विदेश राज्यमंत्री पबित्रा 08-12 मई तक न्यूजीलैंड और फिजी के दौरे पर

नई दिल्ली:  विदेश राज्यमंत्री पबित्रा मार्गेरिटा 8 से 12 मई तक न्यूजीलैंड और फिजी का दौरा करेंगे। इस यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना है।

विदेश मंत्रालय ने आज यह जानकारी दी। कार्यक्रम के अनुसार, न्यूजीलैंड में पबित्रा मार्गेरिटा 08 और 09 मई को राजनीतिक नेतृत्व के साथ द्विपक्षीय बैठकें करेंगे। इन बैठकों में व्यापारिक समुदाय के प्रमुख नेताओं और ऑकलैंड में भारतीय प्रवासियों के सदस्यों के साथ संवाद भी शामिल होगा। यह बातचीत भारत-न्यूजीलैंड संबंधों को और गहरा करने में सहायक होगी।

फिजी में वह तीसरे गिरमिट दिवस (भारतीय आगमन दिवस) समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेंगे। यह समारोह भारतीय संस्कृति और धरोहर का प्रतीक है। इसके अलावा वह फिजी के राजनीतिक नेताओं के साथ भी बैठकें करेंगे। यह फिजी के साथ भारत के संबंधों को और मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण अवसर होगा।

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श्रीनगर/नई दिल्ली, 06 मई (हि.स.)। पहलगाम पर आतंकवादियों से हमला करवा कर 26 पर्यटकों की मौत का जिम्मेदार पाकिस्तान नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर हरकत करने से बाज नहीं आ रहा। पाकिस्तान की फौज ने एक बार फिर संघर्ष विराम का उल्लंघन किया है। तनाव की गंभीरता के मद्देनजर केंद्र सरकार ने देश के 244 में जिलों में नागरिक सुरक्षा पूर्वाभ्यास कराने का फैसला लिया है।

भारतीय शीर्ष सैन्य अफसर के अनुसार, पांच और छह मई की रात पाकिस्तान की सेना ने फिर संघर्ष विराम तोड़ा। पहलगाम हमले के बाद लगातार 12वें दिन जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान ने संघर्ष विराम का उल्लंघन किया पाकिस्तान की फौज ने जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा, बारामुला, पुंछ, राजौरी, मेंढर, नौशेरा, सुंदरबनी और अखनूर के आसपास के इलाकों में नियंत्रण रेखा के पार चौकियों से बिना उकसावे के छोटे हथियारों से गोलीबारी की। भारतीय सेना ने भी उचित तरीके से जवाब दिया है। इससे पहले, रविवार-सोमवार रात पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर भारतीय सेना की अग्रिम चौकियों को निशाना बनाकर गोलाबारी की।

सुरक्षाबलों ने इसका कड़ा जवाब दिया। पिछले 12 दिन से पाकिस्तान की सेना ने कुपवाड़ा, बारामूला, उरी और अखनूर सहित अन्य सेक्टरों में करीब 40 बार संघर्षविराम का उल्लंघन किया है। इससे जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती गांवों में तनाव है।

नागरिक सुरक्षा तैयारियों को बढ़ावा देने का फैसला
इस बीच केंद्र सरकार ने पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के साथ उपजे ताजा तनाव के बीच नागरिक सुरक्षा तैयारियों को बढ़ावा देने का फैसला किया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सात मई को 244 वर्गीकृत जिलों में नागरिक सुरक्षा अभ्यास और पूर्वाभ्यास आयोजित करने का फैसला किया है। मुख्य सचिवों को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि अभ्यास का मकसद राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में नागरिक सुरक्षा तंत्र की तैयारियों का आकलन करना और उसे सुदृढ़ करना है।

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नई दिल्ली, 5 मई (हि.स.)। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नागरिक सुरक्षा तैयारियों को मजबूती देने के उद्देश्य से सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को 7 मई को मॉक ड्रिल आयोजित करने का निर्देश दिया है। यह निर्णय पहलगाम हमलों और पाकिस्तान के साथ बढ़े तनाव के बाद लिया गया है।

