(कबीर की रिपोर्ट)
जो सफर की शुरुआत करते हैं, वो मंज़िल को पार करते हैं…
एकबार चलने का होंसला तो रखो, मुसाफिरों का तो रस्ते भी इंतज़ार करते हैं…

हर एक कलाकार का सपना होता है कि वह एक ना एक दिन बड़े पर्दे पर दिखाई दे. ऐसा ही एक सपना लिए छपरा के इस युवक ने माया नगरी में कदम रखा और महज 5 सालों में ही उसका सपना साकार होता दिख रहा है. आंखों में सपना लिए अपनी मंजिल की ओर बढ़ने वाले एक न एक दिन कामयाब होते हैं और दूसरों के लिए आदर्श बनते हैं.

मॉडलिंग और एक्टिंग का शौक तो बचपन से ही था लेकिन इंजीनियरिंग में एडमिशन लेने के साथ-साथ मैंने मॉडलिंग और एक्टिंग क्लास ज्वाइन किया. 2016 में कला केंद्र द्वारा फैशन शो में मिस्टर भोपाल का खिताब हासिल किया. छपरा टुडे डॉट कॉम से बात करते हुए कलाकार मृत्युंजय कुशवाहा ने बताया कि बचपन से ही फिल्मों में काम करने का शौक था. जब भी मैं टेलीविजन पर किसी कलाकार को देखता तो यह सोचता था कि मैं कब उस जगह पर पहुँच पाऊँगा.

मृत्युंजय ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई विद्या विकास स्कूल और सारण एकेडमी से की, वहीं 12वीं की पढ़ाई जगदम कॉलेज से पूरी की. फिर उन्होंने भोपाल में इंजीनियरिंग के लिए नामांकन कराया. भोपाल में ही मॉडलिंग क्लास में नए मॉडलों पॉज असिस्ट किया धीरे धीरे फिल्म इंडस्ट्री में पहचान बढ़ने लगी. उसके बाद क्या था मेहनत और लगन ने मृत्युंजय को बड़े पर्दे तक पहुंचा दिया है.

पढ़ाई के साथ साथ अपने सपने को ध्यान में रखते हुए उन्होंने इंजीनियरिंग करने के बाद होंडा मे लगी नौकरी छोडकर माया नगरी की ओर अपना रुख किया. 2016 में पवन सिंह की भोजपुरी फिल्म हुकूमत की शूटिंग के दौरान बतौर कलाकार अभिनय करने का मौका मिला लेकिन एग्जाम होने की वजह से उन्होंने उस फिल्म में काम करने से इंकार कर दिया. एक तरफ फिल्मों में काम करने का मौका और दूसरी तरफ घर से इंजीनियरिंग पूरा करने का दबाओ.

मृत्युंजय फिर पढ़ाई पूरी करने के साथ ही मुंबई आ गए. फिलहाल मृत्युंजय भोजपुरी फिल्म पवन राजा, छलिया, नायक, विवाह जैसी फिल्मों में बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर काम कर चुके हैं. वहीं शॉर्ट फिल्म बाप की कीमत और एक चाय वाला बना करोड़पति जैसी शॉर्ट फिल्म बतौर डायरेक्टर उन्होंने काम किया है. फिलहाल असिस्टेंट डायरेक्टर के रूप में हिंदी फिल्म नुसरत जहां की शूटिंग में व्यस्त है. वही गैंग्स ऑफ बिहार की शूटिंग जनवरी से शुरू होगी. जिसके निर्माता मोहम्मद सफ़ीक सैफी और निर्देशक कुमार नीरज है. जिसमें मृत्युंजय बड़े पर्दे पर दिखाई देंगे. फिल्मों के साथ-साथ मृत्युंजय हिंदी और मैथिली एल्बम सॉन्ग काम किया है.

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Chhapra: सारण की धरती पर पहली बार सारण अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह का 3 और 4 दिसंबर को आयोजन होगा. इस समारोह के ब्रांड एम्बेस्डर मशहूर सिने अभिनेता अखिलेन्द्र मिश्रा होंगे.

