नई दिल्ली: सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने पाकिस्तान प्रायोजित फर्जी समाचार नेटवर्क साइट्स पर नकेल कसनी शुरू कर दी है। खुफिया एजेंसियों तथा सूचना के आधार पर सूचना प्रसारण मंत्रालय ने भारत विरोधी प्रचार और फर्जी खबरें फैलाने वाले 20 यूट्यूब चैनलों और 2 वेबसाइटों को ब्लॉक करने का आदेश दिया है।

इन यू- ट्यूब चैनल में पंच लाइन, वेब न्यूज, खालसा टीवी, द नेकड ट्रूथ, न्यूज 24, 48 न्यूज, हिस्टोरिकल फैक्ट्स, पंजाब वायरल, नया पाकिस्तान, गो ग्लोबल, तैयब हनीफ, कनीज फातिमा, बाजवा, मोहसिन राजपूत, जैन अली ऑफिशियल, अहमद मियां इमरान सहित 20 यूट्यूब चैनलों को तुरंत बंद करने का आदेश दिया गया है। इसके साथ 2 समाचार वेबसाइटों को भी बंद किया गया है।

केन्द्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि कुछ यू ट्यूब चैनल एवं वेबसाइट पाकिस्तान से संचालित एक दुष्प्रचार नेटवर्क से संबंधित हैं और भारत से संबंधित विभिन्न संवेदनशील विषयों के बारे में फर्जी खबरें फैला रहे हैं। इन चैनलों का उपयोग कश्मीर, भारतीय सेना, भारत में अल्पसंख्यक समुदायों, राम मंदिर, जनरल बिपिन रावत आदि जैसे विषयों पर योजनाबद्ध तरीके से विभाजनकारी सामग्री पोस्ट करने के लिए किया गया था।

भारत विरोधी दुष्प्रचार अभियान के तौर-तरीकों में द नया पाकिस्तान ग्रुप (एनपीजी) शामिल है, जो पाकिस्तान से संचालित होता है और जिसके पास यूट्यूब चैनलों का एक नेटवर्क है। इस दुष्प्रचार अभियान में कुछ अन्य वैसे यूट्यूब चैनल भी शामिल हैं, जो एनपीजी से संबंधित नहीं हैं। इस चैनलों का संयुक्त ग्राहक आधार 35 लाख से अधिक का था, और उनके वीडियो को 55 करोड़ से अधिक बार देखा गया था। नया पाकिस्तान समूह (एनपीजी) के कुछ यूट्यूब चैनल पाकिस्तानी समाचार चैनलों के एंकरों द्वारा संचालित किए जा रहे थे।

इन यूट्यूब चैनलों ने किसानों के प्रदर्शन, नागरिकता (संशोधन) अधिनियम से संबंधित प्रदर्शन जैसे मुद्दों पर भी सामग्री पोस्ट की थी और अल्पसंख्यकों को भारत सरकार के खिलाफ भड़काने की कोशिश की थी। इस बात की भी आशंका थी कि इन यूट्यूब चैनलों का इस्तेमाल पांच राज्यों में होने वाले आगामी चुनावों की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करने के उद्देश्य से सामग्री पोस्ट करने के लिए किया जाएगा।

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नई दिल्ली: लोकसभा में सोमवार को फर्जी मतदान को रोकने के उद्देश्य से मतदाता की पहचान के लिए आधार संख्या जोड़ने संबंधी चुनाव कानून (संशोधन) विधेयक,2021 को पारित कर दिया गया। विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।

कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने विधेयक पेश करते हुए कहा कि चुनाव सुधार की दिशा में लाए गए इस विधेयक से फर्जी मतदान रोकने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि आधार को मतदाता पहचान पत्र से जोड़ना स्वैच्छिक होगा।

विधेयक में प्रावधान है कि मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने वाले व्यक्ति की पहचान के लिए संबंधित चुनाव पंजीकरण अधिकारी आधार संख्या की मांग कर सकता है। इसके साथ ही मतदाता सूची की जांच के दौरान भी मतदाता की पहचान सुनिश्चित करने के लिए आधार संख्या मांगी जा सकती है। इस प्रक्रिया से यह सुनिश्चित हो सकेगा कि किसी व्यक्ति का नाम किसी अन्य निर्वाचन क्षेत्र में पहले से ही दर्ज है या नहीं।

विधेयक में मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने के लिए अब वर्ष में 4 तिथियों तक नाम दर्ज कराए जा सकते हैं। अब तक यह प्रावधान था कि कोई व्यक्ति जो एक जनवरी को 18 वर्ष का हो चुका है वह मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज करा सकता है। एक जनवरी के बाद 18 वर्ष का होने वाले व्यक्ति को मतदाता बनने के लिए एक वर्ष का इंतजार करना पड़ता था। अब नए विधेयक के प्रावधान के तहत एक जनवरी, एक अप्रैल, एक जुलाई और एक अक्टूबर को आयु निर्धारण की तिथियों के रूप में स्वीकार किया जाएगा। कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि आधार को मतदाता पहचान पत्र से जोड़ना स्वैच्छिक होगा।

