मीरजापुर: हलिया थाना क्षेत्र अंतर्गत अदवा नदी में शुक्रवार की देर रात बरातियों से भरी एक पिकअप अनियंत्रित होकर पांच फीट नीचे गिरकर पलट गई। हादसे में 10 बराती घायल हो गए। ग्रामीणों ने घायलों को नदी से बाहर निकालकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया। छह लोगों की हालत गंभीर देख मंडलीय चिकित्सालय रेफर कर दिया गया।
प्रयागराज जनपद के कोरांव थाना क्षेत्र के नेवढ़िया पाल गांव निवासी सत्यदेव (25), नीरज (22), लवकुश (25), रमेश (22), सचिन (26), नामदेव (20), रामजी (20) सहित 10 लोग पिकअप में सवार होकर बरात जा रहे थे।
हलिया थाना क्षेत्र के अदवा नदी के पुलिया पर पहुंचते ही पिकअप अनियंत्रित होकर पांच फीट नीचे गिरकर पलट गई। संयोग था कि पिकअप नदी किनारे गिरी अन्यथा और बड़ा हादसा हो जाता। हादसे में वाहन सवार सभी को चोटें आई। बताया जा रहा है कि बरात प्रयागराज से हलिया थाना क्षेत्र के मटिहरा गांव जा रही थी।
प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. अभिषेक जायसवाल ने बताया कि गंभीर रूप से घायल छह लोगों को मंडलीय चिकित्सालय रेफर कर किया गया है।

 

