भोपाल: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जन्म जयंती पर आज (रविवार) से कांग्रेस प्रदेश भर में गांधी चौपाल लगायेगी जो 30 जनवरी तक अनवरत चलेगी।

गांधी चौपाल के प्रदेश प्रभारी भूपेन्द्र गुप्ता ने बताया कि 2 अक्टूबर को कांग्रेस पार्टी द्वारा प्रदेश भर में 500 गांधी चौपालें लगाई जाएंगी, जिसमें महात्मा गांधी एवं लालबहादुर शास्त्री के चित्रों पर माल्यार्पण कर चौपाल शुरू होगी। गांधी चौपाल में देश की एकता और समरसता के भजन गाये जाएंगे जो गांधी जी की प्रार्थना सभा में गाये जाते थे। पूरे प्रदेश में लगभग 23000 गांधी चौपालें लगायी जायेंगी।

गुप्ता ने बताया कि रविवार को भोपाल में प्रात: दस बजे ग्राम बीलखेडा, रातीबड़ में गांधी चौपाल आयोजित की जायेगी, जिसमें पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, पूर्व मंत्री पीसी शर्मा प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष प्रदेश उपाध्यक्ष चंद्रप्रभाष शेखर, गांधी चौपाल के प्रदेश प्रभारी भूपेन्द्र गुप्ता एवं सह प्रभारी जितेंद्र मिश्रा सहित कांग्रेस जिला विचार विभाग के अध्यक्ष अभिषेक श्रीवास्तव उपस्थित रहेंगे।

गांधी चौपाल की शुरूआत गांधी जी की प्रार्थना सभा और भजनों से होगी। आर्थिक विषमता, गांव के आर्थिक शोषण, बेरोजगारी और मंहगाई जैसे विषयों पर जर्चा होगी। ग्राम स्वराज की अवधारणा, स्वावलंबन और आत्मनिर्भरता केंद्रीय विषय रहेंगे।

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नई दिल्ली: कृतज्ञ राष्ट्र ने रविवार को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 153वीं जयंती पर उन्हें नमन किया।  इस मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राजघाट पहुंचकर बापू को श्रद्धांजलि दी। प्रधानमंत्री मोदी ने बापू की समाधि स्थल पर पुष्प भी अर्पित किए।

कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे गांधी राजघाट पहुंचे। उन्होंने बापू की समाधि पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि गांधी की 153वीं जयंती के अवसर पर मैं सभी देशवासियों की ओर से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धा-सुमन अर्पित करती हूं। प्रधानमंत्री मोदी ने महात्मा गांधी का जयंती के अवसर पर उनसे जुड़ा एक वीडियो संदेश ट्वीटर पर साझा किया। मोदी ने लिखा कि गांधी जयंती पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि। यह गांधी जयंती और भी खास है, क्योंकि भारत आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। हमेशा बापू के आदर्शों पर खरे उतरें। मैं आप सभी से महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि के रूप में खादी और हस्तशिल्प उत्पाद खरीदने का भी आग्रह करता हूं।

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नई दिल्ली:  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को 5जी सेवाओं की शुरुआत करते हुए कहा कि आज देश ‘डिजिटल फॉर आल’ की मुहिम पर काम कर रहा है। सरकार के प्रयासों से अब यह क्षेत्र भी लोकतांत्रिक हो गया और देश का गरीब सशक्त हो रहा है। उन्होंने कहा कि सुविधा सुलभ होने पर सोच सशक्त होती है और अब दुनिया मान रही है कि आने वाला दशक ही नहीं बल्कि अगली शताब्दी भी भारत की है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को यहां प्रगति मैदान में आयोजित एक कार्यक्रम में भारत में 5जी सेवाओं का शुभारंभ किया। साथ ही 1 से 4 अक्टूबर, 2022 तक नई दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित छठी इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2022 (आईएमसी-2022) का भी उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज चुनिंदा शहरों में लॉन्च किये जाने के साथ ही 5जी अगले कुछ वर्षों में उत्तरोत्तर पूरे देश को कवर करेगा।

बिना हल्ला मचाए देश में डिजिटल सहूलियतें बढ़ीं
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोई हो हल्ला मचाए बिना भारत सरकार देश में डिजिटल सहूलियतों को बढ़ा रही है। 5जी सेवाओं के लांच का लाभ देश के युवा वर्ग को सबसे अधिक होने वाला है। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार के प्रयासों से भारत में डेटा की कीमत बहुत कम बनी हुई है। ये बात अलग है कि हमने इसका हल्ला नहीं मचाया, बड़े-बड़े विज्ञापन नहीं दिए। हमने फोकस किया कि कैसे देश के लोगों की सहूलियत बढ़े, जीवन जीना आसान बने।”

देश की सामान्य मानवी की डिजिटल समझ पर हमेशा किया भरोसा
मोदी ने पूर्व में देशवासियों की डिजिटल अपनाने की क्षमता पर प्रश्न उठाने वालों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि एक वक्त था जब इलीट क्लास के कुछ मुट्ठी भर लोग गरीब लोगों की क्षमता पर संदेह करते थे। उन्हें शक था कि गरीब लोग डिजिटल का मतलब भी नहीं समझ पाएंगे, लेकिन हमें देश के सामान्य मानवी की समझ, विवेक और जिज्ञासु मन पर हमेशा भरोसा रहा है। हमने देखा है कि देश के गरीब भी हमेशा नई तकनीकों को अपनाने के लिए आगे आते हैं। हमारे देश की जो ताकत है, इस ताकत को हम नजरअंदाज नहीं कर सकते।

