कोलकाता, 22 अगस्त (हि.स.)। कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज में एक जूनियर डॉक्टर के साथ हुई बर्बर बलात्कार और हत्या की घटना के बाद पूरे देश में मचे हंगामे के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर ऐसे जघन्य अपराधों में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी सजा की मांग की है।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के मुख्य सलाहकार अलापन बनर्जी ने मीडिया को पत्र के बारे में जानकारी दी, जिसमें कहा गया कि मुख्यमंत्री ने ऐसे मामलों में तेजी से न्याय सुनिश्चित करने के लिए विशेष फास्ट-ट्रैक अदालतों की स्थापना का सुझाव दिया है। पत्र में ममता बनर्जी ने लिखा कि मैं आपका ध्यान देश भर में बलात्कार के बढ़ते मामलों की ओर दिलाना चाहती हूं। कई मामलों में बलात्कार के बाद हत्या भी की जा रही है। उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार देश भर में प्रतिदिन लगभग 90 बलात्कार की घटनाएं हो रही हैं। यह समाज और राष्ट्र के आत्मविश्वास और अंतरात्मा को झकझोर देता है। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम इस तरह के अपराध समाप्त करें, ताकि महिलाएं सुरक्षित महसूस कर सकें।

ममता बनर्जी ने पत्र में आगे लिखा कि ऐसे गंभीर और संवेदनशील मुद्दे को सख्त केंद्रीय कानून के माध्यम से व्यापक रूप से संबोधित करने की आवश्यकता है, जिसमें जघन्य अपराधों में शामिल व्यक्तियों के खिलाफ उदाहरणात्मक सजा का प्रावधान हो। ऐसे मामलों में तेजी से सुनवाई सुनिश्चित करने के लिए फास्ट-ट्रैक विशेष अदालतों की स्थापना पर भी विचार किया जाना चाहिए। त्वरित न्याय सुनिश्चित करने के लिए, ऐसे मामलों में सुनवाई 15 दिनों के भीतर पूरी होनी चाहिए।

इससे पहले गुरुवार को तृणमूल कांग्रेस के महासचिव और सांसद अभिषेक बनर्जी ने सभी राज्य सरकारों से केंद्र पर व्यापक एंटी-रेप कानून बनाने का दबाव डालने का आह्वान किया। उन्होंने यह भी कहा कि देश को ऐसे कड़े कानूनों की जरूरत है, जिनमें 50 दिनों के भीतर मुकदमे और सजा का प्रावधान हो, उसके बाद सख्त सजा दी जाए।

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नई दिल्‍ली, 22 अगस्‍त (हि.स.)। टाटा की अगुवाई वाली एयर इंडिया की फ्लाइट संख्या 657 में बम की धमकी के बाद उसकी केरल के तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट पर सुबह करीब आठ बजे इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई । विमान में सवार सभी 135 यात्री सुरक्षित हैं।

तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट के अधिकारियों के अनुसार, इमरजेंसी लैंडिंग कराने के बाद विमान को आइसोलेशन बे में ले जाया गया है।

फ्लाइट में बम की धमकी मिलने के बाद पूरी तरह से आपातकाल घोषित कर दिया गया।

फिलहाल विमान आइसोलेशन बे में है। सभी यात्रियों को सुरक्षि‍त निकाल लिया गया है। यह फ्लाइट आज सुबह 5:45 बजे मुंबई एयरपोर्ट से रवाना हुई और उसे सुबह 8ः10 बजे तिरुवनंतपुरम में उतरना था।

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नई दिल्ली, 21 अगस्त (हि.स.)। मुस्लिम समुदाय की संपत्ति से जुड़े वक्फ (संशोधन) विधेयक-2024 पर विचार के लिए गठित संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की पहली बैठक गुरुवार को होगी।

लोकसभा सांसद जगदंबिका पाल की अध्यक्षता वाली 31 सदस्यीय समिति को अल्पसंख्यक मामलों, विधि एवं न्याय मंत्रालयों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत करनी है। समिति में 21 सदस्य लोकसभा के और 10 सदस्य राज्यसभा के हैं।

