भोपाल: अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार मल्लिकार्जन खड़गे ने कहा कि अभा कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव मेरे अकेले का नहीं, पूरी कांग्रेस का चुनाव है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं की इच्छानुसार मैं इस राष्ट्रीय पार्टी के अध्यक्ष का एक उम्मीदवार हूं। मेरा कोई राजनैतिक एजेंडा नहीं है। उदयपुर में संपन्न पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन के दौरान जो निर्णय हुए, उन्हीं को आगे बढ़ाना मेरी जिम्मेदारी होगी।

खड़गे बुधवार को भोपाल प्रवास के दौरान यहां कांग्रेस कार्यालय में पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और नेताओं के खिलाफ मौजूदा सरकारों ने जिस तरह उन्हें झूठे प्रकरण बनाकर प्रताड़ित और परेशान किया जा रहा है। ईडी, सीबीआई जैसी संस्थाओं का दुरुपयोग हमारे साथियों के मनोबल को तोड़ने के लिए किया जा रहा है, उनके खिलाफ सड़क से लेकर पार्लियामेंट तक सशक्त संघर्ष करना ही मेरा मुख्य एजेंड़ा होगा।

खड़गे ने कहा कि मैंने 55 वर्ष पहले कांग्रेस पार्टी के एक ब्लाक अध्यक्ष के रूप में अपनी राजनीतिक पारी की शुरूआत की थी। मुझे गर्व है कि स्व. इंदिरा गांधी, स्व. राजीव गांधी, सोनिया गांधी और राहुल गांधी का मुझे इस लंबी राजनैतिक यात्रा में उनका स्नेह और विश्वास मिला है। इस चुनाव में मेरी किसी से भी प्रतिस्पर्धा नहीं है, कांग्रेस पार्टी मेरा एक वृहद परिवार है, जिसमें सभी को अपनी बातें रखने का अधिकार है। हम सब मिलकर एक परिवार के एक सदस्य के रूप में उसे ऊंचाइयां देने के लिए पूरी तरह कटिबद्ध हैं।

उन्होंने कहा कि भाजपा राजनैतिक डाकेजनी के माध्यम से लोकतंत्र को लूट रही है। जिस तरह भाजपा द्वारा मप्र और कर्नाटक में सरकारें गिराई गईं, गोवा और महाराष्ट्र में भी कालेधन के माध्यम से ऐसी ही राजनैतिक डाकेजनी को अंजाम दिया गया। हम इस अलौकतांत्रिक चरित्र के खिलाफ न केवल सीधा संघर्ष करेंगे, बल्कि संवैधानिक संस्थाओं की गिरती हुई साख को भी पुनर्स्थापित करेंगे।

उन्होंने कांग्रेस को पुनर्जीवित किये जाने की बात करने वालों पर भी सीधा हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी एक जीवित पार्टी है, उसे पुनर्जीवित करने की बात करने वाले लोग इस विचारधारा के दुश्मन प्रतीत होते हैं। भाजपा और उसकी विचारधारा पर भी तीखा तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि एक तरफ यह विचारधारा कांग्रेस मुक्त भारत बनाने की बात करती है, वहीं दूसरी ओर हमारी काबिज सत्ताओं को कालेधन के बल पर गिराकर हमारी राजनैतिक ताकत से भयभीत क्यों हैं?

खड़गे ने कहा कि मेरे अध्यक्ष चुने जाने के बाद पीढ़ियों के अंतर को समाप्त करते हुए 50 फीसदी पार्टी के उनक कार्यकर्ताओं का चयन होगा, जो 50 वर्ष से कम आयु वर्ग के होकर विभिन्न वर्ग और जाति समुदाय के होंगे। आवश्यकतानुसार हमारी रीति-नीतियों में सामूहिक सहमति से परिवर्तन भी किया जायेगा। पत्रकार वार्ता में खड़गे के साथ राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी और अभा कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता गौरव वल्लभ भी मौजूद थे।

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जेपी ने सत्ता के लिए नहीं सिद्धांत की लड़ाई लड़ी, लेकिन उनके नाम से उपजे नेता कांग्रेस की गोद में जा बैठे: गृह मंत्री अमित शाह

Chhapra: जयप्रकाश नारायण की 120 वी जयंती पर सारण जिले के रिविलगंज प्रखंड स्थित सिताबदियारा पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जयप्रकाश नारायण के सिद्धांतों की चर्चा करते हुए विपक्षियों पर कड़ा प्रहार किया.

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जयप्रकाश नारायण सत्ता के लिए नहीं बल्कि सिद्धांत के लिए जाने जाते थे. लेकिन कुछ जो अपने को जयप्रकाश नारायण के अनुयाई कहते हैं वह सत्ता के लिए पांच बार पाला बदल चुके है लेकिन जनता उन्हें जरूर सबक सिखाएगी.