समारोह के दौरान कुल आठ देशों की चालीस फिल्मों का प्रदर्शन किया जाएगा. जो की अलग अलग केटेगरी जैसे डाक्यूमेंट्री, शार्ट फिक्शन, एनीमेशन और ट्राइबल मुख्यतः होंगी. समारोह में फिल्मों के बीच प्रतियोगिता होगी और इसमें ज्यूरी बोर्ड में वरिष्ठ फ़िल्म स्कॉलर अमृत गांगर, फ़िल्मकार व लेखक धीरज मिश्र और अंतर्राष्ट्रीय ख़्याती प्राप्त लद्दाखी फ़िल्मकार स्टेनज़ीन दोरजी होंगे.

दो दिवसीय समारोह के दौरान फिल्मों की स्क्रीनिंग, मास्टर क्लास, डायरेक्टर्स के साथ बातचीत, सांस्कृतिक कार्यक्रम आदि भी होना सुनिश्चित है.मॉस मीडिया और सिनेमा के स्टूडेंट रहे फेस्टिवल डायरेक्टर अभिषेक अरुण ने बताया कि ” मैं स्वयं कई फिल्म समारोहों से जुड़ा रहा हूँ और जब बाहर ऐसे आयोजन देखता था, तो मन में एक भाव आता था की हमारे यहाँ भी काश ऐसे आयोजन होते. इस से समाज को एक नयी चेतना मिलेगी. समाज का मानसिक विकास हो सकेगा. लोग एक दूसरे की संस्कृति को जानेंगे. विचारों का आदान प्रदान हो सकेगा. ऐसे में मैंने एक कदम उठाया है अब आप सभी सारण वासियों को इस सांस्कृतिक यात्रा का हिस्सा बनके इसे सफल बनाना होगा”.

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नई दिल्ली: लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) अभी भी जीवनरक्षक प्रणाली पर हैं. उनकी हालत नाजुक बनी हुई है लेकिन सेहत में सुधार भी हो रहा है. अस्पताल के सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी. लता मंगेशकर (90) को सोमवार की सुबह ब्रीच कैंडी अस्पताल की गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में भर्ती करवाया गया था. उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही थी. उनका इलाज डॉक्टर पतित समधानी कर रहे हैं.

अस्पताल के एक सूत्र ने बताया, “मामूली सुधार के बावजूद लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) की हालत नाजुक बनी हुई है. वह अभी भी आईसीयू में, जीवन रक्षक प्रणाली पर हैं. सेहत में सुधार होने में थोड़ा वक्त लगेगा.” लता मंगेशकर की पीआर टीम ने कहा कि उनकी हालत ‘स्थिर’ है.

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Chhapra: शहर के करीमचक के युवाओं ने किंग खान के जन्मदिन पर केक काट कर अभिनेता शाहरुख खान का बर्थडे मनाया. सभी साथियों ने एक साथ केक काट कर अभिनेता शाहरूख खान का बर्थडे सेलिब्रेट किया. छपरा के युवाओं में अभिनेता शाहरूख खान के बर्थडे को लेकर काफी उत्सुकता थी.

युवाओं ने बताया कि वह हर साल बालीवुड अभिनेता शाहरूख खान का जन्मदिन अलग अलग जगहों पर मनाते हैं और आगे भी मनाते रहेंगे. युवाओं ने एक स्वर में कहा कि हम लोग उनके इस जन्मदिन पर दुआ करते हैं की उनकी उम्र लम्बी हो और उनकी नई नई फिल्में हम लोगों को देखने को मिले. मौके पर मुख्यरूप से रेयाज अली, इम्तेयाज, हैदर, नवाब, यासीन, राजू और बहुत सारे फैन्स उपस्थित थे.

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छठ पूजा को लेकर हर तरफ रौनक नजर आ रही है. लोग दूर प्रदेशों से अपने घर लौट रहे हैं, तो दूसरी तरफ शहर-गांव के घर घर मे छठ पूजा की तैयारी चल रही है. ऐसे में घर-घर में छठ गीतों की गूंज वातावरण को और मधुर बना रही है. सोशल मीडिया पर भी इन दिनों नए नए छठ के वीडियोज रिलीज हो रहे हैं. नए पीढ़ी के युवा अपनी माटी से खुशबू को जोड़ते हुए भाव विभोर कर देने वाले छठ गीत रिलीज कर रहे हैं.

हाल ही में चंपारण टॉकीज के बैनर तले नितिन नीरा चंद्र के निर्देशन में बने छठ गीत का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. इस वीडियो का नाम छठ 2019 है. वीडियो में छोटे बच्चे छठ गीत गाते हुए देखे जा रहे हैं. इस वीडियो को 24 अक्टूबर के रिलीज किया गया था. अब तक इसे 600000 लोगों ने देख लिया है.

