नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानों पर लगी पाबंदियों को 31 जुलाई तक बढ़ा दिया है. इनकी अवधि पहले जून में समाप्त हो रही थी. अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर अभी सीमित संख्या में ही उड़ानें संचालित की जा रही हैं. वंदेभारत स्कीम के तहत काफी संख्या में उड़ानें हो रही हैं. हालांकि घरेलू स्तर पर उड़ानों की आवाजाही पर लगी ज्यादातर बंदिशें अभी समाप्त कर दी गई हैं. नागर विमानन महानिदेशालय ने एक सर्कुलर जारी कर कहा है कि विदेशी उड़ानों पर प्रतिबंध 31 जुलाई 2021 तक बढ़ा दिया गया है. हालांकि माल ढुलाई कर रही विदेशी फ्लाइटों और डीजीसीए द्वारा मंजूर उड़ानों पर यह आदेश लागू नहीं होगा.

डीजीसीए ने कहा है कि कुछ चिन्हित अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर सक्षम प्राधिकारी की अनुमति के साथ उड़ानों का परिचालन किया जाता रहेगा. हालांकि इन उड़ानों के दौरान हवाई यात्रा से जुड़े कोविड प्रोटोकॉल का पूरी तरह अनुपालन विमानन कंपनियों को सुनिश्चित करना होगा.इसको लेकर एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया, एयरपोर्ट ऑपरेटर्स, ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन को भी जारी किया गया है. अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर चुनिंदा उड़ानें भी गंतव्य वाले देश के कोरोना से जुड़े नियमों औऱ पाबंदियों पर निर्भर करती है. कई देशों ने अभी भी भारत से आने वाले यात्रियों के लिए प्रतिबंध लगा रखा है.

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New Delhi: जम्मू वायु सेना स्टेशन के तकनीकी क्षेत्र में रविवार तड़के दो कम तीव्रता वाले विस्फोट हुए है. भारतीय वायु सेना ने इसकी पुष्टि की है.

वायु सेना ने tweet कर बताया कि जम्मू वायु सेना स्टेशन के तकनीकी क्षेत्र में रविवार तड़के दो कम तीव्रता वाले विस्फोटों की सूचना मिली. एक ने एक इमारत की छत को मामूली नुकसान पहुंचाया जबकि दूसरा एक खुले क्षेत्र में फट गया. किसी भी उपकरण को कोई नुकसान नहीं हुआ. जांच जारी है.

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New Delhi: वेब जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के दिल्ली- एनसीआर चैप्टर का गठन रविवार को हुआ.

राष्ट्रीय अध्यक्ष आनन्द कौशल ने कहा कि डब्ल्यूजेएआई अपने जन्मना उद्देश्यों की प्रतिपूर्ति की दिशा में बड़ी तेजी के साथ अग्रसर है इसी कड़ी में आज दिल्ली एनसीआर चैप्टर के विधिवत गठन के साथ एक नये अध्याय का आरंभ हो रहा है. देश में वेब पत्रकारिता को स्वनियमन द्वारा नियंत्रित करने के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा एक्ट बनाया गया है जबकि डब्ल्यूजेएआई ने अपने संविधान में ही स्वनियमन के तहत डूज एंड डॉंट्स का प्रावधान किया.

बैठक की अध्यक्षता करते हुए राष्ट्रीय महासचिव डॉ. अमित रंजन ने संगठन के संविधान की संक्षिप्त चर्चा करते हुए कहा कि भारत सरकार ने वेब पोर्टलों के ग्रीवांस रिड्रूसल मेकेनिज्म के लेवल टू पर सेल्फ रेग्यूलेटरी बॉडी के गठन का नियमन दिया है जबकि डब्ल्यूजेएआई ने शुरु से ही वेब जर्नलिस्ट्स स्टैंडर्ड ऑथरिटी- डब्ल्यूजेएसए का प्रावधान कर रखा है. उन्होंने कहा कि डब्ल्यूजेएआई से जुड़े सभी पोर्टलों के लिए संगठन के स्वनियमन का पालन करना बाध्यकारी है. उन्होंने कहा संगठन वेब पत्रकारिता में शुचिता और देश के सभी कानूनों का अनुपालन के लिए कटिबद्ध है और इसके नियंत्रण के हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति की अध्यक्षता में डब्ल्यूजेएसए का प्रावधान किया है.

