Chhapra: राजेन्द्र स्टेडियम परिसर में नवनिर्मित बॉक्स क्रिकेट ग्राउंड का सारण के सांसद राजीव प्रताप रुडी ने उद्घाटन किया।  जिलाधिकारी सारण अमन समीर की पहल से स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया (सेल) द्वारा उपलब्ध कराई गई सी एस आर निधि से इसका निर्माण कराया गया है। 

नवनिर्मित बॉक्स क्रिकेट ग्राउंड, क्रिकेट पिच एवं प्रैक्टिस टेनिस बॉल ग्राउन्ड का उद्घाटन करने के बाद सांसद ने क्रिकेट भी खेला।  इसके निर्माण में लगभग 90 लाख रुपये की लागत आई है।

इस अवसर पर जिलाधिकारी अमन समीर, पुलिस अधीक्षक डॉ कुमार आशीष सहित अन्य पदाधिकारी एवं क्रिकेट प्रेमी मौजूद थे।

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Chhapra: सारण जिला के बनियापुर प्रखण्ड अंतर्गत बारोपुर गाँव के छतीस वर्षीय उदय कुमार ने अपने साहसिक कार्यों से कीर्तिमान स्थापित किया है। भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने लैंड एडवेंचर में उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए उदय कुमार को तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार, 2023 से अलंकृत किया है। साथ ही राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने हौसलाफजाई करते हुए ट्वीट किया कि उदय कुमार ने पश्चिम सिक्किम के कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान में माउंट रेनॉक (16,500 फीट) पर सफलतापूर्वक चढ़ाई करके असाधारण साहस तथा दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन किया है और 780 वर्ग फुट का भारतीय ध्वज प्रदर्शित किया है। यह उपलब्धि सिर्फ सारण जिला ही नहीं बल्कि पूरे बिहार के लिए गर्व की बात है।

विदित हो कि तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय पुरस्कार भारत सरकार के खेल मंत्रालय द्वारा साहसिक कार्यों के लिए दिया जाता है। उदय कुमार अत्यंत साहसी व्यक्ति हैं। 29 अक्टूबर, 2015 को रेल दुर्घटना में एक पैर गंवा चुके उदय एक प्राइवेट कम्पनी मेंमामूली वेतन नौकरी करते हैं फिर भी ‘नो वर्क नो पे’ पर छुट्टियाँ लेकर मैराथन और पर्वतारोहण में भाग लेते रहते हैं, वे अपने जुनून को रोक नहीं पाते हैं। अभी तक लगभग सात दर्जन मैराथन-दौड़ में उदय कुमार भाग ले चुके हैं, जिसमें 21 किलोमीटर तक दौड़े हुए हैं। उदय कुमार को एक बेटा और एक बेटी भी है। दोनों बच्चे और पत्नी की जिम्मेदारी भी उदय के कंधों पर है। उन्हें आये दिन आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। बिहार सरकार ‘मेडल लाओ और नौकरी पाओ’ का नारा लगाती है लेकिन 91 प्रतिशत दिव्यांग उदय कुमार को आजतक बिहार सरकार से किसी प्रकार का सहयोग नहीं मिला है। यदि राज्य सरकार सहयोग करे तो उदय और बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं। उनका अगला लक्ष्य माउण्ट एवरेस्ट पर चढ़ना है और उन्हें पूरा विश्वास है कि एक न एक दिन वे एवरेस्ट की चोटी पर बैसाखी और अपने जुनून के सहारे चढ़कर तिरंगा लहरायेंगे।

 

 

ज्ञातव्य हो कि के टू के मिशन के तहत ग्रुप कैप्टन जय किशन के नेतृत्व में भारत की एक टीम अफ्रीकन देश तंजनिया की सर्वश्रेष्ठ चोटी किलिमंजारो पर चढ़कर 78वें स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में 7800 स्क्वायर फीट का तिरंगा झंडा लहराया था। उस टीम में शामिल वन लेग उदय कुमार ने बैसाखी के सहारे 19341 फिट ऊँची चोटी पर चढ़कर विश्व रिकॉर्ड बनाया था। 91 प्रतिशत दिव्यांग होते हुए बैसाखी के सहारे उतनी ऊँची चोटी पर चढ़ने वाले वे पहले पुरूष हैं। उस टीम ने तंजानिया में थल, जल एवं वायु तीनों जगह तिरंगा लहराया। रक्षा मंत्रालय के तहत कंचनजंघा से किलिमंजारो मिशन में ग्रुप कैप्टन जय किशन तथा उदय कुमार के अलावे सूबेदार मेजर महेन्द्र यादव, डॉ. श्रुति, पावेल, सुलोचना तामांग भी शामिल थीं। उस मिशन की सफलता में एडिशनल ज्वाइंट सेक्रेटरी दीप्ति चावला तथा सत्यजीत मोहंता की भी अहम भूमिका थी।

उदय कुमार को इस उपलब्धि के लिए डॉ. लालबाबू यादव, डॉ. दिनेश पाल, डॉ. सावन रॉय, डॉ. जियाउल होदा अंसारी, अनिल कुमार, डॉ. सूर्यदेव राम, डॉ. संदीप कुमार, डॉ. सूर्यदेव राम, रवि राय, डॉ. कन्हैया प्रसाद आदि ने बधाई एवं शुभकामनाएं दी।

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Chhapra: अखिल भारतीय विद्यार्थी के तत्वावधान में विवेकानंद दिवस सह युवा दिवस के अवसर पर युवा मैराथन का आयोजन राजेन्द्र स्टेडियम में हुआ।

लड़के और लड़कियों के दोनों वर्गों में सैकड़ों बच्चों ने इसमें भाग लिया। इन सभी बच्चों को मेडल और प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर भाजपा नेता शैलेन्द्र सेंगर ने कहा कि स्वामी विवेकानंद भारत के दूरदर्शी नेताओं में से एक थे, जिनकी विचारधारा और कार्य आज भी भारतीय युवाओं का मार्गदर्शन करते हैं। भारत के विकास में उनके योगदान को सम्मान देने के लिए, हर साल 12 जनवरी को उनकी जयंती पर राष्ट्रीय युवा दिवस (नेशनल यूथ डे) मनाया जाता है।

