नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से केंद्र शासित प्रदेश अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के 21 सबसे बड़े अनाम द्वीपों का नामकरण परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर किया।

कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप पर बनने वाले नेताजी को समर्पित राष्ट्रीय स्मारक के मॉडल का भी अनावरण किया।

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के ऐतिहासिक महत्व को ध्यान में रखते हुए और नेताजी सुभाष चंद्र बोस की स्मृति का सम्मान करने के लिए, रॉस द्वीप समूह का नाम बदलकर 2018 में द्वीप की अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री द्वारा नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप रखा गया था। नील द्वीप और हैवलॉक द्वीप का नाम बदलकर शहीद द्वीप और स्वराज द्वीप कर दिया गया।

देश के वास्तविक जीवन के नायकों को उचित सम्मान देना हमेशा प्रधानमंत्री द्वारा सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। इसी भावना के साथ आगे बढ़ते हुए अब द्वीप समूह के 21 सबसे बड़े अज्ञात द्वीपों का नामकरण 21 परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर करने का निर्णय लिया गया है। सबसे बड़े अनाम द्वीप का नाम पहले परमवीर चक्र विजेता के नाम पर रखा जाएगा, दूसरे सबसे बड़े अज्ञात द्वीप का नाम दूसरे परमवीर चक्र विजेता के नाम पर रखा जाएगा। यह कदम हमारे नायकों के प्रति एक चिरस्थायी श्रद्धांजलि होगी, जिनमें से कई ने राष्ट्र की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा के लिए अपना बलिदान दिया था।

इन द्वीपों का नाम 21 परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर रखा गया है। मेजर सोमनाथ शर्मा, सूबेदार और मानद कप्तान (तत्कालीन लांस नायक) करम सिंह, सेकंड लेफ्टिनेंट राम राघोबा राणे, नायक जदुनाथ सिंह, कंपनी हवलदार मेजर पीरू सिंह, कैप्टन जीएस सलारिया, लेफ्टिनेंट कर्नल (तत्कालीन मेजर) धन सिंह थापा, सूबेदार जोगिंदर सिंह, मेजर शैतान सिंह, हवलदार अब्दुल हमीद, लेफ्टिनेंट कर्नल अर्देशिर बुर्जोरजी तारापोर, लांस नायक अल्बर्ट एक्का, मेजर होशियार सिंह, सेकंड लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल, फ्लाइंग ऑफिसर निर्मलजीत सिंह सेखों, मेजर रामास्वामी परमेश्वरन, नायब सूबेदार बाना सिंह, कैप्टन विक्रम बत्रा, लेफ्टिनेंट मनोज कुमार पांडे, सूबेदार मेजर (तत्कालीन राइफलमैन) संजय कुमार और सूबेदार मेजर सेवानिवृत्त (मानद कैप्टन) ग्रेनेडियर योगेंद्र सिंह यादव।

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–शनिवार के दिन मौनी अमावस्या का विशेष महत्व
–सुबह छह बजे तक लगभग 22 लाख श्रद्धालुओं ने किया स्नान
–उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने संगम में लगाई डुबकी

प्रयागराज: माघ मेला क्षेत्र में मौनी अमावस्या के पावन पर्व पर शुक्रवार से ही श्रद्धालुओं के आने का जो सिलसिला जारी हुआ वह अभी जारी है। भारी संख्या में स्नानार्थियों की भीड़ गंगा किनारे बने कुल 15 घाटों पर स्नान के लिए जुटी है।श्रद्धालु अपनी मनोकामना प्राप्ति के लिए पूजा-अर्चना भी कर रहे हैं। शनिवार को सुबह पुलिस उपायुक्त नगर ने बताया कि सुबह छह बजे तक लगभग 22 लाख से ज्यादा श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं। श्रद्धालु स्नान कर अपने घर की ओर प्रस्थान भी कर रहे हैं।

मौनी अमावस्या पर पुण्य लाभ अर्जित करने के उद्देश्य से उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी आज संगम में डुबकी लगायी। काशी सुमेरू पीठाधीश्वर स्वामी नरेन्द्रानंद सरस्वती ने बताया कि मौनी अमावस्या 21 जनवरी को प्रातः 05.19 से प्रारम्भ हो जायेगा जो रात्रि 02.49 तक रहेगा। जिसमें समस्त श्रद्धालु पुण्य अर्जित कर सकते हैं। उन्होंने कहा मौनी अमावस्या के दिन जो भी स्नान ध्यान करता है, उसके कई जन्मों के पापों का नाश हो जाता है और साथ ही आज शनिवार का दिन होने से भी इसका विशेष महत्व है। जबकि पिछली मौनी अमावस्या मंगलवार को पड़ी थी।

दण्डी सन्यासी के पीठाधीश्वर स्वामी ब्रह्माश्रम महाराज बताते हैं कि मौनी अमावस्या पर मौन रहकर संगम में स्नान करने से जाने-अनजाने में हुए समस्त पाप नष्ट हो जातें हैं। ये पवित्र पल मनुष्य को आत्मशुद्धि का सुअवसर प्रदान करता है। मौनी अमावस्या पर स्वर्गलोक से देवता भी संगम में स्नान करने आते हैं। उन्होंने कहा कि तन व मन से पवित्र व्यक्ति को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। उक्त विधि पर तन, मन और वाणी को पवित्र रखना चाहिए।

इस अवसर पर पुलिस प्रशासन के व्यवस्था की बात की जाए तो चप्पे-चप्पे पर पुलिस निगरानी कर रही है। ड्रोन से भी निगरानी की जा रही है। वाहनों को बकायदा वाहन स्टैंडों पर खड़ा करने की व्यवस्था है और डायवर्जन की समुचित व्यवस्था की गई है। ताकि किसी भी श्रद्धालु या स्थानानार्थी को किसी भी प्रकार की समस्या ना होने पाए। प्रशासन ने ढाई करोड़ श्रद्धालुओं के स्नान का अनुमान लगाया है।