आपातकालीन स्थिति का पूर्वाभ्यास
सरकारी सूत्रों के अनुसार, इस मॉक ड्रिल में हवाई हमले की स्थिति में नागरिकों को सचेत करने के लिए सायरन की प्रभावशीलता का परीक्षण करना और नागरिकों एवं छात्रों को बुनियादी आत्मसुरक्षा उपायों के बारे में शिक्षित करना शामिल है। इसके अलावा युद्ध के संभावित खतरे के दौरान अंधेरा कर देने की आपात प्रक्रिया (क्रैश ब्लैकआउट) का अभ्यास और संवेदनशील प्रतिष्ठानों को छिपाकर बुनियादी ढांचे की रक्षा करना शामिल होगी। इसके साथ ही आपातकालीन स्थिति में लोगों की सुरक्षित निकासी की योजनाओं को अद्यतन किया जाएगा और उनका पूर्वाभ्यास भी कराया जाएगा।

सूत्रों के अनुसार, इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य नागरिकों में जागरूकता बढ़ाना, उनकी भागीदारी सुनिश्चित करना और राज्य तथा स्थानीय प्रशासन की तैयारियों की समीक्षा करना है। यह मॉक ड्रिल विभिन्न स्तरों पर नागरिक सुरक्षा प्रणाली की प्रभावशीलता को जांचने का एक समन्वित प्रयास है।

यह पहल देश की समग्र सुरक्षा रणनीति का हिस्सा
गृह मंत्रालय ने राज्यों से कहा है कि वे इस अभ्यास की पूरी योजना पहले से तैयार करें और सभी संबंधित एजेंसियों के साथ समन्वय बनाकर उसका सफल आयोजन सुनिश्चित करें। यह पहल देश की समग्र सुरक्षा रणनीति का हिस्सा है और भविष्य की किसी भी आपात स्थिति से निपटने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।

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– केदारनाथ में श्रद्धालुओं को मिली फ्री वाईफाई सुविधा

देहरादून: उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जनपद ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए देश का पहला ऐसा जिला बनने का गौरव प्राप्त किया है, जिसने अपना स्वयं का मोबाइल नेटवर्क स्थापित किया है। इसी के तहत केदारनाथ धाम आने वाले श्रद्धालुओं को अब फ्री वाईफाई की सुविधा भी मिलने लगी है। शनिवार को सफल ट्रायल के बाद यह सुविधा श्रद्धालुओं को समर्पित कर दी गई। बाबा के दर्शनों को पहुंचे श्रद्धालुओं ने इसपर खुशी जाहिर करते हुए सरकार और जिला प्रशासन को इसके लिए आभार जताया है।

चारधाम यात्रा पर देश-विदेश से पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की यात्रा सुखद और सुगम हो, इसके लिए राज्य सरकार एवं प्रशासन लगातार नए प्रयास कर रहा है। देश की सबसे कठिन पैदल यात्राओं में से एक श्री केदारनाथ धाम यात्रा ने इस दिशा में नई कीर्तिमान स्थापित किया है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मार्गदर्शन और जिलाधिकारी डॉ. सौरभ गहरवार की पहल पर आपदा की दृष्टि से अति संवेदनशील रुद्रप्रयाग जनपद ने एक ऐतिहासिक पहल करते हुए अपना स्वयं का मोबाइल नेटवर्क स्थापित किया है। इस नेटवर्क को “डिस्ट्रिक्ट डिजास्टर रिसोर्स नेटवर्क” नाम दिया गया है। यह नेटवर्क न केवल आपदा या किसी भी विकट परिस्थिति में लगातार संचालित रहेगा, बल्कि इसमें मोबाइल डाटा, वॉयस कॉलिंग और हाई क्वालिटी सीसीटीवी विजुअल्स की भी सुविधा उपलब्ध है।