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— प्री मानसून की बारिश रहेगी बरकरार, उत्तर प्रदेश में समय से पहले आएगा मानसून
कानपुर:  मौसम की गतिविधियां इस वर्ष पिछले माह से बराबर प्रभावित हो रही हैं। पहले चक्रवाती तूफान ताउते फिर यास क्रमश: समुद्र के पश्चिमी और पूर्वी तटों पर सक्रिय हुआ। इससे तेज हवा के साथ उत्तर प्रदेश में भी हल्की बारिश हुई और लोगों को गर्मी से काफी राहत मिल सकी। वहीं अब मानसून भी सक्रिय होता दिखाई दे रहा है और बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बनने से दक्षिणी पश्चिमी मानसून तेजी से उत्तर भारत की ओर बढ़ रहा है। मौसम विभाग का कहना है कि उत्तर प्रदेश में फिलहाल प्री मानसून की बारिश होती रहेगी और सामान्य वर्षों की अपेक्षा इस वर्ष मानसून तय समय से पहले पूर्वी उत्तर प्रदेश में आ जाएगा।
चन्द्रशेखर आजाद कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डा. एसएन सुनील पाण्डेय ने गुरुवार को बताया कि बंगाल की खाड़ी में एक-दो दिन में कम दबाव का क्षेत्र बनेगा जिसके चलते मानसून सक्रिय होगा और अगले दो-तीन दिन में इसके पूर्वी उत्तर प्रदेश में प्रवेश करने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि इस बार लगभग एक हफ्ते पहले मानसून आने की आहट है।
उन्होंने बताया कि सामान्य स्थिति में यूपी में 18 से 20 जून के आसपास मानसून की आमद होती है, लेकिन इस बार यह एक हफ्ते पहले ही दस्तक दे सकता है। मानसून की चाल सामान्य रही तो कानपुर में भी तिथि से पहले ही मानसून आ जाएगा। बताया कि फिलहाल प्री मानसून गतिविधियां शुरु हो गई हैं, जिसके चलते उत्तर प्रदेश में आगामी दो से तीन दिनों तक आसमान में बादल छाये रहेंगे और तेज हवाओं के साथ अलग-अलग स्थानों पर बौछारें पड़ने की उम्मीद है। अभी दो दिन उमस भरी गर्मी के साथ हवायें 20 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चलेंगी।
बताया कि इन दिनों मानसून महाराष्ट्र में तेजी से बारिश कर रहा है और बराबर उत्तर भारत की ओर दक्षिणी पश्चिमी मानसून बढ़ रहा है।
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नई दिल्ली: कोरोना महामारी की संभावित तीसरी लहर में बच्चों के महामारी की चपेट में आने की आशंकाओं के बीच स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय ने बच्चों के इलाज के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत बच्चों के इलाज में रेमडेसिविर इंजेक्शन का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। इसके साथ पांच साल के कम उम्र के बच्चों में मास्क नहीं लगाने व बच्चों में सीटी स्कैन का भी तर्कसंगत तरीके से उपयोग करने के निर्देश जारी किए गए हैं।
बच्चों के इलाज के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत आने वाले स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (डीजीएचएस) की ओर से जारी किए गए हैं। डीजीएचएस ने बच्चों में एसिमैटिक यानि बिना किसी लक्षण वाले और मध्यम लक्षण वाले मामलों में स्टेरॉयड के इस्तेमाल को भी बेहद हानिकारक बताया है।
डीजीएचएस ने अस्पताल में भर्ती गंभीर और मध्यम संक्रमण से पीड़ित बच्चों के इलाज के लिए भी विशेषज्ञ चिकित्सकों की निगरानी में ही स्टेरॉयड का उपयोग करने के लिए कहा है।
अभिभावकों को सलाह दी गई है कि वे 12 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों का अपनी निगरानी में छह मिनट तक घूमने वाला परीक्षण करते रहें। इसके बाद ऑक्सीमीटर के उपयोग से उनके शरीर में ऑक्सीजन की कमी और अन्य श्वसन संबंधी दिक्कतों का समय पर पता लगाएं।
हाई रेजोल्यूशन सीटी (एचआरसीटी) स्कैन के तर्कसंगत उपयोग की सलाह देते हुए डीजीएचएस ने कहा है कि सीने के स्कैन से उपचार में बेहद कम मदद मिलती है। ऐसे में इसे कम ही प्रोत्साहित करना चाहिए। डीजीएचएस ने कोविड-19 को एक वायरल संक्रमण बताते हुए कहा है कि हल्की बीमारी के मामले में एंटीमाइक्रोबायल्स से इसकी रोकथाम या उपचार में कोई मदद नहीं मिलती है। इसलिए हल्के संकमण वाले बच्चे या बड़े, सभी को कोई दवाई लेने के बजाय मास्क लगाने, हाथ धोने, सामाजिक दूरी बनाने जैसे उचित कोविड व्यवहार के प्रोटोकॉल का उपयोग करना चाहिए। साथ ही पोषक तत्वों को खाने में शामिल करना चाहिए। ऐसे मरीज 10 मिलीग्राम की पैरासीटामोल की खुराक हर 4 से 6 घंटे पर ले सकते हैं और गर्म पानी पीने, गरारे करने चाहिए।
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मुंबई: मुंबई में दिनभर बारिश के बाद बुधवार देर रात  मालाड स्थित मालवनी इलाके में  एक चारमंजिली इमारत के गिरने से 11 लोगों की मौत हो गई और सात अन्य लोग घायल हो गये।  मृतकों में छह बच्चे शामिल हैं। हादसा उस समय हुआ, जब इस इमारत का एक हिस्सा दोमंजिली चाल पर गिर पड़ा।
पुलिस के अनुसार मालवनी में स्थित न्यू कलेक्टर कंपाउंड में स्थित चारमंजिली इमारत बुधवार देर रात साढ़े 11 बजे अचानक गिर गई । बिल्डिंग का हिस्सा पास ही बने दो मंजिला मकान पर गिरने से दूसरा मकान भी मलवे में तब्दील हो गया। घटना की जानकारी मिलने पर फायर ब्रिगेड के जवान  पहुंचे और  राहत व बचाव कार्य शुरू किया गया । घटना स्थल से 11 लोगों के शव बरामद किए गये हैं। इस घटना में सात घायलों को तत्काल अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। इनमें से एक की स्थिति गंभीर बनी हुई है। मलवे में अभी भी कई लोगों के दबे होने की आशंका जताई जा रही है।
पुलिस उपायुक्त विशाल ठाकुर ने बताया कि  घटनास्थल से 18 लोगों को बाहर निकाला गया है, इनमें 11 लोगों की मौत हो गई है। सात  घायलों का इलाज चल रहा है। मलवा हटाने का काम गुरुवार को सुबह भी जारी है।
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नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को कई खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोत्तरी को मंजूरी दी है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने इस प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की।

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कैबिनेट के निर्णयों की जानकारी देते हुए कहा कि धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1868 प्रति क्विंटल से बढ़ाकर वर्ष 2021-22 के लिए 1940 कर दिया गया है। इसी तरह बाजरा और दालों के समर्थन मूल्य में भी बढ़ोतरी की गई है।