बता दें कि, माघ मास की मौनी अमावस्या की प्रतीक्षा श्रद्धालुओं को साल भर से रहती है। क्योंकि इस दिन संगम स्नान से जीवन के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।

माघ मास की अमावस्या तिथि अर्थात मौनी अमावस्या पर स्नान-दान करने पर मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी। मौनी अमावस्या पर पुण्य की डुबकी लगाने के लिए शुक्रवार को दिन व रात भर में श्रद्धालुओं के आने का क्रम जारी रहा। मौनी अमावस्या पर ग्रह-नक्षत्रों का विशेष संयोग बन रहा है।

बता दें कि, मौनी अमावस्या पर संगम में डुबकी लगाने के लिए उमड़ी भीड़ के बीच आधी रात शुरू हुई बारिश ने लाखों श्रद्धालुओं की परेशानी बढ़ा दी। माघ मेला क्षेत्र में सड़कों और पटरियों पर जमे बड़ी संख्या में लोग भीग कर ठिठुरते रहे। इससे लोग ठंड के साथ बारिश की दोहरी मार का सामना करने के लिए मजबूर हो गए। रात करीब 12 बजे बारिश शुरू होने से माघ मेला क्षेत्र में आफत सी आ गई। करीब आधे घंटे तक हुई बारिश में शिविरों का हाल बेहाल हो गया। लेकिन आज सुबह मौसम साफ होने से रौनक आ गई।

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज (शुक्रवार) वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सरकारी पदों पर चयनित करीब 71 हजार युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंपे। प्रधानमंत्री ने इस युवाओं को संबोधित भी किया।

उन्होंने कहा कि निरंतर हो रहे ये रोजगार मेले अब हमारी सरकार की पहचान बन गए हैं। ये दिखाता है कि किस तरह हमारी सरकार जो संकल्प लेती है, उसे सिद्ध करके दिखाती है। मोदी ने कहा कि जिन लोगों को आज नियुक्ति पत्र मिला है, उनके लिए यह जीवन की एक नई यात्रा है। सरकार का अहम हिस्सा होने के नाते आप विकसित भारत की यात्रा के सक्रिय भागीदार होंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि रोजगार मेले से जहां युवाओं का सशक्तिकरण हो रहा है, वहीं देश के विकास में उनकी भागीदारी भी सुनिश्चित हो रही है। एक समय था जब विभिन्न कारणों से नियमित पदोन्नति भी बाधित होती थी। केंद्र सरकार की भर्ती प्रक्रिया में बदलाव हुए हैं। अब केंद्र सरकार में भर्ती प्रक्रिया अधिक समयबद्ध और सुव्यवस्थित है। पारदर्शी तरीके से भर्ती और पदोन्नति युवाओं में भरोसा जगाती है। ये पारदर्शिता उन्हें बेहतर तैयारी के साथ कंपटीशन में उतरने के लिए प्रेरित करती है। हमारी सरकार इसी दिशा में निरंतर काम कर रही है।

इससे पहले प्रधानमंत्री ने नवनियुक्त युवाओं से बातचीत भी की। प्रधानमंत्री कार्यालय का कहना है कि रोजगार मेला, रोजगार सृजन को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता को पूरा करने की दिशा में एक कदम है। देश भर से चुने गए ये नवनियुक्त, भारत सरकार के तहत कनिष्ठ अभियंता, लोको पायलट, तकनीशियन, इंस्पेक्टर, सबइंस्पेक्टर, कांस्टेबल, स्टेनोग्राफर, कनिष्ठ लेखाकर्मी, ग्रामीण डाक सेवक, आयकर निरीक्षक, शिक्षक, नर्स, डॉक्टर, सामाजिक सुरक्षा अधिकारी, पीए, एमटीएस जैसे विभिन्न पदों पर आसीन होंगे।

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– बृजभूषण शरण सिंह ने आरोपों को बताया साजिश
– जब तक मांगें पूरी नहीं हो जाती तब तक धरना जारी रहेगा

नई दिल्ली: भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष के खिलाफ कुश्ती खिलाड़ियों का विरोध प्रदर्शन लगातार दूसरे दिन भी जारी रहा। प्रदर्शन कर रहे पहलवानों ने कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर महिला खिलाड़ियों के यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। खिलाड़ियों ने कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष को पद से हटाने की मांग की है। इस बीच गुरुवार देर रात प्रदर्शनकारी पहलवानों ने खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से दिल्ली स्थित उनके आवास पर मुलाकात की और अपनी शिकायतों को लेकर बातचीत की।

वहीं, सूत्रों की मानें तो खेल मंत्रालय की ओर से बृजभूषण सिंह को 24 घंटे में महासंघ के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने को कहा गया है लेकिन बृजभूषण ने ऐसा करने से इनकार कर दिया है।

दरअसल, यह पूरा मामला बीते दिन 18 जनवरी को तब गर्माया जब महिला खिलाड़ियों के यौन उत्पीड़न और उन्हें परेशान करने का आरोप भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर लगा। इस आरोप को लेकर देश के दिग्गज पहलवानों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना शरू कर दिया, जो आज गुरुवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। खिलाड़ियों की स्पष्ट मांग है कि वर्तमान अध्यक्ष को पद से हटाया जाए और किसी खिलाड़ी को ही महासंघ का अध्यक्ष बनाया जाए। वहीं, महासंघ के कामकाज पर भी सवाल उठाए गए हैं।

