मुंबई: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बारे में अमर्यादित टिप्पणी के मामले में मुंबई के मुलुंड पुलिस स्टेशन में सोमवार को गीतकार जावेद अख्तर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। अधिवक्ता संतोष दुबे की तहरीर पर यह प्राथमिकी दर्ज हुई है।

पुलिस के मुताबिक अधिवक्ता संतोष दुबे ने संघ के विरुद्ध अमर्यादित टिप्पणी करने पर पिछले महीने जावेद अख्तर को कानूनी नोटिस भेजा था। अधिवक्ता दुबे के मुताबिक, उन्होंने जावेद अख्तर को नोटिस भेजकर माफी मांगने की मांग की थी, लेकिन अख्तर ने माफी नहीं मांगी। इसी वजह से उन्होंने सोमवार को मुलुंड पुलिस स्टेशन में जावेद अख्तर के विरुद्ध मामला दर्ज करवाया है।

एक टीवी चैनल के साथ साक्षात्कार में 76 वर्षीय अख्तर ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और विश्व हिंदू परिषद की तुलना तालिबान से की थी। दुबे ने दावा किया था कि इस प्रकार के बयान से अख्तर ने आईपीसी की धारा 499 (मानहानि) और 500 (मानहानि के लिए सजा) के तहत अपराध किया है।

उल्लेखनीय है कि जावेद अख्तर की इस टिप्पणी के विरुद्ध ठाणे की एक अदालत में 27 सितंबर को संघ के स्थानीय कार्यकर्ता विवेक चंपानेरकर ने भी मानहानि का मामला दाखिल किया है। इस मामले में अदालत ने जावेद अख्तर को नोटिस जारी कर 12 नवंबर तक जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।

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नई दिल्ली: देश में कोरोना से बचाव के लिए चलाए जा रहे टीकाकरण का आंकड़ा 90 करोड़ के पार चला गया है। तेजी से चल रहे टीकाकरण कार्यक्रम के तहत देश में अबतक 90 करोड़ से अधिक टीके की डोज दी जा चुकी है।

शनिवार को केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने ट्वीट किया कि शास्त्रीजी ने ‘जय जवान – जय किसान’ का नारा दिया था, अटलजी ने ‘जय विज्ञान’ जोड़ा और अब प्रधानमंत्री ने ‘जय अनुसंधान’ का नारा दिया। आज अनुसंधान का परिणाम यह कोरोना वैक्सीन है।

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– अखिल भारतीय कानूनी जागरूकता और आउटरीच अभियान का किया शुभारंभ

नई दिल्ली: राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों में वरिष्ठ अधिवक्ताओं को अपने समय का एक निश्चित समय कमजोर वर्गों के लोगों को नि: शुल्क सेवाएं प्रदान करने के लिए निर्धारित करना चाहिए। वे शनिवार को विज्ञान भवन में आयोजित एक समारोह में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) के अखिल भारतीय कानूनी जागरूकता और आउटरीच अभियान के शुभारंभ के अवसर पर बोल रहे थे।

गांधी जयंती पर इस जागरूकता अभियान को शुरू करने के लिए नालसा की सराहना करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि महात्मा गांधी मानवता की सेवा के प्रतीक हैं, जिसमें दलितों को न्याय दिलाने में मदद करने वाली सेवाएं भी शामिल हैं। 125 साल से भी पहले गांधी ने कुछ ऐसे उदाहरण स्थापित किए थे जो आज भी पूरी कानूनी बिरादरी के लिए प्रासंगिक हैं। उन्होंने गांधी को उद्धृत करते हुए कहा, “सबसे अच्छी कानूनी प्रतिभा सबसे गरीब लोगों को उचित दरों पर उपलब्ध होनी चाहिए”। राष्ट्रपति ने कहा कि बापू की इस सलाह का कानूनी बिरादरी विशेष रूप से सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों में नामित वरिष्ठ अधिवक्ताओं को पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसे अधिवक्ताओं को अपने समय का एक निश्चित भाग कमजोर वर्गों के लोगों को नि:शुल्क सेवाएं प्रदान करने के लिए निर्धारित करना चाहिए।

