हैदराबाद 13 दिसंबर (हि.स.)। जाने-माने तेलुगु फिल्म अभिनेता अल्लू अर्जुन को हैदराबाद पुलिस ने शुक्रवार को हिरासत में लिया है। ‘पुष्पा 2’ की रिलीज के मौके पर हैदराबाद के आरटीसी चौराहे पर संध्या थिएटर में भगदड़ मच गई थी, जिसमें रेवती नाम की महिला की मौत हो गई और उसका बेटा श्रीतेजा गंभीर रूप से घायल हो गया था। इस घटना के संबंध में दर्ज मामले में आरोपित के तौर पर अल्लू अर्जुन का भी नाम है। इसी मामले में पुलिस आज कुछ देर पहले अल्लू अर्जुन के घर जाकर फिल्म अभिनेता को हिरासत में लिया।

सुकुमार द्वारा निर्देशित फिल्म पुष्पा 2: द रूल में अल्लू अर्जुन ने अभिनय किया है। 5 दिसंबर को यह फिल्म दुनिया भर के सिनेमाघरों में रिलीज हुई। इससे पहले 4 दिसंबर (बुधवार) को अलग-अलग इलाकों में प्रीमियर शो किए गए थे और इसी क्रम में हैदराबाद के संध्या थिएटर में हुए प्रीमियर शो में भगदड़ को लेकर सिनेमाघर प्रबंधन और अभिनेता अर्जुन पर आरोप है कि उन्होंने पुलिस को आयोजन की जानकारी नहीं दी। पुलिस को अगर इसकी जानकारी दी गई होती तो सुरक्षा उपायों के जरिये घटना को टाला जा सकता था।

पुलिस का कहना कि अभिनेता को देखने बड़ी संख्या में प्रशंसक शामिल हुए। पुलिस को इस बात की जानकारी नहीं दी गई थी प्रबंधन ने कोई सावधानी नहीं बरती। जनता को नियंत्रित करने के लिए थिएटर के प्रवेश और निकास द्वार पर कोई निजी सुरक्षा की व्यवस्था नहीं की गई।

हैदराबाद के डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस आकांक्षा यादव ने अपने बयान में कहा है कि रात 9.40 बजे अल्लू अर्जुन निजी सुरक्षाकर्मियों के साथ संध्या थिएटर पहुंचे। तभी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षाकर्मियों ने भीड़ को धक्का देना शुरू कर दिया। थिएटर पहले से ही अंदर और बाहर दर्शकों से खचाखच भरा हुआ था। इसी क्रम में मारपीट हो गयी। इस भगदड़ में दिलसुखनगर की रेवती का परिवार गिर गया। रेवती नाम की महिला और उसके 13 वर्षीय बेटे श्रीतेजा को गंभीर हालत में अस्पताल पहुंच गया। अस्पताल में डॉक्टरों ने महिला को मृत घोषित कर दिया। उसके बेटे की हालत गंभीर है और उसका इलाज किया जा रहा है।

डीसीपी ने कहा, हमने पीड़ित परिवार की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर लिया है और घटना की जांच कर रहे हैं। इसी क्रम में शुक्रवार को अल्लू अर्जुन को पुलिस ने हिरासत में लिया है। अल्लू अर्जुन को हैदराबाद के नामपल्ली के सिटी क्रिमिनल कोर्ट को ले जाया गया।

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साउथ एक्ट्रेस रश्मिका मंदाना इन दिनों अपनी फिल्म ‘पुष्पा -2’ को लेकर चर्चा में हैं। इस फिल्म में उनके अभिनय को दर्शक खूब सराहा रहे हैं। रश्मिका मंदाना अब बॉलीवुड के भाईजान स्टारर सलमान खान की आने वाली फिल्म सिकंदर में नजर आएंगी। उन्होंने इस फिल्म की शूटिंग के दौरान सलमान खान के साथ एक किस्सा सुनाया है।

एक इंटरव्यू में रश्मिका ने फिल्म ‘सिकंदर’ के अपने अनुभव और फिल्म की शूटिंग के कुछ किस्सों के बारे में बात की। उन्होंने सलमान की तारीफ करते हुए कहा, “यह अनुभव किसी सपने के सच होने जैसा है। सलमान सर बहुत अच्छे इंसान हैं और स्वभाव से बहुत ही सरल और विनम्र हैं।” रश्मिका ने अपनी बीमारी का एक किस्सा भी बताया। उन्होंने कहा, “जब हम शूटिंग कर रहे थे तो मेरी तबीयत खराब हो गई। मुझे अच्छा महसूस नहीं हो रहा था। जैसे ही सलमान सर को यह पता चला, तो वे मेरे पास आये और पूरी टीम से सेट पर मेरा ख्याल रखने को कहा। साथ ही मुझे अच्छा खाना और गर्म पानी जैसी सभी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए भी कहा।’

उन्होंने कहा, “वे वास्तव में हमारी परवाह करते हैं और हमें एहसास दिलाते हैं कि हम कितने खास हैं। वह देश के सबसे बड़े अभिनेताओं में से एक हैं, फिर भी वह बहुत विनम्र और व्यावहारिक हैं।” फिल्म ‘सिकंदर’ के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, “मैं इस फिल्म के लिए बहुत उत्साहित हूं। साथ ही, यह मेरे लिए बहुत खास फिल्म है और दर्शकों और प्रशंसकों की तरह मैं भी ‘सिकंदर’ को सिल्वर स्क्रीन पर देखने के लिए उत्साहित हूं।”

रश्मिका के काम की बात करें तो वह साउथ की फिल्म ‘डियर कॉमरेड’ से मशहूर हुईं। इस फिल्म के बाद उन्हें ‘नेशनल क्रश’ के नाम से जाना जाने लगा। इसके बाद बॉलीवुड फिल्म ‘एनिमल’ में भी उनका रोल फैंस को काफी पसंद आया। ‘पुष्पा-2’ में रश्मिका के अभिनय की भी प्रशंसकों ने सराहना की है। अब फैंस उनकी आने वाली फिल्म ‘सिकंदर’ का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। रश्मिका फिलहाल आने वाली फिल्मों ‘छावा’, ‘कुबेर’, ‘द गर्लफ्रेंड’ में बिजी हैं।-

