– तीन माह तक चलने वाले इस द्विवार्षिक अभ्यास में होगी हथियारों से प्रत्यक्ष फायरिंग
– युद्ध संचालन के विभिन्न पहलुओं को शामिल करके बंदरगाह और समुद्र चरण होंगे

नई दिल्ली, 24 जनवरी (एजेंसी )। भारतीय नौसेना के प्रमुख समुद्री अभ्यास ‘ट्रोपेक्स’ हिंद महासागर क्षेत्र में शुरू हुआ है। तीन माह तक चलने वाले इस द्विवार्षिक अभ्यास में न सिर्फ भारतीय नौसेना की सभी इकाइयां भाग ले रही हैं, बल्कि इसमें भारतीय थल सेना, भारतीय वायु सेना और तटरक्षक बल से जुड़े हथियार, जहाज और विमानों की भी भागीदारी है। अभ्यास के दौरान हथियारों से प्रत्यक्ष फायरिंग सहित युद्ध संचालन के विभिन्न पहलुओं को शामिल किया जा रहा है।

नौसेना प्रवक्ता कमांडर विवेक मधवाल ने बताया कि हिंद महासागर क्षेत्र में 23 जनवरी से शुरू हुआ ‘ट्रोपेक्स’ युद्धाभ्यास 23 मार्च यानी तीन महीने तक चलेगा। इस अभ्यास के हिस्से के रूप में ऑपरेशनल लॉजिस्टिक्स और अन्य सेवाओं के साथ नौसेना के संचालन की अवधारणा को मान्य करने के लिए विध्वंसकों, युद्धपोतों, कार्वेट के साथ-साथ पनडुब्बियों और विमानों सहित भारतीय नौसेना की सतह पर स्थित सभी लड़ाकू इकाइयों को जटिल समुद्री परिचालन तैनाती से गुजारा जाता है। यह अभ्यास हथियारों से प्रत्यक्ष फायरिंग सहित युद्ध संचालन के विभिन्न पहलुओं को शामिल करते हुए बंदरगाह और समुद्र के विभिन्न चरणों में होगा।

उन्होंने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में कार्यक्षेत्र और जटिलता में वृद्धि होने के बाद यह अभ्यास बहु-खतरे वाले वातावरण में काम करने के लिए भारतीय नौसेना के संयुक्त बेड़े के लड़ाकू तैयारी का परीक्षण करने का मौका देगा। यह समुद्री अभ्यास भारतीय थल सेना, भारतीय वायु सेना और तटरक्षक बल के साथ संचालन स्तर के आदान-प्रदान की सुविधा देगा, जिससे जटिल वातावरण में संयुक्त अभियान को और मजबूती मिलेगी।

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– पांच दिवसीय प्रदर्शनी की थीम ‘द रनवे टू ए बिलियन अपॉर्चुनिटीज’ रखी गई
– येलहंका वायु सेना स्टेशन के लगभग 35 हजार वर्ग मीटर क्षेत्र में होगा एयरो शो

नई दिल्ली, 24 जनवरी (एजेंसी )। एशिया की सबसे बड़ी हथियारों की प्रदर्शनी ‘एयरो इंडिया’ के लिए अब तक हुईं तैयारियों की समीक्षा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को नई दिल्ली में शीर्ष समिति की बैठक के दौरान की। बैठक में रक्षा मंत्री को एयरो शो के 14वें संस्करण के इंतजामों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। कर्नाटक के येलहंका वायु सेना स्टेशन में 13-17 फरवरी के बीच होने वाले ‘एयरो इंडिया’ के लिए राजनाथ सिंह ने सुदृढ़ व्यवस्था सुनिश्चित करने का आह्वान किया।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि एयरो इंडिया-2023 केवल एक कार्यक्रम नहीं होगा, बल्कि इसमें रक्षा एवं एयरोस्पेस क्षेत्र की बढ़ती ताकत और एक मजबूत व आत्मनिर्भर ‘नए भारत’ के उदय का प्रदर्शन भी होगा। इस पांच दिवसीय प्रदर्शनी की थीम ‘द रनवे टू ए बिलियन अपॉर्चुनिटीज’ है। कर्नाटक के येलहंका स्थित वायु सेना स्टेशन के लगभग 35 हजार वर्ग मीटर क्षेत्र में यह अब तक का सबसे बड़ा एयरो शो होगा।

इस रक्षा प्रदर्शनी में हिस्सा लेने के लिए अब तक 731 प्रदर्शकों ने पंजीकरण कराया है। इसके प्रमुख आयोजनों में ‘रक्षा में संवर्द्धित जुड़ाव के माध्यम से साझी समृद्धि’ विषयवस्तु के साथ रक्षा मंत्रियों का सम्मेलन और एक सीईओ गोलमेज बैठक शामिल हैं। इसके अलावा मंथन स्टार्ट-अप कार्यक्रम और बंधन समारोह के दौरान समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। पांचों दिन शानदार एयरशो का प्रदर्शन इस कार्यक्रम का हिस्सा होगा। इन समारोहों को स्वदेशी हथियारों और उपकरणों के जरिये रक्षा निर्यात बढ़ाने पर ध्यान देने के लिए फोकस किया गया है।

रक्षा मंत्री ने बताया कि भारतीय रक्षा उद्योग परिवर्तनकारी दौर से गुजर रहा है और निजी क्षेत्र की सक्रिय भागीदारी उस बदलाव का सबसे बड़ा हिस्सा है। उन्होंने कहा कि न केवल निजी क्षेत्र, बल्कि अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान और शिक्षाविद् भी सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। एयरो इंडिया सभी हितधारकों को संयुक्त रूप से रक्षा व एयरोस्पेस क्षेत्र को मजबूत करने और राष्ट्र निर्माण में योगदान करने के लिए एक मंच प्रदान करने का माध्यम है। उन्होंने जोर देकर कहा कि एयरो इंडिया का उद्देश्य अन्य देशों के साथ भारत के संबंधों को मजबूत करना भी है।