उन्होंने कहा कि यह विधेयक मतदाताओं के हितों को ध्यान में रखकर लाया गया है। उन्होंने विपक्ष से विधेयक को सर्वसम्मति से पारित किए जाने का अनुरोध किया।

कांग्रेस सहित विभिन्न विपक्षी सदस्यों ने विधेयक के प्रावधानों पर आपत्तियां जताईं। उन्होंने विधेयक पर विस्तार से चर्चा किए जाने की मांग की। कांग्रेस सदस्य शशि थरूर ने कहा कि आधार नागरिकता का नहीं बल्कि निवासी होने का प्रमाण है। यदि आधार को मताधिकार के दस्तावेज के रूप में स्वीकार किया गया तो इससे गैर नागरिकों को भी वोट डालने का अधिकार मिल सकता है।

कांग्रेस के मनीष तिवारी ने कहा कि मत देना एक कानूनी अधिकार है। आधार को मतदाता पहचान पत्र से जोड़ना उचित नहीं है। तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने कहा कि सरकार चुनाव प्रक्रिया में दखलअंदाजी कर रही है।

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– प्रोजेक्ट-15बी का पहला जहाज आईएनएस विशाखापत्तनम पिछले महीने शामिल हो चुका है नौसेना में
– आईएनएस मोरमुगाओ को 2022 के मध्य तक भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल किये जाने की उम्मीद

नई दिल्ली: प्रोजेक्ट-15बी श्रेणी के दूसरे स्वदेशी स्टील्थ विध्वंसक मोरमुगाओ को गोवा मुक्ति दिवस पर पहले परीक्षण के लिए समुद्र में उतारा गया। यह जहाज परमाणु, जैविक और रासायनिक युद्ध के समय भी बचाव करने में सक्षम है। इसी प्रोजेक्ट के पहले जहाज आईएनएस विशाखापत्तनम को पिछले महीने भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था। समुद्री परीक्षण पूरे होने के बाद आईएनएस मोरमुगाओ को 2022 के मध्य तक नौसेना के बेड़े में शामिल किए जाने की उम्मीद है। पानी में उतारने से पहले मझगांव डाकयार्ड के पुजारी श्री पुराणिक ने इसकी विधिवत पूजा की।

मुंबई के मझगांव यार्ड से जलावतरण हुआ यह युद्धपोत स्वदेशी तकनीक से बना है। दो साल तक मोरमुगाओ का समुद्र में परीक्षण किया जाएगा। इसके मिलने से भारतीय नौसेना की कई गुना ताकत बढ़ जाएगी। 163 मीटर लंबे और 730 टन वजनी इस युद्धपोत में मिसाइलों को चकमा देने की क्षमता है। 65 फीसदी स्वदेशी तकनीक से निर्मित इस युद्धपोत को स्टील्थ तकनीक से बनाया गया है। यह जहाज परमाणु, जैविक और रासायनिक युद्ध के समय भी बचाव करने में सक्षम है। इस युद्धपोत पर 50 अधिकारियों समेत 250 नौसैनिक तैनात रहेंगे। इस युद्धपोत में चार शक्तिशाली गैस टर्बाइन इंजन लगे हैं। समुद्र में 56 किलोमीटर प्रति घंटा (30 नॉटिकल मील) की रफ्तार से चलने वाला यह युद्धपोत 75 हजार वर्ग किमी. समुद्री क्षेत्र की निगरानी कर सकता है।

इसे देश का सबसे शक्तिशाली युद्धपोत बताया जा रहा है। इस पर ब्रह्मोस, बराक-8 जैसी 8 मिसाइलें लगाई जाएंगी। देश के सबसे आधुनिक एडवांस्ड गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर में इजराइल का मल्टी फंक्शन सर्विलांस थ्रेट अलर्ट रडार ‘एमएफ-स्टार’ लगा है। यह कई किलोमीटर दूर से हवा में मौजूद लक्ष्य को पहचान लेगा जिससे सटीक निशाना लगाया जा सकेगा। यह उड़ते विमान पर 70 किलोमीटर और जमीन या समुद्र पर मौजूद लक्ष्य पर 300 किलोमीटर दूर से निशाना लगाने में सक्षम है। आईएनएस मोरमुगाओ 127 मिलीमीटर गन से लैस है, इसमें एके-630 एंटी मिसाइल गन सिस्टम भी है। मोरमुगाओ पर दो आरबीईयू-6000 एंटी सबमरीन रॉकेट लांचर भी लगे हैं। इस पर बेहद खराब मौसम के दौरान भी नौसेना के हेलीकॉप्टर लैंड कर सकेंगे।