इंटरनेट फॉर आल के लक्ष्य पर काम कर रही सरकार
प्रधानमंत्री ने कहा कि जैसे सरकार ने घर-घर बिजली पहुंचाने की मुहिम शुरू की। जैसे हर घर जल अभियान के जरिए हर किसी तक साफ पानी पहुंचाने के मिशन पर काम किया। जैसे उज्जवला योजना के जरिए गरीब से गरीब आदमी के घर में भी गैस सिलेंडर पहुंचाया। वैसे ही हमारी सरकार इंटरनेट फॉर आल के लक्ष्य पर काम कर रही है।

देश में डिजिटल वातावरण विकसित करने के लिए एक समग्र प्रयास के महत्व को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने 4 स्तंभों पर, चार दिशाओं में एक साथ फोकस किया। पहला डिवाइस की कीमत, दूसरा, डिजिटल कनेक्टिविटी, तीसरा, डेटा की कीमत, चौथा और सबसे जरूरी, ‘डिजिटल फर्स्ट’ की सोच।

आज हजारों मोबाइल निर्यात कर रहा भारत
उन्होंने कहा कि सरकार के इन प्रयासों से 2014 में जीरो मोबाइल फोन निर्यात करने से लेकर आज हम हजारों करोड़ के मोबाइल फोन निर्यात करने वाले देश बन चुके हैं। इन सारे प्रयासों का प्रभाव डिवाइस की कीमत पर पड़ा है। अब कम कीमत पर हमें ज्यादा फीचर्स भी मिलने लगे हैं। ऑप्टिकल फाइबर कनेक्टिविटी वाली केवल 100 ग्राम पंचायतों से, भारत में अब ऑप्टिकल फाइबर से जुड़ी 170,000 से अधिक पंचायतें हैं। 2014 में 6 करोड़ डिजिटल उपयोगकर्ताओं से आज हमारे पास देश में 80 करोड़ डिजिटल उपयोगकर्ता हैं, जिनके पास 85 करोड़ से अधिक इंटरनेट कनेक्शन हैं।

सरकार ने आगे बढ़कर डिजिटल पेमेंट का रास्ता बनाया आसान
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने खुद आगे बढ़कर डिजिटल पेमेंट का रास्ता आसान बनाया है। सरकार ने खुद ऐप के जरिए नागरिक केन्द्रित वितरण सेवा को बढ़ावा दिया। किसान हो या छोटे दुकानदार सबको हमने उन्हें ऐप के जरिए रोज की जरूरतें पूरी करने का रास्ता दिया। छोटे व्यापारी, छोटे उद्यमी, लोकल कलाकार और कारीगर सबको डिजिटल इंडिया ने मंच और बाजार दिया है। उन्होंने कहा, “आज आप किसी लोकल मार्केट में या सब्जी मंडी में जाकर देखिए, रेहड़ी-पटरी वाला छोटा दुकानदार भी आपसे कहेगा, कैश नहीं ‘यूपीआई’ कर दीजिए।”

प्रधानमंत्री ने 5जी को अनंत अवसरों का आकाश बताया और देशवासियों को इसकी शुरुआत की शुभकामनायें दीं। उन्होंने कहा कि आज देश की ओर से, देश की टेलीकॉम इंडस्ट्री की ओर से, 130 करोड़ भारतवासियों को 5जी के तौर पर एक शानदार उपहार मिल रहा है। 5जी देश के द्वार पर नए दौर की दस्तक है।

उन्होंने कहा कि नया भारत, टेक्नोलॉजी का सिर्फ़ उपभोक्ता बनकर नहीं रहेगा बल्कि भारत उस टेक्नोलॉजी के विकास में, उसको जमीन पर उतारने में एक्टिव भूमिका निभाएगा। भविष्य की वायरलेस टेक्नॉलजी को डिजाइन करने में, उससे जुड़े उत्पादन में भारत की बड़ी भूमिका होगी।

डिजिटल माध्यम से प्रधानमंत्री ने किया संवाद
देश में 5जी सेवाओं की शुरूआत के बाद लेखक अमीश त्रिपाठी ने मुंबई डिजिटल से जुड़ी प्रस्तुति दी। उनके संवाद के दौरान प्रधानमंत्री ने डिजिटल मामले से शिक्षा पा रहे छात्रों से संवाद किया। साथ ही प्रधानमंत्री ने दिल्ली मेट्रो की द्वारका से जुड़ी एक अंडरग्राउंड टनल में 5जी डिजिटिल तकनीक से मजदूरों को दी जा रही सुरक्षा का मुआयना किया। उन्होंने दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना और वहां कार्यरत एक मजदूर से बातचीत की। मेटावर्स में वर्चुअल रियलिटी के अनुभव से जुड़ी प्रस्तुति देखी। प्रधानमंत्री ने होलोग्राम से जरिये वहां उपस्थित हुई वाराणसी की छात्रा खुशी से संवाद किया, जिसने सोलर सिस्टम को वीआर के माध्यम से देखने का अनुभव साझा किया। वाराणसी से कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी जुड़े थे।

इतिहास में आज का दिन सुनहरे अक्षरों में दर्ज होगाः अश्वनी वैष्णव
केन्द्रीय टेलीकॉम मंत्री अश्वनी वैष्णव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी भारत में 5जी सेवाएं लॉन्च कर रहे हैं। दूरसंचार के इतिहास में आज का दिन सुनहरे अक्षरों में दर्ज होगा। टेलीकॉम गेटवे है, डिजिटल इंडिया की नींव है। यह हर व्यक्ति के लिए डिजिटल सेवाओं को लाने का माध्यम है।