गृह मंत्री अमित शाह ने जयप्रकाश नारायण के आंदोलनों की चर्चा हुए का करते हुए कहा कि जयप्रकाश नारायण ने इमरजेंसी के खिलाफ आवाज उठाई थी, गुजरात जैसे प्रदेश में जयप्रकाश नारायण ने छात्रों के आंदोलन का नेतृत्व करते हुए सफलता पाई.

बिहार में आंदोलन की शुरुआत जयप्रकाश नारायण ने की गांधी मैदान की भीड़ देखकर प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी हतोत्साहित थी. जिसके बाद उन्होंने जयप्रकाश नारायण को जेल भेजवा दिया. उन्होंने लालकृष्ण आडवाणी, अटल बिहारी बाजपेई, मुरारजी देसाई के जेल भेजने घटना का भी जिक्र किया.

अमित शाह ने कहा कि जयप्रकाश नारायण ने सभी विपक्षियों को एक साथ मिलाकर देश में पहली बार पहली गैर कांग्रेसी सरकार बनवाई.

जेपी, विनोबा भावे के सिद्धांत एवं सर्वोदय के नारे को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार विगत 8 वर्षों से पूरी कर रही है. ग्रामोत्थान के सपने के साथ गैस, बिजली, सड़क गांव गांव नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में पूरा हो रहा है.

गृह मंत्री अमित शाह ने “अंधेरे में एक प्रकाश जयप्रकाश, जयप्रकाश” के नारे से जिस प्रकार बिहार और गुजरात में बदलाव किया. संपूर्ण क्रांति के नारे को नरेंद्र मोदी ने सफल बनाया है.

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जे पी का नाम और जे पी के नाम से उपजे नेता आज कांग्रेस के गोद में जाकर बैठ गए हैं. जेपी ने कभी सत्ता के लिए नहीं बल्कि सिद्धांत के लिए लड़ाई लड़ी, लेकिन आज सत्ता के लिए लोग पाला बदलकर अपनी रोटियां सेक रहे हैं. हालांकि जनता उन्हें सबक जरूर सिखाएगी.

उन्होंने कहा कि जयप्रकाश नारायण की जन्मस्थली सिताबदियारा में बनने वाले स्मारक के साथ रिसर्च सेंटर के साथ साथ फैकल्टी सेंटर एवं जयप्रकाश नारायण के सिद्धांतों को जाने वाले छात्रों के लिए स्टूडेंट सेंटर का भी निर्माण कराया जाएगा. जिससे छात्र उनके सिद्धांतों को जान पाएंगे.

अपने भाषण के दौरान श्री शाह ने बलिया के सांसद विरेंद्र सिंह मस्त के कार्यों की सराहना करते हुए कहां की आगे भी इस धरती के लिए कार्य करें.

उन्होंने कहा नारायण के जयप्रकाश नारायण के स्मारक को देखकर लोग उनके सिद्धांतों को जानेंगे. जयप्रकाश नारायण के सिद्धांतों को जिंदा रखेगे तो देश को चलाने के लिए युवा शक्ति प्राप्त होगी.

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Chhapra (सिताब दियारा): जयप्रकाश नारायण की जयंती के अवसर पर छपरा के सिताबदियारा पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर बरसे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आज सत्ता के लिए लोग पाला बदल लेते हैं। इन लोगों को जे पी के विचारों से कोई मतलब नहीं, उनके सिद्धांतों से कोई मतलब नहीं है। जेपी आंदोलन के कारण ही देश में गैर कांग्रेसी सरकार बनी। इन नेताओं को जेपी के विचारों से कोई मतलब नहीं है।

यूपी सरकार अपनी योजनाओं से जोड़कर सिताब दियारा क्षेत्र को बाढ़ से मुक्त करेंगी: योगी

उन्होंने कहा कि जयप्रकाश नारायण ने देश के लिए नए नए संकल्प लिए थे। आज उन संकल्पों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरा कर रहे हैं। घर घर बिजली पहुंचाई जा रही है। केंद्र सरकार की कई योजनाओं का लाभ करोड़ों को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि आपातकालीन के खिलाफ जेपी ने आंदोलन किया। गुजरात के छात्रों के आंदोलन का नेतृत्व जेपी ने किया।

बताते चलें कि जयप्रकाश नारायण की जन्म भूमि छपरा के सिताबदियारा पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने प्रतिमा का अनावरण किया। उनके साथ उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे। मंच पर बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल, बलिया सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त, सारण सांसद राजीव प्रताप रूडी, महाराजगंज सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल, छपरा विधायक डॉ सी एन गुप्ता सहित भाजपा के वरिष्ठ नेता उपस्थित रहे।

 

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने मुलायम सिंह से जुड़ी कई स्मृतियां ट्विटर पर साझा की है। मोदी ने कहा- ‘मुलायम सिंह यादव जी एक विलक्षण व्यक्तित्व के धनी थे। उन्हें एक विनम्र और जमीन से जुड़े नेता के रूप में व्यापक रूप से सराहा गया, जो लोगों की समस्याओं के प्रति संवेदनशील थे। उन्होंने लगन से लोगों की सेवा की और लोकनायक जेपी और डॉक्टर लोहिया के आदर्शों को लोकप्रिय बनाने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया।

