शिक्षक दिवस के अवसर पर सर्च इंजिन गूगल ने शानदार डूडल बनाया है. गूगल के द्वारा समय समय पर ऐसे डूडल बनाये जाते रहे है. इस डूडल में जानकारियों का संसार को दिखाया गया है.

भारत में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है. आज के दिन डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म हुआ था, जिस वजह से इसी दिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाना लगा. 1962 में जन्मे डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक जाने माने विद्वान, शिक्षक, दार्शनिक और नेता थे.

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नई दिल्ली: स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के छह सहयोगी बैंक और भारतीय महिला बैंक का उसमें विलय होने के बाद एसबीआई
ने पहली बार देशभर में 1295 शाखाओं के नाम और आईएफएससी कोड बदल दिये हैं.

बैंक ने इन शाखाओं के नए नाम और नए आईएफएससी कोड की सूची जारी की है. कुल 1,295 शाखाओं के नाम में यह परिवर्तन किया गया है.

गौरतलब है कि एसबीआई के छह सहयोगी बैंक और भारतीय महिला बैंक का उसमें विलय एक अप्रैल 2017 से प्रभावी है. बैंक ने जो सूची जारी की है उनमें इन शाखाओं के पुराने नाम और आईएफएससी कोड का भी जिक्र किया गया है.

यहां देखे सूची

https://corp.onlinesbi.com/corporate/sbi/downloads/SBH_IFSC_DETAILS_NEW.

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New Delhi: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत अन्य नेताओं ने देशवासियों को रक्षाबंधन की शुभकामनायें दी है.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने सन्देश में लिखा है- रक्षा बंधन पर सभी देशवासियों को बधाई। इस पर्व का उल्‍लास हमारे बीच भाईचारे की भावना को मजबूत बनाए और हमें ऐसा समाज बनाने की प्रेरणा दे जहां महिलाओं, विशेषकर बालिकाओं की सुरक्षा और गरिमा का हमेशा सम्‍मान किया जाता हो — राष्‍ट्रपति

 

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नई दिल्ली: भले ही हम चाँद पर जाने की बात करते है.लेकिन इसके बावजूद भी हम अंधविश्वास के चक्कर मे पड़कर अपना सबकुछ बर्बाद कर देते है. हमारी समस्याओं को आधार बनाकर कुछ पाखंडी समाज को अपने अनुसार चलाने पर मजबूर कर देते है. हालांकि हमारे देश में प्राचीन काल से ही कई अंधविश्वास और कुप्रथाओ का बोलबाला रहा हैं. पढ़े लिखे होने के बावजूद लोग आंखें मूंद कर बाबाओं की झूठीं बातों पर विश्वास कर लेते हैं. जिसका उदाहरण हम लगातार मीडिया में आईं खबरों में देखते रहते हैं.

हम इन ढोगीं बाबाओं पर सिर्फ विश्वास ही नहीं करते बल्कि पूरी नियम और श्रद्धा से इनकी बातों का पालन भी करते हैं.

ऐसा ही एक मामला असम के मोरीगांव से सामने आया है जहां एक ऐसे बाबा का पता चला है जो किसी भी बीमारी का इलाज महिलाओं को गले लगाकर और किस कर के ठीक कर देता है. जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.

मोरीगांव के भोरतापुल गांव में खुद को भगवान कहने वाले बाबा राम प्रकाश चौहान दावा करते हैं कि वो किसी भी महिला का इलाज उसे गले लगाकर और उसे किस करके कर सकते हैं.

बाबा का दावा है कि वह अपनी ‘अलौकिक शक्तियों’ के साथ अपनी शारीरिक और मनोवैज्ञानिक समस्याओं को ठीक करने के लिए महिलाओं को गले लगाकर उन्हें किस करता है, जिससे महिलाओं को राहत मिलती है.

जब लोगों को बाबा की इन अश्लील हरकतों के बारे में पता चला तो बाबा के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई गई जिसके बाद पुलिस ने बाबा को महिलाओं के साथ अश्लील हरकत करने के आरोप में उसे गिरफ्तार कर लिया है.

हमारे देश में ऐसे और भी नामी-गिरामी बाबा पुलिस के हत्थे चढ़ चुके हैं जो इलाज के नाम पर महिलाओं का शोषण किया करते थे.

(एएनआई)

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भोपाल: मध्य प्रदेश के मंदसौर में 8 साल की बच्ची के रेप के मामले में फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट ने दोनों आरोपियों को दोषी करार दिया है. अदालत ने दोनों ही आरोपियों को इस मामले में मौत की सजा सुनाई है. मामला 26 जून का है जब इरफान और आसिफ नाम के दो लोगों ने स्कूल से बच्ची का अपहरण कर उसके साथ बलात्कार किया था और उसकी हत्या की कोशिश भी की थी. कोर्ट ने इस मामले में मात्र 56 दिनों में ट्रायल पूरा कर आरोपियों की सजा सुनाई है.