समिति में लोकसभा से जगदंबिका पाल, डॉ. निशिकांत दुबे, तेजस्वी सूर्या, अपराजिता सारंगी, डॉ. संजय जयसवाल, दिलीप सैकिया, अभिजीत गंगोपाध्याय, डीके अरुणा (सभी भाजपा), गौरव गोगोई, इमरान मसूद, डॉ. मोहम्मद जावेद (सभी कांग्रेस), मोहिबुल्ला (सपा), कल्याण बनर्जी (तृणमूल कांग्रेस), ए राजा (द्रमुक), लावु श्री कृष्ण देवरायलू (टीडीपी), दिलेश्वर कामैत (राजद), अरविंद सावंत (शिवसेना-यूबीटी), सुरेश गोपीनाथ म्हात्रे (एनसीपी-एसपी), नरेश गणपत म्हस्के (शिवेसना), अरुण भारती (एलजेपी-राम विलास) और असदुद्दीन औवेसी (एआईएमआईएम) शामिल हैं।

इसके अलावा राज्यसभा के 10 सदस्यों में बृजलाल, डॉ. मेधा कुलकर्णी, गुलाम अली, डॉ. राधामोहन दास अग्रवाल (सभी भाजपा), डॉ. सैयद नसीर हुसैन (कांग्रेस), मोहम्मद नदीमुल हक (तृणमूल कांग्रेस), वी. विजयसाई रेड्डी (वाईएसआर कांग्रेस), एम. मोहम्मद अब्दुल्ला (द्रमुक), संजय सिंह (आम आदमी पार्टी) और डॉ. वीरेंद्र हेगड़े (मनोनीत सदस्य) हैं।

उल्लेखनीय है कि लोकसभा में केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने पिछले दिनों वक्फ (संशोधन) विधेयक-2024 पेश किया था। साथ ही इससे जुड़े निष्क्रिय हो चुके पुराने अधिनियम को कागजों से हटाने के लिए ‘मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक-2024’ भी पेश किया था। नए विधेयक का नाम एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तीकरण, दक्षता और विकास अधिनियम होगा। अंग्रेजी में नाम यूनिफाइड वर्क मैनेजमेंट एंपावरमेंट एफिशिएंट एंड डेवलपमेंट (उम्मीद) है।

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विशाखापट्टनम, 21 अगस्त (हि.स.)। अनाकापल्ली जिले के रामबिली मंडल में अच्युतपुरम फार्मा में बुधवार दोपहर बाद रिएक्टर में विस्फोट के बाद 14 कर्मचारियों की मौत हो गई है और 50 से अधिक अन्य घायल हो गए हैं। हादसे की गंभीरता को देखते हुए मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है।

अच्युतपुरम फार्मा एसईजेड में एसेंशिया एडवांस्ड साइंस प्राइवेट लिमिटेड में सैकड़ों कर्मचारी काम करते हैं। दोपहर भोजनावकाश के दौरान जोरदार विस्फोट होने के बाद आग लग गयी। घना धुआं उठने के बाद समझना मुश्किल हो रहा था कि क्या हो रहा है।

फिर भी जान बचाने के डर से मजदूर बाहर भागे। तेज आवाज से आसपास के गांव के लोग सतर्क हो गए। फार्मा की दमकल समेत आसपास के इलाके से 11 अन्य गाड़ियां आईं और आग पर काबू पाया। घायलों को अनाकापल्ली के विभिन्न अस्पतालों में स्थानांतरित किया गया। घायलों में से पांच 60 फीसदी से ज्यादा जले हुए हैं। हादसे के वक्त इंडस्ट्री में करीब 300 कर्मचारी मौजूद थे।

मजदूरों का कहना है कि रिएक्टर के धमाके से इंडस्ट्री की पहली मंजिल का स्लैब ढह गया और कई लोग मलबे में फंस गए। तीसरी मंजिल पर फंसे मजदूरों को क्रेन की मदद से बाहर निकाला गया। एनडीआरएफ की टीमें और दमकल की गाड़ियां मौके पर बचाव कार्य जारी रखे हुए हैं।