5जी सेवाएं डिजिटल क्षेत्र में कामधेनु की भूमिका निभाएंगीः मुकेश अंबानी
रिलायंस जियो के मुकेश अंबानी ने कहा कि 5जी सेवाएं डिजिटल क्षेत्र में कामधेनु की भूमिका निभाएंगी। इससे कई नए आयाम खुलेंगे। इसमें कनेक्टिविटी तकनीक की अगली पीढ़ी की तुलना में बहुत अधिक है। उनके विचार से यह मूलभूत तकनीक है, जो 21वीं सदी की अन्य तकनीकों जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, रोबोटिक्स, ब्लॉकचैन और मेटावर्स की पूरी क्षमता को अनलॉक करती है। उन्होंने कहा कि हमने 5जी सेवाओं को शुरू करने में भले ही देरी की लेकिन हम पूरे देश में इसे लांच करने में पीछे नहीं रहेंगे। उन्होंने हर तालुका और तहसील तक दिसंबर 2023 तक 5जी सेवाएं पहुंचाने की प्रतिबद्धता को दोहराया।

प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश डिजिटल सेवाओं में आगे बढ़ रहाः सुनील मित्तल
भारती एयरटेल के सुनील मित्तल ने प्रधानमंत्री के नेतृत्व की प्रशंसा की और कहा कि वे तकनीक के महत्व को समझते हैं। गुजरात में रहते हुए उनके कार्यकाल में बहुत डिजिटल पहल शुरू की। उनके विजन से ही हम 4जी तकनीक क्षेत्र में आगे रहे। इससे कोरोना काल में भी देश की डिजिटल धड़कन नहीं रुकी। साथ ही उन्होंने कहा कि आज देश उत्पादन कर रहा है और लगातार कई यूनीकोर्न तैयार हो रहे हैं। आज प्रधानमंत्री द्वारा 5जी सेवाओं की शुरुआत करने से देश के आठ शहरों में एक साथ 5जी सेवाएं शुरू हो जायेंगी।

5 जी सेवा
वर्षों की गहन तैयारी के बाद 5जी सेवाओं की शुरुआत हो रही है। हाल ही में 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी सफलतापूर्वक संपन्न की गई थी और दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को 1,50,173 करोड़ रुपये के सकल राजस्व के साथ 51,236 मेगाहर्ट्ज आवंटित किया गया था। नीलामी ने एक मजबूत 5जी इको-सिस्टम तैयार करने की आवश्यकता पर जोर दिया था, ताकि आईओटी, एम2एम, एआई, एज कंप्यूटिंग, रोबोटिक्स आदि से जुड़े इसके इस्तेमाल से संबंधित जरूरतों को पूरा कर सकें।5जी नए आर्थिक अवसर और सामाजिक लाभ प्रदान कर सकता है और इसे भारतीय समाज के लिए एक परिवर्तनकारी शक्ति बनने की क्षमता प्रदान कर सकता है। यह देश को विकास की पारंपरिक बाधाओं को दूर करने, स्टार्टअप्स और व्यावसायिक उद्यमों द्वारा नवाचारों को बढ़ावा देने के साथ-साथ ‘डिजिटल इंडिया’ के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने में मदद करेगा। भारत पर 5जी का कुल मिलाकर आर्थिक प्रभाव 2035 तक 450 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।दूरसंचार विभाग ने अगस्त 2022 में राइट ऑफ वे (आरओडब्ल्यू) नियम 2016 में संशोधन किया है, जिसमें आरओडब्ल्यू की स्वीकृतियों के लिए शुल्क को उचित बनाया गया है और स्ट्रीट फर्नीचर पर 5जी छोटे सेल और ऑप्टिकल फाइबर केबल की स्थापना के लिए आरओडब्ल्यू शुल्क की एक सीमा तय की गई है।

दूरसंचार विभाग ने 2018 में प्रौद्योगिकी विकसित करने के लिए आईआईटी, भारतीय विज्ञान संस्थान बेंगलुरु और समीर (एसएएमईईआर) की मदद से 5जी टेस्टेड की स्थापना की है। स्टार्टअप उद्योगों द्वारा इस्तेमाल को बढ़ाने के लिए 2020 में एक 5जी हैकथॉन शुरू किया गया था और इससे नवीन उत्पादों को बढ़ावा मिला है। 5जी के इस्तेमाल के मामलों पर एक अंतर-मंत्रालयी समिति 2021 से 12 केंद्रीय मंत्रालयों के समन्वय से कार्य कर रही है, जिससे 5जी यूज-केस प्रयोगशालाओं की स्थापना की जा सके। 5जी हैंडसेट उपलब्ध कराने के लिए 5जी इको-सिस्टम को सक्षम करने के लिए उद्योग के साथ परामर्श आयोजित किया गया है। मुंबई में निवेशकों, बैंकरों और उद्योग के साथ 5जी व्यापार के अवसरों पर और सरकार द्वारा प्रमुख हस्तक्षेपों की पहचान करने के लिए एक गोलमेज सम्मेलन आयोजित किया गया था।

सी-डॉट ने एक स्वदेशी 5जी नॉन-स्टैंड अलोन (एनएसए) कोर विकसित किया है। सी-डॉट स्थानीय उद्योग और स्टार्ट-अप के सहयोग से 5जी रेडियो एक्सेस नेटवर्क (आरएएन) भी विकसित कर रहा है। सी-डॉट ने टीसीएस और तेजस नेटवर्क के सहयोग से अपने 4जी कोर का पहले ही सफलतापूर्वक परीक्षण कर लिया है।

ये सभी प्रधानमंत्री के “जय अनुसंधान” के आह्वान को पूरा करने में मदद करेंगे। ये सभी प्रयास भारत के विनिर्माण और दूरसंचार इको-सिस्टम के लिए गेम-चेंजर हैं, जो घरेलू 5जी एंटरप्राइज कैरियर ग्रेड स्टैक के साथ-साथ अभिनव प्रभावशाली 5जी यूज-केस के लिए अग्रणी हैं।