स्वामी विवेकानंद का मानना था कि किसी भी देश की सबसे बड़ी शक्ति, उस राष्ट्र के युवा हैं। स्वामी विवेकानंद का कहना था कि ‘तुम मुझे 100 युवा दो, मैं पूरे विश्व को बदल दूंगा।’ उनके इस पंक्ति से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि युवाओं में कितनी बड़ी शक्तियां समाहित है।

डा• पूनम सिंह ने कहा कि आज राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप हम विवेकानंद जी के आदर्शों पर बात कर रहे हैं ञऔर इसे कैसे अपने जीवन में आत्मसात करना है ये हमें सोचना है।

डा विवेकानंद तिवारी ने कहा कि इस दिन को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है, जो समाज में युवाओं के प्रेरक योगदान और युवा पीढ़ी को व्यक्तिगत विकास, आत्म-सुधार और सामाजिक प्रगति की दिशा में प्रयास करता है। राष्ट्रीय युवा दिवस विवेकानंद की विरासत का सम्मान करने और युवाओं को उनके पदचिन्हों पर चलने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए मनाया जाता है। यह याद रखने का दिन है कि किसी देश का भविष्य उसके युवाओं के हाथों में होता है और जब वे खुद को नेक कामों के लिए समर्पित करते हैं, तो देश अधिक ऊंचाइयों तक पहुंच जाता है।

डा जया पाण्डेय ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने एक बार कहा था, “उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए।” उनके शब्द हमेशा युवाओं के लिए मार्गदर्शक रहे हैं, जो उन्हें बाधाओं को तोड़ने, अपने सपनों का पीछा करने और चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रेरित करते हैं। यह दिन भारत के युवाओं को अपने लक्ष्यों पर अडिग रहने और समाज में सकारात्मक योगदान देने की याद दिलाता है।

इस अवसर पर जय प्रकाश विश्वविद्यालय छपरा के सीनेट सदस्य नवलेश कुमार सिंह,रजनीकांत सिंह, स्कूली विद्यार्थी कार्य प्रांत संयोजक, प्रशांत कुमार विभाग संयोजक, नीरज कुमार जिला संयोजक, अमर पाण्डेय जिला सह संयोजक, नीतू सिंह नगर उपाध्यक्ष, रविशंकर चौबे प्रांत कार्यकारणी सदस्य, सचिन चौरसिया सह संयोजक SFS, राजन कुमार, प्रांत कार्यकारणी सदस्य, गुलशन कुमार, अर्पित कुमार, नितेश महराज, अभिषेक आदि उपस्थित थे।

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Chhapra: सारण जिले के रिविलगंज प्रखंड अंतर्गत सेमरिया में शुक्रवार को श्रीनाथ बाबा स्पोटिंग क्लब के तत्वावधान में क्रिकेट टूर्नामेंट का भव्य आयोजन किया किया। यह क्रिकेट टूर्नामेंट भटकेशरी (जलालपुर) और छपरा के खिलाड़ियों के बीच खेला गया।

कार्यक्रम की शुरुआत सर्वप्रथम रिविलगंज प्रखंड के प्रखंड प्रमुख सह भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य डॉ० राहुल राज के कर कमलों द्वारा फीता काटकर किया गया। तत्पश्चात खेल प्रतियोगिता की शुरुआत हुई।

इस दौरान मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित डॉ० राहुल राज ने श्रीनाथ बाबा स्पोटिंग क्लब के सभी सदस्यों को शुभकामना व धन्यवाद देते हुए कहा कि आप सभी का प्रयास अत्यंत सराहनीय है। आज के इस खेल प्रतियोगिता में सभी ने अपने अथक प्रयास से इस आयोजन को सफल बनाने का कार्य किया। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह के आयोजन से नए खिलाड़ियों में भी खेल के प्रति उत्सुकता का भाव उत्पन्न होता है तथा बुद्धि बल का विकास भी। साथ ही देश दुनिया में वे इसके माध्यम से अपनी अलग पहचान भी कायम कर सकते हैं। इस प्रकार के खेल प्रतियोगिता के आयोजन से उन्हें एक नया आयाम भी मिलता है। दोनों पक्षों के प्रतिभागियों में खेल के प्रति अत्यधिक उत्साह और उमंग देखने को मिला।

अंततः छपरा की टीम को मात देते हुए भटकेशरी जलालपुर की टीम विजेता घोषित हुई। विजयी टीम के सभी प्रतिभागियों को सभी को अपना शुभकामना व मेडल सहित सहित शुभाशीष प्रदान करते हुए डॉ० राहुल राज ने उनका मनोबल बढ़ाया तथा उत्साहवर्धन भी किया और कहा कि खेल में तो हार जीत लगी रहती है, लेकिन हमें प्रयास से कभी पीछे नहीं भागना चाहिए। खेल की रोचकता वहां हजारों की संख्या में उपस्थित लोगों में भी देखने को मिली। आसपास के पूरे वातावरण में क्रिकेट टूर्नामेंट को लेकर खुशी का माहौल नजर आया।

इस मौके पर बी० डी० सी० चंदन, बी० डी० सी० शिव जी मांझी, शिव जी मुखिया, आकाश सिंह, श्रीभगवान राय, एस० आई० एस० मणिकांत कु० मणि, एस० आई० एस० अश्वनी कुमार, शंभु बाबा, सुरेन्द्र शर्मा समेत सैकड़ों लोग उपस्थित रहें।।

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नई दिल्ली, 9 जनवरी (हि.स.)। तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी के इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज और संभावित रूप से चैंपियंस ट्रॉफी के लिए भारतीय टीम में वापसी करने की उम्मीद है। नवंबर 2023 में विश्व कप फाइनल के बाद से बाहर चल रहे अनुभवी तेज गेंदबाज ने हाल ही में सफेद गेंद क्रिकेट खेलना फिर से शुरू किया है और उनके भारतीय टीम के लिए उपलब्ध होने की संभावना है।