इसी रिसोर्स नेटवर्क के तहत श्रद्धालुओं को अब फ्री वाईफाई की सुविधा मिलने जा रही है। मुख्य विकास अधिकारी डॉ. जीएस खाती ने बताया कि वाईफाई का फायदा उठाने के लिए वाईफाई सेटिंग पर जाकर अपना मोबाईल नंबर पंजीकृत करना होगा, जिसके बाद एक ओटीपी मोबाईल नंबर पर आएगा जिसे भरने के बाद आधे घंटे तक हाय स्पीड वाईफाई का लाभ उठाया जा सकता है।

देश का पहला मॉडल

रुद्रप्रयाग देश का पहला जनपद बन गया है, जिसके पास अपना अलग और संपूर्ण मोबाइल नेटवर्क है। जुलाई 2024 में केदारनाथ पैदल मार्ग पर आई आपदा के दौरान जब अन्य मोबाइल नेटवर्क पूरी तरह ठप हो गए थे, तब यही नेटवर्क यात्रियों, मजदूरों और रेस्क्यू टीमों के लिए जीवन रेखा बना। इससे रास्ते में फंसे लोगों ने अपने घरों से संपर्क किया और राहत एवं बचाव कार्यों में भी अत्यंत मदद मिली।

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नई दिल्ली: केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्‍य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन ने कहा कि कम्युनिटी रेडियो सिर्फ मीडिया नहीं, बल्कि यह शासन की सक्रियता के साथ ही व्यवहारिक सशक्तिकरण है। यह सम्मेलन केवल एक विचार-विमर्श मंच नहीं, बल्कि “जनता की आवाज़ों का उत्सव है। वास्तविक, प्रामाणिक और जमीनी आवाजें जो उन स्थानों से उठती हैं, जहां मुख्यधारा की मीडिया अक्सर नहीं पहुंचती। वह भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) के सहयोग से मुंबई में शनिवार को आठवें राष्ट्रीय सामुदायिक रेडियो सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। यह सम्मेलन मंत्रालय की प्रमुख पहल वर्ल्ड आडियो विजुअल एंटरटेनमेंट समिट-2025 (वेव्स) के अंतर्गत आयोजित हुआ।

डॉ. मुरुगन ने सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में सामुदायिक रेडियो की भूमिका की सराहना की और इसे हाशिए पर रह रहे समुदायों के लिए एक “जीवनरेखा” और “लोकतंत्र की सच्ची भावना” बताया। उन्होंने कहा कि भारत डिजिटल संचार में वैश्विक लीडर है। देश भर में 531 से अधिक सामुदायिक रेडियो स्टेशन कार्यरत हैं।

सम्मेलन की प्रमुख विशेषता 10वें राष्ट्रीय सामुदायिक रेडियो पुरस्कारों का वितरण भी रहा, जिसमें 12 उत्कृष्ट रेडियो स्टेशनों को सामुदायिक जुड़ाव और सामाजिक प्रभाव में उनके अद्वितीय योगदान के लिए सम्मानित किया गया।

डॉ. एल. मुरुगन ने विजेताओं को बधाई दी और कहा कि इस राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्देश्य नवाचार, समावेशिता और प्रभाव के माध्यम से भारत में सामुदायिक मीडिया को मजबूत करना है। ये स्टेशन महिलाओं, आदिवासी जैसे विभिन्न समुदायों और समूहों के लिए कल्याणकारी गतिविधियों का एक नया आयाम दे रहे हैं।

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के संयुक्‍त सचिव पृथुल कुमार ने कहा कि 531 से अधिक कार्यरत स्टेशनों के साथ, कम्युनिटी रेडियो अब जमीनी संचार की जीवनरेखा बन चुका है। यह लोगों को उनकी अपनी भाषा और बोली में जोड़ता है, स्थानीय मुद्दों को संबोधित कर परिवर्तन लाता है। अब तक 176 स्टेशनों को वित्तीय सहायता दी जा चुकी है और 50 से अधिक प्रस्तावों पर विचार किया जा रहा है। साथ ही उन्होंने पूर्वी, दक्षिणी और उत्तरी भारत में तीन क्षेत्रीय सम्मेलनों की घोषणा की तथा सौर ऊर्जा अनुदानों के माध्यम से स्टेशनों की टिकाऊ संचालन प्रणाली को बढ़ावा देने की योजनाएं साझा कीं।