आईएनएस मोरमुगाओ प्रोजेक्ट-15बी श्रेणी का दूसरा स्वदेशी स्टील्थ विध्वंसक है। इसे 2022 के मध्य तक नौसेना के बेड़े में शामिल करने की योजना है। जहाज को समुद्र में उतारने के लिए 19 दिसंबर को इसलिए चुना गया क्योंकि आज ही देश पुर्तगाली शासन से गोवा की मुक्ति के 60 साल पूरे होने का जश्न मना रहा है। भारतीय नौसेना ने गोवा मुक्ति आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इस जहाज के नाम को गोवा के समुद्री राज्य मोरमुगाओ को समर्पित करने से न केवल भारतीय नौसेना और गोवा के लोगों के बीच संबंध में वृद्धि होगी, बल्कि जहाज की पहचान को स्थायी रूप से राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका से भी जोड़ा जाएगा।

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-हर क्षेत्र में कायस्थों को विशेष जिम्मेदारी देने की जरूरत: अरविंद केजरीवाल
-न हम किसी के साथ हैं, न‍ किसी के खिलाफ, जो हमारे साथ है हम उसी के साथ: राजीव रंजन प्रसाद

नई दिल्‍ली: ग्‍लोबल कायस्‍थ कांफ्रेंस (जीकेसी) के ग्‍लोबल अध्‍यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि न तो हम किसी के साथ हैं, न‍ किसी के खिलाफ हैं, जो हमारे साथ है हम उसी के साथ।

जीकेसी के ग्‍लोबल अध्‍यक्ष ने रविवार को यहां तालकटोरा स्‍टेडियम में आयोजित विश्‍व कायस्‍थ महासम्‍मेलन……उम्‍मीदों का कारवां की अध्‍यक्षता करते यह बात कही। उन्‍होंने केंद्र और राज्‍य की सत्‍ता में शिखर पर बैठे लोगों का आगाह करते हुए कहा कि कायस्‍थ समाज अब अपना हक लेने के लिए पूरी तरह तैयार और एकजुट है।

राजीव रंजन ने कहा कि सम्पूर्ण भारत वर्ष के 5000 साल का इतिहास को यदि हम देखें तो कायस्थ समाज की हर काल खंड के शासन और प्रशासन में महत्वपूर्ण और विश्वसनीय भूमिका के उदाहरण दृष्टिगोचर हो जाते हैं। कायस्‍थों ने जरूरत पड़ी तो राष्ट्र की रक्षा में तलवारें भी उठाई है। इतना ही नहीं स्वाधीनता संग्राम से लेकर आजाद भारत में भी समाज के हस्ताक्षरों ने देश के महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी संभाली। लेकिन, आज कायस्थ कहीं न कहीं खुद को उपेक्षित महसूस कर रहा है। इसिलिए कायस्‍थों को अपनी एकजुटता दिखाने के साथ अपनी ताकत का एहसास दिलाने के लिए एक मंच पर आना पड़ा है।

उन्‍होंने महासम्‍मेलन में आए आगंतुकों का स्वागत करते हुए कहा कि हम विश्व कायस्थ महासम्मेलन के माध्यम से देशभर में बड़ी संख्या में फैले कायस्थ परिवारों को उनके राजनीतिक, आर्थिक शैक्षणिक और व्यावसायिक हितों को ध्यान में रखते हुए अपनी बुलंद आवाज को सत्ता तथा राजनीति के गलियारे तक पहुंचाने के लिए एकजुट हुए हैं।

विश्‍व कायस्‍थ महासम्‍मेलन का उद्घाटन करते हुए दिल्‍ली प्रदेश के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कायस्थ समाज का देश के निर्माण और समाज निर्माण में बड़ा योगदान रहा है। आजादी की लड़ाई में भी कायस्थ समाज ने बढ़-चढ़कर हिस्‍सा लिया और योगदान दिया है। सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि ‘हम नेपोलियन नहीं, हमें एक के बाद एक राज्य नहीं जीतने। हमें राजनीति नहीं करनी, राष्ट्र निर्माण करना है’। कायस्‍थ एक बुद्ध‍िजीवि वर्ग है, जिनका पहले भी राष्‍ट्र निर्माण में अहम योगदान रहा है।
उन्‍होंने कहा कि सिर्फ संख्‍या बल वालों को ही नहीं, बल्कि बौद्धिक क्षमता से परिपूर्ण लोगों को भी राजनीति में प्रमुख स्‍थान मिलना चाहिए। तभी एक विकसित राष्‍ट्र का निर्माण संभव हो सकेगा। इसके लिए पूरे देश में आंदोलन होना चाहिए, मैं कायस्थ समाज से इस आंदोलन में शामिल होने का आव्हान करता हूं।

