– इनके पास से दो प्रेशर कुकर बम और एक अर्धनिर्मित टाइम बम बरामद हुआ

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के काकोरी इलाके से रविवार को यूपी एटीएस ने आतंकी संगठन अलकायदा के दो संदिग्ध आतंकियों को पकड़ा है। इनके पास से दो प्रेशर कुकर बम, एक अर्धनिर्मित टाइम बम, अन्य हथियार और दस्तावेज बरामद हुए हैं।

दरअसल यहां पर खुफिया जांच एजेंसी को कई आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली थी। इसके बाद एटीएस ने यहां पर छापेमारी की और दो संदिग्ध आतंकियों को पकड़ा। घर में अन्य लोगों के अंदर छुपे होने की जानकारी पर सर्च ऑपरेशन जारी है। शक है कि ये लोग दो-तीन दिन में किसी बड़ी घटना को अंजाम देने वाले थे। एटीएस ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर ली है।

एटीएस ने शाहिद उर्फ गुड्डू और वसीम को अपनी गाड़ी में बैठा लिया है जिनसे पूछताछ जारी है। एटीएस को इस बिल्डिंग से काफी दस्तावेज भी मिले हैं। पता चला है कि इनकी योजना तीन दिन में लखनऊ में एक सांसद के साथ अन्य भाजपा नेताओं को बम विस्फोट में उड़ाने की थी। इनके पास से भारी मात्रा में विस्फोटक मिला है। बम को निष्क्रिय करने के लिए बम डिस्पोजल स्क्वॉड मौके पर पहुंचा है।

लखनऊ के काकोरी में रिंग रोड पर बने इस मकान को उत्तर प्रदेश एटीएस की तीन टीमों ने घेर रखा है। एटीएस ने मकान के आस-पास का क्षेत्र खाली करा लिया है। एटीएस के एक दर्जन से अधिक कमांडो इस ऑपरेशन में सक्रिय हो गए हैं। एटीएस ने पूरे इलाके को घेरकर सर्च ऑपरेशन चलाया है। एनएसजी कमांडो, एटीएस, एसटीएफ और खुफिया विभाग के टीम के साथ अन्य जांच एजेंसी मौजूद है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पुलिस अधिकारियों से पल-पल की खबर ले रहे हैं।

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अनंतनाग: अनंतनाग जिले के रानीपोरा के क्वारीगाम इलाके में शनिवार को आतंकियों के साथ हुई एक मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने तीन आतंकियों को मार गिराया है। मारे गए आतंकियों में आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का जिला कमांडर आरिफ अहमद हज्जाम निवासी सदूरा शामिल है जबकि दो अन्य आतंकियों की पहचान नहीं हो पाई है। मुठभेड़ स्थल से आतंकियों के शवों के साथ हथियार व गोला-बारूद बरामद किया गया है।

रानीपोरा के क्वारीगाम इलाके में आतंकियों के मौजूद होने की जानकारी मिलने पर पुलिस, सेना की 19 आरआर और सीआरपीएफ की एक संयुक्त टीम ने इलाके की घेराबंदी करके तलाशी अभियान शुरू किया। इस दौरान क्षेत्र में छिपे आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर गोलीबारी शुरू कर दी, जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई। इस बीच सुरक्षाबलों ने आतंकियों से समर्पण करने की अपील भी की लेकिन आतंकियों ने इस अपील को नजरअंदाज कर गोलीबारी और तेज कर दी। इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने लश्कर के जिला कमांडर आरिफ अहमद हज्जाम सहित तीन आतंकियों को मार गिराया है।

आईजीपी कश्मीर विजय कुमार ने अनंतनाग में लश्कर के तीन आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि इस पूरे अभियान में किसी प्रकार की नागरिक क्षति नहीं हुई है। सुरक्षाबलों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। मारे गए आतंकियों में लश्कर का दुर्दांत जिला कमांडर आरिफ हज्जाम भी शामिल है। वह छह जून 2019 में सेना की 162 टीए बटालियन के हवलदार मंजूर बेग की हत्या में भी शामिल था। बेग की आतंकियों ने उस समय हत्या की थी जब वह अवकाश पर अपने घर आया था।

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New Delhi: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की हालत बेहद नाजुक बनी हुई है. लखनऊ के पीजीआई में उनका ईलाज चल रहा है.