इस सम्मेलन में देश भर के 400 से अधिक सामुदायिक रेडियो (सीआर) स्टेशनों के प्रतिनिधि एक मंच पर एकत्रित हुए, ताकि संवाद और सहयोग का अवसर प्रदान किया जा सके। इस दौरान सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव संजय जाजू और आईआईएमसी की कुलपति डॉ. अनुपमा भटनागर आदि उपस्थित थे।

इन्हें मिले पुरस्कार

विषयगत पुरस्कारः

प्रथम पुरस्कार: रेडियो मयूर, जिला सारण, बिहार, कार्यक्रम: टेक सखी के लिए, द्वितीय पुरस्कार: रेडियो कोच्चि, केरल, कार्यक्रम: निरंगल के लिए, तृतीय पुरस्कार: हैलो दून, देहरादून, उत्तराखंड, कार्यक्रम : मेरी बात के लिए।

सर्वाधिक नवीन सामुदायिक सहभागिता पुरस्कार

– प्रथम पुरस्कार: यरलावानी सांगली, महाराष्ट्र, कार्यक्रम: कहानी सुनंदाची, द्वितीय पुरस्कार: वायलागा वनोली, मदुरै, तमिलनाडु, कार्यक्रम: आइए एक नया मानदंड बनाएं के लिए, तृतीय पुरस्कार: सलाम नमस्ते नोएडा, उत्तर प्रदेश, कार्यक्रम: नौकरानी दीदी।

स्थानीय संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए पुरस्कार- प्रथम पुरस्कार: रेडियो ब्रह्मपुत्र, डिब्रूगढ़, असम, कार्यक्रम: इगारेकुन के लिए, दूसरा पुरस्कार: रेडियो कोटागिरी, नीलगिरी, तमिलनाडु, कार्यक्रम: एन मक्कलुडन ओरु पायनम, तृतीय पुरस्कार: रेडियो एक्टिव, भागलपुर, बिहार, कार्यक्रम: अंग प्रदेश की अद्भुत धरोहर।

स्थिरता मॉडल पुरस्कार

प्रथम पुरस्कार: बिशप बेंज़िगर हॉस्पिटल सोसाइटी, कोल्लम, केरल द्वारा संचालित रेडियो बेंज़िगर, द्वितीय पुरस्कार: यंग इंडिया द्वारा संचालित रेडियो नमस्कार, कोणार्क, ओडिशा, तृतीय पुरस्कार: शरणबस्बेस्वरा विद्या वर्धक संघ द्वारा संचालित रेडियो अंतरवाणी, गुलबर्गा, कर्नाटक।

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श्रीनगर, 02 मई (हि.स.)। पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद से पाकिस्तान की फौज लगातार नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर संघर्ष विराम का उल्लंघन कर भारतीय सेना को उकसाने की हरकत करने से बाज नहीं आ रही। भारतीय सेना के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान सेना की चौकियों की गोलीबारी का माकूल जवाब दिया गया। इस अधिकारी के अनुसार, 01-02 मई की रात पाकिस्तान की सेना ने नियंत्रण रेखा के पार जम्मू-कश्मीर के केंद्रशासित प्रदेश के कुपवाड़ा, बारामूला, पुंछ, नौशेरा और अखनूर क्षेत्रों में बिना उकसावे के छोटे हथियारों से गोलीबारी की। भारतीय सेना के जवानों ने संयमित और उचित तरीके से जवाब दिया।