राष्ट्रपति ने हाशिए पर पड़े और वंचित वर्गों के लिए निष्पक्ष और सार्थक न्याय सुनिश्चित करने के लिए एक समावेशी कानूनी प्रणाली को बढ़ावा देने के अपने दृष्टिकोण के लिए नालसा की सराहना की। उन्हें इस बात खुशी व्यक्त की कि नालसा न्याय के लिए समान और बाधा मुक्त पहुंच प्रदान करने के हमारे संवैधानिक उद्देश्य की दिशा में काम कर रहा है।

राष्ट्रपति ने कहा कि वैकल्पिक विवाद समाधान तंत्र जैसे मध्यस्थता, सुलह और लोक अदालतें हमें शांति और न्याय के हमारे प्राचीन मूल्यों की याद दिलाती हैं। आधुनिक भारत में भी अपनी स्वतंत्रता के बाद से हम न्यायिक अभिजात वर्ग के युग से न्यायिक लोकतंत्र की दिशा में आगे बढ़ने लगे। उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों के दौरान, लोक अदालतों द्वारा एक करोड़ 11 लाख से अधिक लंबित और पूर्व मुकदमेबाजी के मामलों का निपटारा किया गया है। उन्होंने कहा कि लोक अदालतों द्वारा इस तरह के निस्तारण से न्यायिक व्यवस्था पर बोझ कम होता है। लोक अदालत की प्रणाली में नई ऊर्जा का संचार करने और इस तरह हमारे नागरिकों को त्वरित न्याय दिलाने में मदद करने के लिए उन्होंने देश के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एन.वी. रमना और न्यायमूर्ति यू.यू. ललित को बधाई दी।

राष्ट्रपति ने कहा कि कानूनी सेवा संस्थानों की संरचना हमारी न्यायिक वास्तुकला को समर्थन प्रदान करती है और इसे राष्ट्रीय, राज्य, जिला और उप-मंडल स्तरों पर मजबूत करती है। यह समर्थन और ताकत बड़ी संख्या में कमजोर लोगों की सेवा के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कानूनी सेवा प्राधिकरणों से नागरिकों के अधिकारों और अधिकारों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए विशेष प्रयास करने का आग्रह किया, विशेष रूप से उन लोगों के बीच जो सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े हैं। उन्होंने कहा कि जागरूकता की कमी राज्य द्वारा बनाई गई कल्याणकारी नीतियों के कार्यान्वयन में बाधा डालती है, क्योंकि वास्तविक लाभार्थी अपने अधिकारों से अनजान रहते हैं।

इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले लॉ कॉलेजों के छात्रों का उल्लेख करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि ऐसे छात्रों के युवा कंधों पर भविष्य के भारत को आकार देने की जिम्मेदारी है। विधि महाविद्यालयों को विधिक सेवाएं प्रदान करने के लिए गांवों को गोद लेना चाहिए। गरीब और ग्रामीण आबादी के लिए कानूनी सेवाओं से संबंधित परियोजना रिपोर्ट कानून के छात्रों के लिए पाठ्यक्रम का हिस्सा होनी चाहिए। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि युवा कानून के छात्रों की यह पीढ़ी एक ऐसे भारत के निर्माण में योगदान देगी जो सामाजिक-आर्थिक विकास मानकों के संदर्भ में वैश्विक समुदाय के लिए एक आदर्श होगा।

कार्यक्रम में मुख्य न्यायाधीश एन.वी. रमना, कानून मंत्री किरन रिजिजू, राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष भी उपस्थित रहे।

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उत्तरकाशी: माउंट त्रिशूल के आरोहण के दौरान हिमस्खलन आने से वायुसेना का पर्वतारोही दल इसकी चपेट में आ गया। हिमस्खलन की चपेट में आने से दस पर्वतारोही लापता बताए जा रहे हैं। नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) से रेस्क्यू टीम प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट के नेतृत्व में चमोली जनपद में स्थित त्रिशूल चोटी के लिए रवाना हो गई है।