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बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार स्पेन में चल रही ‘हाउसफुल-5’ की शूटिंग के दौरान घायल हो गए हैं, इसलिए फिल्म की शूटिंग रोक दी गई। शूटिंग के दौरान एक एक्शन सीन करते वक्त अक्षय कुमार की आंख पर चोट लग गई। इस घटना के तुरंत बाद सेट पर एक नेत्र रोग विशेषज्ञ को बुलाया गया। एक्टर को कुछ समय आराम करने की सलाह दी गई है। यह भी पता चला है कि अन्य सह-कलाकारों ने अपनी शूटिंग शुरू कर दी है, क्योंकि फिल्म की शूटिंग आखिरी चरण में है।

इस फिल्म के पहले चार सीक्वल सुपरहिट हुए थे, लेकिन दर्शकों में उत्सुकता है कि आने वाला पार्ट कैसा होगा। बहुचर्चित और मल्टीस्टारर ‘हाउसफुल-5’ 6 जून 2025 को रिलीज़ होगी। अक्षय कुमार और नाना पाटेकर वेलकम के बाद कई सालों बाद एक साथ आएंगे। साजिद नाडियाडवाला द्वारा निर्मित ‘हाउसफुल-5’ में दिग्गज कलाकारों की फौज होगी। इसमें अक्षय कुमार, रितेश देशमुख, श्रेयस तलपड़े, संजय दत्त, अभिषेक बच्चन, जैकी श्रॉफ, नरगिस फाखरी, नाना पाटेकर, चंकी पांडे, जॉनी लीवर, डिनो मोरिया जैसी दमदार स्टारकास्ट नजर आएगी।

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जाने माने फिल्म निर्देशक नितेश तिवारी फिल्म ‘रामायण’ लेकर आ रहे हैं। ‘आदिपुरुष’ के बाद बॉलीवुड में फिर से ‘रामायण’ बन रही है। ओम राउत की निर्देशित फिल्म ‘आदिपुरुष’ की काफी आलोचना हुई थी। इसलिए अब नितेश तिवारी की जिम्मेदारी और अधिक बढ़ गई है। वे किसी की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाएंगे। रणबीर कपूर ने हाल ही में पुष्टि की है कि वह फिल्म में श्रीराम की भूमिका निभा रहे हैं। इसी बीच अभिनेता सनी देओल ने इस फिल्म में हनुमान का रोल करने पर अपनी मुहर लगा दी है।

एक इंटरव्यू में सनी देओल ने कहा कि रामायण एक बड़ा प्रोजेक्ट है। मेकर्स रामायण को ‘अवतार’ और ‘प्लैनेट ऑफ द एप्स’ की तरह भव्य पैमाने पर बनाने की कोशिश कर रहे हैं। सभी तकनीशियन इसका हिस्सा हैं। फिल्म कैसी होगी और प्रत्येक भूमिका कैसे निभाई जाएगी, लेखक और निर्देशक इस बारे में बहुत स्पष्ट हैं कि क्या किया जाएगा।

इससे पहले ‘रामायण’ पर बनी अधिकांश फिल्मों की भी आलोचना हुई थी। इस पर सनी ने कहा कि फिल्म में आपको स्पेशल इफेक्ट्स भी देखने को मिलेंगे। ऐसा लगेगा कि ये घटनाएं सच में घटित हुई हैं। सच कहूं तो मुझे यकीन है कि फिल्म बहुत अच्छी होने वाली है और निश्चित रूप से सभी को पसंद आएगी फ़िल्म।

रणबीर कपूर ने हाल ही में जानकारी दी कि ‘रामायण’ के पहले भाग की शूटिंग पूरी हो चुकी है। सीता की भूमिका में उनके साथ साई पल्लवी हैं। ‘केजीएफ’ फेम यश रावण का किरदार निभा रहे हैं। ‘रामायण’ का पहला भाग 2026 में और दूसरा भाग 2027 में रिलीज होगा।

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’12वीं फेल’ जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्म देने के बाद अब बॉलीवुड एक्टर विक्रांत मैसी की फिल्म ‘द साबरमती रिपोर्ट’ सिनेमाघरों में है। विक्रांत बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेताओं की सूची में गिने जाते हैं। इसी बीच 37 वर्षीय अभिनेता विक्रांत मैसी ने एक्टिंग से संन्यास लेने का ऐलानकिया है। विक्रांत ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट कर यह जानकारी दी है। उनकी इस पोस्ट पर फैन्स और सेलिब्रिटीज ने रिएक्शन देना शुरू कर दिया है। मैसी ‘सेक्टर 36’ और ‘दिलरुबा’ जैसी विविधता वाली फिल्माें के लिए भी जानें जाते हैं।

अभिनेता विक्रांत मैसी ने साेमवार काे इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया, “पिछले कुछ साल मेरे लिए काफी असाधारण रहे हैं। आप सभी के सहारे के लिए आपका शुक्रिया। जैसे-जैसे मैं जीवन में आगे बढ़ता हूं, मुझे एहसास होता है कि अब खुद को सुधारने और एक पति, पिता और अभिनेता के रूप में घर लौटने का समय आ गया है। विक्रांत मैसी ने पोस्ट में लिखा, “सही समय आने तक हम 2025 में आखिरी बार एक-दूसरे को देखेंगे। पिछली दो फिल्मों और कई वर्षों की यादों के लिए सभी को एक बार फिर धन्यवाद। मैं आपका ऋणी रहूँगा।”

विक्रांत की इस पोस्ट काे देखते ही फैंस हैरान हो गए हैं। कई लोगों ने उनसे यह फैसला न लेने को कहा है। कुछ ने दिल टूटने वाले इमोजी कमेंट किए हैं। कुछ प्रशंसकों का कहना है कि आप भारत के सर्वश्रेष्ठ अभिनेताओं में से एक हैं, इसलिए इंडस्ट्री मत छोड़ें। विक्रांत की पोस्ट पर एक्ट्रेस ईशा गुप्ता ने उनके नाम और रेड हार्ट इमोजी के साथ कमेंट किया है। विक्रांत मैसी का टीवी सीरीज से लेकर फिल्मों तक का सफर जारी रहा। टीवी से अपने करियर की शुरुआत करने वाले विक्रांत ने एक्टिंग के दम पर बॉलीवुड में अपनी जगह और फैन बेस बनाया। विक्रांत के पोस्ट के बाद फैंस भी सोच रहे हैं कि क्या वह सच में रिटायर हो रहे हैं या फिल्म के प्रमोशन के लिए ऐसा किया जा रहा है।

   

