एक्ट्रेस अदिति राव हैदरी की सिद्धार्थ से शादी होने की अटकलें चल रही थी। इसी बीच अदिति ने खुद एक तस्वीर शेयर कर इन चर्चाओं पर विराम लगा दिया। अदिति ने सिद्धार्थ के साथ एक तस्वीर शेयर कर खुशखबरी दी कि दोनों की शादी नहीं बल्कि सगाई हुई है।

तेलंगाना के वनपर्थी जिले के श्रीरंगपुरम में बुधवार 27 मार्च को अदिति और सिद्धार्थ की सगाई हो गई है। अदिति ने अपनी इंगेजमेंट की फोटो शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा, “उसने हां कह दी है… इंगेजमेंट।” इसके बाद दोनों की फोटो पर उनके फैंस ने लाइक्स और कमेंट की बौछार कर दी है। लोगों ने खूब बधाई दी है। अब फैंस उनकी शादी का इंतजार कर रहे हैं।

अदिति और सिद्धार्थ ने ‘महा समुद्रम’ नाम की फिल्म में साथ काम किया था। उस फिल्म की शूटिंग के दौरान अदिति और सिद्धार्थ को एक-दूसरे से प्यार हो गया और वे रिलेशनशिप में थे। वे अक्सर कार्यक्रमों में एक साथ शामिल होते हैं। वह चंडीगढ़ में बॉलीवुड एक्टर राजकुमार राव की शादी में भी शामिल हुए थे। वे शारवानंद की शादी में एक साथ शामिल हुए थे। इसके अलावा उन्हें अक्सर साथ घूमते हुए भी देखा जाता है।

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रणदीप हुडा स्टारर ‘स्वातंत्र्य वीर सावरकर’ वीर सावरकर के जीवन पर आधारित है। उनके जीवन की अहम घटनाओं को दर्शकों के सामने पेश करने वाली यह फिल्म शुक्रवार 22 मार्च को दो भाषाओं हिंदी और मराठी में सिनेमाघरों में रिलीज हुई। फिल्म ने होली के दिन कितनी कमाई की, साथ ही इस फिल्म का कुल बॉक्स ऑफिस कलेक्शन क्या रहा, इसके आंकड़े सामने आ गए हैं।

रणदीप हुडा द्वारा निर्देशित इस फिल्म में अंकिता लोखंडे और अमित स्याल अहम भूमिका में हैं। सैक्निल्क की रिपोर्ट के मुताबिक, फिल्म ने रिलीज के पहले दिन 1.05 करोड़ रुपये कमाए, जबकि शनिवार यानी दूसरे दिन इसने 2.25 करोड़ रुपये कमाए और तीसरे दिन यानी रविवार को फिल्म ने 2.7 करोड़ रुपये ज्यादा कमाए। दोनों दिनों की तुलना में शुरुआती आंकड़ों के मुताबिक फिल्म ने होली की छुट्टी के चौथे दिन 2.25 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया है। चार दिनों में फिल्म का कुल कलेक्शन 8.7 करोड़ रुपये है।

फिल्म ‘स्वातंत्र्य वीर सावरकर’ में वीर सावरकर की जीवन यात्रा को दिखाया गया है। फिल्म में रणदीप हुडा के अलावा अंकिता लोखंडे और अमित स्याल भी अहम भूमिका में हैं। इस फिल्म के लिए रणदीप हुडा ने काफी मेहनत की है। उन्होंने यहां तक कहा कि उन्होंने वजन कम करने से लेकर प्रोडक्शन के लिए अपना घर तक बेच दिया।

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होली के रंगों भरे त्योहार को और भी खास बनाने के लिए chhapratoday.कॉम लेकर आया है होली के पारंपरिक गीतों की प्रस्तुति होली गीतोत्सव, स्थानीय कलाकारों की टोली की होलीमय प्रस्तुति, ब्रजकिशोर मिश्रा, ज्योत्सना पाण्डेय, अतुल सिंह, आशीष मिश्रा, विश्वनेक समदर्शी, विनय कुमार की शानदार प्रस्तुति। 

 

देखिए:

   

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महेंद्र मिसिर जयंती समारोह में रामेश्वर गोप व गोपाल राय के होली और पूर्वी गीतों पर देर संध्या तक झूमते रहे लोग

जलालपुर: पूर्वी धुन के महान सम्राट पंडित महेंद्र मिश्र की 159वीं जयंती पर बिहार सरकार के कला, संस्कृति व युवा विभाग द्वारा आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में रविवार की देर संध्या तक चर्चित लोक गायक रामेश्वर गोप व गोपाल राय के होली व पूर्वी गीतों पर हजारो लोग झूमते रहे.

