मथुरा: उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में भूतेश्वर एवं वृन्दावन रोड स्टेशन के पास दिल्ली आगरा ट्रैक पर मालगाड़ी के 15 डिब्बे बेपटरी हो गए। इस हादसे की वजह से मथुरा की ओर आने वाली सभी ट्रेनों का रूट बदल दिया गया है।

शुक्रवार देर रात सीमेंट से भरी मालगाड़ी ट्रेन दिल्ली से आगरा आ रही थी। इस ट्रेन के भूतेश्वर और वृंदावन रोड स्टेशन के पास पहुंचते ही 15 डिब्बे बेपटरी हो गए। दुर्घटना की सूचना मिलते ही रेलवे और पुलिस प्रशासन के स्थानीय अधिकारी मौके पर पहुंच गए। रेलवे की टीम ट्रैक से डिब्बे हटाने का काम कर रही है। इस रूट से गुजरने वाली ट्रेनों का रास्ता बदल दिया गया है। दुर्घटना राहत गाड़ियों को भी दिल्ली, आगरा, टूंडला एवं झांसी से तत्काल रवाना कर दिया गया है।

उत्तर मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी डॉ. शिवम शर्मा ने बताया कि मालगाड़ी के 15 डिब्बे मथुरा-पलवल मुख्य मार्ग पर वृंदावन-भूतेश्वर के निकट बेपटरी होने से तीनों लाइन बाधित हो गई हैं। इस वजह से कई ट्रेनें निरस्त की गयी हैं और कई ट्रेनों का मार्ग बदला गया है।

0Shares

नई दिल्ली: भारत ने गुरुवार सुबह चांदीपुर में एकीकृत परीक्षण रेंज से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के नए संस्करण का परीक्षण किया। परीक्षण एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) के लॉन्च पैड- III से सुबह करीब 10.45 बजे किया। नए तकनीकी विकास से लैस मिसाइल ने परीक्षण में सफलतापूर्वक अपनी उपयोगिता साबित की। मध्यम दूरी की सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस को पनडुब्बी, जहाज, विमान या जमीन से लॉन्च किया जा सकता है। यह दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों में से एक है।

रूस की एनपीओ मशीनोस्ट्रोयेनिया तथा भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने संयुक्त रूप से इसका विकास किया है। यह रूस की पी-800 ओंकिस क्रूज मिसाइल की प्रौद्योगिकी पर आधारित है। ब्रह्मोस के समुद्री तथा थल संस्करणों का पहले ही सफलतापूर्वक परीक्षण किया जा चुका है तथा भारतीय सेना एवं नौसेना को सौंपा जा चुका है। अब तक की सबसे आधुनिक प्रक्षेपास्त्र प्रणाली ब्रह्मोस ने भारत को मिसाइल तकनीक में अग्रणी बना दिया है। इस सिस्टम को एंटी-शिप और लैंड-अटैक भूमिकाओं के लिए दो वेरिएंट के साथ डिजाइन किया गया है।

इस महीने की शुरुआत में पश्चिमी तट से दूर भारतीय नौसेना के विध्वंसक आईएनएस विशाखापत्तनम से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के समुद्री संस्करण का अधिकतम सीमा पर परीक्षण किया गया था और इसने सटीकता के साथ लक्ष्य जहाज को मारा। बहु-भूमिका और बहु-मंच सुपरसोनिक मिसाइल प्रणाली ने समुद्र और जमीन के साथ-साथ हवाई लक्ष्यों के खिलाफ अपनी क्षमता साबित की है। इस प्रणाली को सुखोई-30 एमकेआई विमान, भारतीय नौसेना के विभिन्न जहाजों के साथ-साथ मोबाइल स्वायत्त लांचरों से सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया है। इसकी सटीकता और तीनों सेवाओं के साथ एकीकृत करने की क्षमता इसे देश की सबसे बहुमुखी हथियार प्रणालियों में से एक बनाती है।