कल्याण सिंह की तबीयत को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार जानकारी ले रहे है. प्रधानमंत्री नरेंद्र ने ट्वीट कर कहा कि, ‘भारत भर में अनगिनत लोग कल्याण सिंह जी के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना कर रहे हैं. कल जेपी नड्डा जी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी और अन्य लोग उनसे मिलने अस्पताल गए थे,  मैंने अभी उनके पोते से बात की और उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली.’

अपने अगले ट्वीट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘मुझे यह जानकर खुशी हुई कि जेपी नड्डा जी से बातचीत के दौरान कल्याण सिंह जी ने मुझे याद किया, कल्याण सिंह जी के साथ मेरी बातचीत की कई यादें भी हैं, उनमें से कई यादें जीवन में वापस आ सकती हैं, उनसे बात करना हमेशा सीखने का अनुभव रहा है.’

प्रधानमंत्री के इस ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर कल्याण सिंह के निधन की अफवाह को भी विराम लगा है. लोग उन्हें श्रद्धांजलि दी रहे थे. जबकि कल्याण सिंह जीवित है और उनकी हालत में सुधार भी हुई है.

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उदयपुर:  उदयपुर जिले के जावर माइन्स क्षेत्र के लोगों को गुरुवार सुबह राहत भरी सूचना मिली। पिछले एक साल से लोगों को शिकार बना रहा पैंथर पकड़ा गया।

क्षेत्रीय वन अधिकारी सुरेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि क्षेत्र में लगातार उस आदमखोर का मूवमेंट था। गुरुवार सुबह तकरीबन 6 बजे के आसपास पुनः जंगल की ओर जा रहा था कि सम्भवतः भूख के कारण वह सीधा वन विभाग के पिंजरे में रखे निवाले की तरफ आकर्षित हो गया और कैद हो गया।

गौरतलब है कि क्षेत्र में पैंथर ने चार लोगों को अपना शिकार बना लिया था और तकरीबन दो दर्जन लोगों पर हमला करके घायल कर दिया था। पेंथर को पकड़ने के लिए कई आला अधिकारियों ने क्षेत्र का दौरा किया व पकड़ने के लिए रणनीति बनाई।

इसके लिए चार ट्रेंकुलाइज टीम चित्तौड़गढ, उदयपुर, राजसमंद व जयपुर से तैनात की गई थीं। तकरीबन 80 से ज्यादा का स्टाफ 24 घण्टे जंगल मे सर्च अभियान में सम्मिलित था। 20 ट्रेप कैमरों से भी हर हरकत पर नजर रखी जा रही थी व 8 से अधिक पिजरे लगा रखे थे। क्षेत्र में जनजागरण अभियान से भी लोगो को जागरूक किया जा रहा था।

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नई दिल्ली: भारत सरकार के लिए सफेद हाथी बन चुकी एयर इंडिया की फ्लैट और कॉमर्शियल स्पेस जैसी कई अचल सम्पत्तियों की नीलामी का ऐलान कर दिया गया है। नीलामी के लिए प्रस्तुत की गई एयर इंडिया की इन संपत्तियों में कई बड़े शहरों में एयर इंडिया के अपार्टमेंट्स और कमर्शियल स्पेस भी शामिल हैं।

ऑनलाइन होने वाली इस नीलामी की जिम्मेदारी सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी मेटल स्क्रैप ट्रेड कॉरपोरेशन लिमिटेड (एमएसटीसी) को सौंपी गई है। नीलामी दोपहर बाद 2 बजे शुरू होगी और शुक्रवार दोपहर 2:30 बजे तक जारी रहेगी। केंद्र सरकार का लक्ष्य इस नीलामी के जरिए 270 करोड़ रुपये जुटाने का है।

उल्लेखनीय है कि एयर इंडिया की इन अचल संपत्तियों में अलग अलग शहरों में कई अपार्टमेंट और कॉमर्शियल स्पेस शामिल हैं। इन संपत्तियों को संभावित खरीदारों के निरीक्षण के लिए 20 जून को खोला गया था। एमएसटीसी की ई कॉमर्स वेबसाइट पर नीलामी के लिए प्रस्तुत की जाने वाली एयर इंडिया की सभी सम्पत्तियों की जानकारी दी गई थी। दावा किया जा रहा है कि कई संभावित खरीदारों ने एयर इंडिया की इन सम्पत्तियों को जाकर देखा और नीलामी में भाग लेने की इच्छा भी जताई।