नितिन चंद्रा ने 2016, 2017, 18 और फिर 19 में वीडियो जारी किया, सभी वीडियोज ने हर बार खूब धूम मचाई .अपनी परंपरा संस्कृति को जोड़ते हुए इस वीडियो में बच्चे शारदा सिन्हा के गाये गीत को खूबसूरती से गाते नजर आ रहे हैं. रिलीज के बाद ही से है यह वीडियो यूट्यूब और फेसबुक पर वायरल हो गया है. दूर प्रदेशों के लोग भी इस वीडियो को देख कर खूब आकर्षित हो रहे हैं.

इस वीडियो के निर्देशक नितिन नीरजा चंद्रा का मानना है कि बिहार की परंपरा और संस्कृति बेहद समृद्ध है इसे इंटरनेट के जरिए देश दुनिया तक पहुंचाने की कोशिश की जा रही है.लोगों को अपनी माटी से जोड़ा जा रहा है.

 

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Chhapra: बरेजा स्थित प्राचीन ठाकुरवाड़ी प्रांगण में शास्त्रीय संगीत की प्रस्तुति देख श्रोता अभिभूत हो गए. कार्यक्रम का शुभारंभ सुविख्यात गायक पंडित रामप्रकाश मिश्र जी के गायन से हुआ. पंडित जी ने तीनताल में छोटा ख़याल, एकताल की बंदिश, ठुमरी व दादरा “बैरन घर ना जा मोरे सैया प्रस्तुत कर दर्शकों कॊ मंत्रमुग्ध कर दिया.

वही आजमगढ़ के सुदर्शन मिश्रा ने एक मीरा एक राधा दोनो ने श्याम कॊ चाहा समेत कई भजन प्रस्तुत कर तालियां बटोरी. वहीं आरा से पधारे चर्चित कथक गुरु बक्शी विकास ने अपने कथक की शुरुआत श्री राम स्तुति से करते हुये तीनताल में कथक की पारम्परिक बंदिशों कॊ प्रस्तुत कर समा बाँधा. इनके शिष्य अमित कुमार के द्वारा प्रस्तुत परन, पैरो की तैयारी, चक्कर इत्यादि देखकर श्रोताओं ने जमकर तालियां बजाई .

वहीं मियाँ – बीबी की नोकझोंक, घोड़े की चाल, राधा कृष्ण के भाव कॊ देखकर दर्शक भावविभोर हो, इसके साथ तबले पर श सुधाकर मिश्र के अंगुलियों की चमत्कारिक संगत ने श्रोताओं कॊ खासा प्रभावित किया. वरिष्ठ आयकर अधिवक्ता बिट्टू जी ने आरती “हे गिरधर तेरी आरती गाऊँ” प्रस्तुत किया. मौके पर श्री मृत्युंजय तिवारी, श्री हरे राम पाण्डेय समेत कई संगीत प्रेमी उपस्थित थे.

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Chhapra: छठ महापर्व को लेकर लोगों की आस्था इतनी गहरी है कि इससे जुड़े गीत देश-विदेशों में रह रहे उत्तर भारतीयों खासकर बिहारियों को भावुक कर देती है.

ऐसा ही एक गीत यूट्यूब पर लोग पसंद कर रहे है. गीत को बिहार के सारण जिले के युवा गायक अभिषेक अरुण ने लिखा और गाया है. गीत के बोल में दूर प्रदेश में रहने वालों के छठ पूजा से लगाव और पूजा में शामिल होने की तमन्ना को बखूबी सजाया गया है. जो लोगों को कनेक्ट कर रहा है.

इस गीत को फ्रेमज़ोमेनिया यूट्यूब चैनल ने रिलीज़ किया है. गीत के रिलीज़ होते ही हज़ारों लोगों ने इसे सुना है. गीत को लोग काफी पसंद कर रहे है.

म्यूजिक और वॉइस प्रोडक्शन बनारस के युवा म्यूजिक डायरेक्टर अप्रतिम त्रिपाठी ने किया है. वही मिक्स एंड मास्टर विजय तिवारी द्वारा किया गया है. जबकि म्यूजिक प्रोडक्शन सुपरवाइजर रहे मशहूर म्यूजिक डायरेक्टर अजय त्रिपाठी का है.