लोक गायक रामेश्वर गोप ने “श्याम करे बरजोरी होली हो होली हो, मै कैसे होली खेलु प्रस्तुत किया तो लोग झूमने लगे. स्टार लोक गायक गोपाल राय ने “बारह बरिसवा के हो बारी मोर उमड़िया, बलमा मांगे ला रे गवनवा”प्रस्तुत कर सबको भाव विभोर कर दिया.

वही स्थानीय जलालपुर पतीला की बेटी राजश्री ने अपनी मधुर आवाज मे “हो मधुवन मे खेलत रंग गुजरिया” प्रस्तुत किया तो लोग झूमने व नाचने लगे.

कार्यक्रम में प्रसिद्ध लोक गायक उदय नारायण सिंह ने “केहु गोदवाई रे हो गोदनवा” पूनम श्रीवास्तव ने “पटना से बैदा बोलाई द, नजरा गइली गुंईया”. प्रियंका सिंह ने दियारा जाराई द आपन भैया के बुलाई द नशे नशे उठेला लहरिया रे हे ननदी”.

वही नन्हे बाल गायक रतन राज ने “तु अगर डिढौड़ा पीटती प्रीत न करियो कोय” प्रस्तुत कर जमकर तालियां बटोरी. मनन गिरि ने राखी रले नयनवा मे लोभाय हा रे संवरिया लाल “प्रसतुत किया.

स्थानीय कलाकार विनोद मिश्रा ने बजरंगी हो तथा नजरा गईली गुईयां प्रस्तुत किया. वही गोपालगंज के आलोक पांडेय ने “आहे आहे उधो कौनो रे जोगणिया जोगवा साधे ला रे राम” प्रस्तुत कर खूब तालियां बटोरी. वही सोशल मीडिया के स्टार हास्य कलाकार जेपी यादव ने लोगो को खूब हंसाया.

इसके पहले संध्याकालीन कार्यक्रम का उद्घाटन सदर एस डी ओ संजय कुमार राय, एडीएम संजय कुमार, बी डी ओ कुमारी अंजू, सीडीपीओ नीतू सिंह ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया. कार्यक्रम में साबिर और ग्रुप, फेस आफ फ्यूचर इंडिया व राधा सिंह ने मनमोहक नृत्य प्रस्तुत कर सबका दिल जीत लिया. इसके पहले दिवा कालीन कार्यक्रम में प्रियंका कुमारी, मिताली श्री, समृद्धि श्रेया, पंजाजन, प्रीति और कीर्ति सिस्टर्स, कुसुमावती उपाध्याय ,रामदास गिरी, अनीश अनुज, युवराज कुमार साह लखनलाल, कमलेश कुमार सिंह डोली कुमारी, रेनू राज, जीविका सिंह, राजू रंजन मिश्रा, शेखर सुमन, अतुल कुमार सिंह, अंजली सिंह, संजय कुमार सिंह अखिलेश कुमार यादव, अरुण अलबेला, चंदन कुमार सिंह, कंचन वाला, हैप्पी श्रीवास्तव सोनम मिश्रा व पुष्पा सिंह ने.

अपनी खूबसूरत आवाजों में महेंद्र मिश्रा की रचनाओं को प्रस्तुत कर दिन भर लोगों को झूमाया. मौके पर स्मारक समिति के संयोजक कन्हैया सिंह तूफानी, पंडित महेंद्र मिश्रा के पौत्र रामनाथ मिश्रा, प्रपौत्र विनय मिश्रा, जेपी सेनानी ललनदेव तिवारी, विवेकानंद तिवारी, बंशीधर तिवारी, प्रो राजेश्वर कुंवर सहित कई उपस्थित थे.