एमएसटीसी के हवाले से कहा गया है कि किसी विशेष प्रॉपर्टी के लिए नीलामी में भाग लेने की इच्छा रखने वाले लोगों को पहले ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होगा, उसके बाद ही वे ऑनलाइन नीलामी में भाग ले सकेंगे। बताया जा रहा है कि एयर इंडिया की अलग-अलग शहरों में फैली इन संपत्तियों में सबसे कम कीमत वाली प्रॉपर्टी की रिजर्व प्राइस (न्यूनतम शुरुआती कीमत) 13.3 लाख रुपये तय की गई है, जबकि सबसे महंगी संपत्ति की न्यूनतम शुरुआती कीमत 150 करोड़ रुपये है। नीलामी के लिए प्रस्तुत की गई एयर इंडिया की इन संपत्तियों में दिल्ली के खेलगांव इलाके में बने कुछ फ्लैट और मुंबई के बांद्रा इलाके में पाली हिल का एक रेजिडेंशियल प्लॉट भी शामिल है। इस रेजिडेंशियल प्लॉट का क्षेत्रफल 2006 वर्ग मीटर है।

एमएसटीसी के बयान में इस बात का स्पष्टीकरण भी दिया गया है कि एयर इंडिया की संपत्तियों की नीलामी में ऐसी सम्पत्तियों को भी शामिल किया गया है, जिन्हें पहले भी नीलामी के जरिये बेचने की कोशिश की गई थी। उस समय खरीदार नहीं मिलने के कारण तब उन्हें बेचा नहीं जा सका था। ऐसी सभी सम्पत्तियों के रिजर्व प्राइस को कम करके दोबारा नीलामी के लिए प्रस्तुत किया गया है।

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New Delhi: केंद्रीय मंत्रिमंडल का बुधवार को विस्तार हुआ. जिसमें 43 मंत्री बनाये गए. इस विस्तार के बाद कुछ मंत्रियों के विभागों को बदल दिया गया है.

देखें मंत्रियों के विभाग.

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली दूसरी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार के दूसरे मंत्रिपरिषद विस्तार में बुधवार को 15 ने कैबिनेट और 28 ने राज्यमंत्री की शपथ ली है।

राष्ट्रपति भवन के दरबार हाल में आयोजित कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री के तौर पर महाराष्ट्र से नारायण राणे ने सबसे पहले हिन्दी में शपथ ली। उनके बाद असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनेवाल ने अंग्रेजी में शपथ ली। इसके बाद प्रथम राजग सरकार में राज्यमंत्री रहे डॉ. विरेन्द्र कुमार , कांग्रेस छोड़ भाजपा में आए ज्योतिरातित्य सिंधिंया , जनता दल यूनाइटेड के अध्यक्ष और नितिश के करीब रामचन्द्र प्रसाद सिंह , ओडिशा से राज्यसभा सांसद अश्वनी वैष्णव , लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष (पारस गुट) पशुपति नाथ पारस , अरूणाचल प्रदेश से सांसद किरण रिजिजू , उर्जा मंत्री का प्रभार संभाल रहे आरके सिंह , शहरी विकास और नागरिक उड्डयन मंत्रालय में स्वतंत्र प्रभार संभाल रहे हरदीप सिंह पुरी (अंग्रेजी), जहाजरानी और रासयान उर्वरक मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार संभार रहे मनसुख लाल मंडविया , भाजपा महासचिव भूपेन्द्र यादव , कृषि राज्यमंत्री पुरुषोत्तम रुपाला, गृहराज्य मंत्री रहे कृष्ण रेड्डी , वित्त राज्यमंत्री रहे अनुराग सिंह ठाकुर ने क्रम अनुसार शपथ ली।