भारतीय सेना के अनुसार, 30 अप्रैल और 01 मई की रात को भी पाकिस्तान सेना की चौकियों ने जम्मू और कश्मीर के केंद्रशासित प्रदेश के कुपवाड़ा, उरी और अखनूर के सामने नियंत्रण रेखा के पार बिना उकसावे के छोटे हथियारों से गोलीबारी शुरू की। भारतीय सेना ने तत्काल उचित जवाब दिया। 29-30 अप्रैल की रात भी पाकिस्तान के सैनिकों ने नौशेरा, सुंदरबनी और अखनूर सेक्टरों में छोटे हथियारों से अकारण गोलीबारी कर भारत की सेना को उकसाया। पाकिस्तान की तरफ से गोलीबारी की घटनाएं कश्मीर घाटी के बारामूला और कुपवाड़ा जिलों में एलओसी पर भी सामने आई हैं। जम्मू जिले के परगवाल सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भी फायरिंग की गई।

प्रारंभ में गोलीबारी कुपवाड़ा और बारामूला से शुरू हुई, जो बाद में पुंछ और अखनूर, फिर सुंदरबनी और नौशेरा तक फैल गई। इसके साथ ही परगवाल सेक्टर में भी गोलीबारी की खबरें आईं, जो पिछले सप्ताह के बाद अंतरराष्टीय सीमा पर पहली घटना मानी जा रही है। उल्लेखनीय है कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत के बाद भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया है। तब से पाकिस्तान एलओसी पर लगातार अकारण गोलीबारी कर रहा है। इसके मद्देनजर सेना और सुरक्षा एजेंसियों ने सीमा क्षेत्रों में सतर्कता बढ़ा दी है। इन क्षेत्रों के नागरिकों से सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की गई है। तनावपूर्ण माहौल के बीच सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था भी कड़ी की गई है।

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बनारस-बान्द्रा टर्मिनस अनारक्षित ग्रीष्मकालीन साप्ताहिक विशेष गाड़ी बनारस के स्थान पर रीवा तक होगा परिचालन

Varanasi:  रेलवे प्रशासन द्वारा ग्रीष्मकाल में यात्रियों की सुविधा हेतु पूर्व अधिसूचित 09029/09030 बान्द्रा टर्मिनस-बनारस-बान्द्रा टर्मिनस अनारक्षित ग्रीष्मकालीन साप्ताहिक विशेष गाड़ी बनारस के स्थान पर बान्द्रा टर्मिनस-रीवा के मध्य चलाई जायेगी।

फलस्वरूप 09029/09030 बान्द्रा टर्मिनस-रीवा-बान्द्रा टर्मिनस अनारक्षित ग्रीष्मकालीन साप्ताहिक विशेष गाड़ी का संचलन बान्द्रा टर्मिनस से 01, 08, 15, 22, 29 मई तथा 05, 12, 19 एवं 26 जून, 2025 प्रत्येक बृहस्पतिवार को तथा रीवा से 02, 09, 16, 23, 30 मई तथा 06, 13, 20 एवं 27 जून, 2025 प्रत्येक शुक्रवार को 09 फेरों के लिये निम्नवत किया जायेगा।

09029 बान्द्रा टर्मिनस-रीवा अनारक्षित ग्रीष्मकालीन साप्ताहिक विशेष गाड़ी 01, 08, 15, 22, 29 मई तथा 05, 12, 19 एवं 26 जून, 2025 प्रत्येक बृहस्पतिवार को बान्द्रा टर्मिनस से 04.30 बजे प्रस्थान कर बोरीवली से 05.03 बजे, बोईसर से 06.12 बजे, वापी से 07.02 बजे, वलसाड से 07.22 बजे, भेस्तान से 08.35 बजे, चलथान से 09.07 बजे, बारडोली से 09.24 बजे, नंदुरबार से 10.54 बजे, अमलनेर से 12.22 बजे, धरणगांव से 13.36 बजे, जलगांव से 14.53 बजे, भुसावल से 15.15 बजे, खंडवा से 17.35 बजे, इटारसी से 21.15 बजे, पिपरिया से 22.20 बजे, नरसिंहपुर से 23.12 बजे, दूसरे दिन मदन महल से 01.05 बजे, कटनी से 02.50 बजे, मैहर से 04.12 बजे तथा सतना से 05.25 बजे छूटकर रीवा 07.00 बजे पहुँचेगी।

