नई दिल्ली, 6 अक्टूबर (हि.स.)। केन्द्र सरकार के इलेक्ट्रॉनिक और आईटी मंत्रालय ने बाल यौन शोषण सामग्री को लेकर शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स, यूट्यूब और टेलीग्राम को नोटिस जारी किया है। नोटिस में सोशल मीडिया को यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि वे किसी भी प्लेटफाॅर्म पर बाल यौन शोषण सामग्री न परोसे और उसे ब्लॉक करने की व्यवस्था रखें। नोटिस में चेतावनी दी गई है कि सरकार के इन निर्देशों का पालन नहीं किया गया तो उन पर कार्रवाई की जाएगी।

नोटिस में मंत्रालय ने कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफार्म को इस तरह की व्यवस्था की जानी चाहिए जिससे बाल यौन शोषण से संबंधित कंटेंट अपने आप डिटेक्ट होकर ब्लॉक हो जाए। इसके लिए अपने एल्गोरिदम को बदलें और अपने रिपोर्टिंग प्रक्रिया को भी बदलें। नोटिस में कहा गया है कि यदि इन निर्देशों का पालन नहीं किया जाता है तो आईटी अधिनियम 2021 के नियम 3(1)(बी) और नियम 4(4) का उल्लंघन माना जाएगा और उन पर कार्रवाई की जाएगी।

केंद्रीय कौशल विकास व उद्यमिता और इलेक्ट्रॉनिक्स व आईटी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने बताया कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बाल यौन शोषण से जुड़े सामग्री को रोकने के लिए उन्हें नोटिस भेजा गया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को निर्देशों के पालन को सुनिश्चित करना होगा।

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नई दिल्ली, 5 अक्टूबर (हि.स.)। पूर्वोत्तर का खूबसूरत राज्य सिक्किम इस समय प्राकृतिक आपदा की भीषण मार से बेहाल है। सोमवार-मंगलवार की मध्य रात्रि में बादल फटने के बाद मंगलवार की सुबह से आशंकाओं के बादल अब तक घिरे हुए हैं। बुधवार सुबह तक 14 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है जबकि 100 से अधिक लोग लापता हैं। इनमें सेना के भी 23 जवान शामिल हैं।

मंगलवार भोर के समय उत्तरी सिक्किम में ल्होनक झील के ऊपर बादल फटा, जिसके बाद तीस्ता नदी में बड़े पैमाने पर सैलाब आ गया। इसके चलते तीस्ता नदी के किनारे बने घर, मकान धाराशायी हो गए। 14 पुल टूट गए। नदी किनारे खड़े वाहन नदी के तेज बहाव में बह गए। इसमें नदी किनारे बने एक अस्थायी कैंप में रह रहे सेना के 23 जवान भी शामिल हैं। अभी लापता लोगों की सही सही संख्या का केवल अनुमान ही लगाया जा सका है। तीन हजार से अधिक पर्यटक भी सड़क आदि टूट जाने से अनेक स्थानों पर फंस गए हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट पर सिक्किम की आपदा पर गंभीर संवेदना व्यक्त की। उन्होंने लिखा कि “सिक्किम के मुख्यमंत्री पी. एस. तमांग से बात की और राज्य के कुछ हिस्सों में दुर्भाग्यपूर्ण प्राकृतिक आपदा से पैदा हुई स्थिति की समीक्षा की। चुनौतियों का सामना करने के लिए हरसंभव मदद का आश्वासन भी दिया। मैं सभी प्रभावितों की सुरक्षा और कुशलता की प्रार्थना करता हूं।”

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क्षेत्रीय मनोरंजन के दिग्गजों ने मिलाया हाथ, ‘मितवा टीवी’ के साथ ‘महुआ ब्रांड’ का हुआ मर्जर

मनोरंजन: देश के पहले OTT न्यूज़ एवं भोजपुरी मनोरंजन प्लेटफॉर्म मितवा टीवी आज भोजपुरी भाषा को पसंद करने वालों के बीच काफी चर्चित हो चुका है. अब मितवा टीवी ने आगे बढ़कर भोजपुरी मनोरंजन क्षेत्र की चर्चित कम्पनियों “महुआ एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड” एवं “महुआ ब्राडकास्टिंग प्राइवेट लिमिटेड” को अपने साथ मर्ज करके भोजपुरी मनोरंजन के क्षेत्र में बड़े स्तर पर कार्यक्रमों को लांच करने की घोषणा कर दी है. इस आशय की जानकारी मितवा टीवी के CEO अविनाश राज ने शुक्रवार को दी है.

अविनाश राज ने बताया है कि “महुआ प्लस ब्रांड” भोजपुरी भाषाई लोगों के बीच एक स्थापित नाम है, जिसे यूपी, बिहार एवं झारखंड के लोग बेहद पसन्द करते हैं, अतः आधुनिकतम तकनीकियों के साथ हमारा संयुक्त मंच जल्दी ही अपने प्रिय दर्शकों के लिए उनके मनपसंद कार्यक्रम दिखाना प्रारम्भ कर देगा.

बता दें, कोविड के बाद मनोरंजन के बदले हुए स्वरूप में फ़िल्म, गाने और न्यूज के दर्शक मोबाइल पे सिमट चुके हैं. कोरोना काल में सिनेमाघरों के बंद होने के बाद उसकी जगह टीवी और डिजिटल प्लेटफार्म ले चुकी थी. ओटीटी पर प्रसारित हो रहे बेहतरीन कंटेंट को दर्शकों ने खूब पसंद किया. इन्ही बातों को ध्यान में रख कर भोजपुरी का पहला ओटीटी प्लेटफॉर्म “मितवा टीवी लॉन्च किया गया था. मितवा टीवी नाम के इस ओटीटी को पूरे देशी अंदाज में लांच किया गया था. जिसे दर्शको का भरपूर प्यार मिला. दरअसल वर्ष 2021 में मितवा टीवी की नींव रखी गयी थी और अगस्त 22 से इसका टेस्ट फिड शुरू किया गया. अंततः 12 सितंबर 2022 को इस भोजपुरी ओटीटी को लॉन्च कर दिया गया.