आईएमसी -2022
आईएमसी-2022 का विषय, एशिया में अग्रणी डिजिटल इवेंट ‘एनकैप्सुलेट, एंगेज एंड एक्सपीरियंस ए न्यू डिजिटल यूनिवर्स’ है और इसका मुख्य उद्देश्य नई तकनीकों, विशेष रूप से स्वदेशी लोगों को बढ़ावा देना और नागरिकों को 5जी के उपयोग और अनुप्रयोगों का अनुभव देना है। अन्य उद्देश्यों में स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देना, अंतरराष्ट्रीय क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देना, समावेशी और सतत विकास को प्रेरित करना, उद्यमिता और नवाचार को बढ़ावा देना, विदेशी और स्थानीय निवेश को बढ़ावा देना शामिल है। इसमें 5,000 से अधिक सीएक्सओ और प्रतिनिधियों, 250 से अधिक प्रदर्शकों, 100 से अधिक स्टार्ट-अप, 300 से अधिक वक्ताओं, 70,000 से अधिक प्रतिभागियों और आगंतुकों की अपेक्षित संख्या के बल पर आकर्षक साबित होने की उम्मीद है।

राज्य के आईटी सचिवों को भी आईएमसी-2022 में आमंत्रित किया गया है और आईएमसी-2022 के दौरान राज्यों के सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्रियों के साथ एक गोलमेज सम्मेलन की भी योजना है, जिसमें 5जी के रोलआउट में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की भूमिका, व्यापार के अवसरों की आवश्यकता, कौशल विकास और संभावित स्टार्ट-अप और निवेशकों के साथ बातचीत के बारे में चर्चा की जाएगी।

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नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए अब पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर का मुकाबला होगा।

कांग्रेस चुनाव प्रभारी मधुसूदन मिस्त्री ने शनिवार को कहा कि नामांकन पत्रों की जांच पूरी कर ली गई है। कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए किए गए नामांकन में खड़गे और थरूर के नामांकन वैध पाए गए हैं। इसलिए अध्यक्ष पद के उम्मीदवार के रूप में यह दोनों नेता चुनाव लड़ सकते हैं।

उन्होंने कहा कि अगर कोई उम्मीदवार चाहे तो वह आठ अक्टूबर तक अपना नाम वापस ले सकता है। अगर एक से अधिक उम्मीदवार हुए तो 17 अक्टूबर को मतदान कराए जाएंगे। उन्होंने कहा कि जांच-पड़ताल के दौरान झारखंड कांग्रेस के नेता केएन त्रिपाठी के फार्म में कई कमियां पाई गई हैं। जिसके बाद त्रिपाठी का नामांकन रद्द कर दिया गया है।

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कानपुर: साड़ थाना क्षेत्र के गंभीरपुर गांव के बीच सड़क किनारे बने तालाब में एक ट्रैक्टर-ट्रॉली अनियंत्रित होकर पलट गई। हादसे में 25 लोगों की मौत हो गई है लेकिन मरने वालों की अभी तक कोई अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

साढ़ के कोरथा गांव निवासी एक मुंडन संस्कार में फतेहपुर गए थे। लौटते वक्त ट्रैक्टर-़ट्रॉली अनियंत्रित होकर सड़के किनारे बने तालाब में जा गिरी। चीख पुकार मचते ही आसपास के लोग एकत्र हो गए। लोगों ने पुलिस को सूचना देने के बाद ट्रॉली फंसे लोगों को निकालने की कोशिश जारी है। हादसे में 25 लोगों की मौत होने की सूचना है लेकिन अब तक कोई अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

मृतकों के नाम- हादसे में मृत लोगों के नाम मिथलेश 50 वर्ष पुत्र रामसजीवन, केशकली पति देशराज, किरन, पारुल , अंजली ,रामजानकी, लीलावती पति रामदुलारे,गुड़िया पति संजय,तारा देवी पति टिल्लू, अनिता देवी पति बीरेंद्र सिंह,सान्वी पिता कल्लू, शिवम पिता कल्लू,नेहा पिता सुंदरलाल, मनिसा पिता रामदुलारे,ऊसा पति ब्रजलाल, गीता सिंह पति शंकर सिंह,रोहित पिता रालदुलारे,रवी पिता शिवराम,जयदेवी पति शिवराम,मायावती पति रामबाबू,सुनीता पिता प्रहलाद, सिवानी पिता स्व रामखिलावन,फूलमती पति स्व सियाराम, रानी पति रामशंकर का नाम शामिल है लेकिन अबतक कोई अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

कोरथा के रहने वाले राजू निषाद अपने बच्चे का मुंडन कराने रिश्तेदारों संग चंद्रिका देवी मंदिर गए थे। राजू ही ट्रैक्टर चला रहा था। घटना के बाद से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। बताया जा रहा है कि हादसे के वक्त तीन चार जो लोग कूद गए, वो ही बचे हैं। बाकी लोग दबे हुए हैं। हादसे में माता-पिता और जिस बच्चे का मुंडन था, उनकी भी मौत हो गई है।

घायलों को एंबुलेंस से भीतरगांव सीएचसी में भर्ती कराया गया है। घटना की जानकारी मिलने के बाद एम्बुलेंस मौके पर भेजी गई है। हालांकि स्थानीय लोगों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि अधिकारियों की लापरवाही के कारण एम्बुलेंस देरी से पहुंची। अगर एम्बुलेंस सही समय पर पहुंचती तो और लोगों की जान बच सकती थी। माना जा रहा है कि ट्रैक्टर के अंदर दबे लोगों की दम घुटने से मौत हुई है। फिलहाल राहत कार्य जारी है।