वापसी यात्रा में, 09030 रीवा-बान्द्रा टर्मिनस अनारक्षित ग्रीष्मकालीन साप्ताहिक विशेष गाड़ी 02, 09, 16, 23, 30 मई तथा 06, 13, 20 एवं 27 जून, 2025 प्रत्येक शुक्रवार को रीवा से 11.00 बजे प्रस्थान कर सतना से 12.25 बजे, मैहर से 12.47 बजे, कटनी से 14.10 बजे, मदन महल से 16.10 बजे, नरसिंहपुर से 17.07 बजे, पिपरिया से 18.02 बजे, इटारसी से 20.05 बजे, खंडवा से 23.50 बजे, दूसरेदिन भुसावल से 02.15 बजे, जलगांव से 02.43 बजे, धरणगांव से 03.33 बजे, अमलनेर से 03.47 बजे,नंदुरबार से 05.30 बजे, बारडोली से 07.37 बजे, चलथान से 08.04 बजे, भेस्तान से 08.32 बजे, वलसाड से 09.32 बजे, वापी से 09.52 बजे, बोईसर से 10.38 बजे तथा बोरीवली से 11.32 बजे छूटकर बान्द्रा टर्मिनस 12.15 बजे पहुँचेगी।

इस गाड़ी में सामान्य द्वितीय श्रेणी के 20, एल.एस.एल.आर.डी. का 01 तथा जनरेटर सह लगेज यान के 01 कोच सहित कुल 22 अनारक्षित कोच लगाये जायेंगा।

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गोरखपुर-भटनी के मध्य निरस्त रहेगी यह रेलगाड़ी

Varanasi:  रेलवे प्रशासन द्वारा देवरिया सदर यार्ड में इंजीनियरिंग कार्य के परिप्रेक्ष्य में ब्लाक दिये जाने के कारण निम्न गाड़ियों का शार्ट टर्मिनेशन/शार्ट ओरिजिनेशन निम्नवत किया जायेगा।

शार्ट टर्मिनेशन/शार्ट ओरिजिनेशन

– बनारस से 02 मई, 2025 को चलने वाली 15104 बनारस-गोरखपुर इंटरसिटी एक्सप्रेस, भटनी में अपनी

यात्रा समाप्त करेगी। यह गाड़ी भटनी-गोरखपुर के मध्य निरस्त रहेगी।

– गोरखपुर से 02 मई, 2025 को चलने वाली 15103 गोरखपुर-बनारस इंटरसिटी एक्सप्रेस, भटनी से चलाई जायेगी। यह गाड़ी गोरखपुर-भटनी के मध्य निरस्त रहेगी।

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हर्षोल्लास के साथ मना पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी मंडल का स्थापना दिवस

Varanasi:  मंडल रेल प्रबंधक विनीत कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी मंडल का स्थापना दिवस पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर मंडल कार्यालय का मुख्य द्वार एवं गलियारों को साफ सुथरा करके आकर्षक रंगोलियों एवं गुब्बारों से सजाया गया था। कार्यालय में प्रवेश करने वाले प्रत्येक कर्मचारी एवं अधिकारी का स्वागत तिलक चन्दन लगाकर सुभकामनाओ के साथ किया गया। कार्यालय की साज सज्जा एवं आगंतुकों का स्वागत पूर्वोत्तर रेलवे भारत स्कॉउट एण्ड गाइड जिला संघ वाराणसी के सदस्यों द्वारा हर्षोल्लास से किया गया।