प्रधानमंत्री मोदी ने दूसरे ट्वीट में कहा कि मुलायम सिंह यादव जी ने यूपी और राष्ट्रीय राजनीति में अपनी अलग पहचान बनाई। वह आपातकाल के दौरान लोकतंत्र के लिए एक प्रमुख सैनिक थे। रक्षामंत्री के रूप में उन्होंने एक मजबूत भारत के लिए काम किया। उनके संसदीय हस्तक्षेप व्यावहारिक थे और राष्ट्रीय हित को आगे बढ़ाने पर जोर देते थे।

मोदी ने कहा कि जब हमने अपने-अपने राज्यों के मुख्यमंत्रियों के रूप में काम किया, तब मुलायम सिंह यादव जी के साथ मेरी कई बातचीत हुईं। हम दोनों की घनिष्ठता जारी रही और मैं हमेशा उनके विचारों को सुनने के लिए उत्सुक रहता था। उनका निधन मुझे पीड़ा देता है। उनके परिवार और लाखों समर्थकों के प्रति संवेदना हैं। ओम् शांति।

इसके साथ ही उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा नेता मायावती ने कहा है कि समाजवादी पार्टी के व्योवृद्ध नेता और पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव जी के निधन हो जाने की खबर बेहद दुखद है। उनके परिवार व सभी शुभचिन्तकों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है। कुदरत उन सबको इस दुख को सहन करने की शक्ति दे।

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लखनऊ: समाजवादी पार्टी के संस्थापक, संरक्षक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के निधन पर उत्तर प्रदेश में तीन दिन का राजकीय शोक रहेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को यादव के निधन पर शोक जताते हुए इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह यादव का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुलायम सिंह के पुत्र पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उनके भाई रामगोपाल यादव से फोन पर बातकर संवेदना व्यक्त की है। योगी ने कहा है कि मुलायम सिंह यादव का निधन अत्यंत दुखदायी है। उनके निधन से समाजवाद के प्रमुख स्तंभ एवं संघर्षशील युग का अंत हो गया। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करे। मुख्यमंत्री ने शोकाकुल परिजनों एवं समर्थकों के प्रति संवेदना जताई है।

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लोकतंत्र बचाने की जिम्मेदारी हम सबकी: प्रो. आनंद कुमार

Chhapra: विगत 8 अक्टूबर को संपूर्ण क्रांति के प्रणेता लोकनायक जयप्रकाश नारायण की पुण्य तिथि पर नयी दिल्ली स्थित नारायण दत्त तिवारी भवन के सभागार में लोकनायक जयप्रकाश अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन विकास केन्द्र और लोकतंत्र बचाओ अभियान के तत्वावधान में श्रृद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया.

इसमें सर्वप्रथम प्रख्यात समाजशास्त्री प्रोफेसर आनंद कुमार, राष्ट्र सेवा दल के पूर्व अध्यक्ष सुरेश खैरनार, छात्र युवा संघर्ष वाहिनी के पूर्व राष्ट्रीय संयोजक कुमार शुभमूर्ति, गांधी शांति प्रतिष्ठान के अध्यक्ष कुमार प्रशांत, जदयू के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव अरुण श्रीवास्तव, पूर्व अध्यक्ष गाधी शांति प्रतिष्ठान भागलपुर राम शरन, पूर्व सांसद संदीप दीक्षित, बिहार राष्ट्र सेवा दल के अध्यक्ष मोहम्मद शाहिद कमाल, सर्व सेवा संघ के राष्ट्रीय नेता प्रमुख गांधीवादी रामधीरज भाई, समाजवादी चिंतक विजय प्रताप, जेपी आंदोलन के प्रमुख साथी, प्रखर वक्ता व क्रांतिकारी नेता घनश्याम भाई, सुशील कुमार, प्रभात कुमार जी, अरुण प्रसाद, मदन प्रसाद, राष्ट्रीय महासचिव अभय सिन्हा, पत्रकार, लेखक एवं पर्यावरणविद व राष्ट्रीय पर्यावरण सुरक्षा समिति के अध्यक्ष ज्ञानेन्द्र रावत, पर्यावरणविद प्रशांत सिन्हा ने दीप प्रज्वलित कर लोकनायक जयप्रकाश के चित्र पर माल्यार्पण कर अपनी श्रृद्धांजलि अर्पित की.

इसके उपरांत केन्द्र के महासचिव अभय सिन्हा ने जेपी के व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डाला और जेपी के बताये रास्ते पर चलने पर बल दिया और कहा कि हमारा प्रयास है कि जेपी के सभी अनुयायी एक मंच पर आकर सच्ची आजादी की लडा़ई के लिए आगे बढे़ं.

इसके बाद जेपी आंदोलन के तब के साथी और गवाह रहे वरिष्ठ समाजवादी- क्रांतिकारी नेताओं ने न केवल अपने अनुभव सुनाये, बल्कि उस दौर में की गयी ज्यादतियों का सिलसिलेवार वर्णन करते हुए जेपी के विचारों के प्रसार पर बल दिया.

