बच्चों की पढ़ाई उसी स्कूल में जारी रहे, जिसमें वे पढ़ रहे थे
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्य सरकारों को निर्देश दिया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि ऐसे बच्चे जिन्होंने कोरोना महामारी की वजह से अपने माता-पिता या दोनों में किसी एक को खोया है, उनकी पढ़ाई उस स्कूल में जारी रहे, जिस स्कूल में वे पढ़ रहे थे। जस्टिस एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली बेंच ने मंगलवार को यह आदेश दिये।

सुप्रीम कोर्ट ने जिलों के डिस्ट्रिक चाइल्ड प्रोटेक्शन यूनिट को निर्देश दिया है कि ऐसे बच्चों को भोजन, दवा, कपड़े, राशन आदि का बंदोबस्त सुनिश्चित करे।

सुप्रीम कोर्ट में दिए गए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के आंकड़े के मुताबिक 30,071 बच्चों ने कोरोना महामारी के काल में अपने माता-पिता में से दोनों को या इनमें से एक को खोया है। आयोग के मुताबिक इनमें 26,176 बच्चे ऐसे हैं, जिन्होंने दोनों में से एक को खोया है।

पिछले 7 जून को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि कोरोना के चलते अनाथ हुए बच्चों को पीएम केयर्स फंड से आर्थिक सहायता देने की प्रक्रिया तय की जा रही है। इस बाबत राज्यों से विचार-विमर्श भी चल रहा है। कोर्ट ने राज्य सरकारों से भी पूछा था कि उनके यहां ऐसे बच्चों की सहायता की क्या योजना है।

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प्रधानमंत्री मोदी ने घटना पर जताया शोक, मृतकों के आश्रितों को दो-दो लाख रुपये की मदद
राज्य सरकार ने की मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये के आर्थिक मदद की घोषणा

मुंबई (एजेंसी): महाराष्ट्र के पुणे जिले में स्थित सैनिटाइजेशन बनाने वाली केमिकल फैक्ट्री ‘एसवीएस कंपनी’ में सोमवार शाम करीब 4.00 बजे भीषण आग लगने से 18 मजदूरों की मौत हो गई। घटनास्थल पर फायर ब्रिगेड कर्मियों ने आग पर काबू पा लिया है। फिलहाल वे अन्य मजदूरों की तलाश कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस घटना पर गहरा शोक प्रकट किया है। उन्होंने मृतकों के आश्रितों को दो-दो लाख रुपये की आर्थिक मदद व घायलों को 50-50 हजार रुपये की मदद की घोषणा की है। वहीं राज्य के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने इस घटना को बेहद तकलीफदेह बताया। उन्होंने मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये की आर्थिक मदद की घोषणा की है।

पुणे के जिलाधिकारी राजेश देशमुख ने उपविभागीय अधिकारी संदेश शिर्के की अध्यक्षता में जांच समिति गठित कर घटना की जांच के आदेश जारी कर दिये हैं।यह समिति अगले दो दिनों में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी।

पुणे फायर ब्रिगेड के अधिकारी देवेंद्र पोटफोड़े ने बताया कि पुणे के पिरंगुट में एमआईडीसी इलाके में स्थित एसवीएस नामक केमिकल फैक्ट्री में आज सुबह 37 मजदूर काम पर आए थे। कंपनी में सैनिटाइजर बनाया जा रहा था। लेकिन, पूर्वान्ह तकरीबन 4 बजे कंपनी के मशीन में स्पार्क होने से आग लग गई थी। इसकी जानकारी मिलते ही फायर ब्रिगेड की तीन गाड़ियां मौके पर पहुंची और आग को बुझाने का काम शुरू कर दिया।

अभी तक घटनास्थल से 18 शव बरामद किए गए हैं। मृतकों में 15 महिलाएं और तीन पुरुष शामिल हैं। बताया जा रहा है कि आग इतनी भीषण थी कि कंपनी की पिछली दिवार को जेसीबी से तोडक़र 12 मजदूरों को बचाया गया।

