है। मंदिर में गोलाकार, षटकोणीय जैसे विभिन्न प्रकार के खंभे देखे जा सकते हैं। यहां एक विशेष स्तंभ है, जिसे ‘स्तंभों का स्तंभ’ कहा जाता है, इसमें लगभग 1400 नक़्क़ाशीदार छोटे स्तंभ बनाए हुए हैं। एक गुंबद में पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु, पौधे आदि तत्वों की नक्काशी के माध्यम से मानव सह-अस्तित्व और सद्भाव को दर्शाया गया है।

मंदिर भारत के उत्तर, पूर्व, पश्चिम और दक्षिण भाग के देवता हिंदू आध्यात्मिकता का प्रतिनिधित्व करते हैं । इस प्रकार सभी 7 तीर्थस्थलों में विभिन्न देवता होंगे – भगवान राम, सीताजी, लक्ष्मणजी और हनुमानजी भगवान शिव, पार्वतीजी, गणपतिजी, कार्तिकेयजी भगवान जगन्नाथ भगवान राधा-कृष्ण श्री अक्षर-पुरुषोत्तम महाराज (भगवान स्वामीनारायण और गुणातीतानंद स्वामी) भगवान तिरूपति बालाजी और पद्मावतीजी भगवान अयप्पाजी।

भगवान शिव को समर्पित इस मंदिर में शिवपुराण और 12 ज्योतिर्लिंग उत्कीर्ण हैं। भगवान जगन्नाथ के मंदिर में, जगन्नाथ यात्रा/रथयात्रा अंकित है। भगवान कृष्ण को समर्पित इस मंदिर में भागवत और महाभारत की नक्काशी की गई है। इसी तरह, भगवान स्वामीनारायण, भगवान अयप्पा को समर्पित मंदिर में उनके जीवन, कार्य और शिक्षाओं को अंकित किया गया है। भगवान राम के मंदिर में रामायण की नक्काशी की गई है। मंदिर के आसपास की इमारतें आधुनिक और न्यूनतर हैं। मंदिर के चारों ओर पवित्र नदी की धाराएँ निर्मित होती हैं; गंगा नदी मंदिर के दाहिनी ओर जा रही है; यमुना नदी मंदिर के बायीं ओर जा रही है । इन पवित्र नदियों का जल यहाँ लाया गया है। जहां गंगा नदी गुजरती है वहां वाराणसी जैसा घाट बनाया गया है।

मंदिर के प्रवेश द्वार पर आठ मूर्तियां बनाई गईं जो आठ मूल्यों का प्रतीक हैं, यानी विश्वास की मूर्ति, दान की मूर्ति, प्रेम की मूर्ति। ये आठ मूर्तियाँ आठ मूल्य हैं, जिन पर हमारा सनातन धर्म आधारित है। ऐतिहासिक शख्सियतों, संतों और आचार्यों की मूर्तियां हैं, जिन्होंने इन मूल्यों को बनाए रखा है ।

भारतीय सभ्यता के अलावा अन्य देशों की प्राचीन सभ्यताओं का भी समावेश किया गया हैं- माया, एज्टेक, इजिप्शियन, अरबी, यूरोपीय, चीनी और अफ़्रीकी सभ्यता शामिल है। सभा हॉल की 3000 लोगों की क्षमता हैं। इसके अलावा सामुदायिक केंद्र, प्रदर्शनियाँ, अध्ययन और मजलिस कक्ष है।

मंदिर की विशेषता है कि एक मुस्लिम राजा ने एक हिंदू मंदिर के लिए भूमि दान की है। यहां मुख्य वास्तुकार कैथोलिक ईसाई है। परियोजना प्रबंधक एक सिख थे। संस्थापक डिजाइनर एक बौद्ध हैं। निर्माण कंपनी एक पारसी समूह की है और निर्देशक जैन परंपरा से आते हैं।

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– भारतीय मूल की भाविनी पटेल और क्रिस्टल कौल भी अमेरिकी राजनीति में हुई सक्रिय

वॉशिंगटन, 9 फरवरी (हि. स.)। भारतीय मूल की अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी की उम्मीदवारी के लिए दावेदारी कर रही निक्की हेली ने अमेरिकी नेतृत्व पर निशाना साधते हुए कहा कि भारत अमेरिका का साझेदार बनना चाहता है लेकिन कम भरोसे के कारण वह अपनी जरूरतों के लिए वह रूस से निकटता बनाए हुए है। भारतीय मूल की भाविनी पटेल और क्रिस्टल कौल भी अमेरिकी राजनीति में सक्रिय होते देखा जा सकता है।

रिपब्लिकन पार्टी की राष्ष्ट्रपति उम्मीदवार बनने के लिए निक्की हेली पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सामने डटकर खड़ी हैं। हालांकि आयोवा, न्यू हैंपशायर की पराजय के बाद नेवादा में भी शर्मनाक हार के बाद उन्होंने अपना ध्यान अब कैलिफोर्निया प्राइमरी के लिए केंद्रित कर दिया है। वहीं डेमोक्रेटिक पार्टी में प्रत्याशी के लिए जो बाइडन के सामने कोई खास नहीं चुनौती हैं, लेकिन रिपब्लिंकन पार्टी में घमासान है।

