– ​डोर्नियर विमानों और जहाजों, चिकित्सा टीमों और एम्बुलेंस को

​ स्टैंडबाय पर रखा गया
– समुद्र में काम कर रहे मछुआरों को तत्काल निकटतम बंदरगाह पर लौटने के निर्देश

नई दिल्ली: भारतीय ​​तटरक्षक बल अभी चक्रवात ताउते से ​उबरा भी नहीं था कि अब नए ​​चक्रवात ‘यस’ से मुकाबला करने की तैयारी शुरू कर दी है। ​उत्तरी अंडमान सा​​गर और उससे सटे पूर्वी मध्य बंगाल की खाड़ी में उठने वाले इस तू​फान से निपटने के लिए ​पूर्वी तट पर व्यापक उपाय शुरू कर दिए ​गए ​हैं।​ तटरक्षक ​​डोर्नियर विमानों और जहाजों, चिकित्सा टीमों और एम्बुलेंस को​ स्टैंडबाय पर रखा गया है।​​

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के पूर्वानुमान के अनुसार 22 मई के आसपास उत्तरी अंडमान सागर और उससे सटे पूर्वी मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। इसके अगले 72 घंटों में एक चक्रवाती तूफान में तेज होने की संभावना है। इसके उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और 26 मई की शाम को ओडिशा-पश्चिम बंगाल के तटों तक पहुंचने की संभावना जताई गई है। चक्रवात के रूप में विकसित होने वाले चक्रवात ‘यस’ से मुकाबला करने के लिए भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) ने पूर्वी तट पर व्यापक एहतियाती उपाय शुरू कर दिए हैं।
आईसीजी प्रवक्ता के अनुसार सभी तटीय क्षेत्रों, जलयान और विमानन इकाइयों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। बंगाल की खाड़ी में मौसम के विकास की बारीकी से निगरानी की जा रही है। तमिलनाडु, पुडुचेरी, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल के साथ-साथ अंडमान और निकोबार द्वीपों में आईसीजी रिमोट ऑपरेटिंग स्टेशन (आरओएस) लगातार मौसम चेतावनी संदेश दे रहे हैं। एमएमबी रेडियो पर अंग्रेजी और स्थानीय भाषा दोनों में नियमित अंतराल पर व्यापारी जहाजों, मछली पकड़ने वाली नौकाओं, मत्स्य सर्वेक्षण, अनुसंधान में लगे जहाजों, तेल रिग, आवास बार्ज, अपतटीय विकास क्षेत्रों (ओडीए) आदि के जहाजों को सतर्क करने के लिए प्रसारण किया जा रहा है।

इसके अलावा जहाजों को लंगरगाह में आश्रय लेने और आवश्यक सुरक्षा उपाय करने की सलाह दी गई है। नैवेटेक्स चेतावनी नियमित रूप से जारी की जा रही है और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा नेट (आईएसएन) को सक्रिय कर दिया गया है ताकि जहाजों को क्षेत्र में आने-जाने की चेतावनी दी जा सके।

बंदरगाह प्राधिकरणों, तेल रिग संचालकों, नौवहन, मत्स्य अधिकारियों और मछुआरा संघों को चक्रवात बनने की संभावना के बारे में सूचित कर दिया गया है।​ नावों, जहाजों और स्थिर प्लेटफार्मों की सुरक्षा के लिए निकट संपर्क और समन्वय बनाए रखा जा रहा है।​
हालांकि भारत के पूर्वी तट पर मछली पकड़ने पर प्रतिबंध लागू है, फिर भी समुद्र में काम कर रहे मछुआरों को मौसम की चेतावनी प्रसारित करके उन्हें निकटतम बंदरगाह पर लौटने के निर्देश दिए जा रहे हैं। आईसीजी ने संबंधित राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों से बंदरगाह में मौजूद मछली

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-पर्यावरण और हिमालय के लिए ताउम्र संघर्ष की राह पर चले बहुगुणा
-गांधीवादी नेता की एक ललकार से दिल्ली में बढ़ जाती थी हलचल

