– पाकिस्तान का लड़ाकू विमान एफ-16 मार गिराने के लिए शौर्य चक्र से किया गया था सम्मानित
– अंतरराष्ट्रीय और भारत के दबाव में रिहा करने के लिए मजबूर होना पड़ा था पाकिस्तान को
नई दिल्ली: बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद पाकिस्तान की कैद में पहुंचकर चर्चित हुए विंग कमांडर अभिनन्दन वर्थमान को वायुसेना ने ग्रुप कैप्टन रैंक पर पदोन्नत किया है। अभिनंदन फरवरी, 2019 में पाकिस्तानी लड़ाकू विमान के साथ हुई हवाई लड़ाई में शामिल थे। इस दौरान पाकिस्तान का लड़ाकू विमान एफ-16 मार गिराने के लिए उन्हें शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था। वह जल्द ही अपनी नई रैंक पर होंगे। वायुसेना में ग्रुप कैप्टन का पद भारतीय सेना में कर्नल के बराबर होता है। अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप और भारत के व्यापक दबाव में पाकिस्तान को उन्हें रिहा करने के लिए मजबूर होना पड़ा था।

पुलवामा में 14 फरवरी को आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 से ज्यादा जवानों के शहीद होने के ठीक 12 दिन बाद भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट में एयर स्ट्राइक की थी। भारत ने पाकिस्तान की सीमा में आतंकियों के ठिकानों को ध्वस्त करके पुलवामा का बदला ले लिया था। इस दौरान 27 फरवरी को तड़के भारतीय सीमा में घुसे पाकिस्तान के लड़ाकू विमानों को भारत के मिग-21 और मिराज 2000 लड़ाकू विमानों ने खदेड़ दिया था। श्रीनगर स्थित 51 स्क्वाड्रन का हिस्सा रहे अभिनंदन वर्थमान भी इस पाकिस्तानी लड़ाकू विमान के साथ हुई हवाई लड़ाई में शामिल थे।

विंग कमांडर अभिनन्दन पाकिस्तानी एफ-16 लड़ाकू विमान का पीछा करते हुए एलओसी पार कर गए और पाकिस्तानी फाइटर प्लेन को मार गिराया था। इसी दौरान अभिनंदन का मिग-21 विमान क्रैश हो गया। पैराशूट से नीचे उतरने पर वे पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में पहुंच गए और पाकिस्तानी सेना ने हिरासत में ले लिया था। इसके बावजूद उन्होंने भारत का मजबूत सैनिक होने का परिचय देते हुए पाकिस्तानी सेना की प्रताड़ना के बाद भी भारतीय सेना से सम्बंधित कोई भी राज नहीं दिया। बाद में अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप और भारत के व्यापक दबाव में पाकिस्तान को उन्हें रिहा करने के लिए मजबूर होना पड़ा था।

भारत लौटने के बाद उनके दोबारा विमान उड़ाने पर सस्पेंस बन गया था। अभिनंदन को अगस्त, 2019 में आईएएफ बेंगलुरु के इंस्टिट्यूट ऑफ ऐरोस्पेस मेडिसिन ने दोबारा उड़ान भरने की मंजूरी दे दी थी। इसके बाद अभिनंदन वर्थमान ने पहली बार 02 सितम्बर, 2019 को मिग- 21 विमान उड़ाकर आसमान में पहुंचे। वीर चक्र से सम्मानित अभिनंदन के साथ वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ भी विमान में थे। वायुसेना प्रमुख भी मिग- 21 के पायलट हैं। उन्होंने कारगिल युद्ध के समय 17 स्क्वाड्रन की कमान संभालते हुए पाकिस्तानियों के छक्के छुड़ाए थे।

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– लक्ष्मण उद्यान में दीपावली की पूर्व संध्या पर आयोजित दीपोत्सव कार्यक्रम में यह मांग उठाई गई

लखनऊ; लखनऊ का नाम बदलकर लक्ष्मणपुर या लखनपुर करने की मांग अब तेज होने लगी है। इसी के तहत शहर की लोक साहित्यकार डॉ विद्याविन्दु सिंह ने छोटी दीपावली की पूर्व संध्या पर परिवर्तन चौक के पास स्थित लक्ष्मण उद्यान में आयोजित दीपोत्सव में यह मांग उठाई। इस अवसर पर उद्यान दीपों से जगमगा उठा। यहां स्थापित वीरवर लक्ष्मण की प्रतिमा पर दीपदान हुआ।