मुख्यमंत्री चंद्रबाबू ने अच्युतापुरम एसईजेड में रिएक्टर विस्फोट हादसे को लेकर कलेक्टर से बात की। मुख्यमंत्री ने घायलों को उपलब्ध करायी जा रही चिकित्सा के संबंध में कलेक्टर से जानकारी ली।

सीएम ने तत्काल राहत कदम उठाने के आदेश जारी किये। इस विस्फोट की घटना पर राज्य श्रम मंत्री वासमशेट्टी सुभाष ने कहा कि अनकापल्ली जिले के अच्युतापुरम के पास फार्मा कंपनी में भीषण आग लगने की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है और कलेक्टर और एसपी स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि मृतकों की पहचान करने में और थोड़ा और वक्त लगेगा। मृतकों की पहचान में काफी दिक्कत आ रही है, क्योंकि विस्फोट के बाद मानव शरीर के अंग बिखरे हुए हैं और मलबे में दबे शवों को निकालने का कार्य जारी है।

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– नियमित ऑपरेशन के दौरान विमान के पंख के नीचे से अचानक गिरा विस्फोटक- आबादी क्षेत्र से दूर घटनास्थल पर हुआ गहरा गड्ढा, आसपास फैली बारूद की राख

नई दिल्ली, 21 अगस्त (हि.स.)। राजस्थान के पोखरण फायरिंग रेंज क्षेत्र के पास बुधवार को नियमित अभ्यास के दौरान वायु सेना के एक लड़ाकू विमान से बम जैसी वस्तु गिरने से जोरदार धमाका हुआ लेकिन बड़ा हादसा होने से बच गया। हालांकि, वायु सेना ने जांच के आदेश दे दिए हैं लेकिन समाचार लिखे जाने तक यह पता नहीं चल सका है कि विमान से कौन सा विस्फोटक गिरा है। आबादी क्षेत्र से दूर विमान से गिरने वाली वस्तु में मिसाइल, बम या कोई बड़ा पेलोड हो सकता है, क्योंकि घटनास्थल पर गहरा गड्ढा होने के साथ ही बारूद की गंध वाली राख फैली है।

पोखरण फायरिंग रेंज क्षेत्र में यह घटना दोपहर 12 बजे के आसपास की बताई जा रही है लेकिन वायु सेना ने अधिकृत रूप से 3.07 बजे पुष्टि की कि तकनीकी खराबी के कारण भारतीय वायु सेना के एक लड़ाकू विमान से ‘एयर स्टोर’ का अनजाने में रिसाव हो गया। इस घटना की जांच के लिए आदेश देते हुए वायु सेना ने यह भी कहा कि इस घटना में जान-माल के किसी नुकसान की खबर नहीं है। भारतीय वायु सेना के संदर्भ में ‘एयर स्टोर’ एक ऐसा शब्द है, जिसे आम तौर पर विमान के बाहरी हिस्से से जुड़े किसी भी उपकरण को कहा जाता है, जिसमें किसी भी तरह की युद्ध सामग्री हो सकती है।

दरअसल, लड़ाकू विमानों के बाहरी इलाके में पंख के नीचे ईंधन टैंक, मिसाइल, परमाणु बम, अन्य पेलोड या बड़े आकार का बम लगाया जाता है। इस युद्ध सामग्री को दुश्मन के इलाके में छोड़ने के लिए विमान के अन्दर से पायलट ‘रिलीज कमांड’ देता है लेकिन इस घटना में अचानक ‘एयर स्टोर’ का अनजाने में रिसाव हो गया। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिसमें धोखे से रिलीज बटन दबने, किसी भी तरह का शार्ट सर्किट होने या सही फिटिंग न होने से विस्फोटक सामग्री विमान के पंख के नीचे से निकलकर जमीन पर आ गिरी। गनीमत यह थी कि नियमित अभ्यास के दौरान विमान आबादी क्षेत्र से दूर सेना के प्रशिक्षण स्थल के आसपास था, इसलिए कोई बड़ी घटना नहीं हुई।