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अनुसार, एनसीए की मेडिकल टीम शमी की बारीकी से निगरानी कर रही है, जिनकी दाहिनी एड़ी की सर्जरी हुई है। एड़ी ठीक हो गई है, लेकिन उनके घुटने में हल्की सूजन है, जिसके कारण उन्हें बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के बाद के चरणों के लिए विचार से बाहर कर दिया गया है। हाल ही में, शमी ने बंगाल के लिए विजय हजारे ट्रॉफी के कुछ खेलों में भाग लिया है और गुरुवार को बड़ौदा में हरियाणा के खिलाफ प्री-क्वार्टर फाइनल में फिर से खेलने के लिए तैयार हैं।  

जैसा कि बीसीसीआई ने कहा है, शमी राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) की मेडिकल टीम की निगरानी में हैं, और वह जहां भी जाते हैं, उनके साथ कम से कम एक एनसीए फिजियो या ट्रेनर रहता है। राजकोट में कुछ फिजियो या ट्रेनर थे, जहां शमी ने सैयद मुश्ताक अली टी20 ट्रॉफी में खेला था और हाल ही में, हैदराबाद में शमी और हार्दिक पांड्या दोनों की देखरेख करते हुए एक एनसीए फिजियो को देखा गया था।

चयन समिति के सदस्य शमी के प्रदर्शन का बारीकी से आकलन करने के लिए बड़ौदा में विजय हजारे ट्रॉफी के नॉकआउट मैचों में भाग लेने की संभावना है। शुरुआती संकेत बताते हैं कि उनकी गेंदबाजी पर कोई असर नहीं पड़ा है और वह काफी हद तक परेशानी मुक्त हैं। जबकि उनके वापस बुलाए जाने के लिए एनसीए की मंजूरी अनिवार्य है।

इस बीच, तेज गेंदबाज आकाश दीप के इंग्लैंड के खिलाफ आगामी सफेद गेंद की सीरीज में खेलने की संभावना नहीं है, साथ ही उनके कुछ मौजूदा भारतीय साथी भी इसमें शामिल नहीं होंगे। ऐसा माना जा रहा है कि पीठ दर्द के कारण ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांचवें और अंतिम टेस्ट से चूकने वाले आकाश दीप कम से कम एक महीने तक मैदान से बाहर रहेंगे। भारत लौटने पर, उन्हें बेंगलुरु में एनसीए या नए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में रिपोर्ट करना है।

सबसे पहले, आकाश दीप इंग्लैंड के खिलाफ पांच टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों के लिए उपलब्ध होने की संभावना नहीं है, जिनमें से पहला मैच 22 जनवरी को उनके गृहनगर कोलकाता में होना है। भले ही आकाश दीप ने अभी तक अपना सफ़ेद गेंद वाला डेब्यू नहीं किया है, लेकिन हाल के महीनों में उनके प्रदर्शन में उछाल आया है, और उन्हें चयन के लिए विचार किया जा सकता था, खासकर जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज की अनुपस्थिति में।

बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान काम के बोझ के कारण दोनों तेज गेंदबाजों के इंग्लैंड टी20 सीरीज से बाहर रहने की भी उम्मीद है। दोनों तेज गेंदबाजों ने सीरीज में 150 से अधिक ओवर फेंके और भविष्य की प्रतिबद्धताओं, खासकर चैंपियंस ट्रॉफी के लिए अपनी उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए उन्हें आराम की आवश्यकता है।

बुमराह के साथ स्थिति अनिश्चित बनी हुई है, क्योंकि चयनकर्ता एनसीए प्रबंधकों की रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि उन्हें उम्मीद है कि वह चैंपियंस ट्रॉफी (19 फरवरी-9 मार्च) के लिए फिट हो जाएंगे, लेकिन पीठ में ऐंठन के कारण एससीजी में दूसरी पारी में गेंदबाजी करने में असमर्थ रहे इस तेज गेंदबाज को एनसीए से मंजूरी की आवश्यकता होगी।

बुमराह के भी जल्द ही एनसीए में रिपोर्ट करने की उम्मीद है। चयन समिति से उम्मीद है कि वह बीसीसीआई एजीएम (12 जनवरी) के आसपास इंग्लैंड के खिलाफ दो सफेद गेंद की सीरीज और चैंपियंस ट्रॉफी के लिए एक अनंतिम टीम चुनने के लिए बैठक करेगी। इंग्लैंड 22 जनवरी से 12 फरवरी तक पांच टी20 और तीन वनडे खेलेगा।

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खेल के क्षेत्र में भी बिहार ने की बीते वर्ष उल्लेखनीय प्रगति 

पटना: बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार में हर क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। शासन-प्रशासन, रोजगार सहित खेल के क्षेत्र में भी बीते एक वर्ष में काफी उपलब्धियां हासिल की है। इसमें अन्तराष्ट्रीय महिला हॉकी चैम्पियनशीप का आयोजन भी शामिल था, जिससे बिहार ने पूरे देश में अपना लोहा मनवाया।

राज्य सरकार ने बीते सितम्बर-2024 को राज्य में खेल के विकास के लिए खेल विभाग का गठन किया था। विभाग के एक वर्ष पूर्ण होने के साथ साथ विभाग द्वारा बिहार के प्रतिभावान खिलाड़ियो के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किये गए।

राज्य के मेद्यावी खिलाड़ियो को रोजगार के भी नये अवसर उपलब्ध कराये जा रहे है। इसी कड़ी में “मेडल लाओं नौकरी पाओ योजना” के तहत अब तक राज्य के वैसे खिलाड़ी जो राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पदक प्राप्त किये हुये है। वैसे 71 खिलाड़िओं को सरकारी नौकरी दी जा चुकी है। राज्य के प्रत्येक मध्य विद्यालय एवं उच्च विद्यालय के लगभग 60 लाख खिलाड़िओं के बीच 05 खेल विद्या में प्रतियोगिता कर उनका चयन किया जाएगा। इसमें उत्कृष्ट प्रर्दशन करने वाले खिलाड़िओं के पौषटिक आहार एवं भविष्य में उन्हें वेहतर खिलाडी बनाने के लिए सभी आवश्यक सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।

बिहार महिला एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी का भव्य आयोजन

11 नवम्बर से 20 नवम्बर, 2024 तक राजगीर खेल अकादमी परिसर में अंतरराष्ट्रीय एशियाई महिला चैंपियंस ट्रॉफी का आयोजन किया गया जिसमें भारतीय हॉकी महिला टीम विजेता बनी।