विशेष न्यायालय की न्यायाधीश निशा गुप्ता ने आठ वर्षीय स्कूली छात्रा का अपहरण कर उसके साथ सामूहिक बलात्कार करने के मामले में इरफान ऊर्फ भैयू (20) एवं आसिफ (24) को संबंधित धाराओं में दोषी करार देते हुए मृत्युदंड की सजा सुनाई है. लोक अभियोजक बी एस ठाकुर ने बताया कि अदालत ने हाल ही में शुरू किये गये भादंवि की धारा 376 डीबी के तहत दोनों आरोपियों को मृत्युदंड की सजा सुनाई है. इस धारा के तहत 12 वर्ष से कम साल की बच्ची से सामूहिक बलात्कार करने पर मृत्युदंड की सजा का प्रावधान है.

उन्होंने कहा कि मंदसौर में इस आठ वर्षीय बच्ची को 26 जून की शाम लड्डू खिलाने का लालच देकर उस वक्त अगवा किया गया था जब वह स्कूल की छुट्टी के बाद पैदल अपने घर जा रही थी. सामूहिक बलात्कार के बाद कक्षा तीन की इस छात्रा को जान से मारने की नीयत से उस पर चाकू से हमला भी किया गया था. वह 27 जून की सुबह शहर के बस स्टैंड के पास झाड़ियों में लहूलुहान हालत में मिली थी.

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केरल: बाढ़ और मूसलाधार बारिश से हालात बेकाबू होते जा रहे हैं. 8 अगस्त से जारी भारी बारिश, लैंडस्लाइड और बाढ़ में मौतों का कुल आंकड़ा बढ़कर 357 हो गया है. शनिवार को 33 और शव मिले. लैंडस्लाइड और बाढ़ से करीब तीन लाख से ज्यादा लोग लोग बेघर हो गए हैं. संयुक्त अरब अमीरात के बाद अब कतर ने भी केरल के लिए मदद का हाथ बढ़ाया है. केरल को बाढ़ राहत के लिए कतर 5 मिलियन डॉलर (करीब 35 करोड़ रुपये) देगा.

केरल सरकार की रिपोर्ट के अनुसार, बाढ़ और लैंडस्लाइड के चलते राज्य की करीब 20 करोड़ की संपत्ति नष्ट हो चुकी है. इस बीच, मौसम विभाग ने केरल के 14 में से 11 जिलों में भारी बारिश की आशंका के चलते रेड अलर्ट जारी किया था. हालांकि, बाद में 8 जिलों से रेड अलर्ट हटा लिया गया है. रविवार को तिरुवंतपुरम, कोल्लम और कासरगोड में भारी बारिश हो सकती है.

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New Delhi: भारतीय राजनीति के अजातशत्रु भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी पंचतत्व में विलीन हो गए. अटल बिहारी वाजपेयी का अंतिम संस्कार राष्ट्रीय स्मृति स्थल पर किया गया.

इससे पहले उनके आवास पर उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए रखे गए थे. इसके बाद उनके पार्थिव शरीर को भाजपा के केंद्रीय कार्यालय ले जाया गया जहां कार्यकर्ताओं और नेताओं ने अंतिम दर्शन किये. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह समेत केंद्रीय मंत्री, भाजपा नेता और हज़ारों कार्यकर्ता मौजूद थे.

अटल जी का निधन गुरुवार को शाम 5 बजकर 5 मिनट पर AIIMS में ईलाज के दौरान हो गया था. राजनीति के इस प्रखर पुरुष को लोग याद कर रहे है.

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New Delhi: भारतीय राजनीति के अजातशत्रु भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी पंचतत्व में विलीन हो गए. अटल बिहारी वाजपेयी का अंतिम संस्कार राष्ट्रीय स्मृति स्थल पर किया गया. जहाँ वाजपेयी अमर रहे नारों के बीच बेटी नमिता ने  मुखाग्नि दी.

इस दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, लाल कृष्ण आडवानी, मुरली मनोहर जोशी, कई देशों के विशेष प्रतिनिधि, कैबिनेट मंत्री, राज्यों के मुख्यमंत्री समेत हजारों लोग उपस्थित थे. 