उपमुख्यमंत्री अजीत पवार, सांसद सुप्रिया सुले, स्थानीय विधायक संग्राम थोपटे ने इस घटना को तकलीफदेह बताया है। अजीत पवार ने कहा कि इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों को कठोर सजा दी जाएगी।

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को घोषणा की कि देशवासियों को अब पूरी तरह से केंद्र सरकार के माध्यम से मुफ्त टीका लगाया जाएगा। साथ ही जरूरतमंद लोगों को पिछले साल की ही भांति इस वर्ष भी नवंबर महीने तक निशुल्क अनाज दिया जाएगा।

प्रधानमंत्री ने राष्ट्र के नाम अपने संदेश में कहा कि वैक्सीन उपलब्धता और टीकाकरण के संबंध में केंद्र सरकार ने आज फैसला किया है। इसके तहत अब वैक्सीन मुहैया कराने की पूरी जिम्मेदारी केंद्र सरकार की होगी। अगले दो सप्ताह में राज्यों के साथ संवाद कर नया प्रारूप तैयार किया जाएगा। 21 जून को योग दिवस के दिन से इसे लागू किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि पहले राज्य सरकारों के आग्रह पर ही वैक्सीनेश्न की नीति में बदलाव किया गया था तथा कंपनियों से उनके उत्पादन की 25 प्रतिशत वैक्सीन खरीदने की जिम्मेदारी राज्य सरकारों को सौंपी गई थी। इस काम में राज्य सरकारों के सामने कठिनाइयां पेश आई हैं। अब उन्हीं की ओर से सुझाव मिला है जिसके बाद 16 जनवरी से अप्रैल के अंत तक जारी पुरानी व्यवस्था को बहाल किया जा रहा है।

मोदी ने कहा कि वैक्सीन कंपनियों से उत्पादन का 75 प्रतिशत हिस्सा केंद्र सरकार हासिल करेगी और मुफ्त टीकाकरण के लिए उसे राज्य सरकारों को उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि 18 वर्ष से अधिक आयु वाले हर नागरिक का मुक्त रूप से टीकाकरण किया जाएगा। यह भी फैसला किया गया है कि वैक्सीन निर्माता कंपनियों से निजी अस्पताल शेष 25 प्रतिशत हिस्सा हासिल कर सकेंगे। निजी अस्पतालों के लिए तय किया गया है कि वह वैक्सीन के मूल्य के ऊपर केवल 150 रूपये का ही सेवा शुल्क ले सकेंगे।

उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत देश के 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज खाद्यान्न उपलब्ध कराया था। कोरोना महामारी की दूसरी लहर के मद्देनजर इस योजना को मई और जून में भी लागू किया गया। केंद्र सरकार ने अब फैसला किया है कि मुफ्त खाद्यान्न योजना को दिवाली यानी नवंबर महीने तक बढ़ाया जाएगा।

प्रधानमंत्री ने वैक्सीन को लेकर भ्रम पैदा करने व अफवाह फैलाने की प्रवृत्ति की आलोचना करते हुए कहा कि सभी लोगों को यह प्रयास करना चाहिए कि अधिक से अधिक लोग टीका लगवायें। उन्होंने नकारात्मक माहौल बनाने वाले लोगों की आलोचना करते हुए कहा कि देश में वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों का हौसला तोड़ने की कोशिश की गई। इस तरह की मानसिकता से ऊपर उठने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जो लोग वैक्सीन को लेकर आशंका और अफवाह फैला रहे हैं उन्हें देश देख रहा है उन लोगों को भोले-भाले देशवासियों के साथ खिलवाड़ करने से बाज आना चाहिए। लोगों को भी इसे नजरअंदाज करना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने कोरोना महामारी के खिलाफ देश के अभियान की चर्चा करते हुए कहा कि भारत दुनिया के कुछ देशों में शामिल है जहां बड़े पैमाने पर टीकाकरण चल रहा है। पिछले वर्ष केंद्र सरकार ने देश में वैक्सीन तैयार करने के लिए टास्क फोर्स का गठन किया था तथा वैज्ञानिकों ने अथक परिश्रम से दो वैक्सीन तैयार की गई थी। इस समय देश में सात कंपनियां वैक्सीन उत्पादन के काम में लगी हुई हैं। साथ ही नाक के जरिए स्प्रे के माध्यम से दी जाने वाली वैक्सीन के परीक्षण का काम अंतिम चरण में है। यह वैक्सीन टीकाकरण के काम में बहुत उपयोगी सिद्ध होगी।