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अजय कुमार शर्मा

भारतीय सिनेमा के सबसे बड़े शोमैन राज कपूर का यह जनशताब्दी वर्ष है। उन्हें देश का सबसे बड़ा सांस्कृतिक दूत भी कहा जा सकता है। उनकी फिल्मों में दिखाई एक ख़ास विचारधारा के संदेशों को सोवियत संघ और यूरोप में भी खूब देखा और सहारा गया। वे केवल एक अच्छे अभिनेता, निर्देशक ही नहीं बल्कि सिनेमा के हर क्षेत्र जैसे कथा ,पटकथा संवाद, रूप सजा, संगीत, गीत, लाइट, कैमरा आदि की भी अच्छी समझ रखते थे। इसी कारण उनकी फिल्मों में प्रस्तुत किए गए उनके सामाजिक चिंतन और संदेशों को भी दर्शक बेहद रुचि से देखते थे। हास्य, संगीत, रोमांस और नाटकीयता के साथ प्रस्तुत उनकी फिल्मों से कई पीढ़ियां आज तक मंत्र मुग्ध हैं। वे हिंदी सिनेमा के अब तक के सबसे बड़े इंटरटेनर थे।

पेशावर (अब पाकिस्तान) में जन्मे राज कपूर बचपन से ही अपने स्कूल में होने वाले नाटकों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते थे। बाद में पृथ्वीराज कपूर जैसे लोकप्रिय अभिनेता के बेटे होने के कारण उन्हें बहुत-सी सुविधा मिल सकती थीं लेकिन उनका पालन- पोषण पृथ्वीराज कपूर ने समान बच्चों के तौर पर ही किया। वह स्कूल में आम बच्चों की तरह ट्राम में जाया करते थे। यहां तक कि बरसात में भी उनको कार से स्कूल जाने की इजाजत नहीं थी।

मैट्रिक की परीक्षा की असफलता के बाद राज कपूर अपने पिता पृथ्वीराज कपूर के पास गए और कहा कि और मेहनत करने पर शायद मैं डिग्री प्राप्त कर लूँ उसके बाद एक नौकरी भी। लेकिन मेरी इच्छा है कि मैं अभी से फिल्मों में कार्य शुरू कर दूं । पृथ्वीराज जी ने मुस्कुराते हुए उन्हें 300 रुपए दिए और कहा कि वह लाहौर, शेखपुरा, समुंदरी और देहरादून स्थित हमारे सभी रिश्तेदारों के यहां घूम आए। वापस आने पर अगर वह फिर भी फिल्मों में कार्य शुरू करना चाहेगा तो वे उनकी मदद करेंगे। सभी रिश्तेदारों से मिलकर आने के बाद भी वह अपने फैसले पर अडिग थे।

पृथ्वीराज ने चंदूलाल शाह से उनके लिए बात की और उनको रंजीत स्टूडियो में काम मिल गया। पृथ्वीराज ने दो शर्तें रखीं। पहली, उनको कोई वेतन नहीं मिलेगा और दूसरी शर्त यह थी कि स्टूडियो में उनसे वैसा ही व्यवहार किया जाएगा, जो एक सामान्य कर्मचारी के साथ किया जाता है, न कि पृथ्वीराज कपूर के बेटे जैसा। हां, उन्होंने इतना अवश्य किया कि उनका महीने का जेब खर्च पंद्रह रुपयों से बढ़ाकर तीस रुपए कर दिया। उन्होंने अपनी पत्नी को राज कपूर की जरूरत के मुताबिक सफेद पतलून और कमीजें सिलने को कहा, ताकि वे रोज सुबह सफेद कपड़ों में काम पर जाएं और शाम को स्टूडियो की लाल रंग की धूल में सने कपड़ों में घर लौटे। राज का प्रतिदिन का लंच भी स्टूडियो में नहीं भेजा जाता था। रंजीत स्टूडियो में राज ने निर्देशक केदार शर्मा के सहायक के रूप में कार्य किया, जिन्होंने उन्हें बाद में पहला ब्रेक फिल्म ‘नीलकमल’ में मुख्य भूमिका के लिए दिया। राज को एक फिल्म ‘गौरी’ में पहले ही एक छोटे दृश्य में काम मिल चुका था, जिसे केदार शर्मा ने निर्देशित किया था। पर इससे पहले जब कपूर परिवार कलकत्ता में था तब जाने-माने फिल्मकार देबकी बोस ने राज का इस्तेमाल अपनी फिल्म ‘आफ्टर द अर्थक्वेक’ में एक छोटी भूमिका में किया था।

लगभग एक वर्ष रंजीत स्टूडियो में बिताने के बाद राज ने एक विज्ञापन के आधार पर बॉम्बे टॉकीज का रुख किया, जिसमें स्टूडियो को अपने अभिनय और निर्माण विभागों के लिए लोगों की ज़रूरत थी। यहाँ राज ने एक वेतनभोगी कर्मचारी के रूप में उत्साह के साथ कार्य करना शुरू किया, लेकिन कुछ समय तक कार्य करने के बाद भी उन्हें कोई बड़ा रोल नहीं मिल सका तो निराश होकर उन्होंने पृथ्वी थियेटर में कार्य शुरू करने की स्वीकृति माँगी। पृथ्वीराज ने स्वीकृति दे दी। राज ने सभी विभागों में बतौर एक सामान्य सहायक के रूप में कार्य किया। उनका मासिक वेतन 201 रुपए निर्धारित किया, बॉम्बे टॉकीज द्वारा दिए गए 200 रुपयों के वेतन से एक रुपया अधिक, ताकि वह प्रोत्साहित हों। थियेटर में राज के छोटे भाई शम्मी को राज से पहले अभिनय का ब्रेक मिला। राज को पहला ब्रेक नाटक ‘दीवार’ में मिला। ‘दीवार’ के प्रथम प्रदर्शन के दिन उनके अभिनय के साथ-साथ उनकी वर्षों से दबी अनेक प्रतिभाएं बाहर आईं । राज ने सभी को आश्चर्यचकित कर दिया।

इसके बाद उन्होंने एक बड़ा फैसला लिया स्वयं ही आग फिल्म बनाने और निर्देशित करने का। हालांकि इस समय उनके पास पर्याप्त पैसे नहीं थे लेकिन उन्होंने इसके लिए कड़ी मेहनत की। अपनी कार गिरवी रखी। यहां तक की अपने पुराने नौकर द्वारका से यूनिट के लिए चाय-पानी और खाने के लिए उधार लिया। उनके माता-पिता ने भी उन पर तंज कसा था एक पंजाबी कहावत के जरिए कि थूक से पकौड़े नहीं तले जा सकते। किसी तरह आधी फिल्म बनाने के बाद वह अपनी फिल्म को कनस्तर में रखकर कई फिल्म वितरकों के पास बेचने के लिए गए जिससे पैसे मिल जाए। लेकिन कोई तैयार नहीं हुआ। अंत में एक वितरक ने बिना रशेज देखे उनसे कहा कि मैं पिक्चर को सहारा नहीं देता मैं आदमी को सहारा देता हूं। उसने चांदी का एक सिक्का उनकी हथेली पर रख दिया। इस तरह से सौदा पक्का हो गया और फिल्म का काम फिर शुरू हो गया।