खेल छात्रवृत्ति

बिहार सरकार खेल को बढ़ावा देने एवं खिलाड़िओं के बेहतर भविष्य को लेकर प्रतिबद्ध है और इसी कड़ी में सभी खिलाड़िओं को खेल छात्रवृत्ती योजना पास की गई है। जिसमें तीन स्तर पर लाभ दिया जाएगा। हाल ही में 123 उभरते खिलाड़ियों का सक्षम छात्रवृत्ति के अंतर्गत चयन हुआ। इसके अंतर्गत प्रति खिलाड़ी प्रति वर्ष 5 लाख की छात्रवृत्ति का प्रावधान है। उत्कर्ष छात्रवृत्ति तथा प्रेरणा छात्रवृत्ति के लिए चयन प्रक्रिया जारी है।

राज्य के प्रत्येक प्रमंडलीय मुख्यालय में अंतरराष्ट्रीय स्तर के खेल अवसंरचना का निर्माण कराया जा रहा। साथ ही सभी प्रखण्ड में आउटडोर स्टेडियम का निर्माण कराया जा रहा है। राज्य के सभी ग्राम एवं नगर पंचायतो में खेल मैदान निर्माण कराने का भी कार्य किया जा रहा है एवं साथ ही सभी पंचायतों में खेल को बढ़ावा देने के लिए स्पोर्टस क्लब के गठन पर भी कार्य किया जा रहा है। खेल सम्मान

बिहार के सभी प्रतिभावान खिलाड़ियो को राष्ट्रीय खेल दिवस 29 अगस्त को पुरस्कार के रूप में राशि प्रदान की जाती है एवं राज्य में “खेल सम्मान समारोह” मनाई जाती है। पिछले वर्ष दिनांक 29 अगस्त 2024 को 644 खिलाड़ी, प्रशिक्षक को कुल राशि 7,48,71,126/- (सात करोड़ अड़तालीस लाख एकहत्तर हजार एक सौ छब्बिस) रुपये वितरित की गई।

राजगीर खेल अकादमी तथा विश्वविद्यालय

2024 में राजगीर खेल अकादमी का उद्घाटन किया गया जहां करीब 23 खेल विद्या से संबंधित प्रशिक्षण की सुविधा उपलब्ध है। साथ ही बिहार खेल विश्वविद्यालय का भी उद्घाटन किया गया जहां भविष्य में खेल एवं शारीरिक शिक्षा से संबंधित पाठ्यक्रम की सुविधा उपलब्ध करायी जाएगी।

वर्ष 2025 में राज्य में कई अंतरराष्ट्रीय खेल कराने का प्रस्ताव है.

1. 7-12 मार्च 2025 विश्व महिला कबड्डी राजगीर (नालंदा) में कराया जाएगा।

2. 18-26 मार्च 2025 विश्व सेपक टाकरा पुरूष महिला प्रतियोगिता- पाटलिपुत्र खेल परिसर कंकड़बाग, पटना।

3. 14 अप्रैल-14 मई 2025 खेलो इंडिया यूथ गेम्स एवं खेलो इंडिया पैरा गेम्स राज्य के 6 जिला – पटना, गया, राजगीर (नालंदा), भागलपुर, बेगूसराय, मुंगेर में कराया जाएगा।

4. 08-11 अगस्त 2025 में अन्डर-20 महिला पुरूष का एशियन रग्वि-7 चैम्पियनशीप पाटलिपुत्र खेल परिसर कंकड़बाग, पटना।

5. 28 अगस्त से 8 दिसंबर 2025 से हिरो पुरुष एशियाई हॉकी का राजगीर (नालंदा) में आयोजन कराया जाएगा।

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नई दिल्ली, 08 जनवरी (हि.स.)। मार्टिन गुप्टिल ने आधिकारिक तौर पर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की पुष्टि कर दी है। उन्होंने आखिरी बार अक्टूबर 2022 में न्यूजीलैंड के लिए खेला था। हालांकि 38 वर्षीय गुप्टिल दुनिया भर की टी20 लीगों में खेलना जारी रखेंगे। उन्होंने आखिरी बार 2022 में ब्लैक कैप्स के लिए खेला था।

गुप्टिल वर्तमान में न्यूजीलैंड की घरेलू टी20 प्रतियोगिता सुपर स्मैश में ऑकलैंड के लिए खेल रहे हैं, और उन्होंने पीएसएल ड्राफ्ट के लिए भी साइन अप किया है, जहां इस्लामाबाद यूनाइटेड के पास उन्हें बनाए रखने का विकल्प है।

गुप्टिल ने 198 एकदिवसीय मैचों में 7346 रन बनाकर न्यूजीलैंड के लिए सफेद गेंद के महान खिलाड़ी के रूप में अंतरराष्ट्रीय मंच छोड़ा। केवल रॉस टेलर (8607) और स्टीफन फ्लेमिंग (8007) ने ब्लैक कैप्स के लिए प्रारूप में उनसे अधिक रन बनाए हैं। टी20 क्रिकेट में, वह अब भी न्यूजीलैंड के सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं। उन्होंने 122 मैचों में 31.81 के औसत और 135.70 के स्ट्राइक रेट से 3531 रन बनाए हैं। गुप्टिल ने 2009 से 2016 तक 47 टेस्ट भी खेले, हालांकि उन्हें सबसे लंबे प्रारूप में उतनी सफलता नहीं मिली, उन्होंने 29.38 की औसत से 2586 रन बनाए।

अपने संन्यास की घोषणा के साथ गुप्टिल ने कहा, “एक छोटे बच्चे के रूप में न्यूजीलैंड के लिए खेलना हमेशा मेरा सपना था और मैं अपने देश के लिए 367 खेल खेलने के लिए अविश्वसनीय रूप से भाग्यशाली और गौरवान्वित महसूस करता हूं। मैं लोगों के एक महान समूह के साथ सिल्वर फर्न पहनकर बनाई गई यादों को हमेशा संजोकर रखूंगा। मैं वर्षों से अपने सभी टीम-साथियों और कोचिंग स्टाफ को बहुत-बहुत धन्यवाद देना चाहता हूं, विशेष रूप से मार्क ओ’डोनेल को, जिन्होंने तब से मुझे प्रशिक्षित किया है। अंडर 19 स्तर और मेरे करियर में निरंतर समर्थन और ज्ञान का स्रोत रहा हूं।”