नेवादा में हेली को तगड़ा झटका लगा है, लेकिन उन्होंने कहा है कि वह दौड़ से हटने वाली नहीं हैं। लॉस एंजिलिस में उन्होंने इंडोर रैली में अपने समर्थकों से कहा कि वह कहीं नहीं जा रहीं। हेली ने एक सवाल के जवाब में कहा कि भारत बेहतर समन्वय से रूस से संबंध बनाए हुए है।

उन्होंने कहा कि मेरी पीएम नरेन्द्र मोदी से बात हुई है। भारत अमेरिका का साझेदार बनना चाहता है न कि रूस का। वहीं, ट्रंप ने अपने समर्थकों से कहा कि नेवादा प्राइमरी चुनाव को नजरअंदाज कर दीजिए, जनता ने हेली को शर्मनाक हार का मजा चखा दिया है। दूसरी ओर, डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवारी की दौड़ से लेखिका व अध्यात्मिक गुरु मैरिएन विलियमसन हट गई हैं। उन्होंने बुधवार को इसका एलान करते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि मैं प्रत्याशी बनने के लिए जो बाइडन को चुनौती दूं या सम्मानपूर्वक दौड़ से बाहर हो जाऊं। लेकिन मैंने अभियान रोकने का निश्चय कर लिया है। इस प्रकार बाइडन के सामने अब ज्ञात दावेदारों में केवल डील फिलिप्स बचे हैं।

इंडिया ऑन व्हील्स नाम से फूड ट्रक संचालित करने में अपनी मां की मदद करने वाली भारतवंशी भाविनी पटेल प्रतिनिधि सभा का चुनाव लड़ रही हैं। गुजराती मूल की 30 वर्षीया भाविनी पेन्सिलवेनिया के 12वें क्रांगेसनल डिस्ट्रक्ट से डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवारी के लिए दावा पेश कर रही हैं। भाविनी ने अपने अभियान के दौरान 3,10,000 डॉलर चंदा जुटाए हैं।

इसी प्रकार एक और भारतवंशी क्रिस्टल कौल वर्जीनिया के 10वें कांग्रेसनल जिले से डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवारी के लिए चुनौती पेश कर रही हैं। यह चुनाव लड़ने वाली वह पहली कश्मीरी महिला हैं। उन्होंने अभियान के दौरान 5,67,000 डालर चंदा जुटाए हैं। वह एक पूर्व अमेरिकी सेना अधिकारी और विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा विशेषज्ञ हैं।

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नई दिल्ली, 17 जनवरी (हि.स.)। ईरान ने पाकिस्तान में आतंकी समूह जैश अल-अदल के ठिकानों पर मंगलवार को मिसाइल और ड्रोन से हमला किया है। जैश अल-अदल सुन्नी आतंकवादी समूह है, जो मुख्यत: पाकिस्तान से अपनी गतिविधियों को अंजाम देता है।

ईरान के सरकारी मीडिया के हवाले से कहा गया है कि बलूची आतंकी समूह जैश-अल-अदल के दो ठिकानों को मिसाइलों से निशाना बनाया गया है। इससे एक दिन पहले ईरान के विशिष्ट रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स की ओर से इराक और सीरिया में टारगेट पर मिसाइल गिराई गई थीं। आतंकी समूह ने पहले पाकिस्तान के साथ सीमा क्षेत्र में ईरानी सुरक्षा बलों पर हमले किए हैं। ईरान के सरकारी मीडिया ने कहा कि आतंकी ठिकानों पर मिसाइलों और ड्रोनों से हमला कर उन्हें नष्ट कर दिया गया है।

ईरान ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर हमले का दावा ऐसे वक्त में किया है जब ईरानी विदेश मंत्री होसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन और पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवर काकड़ ने दावोस में विश्व आर्थिक फॉरम (डब्ल्यूईएफ) के मौके पर मुलाकात की है। हालांकि ईरान के इस दावे पर पाकिस्तान ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

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– आवामी लीग ने 300 सीटों में 200 पर जीत, मतगणना समाप्त होने के बाद की जाएगी अंतिम घोषणा

ढाका, 8 जनवरी (हि.स.)। बांग्लादेश चुनाव में प्रधानमंत्री शेख हसीना ने रविवार को गोपालगंज-3 सीट से 8वीं बार जीत के साथ सत्ता में चौथी बार सत्ता में वापसी की है। हसीना की पार्टी अवामी लीग ने हिंसा की छिटपुट घटनाओं तथा मुख्य विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) एवं उसके सहयोगियों के बहिष्कार के बीच हुए चुनावों में दो-तिहाई सीट पर जीत दर्ज की है। हसीना की पार्टी ने अब तक 300 सदस्यीय संसद में 200 सीट पर विजय हुई है। रविवार को हुए मतदान के बाद मतगणना अभी भी जारी है।