अपने प्रमुख सम्बोधन में जेपी आंदोलन में अग्रणी प्रमुख भूमिका निबाहने वाले प्रख्यात समाजशास्त्री, जेएन यू के चर्चित प्रोफेसर आनंद कुमार ने 1942 और 1974 के जेपी और आंदोलन के दौर की विषमताओं- विशेषताओं का सिलसिलेवार वर्णन किया और कहा कि उस समय आंदोलनकारियों को तानाशाही के विरोध करने और लोकतंत्र की रक्षा हेतु संघर्ष में किन किन तरह की दुश्वारियों का सामना करना पडा़ था लेकिन आंदोलन के महानायक जयप्रकाश जी के नेतृत्व का ही परिणाम रहा कि हमें अपने आंदोलन में न केवल कामयाबी मिली बल्कि तानाशाही सरकार को उखाड़ने में और जनता की सरकार बनाने में सफल हुए. लेकिन दुख है कि आज भी स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है और हालात उससे भी भयावह हैं. इसलिए समय की मांग है कि लोकतंत्र की रक्षा की दिशा में किये जा रहे यज्ञ में सभी लोग आपसी मतभेद-मनभेद भुलाकर जी जान से कूद पडे़ं क्योंकि याद रखो लोकतंत्र बचेगा, तो हम बचेंगे, देश बचेगा. इसलिए आओ और इस संघर्ष के लिए कमर कसकर तैयार हो जाओ. इस दिशा में जन जागृति बहुत जरूरी है. यदि हम अपनी जिम्मेदारी का सही निर्वहन करने में नाकाम रहे तो इतिहास हमें कभी माफ नहीं करेगा.

श्रृद्धांजलि सभा में मौजूद सृष्टि फाउण्डेशन के प्रमुख सरदार सुखविंदर सिंह, प्रयास एक आशा की प्रमुख जयश्री सिन्हा, सामाजिक कार्यकर्ता मो. रिजवान, विनय खरे, राजेश सिन्हा, पूर्व प्रशासनिक अधिकारी भारतीय रेल सुशील कुमार सिन्हा, प्रख्यात बालीवाल खिलाडी़ रजनी श्रीवास्तव, यमुना नदी के पुत्र के रूप में विख्यात अशोक उपाध्याय, वृक्ष मित्र आशीष शर्मा, जया श्रीवास्तव व प्रवीन इब्बन आदि अनेकों सामाजिक-पर्यावरण व लोकतंत्र बचाओ अभियान के कार्यकर्ताओं ने जेपी के चित्र पर अपने श्रृद्धासुमन अर्पित कर अपने महानायक की स्मृतियों को जीवंत किया. अंत में केन्द्र के महासचिव अभय सिन्हा, पर्यावरणविद ज्ञानेन्द्र रावत व लोकतंत्र बचाओ अभियान के संयोजक राकेश रफीक भाई ने सभी आगंतुकों का आभार व्यक्त किया.

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– दिसंबर से वायुसेना में शुरू होगी 3,000 अग्निवीरों की भर्ती, आने वाले वर्षों में यह संख्या और बढ़ेगी
– वायुसेना ने अगले साल से अग्निपथ स्कीम में महिला अग्निवीरों को भी शामिल करने की योजना बनाई

नई दिल्ली: वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने ‘एयर फोर्स डे’ पर ‘आत्मनिर्भर’ होकर आने वाले दशक में खुद अपने पैरों पर खड़े होने का संदेश दिया। अग्निपथ योजना के माध्यम से वायु योद्धाओं को वायुसेना में शामिल करना हम सभी के लिए एक चुनौती है। इस साल दिसंबर में हम शुरुआती प्रशिक्षण के लिए 3,000 अग्निवीर वायु सेना में शामिल करेंगे। आने वाले सालों में यह संख्या और बढ़ेगी। हम अगले साल से महिला अग्निवीरों को भी शामिल करने की योजना बना रहे हैं।

दुनिया की चौथी सबसे बड़ी भारतीय वायुसेना इस साल शनिवार को अपना 90वां स्थापना दिवस चंडीगढ़ में मना रही है। यह पहला मौका है जब वायुसेना ने ‘एयर फोर्स डे’ की परेड और फ्लाई पास्ट का कार्यक्रम राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के हिंडन एयरबेस से बाहर रखा है। 90 साल तक देश की सेवा करते हुए मौजूदा समय में वायुसेना की आक्रामक स्ट्राइक क्षमता और भी अधिक शक्तिशाली हो गई है। यही वजह है कि पूर्वी लद्दाख की सीमा पर वायुसेना चीन को किसी भी आक्रामकता का जवाब देने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