मंडल रेल प्रबंधक विनीत कुमार श्रीवास्तव ने स्थापना दिवस के अवसर पर पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी मंडल पर कार्यरत समस्त अधिकारीयों एवं कर्मचारियों को बधाई दी । उन्होंने कहा यह बड़े गौरव का विषय है की वाराणसी मण्डल अपनी स्थापना के 56 वर्ष पूरे कर स्वर्ण जयंती की ओर अग्रसर है। उन्होंने बताया वाराणसी मण्डल का शुभारम्भ 01 मई ,1969 को पूर्वोत्तर रेलवे के चीफ कामर्शियल सुपरिटेंडेंट अनन्त नारायण द्वारा किया गया था। इसके पूर्व वाराणसी में पूर्वोत्तर रेलवे का केवल डिस्ट्रिक्ट कार्यालय ही था। वाराणसी डिवीजनल कार्यालय के स्थापना के साथ -साथ वाराणसी मण्डल का कार्य क्षेत्र बढ़ता गया इसके साथ ही यात्री सुख सुविधाओं में भी व्यापक विस्तार हुआ। वाराणसी मंडल विकास के पथ पर लगातार बढ़ते हुए नित नई इबारत लिखता गया। पूर्वोत्तर रेलवे का वाराणसी मंडल जो कभी छोटी लाइनों के लिए जाना जाता था वह छोटी लाइनों से बड़ी लाइनों फिर एकल लाइन से दोहरीकृत लाइन और अब विद्युतीकृत लाइनों से युक्त हो चुका है। श्री श्रीवास्तव ने कहा में कामना करता हूँ कि वाराणसी मण्डल का विकास इसी प्रकार जारी रहे और इस विकास यात्रा में आप सभी की सहभागिता इसी प्रकार कायम रहे।

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-आरक्षण विरोधी रही है कांग्रेस, मंडल कमीशन को डाला था ठंडे बस्ते में

पटना, 1 मई (हि.स.) केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा है। गुरुवार को पटना एयरपोर्ट पर पत्रकारों से उन्होंने कहा कि लालू यादव तो कांग्रेस के पल्लू में पले हैं। जिस कांग्रेस ने मंडल कमीशन की रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में रखा उसे लालू यादव ने समर्थन दिया था। उन्होंने जवाहर लाल नेहरु से लेकर इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के कार्यकाल को गिनाते हुए कहा कि ये सभी आरक्षण विरोधी हैं। दरअसल जातीय जनगणना पर लालू यादव की ओर से इसे अपनी उपलब्धि बताने और ‘संघियों को अपने एजेंडे पर नचाने’ वाले बयान पर केंद्रीय मंत्री ने ये बातें कहीं।

पटना एयरपोर्ट पर दिल्ली रवाना होने से पहले गिरिराज सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने सभी वर्गों के लिए काम किया है। पिछड़े वर्ग को मजबूत करने लिए कानून लाए। वहीं जब एससी-एसटी वर्ग को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसला दिया तो दलितों के हितों के लिए संसद में मोदी सरकार द्वारा उसके खिलाफ कानून लाया गया । इसी तरह गरीब सवर्णों के लिए 10 फीसदी आरक्षण देने का काम किया, जबकि कांग्रेस और लालू यादव हमेशा ही इसके उलट काम करते रहे हैं।

उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी ने मंडल कमीशन आयोग को ठंडे बस्ते में डाला। ये लोग सामाजिक समरसता के विरोधी हैं। उन्होंने कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल को इस पूरे मामले पर बहस करने की चुनौती दी और कहा कांग्रेस द्वारा जातीय गणना का क्रेडिट लेने की बात करना अपने मुंह मियां मिट्ठू बनना है।

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लखनऊ, 01 मई(हि.स.)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रेरणा से गंगा एक्सप्रेस—वे पर राफेल, जगुआर, मिराज टू थॉउजेंड जैसे लड़ाकू विमानों की लैंडिंग होगी। शाहजहांपुर में जलालाबाद इलाके में पीरु ग्राम के निकट गंगा एक्सप्रेस-वे पर बनी हवाई पट्टी पर दो और तीन मई को वायु सेना के लड़ाकू विमानों को उतारा जायेगा। वहीं कुछ मिनटों के भीतर लड़ाकू विमान उड़ान भरते हुए भी दिखायी देंगे।