पहलवानों का कहना है कि जब तक दोषियों को सजा नहीं मिलती वो धरने पर बैठेंगे और किसी भी इवेंट में कोई एथलीट हिस्सा नहीं लेगा।

अपनी इसी मांग को लेकर खिलाड़ियों का एक दल आज देर रात खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से मुलाकात करने उनके आवास पर पहुंचा। खेल मंत्री से मिलने वाले खिलाड़ियों में बजरंग पुनिया, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक, बबिता फोगाट व अन्य पहलवान शामिल रहे।

दूसरी ओर, बृजभूषण शरण सिंह ने खुद पर लगे आरोपों को साजिश बताया है और कहा है कि अगर आरोप साबित होते हैं तो वे फांसी पर भी लटकने को तैयार हैं।

सूत्रों की मानें तो खेल मंत्रालय की तरफ से बृजभूषण सिंह को महासंघ के अध्यक्ष पद 24 घंटे में इस्तीफा देने को कहा गया है। साथ ही यह भी कहा गया है कि अगर वो पद से खुद नहीं हटते हैं तो उन्हें हटाया जाएगा। जबकि बृजभूषण सिंह ने फिलहाल इस्तीफा देने की बात को सिरे से खारिज कर दिया है।

मांगें पूरी होने तक जारी रहेगा प्रदर्शन
इससे पहले खेल मंत्रालय के अधिकारियों ने बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक के साथ बैठक की। इसमें समस्या के समाधान को लेकर अधिकारियों ने खिलाड़ियों को आश्वासन दिया है, लेकिन पुनिया ने बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर साफ कर दिया है कि जब तक अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह को पद से नहीं हटाया जाता और फेडरेशन को भंग नहीं किया जाता तब तक धरना इसी तरह जारी रहेगा। कल (गुरुवार) सुबह दोबारा खिलाड़ी सुबह 10 बजे से हड़ताल पर बैठेंगे। उन्होंने साफ तौर पर यह भी कहा कि अधिकारियों के साथ जो बैठक हुई सिर्फ उसमें आश्वासन मिला है, जो काफी नहीं है।

खिलाड़ियों में से ही अध्यक्ष बनाने की मांग
प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्टार महिला पहलवान विनेश फोगाट ने अपनी बात रखते हुए बृजभूषण सिंह पर यौन शोषण के गंभीर आरोप लगाने के साथ कहा कि अब हमारे पास उनके खिलाफ ना सिर्फ पक्के सबूत हैं, बल्कि पांच से छह लड़कियां भी हैं। जिन्होंने शोषण की शिकायत की है। कल विरोध प्रदर्शन शुरू होने के बाद से लगातार मुझे देशभर से महिला खिलाड़ियों के फोन आ रहे हैं कि आपने बहुत अच्छा किया। हमारी आवाज उठाई। जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं हो जाती तब तक हम धरने पर बैठे रहेंगे।

फोगाट ने कहा कि हमारी अपील प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और सुप्रीम कोर्ट से है कि पूरे मामले का संज्ञान लेकर न्यायिक जांच करवाई जाए। साथ ही जांच होने तक फेडरेशन को भी भंग किया जाए और उसके अध्यक्ष को भी हटाया जाए। हम लोगों की एक मांग यह भी है कि फेडरेशन का अगला अध्यक्ष हमारे बीच से ही किसी खिलाड़ी को बनाया जाए जो खिलाड़ियों की परेशानी को समझ सके।

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– वर्ष 2020 के लिए 22, 2021 के लिए 16 और 2022 के लिए 18 बच्चों का किया गया है चयन
– दो साल कोरोना की वजह से नहीं हो पाया था पुरस्कार वितरण

नई दिल्ली: भारतीय बाल कल्याण परिषद (आइसीसीडब्ल्यू) द्वारा बहादुर बच्चों को 65 साल से प्रतिवर्ष दिए जा रहे राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार विवादों में घिरने के बावजूद इस बार भी दिए जाएंगे। हालांकि अबकी बार एक ही साथ तीन वर्षों के 56 बच्चों को पुरस्कृत किया जाएगा। कोरोना की वजह से लगातार दो साल यह पुरस्कार वितरण हो नहीं पाया था।

शुक्रवार को परिषद की आजीवन संरक्षक व पूर्व अध्यक्ष गीता सिद्दार्थ ने प्रेस वार्ता में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वर्ष 2020 के लिए 22, 2021 के लिए 16 और 2022 के लिए 18 बच्चों का चयन किया गया है। दो बच्चों को यह पुरस्कार मरणोपरांत दिया जा रहा है। सभी बच्चे अलग-अलग 17 राज्यों से हैं। इन सभी बच्चों को मेडल, प्रशस्ति पत्र और नकद राशि दी जाएगी। हालांकि इन बच्चों को यह पुरस्कार कब और किसके हाथों दिए जाएंगे, इसे लेकर अभी कुछ स्पष्ट नहीं है।