न्यूनतम समर्थन मूल्य को जारी रखने की सरकारी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए तोमर ने कहा कि वर्तमान प्रक्रिया पहले की भांति ही जारी रहेगी। इस विषय पर किसी को भी कोई गलतफहमी नहीं होनी चाहिए। सरकार लगातार इसमें इजाफा भी कर रही है।

आज घोषित दामों में बढ़ोत्तरी इस प्रकार है-

धान (सामान्य) 1868 से 1940, धान (ग्रेड ए) 1888 से 1960, ज्वार (संकर) 2620 से 2736, ज्वार (मालदंडी) 2640 से 2758, बाजरा 2150 से 2250, रागी 3295 से 3377, मक्का 1850 से 1870, अरहर (अरहर) 6000 6300, मूंग 7196 से 7275, उड़द 6000 से 6300, मूंगफली 5275 से 5550, सूरजमुखी के बीज 5885 से 6015, सोयाबीन (पीला) 3880 से 3950, तिल 6855 से 7307, नाइजरसीड 6695 से 6930, कपास (मध्यम स्टेपल) 5515 से 5726, कपास (लंबा स्टेपल) 5825 से 6025।

उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसान आरोप लगा रहे हैं कि सरकार धीरे-धीरे न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना को खत्म करना चाहती है।

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नई दिल्ली: कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद बुधवार को भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई।

भाजपा में शामिल होने से पहले जितिन प्रसाद ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से उनके आवास पर मुलाकात की थी।

पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद काफी समय से कांग्रेस नेतृत्व से नाराज थे। जितिन उन 23 नेताओं में शामिल थे, जिन्होंने कांग्रेस के नेतृत्व में बदलाव और इसे और ज्यादा सजीव बनाने के लिए पत्र लिखा था। प्रसाद उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर से आते हैं। ऐसे में पार्टी उत्तर प्रदेश में मजबूत होगी।

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नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर पिछले तीन दिनों से भारत और चीन के लड़ाकू विमानों की आसमानी हलचल बढ़ी है। दोनों देशों की वायुसेनाओं के कई फाइटर जेट 24 घंटे सीमा के करीब मंडरा रहे हैं। इसकी वजह यह है कि चीनी वायुसेना पूर्वी लद्दाख के सामने करीब दो दर्जन चीनी लड़ाकू विमानों के साथ अभ्यास कर रही है। चीन की हरकतों पर पैनी नजर रखने के लिए भारतीय वायुसेना के भी लड़ाकू विमान लगातार उड़ान भर रहे हैं।

लद्दाख बॉर्डर पर जमीन से आसमान तक तनाव के बीच इन दिनों आसमान में दोनों देशों की हवाई हलचल बढ़ गई है। सोमवार को दिन में भी बॉर्डर पर चीन के जे-20 और जे-16 विमानों ने लद्दाख इलाके के आसपास उड़ान भरी और रात में भी चीनी एयरफोर्स के लड़ाकू विमान बॉर्डर के बेहद करीब उड़ान भरते देखे गए। भारतीय वायुसेना भी लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक चीन के सात एयरबेस पर नजर बनाए हुए है और लड़ाकू विमान लगातार सीमा की चौकसी कर रहे हैं। मंगलवार को भी दिन में लगभग दो दर्जन चीनी लड़ाकू विमानों ने पूर्वी लद्दाख में भारतीय क्षेत्र के सामने एक अभ्यास किया जिसे भारतीय पक्ष ने करीब से देखा। चीनी विमानों के अभ्यास में मुख्य रूप से जे-11 शामिल है जिसे सुखोई-27 लड़ाकू विमानों की चीनी डुप्लीकेट माना जाता है।