1948 में रिलीज़ हुई उनकी यह फिल्म उस समय औसत सफल रही। इसे उन्होंने अपने पिता के साथ हुए अनुभवों को लेकर बनाया था जिसमें युवा वर्ग की दबी हुई लालसाओं और आकांक्षाओं को पर्दे पर दिखाया गया था। शशि कपूर ने इस फिल्म में एक बाल कलाकार के रूप में कार्य किया था। इसी फिल्म से आर के बैनर की शुरुआत हुई और गायक मुकेश का भी आरके फिल्मस से जुड़ाव इसी फिल्म से शुरू हुआ और अंत तक बना रहा।

चलते-चलते

पृथ्वीराज कपूर जब परिवार के साथ कलकत्ता में रह रहे थे तब एक बार रविवार के दिन राज कपूर और शम्मी कपूर को एक फिल्म देखने की इजाजत मिली। शम्मी कपूर उस समय चार साल के थे। राज जी ने फिल्म ‘गुलिवर ट्रैवल्स’ का चुनाव किया। माँ ने उन्हें एक रुपया दिया जो एक अच्छी-खासी रकम थी- उनकी टिकटों, यात्रा और खाने-पीने के लिए। वहाँ बहुत भीड़ थी। राज जी ने नौकर द्वारका और शम्मी जी को बाहर रुकने के लिए कहा। वे दोनों इंतजार करते रहे। अंत में राज जी दो घंटों के बाद आए और कहा कि कोई भी टिकट नहीं मिला और घर वापस आ गए। जब उनकी माँ को यह पता चला तो वह सारी बात समझ गईं। दरअसल हुआ यह था कि चार आने वाले सभी टिकट बिक चुके थे, इसलिए राज जी ने एक बारह आने वाला टिकट खरीदा और अकेले ही फिल्म देख ली थी।

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नई दिल्ली, 21 नवंबर (हि.स.)। देश के प्रतिष्ठित सार्वजनिक प्रसारक दूरदर्शन ने डिजिटल स्ट्रीमिंग सेवाओं की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए ओटीटी (ओवर-द-टॉप) प्लेटफॉर्म क्षेत्र में कदम रखा है। गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने बुधवार देरशाम गोवा में 55वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) के उद्घाटन समारोह में राष्ट्रीय सार्वजनिक प्रसारक, प्रसार भारती का ओटीटी प्लेटफॉर्म ‘वेव्स’ लॉन्च किया। इस अवसर पर सूचना एवं प्रसारण सचिव संजय जाजू सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित रहे।

ओटीटी का लक्ष्य क्लासिक सामग्री और समकालीन प्रोग्रामिंग का एक समृद्ध मिश्रण पेश करके आधुनिक डिजिटल रुझानों को अपनाते हुए पुरानी यादों को पुनर्जीवित करना है। रामायण, महाभारत, शक्तिमान और हम लोग जैसे सदाबहार धारावाहिकों की लाइब्रेरी के साथ, यह मंच भारत के अतीत के साथ सांस्कृतिक और भावनात्मक संबंधों की तलाश करने वाले दर्शकों को आकर्षित करता है। इसके अतिरिक्त, यह समाचार, वृत्तचित्र और क्षेत्रीय सामग्री प्रदान करता है, जो समावेशिता और विविधता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत करता है। अपनी दशकों पुरानी विरासत और राष्ट्रीय विश्वास का लाभ उठाकर, दूरदर्शन का ओटीटी प्लेटफॉर्म पारंपरिक टेलीविजन और आधुनिक स्ट्रीमिंग के बीच की अंतर को खत्म करता है, तकनीक-प्रेमी युवाओं और पुरानी पीढ़ियों तक समान रूप से पहुंचता है।

‘वेव्स’ 12 से अधिक भाषाओं में उपलब्ध है जिसमें हिंदी, अंग्रेजी, बंगाली, मराठी, कन्नड़, मलयालम, तेलुगु, तमिल, गुजराती, पंजाबी, असमिया शामिल हैं। यह इन्फोटेनमेंट की 10 शैलियों में उपलब्ध होगा। यह वीडियो ऑन डिमांड, फ्री-टू-प्ले गेमिंग, रेडियो स्ट्रीमिंग, लाइव टीवी स्ट्रीमिंग, 65 लाइव चैनल, वीडियो और गेमिंग सामग्री के लिए कई ऐप इन ऐप इंटीग्रेशन और ऑनलाइन शॉपिंग प्रदान करेगा।

वेव्स पर 1980 के दशक के शाहरुख खान के मशहूर धारावाहिक फौजी का आधुनिक रूपांतरण ‘फौजी 2.0’, ऑस्कर विजेता गुनीत मोंगा कपूर की ‘किकिंग बॉल्स’, एक क्राइम थ्रिलर ‘जैक्सन हॉल्ट’ और मोबाइल टॉयलेट पर आधारित ‘जाइए आप कहां जाएंगे’ दिखाई जाएंगी।

वेव्स में अयोध्या से प्रभु श्रीराम लला आरती लाइव और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात जैसे लाइव कार्यक्रम शामिल हैं। आगामी यूएस प्रीमियर लीग क्रिकेट टूर्नामेंट 22 नवंबर, 2024 से वेव्स पर लाइव किया जाएगा। वेव्स सीडीएसी, माइटी के साथ साझेदारी में दैनिक वीडियो संदेशों के साथ एक साइबर सुरक्षा जागरूकता अभियान भी शुरू करेगा। यह अभियान साइबर क्राइम की दुनिया (एक काल्पनिक शृंखला) और साइबर अलर्ट (डीडी न्यूज फीचर्स की प्रस्तुति ) जैसे कार्यक्रमों को समेटते हुए आगे बढ़ेगा।

