भोपाल: शहीद ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह पंचतत्व में विलीन हो गए। शहीद कैप्टन का अंतिम संस्कार शुक्रवार सुबह बैरागढ़ विश्राम घाट पर किया गया, जहां उनके भाई और बेटे ने उन्हें मुखाग्नि दी। बेटे को विदाई देते समय पिता रिटायर्ड कर्नल केपी सिंह भावुक हो गए।

इससे पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी कैप्टन को सैल्यूट कर श्रद्धांजलि अर्पित की तथा परिजनों को ढांढस बंधाया। अंतिम संस्कार के पूर्व तीनों सेनाओं की टुकड़ी के कैप्टन वरुण सिंह को गार्ड ऑफ ऑनर दिया।

सेना के थ्री-ईएमई सेंटर स्थित मिलिट्री हॉस्पिटल से ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के पार्थिव शरीर को बैरागढ़ स्थित यथाशक्ति विश्राम घाट पर सुबह 11 बजे लाया गया। फूलों से सजे सेना के ट्रक में वरुण की पार्थिव देह रखी थी। पूरे रास्ते लोग भारत माता की जय, वरुण सिंह अमर रहें … के नारे लगाते रहे। मिलिट्री हॉस्पिटल से विश्राम घाट के बीच के करीब आधा किलोमीटर के रास्ते में लोगों ने अंतिम यात्रा पर फूल बरसाकर ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह को विदाई दी।

उल्लेखनीय है कि तमिलनाडु के कुन्नूर में 8 दिसंबर को सीडीएस जनरल बिपिन रावत के साथ हेलीकॉप्टर क्रैश में घायल वरुण सिंह का बुधवार को निधन हो गया था। वरुण 7 दिन से बेंगलुरु के अस्पताल में भर्ती थे।

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नई दिल्ली: लोकसभा में बुधवार को लखीमपुर खीरी मामले को लेकर कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के इस्तीफे की मांग की। सदन में हंगामा बढ़ता देख अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

लोकसभा में सुबह 11 बजे सदन की बैठक शुरू होने पर अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल की कार्यवाही शुरू की और राहुल गांधी का नाम सवाल पूछने के लिए पुकारा। कांग्रेस नेता ने सवाल पूछने की बजाय लखीमपुर खीरी में किसानों को गाड़ी से कुचलने का मामला उठाते हुए कहा कि विशेष जांच दल की रिपोर्ट में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्र के बेटे आशीष मिश्रा पर साजिश के तहत किसानों पर गाड़ी चढ़ाने की बात कही गई है। राहुल जब इस बारे में अपनी बात रख रहे थे तो अध्यक्ष बिरला ने उन्हें कई बार टोकते हुए प्रश्न पूछने की सलाह दी। बावजूद, कांग्रेस सदस्य ने इस मामले को आगे बढ़ाते हुए गृह राज्यमंत्री के इस्तीफे की मांग की।

बिरला ने उन्हें कई बार टोका किंतु राहुल ने सवाल पूछने की बजाय लखीमपुर खीरी की घटना का जिक्र किया। इस दौरान कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल के सदस्य आसन के समीप आकर मिश्रा के इस्तीफे की मांग करते हुए हंगामा और नारेबाजी करने लगे।

संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सदन में हंगामें पर कहा कि एक ओर कांग्रेस के सदस्य सवाल पूछने के लिए खड़े हैं और दूसरी और उनकी पार्टी के सदस्य हंगामा कर रहे हैं।

अध्यक्ष बिरला ने सदन में हंगामा बढ़ता देख बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

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New Delhi: तीनों सेना प्रमुखों में सबसे वरिष्ठ थल सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे को चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। यह पद हेलीकॉप्टर क्रैश में सीडीएस जनरल बिपिन रावत के निधन के बाद से रिक्त था। सीएससी का अतिरिक्त प्रभार दिए जाने के बाद जनरल नरवणे को जल्द ही औपचारिक रूप से देश का अगला सीडीएस बनाए जाने का संकेत मिला है।

चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी (सीएससी) के अध्यक्ष पद का अतिरिक्त प्रभार

भारत के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत का 08 दिसम्बर को हेलीकॉप्टर दुर्घटना में निधन होने के बाद से रिक्त चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी (सीएससी) के अध्यक्ष पद का अतिरिक्त प्रभार थल सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे को सौंपा गया है। नरवणे को इस पद का प्रभार मौजूदा तीनों सेना प्रमुखों में सबसे वरिष्ठ होने के कारण दिया गया है।

सबसे वरिष्ठ

सीडीएस जनरल रावत का निधन होने के बाद से ही सैन्य बलों के प्रमुख पद के लिए जनरल नरवणे का नाम ही सबसे आगे चल रहा था। दरअसल, भारतीय वायुसेना के चीफ एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने 30 सितंबर को और नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने 30 नवंबर को अपने-अपने पद संभाले थे। सबसे वरिष्ठ होने के नाते सीएससी पद का प्रभार सौंपे जाने के बाद इस संभावना को और बल मिला है कि देश के अगले सीडीएस के रूप में जल्द ही जनरल नरवणे के नाम का औपचारिक रूप से ऐलान हो सकता है। देश में सीडीएस का पद गठित किए जाने से पहले तीनों सेना प्रमुखों में से सबसे वरिष्ठ को ही चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी का अध्यक्ष बनाया जाता था।

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के पद से पहले तीनों सेना प्रमुखों में सबसे वरिष्ठ चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष हुआ करते थे। सरकार को सीमा पर चीन और पाकिस्तान से पेश आने वाली सुरक्षा चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए जल्द से जल्द नए सीडीएस की नियुक्ति करनी होगी। इसीलिए दुर्घटना के चंद घंटों के बाद हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की सुरक्षा संबंधी समिति (सीसीएस) की बैठक में भी इस मुद्दे पर चर्चा की गई थी।

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नई दिल्ली: देश के लिए बड़ी खुशखबरी है। दुर्गा पूजा को अब विश्व स्तर पर मान्यता मिल गयी है। संयुक्त राष्ट्र संघ की सांस्कृतिक इकाई यूनेस्को ने कोलकाता की दुर्गा पूजा को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सूची में शामिल कर लिया है।

यूनेस्को की पेरिस में आयोजित अंतर सरकारी समिति के 16वें सत्र के दौरान कोलकाता में दुर्गा पूजा को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की प्रतिनिधि सूची में शामिल किया गया है।

उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल सहित पूरे देश में दुर्गा पूजा बहुत ही धूमधाम से मनाई जाती है। बंगाल सरकार ने यूनेस्को से दुर्गा पूजा को विरासत का दर्जा देने की अपील की थी, जिसे यूनेस्को ने मंजूरी दे दी है।

दुर्गा पूजा के दौरान बंगाल की राजधानी कोलकाता के हर गली-चौराहे और सड़कों पर सुबह से ही माइक्रोफोन और लाउडस्पीकर पर माता की पूजा-अर्चना और मंत्र गूंजते रहते हैं। इसमें सभी धर्मों और संस्कृतियों के लोग शामिल होते हैं और यह त्योहार धीरे-धीरे देश के तमाम हिस्सों में फैलता जा रहा है।

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नई दिल्ली: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद बुधवार को बांग्लादेश की तीन दिवसीय राजकीय यात्रा पर रवाना हो गये। कोविड-19 महामारी प्रकोप के बाद से राष्ट्रपति की यह पहली राजकीय यात्रा है।

राष्ट्रपति कोविंद 15 से 17 दिसंबर तक अपनी यात्रा के दौरान मुजीब शातो बोरशो के विशेष समारोह और बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम की 50वीं वर्षगांठ के विजय दिवस समारोह में भाग लेने सहित कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे।