बैठक के आरंभ में संयोजक पंकज प्रसून ने सभी आगत सदस्यों का स्वागत करते हुए बैठक के उद्देश्यों पर चर्चा की.

उन्होंने कहा कि डब्ल्यूजेएआई की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के अलावा बिहार चैप्टर, पश्चिम बंगाल चैप्टर का गठन हो चुका है, आज हम सभी दिल्ली एनसीआर चैप्टर का गठन करने जा रहे हैं जो गौरव का विषय है. देश में वेब पत्रकारों के हित की रक्षा के लिए डब्ल्यूजेएआई एकलौती निबंधित संस्था है जो अपने उद्देश्यों और लक्ष्यों की दिशा में लगातार आगे बढ़ रही है.

बैठक में सर्वसम्मति से दिल्ली-एनसीआर चैप्टर की 15 सदस्यीय कार्यकारिणी का गठन किया गया. अध्यक्ष सेवानिवृत्त स्क्वाड्रेन लीडर रिफाकत हुसैन, उपाध्यक्ष दीप्ति अंग्रिश और सुभाष चंद्रा, महासचिव पंकज प्रसून, सचिव आशुतोष झा, संयुक्त सचिव रिक्त और कोषाध्यक्ष निशांत झा मनोनीत किए गये इसके अलावा कार्यकारिणी सदस्यों के पद पर अशरफ खान, शिवनाथ, हर्षनाथ झा, ईश्वर नाथ का मनोनयन किया गया कुछ पद रिक्त रखे गये.

नवगठित कार्यकारिणी के अध्यक्ष रिफाकत हुसैन ने कहा कि हम संकल्पित हैं वेब पत्रकारों के हित में कार्य करने के लिए, ये एक अच्छी पहल है और इसमें हम आप सभी का साथ व सहयोग चाहते हैं.
इस बैठक में उपस्थित सदस्यों द्वारा अनेक सार्थक मुद्दों पर चर्चा की गई.

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-संसद की सूचना प्रौद्योगिक संबंधी स्थायी समिति के अध्यक्ष शशि थरूर के साथ भी ऐसा ही हुआ

नई दिल्ली: सरकार और ट्विटर के बीच जारी तकरार में शुक्रवार को एक नया मोड़ आ गया। ट्विटर ने केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिक मंत्री रविशंकर प्रसाद का एकाउंट करीब एक घंटे तक ब्लॉक रखा। इस घटना से क्षुब्ध रविशंकर प्रसाद ने चेतावनी दी कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म कुछ भी कर लें उन्हें नए नियमों का पालन करना ही होगा। इस पर कोई समझौता नहीं होगा।

ट्विटर की इस कार्रवाई के कारण रविशंकर प्रसाद करीब एक घंटे तक अपने एकाउंट का इस्तेमाल नहीं कर सके। बाद में ट्विटर ने उनके एकाउंट से रोक हटा ली। केंद्रीय मंत्री ने अपने एकाउंट के जरिए कई ट्वीट के माध्यम से लोगों को इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी। उन्होंने कहा, “ मित्रों, आज मेरे साथ एक अनोखी घटना हुई। ट्विटर ने मेरे एकाउंट को करीब एक घंटे तक ब्लॉक रखा। ट्विटर का कहना था कि अमेरिका के कॉपीराइट कानून के उल्लंघन पर यह कार्रवाई की गई। बाद में मेरे एकाउंट को चालू कर दिया गया।”