परेड की सलामी लेने के बाद वायु योद्धाओं को संबोधित करते हुए एयर चीफ मार्शल ने कहा कि सरकार ने भारतीय वायुसेना में अधिकारियों के लिए एक हथियार प्रणाली शाखा के निर्माण को मंजूरी दे दी है। देश की आजादी के बाद यह पहली बार है कि जब एक नई परिचालन शाखा बनाई जा रही है। इस शाखा के निर्माण से उड़ान प्रशिक्षण पर कम खर्च होने के कारण 3,400 करोड़ रुपये से अधिक की बचत होगी।

उन्होंने कहा कि अग्निपथ योजना के माध्यम से वायु योद्धाओं को वायु सेना में शामिल करना हम सभी के लिए एक चुनौती है। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि यह हमारे लिए भारत के युवाओं की क्षमता का दोहन करने और इसे राष्ट्र की सेवा में लगाने का अवसर है। उन्होंने कहा कि हमें अपने पूर्व अधिकारियों की कड़ी मेहनत, लगन और दूर दृष्टि से 90 साल की गौरवशाली विरासत मिली है। अब भारतीय वायुसेना को शताब्दी दशक में लाने की जिम्मेदारी हम पर है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट किया- “वायुसेना दिवस पर साहसी वायु योद्धाओं और उनके परिवारों को मेरी बधाई। नभः स्पृषं दीप्तम् के आदर्श वाक्य के अनुरूप भारतीय वायु सेना ने दशकों से असाधारण निपुणता दिखाई है। उन्होंने राष्ट्र को सुरक्षित किया है और आपदाओं के दौरान उल्लेखनीय मानवीय भावना भी दिखाई है।”

वायुसेना दिवस पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज सुबह ट्वीट किया- “सभी साहसी वायु योद्धाओं और उनके परिवारों को भारतीय वायु सेना दिवस की बधाई और शुभकामनाएं। वायुसेना को अपनी वीरता, उत्कृष्टता, प्रदर्शन और व्यावसायिकता के लिए जाना जाता है। भारत को नीले रंग में अपने पुरुषों और महिलाओं पर गर्व है। उन्हें नीला आसमान और हैप्पी लैंडिंग की शुभकामनाएं।”

इस बार का कार्यक्रम दो हिस्सों में रखा गया है, यानी सुबह परेड होने के बाद अब शाम को सुखना झील के किनारे फ्लाई पास्ट होगा। हवाई प्रदर्शन में 83 लड़ाकू, परिवहन विमान और हेलीकॉप्टर हिस्सा लेंगे। स्वदेशी हल्का लड़ाकू हेलीकॉप्टर ‘प्रचंड’ भी अपनी ताकत का पहला सार्वजनिक प्रदर्शन करेगा।

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– रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों ने समय सीमा से पहले इन वस्तुओं का किया स्वदेशीकरण

– अब इन वस्तुओं की खरीद केवल भारतीय उद्योग से की जाएगी, विदेशी मुद्रा की होगी बचत

नई दिल्ली: हथियारों, मिसाइलों, जहाज़ों और पनडुब्बियों के 72 पुर्जों का विदेशों से आयात नहीं किया जा सकेगा। आयात रोकने के लिए प्रतिबंधित की गईं कुल 214 वस्तुओं में से 72 का समय सीमा से पहले ही स्वदेशीकरण कर लिया गया है। इनमें आकाश मिसाइलों, युद्धक टैंकों, हेलीकॉप्टरों और पनडुब्बियों के पुर्जे हैं। अब इन वस्तुओं की खरीद केवल भारतीय उद्योग से की जाएगी, जिससे एमएसएमई सहित घरेलू उद्योग को बढ़ावा मिलेगा और विदेशी मुद्रा की भी बचत होगी।

‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ के तहत रक्षा उत्पादन में ‘आत्मनिर्भरता’ की खोज के चलते सरकार ने दिसंबर, 2021 से अगस्त, 2022 के बीच 03 सकारात्मक सूचियां जारी करके 1,238 वस्तुओं का विदेशों से आयात कम करने के लिए प्रतिबंध लगाया है। पहली सूची में 351 आइटम, दूसरी में 107 और तीसरी सूची में स्वदेशीकरण के लिए 780 आइटम हैं। सभी वस्तुओं का स्वदेशीकरण करने के लिए समय सीमा भी तय की गई है। यह सशस्त्र बलों को अंतरराष्ट्रीय मानकों की वस्तुएं आपूर्ति करने के लिए घरेलू उद्योग की क्षमताओं में सरकार के बढ़ते विश्वास को भी पुष्ट करता है।

रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी पहली और दूसरी सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची में उल्लिखित कुल 214 वस्तुओं में से 72 का समय सीमा से पहले ही फास्ट ट्रैक पर स्वदेशीकरण कर लिया गया है। सूची के मुताबिक इन वस्तुओं का स्वदेशीकरण करने के लिए रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (डीपीएसयू) को दिसंबर, 2023, दिसंबर, 2024 और दिसंबर, 2025 की समय सीमा तय की गई थी। शेष 142 वस्तुओं का दिसंबर, 2022 की समय सीमा के भीतर स्वदेशीकरण किया जा रहा है।