देहरादून (एजेंसी): ‘यह वर्ष 1986 की बात होगी. राजकीय इंटर काॅलेज कोटद्वार के सभी छात्रों की कक्षाओं में पढ़ाई रोककर उन्हें मैदान में इकट्ठा होने के लिए कहा गया. बताया गया कि कोई खास मेहमान काॅलेज रहा है. सभी छात्रों की तरह मेरे मन में भी इस खास मेहमान को लेकर बेहद उत्सुकता थी. सफेद कुर्ता-पायजामा पहने, सिर पर साफा बांधे और कंधे पर झोला लटकाए सुंदरलाल बहुगुणा काॅलेज पहुंचे तो सभी बच्चों को इस खास मेहमान को देखकर आश्चर्य हुआ. आज-तक उन्होंने खास मेहमान को सूट-बूट और बड़ी गाड़ियों में ही आता देखा था. बहुगुणा आए और बच्चों से पर्यावरण पर बच्चा बनकर ही बात की. अपने झोले से टेप रिकार्डर निकाला और उस वक्त तेजी से उभर रहे नरेंद्र सिंह नेगी के गीत को बजा दिया. गीत के बोल थे-ना काटा तौं डाल्यूं यानी इन पेड़ पौधों को मत काटो.’ यह इस संवाददाता के सुंदरलाल बहुगुणा को देखने का पहला वाकया रहा.

इसके बाद उनके जीते-जी कई मौके आए, जब उनसे मुलाकात करने, उन्हें सुनने-समझने की स्थिति बनी. राजकीय इंटर काॅलेज में पहली मुलाकात के वक्त उनके चेहरे पर उगी दाढ़ी उस तरह से सफेद नहीं थी, जो कि बाद में उनकी स्थापित पहचान का हिस्सा रही, लेकिन जीवन के आखिरी पड़ाव तक हिमालय और पर्यावरण के लिए उनकी चिंता, उनके नजरिये में कोई फर्क नहीं आया. ढलती उम्र की वजह से उनके प्रयास जरूर प्रभावित होने लगे थे. नहीं, तो न सिर्फ उत्तराखंड, बल्कि पूरे देश ने देखा है कि टिहरी में बैठकर सुंदरलाल बहुगुणा एक बार आंदोलन की चेतावनी देते तो दिल्ली में हलचल मच जाती. देश-दुनिया का मीडिया टिहरी में जमा हो जाता. 

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टिहरी बांध विरोधी आंदोलन के दौरान उन्हें हिरासत में लिया गया तो विदेश में कई जगह संसद में सवाल उठ गए. टिहरी बांध विरोधी आंदोलन के दौरान उन्होंने 47 दिन तक अनशन किया और केंद्र सरकार के पसीने छूट गए. पेट पर मिट्टी का लेपन करके, नींबू पानी को अपनी ताकत बनाकर सत्ता प्रतिष्ठान से लोहा लेने का उनका अपना तरीका था.

गांधीवादी नेता सुंदरलाल बहुगुणा बापू की तरह ही कम बोलने में यकीन रखते थे. जिस वक्त अनशन पर होते तब तक बोलना ही बंद कर दिया करते थे. पहाड़ी हितों से सरोकार रखने वाले कांग्रेस के नेता अभिनव थापर अपना अनुभव साझा करते हैं. वह बताते हैं-एक बार जब बहुगुणा अनशनरत थे. वह अपने पिता के साथ उनसे मिलने चले गए। बहुगुणा की टिहरी में पुल से सटी कुटिया थी. वह वहीं पर आंदोलन करते थे. थापर ने बहुगुणा को समर्थन देते हुए उनसे कई तरह की बातें कीं, लेकिन वह कुछ न बोले. थापर को बुरा लगा तो उन्होंने साथ गए अपने पिता से इस बात का जिक्र किया, तो उनके पिता ने सारी गलतफहमी दूर कर दी. उन्होंने बताया कि अनशन के दौरान अपनी ऊर्जा बचाने के लिए वह मौन व्रत ले लिया करते थे. फिर उनके साथ किसी भी तरह का संवाद कागज में लिखकर ही हुआ करता था.

सत्तर के दशक में रैणी गांव में चिपको आंदोलन के बहुगुणा प्रणेता रहे. गौरा देवी और अन्य महिलाओं के साथ उन्होंने पेड़ पौधों को बचाने के लिए अनूठा आंदोलन चलाया. चूंकि बहुगुणा पत्रकार भी थे, इसलिए वह चिपको आंदोलन को देश-दुनिया में उस स्तर तक ले जाने में सफल रहे, जहां तक सामान्य स्थितियों में पहुंचना बहुत मुश्किल होता है. चार साल पहले उनके साथ उनके जन्मदिन की खुशियां मनाने का मुझे (इस संवाददाता) भी मौका मिला. देहरादून में शास्त्रीनगर स्थित बेटे के निवास पर अपनी पत्नी विमला बहुगुणा के साथ सुंदरलाल बहुगुणा प्रसन्नचित्त थे. हमेशा की तरह सादगी, सफेद कुर्ता पायजामा, सिर पर साफा उनके साथ थे. बातचीत में छोटे-छोटे बांधों की पैरवी करते हुए वह उस वक्त भी दिखे. बडे़ बांधों को पहाड़ के विनाश का प्रमुख कारण बताते हुए वह उसी तेवरों में दिख रहे थे, जैसे तब थे, जबकि टिहरी शहर बांध की वजह से डूब रहा था.

