नई दिल्ली, 14 अगस्त (हि.स.)। राम मंदिर में प्रतिष्ठित रामलला की मूर्ति बनाने वाले मूर्तिकार अरुण योगीराज और उनके परिवार को अमेरिका ने वीजा देने से इनकार कर दिया है। इसका कोई कारण नहीं बताया गया है। वे 30 अगस्त को अमेरिका के वर्जिनिया में आयोजित होने वाली विश्व कन्नड़ कांफ्रेंस में भाग लेने जा रहे थे।

जानकारी के अनुसार अरुण योगीराज की पत्नी विजेता पहले अमेरिका जा चुकी हैं। ऐसे में उन्हें वीजा मिलने में कोई समस्या नहीं आनी चाहिए थी। योगीराज ने वीजा नहीं मिलने की बात स्वीकार की है और कहा है कि उनके सभी दस्तावेज पूरे थे।

योगीराज को विश्व कन्नड़ कांफ्रेंस में सम्मानित किया जाना था। अमेरिकी दूतावास की ओर से अभी तक कोई कारण नहीं बताया गया है कि उसने आवेदन क्यों खारिज किया। योगीराज का कहना है कि उन्होंने दो महीने पहले वीजा आवेदन किया था। लेकिन 10 अगस्त को उनका आवेदन खारिज कर दिया गया।

बारहवीं एकेकेए (एसोसिएशन ऑफ कन्नड़ कूट ऑफ अमेरिका) विश्व कन्नड़ सम्मेलन, 2024, इस साल 30, 31 अगस्त और 1 सितंबर को संयुक्त राज्य अमेरिका में ग्रेटर रिचमंड कन्वेंशन सेंटर, रिचमंड, वर्जीनिया में आयोजित होने वाला है।

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– सम्मानित वायु योद्धाओं ने मिशन के दौरान राष्ट्र की सेवा में योगदान दिया

नई दिल्ली, 14 अगस्त (हि.स.)। भारतीय सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वतंत्रता दिवस पर वायु सेना को छह वीरता पदक देने का ऐलान किया है। वायु सेना के दो फ्लाइंग पायलटों को उनकी बहादुरी के लिए शौर्य चक्र से नवाजा गया है। इन पदकों से सम्मानित वायु योद्धाओं ने मिशन के दौरान अपने दायित्वों को बखूबी निभाते हुए राष्ट्र की सेवा में योगदान दिया है।

राष्ट्रपति ने फ्लाइंग (पायलट) विंग कमांडर अक्षय अरुण महाले को वायु सेना पदक (वीरता), जूनियर वारंट ऑफिसर विकास राघव आईएएफ (गरुड़) को वायु सेना पदक (वीरता), सार्जेंट अश्विनी कुमार (फ्लाइट गनर) को वायु सेना पदक (वीरता), स्क्वाड्रन लीडर महिपाल सिंह राठौर फ्लाइंग (पायलट) को वायु सेना पदक (वीरता), विंग कमांडर आनंद विनायक अगाशे फ्लाइंग (पायलट) को वायु सेना पदक (वीरता), विंग कमांडर जसप्रीत सिंह संधू फ्लाइंग (पायलट) को वायु सेना पदक (वीरता) प्रदान किया है। इसके अलावा विंग कमांडर वर्नोन डेसमंड कीन वीएम फ्लाइंग (पायलट) और स्क्वाड्रन लीडर दीपक कुमार फ्लाइंग (पायलट) को शौर्य चक्र से नवाजा गया है।

1. विंग कमांडर अक्षय अरुण महाले इस समय एक फाइटर स्क्वाड्रन में बतौर फ्लाइंग (पायलट) तैनात हैं। उन्हें 26 सितंबर, 23 को आबादी वाले क्षेत्र में बड़ी झील के ऊपर एरोबेटिक्स प्रदर्शन के लिए अधिकृत किया गया था। इस दौरान टरबाइन गैस तापमान (टीजीटी) में अचानक 80-90 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होने पर विमान का एक इंजन खराब हो गया। केवल एक इंजन उपलब्ध होने के कारण विमान की गति 250 किमी प्रति घंटे की रफ़्तार से नीचे तेजी से गिरने लगी। इस गंभीर स्थिति में भी पायलट ने विमान को आबादी वाले इलाके से दूर मोड़ लिया। अगर उसने ऐसा नहीं किया होता तो विमान में अनियंत्रित गति के साथ भयावह स्थिति उत्पन्न हो सकती थी। विमान ने धीरे-धीरे ऊंचाई हासिल की और उसे सुरक्षित तरीके से ऊपर ले लिया गया। इन जानलेवा परिस्थितियों के दौरान पायलट ने अपना धैर्य बनाए रखा और पूरी तरह से व्यावसायिकता का परिचय दिया।