मितवा टीवी ने बहुत ही कम समय मे दर्शकों के बीच काफी लोकप्रियता हासिल कर चुकी है. देश और विदेशों में अपने दर्शकों की बढ़ती संख्या मितवा की बढ़ती लोकप्रियता ही प्रमाण है कि मितवा टीवी भोजपुरी का दुनिया में पहला OTTप्लेटफार्म हैं, जहाँ मनोरंजक कार्यक्रमों के साथ ही देश की प्रथम समाचार प्रस्तुति भी उपलब्ध हैं. अपने मजबूत वितरण और बेहतरीन कंटेंट के कारण मितवा आज देश के लोकप्रिय ओटीटी में शामिल हो चुका है. इस पर भोजपुरी फिल्मों के साथ हॉलीवुड क्लासिक्स, लाइव-स्ट्रीमिंग, ड्रामा, वेब-सीरीज़ एवं समाचार, यहाँ हर आयु वर्ग के लिए कुछ न कुछ उपलब्ध है. इसे प्ले-स्टोर,ऐप-स्टोर, फायरस्टिक और अन्य लोकप्रिय स्ट्रीमिंग डिवाइसेज़ जैसे एमआई स्टिक पर आसानी से डाउनलोड कर देखा जा सकता है.

अविनाश राज का कहना है कि मनोरंजक कार्यक्रमों के साथ एक मजबूत डिस्ट्रीब्यूशन मितवा टीवी सफलता का राज़ है. हमारे पास नेटफ्लिक्स की तरह एक स्टैंडअलोन ऐप बनाने का विकल्प था, लेकिन बाजार की मांग को समझते हुए, हमने वितरण एवं कार्यक्रमों की गुणवत्ता में निवेश किया, साथ ही अनेकों भाषाओं के प्रमुख टेलीविज़न चैनलों को मितवा के माध्यम से दर्शकों तक मुफ्त पहुंचने का प्राविधान बनाया.” इस रणनीति ने बेहतरीन काम किया. आज तक, मितवा भारत और विदेशों में लाखों दर्शकों के लिए 200+ चैनलों के साथ कई अनूठे कार्यक्रम प्रस्तुत कर रहा है और आज मितवा देश में सबसे तेजी से लोकप्रिय होते हुए स्टार्ट-उप में से एक है. अब ‘महुआ ब्रांड’ और OTT प्लेटफॉर्म ‘मितवा टीवी’ के साथ आ जाने से देश-विदेश में भोजपुरी फिर से नई ऊंचाइयों की ओर बढ़ चलेगा. विदित हो, महुआ चैनल ने अपने समय में जबरदस्त ढंग से भोजपुरी भाषाई लोगों के बीच अपनी पैठ बनाई थी. लेकिन इस चैनल के बंद हो जाने से भोजपुरी भाषाई भोजपुरी के हिट कार्यक्रमों का मजा नहीं ले पा रहे थे. अब ‘महुआ ब्रांड’ और ‘मितवा टीवी’ साथ मिलकर इसी कमी को दूर करने जल्द लोगों के बीच आ रहा है.

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नई दिल्ली, 29 सितंबर (हि.स.)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को राष्ट्रपति भवन में विश्वविद्यालय, एनएसएस इकाइयों और एनएसएस वालंटियर को 2021-22 के लिए राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) पुरस्कार प्रदान किए।

यह पुरस्कार 41 व्यक्तियों को सामाजिक सेवाओं में उनके योगदान के लिए दिया गया। पुरस्कार पाने वालों में डॉ. रामबीर सिंह चौहान (उत्तर प्रदेश), डॉ. मिताली कथकटिया (असम), डॉ. रंजन शर्मा (चंड़ीगढ़), डॉ. मलकियत सिंह (हिमाचल प्रदेश), डॉ. राघवेन्द्र आर (कर्नाटक), डॉ. एस. लक्ष्मी (केरल), डॉ. इंदिरा बर्मन (मध्य प्रदेश), डॉ. पवन रमेश नायक (महाराष्ट्र), जोसेफ वनलालह्रुइया सेलो (मिजोरम), डॉ. रेनू विष्ट (उत्तराखंड), बबीता प्रसाद (पश्चिम बंगाल), कुरुबा जयमारुथि (आंध्र प्रदेश), पेल्लाकुरू सात्विका (आंध्र प्रदेश), साजिश अली (असम), मैक्स कुमार (बिहार), बनश्री काकती (असम), सागर रॉय (चंड़ीगढ़), कुमुधिनी साओ (छत्तीसगढ़), अलीशा अंसारी (छत्तीसगढ़), अनुज (दिल्ली), पटेल सोनल चमनभाल (गुजरात), शालीन मनीष कुमार पटादिया (गुजरात), दीपक सिंह (हरियाणा), काजल कौशिक (हरियाणा), ऋषभ चौधरी (हिमाचल प्रदेश), किफ़ायतुल्लाह मलिक (जम्मू और कश्मीर), अभिषेक रंजन (झारखंड), अंकित लखेरा (मध्य प्रदेश), अक्षिता शर्मा (मध्य प्रदेश), जाह्नवी विजय पेडीवार (महाराष्ट्र), वेदांत सुदाम डाइक (महाराष्ट्र), श्रिया मैनी (पंजाब), शुभम पारीक (राजस्थान), ममता कुमावत (राजस्थान), गुंडे परशुरामुलु (तेलंगाना), दवेरा मनोज खन्ना (तेलंगाना), अली देबनाथ (त्रिपुरा), सुब्रत साहा (त्रिपुरा), लक्ष्य (उत्तर प्रदेश), संजना सिंह (उत्तर प्रदेश) और अभिजीत भुइन (पश्चिम बंगाल) शामिल हैं।

इस मौके पर युवा मामले और खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर और युवा मामले और खेल राज्य मंत्री निसिथ प्रमाणिक भी मौजूद रहे।

केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्रालय द्वारा स्थापित एनएसएस पुरस्कार हर साल एनएसएस वालंटियर, कार्यक्रम अधिकारियों, एनएसएस इकाइयों और विश्वविद्यालयों/ 2 परिषदों को उनकी स्वैच्छिक सेवा को मान्यता देने के लिए प्रदान किए जाते हैं।