रक्षा मंत्री ने कहा कि यह कार्यक्रम कर्नाटक को विमानन और एयरोस्पेस उद्योग के लिहाज से बढ़ावा देगा। रक्षा मंत्री ने कर्नाटक को देश के आर्थिक विकास में योगदान देने वाले अग्रणी राज्यों में से एक बताया। उन्होंने कहा कि यह राज्य अपनी कुशल जनशक्ति और मजबूत रक्षा निर्माण इकोसिस्टम के लिए जाना जाता है। यह घरेलू और बहुराष्ट्रीय रक्षा व विमानन कंपनियों के लिए विनिर्माण और अनुसंधान व विकास गतिविधियों के लिए एक पसंदीदा केंद्र है।

बैठक में कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई और राज्य सरकार के अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए। इसमें सैन्य बलों के प्रमुख (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान, वायु सेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल वीआर चौधरी, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, रक्षा सचिव गिरिधर अरामने और रक्षा मंत्रालय के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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नई दिल्ली, 24 जनवरी (एजेंसी )। मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निमंत्रण पर तीन दिवसीय भारत यात्रा पर आज नई दिल्ली पहुंचे। अपने दूसरे राजकीय दौरे पर आ रहे राष्ट्रपति सीसी 74वें गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि भी होंगे। वे कल प्रधानमंत्री से द्विपक्षीय वार्ता करेंगे।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने उनके आगमन पर ट्वीट कर कहा कि मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी अपनी तीसरी भारत यात्रा पर नई दिल्ली पहुंचे। विदेश राज्यमंत्री राजकुमार रंजन सिंह ने राष्ट्रपति का एयरपोर्ट पर स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यह यात्रा लंबे समय से चली आ रही दोनों देशों की दोस्ती को और मजबूत करेगी।

विदेश मंत्रालय के अनुसार कल सुबह पहले राष्ट्रपति सीसी का राष्ट्रपति भवन में आधिकारिक स्वागत किया जाएगा। यहां विदेश मंत्री एस जयशंकर उनसे मुलाकात करेंगे। इसके बाद वे राजघाट जाकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धासुमन अर्पित करेंगे।

दोपहर में राष्ट्रपति सीसी हैदराबाद हाउस में आपसी हित के द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर प्रधानमंत्री मोदी के साथ बैठक और प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता करेंगे। इस दौरान समझौते साझा किए जाएंगे और प्रेस वक्तव्य होगा। शाम को वे राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगे। गुरुवार को मेहमान नेता गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होंगे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उसी शाम उनके सम्मान में एक राजकीय भोज की मेजबानी करेंगी। शाम को उपराष्ट्रपति का मेहमान नेता से मिलने का कार्यक्रम है।

विदेश मंत्रालय के अनुसार राष्ट्रपति सीसी के साथ पांच मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों सहित एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी आएगा। गणतंत्र दिवस परेड में मिस्र की सेना का एक सैन्य दल भी भाग लेगा। राष्ट्रपति एक व्यावसायिक कार्यक्रम में भारतीय व्यापार समुदाय के साथ बातचीत भी करेंगे।

उल्लेखनीय है कि भारत और मिस्र इस वर्ष राजनयिक संबंधों की स्थापना के 75 वर्ष मना रहे है। यह पहली बार है कि मिस्र के राष्ट्रपति को हमारे गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है। 2022-23 में भारत की जी-20 की अध्यक्षता के दौरान मिस्र को भी ‘अतिथि देश’ के रूप में आमंत्रित किया गया है।A valid URL was not provided.

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–विहिप की बैठक में संतों ने हिन्दू धर्म व संस्कृति के संरक्षण संवर्धन पर रखे विचार

प्रयागराज, 24 जनवरी (एजेंसी )। विश्व हिंदू परिषद, माघ मेला शिविर में आज मार्गदर्शक मंडल की बैठक हुई, जिसमें अनेक संतों ने हिंदू धर्म व संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन से संबंधित विचार रखे। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने कहा कि संतों के मार्गदर्शन से ही हिंदू समाज आज पूरी दुनिया में हिन्दू संस्कृति एवं हिंदू धर्म की प्रतिष्ठा सर्वोच्च है। संत लगातार हिन्दू समाज को संगठित और संस्कार युक्त बनाने के लिए कार्य कर रहे हैं।

चंपत राय ने आगे कहा कि आज हिन्दू समाज के ऊपर अनेक प्रकार से आक्रमण हो रहे हैं जो कहीं अशांति की ओर ले जाने का प्रयास है। हिन्दू समाज के धैर्य की परीक्षा न ली जाए, हिन्दू समाज अपने ऊपर हुए हमले का जवाब देना जानता है।

उन्होंने कहा कि श्री राम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण प्रगति पर है। श्री राम जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन इन्हीं संतों के मार्गदर्शन पर हुआ। नवीन पीढ़ी भी अपने धर्म संस्कृति की रक्षा के लिए बाल्यकाल से ही रुचिकर वातावरण में उसको संस्कार और हिन्दुत्व का ज्ञान होता रहे, इसके लिए संगठन की ओर से अनेक प्रयास चल रहे हैं। यह वही पुण्यभूमि है जहां पर लिया गया संकल्प पूर्ण होता है।