गीता ने बताया कि पुरस्कार के तहत परिषद की ओर से एक लाख रुपये की राशि प्रदान की जाती है। मार्कंडेय, प्रहलाद, एकलव्य, अभिमन्यु, श्रवण, ध्रुव पुरस्कार के तहत 75 हजार रुपये, जबकि शेष सामान्य श्रेणी में 40 हजार रुपये की राशि दी जाएगी। मार्कंडेय अवार्ड साल 2020 के लिए 18 वर्षीय मोहित चंद्रा उप्रेती, साल 2021 के लिए छत्तीसगढ़ से 16 वर्षीय अमन ज्योति जाहिरे और साल 2022 के लिए उत्तराखंड के 16 वर्षीय नितिन सिंह को दिया जाएगा। प्रहलाद अवार्ड साल 2020 के लिए उत्तम तंति, साल 2021 के लिए महाराष्ट्र से मास्टर गणेश तपकिर, साल 2022 के लिए केरल से अहमद फाज और मुहम्मद इरफान शामिल हैं। एकलव्य अवार्ड साल 2020 के लिए अमनदीप कौर, साल 2021 के लिए केरल से एंजेल मारिया और साल 2022 के लिए छत्तीसगढ़ से सीताराम यादव शामिल हैं। अभिमन्यु अवार्ड साल 2020 के लिए 15 वर्षीय मास्टर शनि, साल 2021 के लिए 13 साल के मास्टर शानी अबदुल्ला और साल 2022 के लिए नौ साल के मास्टर क्रिश्चयन वन्नुजीरा शामिल हैं। श्रवन अवार्ड साल 2020 के लिए पंजाब से कुमारी कुसुम, साल 2021 के लिए महाराष्ट्र से मास्टर प्रतीक सुधाकर माने, साल 2022 के लिए ज्योत्सना कुमारी शामिल हैं। धुव्र अवार्ड के लिए साल 2020 के लिए केरल से मास्टर उम्मर मुख्तार, साल 2021 के लिए सात साल की कुमारी सुमन कालबेलिया, साल 2022 के लिए मास्टर निहड़ शामिल हैं।

मालूम हो कि 2018 तक परिषद द्वारा चुने गए बच्चों को यह पुरस्कार जहां प्रधानमंत्री के हाथों मिलता था, वहीं, इन्हें गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होने का मौका भी मिलता था, लेकिन 2019 में आईसीसीडब्ल्यू पर लगे वित्तीय गड़बड़ियों के आरोपों के बाद केंद्र सरकार ने स्वयं को इन पुरस्कारों से अलग कर लिया। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय अलग से अपने पुरस्कार देता है। सरकारी स्तर पर अलगाव के बाद परिषद ने अपने पुरस्कारों के नाम भी बापू गयाधनी, संजय चोपड़ा, गीता चोपड़ा की बजाय मार्कंडेय, ध्रुव एवं प्रह्लाद अवार्ड कर दिया है।

राष्ट्रीय वीरता पुरस्कारों की शुरुआत भारतीय बाल कल्याण परिषद द्वारा 1957 में बच्चों के बहादुरी और मेधावी सेवा के उत्कृष्ट कार्यों के लिए पहचानने और दूसरों के लिए उदाहरण बनने और अनुकरण करने के लिए प्रेरित करने के लिए की गई थी। आईसीसीडब्ल्यू ने अब तक 1,060 बच्चों को पुरस्कार के साथ सम्मानित किया है, जिसमें 742 लड़के और 318 लड़कियां शामिल हैं। प्रत्येक पुरस्कार विजेता को एक पदक, एक प्रमाण पत्र और नकद मिलता है।

चयनित बच्चों को तब तक वित्तीय सहायता प्राप्त होती है, जब तक कि वे स्नातक पूरा नहीं कर लेते हैं। इंजीनियरिंग और चिकित्सा जैसे व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए चयन करने वालों को छात्रवृत्ति योजनाओं के माध्यम से वित्तीय सहायता मिलती है।

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एनआईए ने दाऊद इब्राहिम के व्यापारिक मार्गों का पता लगाया
मुंबई के विशेष कोर्ट में पेश चार्जशीट में एनआईए ने कहा- कराची एयरपोर्ट दाऊद के कब्जे में

मुंबई: नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने दाऊद इब्राहिम के व्यापारिक मार्गों का पता लगा लिया है। साथ ही एनआईए की जांच में यह भी पता चला है कि पाकिस्तान स्थित कराची एयरपोर्ट पूरी तरह दाऊद के कब्जे में है।

यह जानकारी एनआईए ने मुंबई के विशेष कोर्ट में पेश चार्जशीट के माध्यम से दी है। एनआईए के अनुसार गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम के गिरोह के सदस्य सलीम कुरैशी के परिवार ने छोटा शकील के कार्यों में भाग लेने के लिए संयुक्त अरब अमीरात के माध्यम से 2013 के बाद से तीन बार अवैध रूप से पाकिस्तान में प्रवेश किया था। मुंबई में रहने वाली कुरैशी की पत्नी सजिया मोहम्मद सलीम कुरैशी का टेरर फंडिंग मामले में एनआईए ने बयान दर्ज किया था।

इसी बयान में साजिया कुरैशी ने कहा कि उन्हें पाकिस्तान के कराची एयरपोर्ट में उनके आगमन या प्रस्थान की मुहर के बिना अंदर जाने और बाहर निकलने की इजाजत थी। डी-कंपनी के सिंडिकेट और टेरर फंडिंग की जांच कर रही एनआईए को पूछताछ में पता चला है कि कराची एयरपोर्ट डी-कंपनी के कंट्रोल में है।एनआईए को जांच में यह भी पता चला है कि दाऊद इब्राहिम और छोटा शकील और उसके परिवार के सदस्यों या डी-कंपनी के साथ व्यापारिक सौदे करने के लिए कराची हवाई अड्डे पर आने वालों के पासपोर्ट पर मुहर नहीं लगाई जाती हैै।

एनआईए का कहना है कि कराची हवाई अड्डे के वीआईपी लाउंज से दाऊद से मिलने वालों का स्वागत किया जाता है और सीधे दाऊद इब्राहिम या छोटा शकील के घर ले जाया जाता है। कराची एयरपोर्ट पर डी-कंपनी के दबदबे का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मिलने आए लोगों को जब वापस लौटाया जाता है तो उन्हें बिना इमीग्रेशन क्लीयरेंस के सीधे दुबई या खाड़ी देशों में भेज दिया जाता है। ऐसे में दाऊद इब्राहिम या छोटा शकील से किसी के मिलने या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान पहुंचने की भनक तक नहीं लगती है.