वैश्विक महामारी कोरोना ने 94 वर्ष के हिमालय के सुंदर लाल को चिरनिद्रा में सुला दिया है, लेकिन हिमालय बचाने के लिए जो अलख उन्होंने जगाई है, वह हमेशा पर्यावरणप्रेमियों में ऊर्जा का संचार करती रहेगी. विनम्र श्रद्धाजंलि.

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मोगा/चंडीगढ़: पंजाब के मोगा के नगर बाघा पुराना के समीप गुरुवार-शुक्रवार रात्रि करीब एक बजे मिग 21 दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसे में गंभीर रूप से पायलट अभिनव चौधरी की मौत की खबर है। भारतीय हवाई सेना ने इसकी पुष्टि की है।

हादसा उस समय हुआ जब मिग 21 लुधियाना के हलवारा स्टेशन से राजस्थान के सूरतगढ़ जा रहा था। मध्य रात्रि के बाद जहाज गिरने से इलाके में जोरदार धमाका हुआ। गाँव लंगेआना खुर्द के करीब हुई इस दुर्घटना की सूचना पुलिस को दी गई। कुछ देर बाद ही वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुँच गए और इसकी सूचना सम्बंधित विभागों को दी गई।
मिग 21 हादसे में बेहद गंभीर रूप से घायल पायलट अभिनव चौधरी की मौत की खबर है। उपलब्ध सूचना के मुताबिक प्रशिक्षण के तहत अभिनव चौधरी ने राजस्थान के सूरतगढ़ से मिग 21 की उड़ान भरी थी। बाद में जहाज़ में आग लग गई और यह हलवारा स्टेशन के करीब मोगा के गाँव  लंगेआना खुर्द के करीब दुर्घटनाग्रस्त कर गिरा।
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नई दिल्ली: इनकम टैक्स डिपार्टमेंट देशभर के करदाताओं के लिए एक नया ई-फाइलिंग वेब पोर्टल लॉन्च करने की तैयारी कर रहा है। इस नए ई-फाइलिंग वेब पोर्टल को अगले महीने यानी जून की सात तारीख को लांच किया जा सकता है। इस पोर्टल का इस्तेमाल इनकम टैक्स रिटर्न करने के साथ ही टैक्स से संबंधित अन्य कार्यों में भी किया जा सकेगा। 
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के अनुसार नए वेब पोर्टल को लॉन्च करने के पहले 1 जून से 6 जून तक पुराने वेब पोर्टल पर कामकाज को पूरी तरह रोक दिया जाएगा। 6 दिन के ट्रांजिशन पीरियड के बाद 7 जून से नए पोर्टल की शुरुआत हो जाएगी। अभी incometaxindiaefiling.gov.in के जरिए इनकम टैक्स की ई फाइलिंग की जाती है, लेकिन बदलाव के बाद इस पोर्टल की जगह 7 जून से इनकम टैक्स रिटर्न भरने की आधिकारिक वेबसाइट incometax.gov.in हो जाएगी। 
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के सिस्टम विंग की ओर से उपलब्ध कराई गई जानकारी में बताया गया है कि 1 जून से 6 जून के बीच पुराने पोर्टल से नए पोर्टल पर डेटा शिफ्टिंग करने का सारा काम पूरा हो जाएगा। इसके बाद 7 जून से नए पोर्टल को शुरू कर दिया जाएगा। आयकर विभाग की ओर से बताया गया है कि पुराने पोर्टल से नए पोर्टल में शिफ्ट होने की वजह से अगले महीने के शुरुआत में 1 जून से 6 जून के बीच करदाता मौजूदा पोर्टल पर लॉगिन नहीं कर सकेंगे, लेकिन एक बार नए पोर्टल का काम शुरू हो जाने के बाद 7 जून से टैक्स से संबंधित सभी काम नए पोर्टल पर निपटाए जा सकेंगे। 
उल्लेखनीय है कि ई-फाइलिंग पोर्टल का इस्तेमाल करदाता द्वारा अपने व्यक्तिगत या बिजनेस कैटेगरी के इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए किया जाता है। वहीं आयकर अधिकारी इस पोर्टल का इस्तेमाल नोटिस जारी करने या करदाताओं से उत्तर प्राप्त करने तथा करदाताओं के सवालों का जवाब देने के लिए करते हैं। इसके साथ ही आयकर अधिकारी टैक्स असेसमेंट, टैक्स एग्जम्पशन, अपील और पेनाल्टी जैसे आदेशों की जानकारी भी इसी पोर्टल के जरिए देते हैं। अभी तक ये काम मौजूदा पोर्टल incometaxindiaefiling.gov.in पर ही हो रहा है, लेकिन 7 जून से ये काम नए पोर्टल पर शुरू हो जाएगा। 