भारत और चीन के बीच एक साल से चल रहे सैन्य गतिरोध के कारण भारतीय वायुसेना ने पहले से ही लड़ाकू विमान राफेल के साथ ही मल्टी रोल कम्बैक्ट मिराज-2000, सुखोई-30एस और जगुआर की ऐसी जगह तैनाती कर रखी है जहां से एलएसी पर नजर रखी जा सके। लद्दाख क्षेत्र में भारतीय लड़ाकू विमानों की गतिविधि पिछले साल से काफी बढ़ गई है। इस साल चीनी सैनिकों और वायु सेना की गर्मियों में तैनाती के बाद भारतीय वायु सेना भी लद्दाख में मिग-29के सहित अपने लड़ाकू विमानों की टुकड़ी नियमित रूप से तैनात कर रही है। भारतीय वायु सेना लद्दाख क्षेत्र में चीनियों पर बढ़त रखती है क्योंकि उनके लड़ाकू विमानों को बहुत ऊंचाई वाले ठिकानों से उड़ान भरनी होती है, जबकि भारतीय बेड़ा मैदानी इलाकों से उड़ान भरकर कुछ ही समय में पहाड़ी क्षेत्र तक पहुंच सकता है।

सूत्रों ने कहा कि चीनी विमान हवाई अभ्यास के दौरान अपने क्षेत्र के भीतर ही रहे। भारत ने झिंजियांग और तिब्बत क्षेत्र में होटन, गर्गुनसा, काशघर, होपिंग, डकोंका द्ज़ोंग, लिंझी और पंगत एयरबेस में हवाई क्षेत्रों सहित चीनी वायु सेना की गतिविधियों को करीब से देखा। चीन ने भारत से गतिरोध बढ़ने के बाद एक साल के भीतर अपने उक्त एयरबेस को अपग्रेड किया है। चीन के इन हवाई अड्डों पर लड़ाकू विमानों को छिपाने के लिए ठोस निर्माण किये गए हैं जिनकी पुष्टि सेटेलाइट तस्वीरों से भी हुई है। चीन ने भारत से समझौते के बाद पैन्गोंग झील क्षेत्र से सैनिकों को हटा लिया है, लेकिन अपनी वायु रक्षा प्रणालियों को अब तक नहीं हटाया है जो लंबी दूरी पर विमानों को निशाना बना सकते हैं।
चीनी सेना एलएसी के करीब हर साल मई के आसपास अभ्यास करने के लिए आती है, जिस पर भारत की नजर रहती है। इसीलिए पिछले साल भी चीन की तरफ से हुआ मोबलाइजेशन भारत के लिए नया नहीं था। भारतीय सेना प्रमुख एमएम नरवणे भी मान चुके हैं कि पिछले साल के चीनी अभ्यास पर हमारी नजर थी परन्तु वह ऐसा करेंगे, ऐसा अंदाजा नहीं लगाया जा सका था। नतीजतन चीन के सैनिक पिछले साल मई में कई भारतीय क्षेत्रों पर कब्जा जमाकर बैठ गए। इसी तरह हर साल गर्मियों में चीनी सैनिक तिब्बत पठार में ट्रेनिंग के लिए आते हैं और सर्दियों में वापस चले जाते हैं।

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नई दिल्ली:
अनूप चंद्र पांडे को चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया है। पांडे उत्तर प्रदेश कैडर के आईएएस अधिकारी हैं और सेवानिवृत्त हो चुके हैं।

मंगलवार को जारी अधिसूचना के अनुसार राष्ट्रपति ने उनकी नियुक्ति को मंजूरी दी है। वे जब से कार्यभार संभालेंगे, तभी से उनकी नियुक्ति मान्य होगी। उनकी नियुक्ति के साथ ही अब तीन सदस्यीय चुनाव आयोग अपनी पूरी क्षमता के साथ कार्य कर सकेगा।

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नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने मंगलवार को निजी अस्पतालों में कोरोना वायरस से बचाव के लिए संबंधित वैक्सीन की कीमतें निर्धारित कर दी हैं, जिसके तहत कोविशील्ड 780 रुपये, को-वैक्सीन 1,410 रुपये और स्पूतनिक-वी 1,145 रुपये प्रति खुराक होगी। एक दिन पहले प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से मंगलवार को जारी दिशानिर्देशों में नई कीमतों से संबंधित जानकारी दी गई है।

स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी वक्तव्य में इस बात की जानकारी दी गई है कि इन वैक्सीन की कीमत पर वस्तु एवं सेवा कर जीएसटी पांच प्रतिशत की दर से लगाया गया है। कोविशील्ड पर 30 रुपये, को-वैक्सीन पर 60 रुपये और स्पूतनिक-वी पर 47 रुपये जीएसटी लगेगा।
निजी अस्पतालों के लिए वैक्सीन खुराक की कीमत को हर उत्पादनकर्ता घोषित करेगा और किसी भी अन्य अतिरिक्त शुल्क की जानकारी पहले से देगा। निजी अस्पताल इन कीमतों पर अधिकतम 150 रुपये सेवा शुल्क के तौर पर ले सकते हैं। इसकी देखरेख करने का काम राज्य सरकार का होगा।