मार्गदर्शक मंडल की अध्यक्षता कर रहे जगतगुरु रामानुजाचार्य वासुदेवाचार्य ने कहा कि हिन्दू समाज के लिए वैश्विक स्तर पर एक समग्र नीति बननी चाहिए। जिसका मार्गदर्शन सामाजिक राजनीतिक धार्मिक स्तर पर हिन्दू समाज मजबूत हो। सभी जाति, मत, पंथ संप्रदाय की एकता ही हिन्दू समाज की एकता है। हिन्दू समाज स्वयं आगे आकर धर्मांतरण का विरोध करे, गौ हत्या बंद हो इसके लिए संतों को आगे आना चाहिए। पूरी दुनिया में शांति के लिए इस राष्ट्र की पहचान है, जो हिंदू धर्म के कारण है। हमारा धर्म और संस्कृति संरक्षित और संवर्धित हो, हमें इसके लिए प्रयास करना चाहिए।

डॉ राम कमल दास वेदांती ने कहा समान नागरिक आचार संहिता ही हिन्दू समाज के ऊपर हो रहे हमले को रोकने में एक मजबूत कदम होगा। हमारी सरकारों को चाहिए किस देश में एक निशान एक विधान होना चाहिए। जिससे समाज में संतुलन बना रहेगा। ऐसा प्रयास हम सबको करना चाहिए। वैदेही वल्लभा देवाचार्य ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में आदिवासी वनवासी क्षेत्रों में हम संतो को निकलकर प्रवास करना चाहिए। जो हिंदू संस्कृति और धर्म की मुख्य धारा से हटे हैं, उसे मुख्यधारा में लाने का कार्य हम संतो को करना है। जब जब हिंदू धर्म और इस राष्ट्र पर किसी प्रकार का आक्रमण हुआ है तो संत ही आगे आए हैं।

संतोष दास सतुआ बाबा ने कहा कि लगातार हमारे जनजाति समाज के ऊपर हमले हो रहे हैं, हिन्दू समाज को बांटने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है। हमें जाति के नाम पर बांटने का बहुत बड़ा खेल ईसाई मिशनरियों द्वारा किया जा रहा है। हमारे असहाय निरीह बंधुओं को लोग लालच देकर धर्मांतरण का खेल चलाया जा रहा है। इसलिए हम संत समाज से यह आग्रह करते हैं कि वह निकलकर इस घिनौने कुचक्र को समझाएं और सामाजिक समरसता की अनेक कार्यक्रम संतों द्वारा आयोजित किए जाएं।

कृष्ण आचार्य ने कहा कि आज हिंदू समाज में बाल संस्कार के लिए विहिप ने जो योजना बनाई है उस पर संत समाज पूरा सहयोग करेगा और हिंदू हिंदू समाज में व्याप्त कुरीतियों बुराइयों को समाप्त करने के लिए अनेक कार्यक्रम आयोजित करने की पहल करेगा।

डॉ नरसिंह दास ने कहा हम आगे आने वाली पीढ़ियों में केवल अपने संस्कृति का ज्ञान और महापुरुषों का इतिहास का ज्ञान करवाते रहें। हिंदू समाज की रक्षा के लिए हमें जीवन को लगा देना चाहिए। विश्व हिंदू परिषद का कार्य ईश्वरीय है इसलिए इस पुण्य भूमि पर हम लोग एकत्रित होकर जो संकल्प लेते हैं वह अब तक पूरा होता आया है।

बैठक में संतों के समक्ष विचारणीय विषय वैदिक सनातन जीवन मूल्य, ग्रामीण वनवासी क्षेत्रों में प्रवास, घर वापसी, राष्ट्रीय जनसंख्या नीति, समान नागरिक संहिता लव जिहाद और धर्मांतरण का प्रस्ताव अखिल भारतीय धर्माचार्य संपर्क प्रमुख जिवेश्वर मिश्र ने रखा।

संचालन अखिल भारतीय संत संपर्क प्रमुख अशोक तिवारी ने किया। इस दौरान प्रमुख रूप से स्वामी गोपालजी महाराज सच्चा आश्रम, स्वामी राम रतन दास, फुल हरि बाबा, स्वामी लाल बाबा सुदामा कुटी, अटल अखाड़ा बलराम गिरी, निरंजनी अखाड़ा हरिहरानंद सरस्वती, संतोष दास खाकी पुरुषोत्तम दास शिवपुरी अवधेश दास, रासबिहारी, विहिप के क्षेत्रीय संगठन मंत्री गजेंद्र, प्रांत संगठन मंत्री मुकेश कुमार, काशी प्रांत धर्माचार्य सम्पर्क प्रमुख आद्या शंकर, विहिप काशी प्रांत के अध्यक्ष के पी सिंह उपस्थित रहे।A valid URL was not provided.

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– स्वदेशी रूप से विकसित पहिएदार बख्तरबंद प्लेटफार्म भी प्रदर्शित किया जाएगा

– डीआरडीओ ने सुरक्षित संचार के लिए सॉफ्टवेयर डिफाइंड रेडियो विकसित किया

नई दिल्ली, 24 जनवरी (एजेंसी )। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) गणतंत्र दिवस परेड के दौरान कर्तव्य पथ पर अपनी झांकी में अत्याधुनिक रक्षा प्रणालियों का प्रदर्शन करेगा। डीआरडीओ की झांकी का विषय ‘कम्युनिकेशन एंड न्यूट्रलाइजिंग थ्रेट्स’ रखा गया है। इस झांकी को चार भागों में बांटा गया है। पहले भाग में अंडरवाटर सर्विलांस प्लेटफॉर्म प्रदर्शित किया जाएगा, जिसमें पनडुब्बियों के लिए यूशस-2 जैसे सोनार, जहाजों के लिए हम्सा शृंखला के सोनार और हेलीकॉप्टर लॉन्च निगरानी के लिए कम आवृत्ति वाले डंकिंग सोनार शामिल हैं।