एनएसएस एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है, जिसे स्वैच्छिक सामुदायिक सेवा के माध्यम से छात्र युवाओं के व्यक्तित्व और चरित्र को विकसित करने के प्राथमिक उद्देश्य के साथ वर्ष 1969 में शुरू किया गया था। एनएसएस का वैचारिक रुझान महात्मा गांधी के आदर्शों से प्रेरित है। एनएसएस का आदर्श वाक्य ‘स्वयं से पहले आप’ है।

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नई दिल्ली, 25 सितंबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विपक्षी गठबंधन को महिला विरोधी करार देते हुए सोमवार को कहा कि घमंडिया (अहंकारी) गठबंधन ने अनिच्छा से संसद में महिला विधेयक का समर्थन किया।

प्रधानमंत्री ने पंडित दीनदयाल की जयंती पर मध्य प्रदेश के भोपाल में भाजपा के कार्यकर्ता महाकुंभ को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज हमारे प्रेरणापुंज, पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जन्म दिवस है। पंडित जी ने सुशासन को अंत्योदय से जोड़कर देखा, समाज के अंतिम व्यक्ति के विकास को प्राथमिकता दी। अंत्योदय की यही प्रेरणा, सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के रूप में हमें प्रेरित करती है। बीते 9 वर्षों में हमने जो योजनाएं बनाईं, उनके मूल में यही भावना थी।

मप्र विधानसभा चुनावों में भाजपा के सत्ता में लौटने पर पार्टी के सभी वादों को पूरा करने की गारंटी देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “जब मोदी गारंटी देता है, जब भाजपा गारंटी देती है, तो वो जमीन पर उतरती है। हर लाभार्थी तक पहुंचती है। मोदी, यानी हर गारंटी पूरी होने की गारंटी।”

संसद और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने वाले नए कानून का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि नारीशक्ति वंदन अधिनियम ने देश में नया इतिहास रच दिया है। उन्होंने कहा कि घमंडिया गठबंधन ने अनिच्छा से महिला आरक्षण विधेयक का समर्थन किया। ये वही लोग हैं, जिन्होंने देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति बनने से रोकने का भरसक प्रयास किया। ये वही लोग हैं, जिन्होंने देश की सेनाओं में अग्रिम मोर्चे में बेटियों के प्रवेश को रोक कर रखा था।

मोदी ने कहा कि हमारी कोशिश यही थी कि बहनों की समृद्धि का रास्ता खुले, बेटियां अपने पैरों पर खड़ी हो सकें, इसलिए मैं देश की हर माता और बेटी से कहूंगा कि कोई कितनी भी कोशिश कर ले, आपको भ्रमित नहीं होना है। ये महिलाओं की भागीदारी के विस्तार की शुरुआत है। एक सार्थक बदलाव का शुभारंभ है।

प्रधानमंत्री ने नए संसद भवन के निर्माण और गुणवत्तापूर्ण सड़कों और स्टेशनों के निर्माण पर भाजपा की आलोचना करने के लिए कांग्रेस पर निशाना साधा।

प्रधानमंत्री ने अपने वादे पूरे नहीं करने के लिए राज्य की पिछली कांग्रेस सरकारों पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद अपने लंबे शासन के दौरान कांग्रेस ने समृद्ध मध्य प्रदेश को बीमारू राज्य में बदल दिया। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण के इतिहास वाली कांग्रेस परिवारवादी पार्टी है। यह जंग लगे लोहे की तरह है, जो बारिश में रखा तो खत्म हो जाएगा। मौका मिला तो कांग्रेस मप्र को बीमारू बना देगी। मध्य प्रदेश में कांग्रेस के शासन की पहचान कुनीति, कुशासन और करोड़ों का करप्शन था।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पहली बार मतदान करने वाले मतदाता भाग्यशाली हैं कि उन्होंने मध्य प्रदेश में केवल भाजपा सरकार देखी है, जो भारत के विकास दृष्टिकोण का प्रमुख केंद्र है। उन्होंने कहा, “मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार को लगभग 20 साल पूरे हो चुके हैं, यानी जो युवा इस बार के चुनावों में पहली बार वोट डालेंगे, उन्होंने भाजपा की सरकार को ही देखा है। ये युवा सौभाग्यशाली हैं कि इन्होंने मध्य प्रदेश में कांग्रेस का बुरा शासन और बुराइयां देखी नहीं हैं।”

मोदी ने मप्र की जनता को कांग्रेस से सतर्क रहने की सलाह देते हुए कहा कि आजादी के बाद मध्य प्रदेश में लंबे समय तक कांग्रेस का ही शासन रहा लेकिन कांग्रेस ने साधन संपन्न मध्य प्रदेश को बीमारू बना दिया। कांग्रेस ने डिजिटल पेमेंट का विरोध किया लेकिन दुनिया यूपीआई मोड से प्रभावित हुई। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस जैसी परिवारवादी पार्टी, हजारों करोड़ों के घोटाले का इतिहास रचने वाली पार्टी, वोट बैंक व तुष्टीकरण की राजनीति करने वाली पार्टी को जरा भी मौका मिल गया तो मध्य प्रदेश को बहुत बड़ा नुकसान होगा। कांग्रेस एक बार फिर मध्य प्रदेश को बीमारू बना देगी।

प्रधानमंत्री ने कांग्रेस की तुलना जंग लगे लोहे से करते हुए कहा कि कांग्रेस जंग लगा हुआ वो लोहा है, जो बारिश में रखे-रखे खत्म हो जाता है। अब कांग्रेस में न देखने का सामर्थ्य बचा है और न ही देशहित को समझने का। कांग्रेस सिर्फ एक परिवार का गौरवगान करने में जुटी रही है। कांग्रेस, भारत में भ्रष्ट व्यवस्था को पोषित करने में ही जुटी रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अपने हित में लोगों को गरीब बनाये रखा। भाजपा शासन में 5 वर्षों में 13.5 करोड़ से अधिक लोग गरीबी से बाहर आये।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस न खुद बदलना चाहती है और न ही देश को बदलने देना चाहती है। देश समृद्धि की तरफ बढ़ने के लिए घोर परिश्रम कर रहा है लेकिन कांग्रेस देश को 20वीं शताब्दी में ले जाना चाहती है।

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– इसी तरह के 15 और विमान फ्रांस से ‘फ़्लाइंग मोड’ में आएंगे, 40 भारत में बनाएगी टाटा कंपनी