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नई दिल्ली: देश को आज तीसरी वंदे भारत ट्रेन मिल जाएगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुजरात की राजधानी गांधीनगर और मुंबई सेंट्रल के बीच स्वदेश निर्मित हाईस्पीड वंदे भारत एक्सप्रेस के नए और उन्नत संस्करण को हरी झंडी दिखाएंगे। यह अपनी तरह की तीसरी वंदे भारत एक्सप्रेस है।

केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 2022-23 के केंद्रीय बजट में घोषणा की थी कि अगले तीन वर्षों में 400 नई पीढ़ी की वंदे भारत ट्रेनों का विकास और निर्माण किया जाएगा।

पहली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को 15 फरवरी, 2019 को नई दिल्ली-कानपुर-इलाहाबाद-वाराणसी मार्ग पर हरी झंडी दिखाई गई थी।

15 अगस्त, 2021 को लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणा की थी कि स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के 75 सप्ताह के दौरान 75 वंदे भारत ट्रेनें देश के हर कोने को जोड़ेगी।

वंदे भारत ट्रेन की पहचान गति, सुरक्षा और सेवा है। वंदे भारत 160 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम गति तक चल सकती है। इसमें शताब्दी ट्रेन जैसी यात्रा अपार्टमेंट हैं, लेकिन यात्रियों को इस ट्रेन में बेहतर यात्रा अनुभव मिलेगा। गति और सुविधा के लिहाज से यह ट्रेन भारतीय रेलवे के लिए बड़ी छलांग है।

उदाहरण के लिए नई दिल्ली और वाराणसी के बीच निर्धारित आवागमन में लगभग आठ घंटे लगते हैं। इससे यह इन दोनों शहरों को जोड़ने वाली सबसे तेज गति की ट्रेन की तुलना में 40-50 प्रतिशत तेज हो गई।

इसके अलावा वंदे भारत ट्रेन के सभी कोच स्वचालित दरवाजों से सुसज्जित हैं। इसमें एक जीपीएस आधारित आडियो विजुअल यात्री सूचना प्रणाली है। इसमें मनोरंजन प्रयोजनों के लिए ऑनबोर्ड हॉट स्पाट वाई-फाई, और बहुत आरामदायक बैठने की जगह है। इसमें एग्जीक्यूटिव क्लास में घूमने वाली कुर्सियां भी हैं। इसके प्रत्येक कोच में गर्म भोजन के अलावा गर्म और ठंडे पेय परोसने की सुविधाओं के साथ एक पैंट्री की सुविधा है। वंदे भारत एक्सप्रेस में कुल 1,128 यात्रियों के बैठने की क्षमता है

देश की पहली सेमी हाई स्पीड ट्रेन वर्तमान में दो रूटों नई दिल्ली से कटरा (माता श्री वैष्णो देवी) और नई दिल्ली से वाराणसी के बीच चल रही है। इस साल की शुरुआत में रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने खजुराहो से वंदे भारत एक्सप्रेस के संचालन की घोषणा की थी।

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– एचएएल ने आर्मी एविएशन के महानिदेशक को सौंपा पहला एलसीएच

– वायु सेना 03 अक्टूबर को जोधपुर में शुरू करेगी पहली एलसीएच स्क्वाड्रन

नई दिल्ली: स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर (एलसीएच) को गुरुवार को भारतीय सेना में शामिल किया गया है। पहला एलसीएच आज औपचारिक रूप से हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने सेना उड्डयन कोर के महानिदेशक को सौंप दिया। वायु सेना भी एलसीएच की तैनाती पाकिस्तान सीमा पर राजस्थान के जोधपुर में 03 अक्टूबर को करने जा रही है। अत्यधिक युद्धाभ्यास और फुर्तीला एलसीएच युद्धक क्षमता में काफी इजाफा करेगा।

सेना की ओर से जारी एक बयान में बताया गया कि एचएएल ने देश में निर्मित स्वदेशी लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर आज भारतीय सेना को सौंप दिया है। एचएएल ने पहले स्वदेशी एलसीएच के कागजात औपचारिक रूप से सेना उड्डयन कोर के महानिदेशक को सौंपे। सेना इसकी तैनाती कहां तैनात करेगी, इसका खुलासा फिलहाल नहीं किया गया है। हालांकि, भारतीय सेना ने कुछ महीनों पहले बेंगलुरु में एलसीएच की एक स्क्वाड्रन बनाई थी, जिसे बाद में चीन की सीमा के पास मौजूद एयरबेस पर भी तैनात किये जाने की तैयारी है। सेना 95 एलसीएच और खरीदेगी, जिनकी सात यूनिट्स अलग-अलग पहाड़ी इलाकों पर बनाई जाएगी।

एलसीएच दुनिया का एकमात्र अटैक हेलीकॉप्टर है, जो हथियारों और ईंधन के काफी भार के साथ 5,000 मीटर (16,400 फीट) की ऊंचाई पर लैंडिंग और टेक ऑफ कर सकता है। यह हेलीकॉप्टर 20 एमएम बुर्ज गन, 70 एमएम रॉकेट लॉन्चिंग सिस्टम, एयर टू ग्राउंड और एयर टू एयर लॉन्चिंग मिसाइल सिस्टम से लैस है। एलसीएच दो इंजन वाला 5-8 टन वर्ग का लड़ाकू हेलीकॉप्टर है। एलसीएच में दो लोग बैठ सकते हैं। यह 51.10 फीट लंबा और 15.5 फीट ऊंचा है। पूरे साजो-सामान के साथ इसका वजन 5800 किलो रहता है। यह 700 किलोग्राम वजन के हथियार लेकर अधिकतम 268 किमी. प्रतिघंटा की गति से उड़ सकता है। इसकी रेंज 550 किलोमीटर है और एक बार में यह लगातार 3 घंटे 10 मिनट उड़ सकता है। अधिकतम 6500 फीट की ऊंचाई तक जा सकता है।