 

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– ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल के लिए परीक्षण मंच के रूप में निभाई है मुख्य भूमिका
– डी-51 नामक राजपूत वर्ग का यह जहाज प्रमुख विध्वंसकों में रहा है शामिल

नई दिल्ली: देश की 41 साल तक सेवा करने के बाद भारतीय नौसेना के पहले विध्वंसक जहाज आईएनएस राजपूत शुक्रवार को विशाखापत्तनम के नेवल डॉकयार्ड में एक समारोह के दौरान रिटायर कर दिया जायेगा.

भारतीय नौसेना में डी-51 नामक इस राजपूत वर्ग के जहाज की प्रमुख विध्वंसकों में गिनती होती रही है. इस जहाज ने मुख्य रूप से सुपरसोनिक ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल के लिए परीक्षण मंच के रूप में कार्य किया है. राष्ट्र के लिए अपनी चार दशकों की शानदार सेवा के दौरान जहाज को ‘राज करेगा राजपूत’ के आदर्श वाक्य और अदम्य भावना के साथ पश्चिमी और पूर्वी दोनों बेड़े में सेवा करने का गौरव हासिल है.

आईएनएस राजपूत का निर्माण निकोलेव (वर्तमान में यूक्रेन) में 61 कम्युनार्ड्स शिपयार्ड में उनके मूल रूसी नाम ‘नादेज़नी’ यानी ‘होप’ के तहत किया गया था. जहाज के निर्माण की शुरुआत 11 सितम्बर, 1976 को हुई थी और 17 सितम्बर, 1977 को लॉन्च किया गया था. राजपूत वर्ग के इस प्रमुख जहाज को 04 मई, 1980 को पोटी, जॉर्जिया में यूएसएसआर में भारत के तत्कालीन राजदूत आईके गुजराल और जहाज के पहले कमांडिंग ऑफिसर कैप्टन गुलाब मोहनलाल हीरानंदानी ने नौसेना के बेड़े में शामिल किया था.

तत्कालीन कमोडोर गुलाब मोहनलाल हीरानंदानी बाद में नौसेना के वाइस एडमिरल भी बने. राजपूत ने सुपरसोनिक ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल के लिए एक परीक्षण मंच के रूप में कार्य किया. इसके बाद 1980 के दशक में भारत को निर्यात के लिए इस वर्ग के आईएनएस राणा, आईएनएस रणवीर और आईएनएस रणविजय का निर्माण किया गया था. ये सभी जहाज मौजूदा समय में पूर्वी नौसेना कमान से जुड़े हैं.

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नौसेना प्रवक्ता के मुताबिक यह जहाज भूमि लक्ष्य पर हमला करने में सक्षम रहा है। राजपूत वर्ग के जहाजों को पनडुब्बियों, कम उड़ान वाले विमानों और क्रूज मिसाइलों के खिलाफ विमान रोधी और पनडुब्बी रोधी युद्ध भूमिकाएं विरासत में मिलीं हैं। इसलिए इन जहाजों ने दोनों ही भूमिकाओं को पूरा करने के लिए टास्कफोर्स या कैरियर एस्कॉर्ट के रूप में भी कार्य किया है। यह ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल सिस्टम को तैनात करने वाले भारतीय नौसेना का पहला जहाज है। इसके लिए एकल लॉन्चर (पोर्ट और स्टारबोर्ड) को दो बॉक्स लॉन्चर्स में बदल दिया गया था, जिनमें से प्रत्येक में दो ब्रह्मोस सेल थे। 2005 में धनुष बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण उड़ीसा के तट पर बंगाल की खाड़ी में आईएनएस राजपूत से किया गया था, जो करीब 60 किमी की दूरी पर चांदीपुर में एकीकृत परीक्षण रेंज से लांच की गई थी। मार्च, 2007 में आईएनएस राजपूत से पृथ्वी-III मिसाइल के नए संस्करण का परीक्षण किया गया था।