डीआरडीओ प्रवक्ता ने बताया कि झांकी के दूसरे भाग में डी4 काउंटर ड्रोन सिस्टम को प्रदर्शित करने वाले लैंड सर्विलांस, कम्युनिकेशन और न्यूट्रलाइजिंग प्लेटफॉर्म होंगे, जो रियल टाइम सर्च, डिटेक्शन, ट्रैकिंग और लक्ष्यों को बेअसर कर सकते हैं। क्विक रिएक्शन सरफेस टू एयर मिसाइल (क्यूआरएसएएम), बैटरी मल्टी फंक्शन राडार और मिसाइल लॉन्चर व्हीकल की दो इकाइयां भी झांकी में प्रदर्शित की जाएंगी। क्यूआरएसएएम वायु-रक्षा प्रणाली सामरिक युद्ध क्षेत्र में भारतीय सेना को मोबाइल हवाई रक्षा कवर प्रदान करती है। इसके अलावा सॉफ्टवेयर डिफाइंड रेडियो के दो संस्करण मैनपैक और हैंडहेल्ड भी इस झांकी का हिस्सा हैं। डीआरडीओ ने सुरक्षित संचार के लिए सॉफ्टवेयर डिफाइंड रेडियो विकसित किया है।

झांकी के तीसरे भाग में एरियल सर्विलांस एंड कम्युनिकेशन प्लेटफॉर्म एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम (एईडब्ल्यूएंडसी) और तापस मीडियम एल्टीट्यूड लॉन्ग एंड्योरेंस को प्रदर्शित किया जा रहा है। झांकी का चौथा भाग डीआरडीओ की अनुसंधान गतिविधियों का प्रतिनिधित्व करेगा, जिसमें सेमीकंडक्टर आरएंडडी सुविधा का प्रदर्शन किया गया है। इस भाग में डीआरडीओ ने सेमी-कंडक्टर, डिटेक्टर और नेक्स्ट जेन सेंसर के क्षेत्र में भविष्य की तकनीकों को भी दर्शाया है। स्वदेशी रूप से विकसित व्हील्ड आर्मर्ड प्लेटफॉर्म भी प्रदर्शित किया जाएगा, जिसे 70 टन के ट्रेलर पर ले जाया जाता है। परेड के दौरान अर्जुन एमबीटी, नाग मिसाइल सिस्टम, ब्रह्मोस मिसाइल, शॉर्ट स्पैन ब्रिज और आकाश एनजी का भी प्रदर्शन होगा।

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नई दिल्ली: राष्ट्रीय बालिका दिवस और सर्वाइकल कैंसर जागरूकता माह के अवसर पर मंगलवार को केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने देश की पहली मेड इन इंडिया सर्वाइकल कैंसर की वैक्सीन सर्ववैक को लॉन्च किया। महिलाओं को अपनी चपेट में लेने वाला सर्वाइकल कैंसर दूसरी सबसे घातक बीमारी है। मंगलवार को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने ट्वीट करके यह जानकारी दी।

भारत में महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के खतरे की रोकथाम के लिए केंद्र सरकार जल्द ही स्कूली लेवल पर वैक्सीनेशन प्रोग्राम की शुरुआत करेगी। इसी कड़ी में भारत में पहली बार मेड इन इंडिया सर्वाइकल कैंसर की वैक्सीन सर्ववैक विकसित की है, जिसको केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने लॉन्च की।

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से केंद्र शासित प्रदेश अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के 21 सबसे बड़े अनाम द्वीपों का नामकरण परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर किया।

कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप पर बनने वाले नेताजी को समर्पित राष्ट्रीय स्मारक के मॉडल का भी अनावरण किया।

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के ऐतिहासिक महत्व को ध्यान में रखते हुए और नेताजी सुभाष चंद्र बोस की स्मृति का सम्मान करने के लिए, रॉस द्वीप समूह का नाम बदलकर 2018 में द्वीप की अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री द्वारा नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप रखा गया था। नील द्वीप और हैवलॉक द्वीप का नाम बदलकर शहीद द्वीप और स्वराज द्वीप कर दिया गया।

देश के वास्तविक जीवन के नायकों को उचित सम्मान देना हमेशा प्रधानमंत्री द्वारा सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। इसी भावना के साथ आगे बढ़ते हुए अब द्वीप समूह के 21 सबसे बड़े अज्ञात द्वीपों का नामकरण 21 परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर करने का निर्णय लिया गया है। सबसे बड़े अनाम द्वीप का नाम पहले परमवीर चक्र विजेता के नाम पर रखा जाएगा, दूसरे सबसे बड़े अज्ञात द्वीप का नाम दूसरे परमवीर चक्र विजेता के नाम पर रखा जाएगा। यह कदम हमारे नायकों के प्रति एक चिरस्थायी श्रद्धांजलि होगी, जिनमें से कई ने राष्ट्र की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा के लिए अपना बलिदान दिया था।

इन द्वीपों का नाम 21 परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर रखा गया है। मेजर सोमनाथ शर्मा, सूबेदार और मानद कप्तान (तत्कालीन लांस नायक) करम सिंह, सेकंड लेफ्टिनेंट राम राघोबा राणे, नायक जदुनाथ सिंह, कंपनी हवलदार मेजर पीरू सिंह, कैप्टन जीएस सलारिया, लेफ्टिनेंट कर्नल (तत्कालीन मेजर) धन सिंह थापा, सूबेदार जोगिंदर सिंह, मेजर शैतान सिंह, हवलदार अब्दुल हमीद, लेफ्टिनेंट कर्नल अर्देशिर बुर्जोरजी तारापोर, लांस नायक अल्बर्ट एक्का, मेजर होशियार सिंह, सेकंड लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल, फ्लाइंग ऑफिसर निर्मलजीत सिंह सेखों, मेजर रामास्वामी परमेश्वरन, नायब सूबेदार बाना सिंह, कैप्टन विक्रम बत्रा, लेफ्टिनेंट मनोज कुमार पांडे, सूबेदार मेजर (तत्कालीन राइफलमैन) संजय कुमार और सूबेदार मेजर सेवानिवृत्त (मानद कैप्टन) ग्रेनेडियर योगेंद्र सिंह यादव।