शिव सिंह सरोज स्मारक समिति के तत्वावधान में बुधवार को लखनऊ स्थित लक्ष्मण उद्यान में आयोजित 57वें दीपोत्सव एवं काव्य संगोष्ठी का आयोजन हुआ। कवि सम्मेलन में कवियों ने राष्ट्रभाव से ओत-प्रोत रचनाएं भी सुनायीं

कार्यक्रम का शुभारम्भ वीरवर लक्ष्मण की प्रतिमा पूजन से हुआ। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच दीये जलाये गये। वरिष्ठ साहित्यकार एवं शिव सिंह सरोज स्मारक समिति की अध्यक्ष डॉ विद्याविन्दु सिंह ने सरकार से लखनऊ का नाम प्रयागराज और अयोध्या की भांति लखनपुर अथवा लक्ष्मणपुर करने की मांग उठाई। इसके अलावा लक्ष्मण पार्क का नाम उर्मिला-लक्ष्मण उद्यान किये जाने तथा उद्यान में वीरवर लक्ष्मण की शौर्य गाथा के शिलापट्ट लगाने की भी मांग की।

संगीत विदुषी प्रो. कमला श्रीवास्तव ने वाणी वन्दना की तथा स्वरचित लक्ष्मण चौती सुनाई। दीपोत्सव समारोह में वरिष्ठ साहित्यकार प्रो. सूर्य प्रसाद दीक्षित, लविवि हिन्दी विभाग के अध्यक्ष प्रो. योगेन्द्र प्रताप सिंह, अपर कृषि निदेशक डॉ. सत्येंद्र कुमार सिंह, शिव सिंह सरोज स्मारक समिति की महामंत्री रमा सिंह सहित अन्य प्रबुद्धजन शामिल हुए। युवराज सिंह ने शंखध्वनि की। सुहानी और स्वस्ति ने कवि शिव सिंह सरोज की रचनाओं का पाठ किया। कार्यक्रम में समाजसेवी विश्वास सिंह को पर्यावरण सेवा, रंगमंचीय योगदान एवं कोरोना काल में की गई सेवाओं के लिए सारस्वत सम्मान प्रदान किया गया। संचालन वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. करुणा पांडे ने किया।

इस अवसर पर हुई काव्य संगोष्ठी में विजय त्रिपाठी, शिवमंगल सिंह ‘मंगल’, अभियंता सुनील बाजपेयी, शायर एल.पी.गुर्जर, आदि ने राष्ट्रभाव से प्रेरित रचनायें सुनायीं। अधिवक्ता शरद मिश्र ‘सिन्धु’ ने काव्य संगोष्ठी का संचालन किया। आयोजन में लोकहित न्यास, साहित्यिकी, लोक संस्कृति शोध संस्थान, अखिल भारतीय साहित्य परिषद व लखनऊ विकास प्राधिकरण के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

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-पेट्रोल पर 5 रुपये और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी 10 रुपये प्रति लीटर घटी

नई दिल्ली: दीपावली की पूर्व संध्या पर केंद्र सरकार ने आम आदमी को बड़ा तौहफा दिया है। केंद्र सरकार ने पेट्रोल पर 5 रुपये और डीजल पर 10 रुपये प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी में कटौती की है। सरकार के इस कदम से पेट्रोल और डीजल क्रमश: 5 रुपये और 10 रुपये प्रति लीटर तक सस्ता हो जाएगा। नई दरें गुरुवार से लागू होगी।

सरकारी सूत्रों ने बुधवार को बताया कि भारत सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती का ऐलान किया है। पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क गुरुवार, 4 नवंबर से क्रमशः 5 रुपये और 10 रुपये कम किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक पेट्रोल की तुलना में डीजल पर उत्पाद शुल्क में दोगुनी कटौती की गई है।

सूत्रों के मुताबिक डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में कटौती से आगामी रबी सीजन के दौरान किसानों को फायदा मिलेगा। राज्यों ने उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए पेट्रोल और डीजल पर वैट कम करने का आग्रह किया था। केंद्र सरकार के इस कदम से महंगाई पर अंकुश लगेगा।

उल्लेखनीय है कि देश के अधिकांश शहरों में पेट्रोल की कीमत 100 रुपये प्रति लीटर के पार चला गया है। पिछले 28 दिनों में पेट्रोल 8.85 रुपये प्रति लीटर तक महंगा हो चुका है, जबकि डीजल 30 दिनों में 9.80 रुपये प्रति लीटर महंगा हुआ है।

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New Delhi:  दिवाली की पूर्व संध्या पर भारत सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में कमी की घोषणा की है. 

पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क कल से क्रमशः 5 रुपये और 10 रुपये कम किया जाएगा.

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– बताया निम्न और मध्यम आय वाले देशों के लिए अत्यंत उपयुक्त

नई दिल्ली: विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने आपातकालीन इस्तेमाल के लिए भारत बॉयोटेक द्वारा निर्मित स्वदेशी कोरोना रोधी वैक्सीन ‘कोवैक्सीन’ को मंजूरी दे दी है। संगठन ने बुधवार को सिलसिलेवार ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। उसका कहना है कि आसान भंडारण के चलते वैक्सीन निम्न और मध्यम आय वाले देशों के लिए अत्यंत उपयुक्त है।

डब्ल्यूएचओ ने कहा, “उसकी ओर से बुलाई गई दुनियाभर के नियामक विशेषज्ञों से बने तकनीकी सलाहकार समूह ने यह निर्धारित किया है कि कोवैक्सीन कोविड-19 से सुरक्षा के लिए उसके मानकों को पूरा करती है। वैक्सीन का लाभ जोखिम से कहीं अधिक है और वैक्सीन का उपयोग किया जा सकता है।”

डब्ल्यूएचओ ने कोवैक्सीन को दूसरी खुराक के 14 दिनों बाद 78 प्रतिशत प्रभावी माना है। साथ ही भंडारण में आसानी के चलते इसे मध्यम और निम्न आय वाले देशों के लिए अत्यंत उपयुक्त बताया है।

विश्व संस्था ने आगे कहा कि कोवैक्सीन की भी डब्ल्यूएचओ के स्ट्रेटेजिक एडवाइजरी ग्रुप ऑफ एक्सपर्ट्स ऑन इम्यूनाइजेशन (एसएजीई) द्वारा समीक्षा की गई थी। टीके को दो खुराक में चार सप्ताह के अंतराल के साथ 18 और उससे ऊपर आयु समूहों के लोग ले सकते हैं।

संगठन ने हालांकि गर्भवती महिलाओं के लिए वैक्सीन सुरक्षित होने को अभी मान्यता नहीं दी है। उसका कहना है कि गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण पर उपलब्ध डेटा गर्भावस्था में वैक्सीन सुरक्षा या प्रभावित होने का आकलन करने के लिए अपर्याप्त हैं। संस्था का कहना है कि वह अभी आगे अध्य्यन की योजना बना रही है। इसमें गर्भावस्था उप-अध्ययन और गर्भावस्था रजिस्ट्री शामिल है।

उल्लेखनीय है कि भारत में निर्मित कोवैक्सीन को मंजूरी का मामला काफी समय से डब्ल्यूएचओ के पास लंबित था। इसी बीच कई देशों ने भारत की इस वैक्सीन को अपने यहां आवाजाही के लिए अनुमति प्रदान कर दी थी। वैश्विक स्तर पर इसे मंजूरी नहीं मिलने के कारण कई भारतीयों को विदेश जाने में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था।

प्रधानमंत्री ने 30 अक्टूबर को भारतीय वैक्सीन को मंजूरी में देरी का मुद्दा जी20 शिखर सम्मेलन में भी उठाया था। उन्होंने कहा था कि भारत अपने वैश्विक दायित्वों को लेकर हमेशा गंभीर रहा है। भारत की तैयारी अगले वर्ष विश्व के लिए 5 अरब वैक्सीन खुराक से भी अधिक के उत्पादन की है। भारत की इस प्रतिबद्धता से कोरोना के वैश्विक संक्रमण को रोकने में बहुत बड़ी मदद मिलेगी। ऐसे में यह आवश्यक है कि डब्ल्यूएचओ भारतीय वैक्सीन को शीघ्र मान्यता दे।

साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि आर्थिक रिकवरी के लिए अंतरराष्ट्रीय आवाजाही बढ़ाना आवश्यक है। इसके लिए हमें अलग-अलग देशों के वैक्सीन सर्टिफिकेट्स की परस्पर मान्यता सुनिश्चित करनी ही होगी।

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अयोध्या: दीपावली से एक दिन पहले ही रामनगरी अयोध्या में त्रेता युग जीवंत हो गया है। प्रभु श्रीराम के स्वागत में करीब 12 लाख मिट्टी के दीयों से समूची अवध नगरी जगमग हो उठी है। पांचवें दीपोत्सव पर योगी सरकार अपने स्वयं के रिकॉर्ड को तोड़ बुधवार को नया विश्व कीर्तिमान बनाया। इसके लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की एक टीम अयोध्या में मौजूद रही।

पवित्र सरयू तट पर आज अपराह्न करीब तीन बजे जैसे ही पुष्पक विमान के प्रतीक स्वरुप हेलीकाप्टर से प्रभु श्रीराम, मां सीता और लक्ष्मण के साथ उतरे और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनकी आगवानी की, राम नगरी में त्रेता युग जीवंत हो उठा। आकाश से पुष्प वर्षा होने लगी और समूचा क्षेत्र जय श्रीराम के जयघोष से गूंज उठा।

इसके बाद भगवान श्रीराम, मां सीता और लक्ष्मण के साथ रथ से रामकथा पार्क पहुंचे जहां मुख्यमंत्री योगी ने गुरु वशिष्ठ की भूमिका में श्रीराम को तिलक लगाकर उनका राज्याभिषेक किया। तिलक के बाद रामराज्य की परिकल्पना में मुख्यमंत्री योगी ने केंद्रीय पर्यटन मंत्री किशन रेड्डी और अपने मंत्रिमंडल के सदस्यों की उपस्थिति में लोकहित की घोषणा भी कर दी। उन्होंने प्रदेश के करीब 15 करोड़ गरीबों को होली तक हर माह निःशुल्क राशन देने का ऐलान किया। वहीं उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने इस अवसर पर श्रीराम जन्मभूमि की ओर जाने वाले तीन मार्गों को विश्व हिन्दू परिषद के वर्षों तक अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष रहे अशोक सिंघल, पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह और बलिदानी कारसेवक के नाम पर बनाने की घोषणा की।

झांकियों ने भी कराया त्रेता युग का अहसास
दीपपर्व के अवसर पर आज पूर्वाह्न में साकेत महाविद्यालय से भव्य शोभा यात्रा निकाली गई। प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा और जिले के प्रभारी मंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी ने झंडी दिखाकर यात्रा को रवाना किया। शोभा यात्रा में शामिल झांकियां त्रेतायुगीन प्रसंगों को जीवंत कर रही थीं। दीपोत्सव में उत्तर प्रदेश के अलावा मध्यप्रदेश, झारखंड, हरियाणा और पंजाब समेत कई राज्यों के कलाकारों ने लोक संस्कृति का प्रदर्शन किया।

इसके अलावा लंका विजय के बाद प्रभु श्रीराम के अयोध्या आगमन की खुशी में समूची अयोध्या में चहुंओर उल्लास का माहौल है। राम नगरी को दुल्हन की तरह सजाया गया है। अपने राम के स्वागत में चारों तरफ तोरण द्वार सजाये गये हैं। लेजर शो के अद्भुत नजारा ने लोगों को अलौकिक अयोध्या का दर्शन कराया।

अयोध्या में 2017 से आयोजित हो रहा दीपोत्सव
उप्र का मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में पहली बार वर्ष 2017 में दीपोत्सव का आयोजन किया। उस समय नौ घाटों पर एक लाख 87 हजार 213 दीपक जलाये गये थे। हालांकि, कुछ तकनीकी कमियों के चलते पहला दीपोत्सव गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड में दर्ज नहीं हो सका था, लेकिन दूसरे दीपोत्सव में यह कमी दूर हुई और वर्ष 2018 में 14 घाटों पर तीन लाख एक हजार 152 दीये जलाने का दीपोत्सव विश्व कीर्तिमान में दर्ज हुआ। इसके बाद वर्ष 2019 में चार लाख चार हजार 26 दीये जलाये गये और यह दीपोत्सव भी बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ।