इस अवसर पर उपस्थित सुविख्‍यात सिने स्‍टार एवं राजनीति के धुरंधर शत्रुघ्‍न सिन्‍हा ने विश्‍व कायस्‍थ महासम्‍मेन के आयोजन की प्रशंसा करते हुए कहा कि कायस्थ महासम्मेलन से कायस्थों के एकजुट होने का स्पष्ट संकेत मिलता है और जिस प्रकार से यहां देश के विभिन्न राज्यों तथा अन्य देशों से कायस्थों के प्रतिनिधि जुटे हैं उससे पता चलता है कि अब हमारे राजनीतिक अधिकारों एवं हितों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कायस्थ समाज की विशिष्टिताओं को किसी को बताने की जरूरत नहीं है, बल्कि उसे भरपूर आदर सम्मान देने की जरूरत है। उन्होंने दुनियाभर में फैले कायस्थों से एकजुट होकर समाज के लिए कार्य करने की अपील की।
इसके साथ ही पूर्व सांसद संजय निरुपम ने कहा कि कायस्थों का इतने बड़े पैमाने पर महासम्मेलन आयोजित होना यह स्पष्ट करता है कि अब हमारे हितों को कोई नजरअंदाज नहीं करेगा और हम सब संगठित होकर राजनीतिक के अलावा आर्थिक, व्यापारिक एवं शैक्षणिक अधिकारों को लेकर रहेंगे। कार्यक्रम में आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन के अलावा देश की प्रगति में कायस्थों की विशिष्ट भूमिका रही है और राष्ट्रहित में इस समाज के लोगों पर अब विशिष्ट जिम्मेवारी सौंपी जानी चाहिए।

इसके अलावा कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सुप्रसिद्ध अभिनेता अंजन श्रीवास्तव, प्रख्यात अभिनेता शेखर सुमन एवं उनके सुपुत्र अभिनेता अध्ययन सुमन ने कायस्थों को संगठित होकर कार्य करने की जरूरत पर बल दिया और कहा कि जब हम संगठित हो जाएंगे तो कोई भी हमें कमजोर समझ कर नजरअंदाज करने का प्रयास नहीं करेगा।

वहीं, विश्‍व हिंदु महासभा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष एवं धर्मगुरु स्‍वामी चक्रपाणी जी महाराज ने कायस्‍थों से जीकेसी के तहत अपनी खोई हुई प्रतिष्‍ठा को फिर से हासिल करने का आह्वान किया। उन्‍होंने कहा कि कायस्‍थ समाज को आर्थिक रूप से सबल करने के लिए भी एक रोडमैप तैयार करने पर बल दिया। स्‍वामी जी ने युवाओं को नौकरियों के साथ-साथ तकनीकि एवं व्‍यापार के क्षेत्र में बढ़-चढ़कर हिस्‍सा लेने की अपील की।
जीकेसी की प्रबंध न्‍यासी रागिनी रंजन ने राष्ट्र संगठन में महिलाओं की भूमिका को बेहद महत्वपूर्ण बताया और कहा कि महिलाएं जब आगे आ जाएंगे तो कायस्थों का हर तरह से सशक्त होना सुनिश्चित हो सकेगा। उन्‍होंने कहा कि युवाओं ने अपनी प्रतिभा से सभी बाधाओं को पार कर लिया है, वे वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना रहे हैं, लेकिन देश में ही अवसरों के लिए देश की राजनीति और प्रशासन में भी भागीदारी जरूरी है।

जीकेसी दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव ने कहा कि समाज को अब व्यापार क्षेत्र के लिए भी खुद को तैयार करना होगा। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि राजनीतिक क्षेत्र में मौजूदा वक्‍त में समाज का कितना प्रतिनिधित्व है। इसके लिए हमसभी को एकजुट होने की जरूरत है।
इस अवसर पर स्‍मारिका का विमोचन किया गया। इस महासम्‍मेलन में जीकेसी के राष्‍ट्रीय प्रवक्‍ता कमल किशोर, निश्का रंजन, अखिलेश श्रीवास्तव, आनंद सिन्हा, अनुराग सक्‍सेना, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दीपक कुमार अभिषेक, राष्ट्रीय प्रवक्ता अतुल आनंद सन्नू, संजय कुमार सिन्हा, तकनीकी सेल के अध्यक्ष आनंद सिन्हा, अनुराग सक्सेना, शिक्षा प्रकोष्ठ के ग्लोबल अध्यक्ष दीपक वर्मा, कला संस्कृति प्रकोष्ठ के ग्लोबल अध्यक्ष एवं सुप्रसिद्ध सिने कलाकार अंजन श्रीवास्तव, सुप्रसिद्ध पार्श्व गायिका प्रिया मल्लिक, मीडिया एवं कला संस्‍कृति सेल के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रेम कुमार, फिल्म निर्माता अशोक सक्सेना, ग्लोबल वरिष्ठ उपाध्यक्ष अखिलेश श्रीवास्तव, राष्ट्रीय महिला अध्यक्ष ऋतु खरे, नवीन कुमार, अवनिश श्रीवास्तव, नवीन श्रीवास्‍तव, श्रुति सिन्हा, पवन सक्सेना, मिहिर भोले, राजीव कांत, प्रशांत सक्सेना, सीसीसीआई के अध्यक्ष नवीन कुमार, युवा संभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष सौरभ कुमार वर्मा, युवा के राष्ट्रीय महासचिव कुमार आर्यन श्रीवास्तव, आलोक कुमार, चन्द्र भानु सिन्हा, दीप श्रेष्ठ , बिहार प्रदेश अध्यक्ष डा. नम्रता आनंद, राजेश सिन्हा संजू, आईटी सेल के आशुतोष ब्रजेश, प्रियरंजन, धमेंद्र प्रसाद मुन्‍ना, राजेश कुमार डब्लू, सुशील कुमार श्रीवास्तव, बलिराम जी, सुजीत कुमार सिन्हा दीपू, अधिवक्ता संजय कुमार सिन्हा, मनोज कुमार सिन्हा, डब्लू श्रीवास्तव, सुजय अम्बष्ठ, कैप्टन तरुण कुमार, रुपेश रंजन सिन्हा, सौरभ जयपुरियार, आलोक अविरल, शालिनी वैरागी, धनंजय प्रसाद, नीलेश रंजन, सुनिल श्रीवास्‍तव और राज कुमार श्रीवास्तव ने अपने विचार रखे। उक्‍त आशय की जानकारी दिल्‍ली प्रदेश मीडिया सेल के अध्‍यक्ष प्रजेश शंकर ने दी।