इससे पहले उनके आवास पर उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए रखे गए थे. इसके बाद उनके पार्थिव शरीर को भाजपा के केंद्रीय कार्यालय ले जाया गया जहां कार्यकर्ताओं और नेताओं ने अंतिम दर्शन किये. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह समेत केंद्रीय मंत्री, भाजपा नेता और हज़ारों कार्यकर्ता मौजूद थे. भाजपा कार्यालय से स्मृति स्थल तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने पैदल अंतिम यात्रा में शामिल हुए. पूरी अंतिम यात्रा में आम लोगों के साथ पैदल स्मृति स्थल पहुंचे.

स्मृति स्थल पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को तीनों सेनाओं ने सलामी दी. जिसके बाद उनका अंतिम संस्कार किया गया.

अटल जी का निधन गुरुवार (16 अगस्त) को शाम 5 बजकर 5 मिनट पर AIIMS में ईलाज के दौरान हो गया था. राजनीति के इस प्रखर पुरुष को लोग याद कर रहे है. अंतिम यात्रा में जनसैलाब उमड़ पड़ा था. हर कोई अपने प्रिय नेता की एक झलक पाना चाहता था.

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पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी का गुरुवार शाम को एम्स में निधन हो गया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्लॉग लिखकर अटलजी के साथ बिताए पलों को याद किया और उन्हें श्रद्धांजलि दी.

उन्होंने लिखा- “अटलजी नहीं रहे। वह मेरी आंखों के सामने हैं। बिल्कुल स्थिर। जो हाथ मेरी पीठ पर धौल जमाते थे, जो स्नेह से मुझे बाहों में भर लेते थे, वे स्थिर हैं। अटलजी की यह स्थिरता मुझे झकझोर रही है। अस्थिर कर रही है। एक जलन सी है आंखों में। कुछ कहना है, बहुत कुछ कहना है लेकिन कह नहीं पा रहा। मैं खुद को बार-बार यकीन दिला रहा हूं कि अटलजी अब नहीं हैं, लेकिन यह विचार आते ही खुद को इस विचार से दूर कर रहा हूं। क्या अटलजी वाकई नहीं हैं? नहीं। मैं उनकी आवाज अपने भीतर गूंजते हुए महसूस कर रहा हूं।”

“कैसे कह दूं? कैसे मान लूं? वे अब नहीं हैं। उनसे पहली मुलाकात की स्मृति ऐसी है जैसे कल की बात हो। जब पहली बार उनके मुंह से मेरा नाम निकला था, वह आवाज कई दिनों तक मेरे कानों से टकराती रही। मैं कैसे मान लूं कि वह आवाज अब चली गई है? कभी सोचा नहीं था कि अटल जी के बारे में ऐसा लिखने के लिए कलम उठानी पड़ेगी। देश की विकास यात्रा में असंख्य लोगों ने जीवन समर्पित किया। लेकिन स्वतंत्रता के बाद लोकतंत्र की रक्षा और 21वीं सदी के सशक्त, सुरक्षित भारत के लिए अटलजी ने जो किया, वह अभूतपूर्व है।”

‌”‘इंडिया फर्स्ट’ उनके जीवन का ध्येय था। पोकरण देश के लिए जरूरी था तो प्रतिबंधों और आलोचनाओं की चिंता नहीं की। काल के कपाल पर लिखने और मिटाने की ताकत उनके सीने में थी, क्योंकि वह सीना देश प्रथम के लिए धड़कता था।” हार और जीत उन पर असर नहीं करती थी। सरकार बनी तो भी, एक वोट से गिरा दी गई तो भी, उनके स्वरों में पराजय को भी विजय के ऐसे गगनभेदी विश्वास में बदलने की ताकत थी कि जीतने वाला ही हार मान बैठे।”

“गरीब, वंचित, शोषित का जीवन स्तर ऊपर उठाने के लिए वह जीवनभर प्रयासरत रहे। गरीब को अधिकार दिलाने के लिए आधार जैसी व्यवस्था, प्रक्रियाओं का सरलीकरण, हर गांव तक सड़क, स्वर्णिम चतुर्भुज, विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर, राष्ट्र निर्माण के उनके संकल्पों से जुड़ा था। आज भारत जिस टेक्नोलॉजी के शिखर पर खड़ा है, उसकी आधारशिला अटल जी ने ही रखी थी।”

“वह दुनिया में जहां भी गए, स्थायी मित्र बनाए और भारत के हितों की स्थायी आधारशिला रखी। वे भारत की विजय और विकास के स्वर थे। राष्ट्रवाद उनके लिए सिर्फ नारा नहीं, बल्कि जीवन शैली थी। वह देश को सिर्फ जमीन का टुकड़ा भर नहीं, बल्कि जीवंत, संवेदनशील इकाई के रूप में देखते थे। दशकों का सार्वजनिक जीवन उन्होंने इसी सोच को जीने, धरातल पर उतारने में लगा दिया। आपातकाल ने हमारे लोकतंत्र पर जो दाग लगाया था, उसे मिटाने के लिए अटल जी के प्रयासों को देश हमेशा याद रखेगा। जितना सम्मान, जितनी ऊंचाई अटल जी को मिली, उतना ही अधिक वह जमीन से जुड़ते गए। अपनी सफलता को कभी भी मस्तिष्क पर प्रभावी नहीं होने दिया।”