रक्षा मंत्रालय के अनुसार स्वदेशीकरण की वस्तुओं में जहाजों के लिए मैगज़ीन फायर फाइटिंग सिस्टम, स्टीयरिंग गियर सिस्टम, फ्रिगेट्स, प्रेशराइज्ड कंटेनरों के नियंत्रण के साथ फिन स्टेबलाइजर्स शामिल हैं। इसी तरह आकाश मिसाइलों, कोंकर्स मिसाइलों और इलेक्ट्रिक मोटर के लिए, युद्धक टैंकों के लिए परिशोधन सेट और प्रिज्म ऑप्टिकल स्वदेशी उपकरण तैयार किये गए हैं। इनके अलावा हेलीकॉप्टर के लिए इंटरमीडिएट कास्टिंग, पनडुब्बियों के लिए पॉलीक्रोपिन रबर बैंड और जहाजों के लिए उच्च दबाव नियामक वाल्व का भी स्वदेशीकरण किया गया है। सभी स्वदेशी वस्तुओं का विवरण सृजन पोर्टल srijandefence.gov.in पर उपलब्ध है।

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– चंडीगढ़ में हवाई करतब दिखाएंगे 83 लड़ाकू तथा परिवहन विमान और हेलीकॉप्टर
– एलसीएच ‘प्रचंड’ भी अपनी ताकत का पहली बार करेगा सार्वजनिक हवाई प्रदर्शन

नई दिल्ली: इस बार भारतीय वायु सेना का 90वां स्थापना दिवस कई मामलों में यादगार होगा। यह पहला मौका होगा जब वायु सेना 08 अक्टूबर को ‘एयर फोर्स डे’ राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के हिंडन एयरबेस से बाहर चंडीगढ़ में मनाएगी।

इस मौके पर वायु सेना प्रमुख ‘लड़ाकू वर्दी’ के नए डिजिटल पैटर्न का अनावरण करेंगे। इस बार का कार्यक्रम दो हिस्सों में रखा गया है, यानी परेड सुबह और फ्लाईपास्ट शाम को सुखना झील के किनारे होगा। हवाई प्रदर्शन में 83 लड़ाकू, परिवहन विमान और हेलीकॉप्टर भाग लेंगे। स्वदेशी हल्का लड़ाकू हेलीकॉप्टर ‘प्रचंड’ भी अपनी ताकत का पहला सार्वजनिक प्रदर्शन करेगा।

ग्रुप कैप्टन ए राठी के अनुसार वायु सेना दिवस की परेड और फ्लाईपास्ट पहली बार राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से बाहर चंडीगढ़ में सुखना झील के किनारे होगी। फ्लाईपास्ट में एवरो, डोर्नियर, चेतक और चीता हेलीकॉप्टर को छोड़कर लड़ाकू राफेल, सुखोई-30, मिराज-2000, जगुआर, कार्गो सहित 80 विमान और हेलीकॉप्टर भाग लेंगे। 03 अक्टूबर को बेड़े में शामिल किया गया स्वदेशी हल्का लड़ाकू हेलीकॉप्टर ‘प्रचंड’ भी तीन फाइटर जेट के बीच अपनी ताकत का पहला सार्वजनिक प्रदर्शन करेगा। इसके अलावा, एमआई-35, एमआई-17, चिनूक, अपाचे, हॉवर्ड और डकोटा जैसे पुराने हेलीकॉप्टर भी हिस्सा लेंगे।

चंडीगढ़ में एयर शो की तैयारियां देख रहे विंग कमांडर इन्द्रनील नंदी के अनुसार ये सभी विमान आकाशगंगा, एनसाइन, एकलव्य, त्रिशूल, मेहर, शमशेर, वज्र सहित विभिन्न फॉर्मेशन में उड़ान भरेंगे। फ्लाईपास्ट में सारंग और सूर्यकिरण की टीम आसमान को अपने रंगों से भरने के लिए तैयार है। ग्लोब फॉर्मेशन में सूर्य किरण डिस्प्ले टीम से प्रशिक्षित नौ सी हॉक-132 जेट्स हेवी लिफ्ट एयरक्राफ्ट सी-17 के साथ शामिल होंगे। ट्रांसफॉर्मर फॉर्मेशन में राफेल, सुखोई-39 और तेजस का संयुक्त हवाई युद्धाभ्यास एयर शो का आकर्षण होगा। वायु सेना की आकाश गंगा स्काईडाइविंग टीम का प्रदर्शन, चिनूक हेलीकॉप्टर की पैंतरेबाजी और अंडरस्लंग ऑपरेशन भी देखने लायक होगा।

प्रवक्ता विंग कमांडर आशीष मोघे ने बताया कि वायु सेना दिवस पर एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी भारतीय वायु सेना कर्मियों के लिए लड़ाकू वर्दी के नए डिजिटल पैटर्न का अनावरण करेंगे। हालांकि, हमारे पास पहले से ही एक लड़ाकू वर्दी है, लेकिन नए पैटर्न को डिजिटल डिजाइन से तैयार किया गया है। नई वर्दी में एक अलग फैब्रिक और डिज़ाइन होगा। इसके रंग थोड़े अलग होंगे, जो वायु सेना में काम करने के माहौल के लिए अधिक अनुकूल होंगे। नई वर्दी कुछ हद तक भारतीय सेना की लड़ाकू वर्दी के डिजिटल पैटर्न के समान होगी। इसे नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (निफ्ट) ने डिजाइन किया है।