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शाहजहांपुर/नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज शाहजहांपुर में उत्तर प्रदेश के सबसे लंबे ‘गंगा एक्सप्रेस-वे’ की आधारशिला रखी। छह लेन वाला यह एक्सप्रेस-वे मेरठ के बिजौली गांव के निकट से शुरू होकर प्रयागराज के जुदापुर दांडू गांव तक जायेगा।

यह परियोजना देश भर में तेज गति से कनेक्टिविटी प्रदान करने संबंधी प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण से प्रेरित है। गंगा एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश के 12 जिलों से होकर गुजरेगा, जो राज्य के पश्चिमी और पूर्वी क्षेत्रों को जोड़ेगा।

594 किलोमीटर लंबा गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण में 36,200 करोड़ रुपये से अधिक की लागत का अनुमान है। इस पर शाहजहांपुर में 3.5 किमी लंबी हवाई पट्टी भी निर्मित की जाएगी।

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– अत्याधुनिक कनस्तर मिसाइल की मारक क्षमता 1000 किलोमीटर से 2000 किलोमीटर तक होगी
– अग्नि-4 और अग्नि-5 मिसाइलों में इस्तेमाल तकनीक से विकसित हुई है नई मिसाइल

नई दिल्ली: भारत ने शनिवार सुबह अग्नि शृंखला की सबसे नई पीढ़ी की ”अग्नि प्राइम” मिसाइल का तीसरा सफल परीक्षण ओडिशा तट पर किया। अत्याधुनिक अग्नि प्राइम को 4,000 किलोमीटर की रेंज वाली अग्नि-4 और 5,000 किलोमीटर की अग्नि-5 मिसाइलों में इस्तेमाल होने वाली अत्याधुनिक तकनीक से विकसित किया गया है। यह अग्नि श्रेणी की मिसाइलों की नई पीढ़ी का उन्नत संस्करण है। कनस्तर वाली इस मिसाइल की मारक क्षमता 1,000 से 2,000 किलोमीटर के बीच है।

प्रवक्ता के अनुसार रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने आज सुबह 10:55 बजे ओडिशा के बालासोर तट पर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से नई पीढ़ी की परमाणु सक्षम बैलिस्टिक मिसाइल ”अग्नि प्राइम” का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। पूर्वी तट पर स्थित विभिन्न टेलीमेट्री और रडार स्टेशनों ने मिसाइल पर नजर रखी। मिसाइल ने उच्च स्तर की सटीकता के साथ सभी मिशन उद्देश्यों को पूरा किया। ”अग्नि प्राइम” अग्नि श्रेणी की मिसाइलों का एक नई पीढ़ी का उन्नत संस्करण है। यह एक कनस्तर वाली मिसाइल है, जिसकी मारक क्षमता 1,000 से 2,000 किलोमीटर के बीच है।

डीआरडीओ ने पिछले साल सितम्बर और अक्टूबर में छह सप्ताह के भीतर 12 मिसाइलें लॉन्च करके दुनिया को अचंभित कर दिया था। डीआरडीओ ने कोरोना महामारी से पहले पहला परीक्षण 05 मार्च को और दूसरा परीक्षण इसी साल 28 जून को ओडिशा तट के एकीकृत परीक्षण रेंज में किया था। यह मिसाइल तकनीक सॉलिड फ्यूल डक्टेड रैमजेट (एसएफडीआर) थी, जो भारत को लंबी दूरी की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल विकसित करने में मदद करेगी। ”अग्नि प्राइम” को 4000 किलोमीटर की दूरी वाली अग्नि-4 और 5000 किलोमीटर की अग्नि-5 मिसाइलों में इस्तेमाल होने वाली अत्याधुनिक तकनीक से विकसित किया गया है।