उत्तर प्रदेश के महाराजगंज से सांसद पंकज चौधरी, पिछली राजग सरकार में मंत्री रही अपना दल (एस) की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल, आगरा से सांसद डॉ एसपी सिंह बघेल, राज्यसभा सांसद राजीव चन्द्र शेखर (अंग्रेजी), कर्नाटक से सांसद शोभा करांदलाजे (अंग्रेजी), उत्तर प्रदेश के जालौन से सांसद भानू प्रताप सिंह वर्मा, गुजरात की सूरत लोकसभा सीट से सांसद दर्शना विक्रम जरदोष, नई दिल्ली से सांसद मीनाक्षी लेखी, झारखंड के कोरडमा से सांसद अन्नापूर्ण देवी, कर्नाटक की चित्रदुर्गा सीट से सांसद ए नारायणस्वामी (अंग्रेजी), उत्तर प्रदेश के मोहनलालगंज से सांसद कौशल किशोर, उत्तराखंड से सांसद अजय भट्ट, उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सांसद बीएल वर्मा, खिरी उत्तर प्रदेश से सांसद अजय कुमार, गुजरात के खेड़ा से सांसद देव सिंह चौहान, कर्नाटक के बीदर से सांसद भगवंत खूबा, महाराष्ट्र की भिवंडी सीट से सांसद कपिल पाटिल, त्रिपुरा पश्चिम से सांसद प्रतिमा भौमिक, पश्चिम बंगाल की बांकुरा सीट से सांसद सुभाष सरकार, राज्यसभा सांसद भगवत कृष्ण राव कराड़, मणिपुर से सासंद राजकुमार रंजन सिंह, महाराष्ट्र की डिंडोरी लोकसभा सीट से सांसद भारती प्रवीण पवार, ओडिशा के मयुरभंज सीट विश्वेश्वर टुडू, पश्चिम बंगाल से सांसद शांतनु ठाकुर, गुजरात की सुरेन्द्र नगर लोकसभा सीट से सांसद डॉ महेंद्र भाई मुंजापारा, पश्चिम बंगाल की अलिपुरद्वार जॉन बारला, तमिलनाडु भाजपा इकाई के अध्यक्ष एल मुरुगन और पश्चिम बंगाल की कुचविहार सीट से सांसद नीतीश प्रामाणिक ।

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नई दिल्ली: मोदी मंत्रिमंडल के विस्तार से ठीक पहले केंद्रीय मंत्रियों के इस्तीफे आने शुरु हो गए हैं। केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन, केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार समेत केंद्र सरकार के 12 मंत्रियों ने अब तक अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। चर्चा है कि निशंक ने जहां स्वास्थ्य कारणों से अपना इस्तीफा प्रधानमंत्री को भेजा है, वहीं कोरोना महामारी के दौरान स्वास्थ्य व्यवस्था, ऑक्सीजन की कमी और अन्य कारणों से केंद्र की हुई किरकिरी की कीमत डॉ हर्षवर्धन को चुकानी पड़ी है।

निशंक और डॉ हर्षवर्धन के साथ ही श्रम मंत्री संतोष गंगवार, देबोश्री चौधरी, संजय धोत्रे, बाबुल सुप्रियो, राव साहेब दानवे पाटिल, सदानंद गौड़ा, रतनलाल कटारिया और प्रताप सारंगी ने मंत्रीपद से इस्तीफा दे दिया है।

निशंक हाल ही में कोरोना संक्रमण से उबरने के कुछ दिन बाद से बीमार चल रहे थे। उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर उन्हें तकरीबन 15 दिन तक आईसीयू में भी रहना पड़ा था। स्वास्थ्य कारणों के चलते उनके इस्तीफे की बात कही जा रही है। हालांकि, चर्चा यह भी है कि भाजपा नेतृत्व उन्हें वापस उत्तराखंड की राजनीति में भेजने पर विचार कर रहा है। उत्तराखंड में अगले वर्ष की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने हैं।

वहीं, कोरोना महामारी के दौरान देश के कई हिस्सों में ऑक्सीजन की आपूर्ति, रेमेडिसीवर दवा की किल्लत, अस्पतालों में आक्सीजन की व्यवस्था वाले बिस्तरों की कमी के कारण केंद्र की खासी फजीहत हुई थी। सुप्रीम कोर्ट ने भी इसके लिए केंद्र को फटकार लगाई थी। ऐसे में हर्षवर्धन पर गाज गिरनी ही थी। यही कारण है कि मंत्रिमंडल विस्तार के बहाने डॉ हर्षवर्धन को बाहर जाना पड़ा। उधर, पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के दौरान अपनी सीट न बचा पाने और मंत्रालय में बेहतर परिणाम न दे पाने के कारण बाबूल सुप्रीयो को बाहर का रास्ता देखना पड़ा है। वहीं, पश्चिम बंगाल से केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह पाने वाली देवश्री चौधरी को भी पद से हाथ धोना पड़ा है।

इसके साथ ही अपने-अपने मंत्रालय में अपेक्षित परिणाम न आने के कारण कई मंत्रियों को पद से इस्तीफा देना पड़ा।