एलसीएच में प्रभावी लड़ाकू भूमिकाओं के लिए उन्नत तकनीकों और साइलेंट फीचर को शामिल किया गया है। इसे दुश्मन की वायु रक्षा, काउंटर विद्रोह, खोज और बचाव, टैंक विरोधी, काउंटर सर्फेस फोर्स ऑपरेशंस इत्यादि जैसी भूमिकाओं को पूरा करने के लिए डिजाइन किया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘राष्ट्रीय रक्षा समर्पण पर्व’ के मौके पर पिछले साल 19 नवम्बर को भारतीय वायु सेना के प्रमुख वीआर चौधरी को हल्के वजन वाले लड़ाकू हेलीकॉप्टर का मॉडल सौंपा था।

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अहमदाबाद/नई दिल्ली: प्रधानमंत्री ने गुरुवार की शाम अहमदाबाद के नरेन्द्र मोदी स्टेडियम में आयोजित भव्य उद्घाटन समारोह में 36वें राष्ट्रीय खेल के शुभारंभ की घोषणा की। इस अवसर पर खिलाड़ियों को प्रतिबद्धता और निरंतरता का मंत्र देते हुए प्रधानमंत्री ने आशा व्यक्त की कि खिलाड़ियों को खेलों में मिली जीत देश को जश्न का मौका देगी और भविष्य के बारे में विश्वास जगाएगी।

इस दौरान प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय खेल में भाग लेने वाले देशभर के एथलीटों को संबोधित करते हुए कहा कि किसी भी देश की प्रगति और सम्मान का सीधा संबंध खेलों में मिली सफलता से होता है। राष्ट्र को नेतृत्व युवा देते हैं और उनकी ऊर्जा और जीवन निर्माण का प्रमुख स्रोत खेल होते हैं। विकास में आगे देश मेडल लिस्ट में भी टॉप पर होते हैं। खेल के मैदान में खिलाड़ियों की जीत, उनका दमदार प्रदर्शन, अन्य क्षेत्रों में देश की जीत का भी रास्ता बनाता है। स्पोर्ट्स की सॉफ्ट पावर, देश की पहचान को, देश की छवि को कई गुना ज्यादा बेहतर बना देती है।

36वें राष्ट्रीय खेल के शुभारंभ की घोषणा से पूर्व अपने संबोधन की शुरूआत में प्रधानमंत्री ने कहा, “विश्व का सबसे बड़ा स्टेडियम, विश्व का इतना युवा देश और देश का सबसे बड़ा खेल उत्सव। जब आयोजन इतना अद्भुत और अद्वितीय हो, तो उसकी ऊर्जा ऐसी ही असाधारण होगी।”

भारत की खेल के क्षेत्र में होती प्रगति का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 8 साल पहले तक भारत के खिलाड़ी सौ से भी कम इंटरनेशनल इवेंट्स में हिस्सा लेते थे। अब भारत के खिलाड़ी 300 से भी ज्यादा इंटरनेशनल इवेंट्स में शामिल होते हैं। 8 साल पहले भारत के खिलाड़ी 20-25 खेलों को खेलने ही जाते थे। अब भारत के खिलाड़ी करीब 40 अलग-अलग खेलों में हिस्सा लेने जाते हैं। अब देश के प्रयास और उत्साह केवल एक खेल तक सीमित नहीं है, बल्कि ‘कलारीपयट्टू’ और योगासन जैसे भारतीय खेलों को भी महत्व मिल रहा है। उन्हें खुशी है कि इन खेलों को नेशनल गेम्स जैसे बड़े आयोजनों में शामिल किया गया है।

पूर्ववर्ती सरकारों के परिवारवाद और निष्क्रियता पर हमला करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने स्पोर्ट्स स्पिरिट के साथ स्पोर्ट्स के लिए काम किया। टॉप्स जैसी योजनाओं के जरिए वर्षों तक मिशन मोड में तैयारी की। आज बड़े-बड़े खिलाड़ियों की सफलता से लेकर नए खिलाड़ियों के भविष्य निर्माण तक, टॉप्स एक बड़ी भूमिका निभा रहा है। आज फिट इंडिया और खेलो इंडिया जैसे प्रयास एक जन-आंदोलन बन गए हैं। इसीलिए, आज खिलाड़ियों को ज्यादा से ज्यादा संसाधन भी दिए जा रहे हैं और ज्यादा से ज्यादा अवसर भी मिल रहे हैं। पिछले 8 वर्षों में देश का खेल बजट करीब 70 प्रतिशत बढ़ा है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में भी सरकार ने खिलाड़ियों का मनोबल कम नहीं होने दिया। सभी को जरूरी संसाधन दिए और विदेश भी भेजा। साथ ही उन्होंने कहा कि अब खिलाड़ियों के रिटायर होने पर भी उनका ख्याल रखा जा रहा है।

प्रधानमंत्री खिलाड़ियों से आग्रह किया कि वे नवरात्रि के पावन अवसर इससे जुड़े आयोजनों में भाग लें। उन्होंने कहा कि गुजरात में माँ दुर्गा की उपासना से लेकर गरबा तक, यहाँ की अपनी अलग ही पहचान है। जो खिलाड़ी दूसरे राज्यों से आए हैं, उनसे मैं कहूंगा कि खेल के साथ ही यहां नवरात्रि आयोजन का भी आनंद जरूर लीजिये।

राज्य की खेल सुविधाओं पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरदार पटेल स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में फुटबाल, हॉकी, बास्केटबॉल, कबड्डी, बॉक्सिंग और लॉन टेनिस जैसे अनेकों खेलों की सुविधा एक साथ उपलब्ध है। ये एक तरह से पूरे देश के लिए एक मॉडल है।