हे प्रभु! मुझे इतनी ऊंचाई कभी मत देना।

गैरों को गले ना लगा सकूं, इतनी रुखाई कभी मत देना

“यदि भारत उनके रोम-रोम में था तो विश्व की वेदना उनके मर्म को भेदती थी। वे विश्व नायक थे। भारत की सीमाओं के परे भारत की कीर्ति और करुणा का संदेश स्थापित करने वाले आधुनिक बुद्ध। अपने पुरुषार्थ और कर्तव्यनिष्ठा को राष्ट्र के लिए समर्पित करना ही देशवासियों के लिए उनका संदेश है। देश के साधनों, संसाधनों पर पूरा भरोसा करते हुए हमें अटल जी के सपने पूरे करने हैं।”

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नई दिल्ली: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का अंतिम संस्कार शुक्रवार शाम चार बजे राष्ट्रीय स्मृति स्थल पर होगा. यह जानकारी भाजपा प्रमुख अमित शाह ने दी. वाजपेयी का पार्थिव शरीर उनके सरकारी आवास छह, कृष्ण मेनन मार्ग पर रखा गया है.

शाह ने कहा कि लोग शुक्रवार सुबह साढ़े सात बजे से साढ़े आठ बजे तक उनके आवास पर श्रद्धांजलि दे सकेंगे. दिवंगत नेता के आवास के बाहर उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि इसके बाद सुबह नौ बजे उनके पार्थिव शरीर को दीन दयाल उपाध्याय मार्ग स्थित भाजपा मुख्यालय ले जाया जाएगा.

उन्होंने कहा कि अंतिम यात्रा दोपहर एक बजे भाजपा मुख्यालय से शुरू होगी और अंतिम संस्कार शाम चार बजे किया जाएगा. वाजपेयी का लंबी बीमारी के बाद 93 वर्ष की उम्र में गुरुवार शाम एम्स में निधन हो गया. वाजपेयी का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा और केंद्र सरकार के सभी कार्यालयों में शुक्रवार को आधे दिन की छुट्टी रहेगी.

वाजपेयी के सम्मान में सरकार ने सात दिनों के शोक की घोषणा की है. गृह मंत्रालय ने सर्कुलर जारी कर कहा कि राष्ट्रीय ध्वज पूरे देश में गुरुवार से आधा झुका रहेगा. गृह मंत्रालय ने कहा है कि वाजपेयी के सम्मान में पूरे भारत में 16 अगस्त से 22 अगस्त तक राजकीय शोक मनाया जाएगा.

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New Delhi: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का 93 साल की उम्र में निधन हो गया. इसके साथ ही भारतीय राजनीति में एक युग का अंत हो गया. वाजपेयी लम्बे समय से बीमार थे. बीते 11 जून को उन्हें AIIMS में भर्ती कराया गया था.

जहाँ उनकी हालत दिन पर दिन गिरती जा रही थी. जिसके बाद उन्होंने गुरुवार को शाम 5 बजकर 5 मिनट पर अंतिम साँस ली.

वाजपेयी के निधन के साथ ही भारतीय राजनीति के एक युग का अंत हो गया. वाजपेयी राजनीति के ऐसे व्यक्तित्व थे जिसको सभी लोगों ने पसंद किया. पक्ष विपक्ष के सभी नेता उनके मुरीद थे. इसी कारण अटल बिहारी वाजपेयी को भारतीय राजनीति का अजातशत्रु कहा जाता था.

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New Delhi: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की तबीयत नाजुक बनी हुई है. उनके स्वास्थ्य में पिछले 36 घंटे से कोई सुधार नहीं हुआ है. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) ने उनकी तबीयत पर नया मेडिकल बुलेटिन जारी किया है. वाजपेयी की तबीयत अभी भी बेहद नाजुक बनी हुई है. वह अभी भी लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर हैं.

पूर्व प्रधानमंत्री का हाल जानने के लिए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, राहुल गाँधी, फारुक अबदुल्ला, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया समेत कई दिग्गज नेता एम्स पहुंचे है.

पूर्व प्रधानमंत्री की सेहत को लेकर लोग दुआ कर रहे है. लोग हवन आदि कर उनके स्वास्थ्य में सुधार की प्राथना कर रहे है.

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