वायुसेना का दल करीब 15 दिन पहले 7,120 मीटर ऊंची त्रिशूल चोटी के आरोहण के लिए गया था। शुक्रवार की सुबह दल चोटी के समिट के लिए आगे बढ़ा। इसी दौरान हिमस्खलन हुआ, जिसकी चपेट में वायु सेना के पर्वतारोही आ गए। इसके बाद उत्तरकाशी से हेली के जरिये निम की सर्च एंड रेस्क्यू टीम रवाना हुई।

इस संबंध में निम के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट ने बताया कि यह घटना शुक्रवार सुबह पांच बजे के करीब हुई है। इस दौरान वायु सेना के 10 पर्वतारोही हिमस्खलन की चपेट में आए हैं और लापता चल रहे हैं।

चमोली में है माउंट त्रिशूल

माउंट त्रिशूल चमोली जनपद की सीमा पर स्थित कुमांऊ के बागेश्वर जनपद में स्थित है। इस चोटी के आरोहण के लिए चमोली जनपद के जोशीमठ और घाट के लिए पर्वतारोही टीमें जाती हैं। वायु सेना के पर्वतारोहियों की टीम भी घाट होते हुए त्रिशूल के लिए गई थी। तीन चोटियों का समूह होने के कारण इसे त्रिशूल कहते हैं।

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जयपुर: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने केन्द्र सरकार पर आरोप लगाया है कि सत्ता में बैठे लोग निहित स्वार्थ के अनुसार काम करते हैं। अपने मतलब और सुविधा के अनुसार छापामारी करवाते हैं। उन्होंने दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ तो ईडी, आईबी के जरिए कार्रवाई करती है लेकिन जब वहीं राजनीतिक प्रतिद्वंदी भाजपा में शामिल हो जाते हैं तो उन्हें आरोपों से मुक्ति मिल जाती है। दिग्विजय सिंह शुक्रवार को जयपुर में प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय में पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि एनआईए ने पहले अजमेर दरगाह, समझौता एक्सप्रेस, मक्का मस्जिद और मालेगांव धमाकों जैसे मामलों की जांच की थी। एनआईए की जांच का नतीजा यह निकला कि मोदी और शाह सरकार ने आरोपित सभी लोगों को दोष मुक्त करवा दिया। ऐसे में कांग्रेस को एनआईए की जांच पर भरोसा नहीं है, अब इस मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में की जाए।

दिग्विजय सिंह ने कहा कि मुंद्रा पोर्ट पर मिली हेरोइन के मामले की जांच एनआईए से करवाने की जगह सुप्रीम कोर्ट के जज से करवानी चाहिए। जज को भी वही कमेटी नियुक्त करे, जिसमें नेता प्रतिपक्ष और चीफ जस्टिस शामिल हों। 13 सितंबर, 2021 को मुंद्रा पोर्ट पर एक माह में दो बार हेरोइन की खेप पकड़ी गई। उन्होंने दावा किया कि बड़ी मात्रा में पकड़ी गई इस खेप की कीमत दो लाख करोड़ से ज्यादा है।

उन्होंने बताया कि पहली बार अफगानिस्तान और ईरान होते हुए 21 हजार करोड़ का ड्रग आया। उससे पहले भी 1 लाख 75 हज़ार करोड़ का ड्रग आया। देश मे हेरोइन का कारोबार 5 से 10 लाख करोड़ का हो सकता है। मुंबई में 200 या 300 ग्राम गांजा मिला तो फिल्म जगत के लोगों को जेल भेजा, उनके खिलाफ बड़ा केस बनाया। उन्होंने आरोप लगाया कि ड्रग पैडलिंग के 13 मामलों में भाजपा नेताओं की भागीदारी रही है। उन्होंने पूछा कि क्या भाजपा के इन 13 नेताओं के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट में कार्रवाई होगी। ड्रग पैडलिंग तो आतंकियों से भी खतरनाक है।