2. जूनियर वारंट ऑफिसर विकास राघव इस समय वायु सेना की गरुड़ फ्लाइट की तैनात टुकड़ी में हैं। उन्हें 15 अगस्त, 2023 को कांगड़ा (हिमाचल) में भीषण बाढ़ से निपटने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। बचाव और निकासी अभियान के दौरान वह एक छत पर उतरे, जहां उन्हें एक लकवाग्रस्त 68 वर्षीय मरीज, आठ दिन के एक बच्चे के साथ मां और दो गर्भवती माताओं की गंभीर स्थिति का सामना करना पड़ा, जिन्हें चिकित्सा सहायता के लिए तत्काल निकालने की आवश्यकता थी। उन्होंने पूरी तरह से लकवाग्रस्त रोगी को सुरक्षित करने के लिए एक हार्नेस तैयार करके अपनी बांहों में सुरक्षित रूप से पकड़े रखा। इसके बाद उन्होंने साहसपूर्वक 8 दिन के नाजुक शिशु को बिना हार्नेस के निकाला, ताकि हेलीकॉप्टर के बहाव में फंसने से शिशु के दम घुटने के किसी भी संभावित जोखिम को रोका जा सके। इसके बाद उन्होंने गर्भावस्था के अंतिम चरण में दोनों गर्भवती माताओं को निकाला। उन्होंने एक अन्य बचाव अभियान में चार शिशुओं को बचाने में अनुकरणीय बहादुरी का प्रदर्शन किया। उन्होंने कुल 494 लोगों की जान बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और 152 लोगों को सुरक्षित निकालने में अकेले जिम्मेदारी निभाई।

3. सार्जेंट अश्विनी कुमार इस समय एक हेलीकॉप्टर इकाई में तैनात हैं। उन्हें 15 अगस्त, 2023 को हिमाचल प्रदेश के फतेहपुर के पास मानवीय सहायता और आपदा राहत संचालन के लिए तैनात किया गया था। उन्होंने पहले दिन कम ऊंचाई पर हेलीकॉप्टर से उतरकर विकलांग नागरिकों को बचाया। दूसरे दिन वे एक तेज बहती नदी से अलग-थलग क्षेत्र में जीवित बचे लोगों से मिले। उन्होंने खुद को हेलीकॉप्टर के हार्ड पॉइंट पर बांध लिया और सीढ़ी के आखिरी पायदान पर उतर गए और जीवित बचे लोगों को हेलीकॉप्टर में खींच लिया। सार्जेंट अश्विनी कुमार ने कम समय में तेजी से ऑपरेशन चलाकर 510 लोगों की जान बचाई, जिसमें 42 लोगों की जान चरखी से बचाई गई।

4. स्क्वाड्रन लीडर महिपाल सिंह राठौर इस समय एक फाइटर स्क्वाड्रन में तैनात हैं। उन्हें 04 जनवरी, 2024 को दो 1000 पाउंड लाइव बमों के साथ एक प्रशिक्षण सॉर्टी उड़ाने के लिए अधिकृत किया गया था। टेक ऑफ के दौरान रोटेशन गति पर जैसे ही उन्होंने नियंत्रण स्तंभ को पीछे की ओर बढ़ाया तो विमान ने प्रतिक्रिया नहीं की। उनका अगला प्रयास भी असफल रहा। केवल 2500 फीट रनवे शेष रहने पर भी उन्होंने सही ढंग से टेक ऑफ करने का फैसला किया। उड़ान के बाद के विश्लेषण से पता चला कि विमान में कुछ खराबी थी, जिसके कारण अगर पायलट ने उड़ान भरने में कोई कसर छोड़ी होती तो विमान दुर्घटनाग्रस्त हो सकता था। सीमित अनुभव के बावजूद उन्होंने असाधारण साहस और उत्कृष्ट धैर्य का परिचय दिया, जिसके परिणामस्वरूप विमान को सुरक्षित रूप से वापस लाया गया।