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फिल्म ‘बस्तर: द नक्सल स्टोरी’ युवा आईपीएस अधिकारी नीरजा माधवन की कहानी है। साल 2000 में मध्य प्रदेश से अलग होकर एक नया राज्य बना नाम छत्तीसगढ़। छत्तीसगढ़ में नक्सलियों की वास्तविक जीवन की घटनाओं पर आधारित यह फिल्म बस्तर जिले में माओवादी विद्रोह को दर्शाती है। आईपीएस अधिकारी नीरजा माधवन (अदा शर्मा) अपने पति को खो देने वाली रत्ना (इंदिरा तिवारी) नाम की आदिवासी महिला के साथ जनजातियों में रहने वाले सभी असहाय लोगों को न्याय दिलाने के लिए नक्सल और व्यवस्था के खिलाफ लड़ती है।

माओवादियों के कैंप

छत्तीसगढ़ में जगह-जगह माओवादियों के कैंप बने हुए हैं, जहां गांव से लाए गए छोटे बच्चों को नक्सली बनने की ट्रेनिंग दी जाती है। ऐसा नहीं है कि माओवादी ये सिर्फ अकेले अपने दम पर कर रहे हैं, बल्कि उनका साथ देश के बड़े लोग देते हैं। जैसे विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और राजनीतिक नेता इस पूरी हकीकत से वाकिफ हैं, लेकिन फिर भी वो माओवादियों को शरण दिए हुए हैं। यह दीमक बनकर सिस्टम को दिन रात खोखला कर रहे हैं।

आईपीएस नीरजा माधवन भी नक्सलवादियों के टारगेट पर लगातार बनीं हुई हैं। फिल्म में कई परेशान करने वाले दृश्य हैं, जिन्हें दर्शकों के लिए देखना मुश्किल होगा। जैसे जलाने के दृश्य और खून-खराबा काफी ज्यादा है। क्या नीरजा बस्तर के हालातों को बदल पाएंगी? या फिर बस्तर में इसी तरह नक्सलवादियों का मौत का खेल चलता रहेगा? ऐसे तमाम सवालों के जवाब जानने के लिए आपको यह फिल्म देखनी होगी।

दमदार अभिनय

अदा शर्मा ने आईपीएस अधिकारी नीरजा माधवन की भूमिका में दमदार अभिनय किया है। उन्होंने एक मजबूत और स्वतंत्र महिला की भूमिका को बखूबी निभाया है। इंदिरा तिवारी, शिल्पा शुक्ला, राइमा सेन और यशपाल शर्मा ने भी सहायक भूमिकाओं में अच्छा काम किया है। इंदिरा तिवारी अपने किरदार के लिए बिल्कुल फिट हैं। कहानी ज्यादातर उन्हीं के इर्द-गिर्द घूमती है और उन्होंने बेहतरीन परफॉर्मेंस दी है। राइमा सेन को परफेक्ट भूमिका मिली है, जो कुछ-कुछ वैसा ही है जैसा हमने द वैक्सीन वॉर में देखा था। शिल्पा शुक्ला और यशपाल शर्मा जैसे कलाकारों को दोबारा स्क्रीन पर देखना अच्छा था लेकिन उन्हें कोई दमदार किरदार नहीं मिलते। बाकी कास्ट अच्छी है।

निर्देशन

सुदिप्तो सेन ने फिल्म का निर्देशन किया है। सुदीप्तो सेन का निर्देशन साधारण है। वह कुछ भी अलग लाने की कोशिश नहीं करते। हालांकि, विषय कालातीत है लेकिन फिल्म निर्माण थोड़ा पुराना लगता है। अगर ये फिल्म 10 से 15 साल पहले इसी नजरिए से बनाई गई होती तो शायद चल जाती। ‘द केरला स्टोरी’ के लिए सुदीप्तो सेन भाग्यशाली थे लेकिन इस बार किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया।

संगीत

फिल्म का संगीत मोनोज झा ने दिया है। गाने फिल्म की कहानी के साथ तालमेल बिठाते हैं। बैकग्राउंड म्यूजिक फिल्म के माहौल को बनाए रखने में मदद करता है।