– हिंडन एयरबेस पर 50 से अधिक लाइव हवाई प्रदर्शन करके भारत की ड्रोन क्षमता दिखाई गई

नई दिल्ली, 25 सितंबर (हि.स.)। फ्रांस से भारत को मिला पहला सी-295 परिवहन विमान सोमवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विधि-विधान से पूजा करके वायु सेना के बेड़े में शामिल किया। इससे सेना की रसद तथा अन्य क्षमताओं में बढ़ावा होगा। यह भव्य कार्यक्रम एयर फ़ोर्स के हिंडन एयरबेस पर वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी की मौजूदगी में हुआ। उन्होंने रक्षा मंत्री को विमान की इंडक्शन चाबी सौंपी। इसी तरह के 15 और विमान फ्रांस से ‘फ़्लाइंग मोड’ में आयेंगे और 40 सैन्य परिवहन विमान टाटा कंपनी भारत में ही निर्माण करेगी।

एयर फ़ोर्स के हिंडन एयरबेस पर आज सुबह भारत ड्रोन शक्ति-2023 कार्यक्रम में विभिन्न क्षमताओं वाले ड्रोन का प्रदर्शन किया गया। इस कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री जनरल विजय कुमार सिंह (सेवानिवृत्त), वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी के साथ शामिल हुए। यहां 50 किलो से 100 किलो तक वजन ले जाने की क्षमता वाले ड्रोन का अद्भुत प्रदर्शन किया गया। इसके अलावा किसानों को खेती में काम आने वाले, चिकित्सा सहायता के लिए एक जगह से दूसरी जगह मेडिकल सामग्री पहुंचाने, युद्ध के दौरान बमबारी करने वाले, सीमा पर सैनिकों की अग्रिम चौकियों तक खाद्य एवं रसद सामग्री पहुंचाने वाले ड्रोन का प्रदर्शन किया गया।

भारत ड्रोन शक्ति-2023 के दौरान प्रदर्शित ड्रोन की एक कॉम्पैक्ट प्रणाली दिखाई गई, जिसे मोटरसाइकिल पर ले जाया जा सकता है। विशेष मोटरसाइकिलों को बिना असेंबल किए ड्रोन ले जाने के लिए अनुकूलित किया गया है। आधुनिक कृषि पद्धतियों को शुरू करने के लिए किसान ड्रोन को ग्रामीण इलाकों में मोटरसाइकिलों का उपयोग करके ले जाया जा सकता है। भारतीय ड्रोन उद्योग की ताकत का यह अब तक का सबसे बड़ा प्रदर्शन रहा, जिसमें 50 से अधिक लाइव हवाई प्रदर्शन और ड्रोन के 75 से अधिक स्थिर प्रदर्शन शामिल रहे। इस प्रदर्शन में भारत की ड्रोन तकनीक में बढ़ती ताकत दिखी, जिसका मौजूद लोगों ने तालियां बजाकर और ‘भारत माता की जय’ का उद्घोष करके स्वागत किया।

इस भव्य कार्यक्रम के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने फ्रांस से भारत को मिला पहला सी-295 परिवहन विमान औपचारिक रूप से वायु सेना के बेड़े में शामिल किया। राजनाथ सिंह ने विधि-विधान से पूजा करके विमान ‘स्वास्तिक’ का निशान बनाया। यह सैन्य परिवहन विमान फ्रांस की एयरबस कंपनी ने 13 सितम्बर को भारतीय वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी को स्पेन के सेविले में सौंपा था। इस विमान को वायु सेना के ग्रुप कैप्टन पीएस नेगी फ्रांस से मिस्र और बहरीन होते हुए उड़ाकर 20 सितंबर को भारत लाये और वडोदरा के वायु सेना स्टेशन पर उतारा। यह विमान सी -295 विमान आगरा एयरबेस पर तैनात होगा। वहां पर इसका ट्रेनिंग सेंटर भी बनाया जा रहा है। सी-295 एयरक्राफ्ट के लिए आगरा एयरबेस को इसलिए चुना गया है, क्योंकि इसे खासतौर पर पैराट्रूपर्स के लिए बनाया गया है।

फ़्रांसीसी कंपनी एयरबस डिफेंस एंड स्पेस के साथ पिछले साल 24 सितंबर को 56 सी-295 सैन्य परिवहन विमानों का सौदा फाइनल हुआ था। इसी सौदे के तहत यह पहला विमान स्पेन में ही तैयार किया है। समझौते के मुताबिक़ कंपनी को 16 विमान स्पेन में तैयार करके भारत को ‘फ्लाइंग मोड’ में आपूर्ति करना है जबकि अन्य 40 विमानों का निर्माण दस वर्षों के भीतर टाटा कंसोर्टियम भारत में ही करेगा। भारत को पहला विमान मिलने के साथ ही अन्य 15 विमानों के ‘फ्लाइंग मोड’ में आपूर्ति होने का रास्ता साफ़ हो गया है। यह अपनी तरह की पहली परियोजना है, जिसमें निजी सभी 56 विमानों को स्वदेशी इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट के साथ स्थापित किया जाएगा। यह मीडियम लिफ्ट सामरिक विमान बिना तैयार लैंडिंग ग्राउंड से उड़ान भरने और उतरने में सक्षम है।

सी-295 सैन्य परिवहन विमान की खासियत

इस विमान को दो लोग उड़ाते हैं और इसकी क्षमता 73 सैनिक या 48 पैराट्रूपर्स या 12 स्ट्रेचर इंटेसिव केयर मेडवैक या 27 स्ट्रेचर मेडवैक के साथ 4 मेडिकल अटेंडेंट ले जाने की है। यह अधिकतम 9250 किलोग्राम तक वजन उठा सकता है। इसकी गति अधिकतम 482 किलोमीटर प्रति घंटा है और अधिकतम 13,533 फीट की ऊंचाई पर उड़ सकता है। इसे टेक ऑफ करने के लिए 844 मीटर से 934 मीटर लंबाई वाला और उतरने के लिए सिर्फ 420 मीटर का रनवे चाहिए। हथियार लगाने के लिए इसमें छह हार्ड प्वाइंट्स होते हैं। यानी हथियार और बचाव प्रणाली लगाने के लिए दोनों विंग्स के नीचे तीन-तीन जगह होती हैं, जिसमें 800 किलोग्राम के हथियार लगाए जा सकते हैं। सी-295 के शामिल होने से भारतीय वायु सेना की मध्यम लिफ्ट सामरिक क्षमता बढ़ेगी।