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–शनिवार के दिन मौनी अमावस्या का विशेष महत्व
–सुबह छह बजे तक लगभग 22 लाख श्रद्धालुओं ने किया स्नान
–उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने संगम में लगाई डुबकी

प्रयागराज: माघ मेला क्षेत्र में मौनी अमावस्या के पावन पर्व पर शुक्रवार से ही श्रद्धालुओं के आने का जो सिलसिला जारी हुआ वह अभी जारी है। भारी संख्या में स्नानार्थियों की भीड़ गंगा किनारे बने कुल 15 घाटों पर स्नान के लिए जुटी है।श्रद्धालु अपनी मनोकामना प्राप्ति के लिए पूजा-अर्चना भी कर रहे हैं। शनिवार को सुबह पुलिस उपायुक्त नगर ने बताया कि सुबह छह बजे तक लगभग 22 लाख से ज्यादा श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं। श्रद्धालु स्नान कर अपने घर की ओर प्रस्थान भी कर रहे हैं।

मौनी अमावस्या पर पुण्य लाभ अर्जित करने के उद्देश्य से उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी आज संगम में डुबकी लगायी। काशी सुमेरू पीठाधीश्वर स्वामी नरेन्द्रानंद सरस्वती ने बताया कि मौनी अमावस्या 21 जनवरी को प्रातः 05.19 से प्रारम्भ हो जायेगा जो रात्रि 02.49 तक रहेगा। जिसमें समस्त श्रद्धालु पुण्य अर्जित कर सकते हैं। उन्होंने कहा मौनी अमावस्या के दिन जो भी स्नान ध्यान करता है, उसके कई जन्मों के पापों का नाश हो जाता है और साथ ही आज शनिवार का दिन होने से भी इसका विशेष महत्व है। जबकि पिछली मौनी अमावस्या मंगलवार को पड़ी थी।

दण्डी सन्यासी के पीठाधीश्वर स्वामी ब्रह्माश्रम महाराज बताते हैं कि मौनी अमावस्या पर मौन रहकर संगम में स्नान करने से जाने-अनजाने में हुए समस्त पाप नष्ट हो जातें हैं। ये पवित्र पल मनुष्य को आत्मशुद्धि का सुअवसर प्रदान करता है। मौनी अमावस्या पर स्वर्गलोक से देवता भी संगम में स्नान करने आते हैं। उन्होंने कहा कि तन व मन से पवित्र व्यक्ति को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। उक्त विधि पर तन, मन और वाणी को पवित्र रखना चाहिए।

इस अवसर पर पुलिस प्रशासन के व्यवस्था की बात की जाए तो चप्पे-चप्पे पर पुलिस निगरानी कर रही है। ड्रोन से भी निगरानी की जा रही है। वाहनों को बकायदा वाहन स्टैंडों पर खड़ा करने की व्यवस्था है और डायवर्जन की समुचित व्यवस्था की गई है। ताकि किसी भी श्रद्धालु या स्थानानार्थी को किसी भी प्रकार की समस्या ना होने पाए। प्रशासन ने ढाई करोड़ श्रद्धालुओं के स्नान का अनुमान लगाया है।

बता दें कि, माघ मास की मौनी अमावस्या की प्रतीक्षा श्रद्धालुओं को साल भर से रहती है। क्योंकि इस दिन संगम स्नान से जीवन के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।

माघ मास की अमावस्या तिथि अर्थात मौनी अमावस्या पर स्नान-दान करने पर मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी। मौनी अमावस्या पर पुण्य की डुबकी लगाने के लिए शुक्रवार को दिन व रात भर में श्रद्धालुओं के आने का क्रम जारी रहा। मौनी अमावस्या पर ग्रह-नक्षत्रों का विशेष संयोग बन रहा है।

बता दें कि, मौनी अमावस्या पर संगम में डुबकी लगाने के लिए उमड़ी भीड़ के बीच आधी रात शुरू हुई बारिश ने लाखों श्रद्धालुओं की परेशानी बढ़ा दी। माघ मेला क्षेत्र में सड़कों और पटरियों पर जमे बड़ी संख्या में लोग भीग कर ठिठुरते रहे। इससे लोग ठंड के साथ बारिश की दोहरी मार का सामना करने के लिए मजबूर हो गए। रात करीब 12 बजे बारिश शुरू होने से माघ मेला क्षेत्र में आफत सी आ गई। करीब आधे घंटे तक हुई बारिश में शिविरों का हाल बेहाल हो गया। लेकिन आज सुबह मौसम साफ होने से रौनक आ गई।

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज (शुक्रवार) वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सरकारी पदों पर चयनित करीब 71 हजार युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंपे। प्रधानमंत्री ने इस युवाओं को संबोधित भी किया।