कोविन वेबसाइट पर निजी कोविड-19 केंद्रों के अधिकतम मूल्य की जानकारी घोषित की जाएगी। वैक्सीन निर्माता के कीमतों में बदलाव करने पर यह दोबारा से घोषित की जाएंगी।
केंद्र सरकार आबादी, कोरोना संक्रमण और वैक्सीनेशन की प्रगति को आधार मानते हुए राज्यों को दी जाने वाली मुक्त वैक्सीन की संख्या निर्धारित करेगी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में जानकारी दी थी कि 21 जून से देशभर में मुफ्त टीकाकरण की पूरी जिम्मेदारी केंद्र सरकार की होगी। केंद्र सरकार वैक्सीन उत्पादनकर्ताओं से खरीद कर उन्हें राज्यों को वितरित करेगी। वैक्सीन निर्माताओं को अपने उत्पादन का 25 प्रतिशत निजी अस्पतालों को बेचने का अधिकार होगा।

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– कोरोना की दूसरी लहर थमने के बाद कई राज्यों में पाबंदियों में ढील 
– दिल्ली में खुले बाजार, 50 प्रतिशत क्षमता के साथ मेट्रो भी हुई शुरू 
– मुंबई में खुले रेस्तरां व जिम, बेस्ट की बसें सौ फीसदी क्षमता के साथ शुरू 
– उप्र के 75 में से 71 जिले हुए अनलॉक, बाकी चार जिले भी जल्द खुलेंगे
नई दिल्ली: कोरोना संक्रमण के मामलों में लगातार आ रही कमी को देखते हुए देश के अधिकांश हिस्सों में लॉकडाउन की पाबंदियों में ढील के बाद सोमवार से जनजीवन पटरी पर लौटने लगा है। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात समेत कई राज्यों में लॉकडाउन की पाबंदियों में ढील दी गई है। छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में पहले से ही अनलॉक की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में से 71 में पाबंदियों में ढील दी गई है। बाकी चार जिलों- लखनऊ, गोरखपुर, सहारनपुर और मेरठ में भी कोरोना संक्रमण के दैनिक मामलों में कमी आने के बाद पाबंदियां कम कर दी जाएंगी। दिल्ली में बाजार और मॉल ऑड-इवन फॉर्मूले के तहत खोले गए हैं। सरकारी दफ्तरों को ग्रुप ए के 100 फीसदी ऑफिसरों के साथ खोला गया है, जबकि प्राइवेट ऑफिस 50 फीसदी मैन पावर के साथ खुले। दिल्ली मेट्रो 50 फीसदी क्षमता के साथ शुरू हुई। यात्रियों को खड़े रहकर यात्रा की अनुमति नहीं दी गई है। महाराष्ट्र में साप्ताहिक कोविड पॉजिटिविटी रेट और ऑक्सीजन बेड की उपलब्धता के आधार पर पाबंदियों में ढील देने के लिए पांच स्तरीय योजना लागू की गई है। छत्तीसगढ़ के 28 जिले एक जून से ही अनलॉक कर दिए गए हैं। वहीं मध्य प्रदेश कुछ शर्तों के साथ एक जून से ही अनलॉक है। हालांकि गोवा, हिमाचल, सिक्किम और कर्नाटक जैसे कुछ राज्यों में कोरोना संक्रमण के मामलों को देखते हुए पाबंदियों में कुछ ढील के साथ लॉकडाउन जारी है।
हरियाणा, झारखंड और बिहार में क्रमशः 14, 10 और आठ जून तक लॉकडाउन बढ़ाया गया है। ओडिशा में 17 जून तक लॉकडाउन लागू रहेगा। राजस्थान में दो जून से प्रतिबंधों में ढील दी गई है। तमिलनाडु में सोमवार से प्रतिबंधों में कुछ ढील के साथ 14 जून तक लॉकडाउन को बढ़ाया गया है। कर्नाटक में 14 जून तक लॉकडाउन लागू रहेगा। केरल में कुछ ढील के साथ नौ जून तक लॉकडाउन लागू रहेगा। वहीं, जम्मू एवं कश्मीर में पाबंदियों में ढील के साथ रात का कर्फ्यू और वीकेंड लॉकडाउन जारी रहेगा। तेलंगाना और आंध्रप्रदेश में लॉकडाउन को क्रमशः 9 और 10 जून तक बढ़ा दिया गया है। हिमाचल प्रदेश और गोवा में पाबंदियों में ढील के साथ कोरोना कर्फ्यू 14 जून तक लागू रहेगा। गोवा में आवश्यक वस्तुओं को बेचने वाली दुकानों को हर दिन सुबह 7 से दोपहर 3 बजे के बीच संचालित करने की अनुमति है। हिमाचल प्रदेश में दुकानों, रेस्तरां और भोजनालयों को खोलने से संबंधित प्रतिबंधों में ढील दी गई है। पंजाब में 15 जून तक लॉकडाउन लागू रहेगा।