कुल मिलाकर ‘बस्तर: द नक्सल स्टोरी’ एक अच्छी तरह से बनाई गई फिल्म है, जो नक्सलवाद के जटिल मुद्दे को उठाती है। यह फिल्म उन लोगों के लिए है, जो नक्सलवाद और आदिवासियों के जीवन के बारे में जानना चाहते हैं।

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बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन से जुड़ी बड़ी खबर आ रही है। दरअसल बिग बी की तबीयत खराब बताई जा रही है और उन्हें मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बताया जा रहा है कि अमिताभ बच्चन की एंजियोप्लास्टी की गई है। हालांकि अभी तक अमिताभ बच्चन या उनकी टीम की ओर से इस विषय में कोई खुलासा नहीं किया गया है।

बिग बी को कड़ी सुरक्षा के बीच आज कोकिलाबेन अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्होंने दोपहर में ट्विटर पर पोस्ट किया कि आप सभी का बहुत धन्यवाद। माना जा रहा है कि सर्जरी के बाद अमिताभ ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए अपने फैंस के प्रति आभार व्यक्त किया है।

अमिताभ की बहुत बड़ी फैन फॉलोइंग है और उनके फैंस उनकी एक झलक पाने के लिए बेताब रहते हैं। बिग बी से मिलने के लिए उनके घर के बाहर फैंस का जमघट लगा रहता है। अमिताभ भी हर संडे को अपने घर जलसा के बाहर फैंस के साथ मुलाकात करते हैं। बीते दिन अमिताभ ने अपने ट्विटर अकाउंट पर फैंस से मुलाकात की ये तस्वीरें शेयर की थीं। इसके साथ ही बिग बी ने लिखा था ”हम्बल्ड बीयोंड।”

बिग बी ने हाल ही में बेटे अभिषेक बच्चन संग आईएसपीएल में अपनी टीम का जश्न भी मनाया था। गुरुवार को अमिताभ और अभिषेक की टीम माझी मुंबई ने चेन्नई सिंगम्स को हराकर फाइनल में जगह बना ली थी। इसके बाद दोनों अभिनेताओं ने अपनी टीम के साथ अपनी जीत का जश्न मनाया था।

वर्क फ्रंट की बात करें तो अमिताभ के पास कई प्रोजेक्ट्स हैं। वे जल्द ही प्रभास और दीपिका पादुकोण स्टारर मोस्ट अवेटेड फिल्म ”कल्कि 2898 एडी” में अहम रोल प्ले करते नजर आएंगे। बिग बी की आखिरी रिलीज फिल्म टाइगर श्रॉफ और कृति सेनन संग ‘गणपत’ थी। ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सुपर फ्लॉप रही थी।

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‘सिर्फ एक बंदा काफी है’ के निर्माता एक और रोमांचक फिल्म ‘भैया जी’ के साथ वापस आ रहे हैं। मेकर्स ने गुरुवार को देसी सुपरस्टार मनोज बाजपेयी का पहला लुक जारी किया। फिल्म भैया जी 24 मई को दुनिया भर में रिलीज के लिए तैयार है।

टीजर में मनोज बाजपेयी वाकई काफी उग्र और दुनिया को हारने के लिए तैयार दिखाई दे रहे हैं। फिल्म का निर्देशन अपूर्व सिंह कार्की ने किया है और इसे दीपक किंगरानी ने लिखा है। भानुशाली स्टूडियोज लिमिटेड और एसएसओ प्रोडक्शंस ने ऑरेगा स्टूडियोज के सहयोग से इस फिल्म को प्रेजेंट और प्रोड्यूस किया है।

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लॉस एंजलिस, 11 मार्च (हि.स.)। दुनिया के सर्वोच्च फिल्म सम्मान (96वें ऑस्कर अकादमी अवॉर्ड्स) का आगाज यहां हुआ।अकादमी अवॉर्ड्स में इस साल बेस्ट फिल्म का अवॉर्ड ‘ओपनहाइमर’ को मिला है। इसी के साथ उसने ऑरिजनल स्कोर अपने नाम कर लिया। रेड कारपेट पर इसकी घोषणा होते लुडविग गोरान्सन ने मंच पर पहुंचकर इसके लिए अपने माता-पिता का आभार जताया।