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नई दिल्ली: जम्मू हवाई अड्डे पर 26/27 जून की रात को हुए ड्रोन अटैक के बाद भारतीय वायु सेना ने 10 एंटी-ड्रोन सिस्टम खरीदने के लिए भारतीय विक्रेताओं के लिए टेंडर जारी करके सूचनाएं मांगी हैं। वायुसेना को ऐसे एंटी-ड्रोन सिस्टम चाहिए जो दुश्मन के ड्रोन का पता लगाने, ट्रैक करने और उन्हें बेअसर करने में सक्षम हों। साथ ही सिस्टम में ड्रोन को मार गिराने के लिए लेजर निर्देशित ऊर्जा हथियार (लेजर-डीईडब्ल्यू) की तकनीक अवश्य होनी चाहिए।

भारतीय वायु सेना (आईएएफ) ने विशेष रूप से भारतीय विक्रेताओं से 10 काउंटर मानव रहित विमान प्रणाली (सीयूएएस) खरीदने की योजना बनाई हैए जिसे आम बोलचाल में एंटी-ड्रोन सिस्टम के रूप में जाना जाता है। वायुसेना के सूत्रों ने सोमवार को बताया कि जम्मू हवाई अड्डे पर 26/27 जून की रात को हुए ड्रोन अटैक के दूसरे दिन ही बोलियां आमंत्रित करने के लिए सूचना के लिए अनुरोध (आरएफआई) जारी किया गया है। जम्मू हवाई अड्डे पर देश में अपनी तरह का पहला अटैक किया गया था, जिसमें दो कम तीव्रता वाले तात्कालिक विस्फोटक उपकरण एक ड्रोन से गिराए गए थे। बाद में जम्मू स्टेशन पर एक ड्रोन रोधी प्रणाली स्थापित की गई है।

वायुसेना ने आरएफआई में कहा है कि वह स्वदेशी माध्यम से 10 सीयूएएस की खरीद करना चाहता है। वायुसेना को ऐसे एंटी-ड्रोन सिस्टम चाहिए जो दुश्मन के ड्रोन का पता लगाने, ट्रैक करने और उन्हें बेअसर करने में सक्षम हों। साथ ही सिस्टम में ड्रोन को मार गिराने के लिए लेजर निर्देशित ऊर्जा हथियार (लेजर-डीईडब्ल्यू) तकनीक अवश्य होनी चाहिए। आरएफआई के अनुसार एंटी-ड्रोन सिस्टम की बुनियादी विशेषताओं में ‘मल्टी-सेंसर, मल्टीकिल सॉल्यूशन’ का प्रावधान शामिल है, जो ‘नो-फ्लाई’ जोन में प्रभावी हों और आसपास के पर्यावरण को न्यूनतम क्षति पहुंचाएं। यह सीयूएएस क्रॉस कंट्री क्षमता वाले स्वदेशी विद्युत आपूर्ति प्रणालियों द्वारा संचालित किये जा सकें और इन्हें हवाई और सड़क मार्ग से ले जाने में आसानी हो।

आरएफआई में कहा गया है कि सिस्टम में यूएवी का पता लगाने के लिए एक चरणबद्ध सरणी रडार होना चाहिए, यूएवी की फ्रीक्वेंसी का पता लगाने के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी सेंसर और दुश्मन के यूएवी का पता लगाने के लिए इलेक्ट्रो ऑप्टिकल और इन्फ्रारेड प्रणाली होनी चाहिए। इसमें सॉफ्ट किल विकल्प होना चाहिए, जिसमें ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट जैमर सिस्टम और आरएफ जैमर और हार्ड किल ऑप्शन (लेजर-डीईडब्ल्यू) शामिल हो सकते हैं। सॉफ्ट किल का मतलब ड्रोन के संचार या नेविगेशन संकेतों को जाम करना और ‘हार्ड किल’ का मतलब ड्रोन को पूरी तरह नष्ट करके मार गिराना है।

नौसेना ने पहले ही इजरायली एंटी-ड्रोन सिस्टम स्मैश 2000 प्लस के लिए ऑर्डर दे रखा है, जो असॉल्ट राइफल्स को स्मार्ट हथियारों में बदल देता है, जिससे फर्स्ट-शॉट हिट और एंटी-ड्रोन ऑपरेशन सक्षम होते हैं। ये सिस्टम शत्रुतापूर्ण ड्रोन और मानव रहित हवाई प्रणालियों का पता लगाते हैं और उन्हें रोकते हैं। इनका उपयोग खुफिया जानकारी एकत्र करने या प्रतिबंधित सामग्री की तस्करी या विस्फोटकों को तैनात करने के लिए किया जा सकता है। सीयूएएस को सैन्य ठिकानों, हवाई अड्डों, महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे और अन्य महत्वपूर्ण स्थलों की सुरक्षा के लिए तैनात किया जाता है।