रविशंकर प्रसाद के इस ट्वीट के बाद कांग्रेस के सांसद शशि थरूर ने उन्हें ट्विटर के जरिए यह संदेश भेजा कि मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ है। उल्लेखनीय है कि थरूर संसद की सूचना प्रौद्योगिकी समिति के अध्यक्ष हैं। इस समिति ने हाल में सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी नियमों का पालन नहीं किए जाने के लिए ट्विटर के अधिकारियों को तलब किया था।

रविशंकर प्रसाद ने पूरे घटनाक्रम पर क्षोभ व्यक्त करते हुए कहा कि इससे स्पष्ट है कि ट्विटर अभिव्यक्ति की आजादी में भरोसा नहीं रख सकता। ट्विटर का अपना अलग एजेंडा है, यदि कोई उसके एजेंडे के अनुसार नहीं चलता तो उसे प्लेटफॉर्म से हटाने की धमकी दी जाती है।

केंद्रीय मंत्री ने चेतावनी दी कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म चाहे कुछ भी करें उन्हें नए सूचना प्रौद्योगिकी नियमों का पालन करना ही होगा। इस मुद्दे पर कोई समझौता नही किया जाएगा।

रविशंकर प्रसाद ने उनके एकाउंट के साथ किए गए बर्ताव को नए नियमों का उल्लंघन बताया। उन्होंने कहा कि ट्विटर को एकाउंट ब्लॉक करने के पहले उन्हें नोटिस देना चाहिए था।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ट्विटर नए नियमों का पालन इसलिए नहीं कर रहा है कि इससे लोगों के एकाउंट को मनमाने तरीके से हटाने के रवैये पर अंकुश लगेगा।

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को आपातकाल की 46वीं बरसी पर भारतीय इतिहास के काले अध्याय को याद करते हुए कांग्रेस पर हमला बोला। प्रधानमंत्री ने कहा कि आपातकाल के काले दिनों को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने आपातकाल का विरोध कर भारतीय लोकतंत्र की रक्षा करने वालों को भी याद किया।

उल्लेखनीय है कि आज ही के दिन 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल की घोषणा की थी।

राष्ट्रपति बनने के बाद रामनाथ कोविंद पहली बार जाएंगे अपने पैतृक गांव परौंख

प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर लिखा, “आपातकाल के काले दिनों को कभी भुलाया नहीं जा सकता। आपातकाल यानि 1975 से 1977 की अवधि में संस्थानों का व्यवस्थित विनाश देखा गया।” उन्होंने ट्वीट में आगे लिखा, “आइए हम भारत की लोकतांत्रिक भावना को मजबूत करने के लिए हर संभव प्रयास करने का संकल्प लें और हमारे संविधान में निहित मूल्यों पर खरा उतरें।”

बिहार के मुजफ्फरपुर में सड़क दुघर्टना में चार की मौत, करीब 18 लोग घायल

प्रधानमंत्री ने आपातकाल लगाकर जनता के संवैधानिक अधिकारों को खत्म करने के लिए काग्रेस पर हमला करते हुए लिखा, “इस तरह कांग्रेस ने हमारे लोकतांत्रिक लोकाचार को कुचला।” मोदी ने इस दौरान आपातकाल के खिलाफ संघर्ष करने वालों का याद करते हुए कहा, “हम उन सभी महानुभावों को याद करते हैं जिन्होंने आपातकाल का विरोध किया और भारतीय लोकतंत्र की रक्षा की।”

प्रधानमंत्री ने अपने ट्विटर हैंडल पर भारतीय जनता पार्टी के इंस्टाग्राम पोस्ट को भी शेयर किया है। इसमें बताया गया कि आपातकाल के दौरान कांग्रेस की ओर से लोकतांत्रिक विचारों का कुचला गया था।

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– अपने बाबा को देखने को लालायित हैं ग्रामवासी, तैयारियों में जुटा प्रशासन