पिछले साल कोरोना काल होते हुए भी दीपोत्सव मना और छह लाख छह हजार 569 दीपक जलाने का रिकार्ड बना। अयोध्या ने आज पांचवें दीपोत्सव पर अपने पुराने रिकार्ड को तोड़ते हुए करीब नौ लाख दीपक जलाने का नया विश्व कीर्तिमान बनाया।

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नई दिल्ली: दिवाली से पहले अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में नरमी का असर घरेलू बाजार में भी दिखा है। लगातार छह दिनों बाद बुधवार को पेट्रोल-डीजल के दाम स्थिर रहे। सार्वजनिक क्षेत्र के तेल विपणन कंपनियों ने दोनों ईंधनों की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया है। राजधानी दिल्ली में बुधवार को पेट्रोल 110.04 रुपये प्रति लीटर पर और डीजल 98.42 रुपये प्रति लीटर पर टिका रहा।

इंडियन ऑयल की वेबसाइट के मुताबिक देश के अन्य महानगरों मुंबई, चेन्नई और कोलकाता में पेट्रोल का भाव क्रमश: 115.85 रुपये, 106.66 रुपये और 110.49 रुपये प्रति लीटर रहा। वहीं, डीजल का दाम भी क्रमश: 106.63 रुपये, 102.59 रुपये और 101.56 रुपये प्रति लीटर पर स्थिर रहा। गौरतलब है कि पिछले 28 दिनों में पेट्रोल 8.85 रुपये प्रति लीटर तक महंगा हो चुका है, जबकि डीजल 30 दिनों में 9.80 रुपये प्रति लीटर महंगा हुआ है।

उल्लेखनीय है कि दुनियाभर में तेल की मांग लगातार बढ़ने से यह कोविड-19 के पूर्व स्तर के करीब पहुंच गई है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कारोबार की समाप्ति पर मंगलवार को इसमें गिरावट आई। ब्रेंट क्रूड की कीमत जहां 1.2 फीसदी की गिरावट के साथ 83.74 डॉलर प्रति बैरल रह गया वहीं, डब्ल्यूटीआई क्रूड भी 1.32 फीसदी लुढ़कर 82.59 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। हालांकि, गोल्डमैन सैक्स के मुताबिक अगले साल कच्चे तेल का भाव 110 डॉलर प्रति बैरल तक जा सकता है।

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नई दिल्ली:  कोरोना के खिलाफ जंग में कारगर टीकाकरण अभियान में देश ने 107 करोड़, 29 लाख टीके लगाने का आंकड़ा पार कर लिया है। पिछले 24 घंटों में देश में 41.16 लाख कोरोना रोधी टीके लगाए गए।

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक बुधवार सुबह तक राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों को अब तक 114 करोड़ टीके की खुराक नि:शुल्क उपलब्ध कराई जा चुकी है। राज्यों के पास अभी भी 14 करोड़, 68 लाख टीके की खुराक मौजूद हैं।

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बुधवार को इटली और ब्रिटेन के पांच दिवसीय दौरे के बाद स्वदेश लौट आये। प्रधानमंत्री ने यूरोप के इस दौरे में रोम में जी-20 शिखर सम्मेलन और ग्लासगो में कोप26 संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में भाग लिया।

प्रधानमंत्री ने मंगलवार देर रात स्वदेश रवाना होने से पहले ट्वीट कर कहा, ”हमारे ग्रह (पृथ्वी) के भविष्य के बारे में दो दिनों की गहन चर्चा के बाद ग्लासगो से प्रस्थान। भारत ने न केवल पेरिस प्रतिबद्धताओं को पार किया है, बल्कि अब अगले 50 वर्षों के लिए एक महत्वाकांक्षी एजेंडा भी निर्धारित किया है।”

उन्होंने आगे कहा, ”लंबे समय के बाद कई पुराने दोस्तों को आमने सामने देखना और कुछ नए लोगों से मिलना अद्भुत था। मैं अपने मेजबान प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और सुंदर ग्लासगो में गर्मजोशी भरे आतिथ्य के लिए स्कॉटलैंड के लोगों का भी आभारी हूं।”

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नई दिल्ली: दिवाली से पहले लोगों को महंगाई का कड़वा डोज मिला है। सार्वजनिक क्षेत्र की तेल और गैस विपणन कंपनियों ने सोमवार को कॉमर्शियल गैस सिलेंडर के दाम में 265 रुपये तक का इजाफा किया है। इस बढ़ोतरी के बाद महंगाई के और अधिक बढ़ने की आशंका है। हालांकि, राहत की बात यह है कि घरेलू रसोई गैस की कीमत में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