देश के टीकाकरण अभियान के बारे में उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन और चिकित्सा वैज्ञानिकों की सलाह के आधार पर टीकाकरण चरणबद्ध तरीके से शुरू करने का फैसला किया गया था। सबसे पहले चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों का टीकाकरण किया गया। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों, नर्सों, सफाई कर्मियों और एंबुलेंस चालकों के टीकाकरण के कारण ही स्वयं को बचाकर मरीजों की ठीक से देखभाल कर पाए। इन लोगों को टीकाकरण के माध्यम से सुरक्षा कवच न मिला होता तो भयावह स्थिति पैदा हो सकती थी जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि चरणबद्ध टीकाकरण की योजना के अनुसार फ्रंटलाइन वर्कर, 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों और बीमारियों से ग्रसित लोगों का टीकाकरण का काम हाथ में लिया गया। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ लोगों की ओर से यह आपत्ति व्यक्त की गई कि बुजुर्गों को टीकाकरण में प्राथमिकता क्यों दी जा रही है।

कोरोना महामारी के प्रारंभिक दौर में आई कठिनाइयों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने देश के स्वास्थ्य आधारभूत ढांचे का विस्तार करने के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास किए। दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन उपलब्धता में कमी का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि मांग एकाएक बहुत बढ़ गई। इस काम में केंद्र सरकार ने जहां से भी संभव हुआ ऑक्सीजन हासिल की। रेलवे, वायु सेना और नौसेना के जरिए ऑक्सीजन और अन्य चिकित्सा सामग्री विभिन्न स्थानों पर पहुंचाई गई।

प्रधानमंत्री ने कहा कि टीकाकरण जारी रहने के साथ ही देशवासियों को चिकित्सा प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन करना चाहिए। मास्क व दो गज की दूरी आदि बचाव के उपाय का सख्ती से पालन करना चाहिए। प्रधानमंत्री ने देशवासियों का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि विश्वास के जरिए ही जीत हासिल होती है। आत्मविश्वास और उद्यम के जरिए देश इस जंग को जीतेगा।

 

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नई दिल्ली: केंद्र सरकार 21 जून से देश के सभी राज्यों में 18 वर्ष से ऊपर की उम्र के सभी नागरिकों को मुफ्त वैक्सीन उपलब्ध कराएगी। वैक्सीन निर्माताओं से कुल वैक्सीन उत्पादन का 75 प्रतिशत हिस्सा भारत सरकार खुद खरीदकर राज्य सरकारों को मुफ्त देगी।

प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा, “आज यह निर्णय़ लिया गया है कि राज्यों के पास वैक्सीनेशन से जुड़ा जो 25 प्रतिशत काम था, उसकी जिम्मेदारी भी भारत सरकार उठाएगी। ये व्यवस्था आने वाले दो सप्ताह में लागू की जाएगी। इन दो सप्ताह में केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर नई गाइडलाइंस के अनुसार आवश्यक तैयारी कर लेंगी।”

उन्होंने कहा, “देश की किसी भी राज्य सरकार को वैक्सीन पर कुछ भी खर्च नहीं करना होगा। अब तक देश के करोड़ों लोगों को मुफ्त वैक्सीन मिली है। अब 18 वर्ष की आयु के लोग भी इसमें जुड़ जाएंगे। सभी देशवासियों के लिए भारत सरकार ही मुफ्त वैक्सीन उपलब्ध करवाएगी।”