राष्ट्रपति के रवाना होने से एक दिन पहले विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने पत्रकार वार्ता में बताया कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद बांग्लादेश के राष्ट्रपति अब्दुल हमीद के साथ एक प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता करेंगे। साथ ही बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना और विदेश मंत्री डॉ. एके अब्दुल मोमन भी राष्ट्रपति कोविंद से मुलाकात करेंगे।

राष्ट्रपति के प्रतिनिधिमंडल में शिक्षा राज्यमंत्री सुभाष सरकार और संसद सदस्य राजदीप राय भी शामिल हैं। वर्ष 2021 बांग्लादेश की आजादी का स्वर्ण जयंती वर्ष है तथा दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध स्थापित होने की 50वीं वर्षगांठ है। भारत और बांग्लादेश के संबंध हमेशा की तरह बहुआयामी और निकट मित्रता वाले बने हुए हैं। द्विपक्षीय संबंधों में कोई शिथिलता नहीं आई है।

उल्लेखनीय है कि इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बांग्लादेश की स्वतंत्रता की स्वर्ण जयंती समारोह में शामिल होने के लिए इस वर्ष 26 से 27 मार्च तक बांग्लादेश की राजकीय यात्रा की थी। यह अवसर राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान की जन्म शताब्दी और भारत और बांग्लादेश के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना के 50वीं वर्षगांठ का था। आज से 50 वर्ष पूर्व भारतीय सेना और मुक्ति वाहिनी ने 16 दिसंबर को ही पाकिस्तानी सेना से बांग्लादेश को मुक्त कराया था।

बांग्लादेश भारत की ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति का प्रमुख स्तंभ है। भारत और बांग्लादेश सुरक्षा, सीमा प्रबंधन व रक्षा, जल संसाधन, व्यापार, परिवहन व कनेक्टिविटी, स्वास्थ्य, संस्कृति व लोगों से लोगों के बीच संबंधों, ऊर्जा और शक्ति से लेकर विकास के विविध क्षेत्रों में प्रगतिशील, व्यापक और पर्याप्त सहयोग कर रहे हैं। दोनों देशों ने कोविड-19 महामारी के दौरान चुनौतियों का सामना करने में घनिष्ठ सहयोग किया है।

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श्रीनगर: श्रीनगर के पंथाचौक के साथ लगते जेबन इलाके में सोमवार शाम को जम्मू-कश्मीर आर्म्ड पुलिस के जवानों को ले जा रही एक बस पर आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग कर दी। इस हमले में पुलिस के दो जवान शहीद हो गए और कम से कम 12 जवान घायल हुए हैं। घायलों में दो जवानों की हालत गंभीर है।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार, जम्मू-कश्मीर आर्म्ड पुलिस की नौवीं बटालियन के जवान बस में सवार होकर जेबन इलाके से गुजर रहे थे। इस दौरान इलाके में पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने उनपर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस के जवान जब तक मोर्चा संभालते तब तक आतंकी मौके से भाग चुके थे। इस हमले में पुलिस के कम से कम 14 जवान घायल हो गए, जिनमें से चार लोग गंभीर रूप से घायल हैं। सभी घायलों को तुरंत श्रीनगर अस्पताल पहुंचाया गया, जहां पर इलाज के दौरान गंभीर रूप से घायल दो जवानों ने दम तोड़ दिया। दो शहीद हुए जवानों में एक एएसआई और एक सिलेक्शन ग्रेड कांस्टेबल शामिल है। वहीं इस हमले के तुरंत बाद सुरक्षाबलों ने पूरे क्षेत्र की घेराबंदी कर तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। तलाशी अभियान के दौरान हर वाहनों की कड़ी तलाशी ली जा रही है।