उन्होंने कहा कि निरंतर हो रहे ये रोजगार मेले अब हमारी सरकार की पहचान बन गए हैं। ये दिखाता है कि किस तरह हमारी सरकार जो संकल्प लेती है, उसे सिद्ध करके दिखाती है। मोदी ने कहा कि जिन लोगों को आज नियुक्ति पत्र मिला है, उनके लिए यह जीवन की एक नई यात्रा है। सरकार का अहम हिस्सा होने के नाते आप विकसित भारत की यात्रा के सक्रिय भागीदार होंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि रोजगार मेले से जहां युवाओं का सशक्तिकरण हो रहा है, वहीं देश के विकास में उनकी भागीदारी भी सुनिश्चित हो रही है। एक समय था जब विभिन्न कारणों से नियमित पदोन्नति भी बाधित होती थी। केंद्र सरकार की भर्ती प्रक्रिया में बदलाव हुए हैं। अब केंद्र सरकार में भर्ती प्रक्रिया अधिक समयबद्ध और सुव्यवस्थित है। पारदर्शी तरीके से भर्ती और पदोन्नति युवाओं में भरोसा जगाती है। ये पारदर्शिता उन्हें बेहतर तैयारी के साथ कंपटीशन में उतरने के लिए प्रेरित करती है। हमारी सरकार इसी दिशा में निरंतर काम कर रही है।

इससे पहले प्रधानमंत्री ने नवनियुक्त युवाओं से बातचीत भी की। प्रधानमंत्री कार्यालय का कहना है कि रोजगार मेला, रोजगार सृजन को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता को पूरा करने की दिशा में एक कदम है। देश भर से चुने गए ये नवनियुक्त, भारत सरकार के तहत कनिष्ठ अभियंता, लोको पायलट, तकनीशियन, इंस्पेक्टर, सबइंस्पेक्टर, कांस्टेबल, स्टेनोग्राफर, कनिष्ठ लेखाकर्मी, ग्रामीण डाक सेवक, आयकर निरीक्षक, शिक्षक, नर्स, डॉक्टर, सामाजिक सुरक्षा अधिकारी, पीए, एमटीएस जैसे विभिन्न पदों पर आसीन होंगे।

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– बृजभूषण शरण सिंह ने आरोपों को बताया साजिश
– जब तक मांगें पूरी नहीं हो जाती तब तक धरना जारी रहेगा

नई दिल्ली: भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष के खिलाफ कुश्ती खिलाड़ियों का विरोध प्रदर्शन लगातार दूसरे दिन भी जारी रहा। प्रदर्शन कर रहे पहलवानों ने कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर महिला खिलाड़ियों के यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। खिलाड़ियों ने कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष को पद से हटाने की मांग की है। इस बीच गुरुवार देर रात प्रदर्शनकारी पहलवानों ने खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से दिल्ली स्थित उनके आवास पर मुलाकात की और अपनी शिकायतों को लेकर बातचीत की।

वहीं, सूत्रों की मानें तो खेल मंत्रालय की ओर से बृजभूषण सिंह को 24 घंटे में महासंघ के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने को कहा गया है लेकिन बृजभूषण ने ऐसा करने से इनकार कर दिया है।

दरअसल, यह पूरा मामला बीते दिन 18 जनवरी को तब गर्माया जब महिला खिलाड़ियों के यौन उत्पीड़न और उन्हें परेशान करने का आरोप भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर लगा। इस आरोप को लेकर देश के दिग्गज पहलवानों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना शरू कर दिया, जो आज गुरुवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। खिलाड़ियों की स्पष्ट मांग है कि वर्तमान अध्यक्ष को पद से हटाया जाए और किसी खिलाड़ी को ही महासंघ का अध्यक्ष बनाया जाए। वहीं, महासंघ के कामकाज पर भी सवाल उठाए गए हैं।

पहलवानों का कहना है कि जब तक दोषियों को सजा नहीं मिलती वो धरने पर बैठेंगे और किसी भी इवेंट में कोई एथलीट हिस्सा नहीं लेगा।

अपनी इसी मांग को लेकर खिलाड़ियों का एक दल आज देर रात खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से मुलाकात करने उनके आवास पर पहुंचा। खेल मंत्री से मिलने वाले खिलाड़ियों में बजरंग पुनिया, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक, बबिता फोगाट व अन्य पहलवान शामिल रहे।

दूसरी ओर, बृजभूषण शरण सिंह ने खुद पर लगे आरोपों को साजिश बताया है और कहा है कि अगर आरोप साबित होते हैं तो वे फांसी पर भी लटकने को तैयार हैं।

सूत्रों की मानें तो खेल मंत्रालय की तरफ से बृजभूषण सिंह को महासंघ के अध्यक्ष पद 24 घंटे में इस्तीफा देने को कहा गया है। साथ ही यह भी कहा गया है कि अगर वो पद से खुद नहीं हटते हैं तो उन्हें हटाया जाएगा। जबकि बृजभूषण सिंह ने फिलहाल इस्तीफा देने की बात को सिरे से खारिज कर दिया है।

मांगें पूरी होने तक जारी रहेगा प्रदर्शन
इससे पहले खेल मंत्रालय के अधिकारियों ने बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक के साथ बैठक की। इसमें समस्या के समाधान को लेकर अधिकारियों ने खिलाड़ियों को आश्वासन दिया है, लेकिन पुनिया ने बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर साफ कर दिया है कि जब तक अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह को पद से नहीं हटाया जाता और फेडरेशन को भंग नहीं किया जाता तब तक धरना इसी तरह जारी रहेगा। कल (गुरुवार) सुबह दोबारा खिलाड़ी सुबह 10 बजे से हड़ताल पर बैठेंगे। उन्होंने साफ तौर पर यह भी कहा कि अधिकारियों के साथ जो बैठक हुई सिर्फ उसमें आश्वासन मिला है, जो काफी नहीं है।