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नई दिल्ली: देश में कोरोना की दूसरी भयावह लहर के शुरुआती दिनों में जितने संक्रमितों की संख्या सामने आ रही थी, 111 दिनों बाद राहत की बात है कि कोरोना संक्रमितों की संख्या गिरकर दोबारा वहीं पहुंच गयी है। मंगलवार को कोरोना के 34703 नये मामले मिले हैं जो 05 अप्रैल के बाद सबसे न्यूनतम संख्या है।

कोरोना की घटती रफ्तार और टीकाकरण के बढ़ते दायरे से देश का आत्मविश्वास लौटने लगा है। अलग-अलग राज्यों की सरकारों के ताजा निर्णयों से यह साफ तौर पर पता चलता है। कई राज्यों ने गहन समीक्षा के बाद लॉकडाउन और कर्फ्यू जैसे उपायों को पूरी तरह से हटा दिया या आंशिक तौर पर उसे प्रभावी रखा है। कई राज्यों में बाजारों के साथ-साथ सरकारी व गैर सरकारी कार्यालयों को खोले जाने का आदेश जारी कर दिया गया है। हालांकि कोरोना संबंधी तमाम सतर्कताओं को हर राज्य ने जरूरी रखा है।

दिल्ली: कोरोना की दूसरी लहर के दौरान भयावह स्थिति का सामना कर चुकी दिल्ली सामान्य होने की दिशा में है। राज्य में सोमवार से स्पोर्ट्स क्लब और स्टेडियम खोलने की इजाजत दे दी गयी है। हालांकि इनमें दर्शकों की अनुमति नहीं है। बार भी निर्धारित समय में 50 फीसदी क्षमता के साथ खोलने की अनुमति है। मार्केट, कॉम्प्लेक्स और मॉल सुबह 10 बजे से रात आठ बजे तक खोले जाने की मंजूरी है।

बिहारः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के सभी सरकारी और गैर सरकारी कार्यालयों को खोलने का आदेश दिया है। राज्य के विश्वविद्यालय, महाविद्यालय, तकनीकी शिक्षा संस्थानों के साथ स्कूलों की कक्षा 11 और 12 आधी क्षमता के साथ खोले जाएंगे। रेस्टोरेंट और दुकानों में 50 फीसदी क्षमता के साथ ग्राहकों को खाद्य पदार्थ परोसे जाने की इजाजत दे दी गयी है।

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New Delhi: नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल के विस्तार से पहले 8 राज्यों में गवर्नर बदल दिए गए है.

राष्ट्रपति ने थावरचंद गहलोत को कर्नाटक का राज्यपाल, हरि बाबू कमभमपति को मिजोरम का राज्यपाल, मिजोरम के राज्यपाल पीएस श्रीधरन पिल्लई को गोवा का राज्यपाल, हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य को त्रिपुरा का राज्यपाल, त्रिपुरा के राज्यपाल रमेश बैस को झारखंड का राज्यपाल और हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को हरियाणा का राज्यपाल नियुक्त किया है.

वही मंगूभाई छगनभाई पटेल को मध्यप्रदेश का राज्यपाल और राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर को हिमाचल प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया है.

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नई दिल्ली: केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने टीकाकरण के लिए बनाई गई व्यवस्था कोविन प्लेटफॉर्म को वैश्विक करने का आहवान किया। सोमवार को आयोजित कोविन ग्लोबल कॉन्क्लेव में डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि कोविन प्लेटफॉर्म के लिए कई देशों से मांग आई है। इस तकनीकी को भारत पूरी दुनिया को देने के लिए उत्साहित है। उम्मीद है कि भारत की इस तकनीकी से सभी देशों को लाभ होगा।

उल्लेखनीय है कोरोना से बचाव का टीकाकरण का पंजीकरण करने के लिए इस सहज तरीके की शुरुआत की गई थी। कोविन प्लेटफार्म पर अब तक 30 करोड़ से ज्यादा लोगों ने पंजीकरण करवाया है। । भारत द्वारा विकसित इस कोविन प्लेटफॉर्म के लिए अब तक 50 से अधिक देशों ने रुचि दिखाई है। यह भारतीय तकनीकी व इसे विकसित करने वालों के लिए गौरव का विषय है। प्रधानमंत्री मोदी ने भी इस पर हर्ष जताया है।

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