शाहजहांपुर जिले के जिलाधिकारी धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने गुरूवार को पत्रकारों को बताया कि शाहजहांपुर के लिए गौरव से भरपूर क्षण होगा, जब दो मई और तीन मई को गंगा एक्सप्रेस-वे पर लड़ाकू विमानों की आवाजाही को अपनी आंखों से जिले के नागरिक देखेंगे। दिन रात लड़ाकू विमानों की लैंडिंग और उड़ान भरने पर इसे देखकर गर्व का अनुभव होगा। इसे कार्यक्रम का स्वरूप दिया जा रहा है, जिसमें कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना, मंत्री जेपीएस राठौर अतिथि की भूमिका में रहेंगे, वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भी उपस्थिति रह सकती है।

जिलाधिकारी ने बताया कि जिला प्रशासन की ओर से कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार करते हुए एक हजार स्कूली छात्र-छात्राओं को आमंत्रित किया गया है। स्कूली बच्चे लड़ाकू विमानों को हवाई पट्टी पर उतरते और उड़ते देख सकेंगे। सुरक्षा के दृष्टि से वायु सेना के अधिकारियों के निर्देश पर पांच किलोमीटर के परिक्षेत्र में बैरिकेडिंग करायी गयी है। इस परिक्षेत्र में किसी भी व्यक्ति के आने जाने की मनाही रहेगी।

ज्ञातव्य हो कि पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने बार्डर पर सक्रियता बढ़ा दी है। इसी दौरान उत्तर प्रदेश में गंगा एक्सप्रेस—वे पर लड़ाकू विमानों की लैडिंग को भी सैन्य अभ्यास से जोड़ कर ही देखा जा रहा है। शुक्रवार और शनिवार को दो दिनों तक शाहजहांपुर में सैन्य अभ्यास के दौरान राफेल, सु 30 एमकेआई, मिराज टू थाउजेन्ड, मिग 29, जगुआर, सी 130 जे सुपर हरक्यूलिस, एएन 32, एमआई-17 वी फाइव हेलिकॉप्टर हैडिंग करते हुए देखा जायेगा।

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नई दिल्ली, 30 अप्रैल (हि.स.)। जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच भारत ने बुधवार को एक बड़ा कदम उठाते हुए नोटिस टू एयर मिशन (नोटम) जारी किया है।

इस नोटम के तहत भारत ने पाकिस्तान-पंजीकृत, पाकिस्तान द्वारा संचालित अथवा पाकिस्तान से लीज पर लिए गए सभी नागरिक और सैन्य विमानों के लिए भारतीय वायु क्षेत्र (एयरस्पेस) को तत्काल प्रभाव से बंद करने की घोषणा की है। 30 अप्रैल से 23 मई 2025 तक किसी भी पाकिस्तानी विमान को भारतीय हवाई क्षेत्र में प्रवेश की इजाजत नहीं होगी। सरकार की ओर से स्पष्ट किया गया है कि यह प्रतिबंध आगे की समीक्षा तक प्रभावी रहेगा और परिस्थितियों के अनुसार इसमें बदलाव किया जा सकता है।

नागरिक उड्डयन मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारीं ने स्पष्ट किया है कि यह निर्णय सुरक्षा और संप्रभुता से जुड़े हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए लिया गया है। इस निर्णय की जानकारी संबंधित अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन एजेंसियों और हवाई अड्डों को भी दे दी गई है।

भारत के इस फैसले का सीधा असर पाकिस्तान की वाणिज्यिक और सैन्य उड़ानों पर पड़ेगा। इस फैसले को भारत की तरफ से एक कड़ा संदेश माना जा रहा है, जिसमें यह स्पष्ट किया गया है कि किसी भी उकसावे की स्थिति में भारत सख्ती से जवाब देगा। पिछले कुछ दिनों से नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर लगातार संघर्षविराम उल्लंघन और सीमा पार से होने वाली गतिविधियों ने हालात को और भी नाज़ुक बना दिया है।

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