5. विंग कमांडर आनंद विनायक अगाशे इस समय एक हेलीकॉप्टर यूनिट के कमांडिंग ऑफिसर हैं। 15 अगस्त, 2023 को भारी बारिश के कारण महाराणा प्रताप सागर के बाढ़ के द्वार खोल दिए गए, जिससे कांगड़ा (हिमाचल) जिले के गांव जलमग्न हो गए। प्रभावित क्षेत्रों में फंसे लोगों को बचाने के लिए भारतीय वायु सेना को मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) अभियान चलाने का काम सौंपा गया। इसके लिए विंग कमांडर आगाशे ने अपनी टीम के साथ इस तरह के उच्च जोखिम वाले कार्य के लिए गहन और सावधानीपूर्वक योजना बनाई। बाढ़ से घिरे क्षेत्र में सैकड़ों लोग घरों और छतों पर फंसे हुए थे। विंग कमांडर अगाशे ने एचटी/एलटी केबल, माइक्रोवेव टावर और ऊंचे पेड़ों के करीब खतरनाक इलाके में सटीक उड़ान भरी, जो हेलीकॉप्टर की तेज हवा के कारण हिल रहे थे। इसके बावजूद उन्होंने 42 फंसे हुए नागरिकों को सुरक्षित निकाला। जीवित बचे लोगों में हृदय रोगी, गर्भवती महिलाएं, शिशु, बुजुर्ग और विशेष रूप से सक्षम लोग शामिल थे। पूरे मिशन के दौरान उनकी टीम ने 1002 लोगों की जान बचाई।

6. विंग कमांडर जसप्रीत सिंह संधू इस समय एक फाइटर स्क्वाड्रन में तैनात हैं। 25 जनवरी, 2024 को उन्हें मिग बाइसन पर एयरफ्रेम और इंजन चेक सॉर्टी उड़ाने के लिए अधिकृत किया गया। लैंडिंग के समय प्रतिकूल क्रॉस विंड के कारण विमान स्टारबोर्ड की ओर चला गया। इसके बावजूद शांत स्वभाव बनाए रखते हुए उन्होंने तुरंत पूर्ण ब्रेक लगाकर विमान को बंद कर दिया। उन्होंने पहिया ब्रेक और टायरों को कोई नुकसान पहुंचाए बिना रनवे की दाहिने लेन पर विमान को सफलतापूर्वक रोक दिया। इस दौरान कार्रवाई में एक सेकेंड की भी देरी से विमान रनवे से बाहर जा सकता था। बाद में जांच से पता चला कि मुख्य रेडियो का एंटीना कनेक्टर ऑटोपायलट बे में पतवार पैडल के लिंक रॉड तंत्र को बाधित करने से यह स्थिति पैदा हुई थी। इसके बावजूद पायलट की सूझबूझ से मूल्यवान हवाई संपत्ति को सुरक्षित बचाया जा सका।

7. विंग कमांडर वर्नोन डेसमंड कीन वीएम इस समय एक फाइटर स्क्वाड्रन में तैनात हैं। जगुआर लड़ाकू विमान पर 24 जुलाई, 2023 को एक सॉर्टी के दौरान उन्हें तेल प्रणाली ने खराबी का संकेत दिया। ऐसी स्थिति पहले कभी नहीं हुई थी लेकिन पायलट ने बाएं इंजन को बंद करने का फैसला लिया और निकटतम रनवे के लिए दाएं इंजन का उपयोग करके रिकवरी शुरू की। इस बीच 2500 फीट की ऊंचाई पर दाहिना इंजन फेल हो गया, जिससे विमान तेजी से ऊंचाई खोते हुए उत्तर प्रदेश के घनी आबादी वाले गोरखपुर शहर के पास पहुंच गया। एक इंजन के सहारे पायलट ने विमान को नियंत्रित करके गैर आबादी वाले क्षेत्र की ओर मोड़ दिया और खाली ईंधन टैंकों को आबादी वाले क्षेत्र से दूर फेंक दिया। उन्होंने साथ ही बाएं इंजन को फिर से चालू करके असाधारण साहस, दृढ़ता और धैर्य का परिचय देते हुए विमान को क्षतिग्रस्त होने से बचाकर जमीन पर जान और संपत्ति के संभावित नुकसान को बचाया।

8. स्क्वाड्रन लीडर दीपक कुमार इस समय एयर फ़ोर्स स्टेशन हकीमपेट में तैनात हैं। उन्हें 25 अगस्त, 2023 को एक प्रशिक्षु पायलट के साथ किरण विमान में एक निर्देशात्मक रात्रि उड़ान भरने के लिए अधिकृत किया गया था। अंधेरी रात में उड़ान के दौरान कम ओवरशूट के बाद चक्कर लगाते समय विमान से पक्षी टकराया, जिससे इंजन में आग लग गई। उन्होंने तुरंत स्थिति का आकलन करके विमान को सीधे आगे की ओर उतारने का निर्णय लिया। रात में सीमित संकेतों के बावजूद उन्होंने अपने असाधारण निर्णय और उत्कृष्ट उड़ान कौशल का उपयोग करके विमान को छोटे रनवे पर जबरन उतारा। लैंडिंग के बाद रनवे की उपलब्ध लंबाई लगभग 1000 फीट थी, जिसमें स्विच ऑफ करने, ब्रेक लगाने और अरेस्टर बैरियर को जोड़ने जैसी उनकी त्वरित कार्रवाई के परिणामस्वरूप विमान को न्यूनतम क्षति के साथ सुरक्षित रूप से रोक दिया गया।

