Chhapra: सारण जिला के बनियापुर प्रखण्ड अंतर्गत बारोपुर गाँव के छतीस वर्षीय उदय कुमार ने अपने साहसिक कार्यों से कीर्तिमान स्थापित किया है। भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने लैंड एडवेंचर में उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए उदय कुमार को तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार, 2023 से अलंकृत किया है। साथ ही राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने हौसलाफजाई करते हुए ट्वीट किया कि उदय कुमार ने पश्चिम सिक्किम के कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान में माउंट रेनॉक (16,500 फीट) पर सफलतापूर्वक चढ़ाई करके असाधारण साहस तथा दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन किया है और 780 वर्ग फुट का भारतीय ध्वज प्रदर्शित किया है। यह उपलब्धि सिर्फ सारण जिला ही नहीं बल्कि पूरे बिहार के लिए गर्व की बात है।
विदित हो कि तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय पुरस्कार भारत सरकार के खेल मंत्रालय द्वारा साहसिक कार्यों के लिए दिया जाता है। उदय कुमार अत्यंत साहसी व्यक्ति हैं। 29 अक्टूबर, 2015 को रेल दुर्घटना में एक पैर गंवा चुके उदय एक प्राइवेट कम्पनी मेंमामूली वेतन नौकरी करते हैं फिर भी ‘नो वर्क नो पे’ पर छुट्टियाँ लेकर मैराथन और पर्वतारोहण में भाग लेते रहते हैं, वे अपने जुनून को रोक नहीं पाते हैं। अभी तक लगभग सात दर्जन मैराथन-दौड़ में उदय कुमार भाग ले चुके हैं, जिसमें 21 किलोमीटर तक दौड़े हुए हैं। उदय कुमार को एक बेटा और एक बेटी भी है। दोनों बच्चे और पत्नी की जिम्मेदारी भी उदय के कंधों पर है। उन्हें आये दिन आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। बिहार सरकार ‘मेडल लाओ और नौकरी पाओ’ का नारा लगाती है लेकिन 91 प्रतिशत दिव्यांग उदय कुमार को आजतक बिहार सरकार से किसी प्रकार का सहयोग नहीं मिला है। यदि राज्य सरकार सहयोग करे तो उदय और बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं। उनका अगला लक्ष्य माउण्ट एवरेस्ट पर चढ़ना है और उन्हें पूरा विश्वास है कि एक न एक दिन वे एवरेस्ट की चोटी पर बैसाखी और अपने जुनून के सहारे चढ़कर तिरंगा लहरायेंगे।
ज्ञातव्य हो कि के टू के मिशन के तहत ग्रुप कैप्टन जय किशन के नेतृत्व में भारत की एक टीम अफ्रीकन देश तंजनिया की सर्वश्रेष्ठ चोटी किलिमंजारो पर चढ़कर 78वें स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में 7800 स्क्वायर फीट का तिरंगा झंडा लहराया था। उस टीम में शामिल वन लेग उदय कुमार ने बैसाखी के सहारे 19341 फिट ऊँची चोटी पर चढ़कर विश्व रिकॉर्ड बनाया था। 91 प्रतिशत दिव्यांग होते हुए बैसाखी के सहारे उतनी ऊँची चोटी पर चढ़ने वाले वे पहले पुरूष हैं। उस टीम ने तंजानिया में थल, जल एवं वायु तीनों जगह तिरंगा लहराया। रक्षा मंत्रालय के तहत कंचनजंघा से किलिमंजारो मिशन में ग्रुप कैप्टन जय किशन तथा उदय कुमार के अलावे सूबेदार मेजर महेन्द्र यादव, डॉ. श्रुति, पावेल, सुलोचना तामांग भी शामिल थीं। उस मिशन की सफलता में एडिशनल ज्वाइंट सेक्रेटरी दीप्ति चावला तथा सत्यजीत मोहंता की भी अहम भूमिका थी।
उदय कुमार को इस उपलब्धि के लिए डॉ. लालबाबू यादव, डॉ. दिनेश पाल, डॉ. सावन रॉय, डॉ. जियाउल होदा अंसारी, अनिल कुमार, डॉ. सूर्यदेव राम, डॉ. संदीप कुमार, डॉ. सूर्यदेव राम, रवि राय, डॉ. कन्हैया प्रसाद आदि ने बधाई एवं शुभकामनाएं दी।