कानपुर: बिहार के तत्कालीन राज्यपाल रामनाथ कोविंद को जब 2017 में भाजपा ने राष्ट्रपति का उम्मीदवार घोषित किया तो उनके पैतृक गांव परौंख में स्थानीय, राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय मीडिया ने डेरा डाल दिया था। ऐसे में ‘हिन्दुस्थान समाचार’ ने भी उस दौरान बच्चों से लेकर बुजुर्ग महिलाओं तक में गजब का उत्साह देखा। सभी लोग अपने बाबा को राष्ट्रपति बनना देखना चाहते थे। उन लोगों के अरमान तो पूरे गये लेकिन राष्ट्रपति बनने के बाद पैतृक गांव आने की तमन्ना अभी तक अधूरी ही रही। अब ख़ुशी इस बात की है कि बाबा अपने गांव प्रेसिडेंशियल स्पेशल ट्रेन से आ रहे हैं।

हालांकि राष्ट्रपति बनने के बाद रामनाथ कोविंद पांच बार कानपुर आए तो हर बार ग्रामीणों ने गांव आने का भावनात्मक आग्रह किया, लेकिन हमेशा प्रोटोकॉल आड़े हाथ आ जाता था। आखिरकार अब वह घड़ी 27 जून को आने वाली है जिसका ग्रामीणों का इंतजार था। राष्ट्रपति बनने के बाद रामनाथ कोविंद 25 जून को अपने चार दिवसीय दौरे पर अपनी शैक्षणिक स्थली कानपुर नगर आ रहे हैं। कानपुर के अपने छठें दौरे में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पहली बार पैतृक गांव परौंख जाएंगे। ग्रामीणों से मिलने के साथ ही वह जनसभा को भी संबोधित करेंगे, जिसकी प्रशासनिक तैयारियां इन दिनों जोरों पर हैं।

राष्ट्रपति बनने के 52 दिन बाद पहली बार आए थे कानपुर
अपने बाबा को गांव में देखने के लिए बच्चे, युवा और बुजुर्ग लालायित हैं। खासकर राष्ट्रपति के उम्र की महिलाएं अपने बाबा को गांव में देखना चाहती हैं। दरअसल राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का गांव में ग्रामीणों के बीच पद बहुत बड़ा है और वे अधिकांश लोगों के बाबा लगते हैं। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद राष्ट्रपति की शपथ लेने के 52 दिन बाद 15 सितम्बर, 2017 को अपनी शैक्षणिक स्थली कानपुर नगर आये थे। पहली बार के दौरे में उनका कार्यक्रम बिठूर के ईश्वरीगंज गांव में था जहां पर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘स्वच्छता ही सेवा अभियान’ की शुरुआत की थी।

इसके बाद 14 फरवरी, 2018 को वीएसएसडी कॉलेज नवाबगंज आए थे। छह अक्टूबर, 2018 को मेडिकल कॉलेज में आयोजित फॉग्सी की अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए थे। इसी दिन सीएसए में टैलेंट डेवलपमेंट काउंसिल के सेमिनार में हिस्सा लिया और नर्वल में झंडा गीत के रचयिता श्यामलाल गुप्त पार्षद की मूर्ति का अनावरण और प्रवेश द्वार का लोकार्पण किया था। 25 फरवरी, 2019 को बीएनएसडी इंटर कॉलेज चुन्नीगंज के पूर्व छात्रसंघ सम्मेलन और वार्षिक दिवस समारोह में शामिल हुए। इसी दिन धम्म कल्याण अंतर्राष्ट्रीय विपश्यना ध्यान केंद्र के नए ब्लॉक का उद्घाटन किया था।