टाटा कंसोर्टियम वडोदरा में बना रहा है फैक्टरी

भारत में 40 विमानों का निर्माण करने के लिए टाटा कंसोर्टियम वडोदरा में फैक्टरी बना रहा है, जो 2026 तक बन जाएगी। टाटा ने पिछले साल नवंबर से 40 सी-295 विमानों के लिए मेटल कटिंग का काम शुरू कर दिया है। हैदराबाद फिलहाल इसकी मेन कांस्टीट्यूट एसेंबली है, जहां कई पार्ट्स बनाए जाएंगे। हैदराबाद फैसिलिटी एयरक्राफ्ट के प्रमुख हिस्सों को फैब्रिकेट करेगी। इसके बाद उसे वडोदरा भेजा जाएगा, जहां इंजन और इलेक्ट्रॉनिक्स सेट लगाकर सी-295 विमान को अंतिम रूप दिया जाएगा। भारतीय वायुसेना के लिए ट्रांसपोर्ट विमान बेहद जरूरी हैं, ताकि सैनिकों, हथियारों, ईंधन और हार्डवेयर को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचा सकें। यह विमान इंडियन एयरफोर्स के पुराने एचएस एरोस विमानों की जगह लेंगे। इसके अलावा यूक्रेन से आए एंतोनोव एएन-32 को बदला जाएगा।

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नई दिल्ली: चंद्रयान-3 मिशन को लेकर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने एक नया अपडेट दिया है। चांद की सतह पर निष्क्रिय पड़े लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान अब तक सक्रिय नहीं हो सके हैं। शुक्रवार को इसरो की ओर से इन दोनों को लगातार सिग्नल भेजे गए लेकिन अभी तक इन्हें सिग्नल नहीं मिलें। हालांकि इसरो इस संबंंध में प्रयास जारी रखेगा।

इसरो ने शुक्रवार को सोशल नेटवर्किंग साइट ‘एक्स’ पर जानकारी साझा करते हुए कहा कि विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर के साथ संपर्क स्थापित करने के लिए उनके जागने की स्थिति का पता लगाने के लिए प्रयास किए गए हैं। अभी तक उनकी ओर से कोई संकेत नहीं मिले हैं। संपर्क स्थापित करने के प्रयास जारी रहेंगे।

चंद्रयान-3 पर अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र के निदेशक नीलेश देसाई ने बताया कि लैंडर और रोवर से संपर्क स्थापित करने का प्रयास जारी है। यह स्वचलित रूप से पुनर्जीवित होगा और सिग्नल भेजेगा। हालांकि अभी तक कोई सिग्नल नहीं आया है। ठंडे तापमान में इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों के फिर से काम करने के 50-50 फीसदी संभावना होती है। हालांकि चंद्रयान-3 मिशन पहले ही अपना काम कर चुका है।

उल्लेखनीय है कि चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान चांद के दक्षिणी ध्रुव पर हैं, पिछले 4 सितंबर को ही इसरो ने इन्हें स्विच ऑफ कर दिया था ताकि चांद पर नई सुबह होने पर इनसे फिर काम लिया जा सके। शुक्रवार को इसरो ने लगातार सिग्नल भेजे लेकिन अभी तक लैंडर और रोवर ने इन्हें रिसीव नहीं किया है।

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नई दिल्ली, 20 सितंबर (हि.स.)। केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि महिला आरक्षण देते समय पादर्शिता बेहद जरूरी है। ऐसे में परिसीमन की प्रक्रिया के बाद ही जनप्रतिनिधियों में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने का सरकार ने फैसला लिया है।

गृह मंत्री ने लोकसभा में नारी शक्ति वंदन विधेयक पर चर्चा में भाग लिया। शाह ने विपक्ष की ओर से उठाए जा रहे कई प्रश्नों का जवाब दिया। उन्होंने महिला आरक्षण में देरी से जुड़े प्रश्न के उत्तर में कहा कि कौन सी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी, इसका निर्णय कौन लेगा। इसे राजनीति दृष्टि से भी देखा जा सकता है। ऐसे में परिसीमन की प्रक्रिया के बाद पूरी पारदर्शिता से महिलाओं के लिए सीटें रिजर्व होंगी।

गृह मंत्री ने विपक्ष की ओर से ओबीसी महिलाओं के आरक्षण के मुद्दे का भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि महिला आरक्षण अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और सामान्य वर्ग तीनों में 33 प्रतिशत के हिसाब से लागू होगा। यह केवल एक शुरुआत है महिलाओं को आरक्षण देने की। आने वाली सरकारें इसमें अन्य विषयों को जोड़ सकती हैं।

भाजपा के वरिष्ठ नेता ने राहुल गांधी के सचिवों में ओबीसी की संख्या से जुड़े विषय पर भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि देश को सरकार चलती है, सचिव नहीं चलाते। उनकी सरकार में ओबीसी सांसदों और मंत्रियों की पर्याप्त संख्या है। स्वयं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ओबीसी समाज से आते हैं।

अपने भाषण के अंत में गृहमंत्री ने सभी दलों से सर्वसम्मति से महिला आरक्षण विधेयक लागू करने की मांग की। उन्होंने कहा कि समाज की स्थिति को देखते हुए महिलाओं को पर्याप्त प्रतिनिधित्व मिले इसके लिए आरक्षण विधेयक लाया गया है।

उन्होंने सरकार की योजनाओं का उल्लेख किया और कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2014 में सरकार में आने के बाद से महिला सशक्तिकरण की दिशा में काम शुरू कर दिया था। उन्होंने इसके लिए 11 करोड़ परिवारों को शौचालय बनाने में मदद की गई, महिलाओं को आवास योजना के तहत पक्के मकानों का मालिक बनाया गया, जनधन योजना से उनके खाते खोले गए और हर जल योजना के माध्यम से महिलाओं के जीवन को आसान बनाया है।