मोदी ने कहा, “देश में बन रही वैक्सीन में से 25 प्रतिशत, प्राइवेट सेक्टर के अस्पताल सीधे ले पाएं, यह व्यवस्था जारी रहेगी। प्राइवेट अस्पताल, वैक्सीन की निर्धारित कीमत के उपरांत एक डोज पर अधिकतम 150 रुपए ही सर्विस चार्ज ले सकेंगे। इसकी निगरानी करने का काम राज्य सरकारों के ही पास रहेगा।”

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New Delhi: देश में कोरोना की दूसरी लहर के बाद अब स्थिति कुछ सामान्य हुई है. कई राज्यों में लगाये गए लॉकडाउन में अब छूट देनी शुरू कर दी है.

ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शाम 5 बजे देश को संबोधित करने वाले है. देखने वाली बात होगी की प्रधानमंत्री अपने संबोधन में क्या कुछ जानकारी राष्ट्र से साझा करते है.  प्रधानमंत्री के राष्ट्र के नाम संदेश की जानकारी पीएमओ ने दी है.     

प्रधानमंत्री समय समय पर देशवासियों को संबोधित करते है. इस बार प्रधानमंत्री क्या जानकारी साझा करेंगे इसको लेकर लोगों में उत्सुकता है.  

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक साल में कोरोना की स्वदेशी वैक्सीन तैयार करने के लिए भारतीय वैज्ञानिकों की सराहना करते हुए कहा कि पहले दुनिया के दूसरे देशों में होने वाली खोजों के लिए भारत को सालों इंतजार करना पड़ता था, लेकिन आज हमारे देश के वैज्ञानिक उतनी ही तेज गति से काम कर रहे हैं। उन्होंनो कहा कि कोविड-19 संकट ने भले ही हमारी गति को धीमा कर दिया हो, लेकिन ‘आत्मनिर्भर भारत’ के साथ ‘सशक्त भारत’ हमारा संकल्प बना हुआ है।

प्रधानमंत्री मोदी शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) सोसाइटी की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन भी इस अवसर पर उपस्थित थे। मोदी ने कोरोना को सदी की सबसे बड़ी चुनौती बताते हुए कहा कि मानवता पर जब भी कोई बड़ा संकट आता है तो विज्ञान ने और बेहतर भविष्य के रास्ते तैयार कर दिए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, “बीती शताब्दी का अनुभव है कि जब पहले कोई खोज दुनिया के दूसरे देशों में होती थी तो भारत को उसके लिए कई-कई साल का इंतजार करना पड़ता था। लेकिन आज हमारे देश के वैज्ञानिक दूसरे देशों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं, उतनी ही तेज गति से काम कर रहे हैं।”

उन्होंने कहा कि किसी भी देश में साइन्स और टेक्नालॉजी उतनी ही ऊंचाइयों को छूती है, जितना बेहतर उसका इंडस्ट्री और मार्केट से संबंध होता है। हमारे देश में सीएआईआर विज्ञान, सोसाइटी और इंडस्ट्री की इसी व्यवस्था को बनाए रखने के लिए एक संस्थागत व्यवस्था का काम करता है। उन्होंने कहा कि हमारी इस संस्था ने देश को कितनी ही प्रतिभाएं दी हैं, कितने ही वैज्ञानिक दिये हैं। शांतिस्वरूप भटनागर जैसे महान वैज्ञानिक ने इस संस्था को नेतृत्व दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत, एग्रीकल्चर से एस्ट्रॉनॉमी तक, आपदा प्रबंधन से रक्षा प्रौद्योगिकी तक, वैक्सीन से वर्चुअल रियलिटी तक, बॉयोटेक्नोलॉजी से लेकर बैटरी टेक्नोलॉजी तक, हर दिशा में आत्मनिर्भर और सशक्त बनना चाहता है। उन्होंने कहा कि आज भारत सतत विकास और क्लीन एनर्जी के क्षेत्र में दुनिया को रास्ता दिखा रहा है। आज हम साफ्टवेयर से लेकर सेटेलाइट तक, दूसरे देशों के विकास को भी गति दे रहे हैं, दुनिया के विकास में प्रमुख इंजन की भूमिका निभा रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि सीएसआईआर सोसाइटी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान विभाग का हिस्सा है। इसकी गतिविधियों का संचालन देश भर में फैली 37 प्रयोगशालाओं और 39 आउटरीच केंद्रों के जरिये किया जाता है। विख्यात वैज्ञानिक, उद्योगपति तथा वैज्ञानिक मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी सोसाइटी का हिस्सा हैं जिसकी बैठक वार्षिक रूप से आयोजित की जाती है।