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नई दिल्ली, 14 अगस्त (हि.स.)। वरिष्ठ कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी को कांग्रेस ने तेलंगाना से राज्यसभा की एक सीट पर होने वाले उपचुनाव में पार्टी का उम्मीदवार बनाया है। 9 राज्यों की 12 राज्यसभा सीटों पर 3 सितंबर को मतदान होगा और उसी दिन नतीजे आएंगे। यह सीट के केशवराव के त्यागपत्र से खाली हुई थी।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने उनके नाम को मंजूरी प्रदान की है। पार्टी ने इस संबंध में प्रेस वक्तव्य जारी कर इसकी जानकारी दी है।

अभिषेक मनु सिंघवी को इससे पहले पार्टी ने हिमाचल प्रदेश से राज्यसभा उम्मीदवार बनाया था। हालांकि वहां विधायकों के क्रास वोटिंग करने के कारण वे उच्च सदन नहीं पहुंच पाये थे। इसके अलावा भाजपा ने आम आदमी पार्टी पर आरोप लगाया था कि सिंघवी को दिल्ली से राज्यसभा भेजने के लिए पार्टी ने स्वाति मालीवाल से इस्तीफा मांगा था।

सिंघवी सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता हैं और कांग्रेस के प्रवक्ता भी हैं। कई महत्वपूर्ण मामलों में वे सुप्रीम कोर्ट में पैरवी कर चुके हैं। इसमें प्रमुख दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत का मामला भी है।

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नई दिल्ली, 14 अगस्त (हि.स.)। देश की 75 आशा कार्यकर्ता और एएनएम (स्वास्थ्य कर्मी) को लाल किले पर 78वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में उनके परिवारजनों के साथ विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है। बुधवार को आमंत्रित अतिथियों के साथ केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने संवाद किया और राष्ट्र के प्रति उनके योगदान का सम्मान करते हुए 75 आशा और एएनएम को विशेष अतिथि के रूप में सम्मानित किया।

इस मौके परआशा और एएनएम की “राष्ट्र के स्वास्थ्य परिदृश्य में सुधार लाने में उनके असाधारण और अथक प्रयासों” के लिए सराहना करते हुए अनुप्रिया पटेल ने कहा कि “वर्तमान में 10.29 लाख से अधिक आशा और 89,000 एएनएम हैं जो हमारे देश में सामुदायिक स्वास्थ्य की आधारशिला के रूप में काम करती हैं और जमीनी स्तर पर स्वास्थ्य सेवा को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। उनके योगदान में समुदायों को संगठित करना, स्वास्थ्य सेवाओं को सुविधाजनक बनाना, सामुदायिक स्तर की स्वास्थ्य सेवा प्रदान करना और स्वास्थ्य जागरूकता को बढ़ावा देना शामिल है। उनका समर्पण सबसे दूरस्थ और कमजोर आबादी को भी महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में आवश्यक रहा है। दुर्गम क्षेत्रों में उनके काम का प्रभाव गहरा है, और हम स्वास्थ्य सेवा को सभी के लिए सुलभ बनाने की उनकी प्रतिबद्धता की गहराई से सराहना करते हैं।

उन्होंने कहा कि आशा और एएनएम ने भारत में मातृ, बाल और किशोर स्वास्थ्य के परिदृश्य को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मातृ मृत्यु दर में 82 प्रतिशत की गिरावट, टीकाकरण दर में सुधार और शिशु मृत्यु दर में गिरावट को प्राप्त करने में आशा और एएनएम महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

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नई दिल्ली, 13 अगस्त (हि.स.)। केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और केंद्रीय संसदीय कार्य एवं अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू 13 अगस्त, 2024 को नई दिल्ली में भारत मंडपम से निकाली गई ‘हर घर तिरंगा बाइक रैली के दौरान।

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– लगभग पांच साल के लम्बे इन्तजार के बाद 2017 में हो पाई थी अरिघाट की लांचिंग- समुद्र में गोते लगाने के लिए अरिघाट अपनी बहन आईएनएस अरिहंत से जुड़ जाएगी