0Shares

नई दिल्ली: केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने इस साल फरवरी में बोर्ड परीक्षाओं से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की देशभर के नौवीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों, उनके अभिभावकों और शिक्षकों के साथ होने वाले संवाद कार्यक्रम ‘परीक्षा पे चर्चा’ के लिये पंजीकरण की अंतिम तिथि बढ़ाकर 27 जनवरी कर दी है। परीक्षा पे चर्चा के पांचवें संस्करण में हिस्सा लेने के लिये पहले अंतिम तिथि 20 फरवरी थी।

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को पंजीकरण की अंतिम तिथि एक सप्ताह बढ़ाये जाने की जानकारी देते हुये कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने परीक्षाओं के तनाव पर चर्चा कर उसे दूर करने के लिए एक अद्वितीय इंटरैक्टिव कार्यक्रम परीक्षा पे चर्चा की संकल्पना की है।

इस कार्यक्रम का प्रारूप 2021 की तरह ऑनलाइन मोड में होना प्रस्तावित है। कक्षा 9 से 12 तक के स्कूली छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों का चयन एक ऑनलाइन प्रतियोगिता के माध्यम से किया जाएगा। इसके लिये 28 दिसंबर से https: novateindia.mygov.in/ppc-2022/ पर पंजीकरण जारी है और यह अब 27 जनवरी तक चलेगा।

मंत्रालय के इस कदम से ऐसे तमाम विद्यार्थियों, अभिभावकों और शिक्षकों को कार्यक्रम के लिये पंजीकरण कराने का समय मिल जायेगा जो अभी तक किन्ही कारणों से पंजीकरण नहीं करा पाये हैं।

0Shares

गाजियाबाद: आज भगदड़ वाली पत्रकारिता का दौर है, जिसमें जीवन मूल्य नहीं हैं। सभी अपनी-अपनी जान बचाने की जुगत में दिखते हैं। शांत चित्त पत्रकारिता हो, पत्रकारिता पुनः पटरी पर आए, इसके लिए जरूरी प्रयास करने होंगे। इसके लिए ट्रैफिक पुलिस जैसे नियंत्रण की आवश्यकता है। वरिष्ठ पत्रकार एवं इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र के अध्यक्ष पद्मश्री राम बहादुर राय ने यह बाते गुरुवार को कही।

राम बहादुर राय प्रभाष परम्परा न्यास एवं मेवाड़ विश्वविद्यालय द्वारा ‘आजादी के बाद की पत्रकारिता’ विषय पर आयोजित ऑनलाइन विचार संगोष्ठी में अपने विचार प्रकट कर रहे थे। आगे उन्होंने कहा कि आज पत्रकारिता में नीति और नियमन की जरूरत है। भगदड़ वाली पत्रकारिता रुकनी चाहिए। अगर नियमन स्थापित होता है तो प्रतिभावान एवं ईमानदार नई पीढ़ी के पत्रकारों को एक नई दिशा मिलेगी। उनमें सामाजिक सरोकारों की समझ पैदा होगी। हम सभी मिलकर इसके लिए आवाज़ उठाएं। अब स्वनियमन से काम चलने वाला नहीं है।

वरिष्ठ पत्रकार अच्युतानंद मिश्र ने बतौर मुख्य वक्ता आजादी के बाद की पत्रकारिता पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि कैसे हिन्दी पत्रकारिता को अंग्रेजी पत्रकारिता का गुलाम बनाने की साजिश पूर्व सरकारों ने रची। कैसे पुराने समाचार पत्र बारी-बारी बंद होते चले गये और उनकी जगह अनुवादक अखबारों ने ले ली। उन्होंने आज की पत्रकारिता में भी आमूल-चूल परिवर्तन करने की सलाह दी और कहा कि समाचार पत्रों पर मुनाफा, बाजार, टीआरपी जैसी चीजें हावी नहीं होनी चाहिएं। सत्य सरोकारों को स्थान ज्यादा मिलना चाहिए।

मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस की निदेशिका डॉ. अलका अग्रवाल ने कार्यक्रम अध्यक्ष के रूप में अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि आज के दौर में तकनीक और मुद्रण व्यवस्था उन्नत हुई है। पूंजीपतियों के हस्तक्षेप से पत्रकारिता में भ्रष्टाचार शुरू हुआ। सनसनीखेज खबरों से आम जनमानस में मीडिया की विश्वसनीयता घटी है। आजकल विज्ञापनों की पत्रकारिता हावी है। सोशल मीडिया भी अब पत्रकारिता का हिस्सा बन गया है, ऐसे में आवश्यकता है कि पत्रकार सामाजिक सरोकारों को अधिक से अधिक स्थान दें।

विचार संगोष्ठी का संचालन वरिष्ठ पत्रकार मनोज मिश्र ने किया। इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार अरविन्द मोहन, चेतन आंनद, धर्मवीर शर्मा समेत मेवाड़ परिवार के सभी सदस्य ऑनलाइन मौजूद रहे।

0Shares

नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस के मौके पर आतंकी या अपराधी हवाई हमला कर सकते हैं। विभिन्न हवाई प्लेटफार्म का इस्तेमाल कर यह हमला किया जा सकता है।

इसे भी पढ़े: राजपथ पर दिखेंगी 11 राज्यों की झांकियां, फ्लाई पास्ट में हिस्सा लेंगे 75 विमान

इसी को ध्यान में रखते हुए दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने मंगलवार को एक महीने के लिए ड्रोन सहित हवाई वस्तु उड़ाने पर रोक लगा दी है। इसके लिए दिल्ली में धारा 144 लगा दी गई है और जो इसका उल्लंघन करेगा। उसके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। यह आदेश आगामी 15 फरवरी तक लागू रहेगा।

पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना की तरफ से जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि दिल्ली पुलिस स्वतंत्रता दिवस की सुरक्षा को लेकर काम कर रही है। यह बात सामने आई है कि कुछ अपराधी या आतंकवादी लोगों की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा हो सकते हैं। किसी आतंकी घटना को अंजाम देने के लिए वह किसी हवाई प्लेटफार्म जैसे पैराग्लाइडर, पैरामोटर, हैंग ग्लाइडर, यूएवी, यूएएन, माइक्रोलाइट एयरक्राफ्ट, रिमोट से चलने वाले एयरक्राफ्ट, हॉट एयर बैलून, छोटे एयरक्राफ्ट या एयरक्राफ्ट पैराजंपिंग के जरिए हमला कर सकते हैं।

इसके चलते उन्होंने उड़ने वाली इन वस्तुओं के उड़ने पर गणतंत्र दिवस को ध्यान में रखते हुए रोक लगा दी है। इसे लेकर दिल्ली में धारा 144 लगाई गई है। इसका उल्लंघन करने वाले के खिलाफ आईपीसी की धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी। यह आदेश 20 जनवरी से लेकर 15 फरवरी तक के लिए लागू रहेगा।

0Shares

– पहली बार फ्लाईपास्ट में हिस्सा लेंगे तीनों सेनाओं के 75 विमान, सैन्य ताकत का करेंगे प्रदर्शन
– बीटिंग द रिट्रीट समारोह में विशेष लेजर के अलावा सैकड़ों ड्रोन आसमान में तैरते हुए दिखाई देंगे
नई दिल्ली: इस बार गणतंत्र दिवस के लिए रक्षा मंत्रालय की विशेषज्ञ समिति ने 11 राज्यों की झांकियों को चयनित किया है। यही 11 राज्यों की झांकियां राजपथ पर परेड में दिखाई देंगी। इस बार की परेड में कोरोना के मद्देनजर एहतियातन सिर्फ 4,000 दर्शकों को अनुमति दी जाएगी। परेड में पहली बार वायुसेना की सबसे बड़ी टुकड़ी फ्लाई पास्ट में हिस्सा लेगी और 75 विमान आसमान में गर्जना करेंगे। इस बार की झांकी में भारतीय वायु सेना का भविष्य दर्शाया जायेगा।