पुरस्कार-दर-पुरस्कार
इसके अलावा होयटे वैन होयटेमा को ‘ओपनहाइमर’ के लिए सिनेमैटोग्राफी के लिए ऑस्कर मिला है। जेनिफर लेम को फिल्म एडिटिंग के लिए ऑस्कर अवॉर्ड मिला है। उन्हें यह अवॉर्ड फिल्म ‘ओपनहाइमर’ के लिए मिला है। ‘ओपनहाइमर’ के लिए किलियन मर्फी को बेस्ट एक्टर का ऑस्कर मिला है। इसके अलावा निदेशक श्रेणी में भी ‘ओपनहाइमर’ का दबदबा रहा। निर्देशक क्रिस्टोफर नोलन को अवॉर्ड मिला है।

यह भी खास है
एक्शन शॉर्ट फिल्म की श्रेणी में ‘द वंडरफुल स्टोरी ऑफ हेनरी सुगर’ ने ऑस्कर अपने नाम किया। इस आयोजन का सीधा प्रसारण भारत में 11 मार्च की सुबह लगभग चार बजे सोनी लिव ने किया। बेस्ट डॉक्यूमेंट्री का अवॉर्ड ’20 डेज इन मारियूपोल’ को मिला है। इस श्रेणी में निशा पाहुजा की भारतीय डॉक्यूमेंट्री पीछे रह गई। डॉक्यूमेंट्री शॉर्ट फिल्म की श्रेणी में ‘द लास्ट रिपेयर शॉप’ को ऑस्कर मिला है। एक्ट्रेस इन लीडिंग रोल का अवॉर्ड एमा स्टोन को मिला है। उन्हें यह अवॉर्ड पुअर थिंग्स के लिए मिला है। ऑरिजनल सॉन्ग के लिए ‘बार्बी’ फिल्म को ऑस्कर अवॉर्ड मिला है। ‘व्हाट वॉज आई मेड फॉर?’ गाने के लिए बिली एलीश और फिनीस को संयुक्त रूप से यह अवॉर्ड प्रदान किया गया। टार्न विलर्स और जॉनी बर्न को ‘साउंड’ कैटेगरी में ‘द जोन ऑफ इंट्रेस्ट’ के लिए ऑस्कर मिला है।

96 साल पुराना इतिहास
ऑस्कर का इतिहास 96 साल पुराना है। साल 1929 में पहला अकादमी अवॉर्ड आयोजित हुआ था। ऑस्कर में विनर सिलेक्शन प्रॉसेस बेहद दिलचस्प है। पहले ज्यूरी ही विनर का नाम तय करती थी और विनर का नाम ब्रीफकेस में बंद किया जाता था।

लुईस बी मेयर की सोच
साल 1927 में अमेरिका के एमजीएम स्टूडियो के मालिक लुईस बी मेयर ने सबसे पहले इसके बारे में सोचा था। उनके दिमाग में आया कि क्यों न एक ग्रुप बनाया जाए जिसमें पूरी फिल्म इंडस्ट्री को फायदा मिल सके। उन्होंने डायरेक्टर फ्रैड निबलो, फिल्म मेकर फीड बिटसोन और एक्टर कॉनरेड नागेल आदि से विचार-विमर्श किया। सब को यह विचार भाया। बाद में एक होटल में हॉलीवुड के 36 प्रमुख लोगों के साथ मंथन कर ‘अकादमी पुरस्कार’ प्रारूप तैयार किया गया। मार्च, 1927 में हॉलीवुड एक्टर और प्रोड्यूसर डगलस फेयरबैंक्स अकादमी पुरस्कार का अध्यक्ष बनाया गया।