इस गीत के रिलीज होने पर छपरा टुडे डॉट कॉम (www.chhapratoday.com) से बातचीत में अभिषेक अरुण ने बताया कि ये गाना छठ पर बने अबतक के गानों से सबसे अलग है, इसमें हमने एक प्रयोग किया है जो नए और पुराने श्रोताओं को हमसे जोड़ेगा. उन्होंने बताया कि इस गीत पर म्यूजिक वीडियो भी जल्द ही रिलीज की जाएगी. उन्होंने इस गीत को पारंपरिक और आधुनिकता का मिश्रण बताया.

सुनिए गीत…

https://youtu.be/MWcN6e45sdM

 

 

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Chhapra (Aman Kumar): पांचवे अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव शिमला में छपरा के संदीप कुमार द्वारा निर्मित डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म “महाकुंभ” का प्रदर्शन हुआ .

डॉक्यूमेंट्री फिल्म देखने के बाद देश विदेश से आए निर्देशकों ने संदीप कुमार की डॉक्यूमेंट्री की खूब प्रशंसा की. इस दौरान इजरायल से आए फ़िल्म निर्देशक “आरीक” तथा महाराष्ट्र के निर्देशक “अमिथ पाठकर” ने फिल्म को बहुत ही सराहा.

संदीप छपरा के मासूमगंज मोहल्ले के निवासी सत्यनारायण प्रसाद व प्रेमा देवी के पुत्र हैं. उन्होंने बताया कि बचपन से ही सिनेमा के प्रति उनका रुझान आज उन्हें इस मुकाम पर ला खड़ा किया है.

संदीप ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से फिल्म थिएटर विभाग में M.A तथा महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय से सिनेमा में ही एमफिल की डिग्री प्राप्त की है.

संदीप कुमार की महाकुंभ फिल्म लंदन इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल, मेड्रिड इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल स्पेन , हरियाणा इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल, कोसी फिल्म फेस्टिवल , झारखंड फिल्म फेस्टिवल आदि देश-विदेश के कई फिल्म फेस्टिवल में महाकुंभ को दिखाया जा चुका है.

कई जगह फिल्म को बेस्ट फिल्म का अवॉर्ड मिला. संदीप कुमार से बातचीत में उन्होंने बताया कि उनकी अगली डॉक्यूमेंट्री “छात्रसंघ” जो छात्र यूनियन के चुनाव पर आधारित है. जल्द ही आने वाली है. “छात्रसंघ” डॉक्यूमेंट्री की शूटिंग जेएनयू, दिल्ली विश्वविद्यालय, इलाहाबाद विश्वविद्यालय तथा अलीगढ़ विश्वविद्यालय में की गई है.

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पटना: अभिनेता अमिताभ बच्चन ने राज्य के बाढ़पीड़ितों की मदद के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में 51 लाख रुपये का योगदान दिया है. उनके प्रतिनिधि विजय नाथ मिश्र ने बुधवार को पांच देशरत्न मार्ग स्थित आवास पर उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी से मिल कर उन्हें अमिताभ बच्चन की तरफ से 51 लाख रुपये का चेक सौंपा.

इस सहयोग के लिए सुशील मोदी ने बिहारवासियों की तरफ से अमिताभ बच्चन का आभार जताया है.

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Chhapra: रोटरी क्लब सारण के तत्वावधान में नवरात्र के अवसर पर डांडिया नाईट का आयोजन जन्नत पैलेस में किया गया. जैसे ही चाँद आया है जमीं पर आज गरबे की रात में बजना शुरू हुआ वैसे ही क्या बच्चें महिलाएँ और नौजवान अपने आप को थिरकने से रोक न सके. डांडिया नाईट में विशेष भेष-भुशा में नजर आ रहे थे नृत्य करते हुए कपल. भारतीय संस्कृति और परम्परा के अनुसार डांडिया का आयोजन किया गया था. डांडिया डान्स को लेकर छोटे बच्चे भी काफी उत्साहित थे डीजे पर बज रहे रहे डान्डिया धुन पर बच्चे बड़े सभी झूमते नजर आए ऐसा प्रतीत हो रहा था कुछ देर के लिए गुजरात और महाराष्ट्र जन्नत पैलेस में ऊतर आया हो.