गणतंत्र दिवस परेड के लिए विशेषज्ञ समिति ने अरुणाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, हरियाणा, जम्मू और कश्मीर (यूटी), कर्नाटक, मेघालय, पंजाब, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की झांकियों को चयनित किया है। विशेषज्ञ समिति ने केरल, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु की झांकियों के प्रस्ताव को निरस्त कर दिया है, जिस पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर विरोध जताया है। भारतीय वायु सेना की झांकी में एंटी टैंक ध्रुवस्त्र मिसाइल और अश्लेषा एमके 1 राडार से लैस स्वदेशी एलसीएच हेलीकॉप्टर को दर्शाया जायेगा।

गणतंत्र दिवस परेड के दौरान राजपथ पर अब तक का सबसे भव्य हवाई प्रदर्शन देखा जाएगा, जिसमें भारतीय वायु सेना, सेना और नौसेना के 75 विमान भारत की सैन्य ताकत का प्रदर्शन करते हुए शानदार फ्लाईपास्ट में भाग लेंगे। परेड में पांच राफेल भी शामिल होंगे जो ‘विनाश’ फॉर्मेशन में राजपथ के ऊपर से उड़ान भरेंगे। वायुसेना के प्रवक्ता विंग कमांडर इंद्रनील नंदी ने बताया कि भारतीय नौसेना के मिग-29के और पी-8आई टोही विमान ‘वरुण’ फॉर्मेशन में उड़ान भरेंगे, जबकि ’75’ नंबर के आकार में 17 जगुआर लड़ाकू विमान उड़ान भरेंगे। इसके अलावा ‘रुद्र’ फॉर्मेशन में एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर (एएलएच) के साथ चार एमआई-17 वी 5 विमान भी सबसे बड़े फ्लाईपास्ट का हिस्सा होंगे।

प्रवक्ता के मुताबिक देश भर में कोरोना वायरस के मामलों की बढ़ती संख्या को देखते हुए गणतंत्र दिवस परेड की लगभग 5 किमी. दूरी कम कर दी गई है। परेड का मार्ग पिछले साल की तरह छोटा होगा। मार्चिंग दल लाल किले के बजाय इंडिया गेट सी-हेक्सागन पर समाप्त होगा। सेंट्रल विस्टा के तहत पुनर्विकसित किए गए राजपथ को गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेने वाले दल के पूर्वाभ्यास के लिए विजय चौक और इंडिया गेट के बीच खोला गया है। इस बार राजपथ पर परेड देखने के लिए सिर्फ 4,000 दर्शकों को अनुमति दी जाएगी और केवल चुनिंदा लोग ही समारोह में शामिल होंगे। सोशल डिस्टेन्सिंग की वजह से मार्चिंग दस्ते की बनावट आयताकार की जगह त्रिकोणीय होगी। एक दस्ते में 144 सैनिकों की बजाय सिर्फ 96 सैनिक शामिल होंगे। कोरोना महामारी से पहले एक दस्ते में 12 पंक्तियां और 12 कॉलम होते थे लेकिन इस बार 12 कॉलम में सिर्फ आठ पंक्तियां होंगी।

परेड के दौरान कोरोना के सभी प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा, जैसे राजपथ पर मौजूद लोगों के बीच पर्याप्त सामाजिक दूरी का पालन करना, परिसर की पूरी तरह से सफाई, प्रवेश बिंदुओं पर थर्मल स्क्रीनिंग, मास्क, सेनिटाइज़र और दस्ताने की उपलब्धता। साथ ही आपात स्थिति के लिए आयोजन स्थल पर आइसोलेशन और बूथ स्थापित किये जायेंगे। भारत की सांस्कृतिक विविधता और सैन्य ताकत के प्रतीक इस गणतंत्र दिवस परेड में कोरोना महामारी फैलने से पहले 1.15 लाख से 1.25 लाख दर्शक शामिल होते थे। साथ ही तीन दिन बाद होने वाले बीटिंग द रिट्रीट समारोह का समय भी 15 मिनट बढ़ा दिया गया है। इसमें पहली बार एक विशेष लेजर के अलावा सैकड़ों ड्रोन आसमान में तैरते हुए दिखाई देंगे।