एनआईए के अनुसार छोटा शकील के साले सलीम कुरैशी उर्फ सलीम फ्रुट की पत्नी साजिया ने एनआईए को दिए अपने बयान में कहा कि वह अपने दो बेटों जैद (22), सालिक (13) और बेटी फरजा (19) के साथ तीन बार (2013 में एक बार और 2014 में छोटा शकील की बेटियों की सगाई और शादी समारोहों में शामिल होने के लिए अवैध रूप से दो बार पाकिस्तान गई थीं। साजिया ने एनआईए को बताया कि इन तीनों समारोहों में छोटा शकील उपस्थित था , जबकि उनका पति सलीम तीन में से केवल एक समारोह में शामिल हुआ था। साजिया ने यह भी बताया कि 24 मार्च 2014 को अपने बच्चों के साथ कराची में अवैध रूप से शकील की छोटी बेटी अनम की सगाई में शामिल होने के लिए फिर से पाकिस्तान गई थी।

एनआईए को साजिया ने बताया कि वह 5-6 दिन कराची में शकील के घर रुकी थी और इसके बाद छोटा शकील ने उसे भारत भेजने की व्यवस्था की थी। साजिया ने आगे कहा कि वह 18 सितंबर 2014 को दोबारा अपने पति सलीम और बच्चों के साथ छोटा शकील की बड़ी बेटी जोया की शादी में शामिल होने के लिए कराची गए थे। इसके बाद वे लोग कराची में शकील के घर रुके थे ,बाद में यूएई के रास्ते भारत लौट आए थे। एनआईए को यह भी जानकारी मिली है कि साजिया ने 1999 में अपने भाई शाहिद के दोस्त सलीम फ्रुट के साथ अपने परिवार की सहमति से शादी की थी। साजिया ने अपनी विदेश यात्राओं के तहत पाकिस्तान, थाईलैंड, मलेशिया, मॉरीशस, तुर्की, यूएई, सऊदी अरब और मालदीव का दौरा किया था। इसकी विस्तृत जानकारी साजिया ने एनआईए को दी है।

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– अमेठी जिले की कोरवा आयुध फैक्ट्री में शुरू हुआ असॉल्ट राइफलों का उत्पादन
– भारतीय सेना के लिए बनाई जाएंगी कुल 6.7 लाख राइफलें, जल्द होगी डिलीवरी

नई दिल्ली: आखिरकार एक दशक तक इंतजार के बाद उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले की कोरवा आयुध फैक्ट्री में एके-203 असॉल्ट राइफलों का उत्पादन शुरू हो गया है। इतना ही नहीं, 7.62 एमएम कलाश्निकोव की पहली खेप तैयार होने के बाद जल्द ही भारतीय सेना को डिलीवरी होने की उम्मीद है। इसी के साथ भारत विश्व प्रसिद्ध ब्रांड कलाश्निकोव की एके-200 सीरीज की असॉल्ट राइफलों का उत्पादन शुरू करने वाला पहला देश बन गया है।

रूस के सहयोग से उत्तर प्रदेश के अमेठी स्थित कोरवा ऑर्डिनेंस फैक्टरी में एके-203 राइफलों का निर्माण करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 3 मार्च, 2019 को इस योजना का औपचारिक उद्घाटन किया था। इस परियोजना को इंडो-रशियन जॉइंट प्राइवेट लिमिटेड के नाम से जाना जाएगा। यह राइफल एडवांस वेपंस एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड, मियूनीशेंन्स इंडिया लिमिटेड और रूस की रोसोबोरोनएक्सपोर्ट और कॉनकॉर्न कलाशनिकोव मिलकर बना रही है। 7.62 X 39 एमएम कैलिबर की पहली 70 हजार एके-203 राइफल्स में रूसी कलपुर्जे लगे होंगे, लेकिन इसके बाद पूरी तरह से यह राइफल स्वदेशी हो जाएगी। यह राइफल्स काउंटर इंसर्जेंसी और काउंटर टेररिज्म ऑपरेशंस में भारतीय सेना की क्षमता को बढ़ाएंगी।

रोसोबोरोनेक्सपोर्ट के महानिदेशक अलेक्जेंडर मिखीव ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि रूस और भारत के संयुक्त उद्यम इंडो-रशियन राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड ने उत्तर प्रदेश के अमेठी में कोरवा आयुध कारखाने में एके-203 कलाश्निकोव असॉल्ट राइफल का उत्पादन शुरू कर दिया है। अमेठी के कोरवा आयुध कारखाने में 7.62 मिमी. कलाशनिकोव एके-203 असॉल्ट राइफलों के पहले बैच का उत्पादन किया है। इन राइफलों का परीक्षण होने के बाद जल्द ही भारतीय सेना को डिलीवरी शुरू होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि यह राइफलें दुनिया भर की आग्नेयास्त्रों के मामले में आधुनिक जरूरतों को पूरा करती हैं।

मिखीव ने कहा कि अमेठी स्थित असॉल्ट राइफल्स मैन्युफैक्चरिंग प्लांट में भारतीय सशस्त्र बलों को एके-203 राइफलों से पूरी तरह लैस करने की क्षमता है। इसके अलावा संयुक्त उद्यम अपने उत्पादों को तीसरे देशों में निर्यात करने में सक्षम होगा। रूस और भारत सैन्य-तकनीकी सहयोग परियोजनाओं को लागू करना जारी रखेंगे। रोसोबोरोनेक्सपोर्ट का उद्देश्य प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण मामले में भारतीय पक्ष को सहयोग करके ‘मेक-इन-इंडिया’ पहल को आगे रखना है। भविष्य में कंपनी कलाश्निकोव असॉल्ट राइफल प्लेटफॉर्म पर आधारित उन्नत राइफलों का उत्पादन बढ़ाने के लिए अपनी उत्पादन सुविधाओं को अपग्रेड कर सकती है।