खिलाड़ियों में से ही अध्यक्ष बनाने की मांग
प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्टार महिला पहलवान विनेश फोगाट ने अपनी बात रखते हुए बृजभूषण सिंह पर यौन शोषण के गंभीर आरोप लगाने के साथ कहा कि अब हमारे पास उनके खिलाफ ना सिर्फ पक्के सबूत हैं, बल्कि पांच से छह लड़कियां भी हैं। जिन्होंने शोषण की शिकायत की है। कल विरोध प्रदर्शन शुरू होने के बाद से लगातार मुझे देशभर से महिला खिलाड़ियों के फोन आ रहे हैं कि आपने बहुत अच्छा किया। हमारी आवाज उठाई। जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं हो जाती तब तक हम धरने पर बैठे रहेंगे।

फोगाट ने कहा कि हमारी अपील प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और सुप्रीम कोर्ट से है कि पूरे मामले का संज्ञान लेकर न्यायिक जांच करवाई जाए। साथ ही जांच होने तक फेडरेशन को भी भंग किया जाए और उसके अध्यक्ष को भी हटाया जाए। हम लोगों की एक मांग यह भी है कि फेडरेशन का अगला अध्यक्ष हमारे बीच से ही किसी खिलाड़ी को बनाया जाए जो खिलाड़ियों की परेशानी को समझ सके।

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– वर्ष 2020 के लिए 22, 2021 के लिए 16 और 2022 के लिए 18 बच्चों का किया गया है चयन
– दो साल कोरोना की वजह से नहीं हो पाया था पुरस्कार वितरण

नई दिल्ली: भारतीय बाल कल्याण परिषद (आइसीसीडब्ल्यू) द्वारा बहादुर बच्चों को 65 साल से प्रतिवर्ष दिए जा रहे राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार विवादों में घिरने के बावजूद इस बार भी दिए जाएंगे। हालांकि अबकी बार एक ही साथ तीन वर्षों के 56 बच्चों को पुरस्कृत किया जाएगा। कोरोना की वजह से लगातार दो साल यह पुरस्कार वितरण हो नहीं पाया था।

शुक्रवार को परिषद की आजीवन संरक्षक व पूर्व अध्यक्ष गीता सिद्दार्थ ने प्रेस वार्ता में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वर्ष 2020 के लिए 22, 2021 के लिए 16 और 2022 के लिए 18 बच्चों का चयन किया गया है। दो बच्चों को यह पुरस्कार मरणोपरांत दिया जा रहा है। सभी बच्चे अलग-अलग 17 राज्यों से हैं। इन सभी बच्चों को मेडल, प्रशस्ति पत्र और नकद राशि दी जाएगी। हालांकि इन बच्चों को यह पुरस्कार कब और किसके हाथों दिए जाएंगे, इसे लेकर अभी कुछ स्पष्ट नहीं है।

गीता ने बताया कि पुरस्कार के तहत परिषद की ओर से एक लाख रुपये की राशि प्रदान की जाती है। मार्कंडेय, प्रहलाद, एकलव्य, अभिमन्यु, श्रवण, ध्रुव पुरस्कार के तहत 75 हजार रुपये, जबकि शेष सामान्य श्रेणी में 40 हजार रुपये की राशि दी जाएगी। मार्कंडेय अवार्ड साल 2020 के लिए 18 वर्षीय मोहित चंद्रा उप्रेती, साल 2021 के लिए छत्तीसगढ़ से 16 वर्षीय अमन ज्योति जाहिरे और साल 2022 के लिए उत्तराखंड के 16 वर्षीय नितिन सिंह को दिया जाएगा। प्रहलाद अवार्ड साल 2020 के लिए उत्तम तंति, साल 2021 के लिए महाराष्ट्र से मास्टर गणेश तपकिर, साल 2022 के लिए केरल से अहमद फाज और मुहम्मद इरफान शामिल हैं। एकलव्य अवार्ड साल 2020 के लिए अमनदीप कौर, साल 2021 के लिए केरल से एंजेल मारिया और साल 2022 के लिए छत्तीसगढ़ से सीताराम यादव शामिल हैं। अभिमन्यु अवार्ड साल 2020 के लिए 15 वर्षीय मास्टर शनि, साल 2021 के लिए 13 साल के मास्टर शानी अबदुल्ला और साल 2022 के लिए नौ साल के मास्टर क्रिश्चयन वन्नुजीरा शामिल हैं। श्रवन अवार्ड साल 2020 के लिए पंजाब से कुमारी कुसुम, साल 2021 के लिए महाराष्ट्र से मास्टर प्रतीक सुधाकर माने, साल 2022 के लिए ज्योत्सना कुमारी शामिल हैं। धुव्र अवार्ड के लिए साल 2020 के लिए केरल से मास्टर उम्मर मुख्तार, साल 2021 के लिए सात साल की कुमारी सुमन कालबेलिया, साल 2022 के लिए मास्टर निहड़ शामिल हैं।

मालूम हो कि 2018 तक परिषद द्वारा चुने गए बच्चों को यह पुरस्कार जहां प्रधानमंत्री के हाथों मिलता था, वहीं, इन्हें गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होने का मौका भी मिलता था, लेकिन 2019 में आईसीसीडब्ल्यू पर लगे वित्तीय गड़बड़ियों के आरोपों के बाद केंद्र सरकार ने स्वयं को इन पुरस्कारों से अलग कर लिया। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय अलग से अपने पुरस्कार देता है। सरकारी स्तर पर अलगाव के बाद परिषद ने अपने पुरस्कारों के नाम भी बापू गयाधनी, संजय चोपड़ा, गीता चोपड़ा की बजाय मार्कंडेय, ध्रुव एवं प्रह्लाद अवार्ड कर दिया है।