0Shares

पंजाबवासियों की ऑनलाइन वोटिंग पर केजरीवाल ने किया ऐलान

चंडीगढ़: आम आदमी पार्टी की तरफ से पंजाब में भगवंत मान मुख्यमंत्री पद का चेहरा होंगे। पार्टी पंजाब में भगवंत मान का चेहरा आगे रखकर चुनाव लड़ेगी। दिल्ली के मुख्यमंत्री एवं आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने यह ऐलान पंजाब में करवाई गई ऑनलाइन वोटिंग के आधार पर किया है। इसमें प्रदेश के करीब 22 लाख लोगों के हिस्सा लेने का दावा किया जा रहा है।

इस घोषणा को पंजाबवासियों तक पहुंचाने के लिए आम आदमी पार्टी ने आज राज्य में जगह-जगह बड़ी स्क्रीन लगाईं। अरविंद केजरीवाल की प्रेस कांफ्रेंस को लाइव दिखाया गया। केजरीवाल ने आज पंजाब दौरे के दौरान चंडीगढ़ से सटे मोहाली में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि 13 जनवरी को एक फोन नंबर जारी करके पंजाबवासियों से ऑन लाइन वोटिंग करवाई थी। यह फोन लाइन 17 जनवरी की शाम पांच बजे तक खुली रही। इसमें 21 लाख 59 हजार 437 लोगों ने वोटिंग की। इस वोटिंग में 93.3 प्रतिशत लोगों ने भगवंत मान के समर्थन में वोटिंग की।

हालांकि कुछ लोगों ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी वोट दिया। केजरीवाल ने कहा कि देश के इतिहास में पहली बार आम आदमी पार्टी ने मुख्यमंत्री बनाने के लिए लोगों की राय ली है। देश में पहली बार पंजाब में लोगों की पसंद का मुख्यमंत्री बनेगा। आम आदमी पार्टी ने परिवारवाद और विरासत की राजनीति को खत्म करने के लिए बंद कमरे में मुख्यमंत्री चुनने की परंपरा को खत्म किया है। यह काम भाजपा,कांग्रेस और अकाली दल के वश में नहीं है।

0Shares

– देश का पहला विमान वाहक पोत नौसेना को पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमता प्रदान करेगा
– तीसरे परीक्षण में जहाज की विभिन्न परिस्थितियों में जटिल युद्धाभ्यास क्षमता देखी गई

नई दिल्ली: समुद्र में उतरने के एक हफ्ते बाद भारत का पहला स्वदेशी निर्मित विमान वाहक पोत आईएसी विक्रांत अपना तीसरा समुद्री परीक्षण पूरा करने के बाद वापस कोच्चि बंदरगाह पर आ गया है। इस दौरान ऑनबोर्ड पर लगे बड़ी संख्या में विभिन्न उपकरणों और प्रणालियों पर प्रशिक्षण के साथ-साथ उनके परीक्षण किए गए। कोचीन शिपयार्ड में निर्मित यह युद्धपोत सभी तरह के समुद्री परीक्षण पूरे होने के बाद आजादी की 75वीं वर्षगांठ के समय देश को समर्पित किया जायेगा। भारत में ही तैयार यह जहाज नौसेना को पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमता प्रदान करेगा।