अग्नि परियोजना से जुड़े एक रक्षा अधिकारी ने कहा कि अग्नि-I सिंगल-स्टेज की मिसाइल है जबकि ”अग्नि प्राइम” मिसाइल दो चरणों वाली है। ठोस ईंधन वाली इस मिसाइल को उन्नत रिंग-लेजर गायरोस्कोप पर आधारित जड़त्वीय नेविगेशन सिस्टम के जरिये निर्देशित किया जाएगा। दोनों चरणों में समग्र रॉकेट मोटर्स और मार्गदर्शन प्रणाली इलेक्ट्रोमैकेनिकल एक्ट्यूएटर्स से लैस हैं। डबल-स्टेज अग्नि प्राइम में एक कनस्तर संस्करण होगा, जिससे इसे सड़क और मोबाइल लॉन्चर दोनों से फायर किया जा सकता है। नई प्रौद्योगिकियों के एकीकरण के कारण पिछले संस्करण की तुलना में कम वजन वाली यह मिसाइल मारक क्षमता के मामले में अधिक घातक होगी।

भारत की पहली मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल के रूप में अग्नि- I का पहला परीक्षण मई 1989 में किया गया था। 700 किलोमीटर से 900 किलोमीटर की मारक क्षमता वाली अग्नि-I को 2004 में सशस्त्र बलों में शामिल किया गया था। सफल प्रायोगिक परीक्षणों के बाद अग्नि प्राइम मिसाइल के सशस्त्र बलों में अग्नि-I मिसाइल की जगह लेने की उम्मीद है। भारत के पास फिलहाल सबसे महत्वाकांक्षी अग्नि शृंखला में पांच मिसाइलें हैं।

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भोपाल: शहीद ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह पंचतत्व में विलीन हो गए। शहीद कैप्टन का अंतिम संस्कार शुक्रवार सुबह बैरागढ़ विश्राम घाट पर किया गया, जहां उनके भाई और बेटे ने उन्हें मुखाग्नि दी। बेटे को विदाई देते समय पिता रिटायर्ड कर्नल केपी सिंह भावुक हो गए।

इससे पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी कैप्टन को सैल्यूट कर श्रद्धांजलि अर्पित की तथा परिजनों को ढांढस बंधाया। अंतिम संस्कार के पूर्व तीनों सेनाओं की टुकड़ी के कैप्टन वरुण सिंह को गार्ड ऑफ ऑनर दिया।

सेना के थ्री-ईएमई सेंटर स्थित मिलिट्री हॉस्पिटल से ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के पार्थिव शरीर को बैरागढ़ स्थित यथाशक्ति विश्राम घाट पर सुबह 11 बजे लाया गया। फूलों से सजे सेना के ट्रक में वरुण की पार्थिव देह रखी थी। पूरे रास्ते लोग भारत माता की जय, वरुण सिंह अमर रहें … के नारे लगाते रहे। मिलिट्री हॉस्पिटल से विश्राम घाट के बीच के करीब आधा किलोमीटर के रास्ते में लोगों ने अंतिम यात्रा पर फूल बरसाकर ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह को विदाई दी।

उल्लेखनीय है कि तमिलनाडु के कुन्नूर में 8 दिसंबर को सीडीएस जनरल बिपिन रावत के साथ हेलीकॉप्टर क्रैश में घायल वरुण सिंह का बुधवार को निधन हो गया था। वरुण 7 दिन से बेंगलुरु के अस्पताल में भर्ती थे।

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नई दिल्ली: लोकसभा में बुधवार को लखीमपुर खीरी मामले को लेकर कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के इस्तीफे की मांग की। सदन में हंगामा बढ़ता देख अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

लोकसभा में सुबह 11 बजे सदन की बैठक शुरू होने पर अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल की कार्यवाही शुरू की और राहुल गांधी का नाम सवाल पूछने के लिए पुकारा। कांग्रेस नेता ने सवाल पूछने की बजाय लखीमपुर खीरी में किसानों को गाड़ी से कुचलने का मामला उठाते हुए कहा कि विशेष जांच दल की रिपोर्ट में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्र के बेटे आशीष मिश्रा पर साजिश के तहत किसानों पर गाड़ी चढ़ाने की बात कही गई है। राहुल जब इस बारे में अपनी बात रख रहे थे तो अध्यक्ष बिरला ने उन्हें कई बार टोकते हुए प्रश्न पूछने की सलाह दी। बावजूद, कांग्रेस सदस्य ने इस मामले को आगे बढ़ाते हुए गृह राज्यमंत्री के इस्तीफे की मांग की।