नई दिल्ली, 11 अगस्त (हि.स.)। हिंद महासागर क्षेत्र में चीन के तेजी से बढ़ते कदमों के बीच परमाणु मिसाइलों से लैस पनडुब्बी आईएनएस अरिघाट भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल होने को तैयार है। इसे विशाखापट्टनम के जहाज निर्माण केंद्र पर एडवांस्ड टेक्नोलॉजी वेसल (एटीवी) प्रोजेक्ट के तहत बनाया गया है। भारत की पहली बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत की लांचिंग 2009 में हुई थी। इसके अलावा पारंपरिक हथियारों के साथ दो परमाणु ऊर्जा चालित हमलावर पनडुब्बियों के निर्माण की परियोजना भी अंतिम मंजूरी के करीब है।

नौसेना को दूसरी 6,000 टन की परमाणु ऊर्जा चालित पनडुब्बी आईएनएस अरिघाट मिलने के बाद भारत अब रणनीतिक प्रतिरोध के लिए हिंद महासागर क्षेत्र में चीन की ओर से बढ़ रही चुनौतियों का सामना करने में सक्षम होगा। भारतीय नौसेना की दूसरी परमाणु ऊर्जा वाली बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी आईएनएस अरिघाट तीन साल के समुद्री परीक्षणों के बाद अब इस वर्ष के अंत तक समंदर में गोते लगाने के लिए तैयार है। यह अरिहंत श्रेणी की भारत में निर्मित की गई दूसरी पनडुब्बी है। व्यापक परीक्षणों के बाद औपचारिक कमीशनिंग के लिए पूरी तरह से तैयार पनडुब्बी में विस्तारित अवधि में उन्नयन के साथ कुछ तकनीकी मुद्दों को सुलझाया गया था।

भारत की पहली बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत को 9 साल के व्यापक परीक्षण के बाद अगस्त, 2016 में समुद्र में उतारा गया था। दो साल के परीक्षण के बाद 2018 में यह पूरी तरह से चालू हो गई थी। आईएनएस अरिघाट की लांचिंग लगभग पांच साल के लम्बे इन्तजार के बाद 2017 में हो पाई। इस पनडुब्बी को मूल रूप से आईएनएस अरिदमन के नाम से जाना जाता था लेकिन इसके लॉन्च होने पर इसे आईएनएस अरिघाट नाम दिया गया था। यह पनडुब्बी सात साल तक व्यापक परीक्षण से गुजरी है और अब समुद्र की गहराइयों में उतरने के लिए तैयार है। इसके बाद अरिघाट अपनी बहन आईएनएस अरिहंत से जुड़ जाएगी। आईएनएस अरिहंत के मुकाबले आईएनएस अरिघाट में मिसाइलों की संख्या दोगुनी होगी, जिससे भारत को ‘पानी के युद्ध’ में और अधिक मिसाइलें ले जाने की क्षमता मिल जाएगी।

अरिहंत श्रेणी की दूसरी मिसाइल पनडुब्बी आईएनएस अरिघाट के ब्लेड प्रोपेलर जल रिएक्टर से संचालित होंगे। यह पनडुब्बी पानी की सतह पर 12-15 समुद्री मील (22-28 किमी/घंटा) की अधिकतम गति से चल सकती है और समुद्र की गहराई में 24 समुद्री मील (44 किमी/घंटा) की गति प्राप्त कर सकती है। इस पनडुब्बी के कूबड़ पर आठ लांच ट्यूब होंगे। यह 750 किमी. रेंज वाली 24के-15 सागरिका मिसाइलों या 3,500 किमी. की रेंज वाली 8के-4 मिसाइल तक ले जा सकती है। अरिहंत श्रेणी की परमाणु-शक्ति वाली इन पनडुब्बियों को 2.9 बिलियन डॉलर के उन्नत टेक्नोलॉजी वेसल (एटीवी) प्रोजेक्ट के तहत डिजाइन और निर्मित किया गया है।

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जम्मू, 11 अगस्त (हि.स.)। उधमपुर जिले के बसंतगढ़ के खानेद इलाके में आतंकवादियों और सुरक्षाबलों के बीच गोलीबारी हुई है।

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि सुरक्षाकर्मी लगातार उन आतंकवादियों पर नज़र रख रहे थे, जो खानेद इलाके में गोलीबारी के बाद चार दिन पहले भाग निकले थे।

आज फिर इन आतंकवादियों से संपर्क स्थापित किया गया है। अब तक गोलीबारी में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। अधिकारी ने कहा कि भागने के सभी रास्तों को बंद करने के लिए इलाके में और अतिरिक्त सुरक्षाबलों को भेजा गया है।

