नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट आज नागरिकता संशोधन कानून को चुनौती देनेवाली याचिकाओं पर सुनवाई करेगा। चीफ जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस एस रविंद्र भट्ट की बेंच नागरिकता संशोधन को चुनौती देनेवाली करीब 220 याचिकाओं पर सुनवाई करेगी।

इससे पहले 17 मार्च, 2020 को केंद्र ने इस मामले में हलफनामा दाखिल किया था। 133 पेजों के हलफनामे में केंद्र सरकार ने कहा था कि नागरिकता संशोधन कानून में कोई गड़बड़ी नहीं है। इस कानून में कुछ खास देशों के खास समुदाय के लोगों के लिए ढील दी गई है।संबंधित देशों में धर्म के आधार पर उत्पीड़न किया जा रहा है। पिछले 70 सालों में उन देशों में धर्म के आधार पर किए जा रहे उत्पीड़न को ध्यान में रखते हुए संसद ने यह संशोधन किया है। नागरिकता संशोधन कानून से किसी भी भारतीय नागरिक का कानूनी, लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष अधिकार प्रभावित नहीं होता है।

केंद्र सरकार ने कहा था कि नागरिकता देने का मामला संसदीय विधायी कार्य है जो विदेश नीति पर निर्भर करता है। इस मामले में न्यायिक हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता। केंद्र सरकार ने कहा था कि इस कानून से संविधान की धारा 14 का कोई उल्लंघन नहीं होता है।

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– इसी तरह की दुर्घटना में 29 अगस्त को हाथरस के पैरा कमांडो हरवीर सिंह हुए थे शहीद
– हेलीकॉप्टर से छलांग लगाने के बाद पैराशूट न खुलने से दो शहादतों के बाद बढ़ी चिंता

नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख की वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारतीय सेना के चल रहे हवाई अभ्यास के दौरान पैराशूट खराब होने से एक और पैराट्रूपर की मौत हो गई। इस अभ्यास के दौरान पैराशूट न खुलने की वजह से यह दूसरा हादसा हुआ है। अभी 13 दिन पहले 29 अगस्त को हुए इसी तरह की दुर्घटना में हाथरस के पैरा कमांडो हरवीर सिंह शहीद हुए थे, जब हेलीकॉप्टर से छलांग लगाने के बाद उनका पैराशूट नहीं खुला था।

पूर्वी लद्दाख में चीन सीमा पर इन दिनों भारतीय सेना का हवाई अभ्यास चल रहा है। इसमें पैरा कमांडो हजारों फीट की ऊंचाई पर हेलीकॉप्टर से छलांग लगाने का अभ्यास कर रहे हैं। इस ट्रेनिंग में भारतीय थल सेना में कमांडो के पद पर कार्यरत उत्तर प्रदेश के हाथरस निवासी सूरजपाल पचौरी भी पैराशूट का प्रशिक्षण हासिल कर रहे थे। शनिवार को करीब एक बजे के आसपास सूरजपाल विमान से पैराशूट लेकर नीचे उड़े लेकिन उनका पैराशूट नहीं खुल सका और वह शहीद हो गया। शाम के करीब साढ़े पांच बजे कुछ पुलिस प्रशासनिक अधिकारी भी शहीद जवान के घर पर पहुंच गये। सूरज अपने पीछे तीन छोटे बच्चे, पत्नी और मां को बिलखता हुआ छोड़ गए हैं। जवान का शव रविवार देर रात तक आने की संभावना है।

इसी तरह 29 अगस्त को पूर्वी लद्दाख में युद्ध अभ्यास के दौरान हेलीकॉप्टर से छलांग लगाने के बाद पैराशूट न खुलने से हाथरस के ही सादाबाद अंतर्गत बाराबाई गांव के पैरा कमांडो हरवीर सिंह शहीद हुए थे। कमांडो हरवीर सिंह 2019 में पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक में भी शामिल थे। दूसरे दिन पैरा कमांडो का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव बारामई लाकर अंतिम संस्कार किया गया था। फिलहाल हरवीर सिंह आगरा में तैनात थे। उन्हें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सेना मेडल से नवाजा गया था।

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– टॉप-10 में से 5 टॉपर्स आईआईटी मद्रास जोन से, कुल 1,55,538 में से 40,712 हुए क्वालिफाई
– इस वर्ष 3.37 फीसदी घटकर रिजल्ट 26.17 प्रतिशत रहा, पिछले वर्ष रहा था 29.54 प्रतिशत