रोस्टेक के जनरल डायरेक्टर सर्गेई चेमेज़ोव ने कहा कि भारत में निर्मित एके-203 राइफलों का मॉडल उत्कृष्ट एर्गोनॉमिक्स के साथ दुनिया में सबसे अच्छी अटैक राइफल्स में से एक है। एके-203 असॉल्ट राइफलों का उत्पादन शुरू होने के साथ ही उच्च गुणवत्ता वाले सुविधाजनक और आधुनिक छोटे हथियार भारत की रक्षा और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के इस्तेमाल में जल्द ही आएंगे। उन्होंने कहा कि रूस और भारत मजबूत साझेदारी संबंधों से जुड़े हुए हैं। रोस्टेक स्टेट कॉर्पोरेशन रूस की सबसे बड़ी रक्षा निर्माण कंपनी है और उसी का एक हिस्सा रोसोबोरोनेक्सपोर्ट है।

एके-203 राइफलों की खासियत
स्वदेश निर्मित इन राइफलों की लंबाई करीब 3.25 फुट है और गोलियों से भरी राइफल का वजन लगभग चार किलोग्राम होगा। यह नाइट ऑपरेशन में भी काफी कारगर होगी, क्योंकि यह एक सेकंड में 10 राउंड फायर यानी एक मिनट में 600 गोलियां दुश्मन के सीने में उतार सकती हैं। जरूरत पड़ने पर इससे 700 राउंड भी फायर किए जा सकते हैं। दुनिया को सबसे खतरनाक गन देने वाली शख्सियत का नाम मिखाइल कलाशनिकोव है। इन्हीं के नाम पर एके-47 का नाम पड़ा। एके का फुल फॉर्म होता है ऑटोमेटिक कलाशनिकोव। एके-203 असॉल्ट राइफल 300 मीटर की रेंज में आने वाले दुश्मन को यह छलनी कर देती है। एके-203 असॉल्ट राइफल की गोली की गति 715 किलोमीटर प्रति घंटा होती है। नई असॉल्ट राइफल में एके-47 की तरह ऑटोमैटिक और सेमी ऑटोमैटिक दोनों सिस्टम होंगे। एक बार ट्रिगर दबाकर रखने से गोलियां चलती रहेंगी।

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– कर्तव्य पथ पर परेड देखने के लिए 45 हजार होंगी सीटें, 32 हजार की होगी ऑनलाइन बुकिंग
– वायु सेना के फ्लाईपास्ट में 18 हेलीकॉप्टर, 8 ट्रांसपोर्ट विमान और 23 लड़ाकू विमान हिस्सा लेंगे

नई दिल्ली: सेंट्रल विस्टा और नए संसद भवन का निर्माण करने वाले ‘श्रम योगी’ इस बार गणतंत्र दिवस परेड के लिए विशेष आमंत्रित मेहमान होंगे और मुख्य मंच के सामने बैठेंगे। कर्तव्य पथ पर परेड देखने के लिए सीटों की संख्या घटाकर 45 हजार कर दी गई है। इनमें से 32 हजार सीटें इस साल आम जनता को ऑनलाइन बुकिंग के जरिए उपलब्ध होंगी। इस बार वायु सेना के फ्लाईपास्ट में कुल 18 हेलीकॉप्टर, 8 ट्रांसपोर्ट विमान और 23 लड़ाकू विमान हिस्सा लेकर आसमान में तरह-तरह के करतब दिखाएंगे।

रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने ने बताया कि गणतंत्र दिवस के कार्यक्रमों में आम लोगों की भागीदारी इस वर्ष के समारोह का प्रमुख विषय है। दूसरी सबसे महत्वपूर्ण बात है कि 23 जनवरी को पराक्रम दिवस के साथ इस वर्ष गणतंत्र दिवस समारोह की शुरुआत होगी। राष्ट्र 26 जनवरी को अपना 74वां गणतंत्र दिवस मनाएगा। समारोह में कर्तव्य पथ पर पारंपरिक मार्च पास्ट शामिल है, जिसमें सशस्त्र बलों और अर्धसैनिक बलों की टुकड़ियां, राज्यों और केंद्रीय मंत्रालयों, विभागों की झांकियां शामिल होंगी। इसके अलावा बच्चों के सांस्कृतिक प्रदर्शन, कलाबाजी, मोटरसाइकिल की सवारी और वायु सेना के फ्लाई पास्ट होंगे।

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक सेंट्रल विस्टा और नए संसद भवन का निर्माण करने वाले ‘श्रम योगी’ इस बार गणतंत्र दिवस परेड के लिए विशेष आमंत्रित मेहमान होंगे और मुख्य मंच के सामने बैठेंगे। गणतंत्र दिवस समारोह के लिए कर्तव्य पथ पर सीटिंग प्लान नहीं बदला गया है। सीटों की संख्या घटाकर 45 हजार कर दी गई है। इनमें से 32 हजार सीटें इस साल आम जनता के लिए ऑनलाइन बुकिंग के लिए उपलब्ध होंगी। इसी तरह बीटिंग रिट्रीट के लिए 10% सीटों की ऑनलाइन बुकिंग होगी। गणतंत्र दिवस समारोह में नए कार्यक्रमों की शृंखला आयोजित की जा रही है।