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नई दिल्ली, 11 अगस्त (हि.स.)। पूर्व विदेश मंत्री के. नटवर सिंह का शनिवार देर रात निधन हो गया। 95 वर्षीय नटवर सिंह गुरुग्राम के एक अस्पताल में भर्ती थे।

कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में शामिल रहे नटवर सिंह ने मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए-वन सरकार के दौरान 2004-05 के दौरान विदेश मंत्री का कार्यभार संभाला। हालांकि 2005 में ‘इराकी तेल के बदले अनाज’ घोटाले के बाद उन्हें सरकार से इस्तीफा देना पड़ा।

राजस्थान के भरतपुर में 1931 में जन्मे नटवर सिंह एक समय गांधी परिवार के करीबी माने जाते थे लेकिन 2008 में उन्होंने कांग्रेस का साथ छोड़ दिया।

नटवर सिंह ने पाकिस्तान में राजदूत के रूप में काम किया था और 1966 से 1971 तक तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यालय से जुड़े रहे थे। उन्हें 1984 में पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया। उन्होंने आत्मकथा ‘वन लाइफ इज़ नॉट इनफ’ सहित कई किताबें लिखीं जो राजनीतिक हलकों में काफी चर्चित हुई।

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अनंतनाग, 10 अगस्त (हि.स.)। अनंतनाग जिले के एक जंगल में शनिवार को आतंकवादियों के साथ भीषण हुई मुठभेड़ में दो सैन्यकर्मी बलिदान हो गए जबकि चार अन्य घायल हो गए हैं। इस दौरान दो नागरिक भी घायल हुए हैं। यह जानकारी अधिकारियों ने दी। यह मुठभेड़ सुरक्षाबलों द्वारा अहलान गगरमांडू के सुदूर जंगल में आतंकवादियों की मौजूदगी की खुफिया रिपोर्ट के आधार पर शुरू किए गए घेराबंदी और तलाशी अभियान के दौरान हुई।

अधिकारियों ने बताया कि गोलीबारी में दो नागरिक भी घायल हो गए। उनके अनुसार मुठभेड़ तब शुरू हुई जब आतंकवादियों के एक समूह ने पैरा कमांडो और स्थानीय पुलिस सहित सेना के जवानों के संयुक्त तलाशी दलों पर गोलीबारी की। अधिकारियों ने बताया कि मुठभेड़ में छह सैन्यकर्मी और दो नागरिक घायल हो गए। घायल सैनिकों को तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाया गया जहां पहुंचने के कुछ ही देर बाद दो जवान वीरगति को प्राप्त हो गए। उन्होंने बताया कि शेष घायल कर्मियों और नागरिकों का इलाज किया जा रहा है।

अधिकारियों ने बताया कि इलाके में अतिरिक्त बल तैनात किए गए हैं और भाग रहे आतंकवादियों का पता लगाने और उन्हें बेअसर करने के लिए अभियान जारी है। यह मुठभेड़ पिछले साल सितंबर में कोकरनाग के सामान्य क्षेत्र में हुए इसी तरह के ऑपरेशन की याद दिलाती है, जिसके दौरान कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष और डिप्टी एसपी हुमायूं भट सहित चार सुरक्षाकर्मी आतंकवादियों के साथ एक सप्ताह तक चली मुठभेड़ में बलिदान हुए थे। उस ऑपरेशन के दौरान लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के एक वरिष्ठ कमांडर सहित दो आतंकवादियों को भी मार गिराया गया था।

15 जुलाई को डोडा जिले में हुई मुठभेड़ के बाद सुरक्षा बलों ने कोकरनाग के जंगलों में अपने प्रयास तेज कर दिए हैं, जिसमें एक कैप्टन सहित चार सैनिक मारे गए थे। ऐसा माना जाता है कि हाल ही में अनंतनाग की घटना में शामिल आतंकवादी डोडा में टकराव से बचने के बाद किश्तवाड़ जिले से सीमा पार कर आए होंगे।

सेना की श्रीनगर स्थित चिनार कोर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ऑपरेशन की पुष्टि करते हुए कहा कि विशिष्ट खुफिया इनपुट के आधार पर भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ द्वारा अनंतनाग के कोकरनाग के सामान्य क्षेत्र में एक संयुक्त अभियान शुरू किया गया था। संपर्क स्थापित किया गया और गोलीबारी शुरू हो गई। सेना ने नागरिकों के घायल होने की भी सूचना दी है तथा चल रहे ऑपरेशन के दौरान आतंकवादियों द्वारा की गई “अंधाधुंध, हताशापूर्ण और लापरवाह” गोलीबारी की निंदा की है।