न्यूजीलैंड क्रिकेट (एनजेडसी) के एक बयान में गुप्टिल ने कहा, वो दुनिया भर की विभिन्न टी20 लीगों में खेलना जारी रखेंगे।

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नई दिल्ली, 08 जनवरी (हि.स.)। पिछला सप्ताह टेस्ट क्रिकेट से भरपूर रहा, जिसमें तीन शृंखलाएं संपन्न हुईं। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी, दक्षिण अफ्रीका की पाकिस्तान के खिलाफ दो मैचों की टेस्ट शृंखला और जिम्बाब्वे की अफगानिस्तान के खिलाफ दो मैचों की टेस्ट शृंखला शामिल हैं। तीनों शृंखलाओं के आखिरी मैच में दमदार प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) द्वारा जारी ताजा टेस्ट रैंकिंग में फायदा हुआ है।

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने बुधवार को पुरुष खिलाड़ियों की ताजा टेस्ट रैंकिंग जारी की है। भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह पुरुष टेस्ट गेंदबाजी रैंकिंग में टॉप पर बने हुए हैं। वहीं ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज स्कॉट बोलैंड ने 29 स्थान की लंबी छलांग लगाकर टॉप 10 में जगह बना ली है। बुमराह ने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के तहत खेली गई पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में सबसे ज्यादा 32 विकेट झटके थे। वे 908 रेटिंग अंक के साथ नंबर 1 टेस्ट गेंदबाज बने हुए हैं। बुमराह के अलावा अनुभवी स्पिनर रवींद्र जडेजा टॉप 10 में रहने वाले दूसरे भारतीय गेंदबाज हैं। जडेजा 745 रेटिंग अंक के साथ 9वें स्थान पर हैं।

ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज स्कॉट बोलैंड ने भारत के खिलाफ सिडनी टेस्ट में भारतीय बल्लेबाजों को काफी परेशान किया था। बोलैंड ने सिडनी टेस्ट में 86 रन देकर कुल 10 विकेट झटके थे। उनके प्रयासों ने ऑस्ट्रेलिया की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी को फिर से हासिल करने के लिए ऑस्ट्रेलिया का एक दशक का लंबा इंतजार खत्म हुआ। यह सीरीज ऑस्ट्रेलिया ने 3-1 से अपने नाम की। बोलैंड आखिरी मैच में मैन ऑफ द मैच रहे थे। अब बोलैंड ने आईसीसी पुरुष टेस्ट गेंदबाजी रैंकिंग में 29 पायदान की लंबी छलांग लगाते हुए पहली बार आईसीसी पुरुष टेस्ट गेंदबाजी रैंकिंग में शीर्ष 10 में जगह बनाई है। वे 745 रेटिंग अंक के साथ जडेजा के साथ संयुक्त रूप से नौवें स्थान पर हैं।

इनके अलावा एक स्थान के फायदे के साथ दूसरे स्थान पर ऑस्ट्रेलिया के कप्तान पैट कमिंस हैं। कमिंस के 841 रेटिंग अंक हैं। वहीं दक्षिण अफ्रीका के तेज गेंदबाज कगीसो रबाडा भी एक स्थान का फायदा लेते हुए 837 रेटिंग अंक के साथ तीसरे स्थान पर आ गए हैं। रबाडा ने पाकिस्तान के खिलाफ आखिरी टेस्ट में कुल 6 विकेट लिए थे। ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज जोश हेजलवुड को दो स्थान का नुकसान हुआ है वे 835 रेटिंग अंक के साथ चौथी रैंक पर आ गए हैं।

भारत के विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत को तीन स्थान का फायदा हुआ है। वह 739 रेटिंग अंक के साथ नौवें पर पहुंच गए हैं। उन्होंने सिडनी में आखिरी टेस्ट में दूसरी पारी में 33 गेंदों में 61 रनों की तूफानी पारी खेली थी।

पाकिस्तान पर आखिरी मैच में 10 विकेट की जीत के बाद दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों ने भी काफी प्रगति की है। रयान रिकेल्टन की मैच विजयी 259 रनों की पारी ने उन्हें 48 पायदान ऊपर चढ़ाकर 55वें स्थान पर पहुंचा दिया है, जबकि कप्तान टेम्बा बावुमा (तीन पायदान ऊपर चढ़कर करियर के सर्वश्रेष्ठ छठे स्थान पर) और विकेटकीपर काइल वेर्रेने (चार पायदान ऊपर चढ़कर 24वें स्थान पर) भी शतकों के बाद आगे बढ़े हैं। अफगानिस्तान के रहमद शाह (26 स्थान ऊपर 26वें) और जिम्बाब्वे के क्रेग एर्विन (10 स्थान ऊपर 37वें) बल्लेबाजी रैंकिंग में आगे बढ़ने वाले अन्य खिलाड़ियों में शामिल हैं।

दक्षिण अफ्रीका के मार्को जेनसन, जिन्हें 10 विकेट और 80 रन बनाकर ‘प्लेयर ऑफ द सीरीज’ चुना गया, ऑलराउंडरों की सूची में दो स्थान ऊपर उठकर दूसरे स्थान पर पहुंच गए हैं।

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उत्तराखंड देवभूमि के साथ-साथ खेलभूमि के रूप में भी अपनी पहचान स्थापित कर रहा है : मुख्यमंत्री धामी
हरिद्वार, 08 जनवरी (हि.स.)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को इंडोर स्टेडियम रोशनाबाद में 50वीं राष्ट्रीय जूनियर कबड्डी चैंपियनशिप का शुभारंभ किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड को राष्ट्रीय जूनियर कबड्डी चैंपियनशिप की मेजबानी करने का अवसर प्राप्त होना गर्व की बात है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कबड्डी हमारे देश का प्राचीन खेल होने के साथ-साथ एक विशिष्ट खेल भी है। इस खेल में सफलता के लिए जहां एक ओर खिलाड़ी की फुर्ती, ताकत और गति महत्वपूर्ण होती है वहीं दूसरी ओर खिलाड़ियों में धैर्य और टीम स्पिरिट की भी आवश्यकता होती है। इसमें सिर्फ शारीरिक दम-खम ही नहीं बल्कि मानसिक मजबूती की भी जरूरत पड़ती है। उन्होंने कहा कि वे भी अपने स्कूल के दिनों में कबड्डी खेला करते थे।