चुनाव आयोग के प्रवक्ता ने कहा कि हम अबतक उपलब्ध परिणामों के आधार पर अवामी लीग को विजेता कह सकते हैं लेकिन बाकी निर्वाचन क्षेत्रों में मतगणना खत्म होने के बाद अंतिम घोषणा की जाएगी। शेख हसीना 2,49,965 वोट मिले जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी एवं बांग्लादेश सुप्रीम पार्टी के एम निजाम उद्दीन लश्कर को महज 469 वोट ही मिले।

बांग्लादेश में मतदान खत्म हो चुका है और काउंटिंग जारी है। बांग्लादेश में छिटपुट हिंसा की घटनाओं के बीच रविवार को आम चुनाव समाप्त हुआ। मुख्य विपक्षी पार्टी बीएनपी और उसके सहयोगियों के बहिष्कार के बीच बांग्लादेश में रविवार को वोट डाले गए। सुबह आठ बजे शुरू हुआ मतदान शाम चार बजे खत्म हो गया। देश में 40 प्रतिशत मतदान हुआ। अंतिम नतीजे सोमवार तड़के तक आने की उम्मीद है।

मुख्य चुनाव आयुक्त काजी हबीबुल अवल ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि मतदान प्रतिशत का आंकड़ा बढ़ सकता है। 2018 के आम चुनाव में 80 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ था। चुनाव आयोग के एक प्रवक्ता ने कहा कि हिंसा की कुछ छिटपुट घटनाओं के अलावा, 300 में से 299 निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान काफी हद तक शांतिपूर्ण रहा। एक उम्मीदवार की मृत्यु के कारण आयोग ने एक सीट पर मतदान निलंबित कर दिया। कुल 1,970 उम्मीदवार मैदान में हैं।

सात केंद्रों पर अनियमितता के कारण मतदान रद कर दिया गया, जबकि सुरक्षा अधिकारियों को धमकी देने के कारण अवामी लीग के एक उम्मीदवार की उम्मीदवारी रद कर दी गई। चुनाव आयोग ने उद्योग मंत्री नुरुल माजिद महमूद हुमायूं के बेटे को नरसिंगडी में चुनावी धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार करने का भी आदेश दिया।

बांग्लादेश में आम चुनाव के दौरान रविवार को अवामी लीग के नेता की हत्या कर दी गई। अवामी लीग के नेता जिल्लुर रहमान सुबह मुंशीगंज में एक मतदान केंद्र के पास मृत पाए गए। वह मुंशीगंज-3 से एएल-नामांकित उम्मीदवार मृणाल कांति दास के समर्थक थे। मुंशीगंज एसपी असलम खान ने कहा कि शव बरामद कर लिया गया है, लेकिन मतदान केंद्र से हिंसा की कोई खबर नहीं है।

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काठमांडू, 23 नवंबर (हि.स.)। नेपाल के मकवानपुर जिले के चितलांग में गुरुवार सुबह 4.5 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए। नेपाल भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक 23 नवंबर की सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए। हालांकि, इन झटकों से किसी बड़े नुकसान की जानकारी नहीं है।

उल्लेखनीय है कि नेपाल में इसी महीने की शुरुआत में 3 नवंबर को 6.4 तीव्रता के भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे, जिसमें भारी तबाही हुई थी। उस दौरान 157 लोगों की मौत हो गई थी और हजारों की संख्या में लोग घायल हो गए थे।

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काठमांडू, 04 नवंबर (हि.स.)। पश्चिमी नेपाल में शुक्रवार देररात आए 6.4 तीव्रता के भूकंप से भारी तबाही हुई है। राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है। अब तक 154 लोगों के मरने की पुष्टि हुई है। राष्ट्रीय भूकंप निगरानी और अनुसंधान केंद्र के अनुसार, भूकंप रात 11:47 बजे आया। इसका केंद्र जाजरकोट जिले में था। इस बीच शनिवार सुबह भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नेपाल की भूकंप त्रासदी पर गहरी संवेदना जताई है। उन्होंने कहा है कि भारत, नेपाल को हर संभव सहायता देने को तैयार है।

अधिकारियों ने कहा है कि मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है। राहत और बचाव कर्मचारी मलबे में दबे लोगों की तलाश कर रहे हैं। अब तक जाजरकोट में मलबे के ढेर से 92 और रूकुम पश्चिम में 62 लोगों के शव निकाले जा चुके हैं। इस बीच भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भूकंप त्रासदी में जान गंवाने वालों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने शोक संदेश में कहा है कि इस आपदा की घड़ी में भारत, नेपाल को हर संभव मदद देने के लिए तैयार है।

नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्पकमल दाहाल प्रचंड प्रभावित क्षेत्र जाजरकोट पहुंच चुके हैं। नेपाली सेना की मेडिकल टीम और दवाइयों के साथ पहुंचे प्रचंड ने भूकंप प्रभावित का निरीक्षण कर रहे हैं। उन्होंने राहत और बचाव के काम में सभी से सहयोग की अपील की है। जाजरकोट और रूकुम के अस्पतालों में जगह नहीं बची है। अब घायलों को सुर्खेत और नेपालगंज के अस्पतालों में हेलीकॉप्टर के जरिए भेजा जा रहा है। आसपास के इलाकों से मेडिकल टीमें बुलाई गई हैं।

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