हालांकि, वायु सेना ने पोखरण फायरिंग रेंज गिरे ‘एयर स्टोर’ की सटीक प्रकृति का खुलासा नहीं किया है लेकिन यह घटना एक नियमित ऑपरेशन के दौरान हुई, जब आम तौर पर विमान से युद्ध सामग्री, बम या अन्य सैन्य उपकरणों को ले जाने के समय अनजाने में ‘एयर स्टोर’ लीक हो गया। भारतीय वायुसेना ने कहा कि तकनीकी गड़बड़ी के कारणों की जांच के लिए जांच के आदेश दिए गए हैं। इस जांच के जरिये पता लगाया जा सकेगा कि विमान से अचानक रिलीज हुई कौन सी वस्तु है और किन परिस्थितियों में यह हादसा हुआ। हालांकि, घटनास्थल पर बम जैसी वस्तु गिरने से काफी गहरा गड्ढा हुआ है और आसपास बारूद के गंध वाली राख फैली है, जिससे किसी बम के गिरने की आशंका जताई गई है लेकिन इसका खुलासा जांच के बाद ही हो सकेगा।

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नई दिल्ली, 20 अगस्त (हि.स.)। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने मंगलवार को संयुक्त सचिव, निदेशक और उप सचिव स्तर के 45 पदों के लिए लेटरल एंट्री संबंधी विज्ञापन रद्द कर भर्ती प्रक्रिया भी रद्द कर दी। आयोग ने यह कदम केंद्र सरकार द्वारा लेटरल एंट्री का विज्ञापन वापस लेने के निर्देश के बाद उठाया है।

यूपीएससी ने आज जारी एक परिपत्र में लिखा, “सभी संबंधितों को सूचित किया जाता है कि रोजगार समाचार, विभिन्न समाचार पत्रों और आयोग की वेबसाइट पर 17 अगस्त, 2024 को प्रकाशित विभिन्न विभागों में संयुक्त सचिव/निदेशक/उप सचिव स्तर के 45 पदों के लिए लेटरल एंट्री से संबंधित विज्ञापन संख्या 54/2024 को, अपेक्षित प्राधिकारी के अनुरोध पर रद्द कर दिया गया है।”

इससे पहले मंगलवार को केन्द्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण, लोक शिकायत राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने यूपीएससी अध्यक्ष प्रीति सूदन से लेटरल एंट्री के लिए जारी विज्ञापन को रद्द करने के लिए पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों के तहत, विभिन्न मंत्रालयों में सचिव, यूआईडीएआई का नेतृत्व आदि जैसे महत्वपूर्ण पद बिना किसी आरक्षण प्रक्रिया का पालन किए लेटरल एंट्री को दिए गए हैं। इसके अलावा यह सर्वविदित है कि बदनाम राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के सदस्य एक सुपर-नौकरशाही चलाते थे और यह प्रधानमंत्री कार्यालय को नियंत्रित करती थी।

पत्र में कहा गया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का दृढ़ विश्वास है कि लेटरल एंट्री की प्रक्रिया को हमारे संविधान में निहित समानता और सामाजिक न्याय विशेष रूप से आरक्षण के प्रावधानों के संबंध से जुड़े सिद्धांतों के साथ जोड़ा जाना चाहिए। हमारी सरकार का प्रयास प्रक्रिया को संस्थागत रूप से संचालित, पारदर्शी और खुला बनाने का रहा है।

लेटरल एंट्री का अर्थ है कि देश के शीर्ष सरकारी पदों पर सीधे नियुक्ति करना। वर्तमान में शीर्ष नौकरशाही से जुड़े पदों पर संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की नियमित चयन और प्रशिक्षण प्रक्रिया के बाद विभिन्न पदों पर रहने के बाद नियुक्ति होती है। 17 अगस्त को संयुक्त सचिव और निदेशक स्तर पर नियुक्ति के लिए यूपीएससी ने विज्ञापन दिया था।

यूपीएससी को लिखे पत्र में कहा गया था कि लेटरल एंट्री पदों को विशिष्ट माना गया है और एकल-कैडर पदों के रूप में नामित किया गया है, इसलिए इन नियुक्तियों में आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं किया गया है। प्रधानमंत्री द्वारा सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करने के संदर्भ में इस पहलू की समीक्षा और सुधार की आवश्यकता है।