नईदिल्ली/कोटा: आईआईटी बॉम्बे ने रविवार को जेईई-एडवांस्ड-2022 का रिजल्ट घोषित कर दिया। इसमें आईआईटी बॉम्बे जोन के छात्र आरके शिशिर ऑल इंडिया टॉपर रहे। शिशिर ने 360 में से 314 अंक प्राप्त किये है। गर्ल्स कैटेगरी में तनिष्का काबरा 360 में से 277 अंक प्राप्त कर ऑल इंडिया टॉपर रही। पहली बार टॉप-10 में से 5 टॉपर्स आईआईटी मद्रास जोन से सफल हुए हैं।

इस परीक्षा में जेईई-मेन से क्वालिफाई हुये 2.50 लाख पात्र अभ्यर्थियों में से 1,60,038 ने पंजीयन करवाया था। जिसमें से 1,55,538 परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल हुये। रिजल्ट में 40,712 को काउंसलिंग के लिये क्वालिफाई घोषित किया गया है। प्रत्येक केटेगरी, स्टेट एवं आईआईटी जोन में भी टॉपर्स घोषित किये गये हैं।

कॉमन मेरिट सूची में आर के शिशिर रैंक-1, पोलु लक्ष्मी साई लोहित रेड्डी रैंक-2, थॉमस बीजू चिरामवेली रैंक-3, वांगपल्ली साई सिद्धार्थ रैंक-4, मयंक मोटवानी रैंक-5, पोलीसेट्टी कार्तिकेय रैंक-6, प्रतीक साहू रैंक-7, धीरज कुरुकुंड रैंक-8, महित गढ़ीवाला रैंक-9 एवं वेचा ज्ञान महेश रैंक-10 पर चयनित हुये हैं। कोटा से रिलायबल इंस्टीट्यूट के क्लासरूम विद्यार्थी मयंक मोटवानी एआईआर-5 पर सफल रहे। रिजल्ट में कोटा सहित देश के प्रमुख कोचिंग संस्थानों ने शीर्ष 100 रैंक पर सफलता के दावे किये हैं।

23 आईआईटी में कुल 16,598 सीटें
इस वर्ष देश के 23 आईआईटी संस्थानों में सीटों की क्षमता 15,031 है। इसके अतिरिक्त 1567 सुपर न्यूमेररी सीटें छात्राओं के लिये आरक्षित होंगी। इस तरह जेईई-एडवांस्ड2022 में क्वालिफाई हुये 40,712 विद्यार्थियों को 23 आईआईटी में कुल 16,598 सीटों पर प्रवेश दिये जायेंगे।

जेईई-एडवांस्ड 2022 में 10 टॉपर्स

1 आर के शिशिर
2 पोलु लक्ष्मी साई लोहित रेड्डी
3 थॉमस बीजू चिरामवेली
4 वांगपल्ली साई सिद्धार्थ
5 मयंक मोटवानी
6 पोलीसेट्टी कार्तिकेय
7 प्रतीक साहू
8 धीरज कुरुकुंड
9 महित गढ़ीवाला
10 वेचा ज्ञान महेश

जेईई एडवांस 2022 के टॉप 10 रैंकर्स में से पांच आईआईटी मद्रास जोन से

पोलु लक्ष्मी साई लोहित रेड्डी: AIR 2
थॉमस बीजू चीरमवेलिल: AIR 3
वांगपल्ली साई सिद्धार्थ: AIR 4
पोलीसेटी कार्तिकेय: AIR 6
धीरज कुरुकुंडा: AIR 8

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सूडानी नागरिक की गिरफ्तारी के समय एयरपोर्ट पर हंगामा करने वाले 5 अन्य गिरफ्तार

मुंबई: मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सीमा शुल्क (कस्टम) अधिकारियों ने 5.38 करोड़ रुपये के 12 किलोग्राम सोना बरामद करके एक सूडानी नागरिक को गिरफ्तार किया है। उसकी गिरफ्तारी के समय एयरपोर्ट पर हंगामा करने वाले 5 अन्य लोगों को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