दिग्विजय सिंह नोटबंदी को सबसे बड़ा घोटाला बताते हुए कहा कि नोटबंदी से फेक करेंसी ओर आतंकवाद खत्म करने के दावे करते थे, अगर ईमानदारी से काले धन को रोकने के लिए नोटबंदी की थी तो देश में करेंसी 17 लाख करोड़ से बढ़कर 26.7 लाख करोड़ कैसे हुई। स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम ने आज 7 साल में रिपोर्ट नहीं दी।

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गुप्तकाशी: केदारनाथ धाम के यात्रियों के लिए हेली सेवाओं के लिए स्वीकृति मिल गयी है। डीजीसीए ने फिलहाल 9 हेली सेवाओं को केदारनाथ धाम के लिए स्वीकृति प्रदान की है।

हालांकि एक हेलीकॉप्टर एक दिन में केवल 24 यात्रियों को ही लेकर केदारनाथ धाम पहुंचेगा। सरकार की एसओपी के अनुसार एक दिन में केवल 800 के करीब तीर्थयात्री ही पंजीकरण के बाद केदारनाथ जाएंगे, लेकिन पंजीकरण के मुकाबले 40 फीसदी लोग ही धाम पहुंच रहे हैं।

यात्रियों की संख्या बढ़ाने के साथ ही अन्य समस्याओं के निराकरण के लिए सरकार हाईकोर्ट का रुख कर चुकी है। सोमवार को हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद ही नई गाइड लाइन जारी होगी। फिलहाल हेली सेवा से तीर्थयात्री केदारनाथ पहुंच रहे हैं। यात्री ऑनलाइन हेली बुकिंग कर सकते हैं।

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-पेट्रोल 25 पैसा प्रति लीटर और डीजल 30 पैसा प्रति लीटर तक महंगा

नई दिल्ली:  अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में तेजी का असर घरेलू बाजार में दिखने लगा है। सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों ने एक दिन बाद फिर पेट्रोल-डीजल के दाम में इजाफा किया है। इस बढ़ोतरी के साथ ही पेट्रोल 25 पैसे प्रति लीटर और डीजल 30 पैसे प्रति लीटर तक महंगा हो गया है। राजधानी दिल्ली में गुरुवार को पेट्रोल के दाम बढ़कर 101.64 रुपये प्रति लीटर, जबकि डीजल 89.87 रुपये प्रति लीटर हो गया है।

इंडियन ऑयल की वेबसाइट के मुताबिक देश के अन्य महानगरों मुंबई, चेन्नई और कोलकाता में पेट्रोल की कीमत बढ़कर क्रमश: 107.71 रुपये, 99.36 रुपये और 102.17 रुपये प्रति लीटर हो गया है। वहीं, डीजल के भाव भी बढ़कर क्रमश: 97.52 रुपये, 94.45 रुपये और 92.97 रुपये प्रति लीटर हो गया है। गौरतलब है कि देशभर में बीते चार दिन में डीजल के दाम में 4 बार बढ़ोतरी की गई है।

उल्लेखनीय है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल तीन साल के उच्चतम स्तर पर चल रहा है, जिसके चलते घरेलू बाजार में तेल के दाम बढ़ने लगे हैं। हालांकि, कल इसमें गिरावट दर्ज हुई थी। अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क ब्रेंट कच्चा तेल 0.57 फीसदी के नुकसान के साथ 77.90 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। वहीं, पिछले एक हफ्ते के भीतर डीजल लगभग डेढ़ रुपये प्रति लीटर महंगा हो गया है, जबकि पेट्रोल 40 से 45 पैसे तक महंगा हुआ है।

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चिकित्सा मंत्री डॉ रघु शर्मा ने कहा कि आमजन कार्डियोवेस्कुलर रोगों से बचाव के लिए आवश्यक है कि हम हैल्दी लाइफस्टाइल को अपनाएं। उन्होंने कहा कि हृदय से संबंधित बीमारियों से बचने के लिए सामान्य एक्सरसाइज के अलावा साइक्लिंग और स्वीमिंग जैसी परंपरागत एक्सरसाइज को भी नियमित दिनचर्या में शामिल करना चाहिए।