पत्र में पूर्ववर्ती सरकारों में लेटरल एंट्री की स्थिति भी बताई गई है। इसमें कहा गया है कि यह सर्वविदित है कि द्वितीय प्रशासनिक सुधार आयोग ने सिद्धांत रूप में लेटरल एंट्री का समर्थन किया था, जिसका गठन 2005 में वीरप्पा मोइली की अध्यक्षता में किया गया था। 2013 में छठे वेतन आयोग की सिफारिशें भी इसी दिशा में थीं। हालांकि, इससे पहले और बाद में लेटरल एंट्री के कई हाई-प्रोफाइल मामले भी हैं। इसके अलावा 2014 से पहले अधिकांश प्रमुख लेटरल एंट्री तदर्थ तरीके से की गई थीं, जिसमें कथित पक्षपात के मामले भी शामिल हैं, हमारी सरकार का प्रयास प्रक्रिया को संस्थागत रूप से संचालित, पारदर्शी और खुला बनाने का रहा है। प्रधानमंत्री के लिए, सार्वजनिक रोजगार में आरक्षण हमारे सामाजिक न्याय ढांचे की आधारशिला है, जिसका उद्देश्य ऐतिहासिक अन्याय को दूर करना और समावेशिता को बढ़ावा देना है।

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नई दिल्ली, 20 अगस्त (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय समन्वय बैठक इस वर्ष केरल के पलक्कड़ जिले में 31 अगस्त से 2 सितंबर तक आयोजित हो रही है। तीन दिवसीय यह बैठक सामान्यतः वर्ष में एक बार आयोजित की जाती है। पिछले वर्ष यह सितंबर में महाराष्ट्र के पुणे जिले में आयोजित की गई थी।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर के मुताबिक अखिल भारतीय समन्वय बैठक में संघ प्रेरित विविध संगठनों में कार्यरत संगठन के प्रमुख पदाधिकारी सहभागी होते हैं। यह सभी संगठन समाज जीवन के विभिन्न क्षेत्रों के सकारात्मक कार्यों में लोकतांत्रिक पद्धति से सामाजिक परिवर्तन के कार्य में सक्रिय रहते हैं।

बैठक में विविध संगठन के पदाधिकारी अपने कार्य की जानकारी तथा अनुभवों को साझा करते हैं। राष्ट्रीय हित के विभिन्न विषयों के संदर्भ में वर्तमान परिदृश्य, हाल में हुई महत्वपूर्ण घटनाओं तथा सामाजिक परिवर्तन के अन्यान्य आयामों पर योजनाओं के संदर्भ में बैठक में चर्चा होगी। सभी संगठन विविध विषयों पर परस्पर सहयोग तथा समन्वय को और अधिक बढ़ाने के लिए आवश्यक उपायों पर भी चर्चा करेंगे।

बैठक में सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत, सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले, सभी छह सह सरकार्यवाह और अन्य प्रमुख पदाधिकारी भाग लेंगे। इस बैठक में राष्ट्र सेविका समिति, वनवासी कल्याण आश्रम, विश्व हिंदू परिषद, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, भारतीय जनता पार्टी, भारतीय किसान संघ, विद्या भारती, भारतीय मजदूर संघ सहित 32 संघ प्रेरित विविध संगठनों के राष्ट्रीय अध्यक्ष, संगठन मंत्री एवं प्रमुख पदाधिकारी सहभागी होंगे।

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नई दिल्ली, 20 अगस्त (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता दुष्कर्म और हत्या मामले में सीबीआई को निर्देश दिया है कि वह 22 अगस्त तक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करे। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने यह आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह सिर्फ कोलकाता में हत्या का मामला नहीं, ये मुद्दा देशभर में डॉक्टरों की सुरक्षा का है ।