रक्षा प्रवक्ता विंग कमांडर इंद्रनील नंदी ने बताया कि इस बार गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य आकर्षण वायु सेना के फ्लाईपास्ट को 2 भागों में बांटा गया है। पहले भाग में प्रचंड का गठन होगा, उसके बाद तिरंगा, ध्वज, रुद्र और बाज़ का फ़ॉर्मेशन होगा। इसके बाद टंगेल फॉर्मेशन, वज्रंग फॉर्मेशन, उसके बाद गरुड़, नेत्रा, भीम, अमृत, त्रिशूल और विजय फॉर्मेशन होंगे। विंग कमांडर इंद्रनील नंदी ने बताया कि इस बार फ्लाईपास्ट में कुल 18 हेलीकॉप्टर, 8 ट्रांसपोर्ट विमान और 23 लड़ाकू विमान हिस्सा लेकर आसमान में तरह-तरह के करतब दिखाएंगे।

सैन्य टैटू और जनजातीय नृत्य उत्सव

गणतंत्र दिवस समारोह की शुरुआत 23-24 जनवरी को नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में सैन्य टैटू और आदिवासी नृत्य महोत्सव ‘आदि शौर्य-पर्व पराक्रम का’ से होगी। दो दिन चलने वाले इस उत्सव में सशस्त्र बलों के शौर्य और भारत की जनजातीय संस्कृति के विशिष्ट सौंदर्य का प्रदर्शन किया जाएगा। कार्यक्रम में सैन्य टैटू, पैरामोटर ग्लाइडिंग, हॉट एयर बैलून, हॉर्स शो, मोटर साइकिल प्रदर्शनी, वायु सैनिक ड्रिल, नौसेना बैंड और देशभर के 1,200 से अधिक आदिवासी कलाकारों के पारंपरिक नृत्य का प्रदर्शन भी किया जाएगा। ग्रैंड फिनाले में प्रसिद्ध पार्श्व गायक कैलाश खेर की प्रस्तुति होगी।

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नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वर्तमान अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा जून 2024 तक इस पद पर बने रहेंगे। भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दूसरे दिन सर्वसम्मति से लिए गए इस फैसले की जानकारी दी।

पत्रकारों को संबोधित करते हुए शाह ने नड्डा के नेतृत्व में पार्टी को मिली उपलब्धियों का उल्लेख किया और विश्वास जताया कि उनके नेतृत्व में 2024 के आम चुनावों में भाजपा विजयी होगी और नरेन्द्र मोदी फिर से देश के प्रधानमंत्री बनेंगे। उन्होंने बताया कि उनके नेतृत्व में ही इस साल 9 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव लड़े जाएंगे।

शाह ने कहा कि उनकी अध्यक्षता में भाजपा को बिहार, महाराष्ट्र, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, असम, मणिपुर और गुजरात में विजय मिली। पार्टी तेलंगाना में आगे बढ़ रही है और पश्चिम बंगाल में 77 सीटें मिली हैं। दक्षिण भारत के साथ-साथ पूर्वोत्तर में भाजपा के विस्तार में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

भाजपा नेता ने कहा कि जेपी नड्डा 2020 में राष्ट्रीय अध्यक्ष बने थे। इस दौरान कोविड महामारी में भाजपा ने सेवा ही संगठन कार्यक्रम शुरू किया। उनके नेतृत्व में भाजपा कार्यकर्ताओं ने कोविड महामारी के दौरान अनुकरणीय कार्य किया। उनके नेतृत्व में हर घर तिरंगा, लोकसभा प्रवास और लोगों को मन की बात से जोड़ने जैसी अन्य संगठनात्मक गतिविधियां हुईं।

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नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि 21 अरबपतियों के पास 70 करोड़ भारतीयों से अधिक संपत्ति है। सबसे अमीर एक फीसदी आबादी के पास हिंदुस्तान का 40 फीसदी धन है।

राहुल ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) ने 20 करोड़ से अधिक लोगों को गरीबी से निकाला था। लेकिन वर्तमान केन्द्र सरकार की गलत नीतियों के कारण आम लोग और गरीब हो रहे हैं। राहुल ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा इन नीतियों के खिलाफ देश की हुंकार है।

उल्लेखनीय है कि सोमवार को राहुल गांधी ने ट्वीट कर वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) पर सवाल उठाया था। राहुल ने कहा था कि सबसे गरीब 50 फीसदी आबादी का जीएसटी में योगदान 64 फीसदी है। जबकि सबसे अमीर, 10 फीसदी आबादी का जीएसटी में योगदान सिर्फ तीन फीसदी है।

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि भारत का सबसे अच्छा युग आ रहा है। हमें इसके विकास के लिए खुद को समर्पित करना चाहिए। उन्होंने जीवन का क्षण-क्षण भारत की विकास गाथा में लगाने का आह्वान करते हुए कहा कि इस ‘अमृत काल’ को ‘कर्तव्य काल’ में परिवर्तित करने से ही देश को तेजी के साथ आगे ले जाया जा सकता है।

भाजपा के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक का समापन प्रधानमंत्री के प्रेरक उद्बोधन से हुआ। फडणवीस ने कहा कि प्रधानमंत्री का उद्बोधन प्रेरक, दिशा दर्शक और भविष्य की राह दिखने वाला था। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के जीवन का सर्वोत्तम काल आ रहा है। ऐसे में हमें इसके विकास के लिए खुद को समर्पित करना चाहिए। अपने जीवन का क्षण-क्षण भारत की विकास गाथा में लगाएं। इस ‘अमृत काल’ को ‘कर्तव्य काल’ में परिवर्तित करने से ही देश को तेजी के साथ आगे ले जाया जा सकता है।