ऐसे फाइनल हुई ट्रॉफी
इसके बाद यह सोचा गया कि सम्मान पाने वाले को दिया क्या जाएगा। इस पर लंबी बहस चली। तभी तय हुआ कि एक ट्रॉफी दी जाए। इस ट्रॉफी को अलग-अलग तरह से डिजाइन कराया गया। एक डिजाइन फाइनल की गई, जिसमें तय हुआ कि हाथ में तलवार लिए एक वॉरियर खड़ा होगा। इस मूर्ति को बनाने की जिम्मेदारी एमजीएम स्टूडियो के आर्ट डायरेक्टर केड्रिक गिबोन्स को मिली। ऑस्कर की ट्रॉफी 13 इंच लंबी और 8.85 किलोग्राम की बनाई गई थी। इसमें 92.5 प्रतिशत टिन, 7.5 प्रतिशत तांबा लगाया गया और आखिर में सोने की परत चढ़ाई गई। तब एक ऑस्कर ट्रॉफी को बनाने में 400 डॉलर यानी लगभग 33 हजार 77 रुपये का खर्चा आया।

यादगार तारीख… 16 मई, 1929
पहला अकादमी पुरस्कार 16 मई, 1929 आयोजित हुआ था। इसमें करीब 270 हॉलीवुड सेलिब्रिटीज शामिल हुए। इन सभी सेलेब्स को हॉलीवुड रूजवेल्ट होटल के ब्लॉसम रूम में आने के लिए आमत्रंण भेजा गया था। यहीं पर पहला ऑस्कर इवेंट हुआ। इसमें कोई दर्शक नहीं था। यह इनेंट महज 15 मिनट में खत्म हो गया था। यह इवेंट पेड था। इसका एक टिकट पांच डॉलर का बेचा गया था।

पहला विजेता
कहते हैं कि पहला ऑस्कर जर्मन एक्टर एमिल जेनिंग्स ने जीता था, हालांकि वह अवॉर्ड के पहले दावेदार नहीं माने जाते हैं। यह अवॉर्ड जर्मन शेफर्ड नस्ल के एक डॉग के लिए था, जिसका नाम टिन टिन बताया गया था। इस डॉग को फर्स्ट वर्ल्ड वॉर के समय फ्रांस में रेस्क्यू किया गया था। बाद में उस डॉग ने हॉलीवुड की करीब 27 फिल्मों में काम किया। इनमें से दो फिल्मों में इस डॉग ने बेहतरीन काम भी किया था। इसलिए अवॉर्ड कमेटी ने उसे पहला ऑस्कर मिलने का हकदार माना था लेकिन अकादमी पुरस्कार के पहले अध्यक्ष फेयरबैंक्स ने सोचा कि अगर पहला अवॉर्ड किसी डॉग को दिया जाएगा तो समाज में एक गलत मैसेज जा सकता है। इसलिए कमेटी ने उस डॉग और जर्मन एक्टर एमिल जेनिंग्स को लेकर मतदान कराया। इसमें सबसे ज्यादा मत एमिल को मिले और वो पहले ऑस्कर विजेता बने।

बदलता रहा विनर्स अनाउंस करने का तरीका
साल 1930 में दूसरा ऑस्कर अवॉर्ड आयोजित किया गया। इसे पहली बार रेडियो पर प्रसारित किया गया। साल 1953 में पहली बार टीवी पर ऑस्कर अवॉर्ड्स दिखाए गए। अब करीब 200 देशों में इस अवॉर्ड सेरेमनी को लाइव दिखाया जाता है। साल 1939 में अकादमी अवॉर्ड का नाम ऑस्कर किया गया। दिलचस्प है कि ऐसा करने की वजह आज तक सामने नहीं आई। साल 1929 में विनर्स के नाम तीन महीने पहले उन्हें भेज दिए गए थे। दूसरे इवेंट में फैसला हुआ कि विनर्स के नाम अवॉर्ड सेरेमनी की रात को करीब 11 बजे मीडिया के लिए जारी किए जाएंगे और यह सिलसिला साल 1941 तक चला। 1942 से नॉमिनेशन की लिस्ट से लेकर विनर्स के नाम बंद लिफाफे से निकाले जाते हैं। तब से यही प्रचलन है।