आतंकियों के इस हमले में बस में सवार एएसआई गुलाम हसन, कांस्टेबल सज्जाद अहमद, कांस्टेबल रमीज अहमद, कांस्टेबल बिशम्बर दास, सिलेक्शन ग्रेड कांस्टेबल संजय कुमार, सिलेक्शन ग्रेड कांस्टेबल विकास शर्मा, कांस्टेबल अब्दुल माजिद, कांस्टेबल मुदासिर अहमद, कांस्टेबल रविकांत, कांस्टेबल शौकत अली, कांस्टेबल अरशद मोहम्मद, सिलेक्शन ग्रेड कांस्टेबल शफीक अली, कांस्टेबल सतवीर शर्मा और कांस्टेबल आदिल अली घायल हो गए। इनमें से एएसआई गुलाम हसन और एक सिलेक्शन ग्रेड कांस्टेबल ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। शहीद होने वाले सिलेक्शन ग्रेड कांस्टेबल का नाम अभी स्पष्ट नहीं हो सका है।

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नई दिल्ली: देश के लिए यह गौरवशाली अवसर है जब 21 साल बाद भारत के पास मिस यूनिवर्स का ताज वापस आ गया। जी हां, 70वां मिस यूनिवर्स पेजेंट 12 दिसंबर को इजराइल में आयोजित हुआ, जिसमें भारत की बेटी हरनाज कौर संधू ने साउथ अफ्रीका और पराग्वे को पीछे छोड़ते हुए मिस यूनिवर्स का ताज अपने नाम कर लिया है।

जवाब से दिल जीता
इस प्रतियोगिता के फाइनल में टॉप तीनों प्रतियोगियों से सवाल पूछा गया था कि आप दबाव का सामना कर रहीं महिलाओं को क्या सलाह देंगी? इस पर हरनाज कौर संधू ने जवाब दिया, आपको यह मानना होगा कि आप अद्वितीय हैं और यही आपको खूबसूरत बनाती है। बाहर आएं, अपने लिए बोलना सीखें क्योंकि आप अपने जीवन की लीडर हैं। हरनाज के जवाब ने हर किसी का दिल जीत लिया। इसी के साथ हरनाज मिस यूनिवर्स 2021 बन गईं।

सुष्मिता, लारा के बाद हरनाज
21 साल बाद भारत को मिस यूनिवर्स का ताज मिला। इससे पहले साल 1994 में सुष्मिता सेन और 2000 में लारा दत्ता ने खिताब जीता था। ऐसे में भारत ने तीसरी बार ताज जीता है। हरनाज कौर संधू के मिस यूनिवर्स बनने से पूरे देश में ख़ुशी की लहर है। भारतीयों के लिए यह गर्व का क्षण है।

मिस चंडीगढ़ रह चुकी हैं हरनाज
चंडीगढ़ की रहने वाली हरनाज संधू पेशे से मॉडल हैं। 21 साल की हरनाज मॉडलिंग व कई पेजेंट में हिस्सा ले चुकीं हैं। हरनाज ने साल 2017 में मिस चंड़ीगढ़ का खिताब जीता था। इसके बाद उन्होंने मिस मैक्स इमर्जिंग स्टार इंडिया का खिताब अपने नाम किया। हरनाज ने मिस इंडिया 2019 में हिस्सा लिया और तब वह टॉप 12 तक पहुंची थीं। मॉडलिंग के साथ-साथ हरनाज एक्टिंग में भी कदम रख चुकी हैं। हरनाज के पास दो पंजाबी फिल्म ‘यारा दियां पू बारां’ और ‘बाई जी कुट्टांगे’ हैं, जो अगले साल रिलीज होगी।

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—खास रवि महायोग में बाबा का वैदिक मंत्रोच्चार के बीच षोडशोपचार पूजन

वाराणसी: श्री काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के पूर्व सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ललिताघाट पर गेरूआ वस्त्र धारण कर पवित्र गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। गंगा में पुष्प अर्पित कर भगवान सूर्य को जल देने के बाद प्रधानमंत्री पूरे आस्था के साथ कलश में गंगा जल भर पैदल ही जेटी पर पहुंचे। यहां गीला वस्त्र बदलने के बाद नया वस्त्र परम्परागत धोती, कुर्ता, रेशमी दुपट्टा धारण कर प्रधानमंत्री कार से गंगाजल कलश लेकर मंदिर चौक तक गये। फिर डमरूओं के निनाद के बीच लोगों का अभिवादन स्वीकार करते हुए बाबा विश्वनाथ के गर्भगृह में हाजिरी लगाई।