महाराष्ट्र : सभी डीएम से कोरोना प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन कराने का निर्देश
राज्य की राजधानी मुंबई में करीब दो महीने बाद सोमवार से रेस्तरां, जिम, सैलून व अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान फिर से खुल गए। मुंबई नगर पांच स्तरीय अनलॉक योजना की तीसरी श्रेणी में आता है। इस बीच, बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने नागरिकों से अपील की है कि वे कोरोना वायरस से बचाव में कोई कोताही नहीं बरतें और सभी सावधानियों का पालन करें। नगर निकाय की परिवहन इकाई बृहन्मुंबई इलेक्ट्रिक सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट (बेस्ट) की बसों में बैठने की सौ प्रतिशत क्षमता के साथ चलने की अनुमति दी गई है। हालांकि, लोकल ट्रेनों में चिकित्सा एवं जरूरी सेवाओं से जुड़े लोगों को ही यात्रा की अनुमति है। वहीं, नागपुर में पाबंदियों में ढील देने के बाद सोमवार सुबह से बाजारों एवं सड़कों पर चहल-पहल नजर आईं। उधर, औरंगाबाद जिले के ग्रामीण इलाके में संक्रमण दर ज्यादा रहने के कारण पाबंदियां लागू हैं क्योंकि अनलॉक योजना के तहत ये इलाके श्रेणी तीन में आते हैं। शहर में जरूरी और गैर जरूरी सामानों की दुकानों, रेस्तरां, मॉल, थियेटर, निजी कार्यालयों को खोलने की अनुमति दी गई है। जिन शहरों में संक्रमण दर पांच प्रतिशत और 75 प्रतिशत ऑक्सीजन बेड खाली हैं उन्हें श्रेणी एक में रखा गया है। श्रेणी तीन के तहत ऐसे इलाके आते हैं, जहां संक्रमण दर पांच प्रतिशत से 10 प्रतिशत के बीच है और 60 प्रतिशत ऑक्सीजन बेड खाली हैं।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि सूबे में कोरोना संक्रमितों की घटती संख्या की वजह से अनलॉक की प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से शुरू की गई है। इसका यह अर्थ कतई नहीं कि कोरोना खत्म हो गया है। इसलिए सभी जिलाधिकारियों को कोरोना नियमावली का कठोरता से पालन कराने का निर्देश दिया गया है। बीएमसी महापौर किशोरी पेडणेकर ने कहा कि अनलॉक की वजह से सोमवार को सुबह से शहर की सड़कों पर भीड़ उमड़ पड़ी है। इसलिए लोगों को सावधान रहना जरूरी है।
गुजरात: मंगलवार से खुलेगा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी 
गुजरात में ज्यादातर व्यावसायिक प्रतिष्ठान एवं कारोबार के साथ-साथ निचली अदालतें और सरकारी दफ्तर सोमवार से शुरू हो गए। ऑनलाइन पढ़ाई भी शुरू कर दी गई है। केवड़िया स्थित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी मंगलवार सुबह 8 बजे से पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा। इसके लिए ऑनलाइन टिकट बुकिंग शुरू हो गई है। हालांकि 36 नगरों में रात्रि कर्फ्यू नौ बजे से सुबह छह बजे तक जारी रहेगा। सभी संगठनों, व्यापारिक फर्मों और उद्योगों को कोरोना के दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करने के लिए कहा गया है। वहीं, राज्य के सभी धार्मिक परिसरों में कार्यक्रम करने पर प्रतिबंध अभी लागू रहेगा। सोमनाथ, अंबाजी, शामलाजी, उंझा उमियाधाम समेत गुजरात के प्रसिद्ध स्थल 11 जून तक बंद हैं। सभी मंदिरों में केवल पुजारियों को ही प्रवेश की अनुमति है।