कस्टम सूत्रों के अनुसार सूडानी नागरिक के बारे में पहले से सूचना मिली थी, इसी वजह एयरपोर्ट पर कस्टम अधिकारी पहले से तैनात थे। शनिवार देर रात जैसे ही संदिग्ध सूडानी नागरिक दिखा, उसकी तलाशी ली गई। कस्टम अधिकारियों ने विशेष रूप से डिजाइन की गई बेल्ट से 5.38 करोड़ रुपये मूल्य का 12 किलोग्राम सोना बरामद किया। यह बेल्ट सूडानी यात्री पहने हुए था।

इस कार्रवाई के समय कुछ यात्रियों ने उसे भागने में मदद करने के लिए हंगामा किया, इसलिए इन सभी 5 लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है। अधिकारी ने बताया कि सूडानी नागरिक ने रेड चैनल पर 12 किलो बरामद सोने की जानकारी संबंधित अधिकारियों को नहीं दी थी। इसलिए, उसके पास मिले सोने को सीमा शुल्क अधिनियम की धारा 110 के तहत बरामद किया गया है। इस संबंध में सोने की तस्करी का मामला दर्ज करके आगे की जांच शुरू की गई है।

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नई दिल्ली: ब्रिटेन की दिवंगत महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के सम्मान में आज देश में राजकीय शोक है । लाल किले और राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रीय ध्वज को आधा झुका दिया गया है। महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का निधन गुरुवार को हुआ था। इसके बाद सरकार ने एक दिवसीय राजकीय शोक की घोषणा की थी। ब्रिटेन में 10 दिन का राष्ट्रीय शोक है।

इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बयान जारी किया था कि ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का गुरुवार को निधन हो गया। उनके सम्मान में देशभर में 11 सितंबर को एक दिवसीय राजकीय शोक मनाया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महारानी के निधन के बाद उन्हें श्रद्धांजलि दी थी। उन्होंने कहा कि महारानी के निधन से आहत हूं। इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और ब्रिटेन के लोगों के साथ हैं।

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कड़ी सुरक्षा के बावजूद गृहमंत्री के करीब पहुंचने वाला शख्स गिरफ्तार
खुद को एक सांसद का निजी सचिव बताकर आंखों में धूल झोंक रहा था

मुंबई: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मुंबई दौरे में उनकी सुरक्षा में बड़ी चूक का मामला प्रकाश में आया है। मुंबई दौरे में एक शख्स खुद को एक सांसद का निजी सचिव होने का दावा कर कई घंटों तक अमित शाह के इर्द-गिर्द घूमता रहा। लेकिन मंत्रालय के अधिकारियों को शक होने पर उस शख्स को मुंबई पुलिस ने हिरासत में ले लिया। मुंबई पुलिस ने संदिग्ध शख्स से गहन पूछताछ के बाद बुधवार को गिरफ्तार किया है। आरोपित का नाम हेमंत पवार है और यह धुलिया जिले का निवासी है। पुलिस हेमंत पवार से पूछताछ कर रही है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह चार और पांच अगस्त को मुंबई दौरे पर थे। इस बीच, उन्होंने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुंबई में उनके आधिकारिक आवास पर मुलाकात की। उसके बाद उन्होंने बांद्रा के आशीष शेलार के गणेशोत्सव मंडल में और लालबाग के राजा गणेशोत्सव मंडल में जाकर भगवान गणेश के दर्शन किए थे। उनकी सुरक्षा के लिए चाक-चौबंद व्यवस्था की गई थी। मुंबई पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों ने भी शाह की सुरक्षा के लिए सावधानी बरती।

हालांकि इस बीच केंद्रीय गृहमंत्री के इर्द-गिर्द एक शख्स घूम रहा था। उसने सुरक्षा एजेंसियों से कहा था कि वह आंध्र प्रदेश के एक सांसद का निजी सचिव है। मंत्रालय के एक अधिकारी को इस शख्स पर शक हुआ और उन्होंने इसकी जानकारी मुंबई पुलिस को दी। इसके बाद मुंबई पुलिस ने उस व्यक्ति को हिरासत में लिया और उससे पूछताछ की।

सूत्रों ने बताया कि आरोपित का नाम हेमंत पवार है। मुंबई पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि यह सुरक्षा में कोई चूक नहीं है। यह मुंबई पुलिस की ही सतर्कता थी कि उसे तुरंत हिरासत में ले लिया गया और आरोपित की जांच जारी है।