अपने संकल्प को मूर्त रूप लेने पर प्रधानमंत्री ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच बेहद खास रेवती नक्षत्र और रवि महायोग में आदि विशेशर के पावन ज्योर्तिलिंग पर गंगा जल सहित पवित्र नदियों के जल से जलाभिषेक किया। उनके प्रति अपार आस्था दिखाई। श्री काशी विद्वत परिषद के मार्गदर्शन में मंदिर के अर्चक पं.श्रीकांत मिश्र,डॉ नागेन्द्र पांडेय,पं.ओमप्रकाश मिश्र आदि ने मंत्रोच्चार के बीच बाबा का षोडशोपचार पूजन प्रारम्भ कराया। पूजन अर्चन के बाद प्रधानमंत्री को गर्भगृह के बाहर चौक पर शिवसंकल्प सूक्त का संकल्प दिलाने का कार्यक्रम तय था। प्रधानमंत्री ने बाबा से राष्ट्र उन्नति, विश्व कल्याण, के लिए मानस प्रार्थना की। फिर खास नक्षत्र में प्रधानमंत्री के धाम को राष्ट्र के लिए समर्पित करने का समय निश्चित था।

ज्ञात्वय है कि धाम के लोकार्पण का शुभ मुहूर्त अयोध्या में श्री राम मंदिर निर्माण शिलान्यास के लिए मुहूर्त निकालने वाले आचार्य गणेश्वर शास्त्री द्रविण ने ही तय किया है। आचार्य द्रविण ने धाम लोकार्पण के शुभ मुहूर्त के बारे में कहा है कि विक्रम संवत 2078 शालिवाहनशक,1943 शुक्ल पक्ष दशमी तिथि सोमवार के दिन रेवती नक्षत्र और श्लेषा नाड़ी का काल 20 मिनट का है। इसी कालखंड में लोकार्पण सर्वोत्तम है। इस योग में धार्मिक कार्य होने से देश और समाज का सौभाग्य बढ़ेगा।

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New Delhi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निजी ट्विटर अकाउंट  में सेंधमारी की गई है.

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से रविवार तड़के ये जानकारी दी गई. दरअसल,

प्रधानमंत्री मोदी के ट्विटर हैंडल को हैक कर ट्वीट किया गया, जिसमें दावा किया गया था कि ‘भारत ने आधिकारिक रूप से बिटकॉइन को कानूनी मान्यता दे दी है.’ इस शरारतपूर्ण ट्वीट को हटा दिया है और पीएम के अकाउंट को सुरक्षित कर लिया गया.

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– सीडीएस बिपिन रावत के निधन के कारण सादगीपूर्ण आयोजन
-कुल 387 कैडेट पास आउट,मित्र देशों के 68 युवा सैन्य अधिकारी
-सबसे अधिक उत्तरप्रदेश के 45 ,उत्तराखंड के 43 युवा पास आउट

देहरादून: भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) में शनिवार को कड़े प्रशिक्षण के बाद पासिंग आउट परेड (पीओपी) की अंतिम पगबाधा को पार करते हुए 319 युवा अफसर बतौर लेफ्टिनेंट शरहद की निगहबानी के लिए भारतीय सेना का अभिन्न हिस्सा बन गए। बतौर रिव्यूइंग अफसर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जेंटलमैन कैडेट्स की सलामी ली।

परेड में सीडीएस जनरल बिपिन रावत को शामिल होना था। उनके निधन के चलते परेड के दौरान ड्रिल स्क्वायर पर मार्चपास्ट, अवार्ड ड्रिस्ट्रीब्यूशन, पीपिंग और ओथ सेरेमनी की रस्म को सादगी के साथ आयोजित किया गया। सीडीएस के निधन के बाद उत्तराखंड सरकार की ओर से राज्य में तीन दिन का राजकीय शोक भी घोषित किया गया है।