उन्होने कहा कि खेलों को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जहां एक ओर फिट इंडिया मूवमेंट और खेलो इंडिया योजना शुरू की, वहीं दूसरी ओर देश में एक मजबूत स्पोर्ट्स इकोसिस्टम की नींव भी रखी। प्रदेश में जहां एक ओर नई खेल नीति लागू कर राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक लाने वाले खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी देने की व्यवस्था की गई है, वहीं प्रदेश के आवासीय स्पोर्ट्स कॉलेजों में खिलाड़ियों को निःशुल्क प्रशिक्षण, शिक्षा, आवास, भोजन व किट आदि भी प्रदान किए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रदेश में 8 वर्ष की उम्र से ही प्रतिभावान बच्चों को तैयारी करने के लिए खेल-छात्रवृत्ति देने, खिलाड़ियों के लिए 4 प्रतिशत आरक्षण पुनः लागू करने एवं प्रदेश के खिलाड़ियों को दी जाने वाली पुरस्कार राशि को दोगुना करने जैसे अनेकों निर्णयों के माध्यम से प्रदेश के खिलाड़ियों को लगातार प्रोत्साहित किया जा रहा है। शीघ्र ही राज्य में खेल विश्वविद्यालय की स्थापना की जायेगी, जिससे हमारे प्रदेश के खिलाड़ियों को विश्वस्तरीय प्रशिक्षण, सुविधाएं और अधिक अवसर प्राप्त हो सकेंगे।

उन्होंने कहा कि हमारे इन प्रयासों का ही परिणाम है कि आज उत्तराखंड, देवभूमि के साथ-साथ खेलभूमि के रूप में भी अपनी पहचान स्थापित कर रहा है। हम सभी के लिए यह भी हर्ष का विषय है कि आगामी 28 जनवरी से उत्तराखंड में 38वें राष्ट्रीय खेलों का आयोजन होने जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में नए खेल मैदानों का निर्माण करने के साथ पहले से बने स्टेडियमों का पुनर्निर्माण किया जा रहा है। वाटर स्पोर्ट्स के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने और साइकिलिंग ट्रैक का निर्माण करने के साथ ही शूटिंग रेंज को अत्याधुनिक उपकरणों से सुसज्जित किया गया है।

इस अवसर पर जिलाधिकारी कर्मेन्द्र सिंह, एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोबाल, एचआरडीए उपाध्यक्ष अंशुल सिंह, मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोण्डे, राष्ट्रीय कबड्डी एसोसिएशन के अध्यक्ष देवी सिंह गहलोत, उत्तराखंड कबड्डी एसोसिएशन के अध्यक्ष महेश जोशी, उत्तरांचल ओलंपिक एसोसिएशन के महासचिव डीके सिंह, पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद, पूर्व विधायक कुंवर प्रणब सिंह चौम्पियन, संजय गुप्ता, देशराज कर्णवाल, सुरेश राठौर, सहित अन्य व्यक्ति एवं खिलाडी उपस्थित थे।

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लखनऊ, 07 जनवरी (हि.स.)। उज्बेकिस्तान की यूथ अंडर-18 टीम ने आईएचएफ ट्रॉफी पुरुष यूथ व जूनियर हैंडबॉल (कांटिनेंटल फेज-एशिया) का खिताब मेजबान भारत को 47-23 से हराकर जीता। जूनियर अंडर-20 के फाइनल में भी उज्बेकिस्तान ने जीत दर्ज की, जिसने कजाखिस्तान को 38-18 से हराया। चैम्पियनशिप की यूथ व जूनियर विजेता टीम अब इंटरकांटिनेंटल फेज में चुनौती पेश करेगी।

केडी सिंह बाबू स्टेडियम के नवनिर्मित भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी बहुउद्देश्यीय हाल में आयोजित चैम्पियनशिप में भारत की यूथ टीम उपविजेता रही जबकि जूनियर टीम ने कांस्य पदक अपने नाम किया। चैम्पियनशिप के समापन समाराह में अतिथिगण के.रविंद्र नायक (आईएएस, प्रमुख सचिव , सचिवालय प्रशासन), वीके सिंह (आईपीएस, अपर पुलिस महानिदेशक), सुहास एल वाई (आईएएस, सचिव खेल, उत्तर प्रदेश शासन) व विराज सागर दास (अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश ओलंपिक एसोसिएशन) ने विजेता व उपविजेता टीमों को पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया।

समापन समारोह की अध्यक्षता करते हुए हैंडबॉल एसोसिएशन इंडिया के कार्यकारी निदेशक डा.आनन्देश्वर पाण्डेय ने भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी बहुउद्देश्यीय हाल के निर्माण की सराहना करते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार निर्मित इस क्रीड़ा संकुल के होने के चलते ही लखनऊ में यह आयोजन किया जा सका। इस बड़ी पहल के लिए मैं उत्तर प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदशन व खेल मंत्री गिरीश चंद्र यादव के प्रयासों की सराहना करता हूं। उन्होंने बताया कि इस हाल का निर्माण उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम लिमिटेड इकाई 21 के प्रोजेक्ट मैनेजर पीके जैन के निर्देशन में उच्च गुणवत्ता के साथ बहुत कम समय में पूरा कराया गया। अंत में हैंडबॉल एसोसिएशन इंडिया के महासचिव डा.तेजराज सिंह ने उपस्थित अतिथिगण व प्रतिभागी खिलाड़ियों का आभार जताया।

मंगलवार को समापन समारोह में आईएचएफ से टेक्निकल डेलीगेट यूएई से सालेह मोहम्मद सईद, हैंडबॉल एसोसिएशन इंडिया के कोषाध्यक्ष विनय कुमार सिंह, उत्तर प्रदेश बैडमिंटन एसोसिएशन के सचिव डा.सुधर्मा सिंह, उत्तर प्रदेश हैंडबॉल एसोसिएशन के आयोजन सचिव अमित पाण्डेय, लखनऊ हैंडबॉल एसोसिएशन के सचिव डा.सुमंत पाण्डेय सहित अन्य पदाधिकारीगण व खेल प्रेमी मौजूद थे।