प्रवक्ता के मुताबिक इस जहाज को निर्देशित मिसाइल विध्वंसक और विमान-रोधी निर्देशित मिसाइल लॉन्च करने के लिए डिजाइन किया गया था। पनडुब्बी रोधी, वायु रोधी और सतह रोधी ऑपरेशन करने के लिए लैस आईएनएस राजपूत के अलावा भारतीय नौसेना के पास राजपूत वर्ग के अन्य विध्वंसकों में आईएनएस राणा, आईएनएस रणवीर और आईएनएस रणविजय भी हैं। इसके बावजूद डी-51 नामक इस राजपूत वर्ग के जहाज की प्रमुख विध्वंसकों में गिनती होती रही है। राजपूत वर्ग का यह जहाज सोवियत काशिन श्रेणी के विध्वंसक का संशोधित संस्करण है, इसलिए इसे काशिन-द्वितीय वर्ग के रूप में भी जाना जाता है। काशिन श्रेणी के विध्वंसक की डिजाइन में बदलाव करके इसे भारतीय नौसेना के लिए पूर्व सोवियत संघ में बनाया गया था।

देश के 26 राज्यों में पॉजिटिविटी दर में आ रही है कमी: स्वास्थ्य मंत्रालय

आईएनएस राजपूत ने राष्ट्र को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से कई अभियानों में भाग लिया है। इनमें से श्रीलंका में ऑपरेशन अमन, श्रीलंका के तट पर गश्ती कर्तव्यों के लिए ऑपरेशन पवन, मालदीव से बंधक स्थिति को हल करने के लिए ऑपरेशन कैक्टस और लक्षद्वीप से ऑपरेशन क्रॉसनेस्ट शामिल हैं। इसके अलावा जहाज ने कई द्विपक्षीय और बहुराष्ट्रीय अभ्यासों में भाग लिया है। यह जहाज भारतीय सेना की राजपूत रेजिमेंट से संबद्ध होने वाला पहला भारतीय नौसेना जहाज भी था। अपनी शानदार 41 वर्षों की सेवा के दौरान जहाज ने 31 कमांडिंग ऑफिसर देखे हैं। जहाज के आखिरी कमांडिंग ऑफिसर ने 14 अगस्त, 2019 को कमान संभाली थी। आईएनएस राजपूत पर लगी नौसेना की पताका और कमीशनिंग पेनेंट को 21 मई को सूरज डूबने के साथ नीचे उतारा जाएगा, जो नौसेना से उसकी विदाई का प्रतीक है।

हिन्दुस्थान समाचार/सुनीत
Submitted By: Sunit Nigam Edited By: Dadhibal Yadav Published By: Dadhibal Yadav at May 20 2021 4:46PM

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नई दिल्ली: देश के 26 राज्यों में कोरोना संक्रमण की दर में कमी आ रही है. 21 राज्यों व केन्द्र शासित प्रदेशों में रिकवरी यानि ठीक होने वाले मरीजों की संख्या नए मरीजों के मुकाबले अधिक है.

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने गुरुवार को प्रेसवार्ता में बताया पिछले तीन हफ्तों में कई राज्यों में कोरोना के नए मामले कम हो रहे हैं. इनमें कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तरप्रदेश, छत्तीसगढ़ शामिल है. उन्होंने बताया कि 8 राज्यों में 1 लाख से अधिक एक्टिव मामले हैं, 9 राज्यों में 50 हजार से 1 लाख एक्टिव मामले हैं, 19 राज्यों में 50 हजार से कम एक्टिव मामले हैं.

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उन्होंने बताया कि पिछले 15 दिनों के ट्रेंड को देखें तो कर्नाटक में कोरोना के मामले में कमी दिख रही है. लेकिन तमिलनाडु में मामले में बढ़ोतरी दिखाई दे रही है. आंध्रप्रदेश, पश्चिम बंगाल, उत्तरप्रदेश में मामले में कमी आ रही है. जिन राज्यों में मामले में कमी आ रही है, वहां सतर्कता बनाई रखी जाएं और संक्रमण की रोकथाम के उपायों को कड़ाई से लागू करते रहें क्योंकि जरा सी ढिलाई से सारी संक्रमण फिर से बढ़ सकता है.

उन्होंने बताया कि जिस राज्य में 10 प्रतिशत से अधिक पॉजिटिविटी रेट है वहां संक्रमण को रोकने के कड़े प्रयास किए जाने हैं.