बिरला ने उन्हें कई बार टोका किंतु राहुल ने सवाल पूछने की बजाय लखीमपुर खीरी की घटना का जिक्र किया। इस दौरान कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल के सदस्य आसन के समीप आकर मिश्रा के इस्तीफे की मांग करते हुए हंगामा और नारेबाजी करने लगे।

संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सदन में हंगामें पर कहा कि एक ओर कांग्रेस के सदस्य सवाल पूछने के लिए खड़े हैं और दूसरी और उनकी पार्टी के सदस्य हंगामा कर रहे हैं।

अध्यक्ष बिरला ने सदन में हंगामा बढ़ता देख बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

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New Delhi: तीनों सेना प्रमुखों में सबसे वरिष्ठ थल सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे को चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। यह पद हेलीकॉप्टर क्रैश में सीडीएस जनरल बिपिन रावत के निधन के बाद से रिक्त था। सीएससी का अतिरिक्त प्रभार दिए जाने के बाद जनरल नरवणे को जल्द ही औपचारिक रूप से देश का अगला सीडीएस बनाए जाने का संकेत मिला है।

चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी (सीएससी) के अध्यक्ष पद का अतिरिक्त प्रभार

भारत के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत का 08 दिसम्बर को हेलीकॉप्टर दुर्घटना में निधन होने के बाद से रिक्त चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी (सीएससी) के अध्यक्ष पद का अतिरिक्त प्रभार थल सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे को सौंपा गया है। नरवणे को इस पद का प्रभार मौजूदा तीनों सेना प्रमुखों में सबसे वरिष्ठ होने के कारण दिया गया है।

सबसे वरिष्ठ

सीडीएस जनरल रावत का निधन होने के बाद से ही सैन्य बलों के प्रमुख पद के लिए जनरल नरवणे का नाम ही सबसे आगे चल रहा था। दरअसल, भारतीय वायुसेना के चीफ एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने 30 सितंबर को और नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने 30 नवंबर को अपने-अपने पद संभाले थे। सबसे वरिष्ठ होने के नाते सीएससी पद का प्रभार सौंपे जाने के बाद इस संभावना को और बल मिला है कि देश के अगले सीडीएस के रूप में जल्द ही जनरल नरवणे के नाम का औपचारिक रूप से ऐलान हो सकता है। देश में सीडीएस का पद गठित किए जाने से पहले तीनों सेना प्रमुखों में से सबसे वरिष्ठ को ही चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी का अध्यक्ष बनाया जाता था।

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के पद से पहले तीनों सेना प्रमुखों में सबसे वरिष्ठ चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष हुआ करते थे। सरकार को सीमा पर चीन और पाकिस्तान से पेश आने वाली सुरक्षा चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए जल्द से जल्द नए सीडीएस की नियुक्ति करनी होगी। इसीलिए दुर्घटना के चंद घंटों के बाद हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की सुरक्षा संबंधी समिति (सीसीएस) की बैठक में भी इस मुद्दे पर चर्चा की गई थी।

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नई दिल्ली: देश के लिए बड़ी खुशखबरी है। दुर्गा पूजा को अब विश्व स्तर पर मान्यता मिल गयी है। संयुक्त राष्ट्र संघ की सांस्कृतिक इकाई यूनेस्को ने कोलकाता की दुर्गा पूजा को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सूची में शामिल कर लिया है।

यूनेस्को की पेरिस में आयोजित अंतर सरकारी समिति के 16वें सत्र के दौरान कोलकाता में दुर्गा पूजा को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की प्रतिनिधि सूची में शामिल किया गया है।

उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल सहित पूरे देश में दुर्गा पूजा बहुत ही धूमधाम से मनाई जाती है। बंगाल सरकार ने यूनेस्को से दुर्गा पूजा को विरासत का दर्जा देने की अपील की थी, जिसे यूनेस्को ने मंजूरी दे दी है।

दुर्गा पूजा के दौरान बंगाल की राजधानी कोलकाता के हर गली-चौराहे और सड़कों पर सुबह से ही माइक्रोफोन और लाउडस्पीकर पर माता की पूजा-अर्चना और मंत्र गूंजते रहते हैं। इसमें सभी धर्मों और संस्कृतियों के लोग शामिल होते हैं और यह त्योहार धीरे-धीरे देश के तमाम हिस्सों में फैलता जा रहा है।

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नई दिल्ली: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद बुधवार को बांग्लादेश की तीन दिवसीय राजकीय यात्रा पर रवाना हो गये। कोविड-19 महामारी प्रकोप के बाद से राष्ट्रपति की यह पहली राजकीय यात्रा है।