देश के पहले स्वदेशी विमान वाहक 40 टन वजनी आईएसी विक्रांत का पहला परीक्षण पिछले साल अगस्त में और दूसरा समुद्री परीक्षण अक्टूबर में किया जा चुका है। पहला समुद्री परीक्षण प्रणोदन, नौवहन सूट और बुनियादी संचालन स्थापित करने के लिए था। अक्टूबर-नवंबर में दूसरे समुद्री परीक्षण के दौरान विभिन्न मशीनरी परीक्षणों और उड़ान परीक्षणों के संदर्भ में जहाज को उसकी गति के माध्यम से देखा गया। भारत में बनने वाले सबसे बड़े और जटिल युद्धपोत के 09 जनवरी को शुरू हुए तीसरे समुद्री परीक्षण में विशाखापत्तनम स्थित डीआरडीओ प्रयोगशाला, नौसेना विज्ञान और प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला के वैज्ञानिक भी शामिल हुए। सभी तरह के समुद्री परीक्षण पूरे होने के बाद इसे आजादी की 75वीं वर्षगांठ के समय ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के उपलक्ष्य में देश को समर्पित किया जाना है।

डिफेंस कोच्चि के प्रवक्ता ने बताया कि तीसरे परीक्षण के दौरान जहाज की विभिन्न परिस्थितियों में जटिल युद्धाभ्यास क्षमता देखी गई। इसके अलावा जहाज के विभिन्न सेंसर सूट का भी परीक्षण किया गया। तीसरे समुद्री परीक्षण में मिले नतीजों और संतुलन कार्य के साथ समुद्री परीक्षणों के आंकड़ों का विश्लेषण किया जाएगा। कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड ने आईएसी विक्रांत को 23 हजार करोड़ रुपये की लागत से बनाया है। आईएसी की डिलीवरी के साथ भारत इस विमान वाहक को स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्माण करने की क्षमता वाले राष्ट्रों के एक चुनिंदा समूह में शामिल हो जाएगा। इससे सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल को मजबूती मिलने के साथ ही हिन्द महासागर क्षेत्र में भारतीय नौसेना की ताकत बढ़ेगी।

जहाज की क्षमता के बारे में कमांडर विवेक मधवाल ने कहा कि इस युद्धपोत में 2,300 से अधिक डिब्बे हैं, जिसमें लगभग 1,700 लोग सवार हो सकते हैं। इसमें महिलाओं के लिए विशेष केबिन भी बनाये गए हैं। यह स्वदेशी विमान वाहक मिग-29के लड़ाकू जेट, कामोव-31 हेलीकॉप्टर, एमएच-60आर बहु-भूमिका हेलीकॉप्टर भी संचालित करेगा। इस आधुनिक विमान वाहक पोत के निर्माण के दौरान डिजाइन बदलकर वजन 37 हजार 500 टन से बढ़ाकर 40 हजार टन से अधिक कर दिया गया। इसी तरह जहाज की लंबाई 252 मीटर (827 फीट) से बढ़कर 260 मीटर (850 फीट) हो गई। यह 60 मीटर (200 फीट) चौड़ा है। इस पर लगभग तीस विमान एक साथ ले जाए जा सकते हैं, जिसमें लगभग 25 ‘फिक्स्ड-विंग’ लड़ाकू विमान शामिल होंगे। इसमें लगा कामोव का-31 एयरबोर्न अर्ली वार्निंग भूमिका को पूरा करेगा।

0Shares

नई दिल्ली: पद्म विभूषण से सम्मानित दुनिया भर में मशहूर कथक नर्तक पंडित बिरजू महाराज का रविवार देर रात निधन हो गया। 83 वर्षीय बिरजू महाराज को हार्ट अटैक के बाद अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

बिरजू महाराज के पोते स्वरांश मिश्रा ने सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी है। जानकारी के मुताबिक देर रात उन्हें हार्ट अटैक के बाद दिल्ली के साकेत अस्पताल ले जाया गया लेकिन तब तक उनकी मौत हो गयी।

पंडित बिरजू महाराज के निधन से भारतीय कला जगत ने एक दिग्गज कलाकार को खो दिया है। शीर्ष नर्तकों में शुमार बिरजू महाराज ने कथक नृत्य को नया आयाम दिया। कला जगत से जुड़े लोगों ने उनके निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है।राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द और उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने सोमवार को कथक सम्राट पंडित बिरजू महाराज के निधन पर दुख जताते हुये इसे एक युग का अंत बताया है।