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नई दिल्ली: दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर दिल्ली कस्टम की टीम ने तस्करी के एक बड़े मामले का खुलासा करते हुए एक भारतीय हवाई यात्री को दबोचा है। कस्टम विभाग के अधिकारियों ने 28 करोड़ 18 लाख रुपये कीमत का सोने से बना और हीरों से जड़ा एक ब्रेसलेट और सात अलग-अलग ब्रांडेड की कीमती कलाई घड़ियों के अलावा एक आईफोन 14 प्रो बरामद किया गया है, जिसे तस्करी कर दुबई से दिल्ली लाया गया था।

दिल्ली कस्टम विभाग के प्रवक्ता के अनुसार, रुट प्रोफाइलिंग और शक के आधार पर दिल्ली कस्टम की टीम दुबई से फ्लाइट नम्बर ईके-516 से दिल्ली पहुंचे एक हवाई यात्री को उसके लगेज और व्यक्तिगत विस्तृत जांच के लिए रोका। संदिग्ध हवाई यात्री के लगेज और पर्सनल सर्च में कस्टम की टीम ने 27 करोड़ नौ लाख से ज्यादा का सोने से बना और हीरा जड़ित एक ब्रेसलेट, एक करोड़ आठ लाख से ज्यादा की जैकब एंड कंपनी, पीएगेट लाईमलाईट स्टेला और रोलेक्स की सात महंगी घड़ियों के अलावा एक आईफोन 14 प्रो (256 जीबी) बरामद किया।

तस्करी कर लाए गए ब्रेसलेट, घड़ियों और आईफोन की कुल कीमत 28 करोड़ 17 लाख 97 हजार से ज्यादा बताई जा रही है. इनमें से सिर्फ ब्रेसलेट की कीमत 27 करोड़ 09 लाख से ज्यादा है।

इस मामले में कस्टम की टीम ने बरामद ब्रेसलेट, घड़ियों और आईफोन को कस्टम्स एक्ट 1962 के सेक्शन 110 के तहत जब्त कर लिया है जबकि आरोपित हवाई यात्री को तस्करी के आरोप में सेक्शन 104 के तहत गिरफ्तार कर लिया है और आगे की जांच में जुट गई है।

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जम्मू: गृहमंत्री अमित शाह कटड़ा में स्थित मां वैष्णो देवी के दरबार में दर्शन करने के लिए पहुंचे। मां वैष्णो देवी के दर्शन करने के साथ ही उन्होंने मां भगवती से शांति और समृद्धि की कामना की। दर्शन करने के बाद अमित शाह राजौरी के लिए रवाना हो गए है। अमित शाह राजौरी में एक हजार सहकारिता समितियों के गठन की घोषणा करने के साथ 41 पेयजल आपूर्ति की योजनाएं घोषित करेंगे। वह राजोरी के लंबेरी में 100 बेड के अस्पताल के निर्माण की घोषणा भी करेंगे।

सूत्रों के अनुसार शाह राजौरी की रैली में जम्मू संभाग के लिए 1900 करोड़ रुपये के 167 विकास कार्यों का शिलान्यास करेंगे। कई परियोजनाओं के शुभारंभ की घोषणा करेंगे। इसमें वे एक हजार सहकारिता समितियों के गठन की घोषणा करेंगे। मंगलवार की रात अमित शाह श्रीनगर जाकर रात्रि विश्राम करेंगे। अगले दिन पांच अक्तूबर को सुबह राजभवन में विकास कार्यों तथा कानून व्यवस्था की उच्च स्तरीय बैठक में समीक्षा करेंगे। इसमें उप राज्यपाल के अलावा गृह मंत्रालय तथा विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारी मौजूद रहेंगे। इसके बाद वे बारामुला जाकर स्पोर्ट्स स्टेडियम में रैली को संबोधित करेंगे। शाम को शेर ए कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेने के साथ ही वक्फ बोर्ड की ओर से कैंसर अस्पताल का शिलान्यास करेंगे।

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– वजन में भारी होने से उच्च ऊंचाई पर पूरी क्षमता से काम नहीं कर पाते अमेरिकी अपाचे
– एलसीएच ‘प्रचंड’ पाकिस्तान-चीन की हिमालयी सीमाओं के लिए बेहतर अनुकूल होंगे