वेव्स पर अन्य फिल्मों और शो में फंतासी एक्शन सुपर हीरो ‘मंकी किंग: द हीरो इज बैक’, राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फौजा, अरमान, विपुल शाह का थ्रिलर शो भेद भरम, पारिवारिक ड्रामा थोड़े दूर थोड़े पास जिसमें पंकज कपूर, कैलाश खेर का संगीत रियलिटी शामिल हैं। हॉटमेल के संस्थापक सबीर भाटिया द्वारा शो भारत का अमृत कलश, सरपंच, बीक्यूब्ड, महिला केंद्रित शो और फिल्में जैसे कॉर्पोरेट सरपंच, दशमी, और करियथी, जानकी शामिल है। इसके साथ वेव्स में डॉगी एडवेंचर, छोटा भीम, तेनालीराम, अकबर बीरबल और कृष्णा जंप, फ्रूट शेफ, राम द योद्धा, क्रिकेट प्रीमियर लीग टूर्नामेंट जैसे लोकप्रिय एनीमेशन कार्यक्रमों को भी शामिल किया गया है।

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नई दिल्ली, 20 नवंबर (हि.स.)। संगीत की तरह सिनेमा में भी सीमाओं को पार करने और भावनाओं की सार्वभौमिक भाषा के माध्यम से आत्माओं को जोड़ने की अद्वितीय क्षमता है। इस परिवर्तनकारी कला के उत्सव में गोवा की जीवंत संस्कृति के बीच आयोजित 55वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) की शुरुआत माइकल ग्रेसी द्वारा निर्देशित ‘बेटर मैन’ से हुई। यह फिल्म ब्रिटिश पॉप लीजेंड रॉबी विलियम्स के लचीलेपन, प्रसिद्धि और असाधारण जीवन को एक सिनेमाई श्रद्धांजलि है। फिल्म की स्क्रीनिंग से पहले फिल्म के कलाकार और क्रू ने आईएफएफआई रेड कार्पेट पर वॉक किया।

आईएफएफआई में भव्य उद्घाटनः

फिल्म की स्क्रीनिंग से पहले, कलाकारों और क्रू ने रेड कार्पेट वॉक किया और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव संजय जाजू, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की संयुक्त सचिव वृंदा मनोहर देसाई, आईएफएफआई के महोत्सव निदेशक शेखर कपूर और एंटरटेनमेंट सोसाइटी ऑफ गोवा (ईएसजी) की उपाध्यक्ष डेलिला एम. लोबो ने फिल्म के निर्माता पॉल करी और अभिनेत्री रेचेल बन्नो को सम्मानित किया।

स्क्रीनिंग से पहले अपने संबोधन में पॉल करी ने कहा, “यह फिल्म इस बारे में नहीं है कि दुनिया रॉबी को कैसे देखती है, बल्कि इस बारे में है कि रॉबी खुद को कैसे देखता है।” उन्होंने इस प्रतिष्ठित मंच पर फिल्म को प्रस्तुत करने के लिए अपना उत्साह भी व्यक्त किया। रेचेल बन्नो ने साझा किया, “आईएफएफआई मेरे लिए बहुत महत्व रखता है, और मैं इस फिल्म को आप सभी के सामने प्रस्तुत करने के लिए रोमांचित हूं।” फिल्म के निर्देशक माइकल ग्रेसी ने वीडियो कॉल के माध्यम से जुड़ते हुए कहा कि बॉलीवुड सिनेमा का मेरे काम पर गहरा प्रभाव पड़ा है।

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में सचिव संजय जाजू ने आईएफएफआई में फिल्म बाजार का उद्घाटन करते हुए रिकॉर्डतोड़ पंजीकरण (1500 से अधिक) और 10 से अधिक देश-विशिष्ट मंडपों की उपस्थिति पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “यह भावी फिल्म निर्माताओं को विकसित करने के लिए एक असाधारण मंच है। नए विचारों को प्रस्तुत करने से लेकर सौदे हासिल करने तक फिल्म बाजार उद्योग के सभी स्तरों पर सकारात्मक बातचीत को बढ़ावा देता है।”

उन्होंने युवा प्रतिभाओं को बढ़ावा देने के लिए आईएफएफआई की प्रतिबद्धता के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा, “इस साल का क्रिएटिव माइंड्स ऑफ टुमॉरो (सीएमओटी) कार्यक्रम, जो फिल्म निर्माण में भारत की सबसे प्रतिभाशाली युवा प्रतिभाओं की खोज और पोषण के लिए एक प्रकाश स्तंभ है, में खासा विस्तार करते हुए इसमें 100 होनहार व्यक्तियों का स्वागत किया गया है।”

शेखर कपूर ने फिल्म बाजार को एक ऐसा दिलचस्प मंच बताया, जहां युवा फिल्म निर्माता अपने विचारों और रचनाओं को जुनून के साथ पेश करते हैं। प्रसिद्ध फिल्म निर्माता ने कहा, “फिल्म बाजार युवा फिल्म निर्माताओं की ऊर्जा से भरा हुआ है, जो अपने काम को बेहद जुनून के साथ करते हैं। मैं वास्तव में यहां आना चाहता हूं और उस जुनून को महसूस करना चाहता हूं।”

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के संयुक्त सचिव और एनएफडीसी के एमडी पृथुल कुमार ने ऑनलाइन फिल्म बाजार पहल की शुरुआत की घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह अभिनव मंच वैश्विक खरीदारों और विक्रेताओं के लिए एक वर्चुअल हब के रूप में कार्य करता है, जहां वे जुड़ सकते हैं, विचारों का आदान-प्रदान कर सकते हैं और सिनेमा के व्यवसाय को आगे बढ़ा सकते हैं।

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की संयुक्त सचिव (फिल्म्स) वृंदा मनोहर देसाई ने सह-निर्माण बाजार के विवरण का अनावरण किया, जिसमें सात देशों की 21 फीचर फिल्में और 8 वेब सीरीज शामिल हैं। वितरण और वित्तपोषण की तलाश में लगे फिल्म निर्माताओं के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन, व्यूइंग रूम पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने बताया कि इस वर्ष 208 फिल्में देखने के लिए उपलब्ध होंगी, जिनमें फीचर, मध्यम लंबाई और लघु प्रारूप शामिल हैं।

इस कार्यक्रम में फिल्म बाजार के सलाहकार जेरोम पैलार्ड और भारत में ऑस्ट्रेलिया के उप उच्चायुक्त निकोलस मैककैफ्रे सहित कई विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।

दरअसल, फिल्म बाजार का आयोजन हर साल प्रतिष्ठित भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) के साथ किया जाता है। इस साल फिल्म बाजार 20 से 24 नवंबर 2024 तक गोवा के मैरियट रिजॉर्ट में आयोजित किया जाएगा।