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नई दिल्ली: भारत में म्यूकर माइकोसिस यानी ब्लैक फंगस का प्रकोप बढ़ रहा है। ऐसे में केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को अहम निर्देश देते हुए कहा है कि ब्लैक फंगस को महामारी कानून के तहत अधिसूचित करें और सभी मामले केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को रिपोर्ट करें।

ब्लैक फंगस के मामले कोरोना से ठीक हो चुके मरीजों पर देखे जा रहे है। ब्लैक फंगस के सभी पुष्ट और संदिग्ध मामले स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय को रिपोर्ट किए जाएंगे।

स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने राज्यों को पत्र लिखकर कहा है कि सभी सरकारी और प्राइवेट अस्पताल और मेडिकल कॉलेजों को ब्लैक फंगस के स्‍क्रीनिंग, डायग्नोसिस और मैनेजमेंट के मंत्रालय और आईसीएमआर की ओर से जारी दिशा-निर्देश का पालन कराया जाए। इसके साथ म्यूकर माइकोसिस (ब्लैक फंगस) को महामारी रोग अधिनियम 1897 के तहत एक अधिसूचित बीमारी घोषित किया जाए।

राजस्थान और तेलंगाना पहले ही ब्लैक फंगस को पहले ही महामारी कानूनों के तहत अधिसूच्य रोग घोषित कर चुके है।A valid URL was not provided.

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नई दिल्ली: कांग्रेस के कथित टूलकिट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके मांग की गई है कि इस मामले में अंतरराष्ट्रीय साजिश का पता लगाने के लिए एनआईए जांच करे।

याचिका में कहा गया है कि अगर जांच में कांग्रेस का दोष साबित हो तो कांग्रेस की मान्यता रद्द हो। यह याचिका वकील शशांक शेखर झा ने दायर की है।

उल्लेखनीय है कि विगत 18 मई को भाजपा ने कांग्रेस के खिलाफ टूलकिट के जरिये सरकार को बदनाम करने का आरोप लगाया। इस मामले पर भाजपा और कांग्रेस के बीच दिन आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला। कांग्रेस नेताओं ने इसे फर्जी करार देते हुए भाजपा नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की।

 

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– आईएनएस कोलकाता 61 कर्मचारियों और 22 शव के साथ देर रात पहुंचेगा मुंबई
– लापता 49 लोगों की तलाश में नौसेना ने चला रखा है खोज एवं बचाव अभियान

नई दिल्ली: भारत के पश्चिमी तट पर चक्रवात तूफान ताउते के दौरान समुद्री लहरों में फंसकर एफकॉन्स कंपनी का जहाज बार्ज पी-305 डूबने से 26 लोगों की मौत हो गई है जबकि अभी भी 49 लोग लापता हैं। इन सभी की तलाश में नौसेना ने लगातार तीसरे दिन भी रेस्क्यू ऑपरेशन चला रखा है।

बचाए गए 186 में से 125 कर्मचारियों को लेकर बुधवार सुबह नौसेना का जहाज आईएनएस कोच्चि मुंबई बंदरगाह पर लौट आया है। चार लोगों के पार्थिव शरीर आज सुबह मुंबई लाये जा चुके हैं। बाकी बचाए गए 61 कर्मचारियों और 22 शव लेकर आईएनएस कोलकाता आ रहा है जो बुधवार की देर रात तक मुंबई बंदरगाह पहुंचेगा।

अरब सागर में उठे ताउते तूफान में सोमवार को मुंबई के बांबे हाई के पास तेल उत्खनन के काम में लगा बार्ज पी-305 समुद्र में बह गया था। ओएनजीसी ने सोमवार को शुरू में कहा था कि एफकॉन्स के बार्ज पी-305 में 273 कर्मचारी सवार थे लेकिन बाद में संख्या को संशोधित करके 261 कर दिया गया।

भारतीय नौसेना और तटरक्षक बल ने सोमवार की देर शाम ही जहाज पर सवार 261 कर्मियों को बचाने के लिए ऑपरेशन शुरू किया। इसके बावजूद समुद्र में तेज हलचल के कारण विषम परिस्थितियों में पी-305 जहाज मुंबई से 35 मील दूर डूब गया। नौसेना ने तीन दिन के रेस्क्यू ऑपरेशन में 186 कर्मचारियों को सुरक्षित बचा लिया। इनमें से 125 कर्मचारियों को लेकर बुधवार सुबह नौसेना का जहाज आईएनएस कोच्चि बचाव दल के साथ मुंबई बंदरगाह पर लौट आया है।