पांचवीं बार 23 नवम्बर 2019 को सीएसजेएमयू आए थे। इन पांचो बार में एक भी बार न तो अपने पैतृक गांव परौंख गयें और न ही कानपुर नगर के कल्यापुर थाना क्षेत्र के इंदिरा नगर में अपने निवास स्थान गये। हालांकि तीसरे दौरे के दौरान उनकी पत्नी सविता कोविंद सुरक्षा​कर्मियों के साथ जरुर अपने इंदिरा नगर स्थित घर गईं, लेकिन राष्ट्रपति प्रोटोकाल के चलते अपने आवास और पैतृक गांव नहीं जा सके। यह अलग बात है कि इन दौरों के दौरान गांव के काफी लोगों से प्रोटाकाल के तहत मुलाकात कर आत्मीयता के साथ मिले।

पहली बार परौंख में बने पांच हेलीपैड
एसपी कानपुर देहात ने बताया कि परौंख में पांच हेलीपैड बनाए गए हैं। तीन हेलीपैड राष्ट्रपति के हेलीकॉप्टर के लिए और एक-एक मुख्यमंत्री और राज्यपाल के लिए हेलीकॉप्टर के लिए हैं। जनसभा वाले कार्यक्रम स्थल के सामने सड़क के दूसरी तरफ पांचों हेलीपैड बनाए गए हैं। इससे कि उतरने के बाद सीधे कार्यक्रम स्थल तक पहुंच सके। बताया कि राष्ट्रपति की जनसभा में पांच हजार लोगों के सोशल डिस्टेंसिंग के साथ बैठने का इंतजाम किया गया है। इसमें परौंख गांव के साथ ही राष्ट्रपति के नजदीकी और आसपास के गांव के लोग शामिल हैं। इसके साथ ही भाजपा नेताओं की संख्या भी अच्छी खासी है।

चमकाए जा रहे हैं झींझक और रुरा स्टेशन
राष्ट्रपति 25 जून को प्रेसिडेंसियल सैलून ट्रेन से आएंगे। वह शाम 07 बजे कानपुर सेंट्रल स्टेशन पहुंचने से पहले झींझक स्टेशन और रुरा स्टेशन पर 30-30 मिनट रुकेंगे। दोनों स्टेशनों पर वह अपने परिवार और नजदीकियों से मिलेंगे। इसके बाद अगले दिन कानपुर नगर में कुछ लोगों से मुलाकात करेंगे फिर 27 जून को सुबह 9.55 बजे हेलीकॉप्टर से अपने पैतृक गांव परौंख कानपुर, देहात जाएंगे। गांव में कुल देवी पथरी देवी के मंदिर में पूजा में शामिल होंगे। इसके बाद प्राथमिक विद्यालय परौख (मॉडल प्राइमरी स्कूल), आंबेडकर पार्क, बारातशाला, मिलन केन्द्र (जो कि पहले महामहिम का आवास था) और वीरांगना झलकारी बाई इंटर कॉलेज परौंख जनसभा स्थल पहुंचेंगे। यहां पर आस-पास ग्राम पंचायतों के नौ ग्राम प्रधान राष्ट्रपति का स्वागत करेंगे। राष्ट्रपति के दोनों स्टेशनों पर रुकने को लेकर रेलवे विभाग स्टेशनों को चमकाने में जुटा हुआ है।

इनपुट हिन्दुस्थान समाचार

 

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– परिसीमन के बाद विधानसभा चुनाव के संकेत

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और जम्मू-कश्मीर के विभिन्न राजनीतिक दलों के 14 नेताओं की महत्वपूर्ण बैठक गुरुवार को सकारात्मक और सौहार्दपूर्ण वातावरण में संपन्न हुई, जिसे राज्य में विधानसभा चुनाव कराने और पूर्ण राज्य के दर्जे की बहाली की ओर बड़ा कदम माना जा रहा है।

प्रधानमंत्री के ‘7 लोक कल्याण मार्ग’ स्थित आधिकारिक आवास पर साढ़े तीन घंटे तक चली इस बैठक में प्रधानमंत्री मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री डॉ जितेन्द्र सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल और जम्मू-कश्मीर के चार पूर्व मुख्यमंत्रियों के साथ अन्य नेता मौजूद थे।