रोटरी सारण द्वारा आयोजित डान्डिया नाईट में बेहतर प्रदर्शन करने वाले कपल महिला पुरूष बच्चों को पुरस्कृत भी किया गया. निर्णायक मंडल में विधा भुषण श्रीवास्तव, धन्नजय सिंह तोमर, धर्मेन्द्र रस्तोगी, सुरभित दत्त, सुनील कुमार गुप्ता ने विजेताओं को पुरस्कृत किया.

बेस्ट डांडिया पुरूष का पुरस्कार रोटरी सारण के संस्थापक अध्यक्ष श्याम बिहारी अग्रवाल को मिला. बेस्ट डांडिया महिला का पुरस्कार अनु जायसवाल बेस्ट डांडिया कपल का पुरस्कार राकेश कुमार एवं अनिता राज तथा बेस्ट डांडिया चाइल्ड का पुरस्कार संस्कृति को प्रदान किया गया.

रोटरी सारण द्वारा आयोजित डांडिया नाईट कार्यक्रम की अध्यक्षता सुरेन्द्र कुमार गुप्ता ने की. कार्यक्रम का संचालन संयोजक पंकज कुमार ने किया. आगत अतिथियों का स्वागत सह संयोजक राजेश गोल्ड ने किया. धन्यवाद ज्ञापन रोटरी सारण के संस्थापक अध्यक्ष श्याम बिहारी अग्रवाल ने दिया.


इस अवसर पर सुनिल कुमार सिंह,शैलेश कुमार, राजेश फैशन, सोहन कुमार गुप्ता, अजय कुमार, राकेश कुमार, राजेश जायसवाल, चन्द्र कान्त द्विवेदी, डॉ मदन प्रसाद, महेश कुमार गुप्ता, अजय प्रसाद,विजय चौधरी, डाॅक्टर रवि कुमार गुप्ता, संजीव कुमार विपुल, बिजय ब्याहुत, अजय प्रसाद, अशोक कुमार, मनोज कुमार गुप्ता, बासुकी गुप्ता, अनुज पाण्डेय आदि उपस्थित हुए.

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नई दिल्ली: दिग्गज एक्टर अमिताभ बच्चन को मंगलवार को भारतीय सिनेमा का सबसे बड़ा सम्मान ‘दादासाहब फाल्के अवॉर्ड’ देने की घोषणा हुई. सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने ट्वीट कर ये जानकारी दी. इस घोषणा के बाद से ही अमिताभ बच्चन को दुनियाभर के फैंस सोशल मीडिया पर बधाई दे रहे हैं. बॉलीवुड से भी बिग बी को बधाईयां मिल रही हैं. अब अमिताभ बच्चन ने ट्वीट कर दादासाहब फाल्के अवॉर्ड दिए जाने पर प्रतिक्रिया दी है.

अमिताभ बच्चन ने ट्विटर पर हाथ जोड़कर धन्यवाद करते हुए एक तस्वीर शेयर की है. कैप्शन में लिखा- ”कृतज्ञ हूं मैं , परिपूर्ण , आभार और धन्यवाद… मैं केवल एक विनयपूर्ण , विनम्र अमिताभ बच्चन हूं.” मालूम हो 5 दशकों से सिल्वर स्क्रीन पर उम्दा रोल्स कर दर्शकों का एंटरटेन कर रहे अमिताभ बच्चन 76 साल की उम्र में भी एक्टिव हैं.

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हिंदी फिल्मों के मशहूर संगीतकार मोहम्मद ज़हूर ‘खय्याम’ का 92 साल की उम्र में मुंबई में निधन जो गया. खय्याम साहब को सीने में संक्रमण और न्यूमोनिया की शिकायत के बाद उन्हें पिछले महीने मुंबई के अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां आज इलाज के दौरान उन्हें दिल का दौरा पड़ा, जिससे उनका निधन हो गया.

खय्याम ने 1953 में करियर की शुरुआत की थी. बतौर संगीतकार उन्होंने 1953 में अपने करियर की शुरुआत की थी. उसी साल आई उनकी फिल्म ‘फिर सुबह होगी’ से उन्हें बतौर संगीतकार पहचान मिली. 2007 में उन्हें संगीत नाटक अकादमी अवॉर्ड और 2011 में पद्म भूषण से नवाजा गया.

खय्याम ने कभी कभी, फिर सुबह होगी, उमराव जान, बाजार, नूरी, रजिया सुल्तान, त्रिशूल जैसी‌ फिल्मों को अपनी संगीत से सजाया था. उनका जन्म पंजाब के राहों गांव में हुआ था.

 

 

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