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अभिनेता दिनेश लाल यादव निरहुआ और अम्रपाली दुबे की अपकमिंग फिल्म ”निरहुआ बनल करोड़पति” का धांसू फर्स्ट लुक आउट हो गया है। फिल्म के फर्स्ट लुक में दिनेश लाल यादव निरहुआ और आम्रपाली दुबे एक बार फिर आकर्षण के केंद्र हैं। यह फिल्म शानदार ह्यूमर के साथ जबरदस्त मनोरंजन देने को तैयार है। इस फिल्म के निर्माता उमाशंकर प्रसाद हैं जबकि इसके लेखक व निर्देशक मनोज नारायण हैं।

फिल्म का फर्स्ट लुक आउट होने के बाद निर्माता उमाशंकर प्रसाद ने कहा कि यह फिल्म भोजपुरी बॉक्स ऑफिस के लिए शानदार तोहफा साबित होगी। फिल्म में निरहुआ और आम्रपाली के साथ-साथ अन्य कलाकारों ने भी अपना बेस्ट दिया है तब जाकर हमारी यह फिल्म भव्यता के साथ और परदे पर रिलीज होने को तैयार हो रही है। इस फिल्म में कई ऐसी चीज हैं जो दर्शकों को पहली बार देखने को मिलेगी और यह उन्हें पसंद भी आने वाली है।

वहीं, निरहुआ ने कहा कि मेरे लिए हर फिल्म एक चुनौती होती है जिसे मैं साहस के साथ स्वीकार करता हूं। मेरी कोशिश होती है कि फिल्म के किरदार को संजीदगी से जीवंत कर सकूं। एक अभिनेता के नाते मैं फिल्म के सेट पर अपने किरदार को जीने की ख्वाहिश रखता हूं। यही दर्शकों के बीच मेरे लिए प्यार की वजह बनती है। ”निरहुआ करोड़पति बनल” अनोखे कॉन्सेप्ट पर आधारित है। कहानी तो नहीं बताऊंगा लेकिन इतना जरूर कहूंगा कि आप सभी इस फिल्म को सिनेमाघर में जाकर जरूर देखें।

निरहुआ बनल करोड़पति के सह-निर्माता- आयुष राज गुप्ता हैं। फिल्म में दिनेश लाल यादव निरहुआ, आम्रपाली दुबे, सुदीक्षा झा, अयाज़ खान, शाहिल शेख, रंजीत सिंह, माही सिंह, अमृत जयसवाल, पल्लवी कोहली मुख्य भूमिका में हैं।

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बॉलीवुड एक्टर अजय देवगन की फिल्म ‘शैतान’ पिछले कुछ दिनों से चर्चा में है। फिल्म में अजय देवगन के साथ आर माधवन अहम भूमिका में नजर आएंगे, इसलिए फिल्म को लेकर फैंस की उत्सुकता बढ़ गई है। फिल्म 8 मार्च को रिलीज हो गई। अब फिल्म की पहले दिन की कमाई सामने आई है।

फिल्म ‘शैतान’ पहले दिन दर्शकों को डराने में कामयाब रही है। फिल्म में आर माधवन नेगेटिव रोल निभा रहे हैं। फिल्म की कहानी कई जगहों पर आपको डराएगी तो कुछ जगहों पर आपको लगेगा कि फिल्म में कुछ सीन जबरदस्ती डाले गए हैं। फिल्म ने एडवांस बुकिंग से सबका ध्यान खींचा था। पहले दिन यानी शुक्रवार को फिल्म ने 14.50 करोड़ रुपये की कमाई की है। अब कहा जा रहा है कि फिल्म वीकेंड में अच्छी कमाई करेगी।

‘शैतान’ निर्देशक विकास बहल की पहली हॉरर फिल्म है। इस फिल्म में अजय देवगन और आर माधवन मुख्य भूमिका में हैं, इसलिए फिल्म ने प्रशंसकों के बीच उत्सुकता पैदा कर दी। कुल मिलाकर फिल्म ‘शैतान’ के रिव्यू देखें तो फिल्म की कहानी को फैंस और क्रिटिक्स ने खूब पसंद किया है।