इस बार कुल 387 जेंटलमैन कैडेट्स पास आउट हुए। इनमें 68 युवा सैन्य अधिकारी नौ मित्र देशों के हैं। उत्तराखंड के 42 युवा भी पास आउट हुए। कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस बार भी परेड के दौरान हर स्तर पर बेहद सतर्कता बरती गई।

शनिवार सुबह आईएमए की ऐतिहासिक चैटवुड बिल्डिंग के सामने ड्रिल स्क्वायर पर आयोजित पासिंग आउट परेड का बतौर रिव्यूइंग अफसर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने परेड का निरीक्षण कर पास जेंटलमैन कैडेट्स से सलामी ली। परेड के उपरांत आयोजित होने वाली पीपिंग और ओथ सेरेमनी के बाद पास आउट बैच के 387 जेंटलमैन कैडेट बतौर लेफ्टिनेंट देश-विदेश की सेना के अभिन्न अंग बन गए। इनमें 319 युवा सैन्य अधिकारी भारतीय थल सेना को मिले। इस मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जेंटलमैन कैडेटों का उत्साहवर्धन कर उनके बेहतर भविष्य के लिए देश की सुरक्षा के लिए संदेश दिया।

इस मौके पर राज्यपाल ले.जनरल गुरमीत सिंह (सेनि),आइएमए के कमांडेंट ले.जनरल हरिंदर सिंह, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, डिप्टी कमांडेंट मेजर जनरल आलोक जोशी समेत कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारी और कैडेट के स्वजन भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।

सुबह नौ बजे के करीब परेड की प्रक्रिया प्रारंभ हुई। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पौने दस बजे परेड का निरीक्षण किया। इस दौरान सधे हुए कदम और शानदार ड्रिल के साथ जेंटलमैन कैडेट सेना के बैंड की धुन के साथ कदमताल करते हुए देश भक्ति गीतों पर देश पर मर-मिटने की शपथ लेकर आगे बढ़ रहे थे। उनका अनुशासन और कड़ा प्रशिक्षण देखते ही बन रहा था। चौड़े सीने के साथ कैडेटों का एक-एक कदम प्रशिक्षण के कठिन तप को दिखा रहा था।

1971 को यादगार बनाने की थी तैयारी
वर्ष 1971 के भारत-पाक युद्ध में भारतीय सशस्त्र सेनाओं की जीत के पचास साल पूरे होने के अवसर पर आयोजित हो रही परेड को यादगार बनाने की कई दिन पहले से तैयारी की जा रही थी। लेकिन दो दिन पहले तमिलनाडु के कुन्नूर में हुए हेलीकॉप्टर हादसे में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत सेना और वायुसेना के 13 अधिकारियों और जवानों की मौत के बाद कार्यक्रम में बदलाव करना पड़ा।

319 में से 43 कैडेट्स उत्तराखंड से
आईएमए पीओपी में 319 में से 43 कैडेट्स उत्तराखंड से हैं। यूपी के कैडेट्स संख्या के हिसाब से सबसे ज्यादा 45 रहे। भारतीय कैडेटों की संख्या का 14 फीसदी उत्तराखंड से है।

राज्यवार कैडेटों की संख्या
उत्तर प्रदेश 45,उत्तराखंड 43,हरियाणा 34,बिहार 26,राजस्थान 23,पंजाब 22,मध्य प्रदेश 20,महाराष्ट्र 20,हिमाचल प्रदेश 13,जम्मू कश्मीर 11,दिल्ली 11,तमिलनाडु 7,कर्नाटक 6,केरल 5,आंध्र प्रदेश 5,चंडीगढ 5,झारखंड 4,पश्चिम बंगाल 3,तेलंगाना 3,मणिपुर 2,गुजरात 2,गोवा 2,उड़ीसा 2,असम 2,मिजोरम 2,छत्तीसगढ़ 2,मिजोरम से 2 है।