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बॉलीवुड क्वीन और सांसद कंगना रनौत की फिल्म ‘इमरजेंसी’ का फैंस को इंतजार है, लेकिन कुछ कारणों से फिल्म की रिलीज डेट में बार-बार बदलाव किया जा रहा है। फिल्म ‘इमरजेंसी’ को कुछ दिन पहले ही सेंसर बोर्ड ने हरी झंडी दे दी है। इसके बाद अब कंगना की ‘इमरजेंसी’ फिल्म की रिलीज डेट का ऐलान कर दिया गया है।

अब यह फिल्म आने वाले नए साल में 17 जनवरी को हर जगह रिलीज होगी।

दरअसल, कंगना की ये फिल्म अक्टूबर, 2023 में पर्दे पर आने वाली थी, लेकिन कुछ कारणों से ‘इमरजेंसी’ की रिलीज डेट बदल दी गई। इसके बाद कहा गया कि ये फिल्म 24 नवंबर, 2023 को रिलीज होगी, लेकिन एक बार फिर ‘इमरजेंसी’ की रिलीज डेट बदल दी गई। इसके बाद यह फिल्म 14 जून, 2024 को रिलीज होने वाली थी, लेकिन फिर से तारीख बदलकर कहा गया कि अब फिल्म 6 सितंबर को रिलीज होगी।

कंगना की ‘इमरजेंसी’ फिल्म का ट्रेलर भी रिलीज हो चुका है। फिल्म के कलाकारों ने ‘इमरजेंसी’ का प्रमोशन भी शुरू कर दिया था। ऐसे में फैंस उम्मीद कर रहे थे कि फिल्म 6 सितंबर को रिलीज होगी, लेकिन सेंसर बोर्ड की वजह से ये उम्मीद एक बार फिर नाकाम हो गई। अब आखिरकार 2025 में कंगना की इस फिल्म को वक्त मिल गया है। फिल्म ‘इमरजेंसी’ आने वाले नए साल में 17 जनवरी को हर जगह रिलीज होगी।

फिल्म ‘इमरजेंसी’ भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के जीवन और आपातकाल के दौर को दिखाया जाएगा। इस फिल्म का निर्देशन कंगना रनौत ने किया है। इस फिल्म में कंगना खुद इंदिरा गांधी का किरदार निभा रही हैं। श्रेयस तलपड़े, भूमिका चावला, अनुपम खेर, सतीश कौशिक भी अहम भूमिका निभाएंगे।

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नब्बे के दशक में बच्चों के पसंदीदा शो में अभिनेता मुकेश खन्ना ने ‘शक्तिमान’ का किरदार निभाया था। इस शाे के बाद वे बच्चों के पसंदीदा अभिनेता बन गये। कुछ दिनों पहले चर्चा थी कि ‘शक्तिमान’ पर फिल्म बनाई जाएगी और रणवीर सिंह ‘शक्तिमान’ का किरदार निभाएंगे। इस फिल्म के निर्माण के लिए मुकेश खन्ना ने रणवीर सिंह का विरोध किया। अब मुकेश खन्ना एक बार फिर शक्तिमान बन कर आ रहे हैं।

अब उन्हाेंने बताया कि जब रणवीर उनके पास आए तो क्या हुआ था।

अगर ‘शक्तिमान’ पर फिल्म बनानी है तो मेकर्स तय करते हैं कि किरदार कौन निभाएगा। लेकिन मुकेश खन्ना ने रणवीर सिंह के नाम का जमकर विरोध किया। उन्होंने कहा, “यह किसी बड़े अभिनेता के बारे में नहीं है, यह शक्तिमान की भूमिका निभाने के बारे में है। रणवीर इस भूमिका के लिए मेरे पास आए थे। वह मुझे मनाने आए थे। हमने दाे घंटे तक बात की। मैं रणवीर के उत्साह की सराहना करता हूं और वह एक अच्छे अभिनेता हैं, लेकिन मैं अपनी राय पर दृढ़ था।”

मुकेश खन्ना ने अक्षय कुमार के पृथ्वीराज चौहान के किरदार पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “उन्हें पृथ्वीराज जैसा महसूस नहीं हुआ क्योंकि सिर्फ मूंछें लगाने और विग न पहनने से कोई पृथ्वीराज चौहान नहीं बन सकता। अभिनेता का व्यक्तित्व किरदार के अनुरूप होना चाहिए।”

दूसरी ओर, मुकेश खन्ना खुद ‘शक्तिमान’ बनकर वापस आ गए हैं। कुछ दिनों पहले उन्होंने अपने लुक की झलक दिखाई थी। लेकिन नेटिज़न्स ने उन्हें ट्रोल कर दिया।

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“सच्चाई की जीत युग की मोहताज़ नहीं होती, जितनी बार रामायण लिखी जाएगी, जीत राम की होगी”, “गूगल पर टाइप कर लें बाजीराव सिंघम, पता चल जाएगा तेरा बाप चीज क्या है”, “जो भारत का भविष्य बदलने की कोशिश करता है उसे भारत इतिहास बना देता है”, “शेर आतंक मचाता है और जख्मी शेर तबाही”, जैसे कुछ और बेहतरीन Dialogue, Glamour की छांव में बिखरती कहानी, बेहतरीन Screenplay, ताबड़तोड़ एक्शन, अजय देवगन का शेर अवतार, दीपिका और टाइगर का फ़िल्म में होने नहीं होने पर उठते सवाल ? रोहित शेट्टी का बढ़िया डायरेक्शन, रामायण की पृष्ठभूमि, कलयुग का रावण कितना पराक्रमी ? कश्मीर की वादियां, लंका की रमणीक यादों से सजी है फ़िल्म सिंघम अगेन।

Special Mention

सूर्यवंशी अक्षय कुमार केंद्रित फ़िल्म थी, लेकिन सिंघम अगेन सिंघम की फ़िल्म बनने से कोशो दूर दिखाई पड़ती है। क्या Star cast ही एक Multiverse फ़िल्म की अवधारणा है या कहानी भी मुख्य भूमिका में अपना योगदान रखती है शायद हिंदी सिनेमा या रोहित शेट्टी इसको कितना समझ पाए ? ये एक मूल्यांकन का विषय हो सकता है।