बाद में एक प्रश्न में बीजू जनता के सांसद भर्तृहरि महताब ने लोकसभा में महिलाओं को सीटें आरक्षित करने से जुड़ा एक प्रश्न पूछा। उन्होंने जानना चाहा कि लोकसभा की सीटें क्या राज्य अनुसार ही 33 प्रतिशत आरक्षित होंगी। इसके जवाब में गृहमंत्री ने कहा कि परिसीमन आयोग इस विषय पर विचार करेगा और तय करेगा कि लोकसभा में सीटें कैसे महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी।

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नई दिल्ली, 20 सितंबर (हि.स.)। लोकसभा से बुधवार को महिलाओं को लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में 33 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने वाला विधेयक पारित हो गया। संविधान संशोधन विधेयक होने के कारण मतविभाजन द्वारा इसे पारित किया गया। संविधान में 128वें संशोधन किए जाने के पक्ष में 454 मत पड़े और 2 मत विरोध में पड़े। ज्ञात हो कि विधेयक को पारित किए जाने के लिए दो-तिहाई बहुमत अनिवार्य होता है।

नारी शक्ति वंदन विधेयक पर चर्चा में सदन के 60 सदस्यों ने भाग लिया। केन्द्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने विधेयक पर चर्चा का उत्तर दिया। चर्चा की शुरुआत कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने की और गृहमंत्री ने सबसे अंत में चर्चा में भाग लिया। इसके बाद मतपत्रों के माध्यम से मत विभाजन किया गया।

लोकसभा में विधेयक पर हुई चर्चा का उत्तर देते हुए अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महिला नेतृत्व विकास की बात कही है और यह विधेयक उसी दृष्टि से लाया गया है। दुनिया में जनप्रतिनिधियों में महिलाओं का 24 प्रतिशत प्रतिनिधत्व है। वर्तमान में भारत में 15.1 प्रतिशत महिलाएं जनप्रतिनिधी हैं। विधेयक के पारित होने से 33 प्रतिशत महिलाओं का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित होगा और विश्व में हमारी रैकिंग में इजाफा होगा।

उन्होंने कहा कि महिलाओं यानी मातृत्व से नेतृत्व में आने की स्थिति में निर्णय प्रक्रिया में संवेदनशीलता, सहजता तथा राष्ट्र और समाज की भलाई होगी।

परिसीमन से जुड़े प्रश्न का उत्तर देते हुए कानून मंत्री ने कहा कि उनकी सरकार इस बार महिला आरक्षण विधेयक को फंसने नहीं देगी। विधेयक से जुड़े कई तकनीकि पहलु हैं। जैसे कौन सी सीट किसके लिए आरक्षित होगी। इससे विधेयक आगे कानूनी प्रक्रिया में उलझ सकता है। पीआईएल के माध्यम से इसे लागू होने से रोका जा सकता है। ऐसे में सभी विषयों पर विचार करते हुए परिसीमन के बाद महिलाओं को आरक्षण देने की बात विधेयक में कही गई है।

मेघवाल ने कहा कि कांग्रेस के कार्यकाल के दौरान महिला आरक्षण विधेयक पारित नहीं हुआ। इसका प्रमुख कारण था कि नीति, नियत और नेतृत्व नहीं था। अब प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में नीति और नियत दोनों है।

राहुल गांधी के सचिवों की संख्या में ओबीसी की संख्या का विषय उठाने पर मेघवाल ने कहा कि वर्तमान में सचिव 92वें बैच से हैं। उस समय कांग्रेस की सरकार थी। उन्होंने इस विषय पर कोई काम क्यों नहीं किया। वहीं सचिव बनने की भी एक प्रक्रिया है।

इस दौरान अर्जुन राम मेघवाल ने बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर के सभी व्यस्कों को मताधिकार देने की बात कहते हुए कांग्रेस पर उन्हें दो बार हराने का आरोप लगाया। कांग्रेस ने अंबेडकर जी को भारत रत्न नहीं दिया। उन्होंने कहा कि महिलाएं आज मतदान को उत्सव की तरह मनाती हैं और इसके लिए बाबा साहेब को धन्यवाद देती हैं।

इसी बीच कांग्रेस की ओर से हंगामा करने पर गृह मंत्री ने बीच में कहा कि राहुल गांधी को हराने वाली भाजपा थी। यह तथ्य है। इसी तरह भीमराव अंबेडकरजी को हराने वाले कांग्रेस के नेता थे।

लोकसभा में देर शाम विधेयक को पारित कराने पर विचार किए जाने के दौरान आरएसपी के नेता एनके प्रेमचंद्रन ने कहा कि विधेयक में 33 प्रतिशत के करीब आरक्षण की बात कही गई है जिसे 33 प्रतिशत ही से बदलना चाहिए। इस पर गृह मंत्री ने उत्तर देते हुए कहा कि परिसीमन के दौरान 33 प्रतिशत आरक्षण देने का ही काम होगा। हालांकि कुछ स्थितियों में 33 प्रतिशत विभाजन संभव नहीं यानी भाग करना संभव नहीं है ऐसी स्थिति के लिए विधेयक में इसे शामिल किया गया है।

खंडवार विचार के दौरान एआईएमआईएम ने संशोधन के प्रस्ताव पर मतविभाजन की मांग की। इसके चलते विधेयक पारित करने की प्रक्रिया में देरी हुई। इसके बाद लोकसभा की कार्यवाही को गुरुवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।

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नई दिल्ली, 19 सितंबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आज हम यहां से विदाई लेकर संसद के नए भवन में जा रहे हैं लेकिन हमें पुराने भवन की भी प्रतिष्ठा बरकरार रखनी चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि पुराने संसद भवन को ‘संविधान सदन’ के रूप में जाना जाए।

प्रधानमंत्री मंगलवार को विशेष सत्र के दौरान संसद को नई इमारत में शिफ्ट करने से पहले सेंट्रल हॉल में सांसदों को संबोधित कर रहे थे। प्रधानमंत्री ने गणेश चतुर्थी की शुभकामनाएं दीं और कहा कि आज नए संसद भवन में हम सब मिलकर नए भविष्य का श्रीगणेश करने जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, “हम भारत को एक विकसित राष्ट्र में बदलने के संकल्प और दृढ़ संकल्प के साथ नए संसद भवन की ओर बढ़ रहे हैं।”