सेना ने कहा कि घायल नागरिकों को तत्काल चिकित्सा सहायता प्रदान की गई है तथा उन्हें आगे के उपचार के लिए निकाला गया है। उन्होंने कहा कि स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है, क्योंकि सुरक्षा बल क्षेत्र में आतंकवादियों का पीछा करना जारी रखे हुए हैं।

 

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श्री माता वैष्णो देवी कटड़ा-वाराणसी और वाराणसी-चंडीगढ़ के बीच चलेगी चार ट्रेनें

मुरादाबाद:  उत्तर रेलवे के मुरादाबाद रेल मंडल में वरिष्ठ मण्डल वाणिज्य प्रबंधक आदित्य गुप्ता ने शनिवार को बताया कि यात्रियों की सुविधा के लिए श्री माता वैष्णो देवी कटड़ा से वाराणसी के मध्य फेस्टिवल स्पेशल एक्सप्रेस गाड़ी संख्या 04624/04623 एवं वाराणसी से चंडीगढ़ के मध्य सुपरफास्ट स्पेशल गाड़ी संख्या 04211/04212 का संचालन किया जाएगा। गाड़ी संख्या 04211 वाराणसी से 17 अगस्त और 04212 चंडीगढ़ से 18 अगस्त को चलेगी। 04624 श्री माता वैष्णो देवी कटड़ा से प्रत्येक रविवार 11, 18 और 25 अगस्त और 04623 वाराणसी से 13, 20 व 24 अगस्त को चलेगी। दोनों ट्रेनें 3-3 फेरे लगाएंगीं।

सीनियर डीसीएम ने बताया कि रेलगाड़ी संख्या 04211 वाराणसी से दोपहर दाे बजकर 40 मिनट पर चलेगी जो मां बेल्हा देवी प्रतापगढ़ जंक्शन, रायबरेली, लखनऊ, बरेली, मुरादाबाद, सहारनपुर, यमुनानगर-जगाधरी, अंबाला कैंट होते हुए अगले दिन सुबह सात बजकर 20 मिनट पर चंडीगढ़ पहुंचेगी। रेलगाड़ी संख्या 04212 चंडीगढ़ से सुबह 9:00 बजे चलेगी जो अंबाला कैंट, यमुनानगर-जगाधरी, सहारनपुर, मुरादाबाद, बरेली, लखनऊ, रायबरेली, मां बेल्हा देवी धाम, प्रतापगढ़ होते हुए रात्रि 1 बजकर 20 मिनट पर वाराणसी पहुंचेगी। वहीं, ट्रेन संख्या 04624 श्री माता वैष्णो देवी कटरा से रात्रि 11 बजकर 45 मिनट पर चलेगी जो अगले दिन रात्रि 11 बजकर 55 मिनट पर वाराणसी पहुंचेगी। ट्रेन संख्या 04623 वाराणसी से सुबह 5 बजकर 30 मिनट पर चलेगी जो अगले दिन सुबह 11 बजकर 25 मिनट पर श्री माता वैष्णो देवी कटड़ा पहुंचेगीं।

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रांची के अल्बर्ट एक्का चौक पर 26 और 27 अगस्त को मनेगा श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव

रांची:  श्री कृष्ण जन्मोत्सव समिति की ओर से अल्बर्ट एक्का चौक में 26 और 27 अगस्त को दो दिवसीय श्री कृष्ण जन्मोत्सव मनाया जायेगा। आयोजन समिति के संरक्षक सह रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने बताया कि 26 और 27 अगस्त को श्री कृष्ण जन्मोत्सव समिति की ओर से अल्बर्ट एक्का चौक ,मेन रोड में श्री कृष्ण जन्मोत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया जाएगा।

सेठ शनिवार को रांची के महेश्वरी भवन में संवाददाता सम्मेलन में बोल रहे थे। उन्होंने बताया कि समिति के सानिध्य में 14 वर्षो से श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव हम मनाते आ रहे हैं । इस कार्यक्रम की प्रतीक्षा सबसे ज्यादा झारखंड वासी करते है।

प्रथम दिन 26 अगस्त को अपराह्न 4-00 बजे झांकी प्रतियोगिता के साथ महोत्सव का उद्घाटन रांची की सामाजिक और धार्मिक संस्थाओं के अध्यक्ष, सचिव व पदाधिकारियो सहित समिति के सदस्यों द्वारा किया जाएगा।