राष्ट्रपति कोविंद 15 से 17 दिसंबर तक अपनी यात्रा के दौरान मुजीब शातो बोरशो के विशेष समारोह और बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम की 50वीं वर्षगांठ के विजय दिवस समारोह में भाग लेने सहित कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे।

राष्ट्रपति के रवाना होने से एक दिन पहले विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने पत्रकार वार्ता में बताया कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद बांग्लादेश के राष्ट्रपति अब्दुल हमीद के साथ एक प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता करेंगे। साथ ही बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना और विदेश मंत्री डॉ. एके अब्दुल मोमन भी राष्ट्रपति कोविंद से मुलाकात करेंगे।

राष्ट्रपति के प्रतिनिधिमंडल में शिक्षा राज्यमंत्री सुभाष सरकार और संसद सदस्य राजदीप राय भी शामिल हैं। वर्ष 2021 बांग्लादेश की आजादी का स्वर्ण जयंती वर्ष है तथा दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध स्थापित होने की 50वीं वर्षगांठ है। भारत और बांग्लादेश के संबंध हमेशा की तरह बहुआयामी और निकट मित्रता वाले बने हुए हैं। द्विपक्षीय संबंधों में कोई शिथिलता नहीं आई है।

उल्लेखनीय है कि इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बांग्लादेश की स्वतंत्रता की स्वर्ण जयंती समारोह में शामिल होने के लिए इस वर्ष 26 से 27 मार्च तक बांग्लादेश की राजकीय यात्रा की थी। यह अवसर राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान की जन्म शताब्दी और भारत और बांग्लादेश के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना के 50वीं वर्षगांठ का था। आज से 50 वर्ष पूर्व भारतीय सेना और मुक्ति वाहिनी ने 16 दिसंबर को ही पाकिस्तानी सेना से बांग्लादेश को मुक्त कराया था।

बांग्लादेश भारत की ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति का प्रमुख स्तंभ है। भारत और बांग्लादेश सुरक्षा, सीमा प्रबंधन व रक्षा, जल संसाधन, व्यापार, परिवहन व कनेक्टिविटी, स्वास्थ्य, संस्कृति व लोगों से लोगों के बीच संबंधों, ऊर्जा और शक्ति से लेकर विकास के विविध क्षेत्रों में प्रगतिशील, व्यापक और पर्याप्त सहयोग कर रहे हैं। दोनों देशों ने कोविड-19 महामारी के दौरान चुनौतियों का सामना करने में घनिष्ठ सहयोग किया है।

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श्रीनगर: श्रीनगर के पंथाचौक के साथ लगते जेबन इलाके में सोमवार शाम को जम्मू-कश्मीर आर्म्ड पुलिस के जवानों को ले जा रही एक बस पर आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग कर दी। इस हमले में पुलिस के दो जवान शहीद हो गए और कम से कम 12 जवान घायल हुए हैं। घायलों में दो जवानों की हालत गंभीर है।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार, जम्मू-कश्मीर आर्म्ड पुलिस की नौवीं बटालियन के जवान बस में सवार होकर जेबन इलाके से गुजर रहे थे। इस दौरान इलाके में पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने उनपर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस के जवान जब तक मोर्चा संभालते तब तक आतंकी मौके से भाग चुके थे। इस हमले में पुलिस के कम से कम 14 जवान घायल हो गए, जिनमें से चार लोग गंभीर रूप से घायल हैं। सभी घायलों को तुरंत श्रीनगर अस्पताल पहुंचाया गया, जहां पर इलाज के दौरान गंभीर रूप से घायल दो जवानों ने दम तोड़ दिया। दो शहीद हुए जवानों में एक एएसआई और एक सिलेक्शन ग्रेड कांस्टेबल शामिल है। वहीं इस हमले के तुरंत बाद सुरक्षाबलों ने पूरे क्षेत्र की घेराबंदी कर तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। तलाशी अभियान के दौरान हर वाहनों की कड़ी तलाशी ली जा रही है।

आतंकियों के इस हमले में बस में सवार एएसआई गुलाम हसन, कांस्टेबल सज्जाद अहमद, कांस्टेबल रमीज अहमद, कांस्टेबल बिशम्बर दास, सिलेक्शन ग्रेड कांस्टेबल संजय कुमार, सिलेक्शन ग्रेड कांस्टेबल विकास शर्मा, कांस्टेबल अब्दुल माजिद, कांस्टेबल मुदासिर अहमद, कांस्टेबल रविकांत, कांस्टेबल शौकत अली, कांस्टेबल अरशद मोहम्मद, सिलेक्शन ग्रेड कांस्टेबल शफीक अली, कांस्टेबल सतवीर शर्मा और कांस्टेबल आदिल अली घायल हो गए। इनमें से एएसआई गुलाम हसन और एक सिलेक्शन ग्रेड कांस्टेबल ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। शहीद होने वाले सिलेक्शन ग्रेड कांस्टेबल का नाम अभी स्पष्ट नहीं हो सका है।

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