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नई दिल्ली: सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने आज पेट्रोल और डीजल की कीमत में बढ़ोतरी की, तो 19 किलोग्राम वाले कॉमर्शियल एलपीजी सिलेंडर की कीमत में 100 रुपये से अधिक की कटौती भी कर दी। राजधानी दिल्ली में कॉमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमत में प्रति सिलेंडर 122 रुपये की कमी की गई है। कीमत में की गई इस कटौती के बाद दिल्ली में 19 किलोग्राम का कॉमर्शियल सिलेंडर 1473.50 रुपये की कीमत पर मिलने लगा है।

इसके पहले मई के महीने में भी कॉमर्शियल सिलेंडर की कीमत में सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने प्रति सिलेंडर 45 रुपये की कटौती की थी। कीमत में की गई कटौती के बाद देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में कमर्शियल सिलेंडर के दाम घटकर 1422.50 रुपये हो गए हैं। कोलकाता में ये सिलेंडर 1667.50 रुपये और चेन्नई में 1603 रुपये की कीमत पर मिल रहे हैं। सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने 19 किलो के कॉमर्शियल सिलेंडर में के दाम में तो जरूर कटौती की है, लेकिन घरेलू गैस सिलेंडर का इस्तेमाल करने वाले आम उपभोक्ताओं को कोई राहत नहीं दी गई है। 14.2 किलोग्राम वाले घरेलू गैस सिलेंडर के दाम में मई के बाद जून में भी कोई परिवर्तन नहीं हुआ है।

सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने इस साल घरेलू रसोई गैस का इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ताओं पर लगातार महंगाई का बोझ डाला है। इस साल जनवरी में 14.2 किलोग्राम वाले घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत 694 रुपये थी। फरवरी में इसकी कीमत में तीन बार बढ़ोतरी की गई। पहले इसका दाम बढ़ाकर 719 रुपये प्रति सिलेंडर किया गया। फिर दूसरी बढ़ोतरी में इसका दाम प्रति सिलेंडर 769 रुपये कर दिया गया। इसी तरह फरवरी में की गई तीसरी बार की बढ़ोतरी में इसका दाम 794 रुपये कर दिया गया।

14.2 किलोग्राम वाले घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत में बढ़ोतरी का ये सिलसिला मार्च में भी जारी रहा। मार्च के महीने में घरेलू गैस सिलेंडर को महंगा करके 819 रुपये कर दिया गया। हालांकि अप्रैल में इसकी कीमत में कटौती जरूर की गई, लेकिन ये कटौती प्रति सिलेंडर सिर्फ 10 रुपये की थी। फिलहाल राजधानी दिल्ली में घरेलू गैस सिलेंडर 809 रुपये के भाव पर मिल रहा है।

उम्मीद की जा रही थी कि जून के महीने में गैस सिलेंडर के दाम में सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियां से राहत मिल सकती है। एलपीजी गैस के कॉमर्शियल उपभोक्ताओं को तो आज की कटौती के बाद निश्चित रूप से राहत मिल गई, लेकिन घरेलू उपभोक्ता एक बार फिर राहत का इंतजार करते रह गए।