राष्ट्रीय वीरता पुरस्कारों की शुरुआत भारतीय बाल कल्याण परिषद द्वारा 1957 में बच्चों के बहादुरी और मेधावी सेवा के उत्कृष्ट कार्यों के लिए पहचानने और दूसरों के लिए उदाहरण बनने और अनुकरण करने के लिए प्रेरित करने के लिए की गई थी। आईसीसीडब्ल्यू ने अब तक 1,060 बच्चों को पुरस्कार के साथ सम्मानित किया है, जिसमें 742 लड़के और 318 लड़कियां शामिल हैं। प्रत्येक पुरस्कार विजेता को एक पदक, एक प्रमाण पत्र और नकद मिलता है।

चयनित बच्चों को तब तक वित्तीय सहायता प्राप्त होती है, जब तक कि वे स्नातक पूरा नहीं कर लेते हैं। इंजीनियरिंग और चिकित्सा जैसे व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए चयन करने वालों को छात्रवृत्ति योजनाओं के माध्यम से वित्तीय सहायता मिलती है।

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एनआईए ने दाऊद इब्राहिम के व्यापारिक मार्गों का पता लगाया
मुंबई के विशेष कोर्ट में पेश चार्जशीट में एनआईए ने कहा- कराची एयरपोर्ट दाऊद के कब्जे में

मुंबई: नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने दाऊद इब्राहिम के व्यापारिक मार्गों का पता लगा लिया है। साथ ही एनआईए की जांच में यह भी पता चला है कि पाकिस्तान स्थित कराची एयरपोर्ट पूरी तरह दाऊद के कब्जे में है।

यह जानकारी एनआईए ने मुंबई के विशेष कोर्ट में पेश चार्जशीट के माध्यम से दी है। एनआईए के अनुसार गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम के गिरोह के सदस्य सलीम कुरैशी के परिवार ने छोटा शकील के कार्यों में भाग लेने के लिए संयुक्त अरब अमीरात के माध्यम से 2013 के बाद से तीन बार अवैध रूप से पाकिस्तान में प्रवेश किया था। मुंबई में रहने वाली कुरैशी की पत्नी सजिया मोहम्मद सलीम कुरैशी का टेरर फंडिंग मामले में एनआईए ने बयान दर्ज किया था।

इसी बयान में साजिया कुरैशी ने कहा कि उन्हें पाकिस्तान के कराची एयरपोर्ट में उनके आगमन या प्रस्थान की मुहर के बिना अंदर जाने और बाहर निकलने की इजाजत थी। डी-कंपनी के सिंडिकेट और टेरर फंडिंग की जांच कर रही एनआईए को पूछताछ में पता चला है कि कराची एयरपोर्ट डी-कंपनी के कंट्रोल में है।एनआईए को जांच में यह भी पता चला है कि दाऊद इब्राहिम और छोटा शकील और उसके परिवार के सदस्यों या डी-कंपनी के साथ व्यापारिक सौदे करने के लिए कराची हवाई अड्डे पर आने वालों के पासपोर्ट पर मुहर नहीं लगाई जाती हैै।

एनआईए का कहना है कि कराची हवाई अड्डे के वीआईपी लाउंज से दाऊद से मिलने वालों का स्वागत किया जाता है और सीधे दाऊद इब्राहिम या छोटा शकील के घर ले जाया जाता है। कराची एयरपोर्ट पर डी-कंपनी के दबदबे का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मिलने आए लोगों को जब वापस लौटाया जाता है तो उन्हें बिना इमीग्रेशन क्लीयरेंस के सीधे दुबई या खाड़ी देशों में भेज दिया जाता है। ऐसे में दाऊद इब्राहिम या छोटा शकील से किसी के मिलने या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान पहुंचने की भनक तक नहीं लगती है.

एनआईए के अनुसार छोटा शकील के साले सलीम कुरैशी उर्फ सलीम फ्रुट की पत्नी साजिया ने एनआईए को दिए अपने बयान में कहा कि वह अपने दो बेटों जैद (22), सालिक (13) और बेटी फरजा (19) के साथ तीन बार (2013 में एक बार और 2014 में छोटा शकील की बेटियों की सगाई और शादी समारोहों में शामिल होने के लिए अवैध रूप से दो बार पाकिस्तान गई थीं। साजिया ने एनआईए को बताया कि इन तीनों समारोहों में छोटा शकील उपस्थित था , जबकि उनका पति सलीम तीन में से केवल एक समारोह में शामिल हुआ था। साजिया ने यह भी बताया कि 24 मार्च 2014 को अपने बच्चों के साथ कराची में अवैध रूप से शकील की छोटी बेटी अनम की सगाई में शामिल होने के लिए फिर से पाकिस्तान गई थी।

एनआईए को साजिया ने बताया कि वह 5-6 दिन कराची में शकील के घर रुकी थी और इसके बाद छोटा शकील ने उसे भारत भेजने की व्यवस्था की थी। साजिया ने आगे कहा कि वह 18 सितंबर 2014 को दोबारा अपने पति सलीम और बच्चों के साथ छोटा शकील की बड़ी बेटी जोया की शादी में शामिल होने के लिए कराची गए थे। इसके बाद वे लोग कराची में शकील के घर रुके थे ,बाद में यूएई के रास्ते भारत लौट आए थे। एनआईए को यह भी जानकारी मिली है कि साजिया ने 1999 में अपने भाई शाहिद के दोस्त सलीम फ्रुट के साथ अपने परिवार की सहमति से शादी की थी। साजिया ने अपनी विदेश यात्राओं के तहत पाकिस्तान, थाईलैंड, मलेशिया, मॉरीशस, तुर्की, यूएई, सऊदी अरब और मालदीव का दौरा किया था। इसकी विस्तृत जानकारी साजिया ने एनआईए को दी है।

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