राष्ट्रपति कोविन्द ने ट्वीट कर कहा, “महान पंडित बिरजू महाराज का निधन एक युग के अंत का प्रतीक है। यह भारतीय संगीत और सांस्कृतिक स्थान में एक गहरा शून्य छोड़ देता है। वे कथक को विश्व स्तर पर लोकप्रिय बनाने में अद्वितीय योगदान देकर एक प्रतीक बन गये। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना।”

वहीं उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने ट्वीट कर कहा, “कथक नृत्य के विश्व प्रख्यात गुरु पंडित बिरजू महाराज जी के निधन से भारतीय संस्कृति की एक जीवंत धरोहर का अवसान हुआ है। उनके परिजनों, कला प्रशंसकों और उनके शिष्यों के प्रति हार्दिक संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। मेरी विनम्र श्रद्धांजलि!”

कथक सम्राट पंडित बिरजू महाराज का निधन संपूर्ण कला जगत के लिये अपूरणीय क्षति : प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कथक सम्राट पंडित बिरजू महाराज के निधन पर दुख जताते हुये कहा कि उनका जाना संपूर्ण कला जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है।

प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा, “भारतीय नृत्य कला को विश्वभर में विशिष्ट पहचान दिलाने वाले पंडित बिरजू महाराज जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। उनका जाना संपूर्ण कला जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ हैं। ओम शांति।”

0Shares

श्रीनगर: श्रीनगर शहर के सराफ कदल इलाके में रविवार की शाम आतंकियों ने सुरक्षाबलों की एक संयुक्त टीम को निशाना बनाकर ग्रेनेड से हमला किया। इस हमले में एक नागरिक और एक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।

जानकारी के अनुसार रविवार की देर शाम सराफ कदल इलाके में पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम गश्त पर थी कि इलाके में पहले से हमले की इरादे से मौजूद आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर ग्रेेनेड फेंका और मौके से फरार हो गए। इस हमले में एक पुलिसकर्मी सहित दो लोग घायल हो गए। घायलों को तुरंत मौके से निकालकर पास के अस्पताल ले जाया गया। इस हमले के बाद सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके की घेराबंदी करके आतंकियों की धर-पकड़ के लिए तलाशी अभियान शुरू कर दिया है।

घायलों की पहचान शहर में पुलिस चौकी फतेह कदल में तैनात सार्जेंट मेहराज अहमद के रूप में हुई है। मेहराज को ग्रेनेड के छर्रे लगे हैं और एक नागरिक सरताज अहमद भट पुत्र मुश्ताक अहमद भट निवासी सराफ कदल के रूप में हुई है। मुश्ताक के दोनों पैरों में चोट लगी है। .

0Shares

नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया ने रविवार को कोरोना रोधी टीकाकरण अभियान का एक साल पूरा होने पर स्मारक डाक टिकट जारी किया।

इस मौके पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि आज का दिन हमारे लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि हमने टीकाकरण अभियान का एक साल पूरा कर लिया है। आज वैक्सीनेशन कार्यक्रम की वर्षगांठ के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करते हुए आईसीएमआर और भारत बायोटेक ने मिलकर जो स्वदेशी वैक्सीन विकसित किया था उस पर डाक टिकट जारी किया गया है। वह इस अवसर पर सभी वैज्ञानिक को हार्दिक बधाई व धन्यवाद देते हैं।

उन्होंने कहा कि दुनिया हमारे टीकाकरण अभियान की सफलता से चकित है। हम 156 करोड़ से अधिक खुराक दे चुके हैं। 18 साल से ऊपर की 93 प्रतिशत आबादी को पहली खुराक का टीका लगाया गया है और 70 प्रतिशता आबादी को दोनों टीके लगाये जा चुके हैं।