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नई दिल्ली: कोरोना के मामलों में कमी के साथ राष्ट्रव्यापी टीकाकरण कार्यक्रम को गति देने के लिए केन्द्र सरकार जुलाई- अगस्त से रोजाना एक करोड़ लोगों को टीका लगाएगी। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद(आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि देश में टीके की कोई कमी नहीं है। टीका के उत्पादन को बढाया जा रहा है। इस साल के अंत तक सभी का टीकाकरण करने का लक्ष्य है।

डॉ. बलराम ने बताया कि देश में कोरोना के मामले लगातार कम होते जा रहे हैं। जिन राज्यों में पॉजिटिविटी दर 5 प्रतिशत से कम है वहां लॉकडाउन को धीरे धीरे हटाया जा सकता है। राज्यों को अनलॉक करने के साथ पूरी सावधानी बरतने पर ध्यान देना होगा। कोरोना से बचाव के उपाय को पूरी तरह से पालन करना अनिवार्य होना चाहिए। सबसे महत्वपूर्ण बात कि बुजुर्गों और कोमोर्बिड कंडिशन वाले सभी मरीजों का टीकाकरण प्राथमिकता के आधार पर पूरा सुनिश्चित करना होगा।

बता दें कि देश में राज्यों व केन्द्रशासित प्रदेशों को अबतक 21.60 करोड़ टीके की खुराक दी जा चुकी है। जिसमें से 17.12 करोड़ लोगों को पहली खुराक और 4.48 लोगों को दूसरी खुराक जा चुकी है।

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हैदराबाद: हैदराबाद का शमशाबाद जीएमआर हवाईअड्डा और उसका एयर कार्गो (जीएचएसी) देश में कोरोना वैक्सीन का सबसे बड़ा आयात केंद्र बन गया है। रूस की स्पुतनिक-वी वैक्सीन की तीसरी खेप में 27.9 लाख खुराक मंगलवार को हैदराबाद पहुंची।

रूस से एक विशेष चार्टर्ड फाइटर आरयू-9450 विमान मंगलवार तड़के करीब 3.43 बजे जीएमआर हैदराबाद हवाई अड्डे पर उतरा। आयात प्रक्रिया पूरी होने के 90 मिनट बाद टीकों को डॉ. रेड्डीज लैब्स में स्थानांतरित कर दिया गया। इससे पहले पहली किश्त में स्पुतनिक-वी वैक्सीन की 1.5 लाख और दूसरी खेप में 60 हजार खुराक का आयात किया गया था। आज तीसरी किश्त में कुल 30 लाख डोज भारत पहुंच चुकी है। रूस पहले ही कह चुका है कि वह जून में और 50 मिलियन खुराक भेजेगा। स्पुतनिक वी वैक्सीन का वितरण जून के दूसरे सप्ताह से आरंभ होगा।

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नई दिल्ली: केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को आज दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया। एम्स से मिली जानकारी के अनुसार निशंक को मंगलवार दोपहर एम्स में भर्ती कराया गया है। निशंक बीते दिनों कोरोना संक्रमित हुए थे और ठीक भी हो गए थे। लेकिन आज अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें पुनः भर्ती कराया गया।

उल्लेखनीय है कि निशंक 21 अप्रैल को कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। जिसके बाद उनका कई दिनों तक इलाज चला था और वो ठीक भी हो गए थे। लेकिन एक बार फिर से उन्हें पोस्ट कोविड जटिलताओं से जूझना पड़ रहा है।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री आज 12वीं की परीक्षा को लेकर कुछ घोषणा करने वाले थे लेकिन उनके खराब तबीयत के कारण आज होने वाली घोषणा भी टल सकती है।

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कोलकाता: पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अलापन बंद्योपाध्याय को लेकर उठे विवाद के बीच आज बड़ा निर्णय लिया गया है। राज्य के गृह सचिव हरि कृष्ण द्विवेदी को मुख्य सचिव बनाया गया है। वर्तमान मुख्य सचिव अलापन बंद्योपाध्याय ने स्वेच्छा सेवानिवृति ली है जिसके बाद उन्हें मुख्यमंत्री का सलाहकार बनाया गया है।  