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-24 घंटे में 86 हजार नए मामले, 2123 की मौत 
-देश में 1.82 लाख कोरोना मरीज हुए स्वस्थ 
नई दिल्ली:  देश में पिछले दिनों के मुकाबले कोरोना के नए मामलों में कमी दर्ज होने के साथ मामले एक लाख के नीचे आ गए हैं। यह आंकड़ा पिछले 63 दिनों में सबसे कम है जो राहत की बात है। पिछले 24 घंटों में कोरोना के 86 हजार, 498 नए मामले सामने आए हैं, जबकि इस बीमारी से 2123 लोगों की मौत हो गई। पिछले 24 घंटे 1 लाख, 82 हजार, 282 मरीज स्वस्थ हुए हैं।
पिछले 24 दिनों से लगातार स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या नए मरीजों से अधिक है। वहीं, देश में नए मामले आने की दर यानि पॉजिटिविटी दर में कमी आई है। पिछले 15 दिनों से लगातार पॉजिटिविटी दर 10 प्रतिशत से नीचे है। पिछले 24 घटे में पॉजिटिविटी दर 4.62 प्रतिशत रही है।
मंगलवार सुबह केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में अबतक कोरोना के कुल 2,89,96,473 मामले सामने आ चुके हैं। वहीं, इस बीमारी से अबतक 3,51,309 लोगों की मौत हो चुकी है। एक्टिव मरीज की संख्या 13,03,702 है। वहीं, राहत भरी खबर है कि कोरोना से अबतक 2,73,41,462 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं।
रिकवरी रेट हुआ 94.29 फीसद
कोरोना से ठीक होने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है जो राहत की बात है। रिकवरी रेट में सुधार हो रहा है। पिछले 24 घंटे में देश का रिकवरी रेट बढ़कर 94.29 प्रतिशत हो गया है।
पिछले 24 घंटे में 18 लाख से अधिक टेस्ट 
आईसीएमआर के मुताबिक पिछले 24 घंटे में 18 लाख से अधिक टेस्ट किए जा चुके हैं। 07 जून को 18,73,485 टेस्ट किए गए। देश में अबतक कुल 36,82,07,596 टेस्ट किए जा चुके हैं।
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बच्चों की पढ़ाई उसी स्कूल में जारी रहे, जिसमें वे पढ़ रहे थे
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्य सरकारों को निर्देश दिया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि ऐसे बच्चे जिन्होंने कोरोना महामारी की वजह से अपने माता-पिता या दोनों में किसी एक को खोया है, उनकी पढ़ाई उस स्कूल में जारी रहे, जिस स्कूल में वे पढ़ रहे थे। जस्टिस एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली बेंच ने मंगलवार को यह आदेश दिये।

सुप्रीम कोर्ट ने जिलों के डिस्ट्रिक चाइल्ड प्रोटेक्शन यूनिट को निर्देश दिया है कि ऐसे बच्चों को भोजन, दवा, कपड़े, राशन आदि का बंदोबस्त सुनिश्चित करे।

सुप्रीम कोर्ट में दिए गए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के आंकड़े के मुताबिक 30,071 बच्चों ने कोरोना महामारी के काल में अपने माता-पिता में से दोनों को या इनमें से एक को खोया है। आयोग के मुताबिक इनमें 26,176 बच्चे ऐसे हैं, जिन्होंने दोनों में से एक को खोया है।

पिछले 7 जून को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि कोरोना के चलते अनाथ हुए बच्चों को पीएम केयर्स फंड से आर्थिक सहायता देने की प्रक्रिया तय की जा रही है। इस बाबत राज्यों से विचार-विमर्श भी चल रहा है। कोर्ट ने राज्य सरकारों से भी पूछा था कि उनके यहां ऐसे बच्चों की सहायता की क्या योजना है।

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