पुराने संसद भवन को ‘संविधान सदन’ के नाम से पुकारे जाने का सुझाव देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “इस भवन को पुरानी संसद कहकर नहीं छोड़ना चाहिए। मैं उपराष्ट्रपति महोदय और स्पीकर महोदय से प्रार्थना करूंगा कि भविष्य में इसे संविधान सदन के रूप में जाना जाए।”

उन्होंने कहा कि आज नए संसद भवन में हम सब मिलकर, नए भविष्य का श्रीगणेश करने जा रहे हैं। आज हम यहां विकसित भारत का संकल्प दोहराने, संकल्पबद्ध होने और उसको परिपूर्ण करने के लिए जी-जान से जुटने के इरादे से नए भवन की तरफ प्रस्थान कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने सवाल किया कि क्या छोटे कैनवास पर बड़ी पेंटिंग बनाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि अपनी सोच का दायरा बढ़ाए बिना हम अपने सपनों का भव्य भारत नहीं बना सकते। प्रधानमंत्री ने भारत की भव्य विरासत का जिक्र करते हुए कहा कि अगर हमारी सोच इस भव्य विरासत से जुड़ जाए तो हम उस भव्य भारत की तस्वीर बना सकते हैं। मोदी ने कहा, “भारत को बड़े कैनवास पर काम करना होगा। अब समय छोटी-छोटी बातों में उलझने का नहीं है।”

उन्होंने आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की प्रधानता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि शुरुआती आशंकाओं को खारिज करते हुए दुनिया भारत के आत्मनिर्भर मॉडल की बात कर रही है। उन्होंने कहा कि रक्षा, विनिर्माण, ऊर्जा और खाद्य तेल के क्षेत्र में कौन आत्मनिर्भर नहीं बनना चाहेगा और इस तलाश में दलगत राजनीति बाधा नहीं बननी चाहिए।

संसद भवन और सेंट्रल हॉल की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने इसके प्रेरक इतिहास पर प्रकाश डाला। उन्होंने सेंट्रल हॉल में आयोजित ऐतिहासिक समारोहों और संबोधनों को याद किया। उन्होंने याद किया कि यही वह स्थान है, जहां संविधान ने आकार लिया था और आजादी के समय सत्ता का हस्तांतरण हुआ था। उन्होंने बताया कि 1952 के बाद दुनिया के करीब 41 राष्ट्राध्यक्षों ने इस सेंट्रल हॉल में सांसदों को संबोधित किया है। हमारे सभी राष्ट्रपति के द्वारा 86 बार यहां संबोधन दिया गया है। उन्होंने कहा कि लोकसभा और राज्यसभा ने पिछले सात दशकों में लगभग चार हजार अधिनियम पारित किये हैं। उन्होंने संयुक्त सत्र के तंत्र के माध्यम से पारित कानूनों के बारे में भी बात की और इस संबंध में दहेज निषेध अधिनियम, बैंकिंग सेवा आयोग विधेयक और आतंकवाद से लड़ने के लिए कानूनों का उल्लेख किया। उन्होंने तीन तलाक पर रोक लगाने वाले कानून का भी जिक्र किया। मोदी ने ट्रांसजेंडरों और दिव्यांगों के लिए कानूनों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने सहित उन ऐतिहासिक कानूनों के बारे में भी चर्चा की, जो 2014 से उनके कार्यकाल के दौरान बनाए गए थे।

अनुच्छेद 370 को निरस्त करने में जन प्रतिनिधियों के योगदान पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने बड़े गर्व के साथ रेखांकित किया कि हमारे पूर्वजों द्वारा हमें प्रदान किया गया संविधान अब जम्मू और कश्मीर में लागू किया जा रहा है। मोदी ने कहा, “आज, जम्मू-कश्मीर शांति और विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है और यहां के लोग अब अवसरों को अपने हाथ से नहीं जाने देना चाहते।”

प्रधानमंत्री ने वर्तमान समय के महत्व को रेखांकित किया, जब भारतीय आकांक्षाएं हजारों वर्षों में अपने उच्चतम स्तर पर हैं। उन्होंने कहा कि भारत जिसकी आकांक्षाएं हजारों वर्षों से जंजीरों में जकड़ी हुई थीं, अब इंतजार करने को तैयार नहीं है, वह आकांक्षाओं के साथ आगे बढ़ना चाहता है और नए लक्ष्य बनाना चाहता है। उन्होंने कहा कि नई आकांक्षाओं के बीच नए कानून बनाना और पुराने कानूनों से छुटकारा पाना सांसदों की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है।

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अयाेध्या, 18 सितम्बर (हि.स.)। तपस्वी छावनी, रामघाट में साेमवार काे धर्मसंसद का आयाेजन किया गया। धर्मसंसद में 29 प्रांताें के संत-धर्माचार्य सम्मिलित रहे, जिसमें सभी संत-धर्माचार्यों ने एक साथ हुंकार भरते हुए कहा कि सनातन धर्म पर अमर्यादित टिप्पणी करने वाले तमिलनाडु मुख्यमंत्री के पुत्र उदयनिधि स्टालिन माफी मांगे। इसके लिए हम उन्हें एक सप्ताह का समय देते हैं। अगर वह माफी नहीं मांगते हैं ताे देश के हम सभी संत-धर्माचार्य तमिलनाडु के लिए कूच करेंगे।

धर्मसंसद की अध्यक्षता करते हुए तपस्वी छावनी पीठाधीश्वर जगतगुरु परमहंस आचार्य ने कहा कि सनातन धर्म काे मानने वाले लाेगाें काे अपमानित करने का काम किया जा रहा। संवैधानिक पदों पर बैठे लाेग असंवैधानिक बयान दे रहे हैं। हम सब सनातन धर्म के पवित्र मार्ग पर चलने वाले लाेग हैं। हम किसी धर्म के विराेधी नहीं हैं लेकिन यदि कोई हमारे सनातन धर्म पर कुठाराघात करेगा ताे हम चुप बैठने वाले नहीं हैं। देश के 120 कराेड़ सनातनी अभी जिंदा हैं। जाे सनातन धर्म पर अमर्यादित टिप्पणी, निंदा करने वालाें काे सत्ता से हटाने व भगाने का काम करेंगे।