आठ मित्र देशों के 68 युवा सैन्य अधिकारी
पासिंग आउट में आठ मित्र देशों के 68 युवा सैन्य अधिकारी रहे। अफगानिस्तान से 40, भूटान से 15, तजाकिस्तान 5, श्रीलंका 2, नेपाल 1, मालद्वीव 1, म्यांमार 1, तंजानिया 1, वियतनाम 1 और तुर्किमेनिस्तान से 1 कैडेट पासिंग आउट का अंग बने।

वर्ष 1932 से अकादमी का सुनहरा सफर
देहरादून स्थित प्रतिष्ठित भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) का वर्ष 1932 में 40 कैडेट के साथ सुनहरा सफर शुरू हुआ था। सैन्य अकादमी में परेड, साल में दो बार यानी जून और दिसंबर में आयोजित होती है। अकादमी के कड़े प्रशिक्षण और अनुशासन का लोहा मित्र देश भी मानते हैं। प्रथम बैच में फील्ड मार्शल सैम मानेक शा, म्यांमार के सेनाध्यक्ष स्मिथ डन और बाद में पाकिस्तान सेनाध्यक्ष मोहम्मद मूसा पास आउट हुए थे। तब से यह संस्थान जांबाज युवा अफसरों की फौज तैयार कर रहा है। अकादमी की खास बात यह है कि मित्र देशों के भी कैडेट यहां प्रशिक्षण लेते हैं। इस साल देश-विदेश की सेना को 63 हजार, 668 युवा सैन्य अधिकारी देने का गौरव इस संस्थान के साथ जुड़़ गया। अब तक अकादमी 33 मित्र देशों के दो हजार, 656 युवाओं को प्रशिक्षित कर चुका है। इस बार भी 68 विदेशी कैडेट आइएमए से पास आउट हुए।

सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद
पीओपी को देखते हुए अकादमी के आसपास सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रही। बाहरी क्षेत्र में सुरक्षा का जिम्मा दून पुलिस के पास था। चप्पे-चप्पे पर सेना के जवान तैनात रहे। पासिंग आउट परेड के दौरान पंडितवाड़ी से लेकर प्रेमनगर तक जीरो जोन रहा। इस दौरान राष्ट्रीय राजमार्ग-72 (चकराता रोड) से गुजरने वाला यातायात प्रेमनगर एवं बल्लूपुर से डायवर्ट किया गया था।

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– एक दशक से भारतीय सेना के साथ सेवा में है पिनाकााा रॉकेट का पुराना लॉन्चर सिस्टम
– डीआरडीओ ने नया रॉकेट लॉन्चर सिस्टम मौजूदा जरूरतों के लिहाज से डिजाइन किया

नई दिल्ली: विस्तारित रेंज पिनाका (पिनाका-ईआर) मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर के नए सिस्टम का पोखरण रेंज में सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया। विभिन्न दूरियों से 24 रॉकेटों को विस्फोटक क्षमताओं के साथ दागा गया और सबने पूरी सटीकता तथा स्थिरता के साथ लक्ष्य को भेदा। रॉकेट लॉन्चर का पुराना सिस्टम पिछले एक दशक से भारतीय सेना के साथ सेवा में है। इस नई प्रणाली को सीमा बढ़ाने वाली उन्नत प्रौद्योगिकियों के साथ मौजूदा जरूरतों के लिहाज से डिजाइन किया गया है।

पिनाका की बढ़ी हुई मारक क्षमता तय हो जाने के बाद डीआरडीओ ने यह प्रणाली की प्रौद्योगिकी को भारतीय उद्योग को हस्तांतरित कर दी है। उद्योग साझीदार ने उक्त पिनाका एमके-1 रॉकेट का निर्माण किया। इसके उत्पादन और गुणवत्ता के लिए डीआरडीओ ने पूरा सहयोग किया था। इसके बाद विकसित रॉकेटों को क्षमता मूल्यांकन और गुणवत्ता प्रमाणीकरण की प्रक्रिया से गुजरना पड़ा। सेना के साथ डीआरडीओ ने पिछले तीन दिनों के दौरान पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज में इन रॉकेटों की मारक क्षमता का मूल्यांकन तथा परीक्षण किया। इस दौरान उन्नत मारक क्षमता वाले पिनाका रॉकेटों का परीक्षण विभिन्न विस्फोटक क्षमताओं के साथ भिन्न-भिन्न दूरी से किया गया। डीआरडीओ के मुताबिक विभिन्न दूरियों से 24 रॉकेटों को विस्फोटक क्षमताओं के साथ दागा गया और सबने पूरी सटीकता तथा स्थिरता के साथ लक्ष्य को भेदा।