फ़िल्म सिंघम की जरूर है लेकिन सबसे ज्यादा सिट्टी और ताली अक्षय कुमार की एंट्री पर बजती है। दर्शकों को खिलाड़ियों का खिलाड़ी जैसा कुछ अनुभव जरूर याद आता है। Story Screenplay Dialogue कुछ जगह बहुत शानदार है, कुछ जगह जरूरत जैसा नहीं भी लगता। कई बार ऐसा लगता है कि Starcast के Glamour को दिखाने के लिए कहानी का बस एक सहारा लिया गया है। लेकिन एक्शन के साथ ऐसा नहीं है। आप एक्शन सीन को ख़ूब एन्जॉय करेंगे, आप चिल्लाएंगे, आप रोमांचित भी होंगे। Screenplay को बहुत जानदार तरीके से पेश करने की कोशिश हुई है। Dialogue फ़िल्म के सेकंड हाफ में अच्छा है। Arjun Kapoor को बस Villain का ओहदा दिया गया है, शायद उनके किरदार के साथ कहानी भी रहती तो फ़िल्म में दिखाया गया कलयुग का रावण और दुःशाषित बन सकता था। फ़िल्म का अंत बहुत फीका लगता है। Ravi Basrur का Background Score आपके अंदर खलबली पैदा करती है, फ़िल्म के BGM पर मेहनत किया गया है। Tiger और Deepika की फ़िल्म में जरूरत क्यों आन पड़ी, इसका मूल्यांकन करना मुश्किल है।

Story

फ़िल्म की कहानी क्षितिज पटवर्धन ने लिखी है। लेकिन क्या और क्यों लिखी है इसको समझने में पूरा दर्शक वर्ग अपना माथा पिट रहा है। ऐसा लगता है कि एक सुपरहिट फ्रैंचाइज़ी को आगे बढ़ाने के लिए मेकर्स के पास कोई कहानी नहीं थी, इसीलिए उन्होंने Starcast और So Called Glamour के साथ रामायण की पृष्ठभूमि का सहारा ले कर, एक आधी पकाई रोटी दर्शक के बीच रख दिया। Singham, Singham Returns के कहानी की तुलना भी Singham Again से करना बाकी पिछली दोनों फिल्मों के साथ नाइंसाफी होगी। शायद यही कारण है कि जब कोई स्टार स्क्रीन पर आता है तब दर्शक खुश हो उठते हैं बाकी समय फ़िल्म में कोई स्पार्क नहीं दिखता।

फ़िल्म की कहानी वही से शुरू होती है जहां इस Cop Universe की पिछली फिल्म Sooryavnshi के साथ खत्म हुई थी। अजय देवगन से साथ फ़िल्म की फर्स्ट फ्रेम खुलती है और उमर हफ़ीज़ को पकड़ने के लिए सिंघम अपनी जी जान लगा देता है। पकड़े जाने के बाद उमर हफ़ीज़ ये कहते हुए की संग्राम “सिम्बा” भालेराव और वीर सूर्यवंशी पर अपने बेटों की हत्या करने का आरोप लगाकर धमकाता है। Cut to कहानी 2 साल बाद पहुँचती है जहां अवनि (Kareena Kapoor) रामायण नाम के एक शो की सूत्रधार रहती है। शो के ज़रिए अवनि राम और सीता जी जीवन यात्रा को दर्शकों तक पहुँचाती है। दूसरी तरफ सिंघम श्रीलंका से तमिलनाडु की जा रहे एक ड्रग्स से भरे जहाज को पकड़ता है और चार लोगों को गिरफ्तार कर लेता है। गिरफ्तार हुए लोगों से पूछताछ में पता चलता है कि वो सभी डेंजर लंका (अर्जुन कपूर) के लिए काम करते हैं। डेंजर लंका के तीन ख़ास आदमी मदुरै नामक एक जगह पर रहते हैं जिन्हें पकड़ने के लिए सिंघम वहां की डीसीपी शक्ति शेट्टी (दीपिका पादुकोण) से पकड़ने को कहता है। यहां फ़िल्म में एंट्री होती है डेंजर लंका (अर्जुन कपूर) की जो पुलिस स्टेशन में घुसकर 15 पुलिस वालों को मार देता है।

कहानी आगे बढ़ती है और साथ ही फ़िल्म में रामायण के कहानी और उसकी पृष्ठभूमि को भी निर्देशक समानांतर दिखाने की कोशिश करते हैं जिससे कि दर्शक को फ़िल्म का मतलब समझ आये। लेकिन बीच बीच में कहानी में रामायण का आना दर्शक को एंटरटेन कम, फ़िल्म को धीमा जरूर कर देता है।

अपने शो की कुछ सीन को शूट करने के लिए अवनि (करीना कपूर) रामेश्वरम जाती है, जहां उसे डेंजर लंका (अर्जुन कपूर) किडनैप कर लेता है। इसी बीच टाइगर श्रॉफ की भी कहानी में एक जबरदस्त एंट्री होती है लेकिन उसपे पीछे का प्लाट बताने के लिए लेखक या डायरेक्टर के पास कोई वाजिब कारण नहीं है। क्या सिंघम अपनी सीता को रावण से छुड़ा पाता है ? कैसे सिंघम का साथ देने सिम्बा औए सूर्यवंशी आते हैं ? डेंजर लंका कौन है और वो सिंघम से किस बात का बदला ले रहा है ? ऐसे और भी सवालों का जवाब आपको फ़िल्म के खत्म होने तक मिलता है।

Screenplay & Dialogue

फ़िल्म के Dialogue मिलाप जावेरी सहित 3 और लोगों ने लिखे हैं जिनमे से रोहित शेट्टी भी एक हैं। मिलाप जावेरी वही व्यक्ति हैं जिन्होंने इसके पहले सत्यमेव जयते, सत्यमेव जयते 2, एक विलेन, हॉउसफुल, ग्रैंड मस्ती जैसे और भी बहुत सारी फिल्मों की कहानी लिख चुके है। मिलाप की कलम पर शक करना ठीक भी नहीं है बशर्ते कि फ़िल्म की कहानी आप तक पहुँच नहीं जाती। सिंघम अगेन में मिलाप जावेरी के काम की तारीफ़ करना उचित लगता है। कुछ ऐसे Dialogue हैं जो वाकई आपको ताली बजाने पर मजबूर करते हैं। आपको मज़ा आता है।

फ़िल्म का Screenplay कुल 6 लोगों ने लिखा है, जिसमे एक नाम ख़ुद रोहित शेट्टी का भी है। Screenplay अच्छा लगता है। फ्रेम देख कर अंदर रोमांच पैदा होता है। अक्षय कुमार, अजय देवगन के कुछ सीन को देख लगता है कि Screenplay पर बेहतर काम हुआ है।