नई दिल्ली: भारतीय वायुसेना पहले से ही अमेरिकी कंपनी बोइंग के अपाचे अटैक हेलीकॉप्टरों पर भरोसा करती है। यह शक्तिशाली और भारी हथियार ले जाने में सक्षम होने के बावजूद वजन में भारी होने की वजह से उच्च ऊंचाई वाले इलाकों में पूरी क्षमता से काम नहीं कर पाते हैं। इसीलिए हलके लड़ाकू हेलीकॉप्टरों की जरूरत को देखते हुए वायुसेना में शामिल किये गए एलसीएच ‘प्रचंड’ और अमेरिकी ‘अपाचे’ की जुगल जोड़ी आसमान में नया गुल खिलाएगी, जिससे पाकिस्तान और चीन के खिलाफ भारतीय वायुसेना और मजबूत हुई है।

इस लिहाज से मल्टी रोल वाले हलके लड़ाकू हेलीकॉप्टर ‘प्रचंड’ की जोधपुर में बनाई गई पहली ‘धनुष’ स्क्वाड्रन बहुत महत्वपूर्ण होगी।पठानकोट एयरबेस पर सितम्बर, 2019 में तैनात किए गए आठ लड़ाकू अपाचे हेलीकॉप्टरों की डिजिटल कनेक्टिविटी और अत्याधुनिक सूचना प्रणाली इसे और खतरनाक बनाती है। भारतीय सेनाओं की भविष्य की जरूरतों के हिसाब से विशेष तौर पर तैयार किये गए यह हेलीकॉप्टर दुर्गम स्थानों और सघन पर्वतीय क्षेत्रों में भी कारगर हैं। इसे कई तरह के बड़े बम, बंदूकों और मिसाइलों से लैस किया जा सकता है। हवा में उड़ान भरते वक्त और दुश्मन को चकमा देते वक्त भी अपाचे हेलीकॉप्टर पहाड़ियों और घाटियों में छिपे दुश्मन पर सटीक निशाना लगा सकता है। अचूक निशाने की वजह से हेलीकॉप्टर के एम्युनेशन्स (गोला-बारूद) बर्बाद नहीं होते हैं।

वायुसेना के बेड़े में शामिल अपाचे अपग्रेटेड वर्जन के हैं। इसकी तकनीक व इंजन को उन्नत किया गया है।फ्लाइंग रेंज 550 किलोमीटर में यह हेलीकॉप्टर 16 एंटी टैंक मिसाइल दागकर उसके परखच्चे उड़ा सकता है। इसे दुश्मन पर बाज की तरह हमला करके सुरक्षित निकल जाने के लिए इसे तेज रफ्तार बनाया गया है। 16 फीट ऊंचे और 18 फीट चौड़े अपाचे हेलीकॉप्टर को उड़ाने के लिए दो पायलट होना जरूरी है। हेलीकॉप्टर के नीचे लगी बंदूकों से 30 एमएम की 1,200 गोलियां एक बार में भरी जा सकती हैं। अपाचे एक बार में 2:45 घंटे तक उड़ान भर सकता है। इन सब खूबियों के बावजूद वजन में भारी होने की वजह से उच्च ऊंचाई वाले इलाकों में यह हेलीकॉप्टर पूरी क्षमता से काम नहीं कर पाते हैं।

पाकिस्तान और चीन का इलाका हिमालयी और सघन होने से वायुसेना को हलके लड़ाकू हेलीकॉप्टरों की जरूरत थी, जो उच्च ऊंचाई वाले दुर्गम स्थानों और सघन पर्वतीय क्षेत्रों में भी पूरी क्षमता से काम कर सकें। रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि स्वदेशी हेलीकॉप्टर ‘प्रचंड’ उच्च ऊंचाई वाले पाकिस्तान और चीन की हिमालयी सीमाओं के लिए बेहतर अनुकूल होगा। एलसीएच ‘प्रचंड’ और अमेरिकी ‘अपाचे’ की जुगल जोड़ी आसमान में नया गुल खिलाएगी, जिससे पाकिस्तान और चीन के खिलाफ भारतीय वायुसेना और मजबूत हुई है। हालांकि, एलसीएच प्रचंड आधिकारिक तौर पर सोमवार को वायुसेना के बेड़े में शामिल हुआ है, लेकिन दो हेलीकॉप्टरों को अगस्त, 2020 में चीन के साथ सीमा पर भारतीय वायुसेना का समर्थन करने के लिए तैनात किया गया था।

स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीपरी) की एक रिपोर्ट के अनुसार 2017-21 के बीच भारत विदेशों से हथियार खरीदने के मामले में दुनिया का शीर्ष आयातक था। उस समय रूस के साथ भारत के सभी हथियारों के आयात का लगभग आधा हिस्सा था। उस अवधि में फ्रांस ने भारत के हथियारों के आयात का लगभग एक चौथाई हिस्सा लिया। रिपोर्ट के अनुसार पहली बार वर्ष 2021 में विश्व सैन्य खर्च 2 ट्रिलियन डॉलर को पार कर गया। इसमें 2020 की तुलना में 0.7 प्रतिशत और 2012 की तुलना में 12 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसके विपरीत ‘आत्म निर्भरता’ की ओर बढ़ रहा भारत अब गुणवत्ता और किफायत दोनों ही संदर्भों में स्वदेशी जरूरतों को पूरा करने में सक्षम है।

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