इनमेें सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों ने बैठक को सकारात्मक और सार्थक बताया। इन नेताओं ने प्रधानमंत्री मोदी के कथन का उल्लेख किया कि ‘यह दिल्ली और दिल की दूरी को कम करने का प्रयास है।’ निर्धारित समय से अधिक देर तक चली बैठक के बाद राज्य के विभिन्न नेताओं ने कहा कि अनुच्छेद 370 और 35ए को फिर बहाल करने का मुद्दा नहीं उठाया गया। अधिकतर नेताओं का मानना था कि अनुच्छेद 370 का मामला सुप्रीम कोर्ट के विचाराधीन है तथा न्यायालय के फैसले की प्रतीक्षा की जानी चाहिए।

नेताओं का मुख्य जोर विधानसभा चुनाव जल्द से जल्द कराए जाने पर था। राज्य के नेताओं के अनुसार मोदी और गृहमंत्री की ओर से आश्वासन दिया गया कि जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने और वहां शीघ्र चुनाव कराने के लिए केंद्र सरकार प्रतिबद्ध है।

केंद्र सरकार का कहना है कि उसकी सबसे पहली प्राथमिकता राज्य विधानसभा के निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन है और दूसरे चरण के रूप में राज्य में चुनाव कराए जाने का प्रस्ताव है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि कांग्रेस की ओर से पांच मुख्य मांगें रखी गई, जिनमें राज्य में विधानसभा चुनाव कराने, पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग शामिल हैं।

आजाद ने कहा कि प्रधानमंत्री और गृहमंत्री की ओर से संसद में यह आश्वासन दिया गया था कि सामान्य स्थिति कायम होने और समय जाने पर पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा। कांग्रेस नेता ने कहा कि इस वायदे पर अमल करने का यह सबसे अनुकूल समय है।

उन्होंने कहा कि राज्य में आतंकवाद काबू में है और शांति कायम है। सीमा पर सीजफायर लागू है। पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए इससे अनुकूल और कोई समय नहीं हो सकता। आजाद ने कहा कि पिछले दिनों राज्य में ब्लॉक पंचायतों और जिला परिषदों के चुनाव हुए हैं। अब इसका अगला स्वाभाविक कदम विधानसभा चुनाव होना चाहिए। कांग्रेस राज्य में जल्द से जल्द लोकतंत्र बहाली के पक्ष में है। कांग्रेस की ओर से बैठक में स्थानीय नागरिकों के लिए रोजगार गांरटी और भूमि अधिकार संबंधी मामला भी उठाया गया।

स्थानीय नागरिकों को अधिवास संबंधी अधिकार (डोमिसाइल) की गारंटी दिए जाने की बात भी कही गई। कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास की मांग को भी कांग्रेस ने उठाया। आजाद ने कहा कि राज्य से बाहर गए कश्मीरी पंडितों को सुरक्षित माहौल में वापस लाना तथा उनका पुनर्वास करना हमारी मूलभूत जिम्मेदारी है।

आजाद ने कहा कि 5 अगस्त 2019 के बाद के घटनाक्रम में जिन कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है, उनकी रिहाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को राजनीतिक आधार पर जेल में बंद किया गया है तथा जिनका आतंकवादी गतिविधियों से कोई लेना देना नहीं है, उन्हें रिहा किया जाना चाहिये।

कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने सभी नेताओं की बात बहुत गौर से सुनी। बैठक के दौरान उनका रवैया सकारात्मक था। प्रधानमंत्री ने कहा कि वे राज्य के नेताओं के साथ ऐसी बैठक पिछले वर्ष ही बुलाना चाहते थे, लेकिन कोरोना महामारी के कारण यह संभव नहीं हो पाया।

प्रधानमंत्री ने गुरुवार की बैठक को मौजूदा दौर में हुई सबसे बड़ी बैठक बताया। प्रधानमंत्री नेताओं के इस तर्क से सहमत थे कि राज्य में शासन प्रशासन का काम नौकरशाही के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता। नौकरशाही राजनीतिक नेतृत्व का विकल्प नहीं हो सकती।