उन्होंने भारत के वैक्सीनेशन को दुनिया का सफलतम कार्यक्रम करार दिया है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि टीके आने से पहले ही कुछ लोगों ने भ्रम पैदा करना शुरू कर दिया था, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने पूरी तरह समर्पित होकर हमारे वैज्ञानिकों, कंपनियों को काम और टीकाकरण अभियान जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया।

उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष आज ही के दिन देश में वैक्सीनेशन कार्यक्रम की शुरुआत की गई थी। शुरुआत में स्वास्थ्य कर्मियों और अग्रिम पंक्ति के कोरोना योद्धाओं को वैक्सीनेशन दी गई थी। इसके बाद चरणबद्ध तरीके से पहले वरिष्ठ नागरिको, गंभीर रोगियों और वयस्क आबादी के लिए टीकाकरण शुरू किया गया था। इस वर्ष की शुरुआत से 15 से 18 वर्ष कि किशोरों को भी टीका लगाया जा रहा है।

0Shares

नई दिल्ली: विशाखापत्तनम शहर 21 फरवरी को राष्ट्रपति फ्लीट रिव्यू की मेजबानी के लिए तैयार हो रहा है।भारतीय सैन्य बलों के सर्वोच्च कमांडर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भारतीय नौसेना, तटरक्षक बल और भारतीय मर्चेंट मरीन के 50 से अधिक जहाजों की फ्लीट का रिव्यू करेंगे। समीक्षा के बाद विशाखापत्तनम से करीब 50 विमानों का फ्लाई पास्ट किया जाएगा। इसे आम तौर पर ‘इंटरनेशनल फ्लीट रिव्यू’ कहा जाता है। भारत में अंतरराष्ट्रीय बेड़े की समीक्षा फरवरी, 2001 में मुंबई से और फरवरी, 2016 में विशाखापत्तनम में की गई थी।

नेवल फ्लीट रिव्यू दुनिया भर की नौसेनाओं की लंबे समय से चली आ रही परंपरा है। यह समीक्षा नौसेना की ताकत और युद्ध की तैयारियों के लिए शुरू की गई थी लेकिन मौजूदा समय में ये बिना किसी उकसावे या फिर युद्धक मानसिकता के बगैर अपने जंगी बेड़े को एक जगह इकट्ठा करना है। भारत में अब तक ग्यारह ‘प्रेसिडेंट फ्लीट रिव्यू’ की जा चुकी हैं। सबसे पहली रिव्यू 1953 में हुई थी और पिछला संस्करण 2016 में हुआ था। 2016 में विशाखापट्टनम में ही भारतीय नौसेना ने इंटरनेशनल फ्लीट रिव्यू (आईएफआर) का आयोजन किया था, जिसमें करीब 50 देशों के 100 युद्धपोतों ने हिस्सा लिया था।

इस समीक्षा का उद्देश्य देश को भारतीय नौसेना की तैयारियों, उच्च नैतिक और अनुशासन का आश्वासन देना है। बिना किसी जुझारू इरादे के युद्धपोतों को असेंबल करना अब आधुनिक समय में आदर्श है। दुनिया के अग्रणी राष्ट्र अपने समुद्री पड़ोसियों को समीक्षा में अपने जहाजों के साथ भाग लेने के लिए आमंत्रित करते हैं। यह आयोजन मेजबान राष्ट्र को अपनी समुद्री क्षमताओं और समुद्री राष्ट्रों के बीच आपसी विश्वास को प्रदर्शित करने का अवसर देता है। भारतीय नौसेना के मुताबिक लंबे समय से नेवल फ्लीट रिव्यू दुनियाभर की नौसेनाओं की परंपरा का हिस्सा रही है। नौसेना के मुताबिक प्रेसिडेंट फ्लीट रिव्यू का मकसद भारतीय नौसेना की तैयारियों, उच्च अनुशासन और मनोबल को दर्शाना है।

0Shares