इस बढ़ोतरी के बाद अब राजधानी दिल्ली में कॉमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमत दो हजार रुपये के करीब पहुंच गया है। इससे पहले यह एक हजार, 733 रुपये का था, जो बढ़कर एक हजार, 998 रुपये हो गया है। मुंबई में एक हजार, 683 रुपये में मिलने वाला 19 किलो का सिलेंडर अब एक हजार, 950 रुपये में मिलेगा। इसकी कीमत पहले एक हजार 683 रुपये थी। वहीं, कोलकाता में अब 19 किलो वाला कॉमर्शियल गैस सिलेंडर दो हजार, 073.50 रुपये का हो गया है, जबकि चेन्नई में इसके लिए दो हजार, 133 रुपये खर्च करने पड़ेंगे।

उल्लेखनीय है कि घरेलू रसोई गैस सिलेंडर के दाम में कोई बदलाव नहीं हुआ है। राजधानी दिल्ली में 14.2 किलो वाला बिना सब्सिडी वाला एलपीजी सिलेंडर 899.50 रुपये का ही मिलेगा। कोलकाता में 926 रुपये और चेन्नई में 14.2 किलो वाला एलपीजी गैस सिलेंडर 915.50 रुपये में मिल रहा है। गौरतलब है कि 06 अक्टूबर को इसके दाम में बढ़ोतरी की गई थी। वहीं, एक अक्टूबर को केवल 19 किलो वाले कामर्शियल सिलेंडरों के दाम बढ़ाए गए थे।

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– अपने डेक से निर्देशित विमान भेदी मिसाइलों को लॉन्च करने की क्षमता
– आत्मनिर्भरता” के नजरिए से समुद्री ताकत बढ़ाने में भारत की बड़ी छलांग

नई दिल्ली: भारतीय नौसेना को मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स ने पहला पी-15बी स्टील्थ गाइडेड-मिसाइल विध्वंसक सौंप दिया है। ”विशाखापत्तनम” नाम के इस जहाज का निर्माण और डिलीवरी स्वदेशी युद्धपोत निर्माण कार्यक्रमों के मद्देनजर सरकार और नौसेना के लिए मील का पत्थर है।

मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड ने नौसेना को यह जहाज गुरुवार को दिया लेकिन इसकी जानकारी शनिवार देर रात को एक आधिकारिक बयान में दी गई है। भारतीय नौसेना ने ट्वीट करके बताया है कि मुंबई के मझगांव डॉक में निर्मित पहला स्वदेशी गाइडेड मिसाइल विध्वंसक पी-15बी जहाज ”विशाखापत्तनम” 28 अक्टूबर को भारतीय नौसेना को सौंप दिया गया। इस जहाज में अपने डेक से निर्देशित विमान भेदी मिसाइलों को लॉन्च करने की क्षमता है।

नौसेना ने अपने दूसरे ट्वीट में यह भी कहा है कि विध्वंसक को अपने बेड़े में शामिल करने से न केवल भारतीय नौसेना की युद्धक तैयारी में वृद्धि होगी, बल्कि ”आत्मनिर्भर भारत” के नजरिए से भी भारत की बड़ी छलांग है।

भारतीय नौसेना के लिए मझगांव डॉक लिमिटेड (एमडीएल) से प्रोजेक्ट 15बी श्रेणी के 04 निर्देशित मिसाइल विध्वंसक का निर्माण करने के लिए जनवरी, 2011 में अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए थे। आईएनएस विशाखापत्तनम (डी 66) नामक पहले जहाज के लिए कील अक्टूबर 2013 में रखी गई थी। इस जहाज को अप्रैल 2015 में लॉन्च किया गया था। प्रोजेक्ट 15बी जहाजों में कोलकाता-श्रेणी के विध्वंसक के पतवार की डिजाइन को बरकरार रखा गया है, लेकिन इसमें उन्नत स्टील्थ सुविधाओं और उच्च स्तर की स्वचालन शामिल होगी। इन्हें नौसेना डिजाइन निदेशालय ने स्वदेशी रूप से डिजाइन किया है जो बेहतर तरीकों से समुद्र की सुरक्षा करेंगे।