नौसेना प्रवक्ता के अनुसार आईएनएस कोच्चि से ही ​चालक दल के चार सदस्यों के पार्थिव शरीर भी लाये गए हैं।आईएनएस कोलकाता बचाए गए बचे 61 लोगों को लेकर देर रात तक मुंबई बंदरगाह पहुंचेगा। इसी जहाज से ऑपरेशन के दौरान बरामद हुए चालक दल के 22 अन्य सदस्यों के पार्थिव शरीर लाये जाएंगे। भारतीय नौसेना का खोज और बचाव (एसएआर) अभियान आज तीसरे दिन में प्रवेश कर गया है। भारतीय नौसेना के जहाज आईएनएस ब्यास, बेतवा, तेग, पी-8आई समुद्री निगरानी विमान, चेतक और सीकिंग हेलीकॉप्टर अभी भी खोज अभियान में लगे हैं।तटरक्षक बल ने भी नौसेना की मदद के लिए अपने दो जहाजों को तैनात किया है। प्रवक्ता के अनुसार गुजरात तट पर ऑपरेशन पूरा करने के बाद आईएनएस तलवार को भी लापता लोगों की तलाश कर रहे अन्य तीन नौसैनिक जहाजों के साथ रेस्क्यू मिशन में शामिल होने के लिए डायवर्ट किया गया है।

 

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नई दिल्ली: यूनेस्को विश्व धरोहर की संभावित सूची में नर्मदा घाटी के भेड़ाघाट औऱ सतपुड़ा टाइगर रिजर्व सहित छह स्थलों को शामिल कर लिया है. इनमें महाराष्ट्र का मराठा सैन्य वास्तुकला, वाराणसी का गंगाघाट रिवरफ्रंट, हायर बेंकल, मेगालिथिक साइट और कांचीपुरम के मंदिरों को संभावित सूची में शामिल किया गया है.

केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन राज्यमंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने ट्वीट करके छह स्थलों को यूनेस्को की संभावित सूची में जगह मिलने पर खुशी जाहिर करते हुए इसे देश के लिए गौरव की बात बताई. साथ ही उन्होंने मध्यप्रदेश से दो स्थलों के यूनेस्को साइट में चयन को मध्यप्रदेश वासियों के लिए बहुत ही खुशी और गौरव का क्षण बताया.

आपको बता दें कि भारतीय पुरात्तव सर्वेक्षण (एएसआई) ने यूनेस्को वर्ल्ड हैरिटेज में नौ स्थलों को नामांकन के लिए भेजा था. जिनमें मध्य प्रदेश के नर्मदा घाटी के भेड़ाघाट-लम्हेटाघाट, मध्य प्रदेश का सतपुड़ा टाइगर रिजर्व, अरुणाचल प्रदेश के टेल वाइल्डलाइफ सेंचुरी, वाराणसी का प्रतिष्ठित रिवरफ्रंट, जियोग्लिफ़ ऑफ कोंकण, तमिलनाडु स्थित कांचीपुरम के मंदिर, कर्नाटक का बेंकल महापाषाण स्थल, जम्मू की मुबारक मंडी महाराष्ट्र में मराठा सैन्य वास्तुकला नामांकन के लिए भेजे गए थे.

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नई दिल्ली: देश में कोरोना के नए मामलों में पिछले दिनों के मुकाबले थोड़ी कमी दर्ज की गई है। पिछले 24 घंटे में कोरोना के 2,67,334 नए मामले सामने आए हैं, जबकि इस बीमारी से 4529 लोगों की मौत हो गई। पिछले 24 घंटे 3,89,851 मरीज स्वस्थ हुए हैं।
बुधवार सुबह केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में अबतक कोरोना के कुल 2,54,96,330 मामले सामने आ चुके हैं। वहीं, इस बीमारी से अबतक 2,83,248 लोगों की मौत हो चुकी है। एक्टिव मरीजों की संख्या 32,26,719 है। वहीं, राहत भरी खबर है कि कोरोना से अबतक 2,19,86,363 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं।
रिकवरी रेट 86.23 फीसद
कोरोना से ठीक होने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है जो राहत की बात है। रिकवरी रेट में सुधार हो रहा है। पिछले 24 घंटे में देश का रिकवरी रेट बढ़कर 86.23 प्रतिशत हो गया है।
पिछले 24 घंटे में 20 लाख से अधिक टेस्ट 
आईसीएमआर के मुताबिक पिछले 24 घंटे में 20 लाख से अधिक टेस्ट किए जा चुके हैं। 18 मई को 20,08,296 टेस्ट किए गए। देश में अबतक कुल 32,03,01,177 टेस्ट किए जा चुके हैं।
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मुंबई:  ताउते चक्रवात के चलते दूसरे दिन मंगलवार को भी मूसलाधार बारिश हुई। वसई विरार में बाढ़ जैसे हालात नजर आए। निचले इलाकों में भारी जलभराव से दुकानों व घरों में काफी नुकसान पहुंचा है। तेज बारिश से ग्रामीण भागों में कई गांव पानी में डूब गए। जिससे हजारों लोग बारिश से प्रभावित हुए हैं। जिलेभर में भारी बारिश से कई गावों का संपर्क टूट जाने से आवागमन में भारी दिक्कतें हुईं। हालांकि किसी जनहानि की खबर नहीं है। प्रशासन की ओर से प्रभावित हुए लोगों की मदद की जा रही है। हालांकि शाम 4 बजे बारिश थम जाने के बाद लोगों ने थोड़ी राहत महसूस की है।