इस उपलक्ष्य पर श्री कृष्ण के बाल रूप की झांकी सहित बाल गोपाल सजाओ प्रतियोगिता का भी आयोजन रखा गया है। जिसमें 10 वर्ष तक के बच्चे , बच्चियां श्री कृष्ण के विभिन्न रूपों के साथ इस प्रतियोगिता में भाग ले सकेंगे। बाल गोपाल प्रतियोगिता में बच्चों के बीच प्रथम व द्वितीय पुरस्कार सहित सांत्वना पुरस्कार भी दिया जाएगा।

दूसरे दिन 27 अगस्त को संध्या 4:00 बजे से दही- हांडी फोड़ प्रतियोगिता सह -भजनसंध्या सहित नृत्य नाटिका का भव्य और विशाल आयोजन रखा गया है। दही हांडी फोड़ प्रतियोगिता में पुरुष गोविंदा टीम और महिला गोविंदा टीम भाग ले सकेंगे । जिसका रजिस्ट्रेशन समिति में गोबिंदाओ की टीम को कराना अनिवार्य होगा।

समिति के अध्यक्ष मुकेश काबरा ने बताया प्रतियोगिता में प्रथम ,द्वितीय, तृतीय पुरस्कार भी रखा गया है। पुरुष गोविंदा के लिए प्रथम पुरस्कार एक लाख रुपया, द्वितीय पुरस्कार 41 हजार रुपये और तृतीय पुरस्कार 21 हजार रुपये निर्धारित की गयी है। जबकि महिला गोविंदा के लिए प्रथम पुरस्कार 51 हजार रुपये, द्वितीय पुरस्कार 21 हजार रुपये तय की गयी है।

इसके अलावा पुरुष और महिला गोबिंदा के प्रथम विजेता खिलाड़ियों को समिति की ओर से शील्ड भी दिया जाएगा। दही हांडी प्रतियोगिता में कुछ नियम और शर्ते भी रहेगी। जो सबसे कम समय में हांडी फोड़ेगा उसे क्रमवार प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार दिया जाएगा। इस बार पूरी रांची कृष्ण मय हो जाएगी ।

बाल गोपाल प्रतियोगिता एवं दही हाडी फोड़ो प्रतियोगिता का रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा। हांडी फोड़ प्रतियोगिता का रजिस्ट्रेशन फॉर्म 14 अगस्त 2024 से प्राप्त होगा। फिरायलाल में केडिया साइकिल के राजेंद्र केडिया से स्टेसन रोड में पतंजलि में सतीश सिन्हा से प्राप्त किया जा सकेगा। रजिस्ट्रेशन फॉर्म 24 अगस्त 2024 तक ही जमा लिए जाएंगे।

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नई दिल्ली, 9 अगस्त (हि.स.)। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को आठ नई नई रेल लाइन बिछाए जाने से जुड़ी परियोजनाओं को मंजूरी प्रदान की। सात राज्यों से जुड़ी इस परियोजना से कनेक्टिविटी बढ़ेगी, यात्रा आसान होगी, माल ढुलाई सस्ती होगी तथा तेल आयात और कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी। परियोजनाओं की कुल अनुमानित लागत 24,657 करोड़ रुपये है और इन्हें 2030-31 तक पूरा किया जाएगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इन्हें आज मंजूरी प्रदान की।

मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि निर्माण के दौरान लगभग तीन करोड़ मानव-दिवसों के लिए प्रत्यक्ष रोजगार पैदा होगा।

यह परियोजनाएं इस प्रकार है :

1) गुनुपुर-थेरुबली (नई लाइन) 73.62 किमी रायगड़ा, ओडिशा

2) जूनागढ़-नबरंगपुर 116.21 किमी कालाहांडी और नबरंगपुर ओडिशा

3) बादामपहाड़ कंदुझारगढ़ 82.06 किमी क्योंझर और मयूरभंज ओडिशा

4) बंग्रिपोसी गोरुमहिसानी 85.60 किमी मयूरभंज ओडिशा

5) मलकानगिरी पांडुरंगपुरम (भद्राचलम से होते हुए) 173.61 किमीमलकानगिरि, पूर्वी गोदावरी और भद्राद्री कोठागुडेम ओडिशा, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना

6) बुरामारा चाकुलिया 59.96 किमी पूर्वी सिंहभूम, झाड़ग्राम और मयूरबनंज (झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा)

7) जालना – जलगांव 174 किमी औरंगाबाद महाराष्ट्र

8) बिक्रमशिला कटारेह 26.23 किमी भागलपुर बिहार

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