आयोजन के दौरान प्रधानमंत्री ने देसर में विश्वस्तरीय ‘स्वर्णिम गुजरात खेल विश्वविद्यालय’ का भी उद्घाटन किया। इस ऐतिहासिक परियोजना से देश के खेल शिक्षा परिदृश्य के बदलने की उम्मीद है। 130 एकड़ में 108 करोड़ के खर्च से बना यह विश्वविद्यालय सभी आधुनिक सुविधाओं से संपन्न है।

इससे पहले गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेश पटेल ने देशभर के हर नागरिक और खिलाड़ियों का राज्य में स्वागत करते हुए कहा कि पहले राष्ट्रीय खेलों के आयोजन में सालों का वक्त लगता था लेकिन इन खेलों का आयोजन में महज तीन महीनों में किया गया है। उन्हें आशा है कि यह खेल प्रत्येक प्रतिभागी में नई ऊर्जा का संचार करेंगे।

इस अवसर पर केन्द्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर, राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश पटेल और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम से पहले उद्घाटन समारोह में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की मोहक प्रस्तुति की गई।

उल्लेखनीय है कि गुजरात राज्य में पहली बार राष्ट्रीय खेल का आयोजन हो रहा है। यह 29 सितंबर से 12 अक्टूबर, 2022 तक आयोजित किया जाएगा। देश भर के लगभग 15,000 खिलाड़ी, कोच और अधिकारी विभिन्न प्रकार के 36 खेलों में भाग लेंगे, जिससे यह अब तक का सबसे बड़ा राष्ट्रीय खेल बन जाएगा।

खेल आयोजन अहमदाबाद, गांधीनगर, सूरत, वडोदरा, राजकोट और भावनगर के छह शहरों में आयोजित किए जाएंगे। तत्कालीन मुख्यमंत्री और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में गुजरात ने अंतरराष्ट्रीय मानकों के साथ एक सशक्त आधारभूत खेल सुविधा स्थापित करने की यात्रा शुरू की, जिससे राज्य को बहुत कम समय में खेलों की तैयारी करने में मदद मिली।

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उधमपुर/कटरा: शारदीय नवरात्रि के प्रथम चार दिन में करीब 1.45 लाख श्रद्धालुओं ने मां वैष्णो देवी के दरबार में हाजिरी लगाकर मां का आशीर्वाद प्राप्त कर चुके हैं। अनुमान है कि इन नवरात्रि में करीब 3 लाख श्रद्धालु मां के समक्ष हाजिरी लगाएंगे।

गुरुवार को यात्री पंजीकरण कक्ष से मिली जानकारी के अनुसार पहले नवरात्रि पर 42 हजार श्रद्धालुओं ने वैष्णो देवी भवन पर नमन किया। जबकि दूसरे नवरात्रि पर 38,216 श्रद्धालुओं ने वैष्णो देवी दरबार पहुंचे। बुधवार को तीसरे नवरात्रि पर 34,115 श्रद्धालुओं और गुरुवार को समाचार लिखे जाने तक लगभग 32 हजार श्रद्धालु ने आरएफईडी यात्रा पर्ची लेकर मां भगवती की प्राकृतिक पिंडियों के दर्शन के लिए रवाना हुए।

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NewDelhi:  केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने आज चौथे राष्ट्रीय युवा पुलिस अधीक्षक सम्मेलन और पुलिस एक्सपो के उद्घाटन समारोह को संबोधित किया। इस अवसर पर BPR&D (पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो) के महानिदेशक और राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के महानिदेशक/महानिरीक्षक/उप महानिरीक्षक, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPFs) और केंद्रीय पुलिस संगठनों (CPOs) के महानिरीक्षक/उप महानिरीक्षक, युवा पुलिस अधीक्षक, कमांडेंट और उद्योग जगत के प्रतिनिधियों सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

अपने संबोधन में केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष के सम्मेलन के लिए बीपीआरएंडडी द्वारा चुना गया विषय ‘साइबर अपराध- प्रबंधन, ड्रोन एवं काउंटर ड्रोन में नवाचार और अनुसंधान’ आज के समय में बहुत ही प्रासंगिक है। उन्होंने कहा कि बीपीआरएंडडी अपनी स्थापना के समय से उत्तम कार्यप्रणालियों और मानकों के प्रोत्साहन द्वारा हर उस क्षेत्र के विकास में शामिल रहा है, जहां देश की पुलिस की क्षमता निर्माण, प्रशासनिक एवं सुधारात्मक सुधार, आधुनिकीकरण और उन्नयन की आवश्यकता है। बीपीआरएंडडी ने राष्ट्र की सेवा में 52 साल की लंबी यात्रा पूरी की है और ब्यूरो देशभर में शांति, सद्भाव सुनिश्चित करने और कानून-व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने तथा भारतीय पुलिस के हर कदम का मार्गदर्शन एवं संवर्धन करने के लिए अनुकरणीय कार्य कर रहा है।