डॉ शर्मा ने बुधवार को वर्ल्ड हार्ट डे के मौके पर कार्डियोलॉजिकल सोसायटी आफ इंडिया की ओर से जयपुर में आयोजित ‘सीएसआई टूअर द रॉयल राजस्थान’ साइकिल मैराथन के समापन समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि हृदय रोग (सीवीडी) विश्व स्तर पर मृत्यु का प्रमुख कारण हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक वर्ष अनुमानित 17.9 मिलियन लोगों की जान इस रोग से जाती है। पांच में से चार से अधिक सीवीडी मौतें दिल के दौरे और स्ट्रोक के कारण होती हैं और इनमें से एक तिहाई मौतें 70 वर्ष से कम उम्र के लोगों में समय से पहले होती हैं।

चिकित्सकों का प्रयास सराहनीय

चिकित्सा मंत्री ने कहा कि हृदय रोग के चिकित्सकों की ओर से साइकिल मैराथन का आयोजन हृदय संबंधी बीमारियों के प्रति आमजन में जागरुकता के लिए करना एक सराहनीय कदम है। इस मैराथन में आमजन के साथ चिकित्सकों ने भी बड़ी संख्या में भाग लिया है जो कि प्रेरणादायी है। उन्होंने कहा कि चिकित्सकों के इस प्रयास को हम सभी को सफल बनाने के लिए प्रण लेना चाहिए जिससे कि हृदय रोगियों की संख्या में कमी हो सके और माननीय मुख्यमंत्री का निरोगी राजस्थान का सपना साकार हो सके।

प्रदेश के कई शहरों में हुआ आयोजन

कार्डियोलॉजिस्ट सोसायटी ऑफ इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट और मैराथन के कन्वीनर डॉ. जी.एल. शर्मा ने बताया कि राजधानी जयपुर में साइकिल मैराथन का प्रारंभ जयपुर मेडिकल एसोसिएशन एसएमएस (जेएमए) मेडिकल कॉलेज से हुआ। मैराथन जवाहर सर्किल स्थित पत्रिका गेट से वापस जयपुर मेडिकल एसोसिशन पर आकर समाप्त हुई। उन्होंने बताया कि वर्ल्ड हार्ट डे के अवसर पर साइकिल मैराथन का आयोजन जोधपुर, उदयपुर, बीकानेर, अजमेर और कोटा में भी किया गया।

चिकित्सा मंत्री ने किया सम्मानित

साइकिल मैराथन में बेहतर प्रदर्शन करने वाले प्रतियोगियों को चिकित्सा मंत्री डॉ रघु शर्मा ने मैडल पहनाकर सम्मानित किया। नॉन डाक्टर्स व डाक्टर्स कैटेगरी वाले प्रतियोगियों को सम्मानित किया गया। मैराथन में शामिल प्रतियोगियों में स्टेट चैम्पियन के अतिरिक्त बाइकर्स कैटेगरी में देशभर में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले साइक्लिस्ट भी शामिल रहे। साइकिल मैराथन के समापन समारोह में प्रदेश के गृह सचिव अभय कुमार भी शामिल हुए। उन्होंने साइकिल प्रेमियों का उत्साहवर्धन कर उन्हें सम्मानित भी किया। उन्होंने वर्ल्ड हार्ट डे पर आयोजित इस कार्यक्रम के लिए सभी को शुभकामनाएं भी दी।

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नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने मंगलवार को तीन लोकसभा सीटों और 14 राज्यों की 30 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर दी। सभी सीटों पर 30 अक्टूबर को मतदान होगा। हालांकि असम, बिहार और पश्चिम बंगाल में बाकी राज्यों से चुनाव कार्यक्रम में थोड़ा बदलाव रहेगा। सभी सीटों के नतीजे 2 नवंबर को आएंगे।

चुनाव आयोग के अनुसार महामारी, बाढ़, शीत लहर और राज्यों से प्राप्त जानकारी को आधार बनाते हुए सभी विषयों को ध्यान में रखते हुए तीन लोक सभा और 30 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की घोषणा की गई है।