दुकानों व घरों में भरा पानी : सोमवार सुबह से मंगलवार दोपहर बाद तक हुई मूसलाधार बारिश से निचले इलाकों में बने घरों में तीन से चार फुट पानी भर गया। नालासोपारा, वसई, विरार, सफाले, केलवे, बोईसर, पालघर आदि क्षेत्रों में भारी बारिश की वजह से दुकानों व घरों में पानी भरने से घरों का सामना खराब हो गया, तो वहीं दुकानदारों का लाखों रुपये का माल भीगने से बर्बाद हो गया है।
वसई – विरार की हाई प्रोफाइल सोसायटियां लबालब : भारी बारिश के चलते वसई विरार की हाई प्रोफाइल सोसायटियों में तीन से चार फुट पानी भर जाने से लबालब हो गई। ग्राउंड फ्लोर में रहने वाले लोगों के घरों में पानी भर जाने से उनका सारा सामान खराब हो गया। वसई पश्चिम के आनंद नगर, मानिकपुर, दिवानमान, अम्बाडी रोड, विरार पश्चिम के ग्लोबल सिटी, विवा कालेज, एमबी इस्टेट, यशवंत नगर, स्टेशन के आसपास, नालासोपारा ईस्ट व वेस्ट में भारी जलभराव की समस्या हुई है।
दो दिन में 150 से अधिक पेड़ धराशायी : फायरब्रिगेड के मुख्य अधिकारी दिलीप पालव ने बताया कि तूफानी चक्रवात से सोमवार व मंगलवार को वसई विरार में लगभग 150 पेड़ गिरे है। हालांकि इसमें कोई जनहानि नहीं हुई है। इसी तरह स्लम इलाकों में बने कच्चे घरों के पतरे उड़ने की खबर सामने आई है। चक्रवात का सबसे ज्यादा असर समुद्री किनारों पर देखा गया है। वहां आसपास केले व मकई की खेती पूरी तरह नष्ट हो गई है। चक्रवात व बारिश से ज्यादा लोगों को बिजली विभाग ने परेशानी में डाल दिया। बिजली नहीं रहने से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। अस्पतालों में भर्ती मरीजों से लेकर हर इंसान बिजली न रहने से परेशान रहा। वसई विरार में सोमवार सुबह 4 बजे बिजली काट दी गई थी। जो मंगलवार दोपहर तक कट रही। विभाग का है कि तेज हवाओं के चलते पेड़ गिरने से बिजली आपूर्ति ठप की गई थी। कई जगहों पर पोल गिरने से काफी दिक्कतें आ रही हैं।
शहरों में जलभराव से यातायात ठप्प : जिलेभर में भारी जलभराव से ज्यादातर इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति हो गई है। जिससे यातायात व्यवस्था ठप हो गई है। कई जगह रेलवे ट्रैक पर पानी भर जाने से ट्रेनें देरी से चल रही है। सड़कों पर चार से पांच फुट पानी भरने से गाड़ियां पानी मे डूब रही थी। बाढ़ वाले क्षेत्रों में नाले उल्टी दिशा में बह रहे हैं। नालासोपारा, वसई, विरार, पालघर, सफाला, बोईसर, डहाणू, तलासरी, कासा, घोलवड, सातपाटी, केलवा आदि जगहों पर  तीन से चार फुट पानी भर जाने से जनजीवन अस्त व्यस्त रहा। शहरों में सड़कें तालाब में तब्दील हो गई। नदियां उफान पर बह रही थी। जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन व मनपा की ओर से राहत व बचाव कार्य जारी है। अगले 12 घण्टों तक समुद्र में हाईटाइड की चेतावनी दी गई है।
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