पिनाका-ईआर की प्रौद्योगिकी का शुरुआती चरण सफलतापूर्वक पूरा होने के बाद अब उद्योग साझीदार रॉकेट प्रणाली की पूरी शृंखला के उत्पादन के लिए तैयार है। यह पिनाका-ईआर सिस्टम पुराने मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर का उन्नत संस्करण है। पहले वाले पिनाका रॉकेट एक दशक से भारतीय सेना में शामिल हैं। इस प्रणाली की डिजाइन को मारक दूरी बढ़ाने की उन्नत प्रौद्योगिकी के साथ नई जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। इन परीक्षणों का उद्देश्य यह परखना था कि प्रौद्योगिकी को उद्योग साझीदारों ने किस तरह अपनाया है। पिनाका रॉकेटों के लिये स्वदेशी स्तर पर विकसित फ्यूजों का भी परीक्षण किया गया। पुणे स्थित एआरडीई ने पिनाका रॉकेटों के लिये कई अलग-अलग तरह के फ्यूज विकसित किए हैं। लगातार उड़ान परीक्षणों में फ्यूज का प्रदर्शन सटीक रहा।

इस प्रणाली को डीआरडीओ की प्रयोगशाला आयुध अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (एआरडीई) ने उच्च ऊर्जा सामग्री अनुसंधान प्रयोगशाला (एचईएमआरएल), पुणे के साथ डिजाइन करके भारतीय उद्योग को स्थानांतरित कर दिया है। इनका विकास समर्पित स्वदेशी अनुसंधान एवं विकास प्रयासों के जरिये देश में पहली बार किया गया है। स्वदेशी स्तर पर विकसित ये फ्यूज, आयातित फ्यूजों की जगह लेंगे तथा इससे विदेशी मुद्रा की बचत होगी। एआरडीई ने एडीएम के लिए लघु फ्यूज भी डिजाइन किए हैं। दोहरे उद्देश्य वाले डायरेक्ट-ऐक्शन सेल्फ डिस्ट्रक्शन (डीएएसडी) और एंटी-टैंक म्यूनिशन (एटीएम) फ्यूजों का मौजूदा उड़ान परीक्षणों के दौरान मूल्यांकन किया गया। इनके नतीजे भी संतोषजनक रहे। सभी परीक्षणों में सभी मिशन लक्ष्यों को सफलतापूर्वक पूरा किया गया।

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नई दिल्ली: अगले साल की शुरुआत में केन्द्र सरकार कोरोना रोधी टीके की अतिरिक्त खुराक (बूस्टर डोज) लगाने की अनुमति दे सकती है। शुक्रवार को संसदीय समिति की बैठक में भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद(आईसीएमआर) ने कोरोना रोधी की बूस्टर खुराक देने की बात कही है।

शुक्रवार को नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी के पॉल ने कहा कि ओमीक्रोन को देखते हुए बूस्टर डोज पर जल्दी ही कोई फैसला लिया जाएगा। इस पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। माना जा रहा है कि दिसंबर के अंत तक हर घर दस्तक कार्यक्रम के तहत देश के अधिकांश लोगों को कोरोना रोधी टीके की पहली डोज देने के बाद सरकार बूस्टर डोज लगाने की शुरुआत कर सकती है।

आईसीएमआर ने संसदीय समिति की बैठक में कहा है कि टीकाकरण के नौ महीने बाद बूस्टर डोज दी जा सकती है। यानि जिन लोगों ने कोरोना के दोनों खुराक नौ महीने पहले ली थी वे अब अतिरिक्त खुराक ले सकते हैं।

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