सूत्रों के अनुसार पूछताछ में पता चला है कि आरोपित हेमंत पवार ने सुरक्षा एजेंसियों को गुमराह करने के लिए केंद्रीय गृह विभाग का सुरक्षा अधिकारी होने का भी दावा किया था। उसने एक रिबन के साथ गृह मंत्रालय नाम का नीले रंग का आई-कार्ड पहनकर सरकारी अधिकारी होने का नाटक किया था। इस बात की भी जांच चल रही है कि हेमंत पवार की मंशा क्या थी।

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नई दिल्ली: नीले आसमान के लिए स्वच्छ वायु का अंतरराष्ट्रीय दिवस के मौके पर केन्द्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने बुधवार को पर्यावरण संरक्षण में मददगार साबित हो रहे सर्वश्रेष्ठ प्रयासों को अपनाने वाले आठ शहरों पर एक ब्रोशर जारी किया। इन शहरों में वाराणसी, लखनऊ, बंगलुरू, पूणे, हैदाराबाद, अकोला, तूतीकोरीन और श्रीनगर शामिल हैं। इन सभी शहरों में पर्यावरण संरक्षण को लेकर बेहतर उपायों का सफल क्रियान्वयन किया जा रहा है, जिससे वहां प्रदूषण का स्तर काफी कम हुआ है। पर्यावरण को स्वच्छ बनाने में मददगार बेहतरीन प्रबंधन उपायों को देश के सभी शहरों के नगर निगमों के आयुक्तों को भेजा जाएगा।

पर्यावरण भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में केन्द्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव ने बताया कि नवाचार को देश में अभियान की तरह लिया जाना चाहिए। जिन राज्यों में पर्यावरण संरक्षण के लिए बेस्ट प्रबंधन के प्रयास किए जा रहे हैं, उनका न सिर्फ स्वागत होना चाहिए बल्कि उनका इस्तेमाल कर बाकी राज्य भी लाभान्वित हों, यह सुनिश्चित होना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य अब स्वच्छ वायु के लिए नित नए कदम उठा रहे हैं जिससे लोग भी जागरूक हो रहे हैं। पर्यावरण संरक्षण में सरकारी कोशिशों के साथ जनभागीदारी भी आवश्यक है। इसके प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए गैरसरकारी संस्थानों, शैक्षणिक संस्थानों, शोधकर्ता को नए दृष्टिकोण के साथ आगे आना चाहिए।

किस शहर में क्या -क्या किए गए उपाय-

श्रीनगर में प्रदूषण को बढ़ाने वाले पीएम 10 का स्तर साल 2020-21 में जहां 163

माइक्रोन था जो साल 2021-22 में घटकर 111 माइक्रोन पर आ गया। यहां पर जनभागीदारी के साथ 6 आर अभियान की शुरुआत की गई। इसके तहत पोलिथीन के उपयोग को कम करना, उसका दोबारा इस्तेमाल करना, उसके रिसाइकल पर जोर देना, वैकल्पिक व्यवस्था को बढ़ावा देना और पॉलिथीन का इस्तेमाल को बंद करने के लिए उसकी सूचना प्रशासन को देना शामिल है। इस शहर में लोगों को जागरुक करने के लिए धार्मिक गुुरु आगे आ रहे हैं। मार्केट एसोसिएशन के द्वारा लोगों को जागरुक किया जा रहा है और पोलिथीन के इस्तेमाल को बंद करने पर जोर दिया जा रहा है। यहां अबतक पॉलिथीन के इस्तेमाल को बंद करने के लिए अबतक 428 अभियान चलाए गए, 6443 किलो पॉलिथीन को जब्त किया गया और 9 लाख से अधिक जुर्माऩा वसूला गया। इस पूरे अभियान में स्थानीय लोगों ने प्रशासन का पूरा साथ दिया।

तूतीकोरीन में कचरे से किया जा रहा है धन अर्जित

तूतीकोरीन में कूड़ा प्रबंधन पर काफी काम किया जा रहा है। यहां प्रदूषण स्तर पिछले दो सालों में 84 माइक्रोन से घटकर 67 माइक्रोन रह गया है। यहां रोजाना 102 मेट्रिक टन कूड़ा निकलता है जिसमें से 96 मेट्रिक टन का निस्तारण किया जाता है। यहां बायो माइनिंग के माध्यम से कूड़े को पृथक कर रिफ्यूज्ड डिराइवड फ्यूल तैयार किया जा रहा है। इसके अलावा प्लास्टिक कचरे को रिसाइकल किया जा रहा है। निर्माण कार्य के लिए भी कूड़े का इस्तेमाल किया जा रहा है।