आजाद ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की भूमिका की प्रशंसा करते हुए कहा कि अच्छा होगा कि पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल होने के बाद राज्यपाल बना दिया जाए।

पीपुल्स कांफ्रेंस के सज्जाद लोन और जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी के अल्ताफ बुखारी ने भी प्रधानमंत्री के साथ हुई बैठक को सार्थक और सकारात्मक बताया। इन नेताओं का कहना था कि बैठक में भारतीय संघ और संविधान के दायरे में रह कर ही बात हुई।

प्रधानमंत्री के सामने विभिन्न नेताओं ने अपना दुख दर्द बयां किया। उन्होंने सबकी बात बहुत गौर से सुनी। बैठक में जिन 14 नेताओं ने भाग लिया, उनमें कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद, ताराचंद, गुलाम अहमद मीर, नेशनल कांफ्रेंस के डॉ. फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला, पीडीपी की महबूबा मुफ्ती, जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के अल्ताफ बुखारी, पीपुल्स कांफ्रेंस के सज्जाद लोन के साथ ही जम्मू क्षेत्र से रविन्द्र रैना, निर्मल सिंह और कविंद्र गुप्ता, पैंथर पार्टी के प्रो. भीम सिंह और माकपा के एमवाई तरीगामी शामिल रहे।

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नई दिल्ली: एक ओर भारत में कोरोना वैक्सीन लगाने का कार्य तेजी से किया जा रहा है तो दूसरी ओर विशेषज्ञ बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन को तैयार करने में जुटे हैं। उम्मीद तो ये है कि भारत में सितम्बर महीने से दो साल से अधिक उम्र के बच्चों को भी वैक्सीन लगाया जा सकेगा।

इस संबंध में दिल्ली एम्स के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने बुधवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि सितम्बर महीने तक बच्चों के लिए देश में कोवैक्सीन उपलब्ध होने की उम्मीद है। इसके लिए कोवैक्सीन का ट्रायल चल रहा है। इस ट्रायल के दूसरे और तीसरे चरण के परिणाम सितम्बर माह तक आएंगे। गुलेरिया ने कहा कि अगर भारत में फाइजर-बायोएनटेक की वैक्सीन को भी अनुमति मिलती है तो वह भी बच्चों के लिए एक विकल्प हो सकता है।

गुलेरिया ने कहा कि अगर सरकार बच्चों के स्कूल खोलने पर विचार कर रही है तो यह कार्य सावधानी से किया जाना चाहिए। स्कूल में कोरोना प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन किया जाना चाहिए। जिससे करोना संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। उन्होंने कहा कि नॉन कंटेनमेंट वाले क्षेत्रों में बच्चों को वैकल्पिक दिन पर स्कूल बुलाया जाए। इस दौरान कोरोना के नियमों का पालन हो ये बहुत जरूरी है।

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नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वेरिएंट के 22 मामले सामने आए हैं। इनमें से ज्यादातर मामले महाराष्ट्र के रत्नागिरी और जलगांव से आए हैं। कुछ मामले केरल और मध्य प्रदेश से भी आए हैं।

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने बताया कि देश में डेल्टा प्लस वेरिएंट वायरस को गंभीर श्रेणी में नहीं रखा गया है। यह अभी भी वेरिएंट ऑफ इंट्रेस्ट है, जबकि डेल्टा वेरिएंट चिंता का विषय बना हुआ है। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस का नया वेरिएंट डेल्टा प्लस अभी नौ देशों में सामने आय है, जिसमें भारत समेत अमेरिका, चीन, ब्रिटेन, रूस शामिल है।

उन्होंने बताया कि कोविशील्ड और कोवैक्सीन डेल्टा वेरियंट पर कारगर है, लेकिन लोगों को अभी भी सावधानी बरतनी की आवश्यकता है। मास्क लगाना और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना चाहिए।