आज यूथ वर्ग के फाइनल में भारत के खिलाफ शुरू से ही उज्बेकिस्तान ने अटैकिंग गेम दिखाया और लगातार गोल दागते हुए अपनी मजबूत पकड़ बनाये रखी।

उज्बेक खिलाड़ियों ने अनुभव व फुर्ती के सहारे पहले हॉफ में मेजबान के खिलाफ 25-13 से बढ़त बना ली। भारतीय खिलाड़ियों ने कई मौको पर आक्रामक खेल दिखाया लेकिन मिले मौकों को वो भुना नहीं सके। इसके चलते उज्बेक खिलाड़ियो ने अंतर बढ़ाते हुए 47-23 से जीत हासिल की। विजेता टीम से योरकुलोव ने 9, तुर्गुनोव कुवोंचबेक ने 7, सफारोव ने 8 व अब्दुकरिमोव ने 6 गोल किए। भारत की ओर से रवि ने 7, अंशु व प्रवीण गिल ने 5-5, जबकि मनीष यादव ने 4 व सुयश अवस्थी ने 2 गोल किए।

जूनियर वर्ग के फाइनल में उज्बेकिस्तान ने कजाखिस्तान को 38-18 से हराया। मध्यांतर तक उज्बेकिस्तान 17-6 से आगे था। उज्बेकिस्तान से एशंकुलोव जलोलिद्दीन ने 8, राखत जोल्दास्बाएव ने 6 व रहिमोव ने 5 गोल किए। कजाखिस्तान से मिखाइल सालमोव व अज़ीज़ान रकीमज़ानोव ने 5-5 गोल किए।

इससे पूर्व तीसरे स्थान के मैच में भारतीय जूनियर अंडर-20 टीम ने बांग्लादेश को 40-24 से हराकर कांस्य पदक जीता। भारत मध्यांतर तक 17-9 से आगे था। भारत के लिए जसप्रीत सिंह व मोहित ने सर्वाधिक 9-9 गोल दागे। यूथ अंडर-18 में तीसरे स्थान के मैच में कजाखिस्तान ने कांस्य पदक जीता जिसने बांग्लादेश को 33-29 से हराया। विजेता टीम से वादिम कैसिन ने सर्वाधिक 15 गोल किए।

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सिडनी, 4 जनवरी (हि.स.)। गेंदबाजों के शानदार प्रदर्शन की बदौलत भारत ने यहां शनिवार को बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पांचवें और अंतिम टेस्ट मैच के दूसरे दिन ऑस्ट्रेलिया को 181 रनों पर समेट दिया। पहली पारी के आधार पर भारत को 4 रन की बढ़त मिली। भारतीय टीम ने अपनी पहली पारी में 185 रन बनाए थे।

ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी की शुरुआत खराब रही और ऑस्ट्रेलियाई टीम ने केवल 9 रन पर अपना पहला विकेट खो दिया। उस्मान ख्वाजा केवल 2 रन बनाकर बुमराह का शिकार बने।

बुमराह ने इसके बाद 15 के कुल स्कोर पर मार्नश लाबुशेन (02) को पंत के हाथों कैच कराकर ऑस्ट्रेलिया को दूसरा झटका दिया। 35 के कुल स्कोर पर मोहम्मद सिराज ने सैम कोंस्टास को यशस्वी जायसवाल के हाथों कैच कराकर भारत को तीसरी सफलता दिलाई। ट्रेविस हेड कुछ खास नहीं कर सके और केवल 4 रन बनाकर 39 के कुल स्कोर पर सिराज का दूसरा शिकार बने।

यहां से स्टीव स्मिथ और ब्यू वेबस्टर ने पांचवें विकेट के लिए 57 रनों की साझेदारी कर ऑस्ट्रेलियाई टीम को वापसी दिलाने की कोशिश की, हालांकि 96 के कुल स्कोर पर प्रसिद्ध कृष्णा ने स्मिथ को आउट कर भारत को बड़ी राहत दिलाई।

स्मिथ के आउट होने के बाद एलेक्स कैरी और वेबस्टर ने छठे विकेट के लिए 41 रनों की साझेदारी कर ऑस्ट्रेलियाई टीम का स्कोर 137 रनों तक पहुंचाया। इसी स्कोर पर प्रसिद्ध कृष्णा ने कैरी को बोल्ड कर ऑस्ट्रेलिया को छठा झटका दिया। कैरी ने 21 रन बनाए। 161 के कुल स्कोर पर नीतीश रेड्डी ने कप्तान पैट कमिंस (10) को चलता कर भारत को सातवीं सफलता दिलाई।

एक तरफ गिर रहे विकेटों के बीच दूसरे छोर पर खड़े वेबस्टर ने टेस्ट क्रिकेट में अपना पहला अर्धशतक पूरा किया।

164 के कुल स्कोर पर नीतीश रेड्डी ने मिचेल स्टॉर्क को आउट कर भारत को आठवीं सफलता दिलाई। स्टॉर्क के आउट होने के बाद 166 के स्कोर पर प्रसिद्ध कृष्णा ने वेबस्टर को भी पवेलियन भेज दिया। वेबस्टर ने 57 रनों की बेहतरीन अर्धशतकीय पारी खेली।

181 के कुल स्कोर पर सिराज ने स्कॉट बोलैंड को बोल्ड कर ऑस्ट्रेलियाई पारी का समापन किया।

भारत की तरफ से मोहम्मद सिराज और प्रसिद्ध कृष्णा ने 3-3, जबकि जसप्रीत बुमराह और नीतीश रेड्डी ने 2-2 विकेट लिया।