चीफ जस्टिस ने कहा कि हम एक नेशनल टास्क फोर्स का गठन कर रहे हैं इसमें विभिन्न पृष्ठभूमि के डॉक्टर होंगे जो पूरे भारत में अपनाए जाने वाले तौर-तरीकों का सुझाव देंगे ताकि काम की सुरक्षा की स्थिति बनी रहे और युवा डॉक्टर अपने काम के माहौल में सुरक्षित रहे। हम डॉक्टरों से अनुरोध करते हैं कि वे काम पर लौट आएं और अगर मरीजों की जान चली जाती है तो हम डॉक्टरों से अपील करते हैं कि हम उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यहां हैं।

शीर्ष कोर्ट ने कहा कि कि कोलकाता के मामले में, हम इस बात से बहुत चिंतित हैं कि पीड़िता का नाम और मृतक की फोटो, वीडियो सभी मीडिया में प्रकाशित हो रहे हैं। उसका शव दिखाया गया। जबकि कोर्ट कहता है कि यौन पीड़ितों के नाम प्रकाशित नहीं किए जा सकते हैं। सुनवाई के दौरान पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि ये एक भयावह घटना है। हमने गरिमा का ख्याल रखा है। जब तक पुलिस पहुंचती तब तक फोटो और वीडियो लिए जा चुके थे।

तब चीफ जस्टिस ने कहा कि प्रोटोकॉल केवल कागज पर ही नहीं होना चाहिए बल्कि ये पूरे देश में लागू होना चाहिए। कोलकाता में पीड़िता का नाम और फोटो देश भर की सभी मीडिया में प्रकाशित हुए। सिब्बल ने कहा क जांच में पता चला कि ये एक हत्या का मामला है। तब चीफ जस्टिस ने पूछा कि क्या एफआईआर में हत्या का जिक्र है। चीफ जस्टिस ने कहा कि अपराध की सूचना सुबह मिली। अस्पताल के प्रिंसिपल इस मामले को खुदकुशी बताते रहे। पीड़िता के माता-पिता को शव नहीं देखने दिया गया। तब सिब्बल ने कहा कि ये सही नहीं है। तब चीफ जस्टिस ने कहा कि देररात तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई थी। कोलकाता पुलिस क्या कर रही थी। पीड़िता का शव उसके माता-पिता को अंतिम संस्कार के लिए शाम को मिला। अगले दिन डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शन किया और कुछ लोगों की भीड़ ने अस्पताल में घुसकर नुकसान किया। आखिर कोलकाता पुलिस क्या कर रही थी। अस्पताल के अंदर अपराध हुआ है। पुलिस को क्राइम सीन की सुरक्षा करनी होती है। सिब्बल ने कहा कि आरोपित सिविक वालंटियर है। उसे पुलिस ने गिरफ्तार किया।

सुप्रीम कोर्ट ने अस्पताल के प्रिंसिपल के व्यवहार पर आपत्ति जताई और कहा कि इस प्रिंसिपल को दूसरे कॉलेज में तुरंत प्रिंसिपल कैसे नियुक्त कर दिया गया। सीबीआई इस पर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करे। चीफ जस्टिस ने कहा कि शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे लोगों पर बल प्रयोग नहीं किया जाए। कोर्ट ने कहा कि मेडिकल प्रोफेशन में सांस्थानिक सुरक्षा का अभाव है। देररात तक ड्यूटी करने के बावजूद डॉक्टरों को कोई आराम की व्यवस्था नहीं है। 36 घंटे तक काम करने के बावजूद रेजिडेंट और नॉन रेजिडेंट डॉक्टरों के लिए आराम करने का कमरा तक नहीं है। सफाई की बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं। डॉक्टरों को उनके घर पहुंचने के लिए कोई परिवहन की व्यवस्था नहीं है। सीसीटीवी काम नहीं करते हैं। हथियारों की पर्याप्त तलाशी की व्यवस्था नहीं है।

उल्लेखनीय है कि नौ अगस्त को कोलकाता के आरजी कर अस्पताल के सेमिनार हॉल में पीजी ट्रेनी डॉक्टर का शव मिला था। 10 अगस्त को इस मामले में एक सिविल वालंटियर को गिरफ्तार किया गया। इस घटना के बाद पूरे देश में उबाल आ गया। देशभर में डॉक्टरों ने आंदोलन शुरू कर दिया। 13 अगस्त को कोलकाता हाई कोर्ट ने इस मामले की सीबीआई जांच का आदेश दिया था। हाल ही में कलकत्ता हाईकोर्ट ने 14 अगस्त को प्रदर्शन के दौरान आरजी कर अस्पताल में तोड़फोड़ के लिए पश्चिम बंगाल सरकार को कड़ी फटकार लगाई थी। अब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर स्वत: संज्ञान लिया है।