सोमवार को राज्य सचिवालय में मीडिया से मुखातिब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बताया कि हरि कृष्ण द्विवेदी राज्य के अगले मुख्य मुख्य सचिव होंगे। अभी वह राज्य के गृह सचिव हैं। 1988 बैच के आईएएस द्विवेदी 2023 में 30 जून को सेवानिवृत्त होंगे। द्विवेदी की जगह नए गृह सचिव पद की जिम्मेदारी सिंचाई सचिव बीपी गोपालिका को सौंपी गई है। अलापन बनर्जी को मुख्यमंत्री का सलाहकार नियुक्त किया गया है।

दरअसल, केन्द्र और राज्य के टकराव में एक और मामला जुड़ गया जब चक्रवात यास का हवाई निरीक्षण और राहत कार्यो की समीक्षा करने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बंगाल के मेदिनीपुर जिले में पहुंचे थे। लेकिन इस समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव अलापन शामिल नहीं हुए। इस पर केंद्र सरकार ने उन्हें केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली स्थानांतरण कर दिया था लेकिन राज्य सरकार ने उन्हें रिलीव नहीं किया। अब मामला सेंट्रल ट्रिब्यूनल तक पहुंचने की संभावना के बीच राज्य सरकार ने अलापन को मुख्य सचिव पद से हटा कर मुख्यमंत्री का सलाहकार बनाने का निर्णय लिया है।

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Delhi: केंद्र की सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी परियोजना सेंट्रल विस्टा का काम निरंतर आगे भी जारी रहेगा. दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को याचिकाकर्ता आन्या मल्होत्रा की मंशा पर सवाल उठाते हुए सेंट्रल विस्टा का काम रोकने की याचिका खारिज कर दी और इसके साथ 1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया. इस तरह सोमवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने यह भी तय कर दिया कि सेंट्रल विस्टा का काम आगे भी निरंतर जारी रहेगा. इससे पहले याचिकाकर्ता आन्या मल्होत्रा की याचिका पर सुनवाई कर 17 मई को हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था.

दिल्ली हाई कोर्ट में दायर याचिका में जोर देकर कहा गया था कि कोरोना वायरस के इस दौर में किसी भी ऐसे प्रोजेक्ट को आगे बढ़ने की मंजूरी नहीं मिलनी चाहिए. याचिका में यह भी कहा गया था कि एक परियोजना की वजह से कई लोगों की जान खतरे में आ रही है. वहीं, पिछले सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने उस याचिका को ही खारिज करने की मांग कर दी थी. केंद्र की ओर से कहा गया था कि इस प्रोजेक्ट पर काम करने के दौरान सभी कोरोना प्रोटोकॉल्स का पालन किया जा रहा है. इसी के साथ याचिकाकर्ता की नीयत पर सवाल उठाते हुए सॉलिसिटर जनरल ने कहा था कि जनहित बहुत ही सिलेक्टिव है, उन्हें दूसरे प्रोजेक्ट पर काम कर रहे मजदूरों की कोई परवाह नहीं है, जो शायद इससे 2 किलोमीटर दूरी पर ही चल रहे हैं.

सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत एक नए संसद भवन और नए आवासीय परिसर का निर्माण किया जाएगा. प्रधानमंत्री और उप राष्ट्रपति के आवास के साथ कई नए कार्यालय भवन और मंत्रालय के कार्यालयों के लिए केंद्रीय सचिवालय का निर्माण किया जाना है. सेंट्रल विस्टा परियोजना की सितंबर 2019 में घोषणा की गई थी. 10 दिसंबर 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परियोजना की आधारशिला रखी थी. इस पुनर्विकास परियोजना में एक नए संसद भवन का निर्माण प्रस्तावित है. इसके तहत एक केंद्रीय सचिवालय का भी निर्माण किया जाएगा.

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