स्टील्थ गाइडेड-मिसाइल विध्वंसक की खासियत
प्रवक्ता के अनुसार जहाज में लगा राडार, चिकना पतवार, अत्याधुनिक सेंसर पैकेज और हथियार इसे तकनीकी रूप से दुनिया के सबसे उन्नत निर्देशित मिसाइल विध्वंसक में से एक बनाते हैं। इसमें लगाई गई महत्वपूर्ण स्वदेशी सामग्री, युद्धपोत की डिजाइन जहाज निर्माण में भारत की आत्मनिर्भरता को दर्शाती है। प्रत्येक पोत 7,300 टन के विस्थापन के साथ 163 मीटर लंबा और 17.4 मीटर चौड़ा होगा। जहाजों का संचालन 300 नौसैन्य कर्मियों की टीम करेगी, जिसमें 50 अधिकारी और 250 नाविक शामिल होंगे। आपात स्थितियों के लिए जहाज में कई फायर जोन, युद्ध क्षति नियंत्रण प्रणाली (बीडीसीएस) और बिजली प्रणालियां लगाई गई हैं। जहाज पर लगाई गई वायुमंडलीय नियंत्रण प्रणाली चालक दल को रासायनिक, जैविक और परमाणु खतरों से बचाएगी।

आधुनिक युद्ध प्रबंधन प्रणाली
यह जहाज एक आधुनिक युद्ध प्रबंधन प्रणाली (सीएमएस) को एकीकृत करेगा, जो खतरे का मूल्यांकन करके बोर्ड पर उपलब्ध सामरिक चित्र और हथियार पैकेज के आधार पर संसाधनों का आवंटन करेगा। शिप डेटा नेटवर्क (एसडीएन) सभी सेंसर और हथियारों से डेटा ले जाएगा।

प्रोजेक्ट 15बी वेपन सिस्टम
जहाज की प्राथमिक मारक क्षमता सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (एसएएम) बराक 8 और सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल (एसएसएम) ब्रह्मोस के संयोजन में समुद्र आधारित लंबी दूरी के लक्ष्यों को निशाना बनाएगी। जहाज पर दो 16-सेल वर्टिकल लॉन्चर कुल 32 बराक 8 मिसाइलों को लॉन्च करने में सक्षम होंगे, जबकि दो आठ-सेल यूनिवर्सल वर्टिकल लॉन्चर मॉड्यूल 16 ब्रह्मोस एसएएम के लॉन्च की अनुमति देंगे।

फॉरवर्ड बो डेक को 127 मिमी. मुख्य बंदूक के साथ लैस किया गया है, जबकि करीबी रक्षा क्षमता के लिए 30 मिमी. की चार एके-630 बंदूकें लगाई गई हैं। विध्वंसक को पनडुब्बी रोधी युद्ध (एएसडब्ल्यू) क्षमता प्रदान करने के लिए स्वदेशी रूप से विकसित 533 मिमी. टारपीडो लांचर और आरबीयू-6000 एंटी-सबमरीन रॉकेट लॉन्चर से भी लैस किया गया है।

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नई दिल्ली: राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने रविवार को लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल को उनकी 147वीं जयंती पर याद करते हुए कहा कि देश की एकता के प्रतीक, सरदार पटेल का हमारे अग्रणी राष्ट्र निर्माताओं में उच्च स्थान है।

राष्ट्रपति कोविन्द ने सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर आज उन्हें राष्ट्रपति भवन में श्रद्धांजलि अर्पित की। राष्ट्रपति और राष्ट्रपति भवन के अधिकारियों ने सरदार पटेल के चित्र के समक्ष उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की। इससे पहले सुबह राष्ट्रपति कोविन्द ने पटेल चौक जाकर सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा के समक्ष श्रद्धा-सुमन अर्पित किए।

राष्ट्रपति कोविन्द ने ट्वीट कर कहा, “लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर मेरी विनम्र श्रद्धांजलि। देश की एकता के प्रतीक, सरदार पटेल का हमारे अग्रणी राष्ट्र निर्माताओं में उच्च स्थान है। नैतिकता पर आधारित कार्य-संस्कृति की स्थापना तथा राष्ट्र-सेवा के लिए देशवासी सरदार पटेल के प्रति सदैव ऋणी रहेंगे।”

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