उन्होंने कहा कि हम संत-धर्माचार्यों ने धर्मसंसद में निर्णय लिया है कि सनातन धर्म पर अमर्यादित बयान देने वाला डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन एक सप्ताह के अंदर माफी नहीं मांगता है। ताे हम सभी संत-धर्माचार्य तमिलनाडु के लिए कूच कर वहां विरोध प्रदर्शन करेंगे।

संकटमोचन सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय दास ने कहा कि जाे भी लाेग सनातन धर्म की निंदा व कटाक्ष कर रहे हैं। उन्हें पता नहीं सनातन धर्म सबकी जननी है। सनातन धर्म पर कटाक्ष करने वालाें का विनाश निश्चित है। उसे काेई राेक नहीं सकता है। यदि सनातन धर्म पर अमर्यादित टीका-टिप्पणी बंद नहीं हुई। ताे देश के हम सभी संत-धर्माचार्य आने वाले समय में विराेध प्रदर्शन करेंगे। इसके लिए राष्ट्रपति से मिलेंगे और संसद भवन का घेराव करेंगे। इसलिए सनातन धर्म की निंदा करने वाले लाेग अभी से चेत जाएं। वह जल्द से जल्द माफी मांग लें नहीं ताे उनका भी हश्र कालनेमि की तरह हाेगा।

श्रीनिर्वाणी अनी अखाड़ा के श्रीमहंत मुरली दास ने कहा कि उदयनिधि स्टालिन, ए राजा, स्वामी प्रसाद माैर्या जैसे लाेगाें द्वारा सनातन धर्म पर लगातार गलत बयानबाजी की जा रही है। जिसे कत्तई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।

धर्मसंसद में हनुमानबाग के महंत जगदीश दास, हनुमानगढ़ी बसंतिया पट्टी के महंत रामचरण दास, सरपंच रामकुमार दास, नागा नंदराम दास, हनुमानगढ़ी के पुजारी हेमंत दास, पहलवान राजेश दास, मामा दास आदि समेत सैंकड़ो संत-धर्माचार्य माैजूद रहे।

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नई दिल्ली, 18 सितंबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को लोक सभा में कहा कि देश की 75 वर्षों की संसदीय यात्रा का पुनः स्मरण करने के लिए और नए सदन में जाने से पहले उन प्रेरक पलों को, इतिहास की महत्वपूर्ण घड़ी को याद करते हुए आगे बढ़ने का ये अवसर है।

लोकसभा में प्रधानमंत्री ने कहा कि ये सही है कि इस इमारत के निर्माण का निर्णय विदेशी शासकों का था लेकिन ये बात हम कभी नहीं भूल सकते हैं कि इस भवन के निर्माण में देशवासियों का परिश्रम, पसीना और पैसा लगा था। उन्होंने कहा कि हम भले ही नए भवन में जाएंगे लेकिन ये पुराना भवन भी आने वाली पीढ़ियों को हमेशा प्रेरणा देता रहेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस सदन से विदाई लेना बहुत ही भावुक पल है। हम जब इस सदन को छोड़कर जा रहे हैं तो हमारा मन बहुत सारी भावनाओं और अनेक यादों से भरा हुआ है। जब मैंने पहली बार एक सांसद के रूप में इस भवन में प्रवेश किया तो सहज रूप से मैंने इस सदन के द्वार पर अपना शीश झुकाकर, इस लोकतंत्र के मंदिर को श्रद्धाभाव से नमन किया था।

लोकसभा में प्रधानमंत्री ने कहा कि यह 75 साल की संसदीय यात्रा को याद करते हुए आगे बढ़ने का समय है। करीब-करीब 7,500 से अधिक जनप्रतिनिधि अब तक दोनों सदनों में अपना योगदान दे चुके हैं। इस कालखंड में करीब 600 महिला सांसदों ने दोनों सदनों की गरिमा को बढ़ाया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस संसद में पंडित जवाहर लाल नेहरू की ”आधी रात को” की गई गूंज हमें प्रेरित करती रहेगी और यह वही संसद है, जहां अटल जी ने कहा था ”सरकारें आएंगी, जाएंगी; पार्टियां बनेंगी, बिगड़ेंगी; मगर ये देश रहना” चाहिए। इस देश में दो प्रधानमंत्री ऐसे रहे (मोरारजी देसाई और वीपी सिंह) जिन्होंने कांग्रेस में अपना जीवन खपाया और एंटी कांग्रेस सरकार का नेतृत्व कर रहे थे। ये भी इसकी विशेषता थी।

उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की मुक्ति का आंदोलन और उसका समर्थन भी इसी सदन ने इंदिरा गांधी के नेतृत्व में किया था।इसी सदन ने इमरजेंसी में लोकतंत्र पर होता हुआ हमला भी देखा था और इसी सदन ने भारत के लोगों की ताकत का एहसास कराते हुए लोकतंत्र की वापसी भी देखी थी।

उन्होंने कहा कि “सबका साथ, सबका विकास” के मंत्र, दशकों से लंबित मुद्दों पर कई ऐतिहासिक फैसले, उनका स्थायी समाधान इस संसद में हुआ है। अनुच्छेद 370 ये सदन हमेशा याद रखेगा। वन नेशन वन टैक्स, जीएसटी का निर्णय भी इसी सदन ने किया। ”वन रैंक, वन पेंशन” भी इसी सदन ने देखा। गरीबों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण बिना किसी विवाद के इसी सदन में हुआ।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जी20 शिखर सम्मेलन की सफलता पूरे देश की सफलता है, किसी अकेले व्यक्ति या किसी एक पार्टी की नहीं है। भारत की शक्ति ने जी 20 घोषणापत्र पर सर्वसम्मति सुनिश्चित की। उन्होंने कहा कि हम सबके लिए गर्व की बात है कि आज भारत ”विश्व मित्र” के रूप में अपनी जगह बना पाया है। आज पूरा विश्व, भारत में अपना मित्र खोज रहा है, भारत की मित्रता का अनुभव कर रहा है।

चंद्रयान-3 की सफलता का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस उपलब्धि से आज पूरा देश अभिभूत है। यह 140 करोड़ देशवासियों के संकल्प की शक्ति से जुड़ा हुआ है।

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