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नई दिल्ली, 17 अगस्त (हि.स.)। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा मंकीपॉक्स को सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल (पीएचईआईसी) घोषित करने के मद्देनजर, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय सतर्क हो गया है। शनिवार को मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने मंकीपॉक्स की स्थिति और तैयारियों की विस्तृत समीक्षा की। फिलहाल भारत में मंकीपॉक्स का कोई मामला सामने नहीं आया है।

मंत्रालय के मुताबिक केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया कि सभी हवाई अड्डों, बंदरगाहों और ग्राउंड क्रॉसिंग पर स्वास्थ्य इकाइयों पर अत्यधिक सावधानी बरती जानी चाहिए। इन स्थानों को अधिक संवेदनशील बनाने के साथ परीक्षण प्रयोगशालाओं(लैब) को तैयार, करना , किसी भी मामले का पता लगाने, अलग करने और उसका प्रबंधन करने आदि के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं को तैयार करने पर जोर देना चाहिए।

वहीं स्थिति की समीक्षा के लिए शुक्रवार को स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक की अध्यक्षता में संबंधित क्षेत्रों के विशेषज्ञों की एक संयुक्त निगरानी समूह की बैठक आयोजित की गई। बैठक में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी), केंद्र सरकार के अस्पताल, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ), भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर), राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एनवीबीडीसीपी), स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय के विशेषज्ञों ने भाग लिया। आने वाले हफ्तों में कुछ आयातित मामलों का पता चलने की संभावना को देखते हुए तैयारी पूरी होनी चाहिए।

उल्लेखनीय है कि मंकीपॉक्स संक्रमण आमतौर पर 2-4 सप्ताह के बीच स्व-सीमित होता है और रोगी आमतौर पर सहायक प्रबंधन के साथ ठीक हो जाते हैं। संचरण के लिए संक्रमित मामले के साथ लंबे समय तक निकट संपर्क की आवश्यकता होती है और यह आम तौर पर यौन मार्ग, शरीर, घाव के तरल पदार्थ, या संक्रमित व्यक्ति के दूषित कपड़ों, लिनन के सीधे संपर्क के माध्यम से होता है।

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नई दिल्ली, 17 अगस्त (हि.स.)। कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ रेप व बलात्कार की घटना के खिलाफ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने शनिवार को देशभर के अस्पतालों में 24 घंटे की हड़ताल की घोषणा की है।

सरकारी व निजी अस्पतालों में इस दौरान ओपीडी व मरीजों के ऑपरेशन नहीं होंगे। हालांकि आपातकालीन सेवाएं जारी रहेंगी। आईएमए की हड़ताल को चिकित्सकों से जुड़े दूसरे संगठनों ने भी समर्थन देने की घोषणा की है।

आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. आरवी अशोकन ने कहा है कि कोलकाता की घटना और अस्पताल में तोड़फोड़ के विरोध में शनिवार सुबह 6 बजे से रविवार सुबह 6 बजे तक 24 घंटे के लिए देशभर में डॉक्टर हड़ताल पर रहेंगे। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार का दायित्व है। मृत महिला डॉक्टर के लिए न्याय और डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए केंद्रीय कानून जैसी मांगों को लेकर चिकित्सकों की तरफ से प्रदर्शन किया जाएगा। 3.30 लाख से ज्यादा डॉक्टर आईएमए के सदस्य हैं।

उल्लेखनीय है कि कोलकाता के लालबाजार स्थित आरजी कर मेडिकल कॉलेज-अस्पताल में जूनियर डॉक्टर के साथ 8-9 अगस्त की रात बलात्कार कर हत्या कर दी गई थी। इस घटना के खिलाफ देशभर में आक्रोश देखा जा रहा है। चिकित्सा सेवा से जुड़े संगठन डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग को लेकर घटना के बाद से ही आंदोलनरत हैं।