वाराणसी में कूड़े के प्रबंधन के लिए कई किए जा रहे हैं कई उपाय

वाराणसी में साल 2020-21 में जहां प्रदूषण स्तर 168 माइक्रोन था वहीं साल 2021-22 में घटकर 114 माइक्रोन रह गया है। वाराणसी प्रशासन कूड़े के प्रबंधन के लिए कई सफल उपाय कर रही है। शहर में रोजाना 750 मेट्रिक टन कचरा निकलता है जिसमें 600 मेट्रिक टन कचरे का निस्तारण किया जाता है। कचरे के निस्तारण के लिए वेस्ट टू एनर्जी प्लांट लगाए गए हैं। 24 टन कूड़े के इस्तेमाल से 200 किलोवाट बिजली भी पैदा की जा रही है। ठोस कचरे के निस्तारण के लिए 31 केन्द्र स्थापित किये गए हैं। इसके अलावा शहर में लोगों को जागरुक करने के लिए स्वच्छ समितियों का गठन किया गया है। सभी वार्ड में स्वच्छाग्राही बनाए गए हैं। कार्यशालाएं आयोजित की जा रही हैं।

अकोला में नालियों की सफाई पर दिया जा रहा है जोर

महाराष्ट्र के अकोला में नालियों की सफाई पर खासा जोर दिया जा रहा है। यहां नालियां जाम होने के कारण बाढ़ आने का खतरा बना रहता है। यहां प्रदूषण का स्तर 60 माइक्रोन से नीचे रहता है। नालियों की सफाई, डीसिल्टिंग पर जोर दिया जा रहा है।

हैदराबाद में शहरों में पौधारोपण पर दिया जा रहा है जोर

हैदराबाद में शहरों में पौधारोपण के साथ अपशिष्ट प्रबंधन पर काफी जोर दिया जा रहा है। यहां प्रदूषण का स्तर पिछले दो सालों से 88 माइक्रोन है। शहर में खाली स्थानों पर पेड़-पौधा रोपण किया जा रहा है। नदियों के किनारे एक लाख से अधिक पौधे लगाए गए। 2.32 लाख से अधिक पौधे निगम के पार्कों में लगाए ।

पुणे में परिवहन प्रदूषण पर लगाया गया लगाम

पुणे शहर में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए परिवहन व्यवस्था में बड़ा बदलाव किया गया है। यहां बड़ी संख्या में बिजली से चलने वाले वाहनों को बढ़ावा दिया जा रहा है। शहर में चलने वाली बसो में 310 बिजली से चलने वाली बसें और 1658 बसें सीएनजी से चलने वाली हैं। यहां दो मेट्रो हैं। इसके साथ लोगों में साइकिल और पैदल चलने की आदत को बढ़ावा देने के साथ यहां की सड़कों को उनके मुफीद तैयार किया जा रहा है।

बेंगलुरू में सड़कों को किया जा रहा है साफ

बेंगलुरू में साफ शहरों के लिए साफ सड़कों पर जोर दिया जा रहा है। यहां प्रदूषण स्तर 67 माइक्रोन है। वाहनों के प्रदूषण को कम करने की दिशा में यहां सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था में ई बसों को शामिल किया है। सड़कों को साफ करने के लिए आधुनिक मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। सड़कों पर धूल कण को कम करने के लिए पानी का छिड़काव किया जाता है। सड़कों के दोनों तरफ पेड़ पौधे लगाए जा रहे हैं। सार्वजनिक परिवहन को व्यवस्थित किया गया है।

लखनऊ में बनाया गया है कमांड सेंटर
लखनऊ में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए किए जा रहे उपायों की क्रियान्वयन और निगरानी के लिए कमांड सेंटर स्थापित किया गया है। स्थानीय निकाय के उपायों से यहां प्रदूषण का स्तर पिछले एक साल में 209 माइक्रोन से घटकर 148 माइक्रोन आ गया है। कंट्रोल रूम से शहर में किए जा रहे उपायों पर रियल टाइम निगरानी रखी जा रही है।

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नई दिल्ली: केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने पीएम गति शक्ति ढांचे को लागू करने के लिए रेलवे की जमीन को दीर्घकालिक पट्टे पर देने की नीति को मंजूरी दी है। इससे लगभग 1.2 लाख नौकरियों पैदा होंगी। यह नीति रेलवे को अधिक राजस्व भी दिलाएगी और 5 वर्षों में 300 पीएम गति शक्ति कार्गो टर्मिनल विकसित किए जाएंगे।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में रेलवे की जमीन को पट्टे पर दिए जाने की नीति में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की ।

केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बुधवार को कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए कहा कि नीति में बदलाव से बुनियादी ढांचे और अधिक कार्गो टर्मिनलों का एकीकृत विकास संभव होगा। कार्गो संबंधी गतिविधियों के लिए रेलवे भूमि को 35 वर्ष तक की अवधि के लिए भूमि के बाजार मूल्य के 1.5 प्रतिशत की दर से पट्टे पर दिया जा सकेगा।

उन्होंने बताया कि इससे अगले पांच वर्षों में 300 पीएम गति शक्ति कार्गो टर्मिनल विकसित किए जाएंगे। सौर संयंत्रों की स्थापना हेतु नाममात्र लागत पर रेलवे भूमि का उपयोग किया जा सकेगा। सामाजिक बुनियादी ढांचे के विकास को प्रोत्साहित करना (जैसे पीपीपी के माध्यम से अस्पताल और केंद्रीय विद्यालय संगठन के माध्यम से स्कूल बनाना) संभव होगा।

उन्होंने कहा कि माल ढुलाई में रेलवे की मोडल हिस्सेदारी बढ़ाने में मदद मिलेगी। उद्योग की रसद लागत कम होगी और रेलवे को अधिक राजस्व मिलेगा। पीएम गति शक्ति कार्यक्रम में परिकल्पित उपयोगिताओं के लिए अनुमोदन को सरल बनाया जाएगा। इससे लगभग 1.2 लाख रोजगार सृजन संभव होगा।

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– नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा का भी करेंगे अनावरण

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुरुवार को इंडिया गेट पर ‘कर्तव्य पथ’ का उद्घाटन करेंगे। साथ ही इस अवसर पर वे नेताजी सुभाष चंद्र बोस की ग्रेनाइट से बनी प्रतिमा का भी अनावरण करेंगे।

प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी 8 सितंबर को शाम 7 बजे ‘कर्तव्य पथ’ का उद्घाटन करेंगे। कार्यालय के अनुसार सत्ता के प्रतीक तत्कालीन राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ करना जन प्रभुत्व और सशक्तिकरण का एक उदाहरण है।

प्रधानमंत्री इस अवसर पर इंडिया गेट पर ग्रेनाइट से बनी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा का भी अनावरण करेंगे। यह कदम प्रधानमंत्री के ‘पंच प्रण’ में से एक की तर्ज पर है यानी ‘औपनिवेशिक मानसिकता का कोई भी निशान हो उसे मिटाया जाए।’

सरकार के अनुसार वर्षों से, राजपथ और सेंट्रल विस्टा एवेन्यू के आसपास के इलाकों में आगंतुकों की बढ़ती भीड़ का दबाव देखा जा रहा था, जिससे इसके बुनियादी ढांचे पर दबाव पड़ रहा था। इसमें सार्वजनिक शौचालय, पीने के पानी, स्ट्रीट फर्नीचर और पार्किंग स्थल की पर्याप्त व्यवस्था जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव था। इसके अलावा, मार्गों के पास अपर्याप्त बोर्ड, पानी की खराब सुविधाएं और बेतरतीब पार्किंग थी। साथ ही, गणतंत्र दिवस परेड और अन्य राष्ट्रीय कार्यक्रमों के दौरान कम गड़बड़ी और जनता की आवाजाही पर कम से कम प्रतिबंध लगाने की आवश्यकता महसूस की गई। इन चिंताओं को ध्यान में रखते हुए पुनर्विकास किया गया जबकि वास्तु शिल्प का चरित्र बनाये रखने और अखंडता भी सुनिश्चित की।

कर्तव्य पथ बेहतर सार्वजनिक स्थानों और सुविधाओं को प्रदर्शित करेगा, जिसमें पैदल रास्ते के साथ लॉन, हरे भरे स्थान, नवीनीकृत नहरें, मार्गों के पास लगे बेहतर बोर्ड, नई सुख-सुविधाओं वाले ब्लॉक और बिक्री स्टॉल होंगे। इसके अलावा इसमें पैदल यात्रियों के लिए नए अंडरपास, बेहतर पार्किंग स्थल, नए प्रदर्शनी पैनल और रात्रि के समय जलने वाली आधुनिक लाइटों से लोगों को बेहतर अनुभव होगा। इसमें ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, भारी वर्षा के कारण एकत्र जल का प्रबंधन, उपयोग किए गए पानी का पुनर्चक्रण, वर्षा जल संचयन और ऊर्जा कुशल प्रकाश व्यवस्था जैसी अनेक दीर्घकालिक सुविधाएं शामिल हैं।

नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा उसी स्थान पर स्थापित की जा रही है, जहां इस साल की शुरुआत में पराक्रम दिवस (23 जनवरी) के अवसर पर नेताजी की होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण किया गया था। ग्रेनाइट से बनी यह प्रतिमा हमारे स्वतंत्रता संग्राम में नेताजी के अपार योगदान के लिए उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी, और देश के उनके प्रति ऋणी होने का प्रतीक होगी। मुख्य मूर्तिकार अरुण योगीराज द्वारा तैयार की गई 28 फुट ऊंची प्रतिमा को एक ग्रेनाइट पत्थर से उकेरा गया है और इसका वजन 65 मीट्रिक टन है।

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नई दिल्ली: केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने पीएमश्री स्कूलों (पीएम स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया) की स्थापना से जुड़ी एक नई केंद्र प्रायोजित योजना के शुभारंभ को मंजूरी दी है। केंद्रीय विद्यालयों और नवोदय विद्यालयों सहित 14 हजार से अधिक स्कूलों को मजबूत कर उन्हें पीएमश्री स्कूलों के रूप में तैयार किया जाएगा।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में सरकारी स्कूलों को मजबूत कर उन्हें पीएमश्री स्कूलों के रूप में तैयार करने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की।

केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बुधवार को कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि यह योजना केंद्र, राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश सरकार व स्थानीय निकायों की ओर से संचालित स्कूलों के लिए है। इसमें कुल परियोजना लागत 5 साल के लिए 27,360 करोड़ रुपये आएगी जिसमें केंद्र का हिस्सा 18,128 करोड़ होगा। इससे 18 लाख से अधिक छात्र लाभान्वित होंगे।

उन्होंने बताया कि इसके तहत आने वाले स्कूल राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के कार्यान्वयन का उदाहरण बनेंगे और अनुकरणीय स्कूलों के रूप में उभरेंगे। इन स्कूलों का उद्देश्य न केवल संज्ञानात्मक विकास है बल्कि छात्र का समग्र और अच्छी तरह लक्षित व्यक्ति निर्माण करना है।

इन स्कूलों की शिक्षा अधिक अनुभव देने वाली, एकीकृत, पूछताछ-संचालित, खोज-उन्मुख, शिक्षार्थी-केंद्रित, चर्चा-आधारित, लचीला और आनंददायक होगी। प्रत्येक कक्षा में प्रत्येक बच्चे के सीखने की प्रवृत्ति को परिणाम के आधार पर आंका जाएगा। मेंटरशिप प्रदान करके अन्य स्कूलों को उनके संबंधित क्षेत्रों में नेतृत्व प्रदान किया जाएगा। रोजगार क्षमता बढ़ाने के लिए क्षेत्र कौशल परिषदों और स्थानीय उद्योग के साथ इन्हें जोड़ा जाएगा।

उन्होंने बताया कि स्कूलों में सौर पैनल और एलईडी लाइट, प्राकृतिक खेती, अपशिष्ट प्रबंधन के साथ पोषण उद्यान, प्लास्टिक मुक्त परिसर, जल संरक्षण और संचयन, पर्यावरण संरक्षण से संबंधित परंपराओं व प्रथाओं का अध्ययन जैसे पर्यावरण के अनुकूल पहलुओं को शामिल किया जाएगा।

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नई दिल्ली: राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट तक जाने वाले मार्ग राजपथ का नाम बदलकर ‘कर्तव्यपथ’ कर दिया गया है।

केन्द्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय की ओर से राजपथ का नाम बदले जाने का प्रस्ताव प्राप्त हुआ था। इस प्रस्ताव को आज सुबह एनडीएमसी परिषद की हुई बैठक में बदल दिया गया।

नई दिल्ली के जय सिंह मार्ग स्थित एनडीएमसी मुख्यालय में हुई बैठक में मीनाक्षी लेखी, सतीश उपाध्याय, कुलजीत चहल समेत लगभग सभी सदस्य बैठक शामिल हुए। इस बैठक में राजपथ का नाम बदलने के प्रस्ताव पर चर्चा हुई और फिर प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया।

केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा कि आजादी के बाद औपनिवेशिक मानसिकता को आगे बढ़ाया गया। राजपथ बताता है कि आप ‘राज’ के लिए आए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। इसी सिलसिले साम्राज्यवादी नीतियों, प्रतीकों को खत्म करना होगा। इसलिए राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्यपथ कर दिया गया है।

अब ‘इंडिया गेट पर नेताजी की प्रतिमा से लेकर राष्ट्रपति भवन तक पूरा मार्ग और क्षेत्र कर्तव्य पथ के नाम से जाना जाएगा।’ ब्रिटिश काल में राजपथ को किंग्सवे कहा जाता था।

बताया जाता है कि जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से गुलामी की हर चीज से मुक्त होने की बात कही है, तभी से राजपथ के नाम बदलने पर भी मंथन शुरू हो गया था। प्रधानमंत्री गुरुवार को कर्तव्यपथ और उसके आसपास के क्षेत्र के पुनर्विकास कार्य के बाद तैयार हुए सेंट्रल विस्टा एवेन्यू का उद्घाटन करेंगे।

राजपथ का इतिहास :

एनडीएमसी के पूर्व अधिकारी व लुटियंस दिल्ली पर कई किताबें लिख चुके मदन थपलियाल बताते हैं, रायसीना हिल्स पर स्थित राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट तक जाने वाली तीन किलोमीटर लंबी सड़क बुधवार सुबह तक राजपथ के नाम से जाना जाता था। 1955 से पहले यह सड़क किंग्सवे के नाम से जानी जाती थी। जहां सिर्फ राजाओं को ही जाने की इजाजत हुआ करती थी।

ब्रिटिश काल में ब्रिटिश शासकों के अहम अधिकारी ही इस रास्ते से जाया करते थे। अंग्रेजों ने किंग जॉर्ज पंचम के सम्मान में राजपथ का नाम किंग्सवे रखा था। जो साल 1911 में दिल्ली दरबार में हिस्सा लेने के लिए आए थे। कहा जाता है कि इसी वक्त दिल्ली को भारत की राजधानी बनाया गया था और इससे पहले भारत की राजधानी कोलकाता हुआ करती थी। इस वक्त इस किंग्सवे का मतलब राजा का रास्ता से था।

वर्ष 1947 में जब भारत को अंग्रेजों से आजादी मिली तो भारत में काफी सुधार हुए। अंग्रेजों का गुणगान करने वाले स्थानों का नाम बदला गया और कई जगहों को आम नागरिकों के लिए खोला गया। इसमें राजपथ भी शामिल था। भारत 1947 में आजाद हुआ और जवाहर लाल नेहरू देश के प्रधानमंत्री बने। उन्होंने साल 1955 में इस किंग्सवे का नाम बदलने का फैसला किया और इसका नाम राजपथ किया गया। इसका नाम राज यानी लोकतंत्र से जोड़कर रखा गया। बता दें कि इसके पास ही एक सड़क है, जिसका नाम जनपथ है।

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नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि नफरत और बंटवारे की राजनीति में उन्होंने अपने पिता को खो दिया। अब वह देश को खोना नहीं चाहते हैं। राहुल गांधी ने बुधवार को ट्वीट कर कहा कि प्यार नफरत को जीत लेगा। आशा डर को हरा देगी। हम सब मिलकर इसे मात देंगे।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा है कि 07 सितंबर एक ऐसा दिन है जब देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी अब तक की सबसे लंबी पदयात्रा शुरू करेगी। आज का दिन शांत, चिंतन और नए सिरे से संकल्प का दिन है। भारतीय राजनीति में यह एक टर्निंग पॉइंट है। एक नई शुरुआत का प्रतीक है।

उल्लेखनीय है कि आज राहुल गांधी कन्याकुमारी से ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की शाम 5 बजे औपचारिक शुरुआत करेंगे। यह यात्रा शुरू करने से पहले राहुल श्रीपेरंबुदुर पहुंचे। वह पूर्व प्रधानमंत्री और अपने पिता राजीव गांधी के स्मारक पहुंचकर पुष्पांजलि अर्पित की। राहुल यहां पर पार्टी की ओर से आयोजित प्रार्थना सभा में भी शामिल हुए।

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