आयोग के अनुसार लोकसभा कि केंद्र शासित प्रदेश दादरा नगर हवेली और दमन दीव की दादर एवं नगर हवेली सीट, मध्य प्रदेश की खंडवा और हिमाचल प्रदेश की मंडी सीट पर लोकसभा उपचुनाव कराए जाएंगे।

इसके अलावा आंध्र प्रदेश की बडवेल, असम की गोसाईगांव, भबानीपुर, तामुलपुर, मरियानी, थोवरा, बिहार की कुशेश्वर और तारापुर, हरियाणा की ऐलानाबाद, हिमाचल प्रदेश में फतेहपुर, आर्की, जुब्बाई, कर्नाटक की सिंडगी, हांगल, मध्य प्रदेश में पृथ्वीपुर, रायगांव, जोबाट, महाराष्ट्र की देगलुर (एससी), मेघालय की मावरिंगकेंग (एसटी), मावफलांग (एसटी), राजबाला, मिजोरम की तुरियाल (एससी), राजस्थान की वल्लभगढ़, धारियावाड, तेलंगाना की हुजुराबाद, पश्चिम बंगाल की दिनहाटा, सांतीपुर, खरदाहा और गोसाबा विधानसभा सीट पर उपचुनाव कराए जा रहे हैं।

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नई दिल्ली: अपने युवराज के चुनावी राजनीति में विफल होने के बाद कांग्रेस पार्टी ने मंगलवार को तथाकथित टुकड़े-टुकड़े गैंग के अगुवा रहे कन्हैया कुमार को पार्टी में शामिल किया है।

वहीं गुजरात से निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी ने कानूनों का हवाला देते हुए पार्टी की सदस्यता तो नहीं ली लेकिन उन्होंने पार्टी मुख्यालय पर आगामी विधानसभा चुनाव कांग्रेस के सिंबल पर लड़ने का वादा जरूर किया है।

कन्हैया कुमार ने कांग्रेस मुख्यालय पर प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि जब विपक्ष कमजोर होता है तो सत्ता तानाशाह हो जाती है। ऐसे में हमें एक मजबूत विपक्ष बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ही वो दल है जो भाजपा को रोक सकती है। ऐसे में अगर देश को बचाना है तो कांग्रेस को मजबूत करना ही होगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी एक बड़ी जहाज की तरह है अगर ये बची रहेगी तो करोड़ों युवाओं की आकांक्षाएं बचेंगी।

कुमार पूरी प्रेस वार्ता में अपनी पूर्व पार्टी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की प्रशंसा करते रहे, उसका बचाव करते रहे लेकिन सीपीआई नेता अतुल कुमार अंजान ने कन्हैया कुमार पर मौका परस्ती का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें संसद पहुंचने की बड़ी जल्दी है। इसीलिए वो कांग्रेस में शामिल हुए हैं लेकिन कांग्रेस को कन्हैया से कोई फायदा होने वाला नहीं है, क्योंकि कन्हैया का कोई जनाधार नहीं है।

जिग्नेश ने प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि अभी तकनीकी तौर पर कांग्रेस से वो नहीं जुड़ सकते हैं क्योंकि वो एक निर्दलीय विधायक हैं। ऐसी स्थिति में अगर वह किसी पार्टी में शामिल होते हैं तो विधायक के तौर पर अपना कार्यकाल वो पूरा नहीं कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि वो भले ही कांग्रेस में आधिकारिक तौर पर शामिल नहीं हो पाए हैं लेकिन वो कांग्रेस के विचारों के साथ हैं और आगामी विधानसभा चुनाव वो कांग्रेस के निशान पर चुनाव लड़ेंगे और कांग्रेस के लिए प्रचार भी करेंगे।

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस में शामिल होने से पहले कन्हैया कुमार और मेवाणी ने राहुल के साथ दिल्ली के आईटीओ स्थित शहीदी पार्क में भगत सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इस दौरान गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल भी मौजूद रहे।