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कानपुर, 17 अगस्त (हि.स.)। झांसी मंडल के अंतर्गत कानपुर के कानपुर-भीमसेन खंड में गोविंदपुरी स्टेशन के समीप रात्रि करीब 2:30 बजे साबरमती एक्सप्रेस (बनारस-अहमदाबाद) के कई डिब्बे पटरी से उतर गए। राहत की बात यह है कि हादसे में जानमाल की कोई क्षति नहीं हुई है।

नार्दन रेलवे के पीआरओ अमित मालवीय ने बताया कि गाड़ी संख्या 19168 साबरमती एक्सप्रेस (बनारस-अहमदाबाद) के कई डिब्बे झाँसी मण्डल के अंतर्गत कानपुर के कानपुर-भीमसेन खंड में गोविंदपुरी स्टेशन के निकट समय रात्रि 2:30 बजे पटरी से उतर गए। ड्राइवर के अनुसार प्रथम दृष्टया बोल्डर इंजन से टकराया जिसके कारण इंजन का कैटल गार्ड बुरी तरह से क्षतिग्रस्त एवं मुड़ गया। सूचना पर रेलवे के अधिकारी पूरी टीम के साथ बचाव राहत के लिए मौके पर पहुंचे हैं।

रेल प्रशासन की तरफ से यात्रियों की सुविधा के इंतजाम किए गए हैं। यात्रियों को बस से कानपुर भेजा जा रहा है। वरिष्ठ अधिकारी दुर्घटना स्थल तथा नियंत्रण कार्यालय में मौजूद हैं। दुर्घटना राहत गाड़ी भी प्रस्थान कर चुकी है।

रेलवे ने जारी किया हेल्पलाइन नम्बर

उन्होंने बताया कि प्रयागराज 0532-2408128, 0532-2407353, कानपुर 0512-2323018, 0512-2323015, मिर्जापुर 054422200097, इटावा 7525001249, टुंडला 7392959702 पर लोग संपर्क कर सकते हैं।

कई ट्रेनें हुई निरस्त

उन्होंने बताया कि गाड़ी संख्या 14110 व 14109 (कानपुर सेंट्रल-चित्रकूट) यात्रा प्रारंभ करने की तिथि 17.08.24 (22442 की आने वाली रेल, 17.08.24 को 22441 चलेगी)

आशिक निरस्तीकरण 04143 (खजुराहो-कानपुर सेंट्रल) यात्रा प्रारंभ करने की तिथि 17.08.24 बांदा में आंशिक निरस्त होगी। 04144 (कानपुर सेंट्रल – खजुराहो) यात्रा प्रारंभ करने की तिथि 17.08.24 बांदा से चलेगी।

मार्ग परिवर्तन

गाड़ी संख्या 05326 (लोकमान्य तिलक टर्म-गोरखपुर) यात्रा प्रारंभ करने की तिथि 16.08.24, वीरांगना लक्ष्मी बाई झाँसी-ग्वालियर-भिंड-इटावा-कानपुर सेंट्रल के रास्ते परिवर्तित किया गया है।

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नई दिल्ली, 17 अगस्त (हि.स.)। वाराणसी से अहमदाबाद जा रही साबरमती एक्सप्रेस (19168) शुक्रवार देर रात करीब ढाई बजे कानपुर के गोविंदपुरी के पास पटरी से उतर गई।

रेलवे के मुताबिक ट्रेन के 20 डिब्बे पटरी से उतरे हैं। हादसे में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। रेलवे, पुलिस और फायर विभाग के आलाधिकारी मौके पर पहुंचे और राहत व बचाव कार्य शुरू किया गया। नॉर्थ सेंट्रल रेलवे के मुताबिक हादसा बोल्डर टकराने से हुआ।

दुर्घटना की वजह से कई ट्रेनों के रूट में बदलाव किया गया है। कानपुर से बुंदेलखंड, मध्य प्रदेश जाने वाली ट्रेनों को कैंसल किया गया। कुछ ट्रेनों के रास्ते बदले गए।

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