भारत की पहली पारी 185 रन पर सिमटी

इससे पहले भारत ने अपनी पहली पारी में 185 रन बनाए। भारत के लिए ऋषभ पंत ने सर्वाधिक 40 रन बनाए। पंत के अलावा रवींद्र जडेजा ने 26, कप्तान जसप्रीत बुमराह ने 22 और शुभमन गिल ने 20 रन बनाए। ऑस्ट्रेलिया की तरफ से स्कॉट बोलैंड ने सर्वाधिक 4 विकेट लिए। बोलैंड के अलावा मिचेल स्टॉर्क ने तीन, पैच कमिंस ने 2 और नाथन लियोन ने 1 विकेट लिया।

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सिडनी, 4 जनवरी (हि.स.)। भारत के मौजूदा कप्तान रोहित शर्मा ने महत्वपूर्ण सिडनी टेस्ट से अपने बाहर होने को लेकर कहा कि उन्होंने कोच और चयनकर्ता से बात करने के बाद यह फैसला किया।

रोहित ने सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर दूसरे दिन लंच ब्रेक के दौरान प्रसारणकर्ताओं से कहा, “कोच और चयनकर्ता के साथ मेरी बातचीत बहुत साधारण थी – मेरे बल्ले से रन नहीं आ रहे थे, फॉर्म में नहीं हूं और यह एक महत्वपूर्ण मैच है इसलिए हमें फॉर्म में चल रहे खिलाड़ियों की जरूरत है। आप टीम में कई खराब फॉर्म वाले खिलाड़ियों को नहीं रख सकते।”

न्होंने कहा, “यह सरल पहलू मेरे दिमाग में चल रहा था। इसलिए मुझे लगा कि मुझे कोच और चयनकर्ता को यह बताना चाहिए… कि मैं इस तरह से सोच रहा हूँ। उन्होंने मेरे फैसले का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि आप इतने सालों से खेल रहे हैं, आप जानते हैं कि क्या करना है और क्या नहीं करना है। मेरे लिए यह एक कठिन निर्णय था, लेकिन यह एक समझदारी भरा निर्णय भी था। मैं बहुत आगे के बारे में नहीं सोचना चाहता था। अभी इस समय केवल यही सोचना था कि टीम को क्या चाहिए।”

भारत मेलबर्न में मनोबल तोड़ने वाली हार के बाद सिडनी पहुंचा, जहां उसने मैच ड्रा करने और अंतिम मैच में बराबरी पर रहने का मौका गंवा दिया। भारत ने अपने आखिरी सात विकेट 34 रन पर गंवा दिए और अंतिम सत्र में ढेर हो गया और मेजबान टीम को 2-1 से सीरीज में बढ़त दिला दी। रोहित, जिन्होंने शीर्ष क्रम में वापसी करने का फैसला किया, लगातार असफल रहे और उन्होंने 3 और 9 रन बनाए। उन्होंने सीरीज की कुल पांच पारियों में केवल 31 रन बनाए।

रोहित ने कहा, “यह फैसला मैंने यहां पहुंचने के बाद लिया क्योंकि खेल खत्म होने के बाद हमारे पास बीच में केवल तीन दिन थे। उसमें भी एक दिन नया साल था। मैं नए साल पर कोच और चयनकर्ताओं को इस फैसले के बारे में नहीं बताना चाहता था। लेकिन मेरे दिमाग में यह चल रहा था कि मैं बहुत कोशिश कर रहा हूं लेकिन यह मेरे लिए नहीं हो रहा है। इसलिए मुझे यह स्वीकार करना पड़ा कि यह नहीं हो रहा है और मेरे लिए इससे अलग होना महत्वपूर्ण था।”

रोहित के लिए यह कठिन फैसला काफी आत्म-जागरूकता के साथ आया, लेकिन उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि वह अभी भी खेल से बाहर नहीं हुए हैं।

उन्होंने कहा, “यह निर्णय संन्यास का निर्णय नहीं है। न ही मैं खेल से अलग होने जा रहा हूँ। मैं इस टेस्ट से बाहर हो गया क्योंकि बल्ला अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहा था… इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि मैं दो या पाँच महीने बाद रन नहीं बना पाऊँगा। हमने क्रिकेट में यह अक्सर देखा है कि हर मिनट, हर सेकंड, हर रोज़ ज़िंदगी बदलती है। इसलिए मुझे खुद पर भरोसा है कि चीज़ें बदलेंगी। साथ ही, मुझे यथार्थवादी भी होना होगा।”

उन्होंने कहा, “आप जानते हैं, अगर कोई माइक, लैपटॉप या पेन लेकर आता है… तो वे जो कहते हैं, उससे हमारी ज़िंदगी नहीं बदलती। हम इतने लंबे समय से यह खेल खेल रहे हैं। ये लोग तय नहीं कर सकते कि हमें कब खेलना चाहिए, कब नहीं, कब हमें बाहर बैठना चाहिए या कब मुझे कप्तानी करनी चाहिए। मैं समझदार हूँ, परिपक्व हूँ, दो बच्चों का पिता हूँ… इसलिए मुझे इस बात का थोड़ा अंदाजा है कि मुझे ज़िंदगी में क्या चाहिए।”

अपने फ़ैसले के बारे में आगे बताते हुए रोहित ने बताया कि यह कितना मुश्किल था, लेकिन टीम की भलाई के लिए उन्हें यह फ़ैसला लेना पड़ा।

उन्होंने कहा, “यह बहुत-बहुत मुश्किल है। मैं इतनी दूर से आया हूँ। क्या मैं बाहर बैठने आया हूँ? मैं अपनी टीम के लिए खेलना और जीतना चाहता हूँ। 2007 में जब मैं पहली बार ड्रेसिंग रूम में आया था, तब से यही चल रहा है… मुझे अपनी टीम के लिए खेल जीतना है। कभी-कभी आपको यह समझने की ज़रूरत होती है कि टीम को क्या चाहिए। अगर आप टीम को आगे नहीं रखते हैं, तो इसका कोई फ़ायदा नहीं है। आप अपने लिए खेलते हैं, रन बनाते हैं और मौज-मस्ती करते हैं… इसका क्या फायदा? अगर आप टीम के बारे में नहीं सोचते, तो आपको उस तरह के खिलाड़ी नहीं चाहिए। हम इसे टीम क्यों कहते हैं? क्योंकि इसमें 11 खिलाड़ी खेलते हैं, एक या दो खिलाड़ी नहीं। टीम के लिए जो ज़रूरी है, उसे करने की कोशिश करें।”

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