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) का शुभारंभ किया। इसके तहत प्रत्येक नागरिक को एक यूनिक डिजिटल हेल्थ आईडी प्रदान की जाएगी, जिसमें उनके स्वास्थ्य से जुड़ी सारी जानकारी होगी।

गरीब और मध्यम वर्ग के ऐसे मरीजों का इसका सबसे बड़ा फायदा होगा जो उपचार के लिए गांवों से शहरों और दूसरे राज्यों में जाते हैं। वह अब बिना डॉक्टरों के पर्चे लिए देश के किसी भी कोने में इलाज के लिए जाएंगे तो डॉक्टर सिर्फ उनकी आईडी से यह जान सकेंगे कि उन्हें पहले कौन सी बीमारी रही है और उसका क्या इलाज किया गया है। 15 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री ने लाल किले की प्राचीर से आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन की घोषणा की थी।

प्रधानमंत्री ने इस मौके पर देश में डिजिटल पहल की सराहना करते हुए कहा कि आज का दिन बहुत महत्वपूर्ण है। पिछले सात सालों में देश की स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने का अभियान आज एक नए चरण में प्रवेश कर रहा है। उन्होंने इस चरण को असाधारण बताते हुए कहा कि आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन में भारत की स्वास्थ्य सुविधाओं में क्रांतिकारी बदवाल लाने की क्षमता है।

प्रधानमंत्री ने इस तथ्य को रेखांकित किया कि 130 करोड़ आधार नंबर, 118 करोड़ मोबाइल ग्राहक, लगभग 80 करोड़ इंटरनेट उपयोगकर्ता, करीब 43 करोड़ जनधन बैंक खातों के साथ इतना बड़ा जुड़ा हुआ बुनियादी ढांचा दुनिया में कहीं नही है। उन्होंने कहा कि यह डिजिटल बुनियादी ढांचा राशन से लेकर प्रशासन तक सब कुछ तेज और पारदर्शी तरीके से आम भारतीय तक पहुंचा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज शासन सुधारों में जिस तरह से प्रौद्योगिकी को इस्तेमाल किया जा रहा है वह अभूतपूर्व है।

प्रधानमंत्री ने आरोग्य सेतु ऐप की उपयोगिता का उल्लेख करते हुए कहा कि ऐप ने कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने में बहुत मदद की है। उन्होंने सबको वैक्सीन, मुफ्त वैक्सीन अभियान के तहत 90 करोड़ वैक्सीन डोज लगाने का रिकॉर्ड बनाने के लिए को-विन की सराहना की।

स्वास्थ्य में प्रौद्योगिकी के उपयोग की थीम को जारी रखते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में टेलीमेडिसिन का भी अभूतपूर्व विस्तार हुआ है। ई-संजीवनी के माध्यम से अब तक लगभग सवा करोड़ दूरस्थ परामर्श (रिमोट कंसल्टेशन) पूरे हो चुके हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सुविधा देश के दूर-दराज के हिस्सों में रहने वाले हजारों देशवासियों को घर बैठे शहरों के बड़े अस्पतालों के डॉक्टरों से प्रतिदिन जोड़ रही है।

प्रधानमंत्री ने टिप्पणी की कि आयुष्मान भारत-पीएम जेएवाई ने गरीबों के जीवन में एक प्रमुख चिंता को दूर किया है। इस योजना के तहत अब तक 2 करोड़ से अधिक देशवासियों ने मुफ्त इलाज की सुविधा का लाभ उठाया है, जिनमें से आधी महिलाएं हैं। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि बीमारियां परिवारों को गरीबी के दुष्चक्र में धकेलने के प्रमुख कारणों में से एक हैं और परिवारों की महिलाएं सबसे ज्यादा पीड़ित हैं क्योंकि वे हमेशा अपने स्वास्थ्य के मुद्दों को पृष्ठभूमि में ले जाती हैं। मोदी ने कहा कि उन्होंने आयुष्मान के कुछ लाभार्थियों से व्यक्तिगत रूप से मिलने का फैसला किया है और उन्होंने बातचीत के दौरान योजना के लाभों का अनुभव किया है। उन्होंने कहा, “ये स्वास्थ्य सेवा समाधान देश के वर्तमान और भविष्य में एक बड़ा निवेश हैं।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि आयुष्मान भारत-डिजिटल मिशन अब देश भर के अस्पतालों के डिजिटल स्वास्थ्य समाधानों को एक-दूसरे से जोड़ेगा। उन्होंने कहा कि मिशन न केवल अस्पतालों की प्रक्रियाओं को सरल बनाएगा बल्कि जीवन की सुगमता को भी बढ़ाएगा। इसके तहत अब प्रत्येक नागरिक को एक डिजिटल हेल्थ आईडी मिलेगी और उनका स्वास्थ्य रिकॉर्ड डिजिटल रूप से सुरक्षित रहेगा।