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को उनकी पुण्यतिथि पर बुधवार को श्रद्धांजलि दी।

 

प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा, “ डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्य तिथि पर उन्हें याद करता हूं। उनके श्रेष्ठ आदर्श, समृद्ध विचार और लोगों की सेवा करने की प्रतिबद्धता हमें प्रेरित करती रहेगी। राष्ट्रीय एकता की दिशा में उनके प्रयासों को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा।”

एक विधान एक निशान आंदोलन के नायक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की 23 जून 1953 को श्रीनगर की जेल में रहस्यमय हालात में मृत्यु हो गई थी।

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 नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने  कहा कि आज जब पूरा विश्व कोरोना महामारी का मुकाबला कर रहा है तो योग उम्मीद की एक किरण भी बना हुआ है। प्रधानमंत्री सोमवार को 7वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

प्रधानमंत्री ने कहा “जब कोरोना के अदृश्य वायरस ने दुनिया में दस्तक दी थी, तब कोई भी देश अपने  साधनों से, सामर्थ्य से और मानसिक अवस्था से, इसके लिए तैयार नहीं था। हम सभी ने देखा है कि ऐसे कठिन समय में योग आत्मबल का एक बड़ा माध्यम बना।”

7वें  अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का विषय ‘योगा फॉर वेलनेस’ है, जो शारीरिक और मानसिक कल्याण के लिए योग का अभ्यास करने पर केन्द्रित है।

उल्लेखनीय है कि दुनिया में योग को आधिकारिक मान्यता दिलाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 27 सितंबर, 2014 को पहल की थी। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ में अपने पहले संबोधन के दौरान योग के विषय को मजबूती से उठाते हुए कहा था कि ‘योग प्राचीन भारतीय परंपरा एवं संस्कृति की अमूल्य देन है।

उसी वर्ष 11 दिसंबर, 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 193 सदस्यों ने 21 जून को ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ मनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी। तब 177 देशों ने सह समर्थक बनकर इस प्रस्ताव का अनुमोदन किया। इस प्रस्ताव को 90 दिनों के अंदर पूर्ण बहुमत से पारित किया गया।

21 जून, 2015 को पहले सामूहिक योग दिवस के कार्यक्रम में 84 देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए। इस दिन दुनिया के 192 देशों के 251 शहरों में योग के सामूहिक कार्यक्रम आयोजित हुए, जिनमें 46 मुस्लिम देश भी थे। उस दिन दुनिया भर में कुल मिलकर दो करोड़ लोगों ने योगासन किया।

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नई दिल्ली: कोरोना महामारी और लॉकडाउन के बीच पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों को लेकर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि कहां तो लोगों को इस विकट परिस्थिति में सरकार से मदद की उम्मीद थी लेकिन उल्टा सरकार ने जनता पर टैक्स का बोझ लाद दिया।

राहुल गांधी ने रविवार को सरकार पर तंज कसते हुए ट्वीट कर कहा, ‘केंद्र ने टैक्स वसूली में पीएचडी कर रखी है।’ अपने इस ट्वीट के साथ राहुल ने एक रिपोर्ट भी शेयर की है, जिसके मुताबिक भारत सरकार को आयकर से 4.69 लाख करोड़ रुपये मिले, जबकि निजी कंपनियों ने 4.57 लाख करोड़ का कॉरपोरेट टैक्स जमा किया। 

दूसरी ओर इन दोनों से ज्यादा टैक्स पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी और वैट के रूप में 5.25 लाख करोड़ रुपये जनता ने चुकाए हैं। ये आंकड़े सिर्फ दिसंबर 2020 तक के हैं, जिसमें जनवरी से मार्च वाली तिमाही शामिल नहीं है। इसी रिपोर्ट को आधार बनाकर राहुल ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा कि- केंद्र ने टैक्स वसूली में पीएचडी कर रखी है।

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