फडणवीस ने कहा कि प्रधानमंत्री ने बताया कि भाजपा अब केवल राजनीतिक आंदोलन भर नहीं बल्कि सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों को बदलने वाला एक अभियान है। प्रधानमंत्री ने हमें सलाह दी कि मोर्चा के कुछ कार्यक्रम विशेष रूप से सीमावर्ती गांवों में आयोजित किए जाएं। ताकि हम उनसे और जुड़ सकें और हमारी विकास की योजनाएं इन क्षेत्रों तक पहुंचे।

फडणवीस ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक के दौरान कहा कि हमें सीमावर्ती इलाकों के गांवों से ज्यादा जुड़ना चाहिए और उन्हें मुख्यधारा में लाना चाहिए और वहां हमारी गतिविधियां बढ़नी चाहिए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आकांक्षी जिलों के विकास में भी भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं की भूमिका हो। इसके अतिरिक्त हमारे सभी राज्य एक दूसरे के साथ समन्वय बढ़ाते हुए भावनात्मक रूप से जुड़ें। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के संकल्प के तहत सभी राज्यों को एक-दूसरे का सहयोग करना चाहिए और एक-दूसरे की भाषा और संस्कृति को स्वीकार करना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने ‘बेटी बचाओ अभियान’ की तर्ज पर ‘धरती बचाओ अभियान’ चलाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि फर्टिलाइजर की अधिकता के कारण जलवायु परिवर्तन और धरती माता पर पड़ने वाले परिणामों को कम करने की आवश्यकता है।

फडणवीश ने कहा कि प्रधानमंत्री ने युवाओं को देश के राजनीतिक इतिहास से परिचित कराने पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि 18-25 वर्ष से कम आयु के लोगों ने भारत के राजनीतिक इतिहास को नहीं देखा है। उन्हें पिछली सरकारों में हुए भ्रष्टाचार और गलत कामों के बारे में पता नहीं है। इसलिए, उन्हें जागरूक करने और उन्हें भाजपा के सुशासन के बारे में बताने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि पार्टी ‘भाजपा जोड़ो’ अभियान चलाएगी। लोगों को पार्टी से जोड़ने के लिए पार्टी ‘भाजपा जोड़ो’ अभियान चलाएगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि किस प्रकार से हम कुशासन से सुशासन की ओर आए हैं ये संदेश हमें युवाओं तक पहुंचाना है। भाजपा कार्यकर्ताओं को संवेदनशीलता के साथ समाज के सभी अंगों से जुड़ना है। वोट की चिंता किए बिना देश और समाज को बदलने का कार्य भाजपा को करना है।

फडणवीस ने कहा कि प्रधानमंत्री ने पार्टी के प्राथमिक सदस्यों का जिला स्तर पर सम्मेलन आयोजित करने को कहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आज का भाषण किसी राजनेता का नहीं बल्कि स्टेटमैन का था। उन्होंने देश को पार्टी से ऊपर रखा।

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शिमला: हिमाचल प्रदेश की उच्च पहाड़ियों पर बर्फबारी के बीच शनिवार तड़के आठ मिनट के भीतर भूकंप के दो झटके महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र कांगड़ा के जिला मुख्यालय धर्मशाला की धौलाधार पहाड़ियों के पास रहा। भूकंप के झटके चंबा जिला के सीमावर्ती गांवों में भी महसूस हुए। दो बार भूकंप के झटकों से लोग सहम गए। कांगड़ा और चंबा के निवासियों के जेहन में 118 साल पहले आए विनाशकारी भूकंप की भयावहता ताजा हो गई।

मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के मुताबिक भूकंप का पहला झटका सुबह 5 बजकर 10 मिनट पर महसूस हुआ। भूकंप का केंद्र धर्मशाला की धौलाधार की पहाड़ियों के नीचे कांगड़ा और चंबा जिला के सीमावर्ती क्षेत्र आरएफ अंद्राला ग्रोन में जमीन की सतह से पांच किलोमीटर नीचे रहा। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 2.8 मापी गई। इसके कुछ मिनट बाद 05 बजकर 17 मिनट पर दूसरा झटका लगा। इसकी तीव्रता पहले भूकंप से ज्यादा 3.2 रही। भूकंप का केंद्र बिंदु धर्मशाला की धौलाधार पहाड़ियों स्थित धार शरौर क्षेत्र में जमीन की सतह से पांच किलोमीटर की गहराई पर रहा।

राज्य आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के निदेशक सुदेश मोकटा ने बताया कि भूकंप की तीव्रता कम होने की वजह से कहीं से जानी नुकसान की सूचना नहीं है। हिमाचल प्रदेश में पिछले एक महीने के भीतर आठ बार भूकंप के झटके लग चुके हैं। हालांकि तीव्रता कम रहने से जान-माल का नुकसान नहीं हुआ। चार दिन पहले मंडी जिला के सुंदरनगर में 2.5 की तीव्रता का भूकंप आया था। इससे पूर्व 03 जनवरी को सोलन जिला में 2.7 तीव्रता के भूकंप के झटके लगे थे। जबकि 31 दिसंबर को मंडी जिला में भी इतनी ही तीव्रता का भूकंप आया था। 26 दिसंबर को कांगड़ा, 21 दिसंबर को लाहौल-स्पीति और 16 दिसंबर को किन्नौर जिला में भूकंप के झटके लग चुके हैं।

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा, चंबा, मंडी, शिमला, किन्नौर और लाहौल-स्पीति जिले भूकंप की दृष्टि से अति संवेदनशील सिस्मिक जोन-05 में आते हैं। प्रदेश वर्ष 1905 में विनाशकारी भूकंप का दंश झेल चुका है। तब कांगड़ा और चंबा जिलों में आये उच्च तीव्रता के भूकंप में 10 हजार से अधिक लोग मारे गए थे।

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