प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत समग्र और समावेशी स्वास्थ्य मॉडल पर काम कर रहा है। एक मॉडल जो निवारक स्वास्थ्य देखभाल और बीमारी के मामले में आसान, किफायती और सुलभ उपचार पर जोर देता है। उन्होंने स्वास्थ्य शिक्षा में अभूतपूर्व सुधारों पर भी चर्चा की और कहा कि 7-8 साल पहले की तुलना में अब भारत में बहुत अधिक संख्या में डॉक्टर और समान चिकित्सा जनशक्ति तैयार की जा रही है। देश में एम्स और अन्य आधुनिक स्वास्थ्य संस्थानों का एक व्यापक नेटवर्क स्थापित किया जा रहा है और हर तीन लोकसभा क्षेत्रों में एक मेडिकल कॉलेज की स्थापना का काम चल रहा है। उन्होंने गांवों में स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने की भी बात की और बताया कि गांवों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नेटवर्क और स्वास्थ्य केंद्रों को मजबूत किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि 80 हजार से अधिक ऐसे केंद्र पहले ही संचालित हो चुके हैं।

विश्व पर्यटन दिवस पर आज के कार्यक्रम के आयोजन का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य का पर्यटन से बहुत गहरा संबंध है। क्योंकि जब हमारा स्वास्थ्य ढांचा एकीकृत और मजबूत होता है तो वह पर्यटन क्षेत्र में भी सुधार करता है।

इस मौके पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि 15 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री ने लाल किले की प्राचीर से आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन की घोषणा की थी। मुझे खुशी है कि वह आज इसे लॉन्च कर रहे हैं। मुझे विश्वास है कि इससे स्वास्थ्य क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव आएगा। उन्होंने कहा कि इसे मरीजों के मेडिकल रिकॉर्ड नष्ट या खो जाने की समस्या से निजात मिलेगी। अब डिजिटल फॉर्मेट में मरीजों का यह डाटा सुरक्षित रहेगा। उन्होंने कहा कि अब डिजिटल कंसलटेशन से मरीजों का उपचार किया जा सकेगा।

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दिल्ली: संयुक्त किसान मोर्चा ने केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ 27 सितंबर को भारत बंद का आह्वान किया है. संयुक्त किसान मोर्चा के कुल 40 संगठनों ने आम लोगों के साथ-साथ कई राजनीतिक पार्टियों से भी समर्थन मांगा है.

भारत बंद के मद्देनजर दिल्ली समेत आसपास के कई राज्यों सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए गए हैं. बता दें कि किसानों के आंदोलन के दस महीने पूरे हो गए हैं लेकिन अब तक मोदी सरकार के साथ उनकी बात नहीं बन पाई है.

भारत बंद को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने बताया कि सोमवार को सुबह 6 बजे से लोकर शाम चार बजे तक बंद रहेगा. इस दौरान सभी सरकारी और निजी दफ्तर, शिक्षण संस्थान, दुकानें, उद्योग और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहेंगे. हालांकि आपात प्रतिष्ठानों, सेवाओं, अस्पतालों, दवा की दुकानों, राहत एवं बचाव कार्य और निजी इमरजेंसी सेवा पर कोई रोक नहीं रहेगी.

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