श्री नित्यानंद राय ने कहा कि लोक प्रशासन में पुलिस सबसे अहम हिस्सा है, जो सार्वजनिक जीवन के हर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज कराती है। पुलिस राष्ट्र की शांति और सद्भाव की प्रहरी है, जिसकी किसी भी राष्ट्र और उसके नागरिकों को सबसे अधिक आवश्यकता होती है और देश में एक सुरक्षित वातावरण की आवश्यकता होती है, जो पुलिस ही प्रदान करती है और इस तरह पुलिस देश के विकास यात्रा का एक अनिवार्य अंग है। उन्होंने कहा कि हमारी कानून प्रवर्तन एजेंसियां दो मोर्चों पर परिवर्तन देख रही हैं, पहला, दिन-प्रतिदिन नई आपराधिक चुनौतियों को हल करने के लिए प्रौद्योगिकी को अपनाना, अपराध पैटर्न की बेहतर पहचान के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आदि का उपयोग करना, और दूसरा, तेजी से बदलते अपराध पैटर्न और उनके तौर-तरीके को समझना और कड़ी कार्यवाही करना। श्री राय ने कहा कि अपराधी इस तकनीकी क्रांति का अधिक तेजी से दुरूपयोग करके हमारे सामने गंभीर खतरों और चुनौतियों को खड़ा कर रहे हैं, जिन पर हमें तत्काल ध्यान देने और नागरिकों और बुनियादी ढांचों की रक्षा के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों को हमेशा विरोधियों से आगे रहने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि साइबर हमले, रैंसम-वेयर हमले, पहचान उजागर होना और बुनियादी ढांचों का प्रभावित होना आदि साइबर सुरक्षा डोमेन में होने वाले अपराध पैटर्न की कुछ प्रमुख श्रेणियां हैं।

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को लगातार तीसरी बार समाजवादी पार्टी (सपा) का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया है। सपा के प्रमुख महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव ने पार्टी के दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन गुरुवार को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर अखिलेश के निर्विरोध निर्वाचन की घोषणा की। अध्यक्ष पद के चुनाव में अखिलेश के अलावा किसी अन्य नेता के नाम का प्रस्ताव नहीं आया था।

लखनऊ के रमाबाई अंबेडकर स्टेडियम में आयोजित सपा के राष्ट्रीय सम्मेलन का गुरुवार को अंतिम दिन है। लगातार तीसरी बार अध्यक्ष बनने के बाद अखिलेश ने पार्टी नेताओं एवं कार्यकर्ताओं के प्रति आभार जताया। अखिलेश ने सत्ताधारी भाजपा पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि यह जिम्मेदारी आप सब ने तब दी है, जब देश के लोकतंत्र और संविधान को खतरा है।

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– हेलीकॉप्टर दुर्घटना में जनरल रावत की मौत के बाद से खाली था सैन्य बलों के प्रमुख का यह पद
– भारत सरकार के मिलिट्री ऑफ अफेयर्स के सचिव का भी पद संभालेंगे लेफ्टिनेंट जनरल चौहान

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने लगभग 10 माह बाद रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान को देश का अगला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) नियुक्त किया है। वह भारत सरकार के मिलिट्री ऑफ अफेयर्स के सचिव का भी पद संभालेंगे। केंद्र सरकार ने अनिल चौहान की नियुक्ति के बारे में अधिसूचना भी जारी कर दी है। चौहान 30 सितंबर को अपना पद भार संभालेंगे। देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत की हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत के बाद से सैन्य बलों के प्रमुख का यह पद खाली था।

देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत का पिछले साल 08 दिसंबर को एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में निधन होने के बाद केंद्र सरकार ने खाली पड़े इस पद पर नियुक्ति के लिए रक्षा बलों के नियमों में बड़ा बदलाव किया था। रक्षा मंत्रालय की अधिसूचना में कहा गया था कि 62 वर्ष से कम आयु का कोई भी सेवारत या सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल, एयर मार्शल और वाइस एडमिरल चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के पद के लिए पात्र होंगे। इसीलिए नए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) की नियुक्ति के लिए केंद्र सरकार सेवारत और सेवानिवृत्त, दोनों तरह के सैन्य अधिकारियों के नाम पर विचार कर रही थी।

पिछले साल दिसंबर में पूर्व सीडीएस जनरल बिपिन रावत के हवाई दुर्घटना में निधन के बाद 10 माह तक चले मंथन के बाद आखिरकार आज देश को दूसरा चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) मिला गया। केंद्र सरकार ने सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान के नाम पर मुहर लगा दी। वह सैन्य मामलों के विभाग के सचिव के रूप में भी कार्य करेंगे। सीडीएस की नियुक्ति सैन्य मामलों के विभाग के सचिव के तौर पर होती है, जो वर्तमान में अतिरिक्त सचिव रैंक के तहत काम करता है। सीडीएस एकीकृत डिफेंस स्टाफ का अध्यक्ष भी होता है। सरकार ने सीडीएस को रक्षा कार्यक्रमों में ‘मेक इन इंडिया’ का प्रभारी भी बनाया है।

लेफ्टिनेंट जनरल चौहान ने सेना की उत्तरी कमान में महत्वपूर्ण बारामुला सेक्टर में एक इन्फैंट्री डिवीजन की कमान संभाली थी। बाद में लेफ्टिनेंट जनरल के रूप में उन्होंने उत्तर पूर्व में एक कोर की कमान संभाली। इसके बाद सितंबर, 2019 से पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ बने और मई 2021 में सेवा से अपनी सेवानिवृत्ति तक पदभार संभाला। इससे पहले उन्होंने अंगोला में संयुक्त राष्ट्र मिशन के रूप में भी काम किया था। सेना में उनकी विशिष्ट और शानदार सेवा के लिए परम विशिष्ट सेवा पदक, उत्तम युद्ध सेवा पदक, अति विशिष्ट सेवा पदक, सेना पदक और विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया।

सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद भी उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा और रणनीतिक मामलों में योगदान देना जारी रखा। सेना में लगभग 40 वर्षों से अधिक के करियर में उन्हें जम्मू-कश्मीर और उत्तर-पूर्व भारत में आतंकवाद विरोधी अभियानों में व्यापक अनुभव है। 18 मई, 1961 को जन्मे लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान को 1981 में भारतीय सेना की 11 गोरखा राइफल्स में कमीशन दिया गया था। वह राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खडकवासला और भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून के पूर्व छात्र हैं।

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