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बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत एक्टिंग के साथ-साथ अपने बयानों को लेकर भी सुर्खियों में रहती हैं। वह कई विषयों पर अपने विचार शेयर करती हैं। जल्द ही उनकी फिल्म ‘इमरजेंसी’ पर्दे पर आएगी। इस फिल्म में उन्होंने भारत की पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी की भूमिका निभाई है। कंगना राजनीतिक मुद्दों पर भी अक्सर अपनी राय रखती रहती हैं। अब उन्हाेंने एक इंटरव्यू में पॉलिटिकल एंट्री को लेकर बयान दिया है।

कंगना इससे पहले भी कई बार राजनीति में आने को लेकर अपनी राय जाहिर कर चुकी हैं। पिछले साल नवंबर में कंगना ने पॉलिटिकल एंट्री को लेकर अपनी राय रखी थी। उन्होंने कहा था, ‘अगर भगवान कृष्ण चाहेंगे तो मैं लोकसभा चुनाव लड़ूंगी।’ अब हाल ही में एक इंटरव्यू में कंगना ने एक बार फिर अपनी पॉलिटिकल एंट्री को लेकर बड़ा बयान दिया है। इस इंटरव्यू में उन्होंने अपनी राजनीतिक एंट्री को लेकर खुलासा किया है। कंगना ने कहा, ‘मैंने कई फिल्मों के सेट के लिए राजनीतिक दलों से लड़ाई की है। मैं अपने देश के लिए जो करना चाहती हूं, उसे करने के लिए मुझे जगह नहीं मिलती। अगर मैं राजनीति में आना चाहती हूं तो मुझे लगता है कि शायद यही सही समय है। इस देश ने मुझे बहुत कुछ दिया है और इसे लौटाना मेरी जिम्मेदारी है। मैं हमेशा से राष्ट्रवादी रही हूं और इस छवि ने मेरे अभिनय करियर को भी प्रभावित किया है। मुझे लगता है कि मुझे लोगों से बहुत प्यार और सराहना मिलती है।”

कुछ दिनों पहले कंगना ने सोशल मीडिया पर अपने राजनीति में आने को लेकर एक पोस्ट शेयर किया था, जिसमें उन्होंने लिखा था, ‘मैं बहुत संवेदनशील और समझदार इंसान हूं। मैं कोई राजनीतिक व्यक्ति नहीं हूं। मुझसे कई बार राजनीति में आने के लिए कहा गया लेकिन मैं राजनीति में नहीं आई।”

कंगना सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं। वह तरह-तरह के वीडियो और तस्वीरें पोस्ट कर अपने फैंस को अपडेट करती रहती हैं। पिछले महीने 22 जनवरी को कंगना अयोध्या में राम मंदिर के लोकार्पण समारोह में शामिल हुई थीं। इतना ही नहीं वह अयोध्या के एक मंदिर में झाड़ू लगाते हुए भी नजर आईं। इस सेरेमनी के दौरान की उनकी तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुए थे।

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मुंबई, 21 फरवरी (हि.स.)। जाने-माने रेडियो प्रस्तोता अमीन सयानी का 91 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनके पुत्र राजिल सयानी ने आज (बुधवार) यह जानकारी दी। राजिल ने बताया ”दिल का दौरा पड़ने से अमीन सयानी का मंगलवार शाम करीब सात बजे एचएन रिलायंस अस्पताल में निधन हो गया।”

राजिल ने कहा कि ‘अंतिम संस्कार को लेकर जल्द अपडेट दिया जाएगा।’ अमीन सयानी का जन्म 21 दिसंबर 1932 को मुंबई में हुआ था। उनकी पहचान एक रेडियो सेलिब्रिटी की रही। सयानी ने सीलोन रेडियो के अपने प्रतिष्ठित कार्यक्रम ‘ बिनाका गीतमाला’ के जरिए लोकप्रियता हासिल की। वो अपनी मनमोहक आवाज और आकर्षक शैली के लिए जाने जाते थे।

रेडियो सुनने का शौक रखने वालों के कानों में आज भी सयानी की आवाज में ‘नमस्कार भाइयों और बहनों, मैं आपका दोस्त अमीन सयानी बोल रहा हूं’ गूंजता है। अमीन सयानी ने भारत में रेडियो को लोकप्रिय बनाने में अहम भूमिका निभाई। वे अपनी बुद्धि, ज्ञान और आकर्षक प्रस्तुति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देते थे। 

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