Actors Performance

एक लंबी स्टारकास्ट वाली फिल्म में जहां Glamour फ़िल्म का एक मजबूत हिस्सा हैं वहां परफॉर्मेंस पर बात महज एक खानापूर्ति ही लगता है। क्यों कि फ़िल्म भी अपने स्टार्टकास्ट को ही दिखाने में अवल साबित हुई है। Performance पर काम कम ही किया गया है। रणवीर सिंह के परफॉर्मेंस पर यहां थोड़ी बात करनी जरूरी है। अपने एंट्री से लेकर अंत तक रणवीर अपने काम से दर्शकों के चेहरे पर हँसी ला पाते हैं। उनके Dialogue लोगों को हँसातें हैं, उनके एक्शन करने का स्टाइल दर्शकों को सिट्टी मारने पर मजबूर करते हैं। एक और बड़ा नाम जिनको स्क्रीन पर देखते ही दर्शक की चाहत बढ़ जाती है वो नाम श्वेता तिवारी का है। लेकिन फ़िल्म में उनका होना क्यों जरूरी है, ये बताने में निर्दशक विफल रहा है। श्वेता तिवारी के होने ना होने से सिनेमा हॉल में दर्शकों को कोई फर्क नहीं पड़ा। शायद इसलिए भी क्यों कि उनको फ़िल्म में करने के लिए क्या था, ये अभी भी सवालों के घेरे में है। डेंजर लंका के किरदार में अर्जुन कपूर अपने एक्शन से जरूर एक मजबूत छाप छोड़ने में कामयाब हो पाए हैं लेकिन एक रावण की इतनी आसान मौत को देख दर्शक बस सोच में पड़ जाता है। रावण के अंत के लिए निर्देशक और लेखक दोनों के पास कुछ नहीं था, इसलिए भी लगता है कि अर्जुन कपूर के किरदार को बस रामायण का सहारा दे कर मजबूत करने की कोशिश रही। किरदार के साथ कोई मजबूत कहानी नहीं होने से फ़िल्म में अर्जुन कपूर ख़ौफ़नाक तो दिखते हैं लेकिन अंत में सबसे कमजोर रावण की झलक उनमें दिखती है।

Direction

सिंघम की वजह से निर्देशक रोहित शेट्टी की चर्चा सबसे ज्यादा होती रही है। उसके बाद सिंघम रिटर्न ने रोहित शेट्टी को बड़े मुकाम पर जरूर पहुँचाया। इस बीच गोलमाल फ़्रेंचाइज़ की फिल्मों ने भी दर्शकों को खूब हंसाया। लेकिन शायद इसलिए भी ये सभी फिल्में आज भी याद हैं क्योंकि सभी कहानी के साथ किरदारों का एक अंदाज़ जुड़ा था, जिसको देख दर्शक पागल हो जाया करते थे। तब शायद स्टार फैक्टर पर रोहित शेट्टी कम काम करते थे। उनके पास अपना एक फ्लॉवर था, चाहे वो मसाला फ़िल्म बनाने का अंदाज़ हो, गाड़ियों को हवा में उड़ाने का स्टाइल हो, कॉमेडी एलिमेंट्स को दर्शकों तक पड़ोसन का अलग तरीका रहा हो, वो सबमे अवल रहे।

लेकिन सिंघम अगेन में सिर्फ स्टारकास्ट के भरोसे, कहानी को ताक पर रखते हुए, रोहित शेट्टी की ये फ़िल्म उनके लाइमलाइट पर एक दाग तो जरूर देती जाएगी। सीधा एक लाइन में अगर निर्देशक की काम पर समीक्षा करें, तो बात यही है कि जो चीज सिंघम अगेन में दर्शक देखने गयी थी उसे वो मात्र 60 प्रतिशत ही मिल पाया, वो भी इसलिए क्योंकि बड़े नाम की लंबी कतार थी बाकी और कुछ नहीं।

क्यों देखे ये फ़िल्म ?

अजय देवगन के सिंघम अवतार के फैन हैं, अक्षय कुमार को एक्शन करते देखना चाहते हैं, Ravi Basrur के BGM को 70mm की भव्यता पर महसूस करना चाहते हैं, अर्जुन कपूर को अब तक के सबसे अलग अवतार में देखने के लिए उतारू हैं, तो ये फ़िल्म आपके लिए हैं।

One Word Review : Excellent

Review by : Abhinandan Dwivedi (Journalist, Former Radio Jockey)

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टीवी पर दर्शकों का मनोरंजन करने के लिए ‘सीआईडी’ ​​सीरीज एक बार फिर सुर्खियों में है। एसीपी प्रद्युम्न, दया, अभिजीत की रोमांचक जांच पड़ताल सीरीज के मजेदार उद्धरण और अंत में अपराध का खुलासा निश्चित रूप से दर्शकों का मनोरंजन करते रहे हैं। सीआईडी ​​के टीजर के बाद अब सोनी टीवी ने अपने इंस्टाग्राम पेज पर सीआईडी ​​का नया प्रोमो शेयर किया है। इस प्रोमो से पता चलता है कि अभिजीत ने अपनी पुरानी दोस्ती को भूलकर दया को गोली मार दी। इस प्रोमो ने एक बार फिर दर्शकों का ध्यान इस सीरीज की ओर खींचा है।

सोनी टीवी के इंस्टाग्राम पेज पर प्रोमो शेयर पर बहुत सारे टविस्ट आ रहे हैं। इस प्रोमो में अभिजीत अपनी पुरानी दोस्ती को भूलकर दया पर गोली चलाते नजर आ रहे हैं। फिर एसीपी प्रद्युम्न की एंट्री होती है। सोनी के ऑफिशियल पेज से शेयर किए गए इस प्रोमो पर खूब कमेंट आ रहे हैं। प्राेमाे में दिखता है कि तूफानी बारिश से अंधेरा हो गया यह कहते हुए अभिजीत दया पर बंदूक तान देता है। वहीं दया चिल्लाकर कहता है ‘छलाओ गोली अभिजीत..’ इसी दौरान एसीपी प्रद्युम्न भी पीछे से चिल्लाते हैं। अभिजीत दया पर दाे गोलियां चलाता और दया खाई में गिरते नज़र आ रहे हैं। इस प्रोमो में बताया गया है कि सीआईडी ​​जल्द ही इसके पीछे के रहस्य से पर्दा उठाने आ रही है। इस प्रोमो पर कैप्शन में लिखा है कि कई सालों की दोस्ती भूलकर अभिजीत ने दया को क्यों मारी गोली।

इस प्रोमो पर नेटिजेंस ने मजेदार कमेंट्स किए हैं। एक नेटीजन ने लिखा कि अब हमें यह कहना होगा कि कटप्पा ने बाहुबली को क्यों मारा और अभिजीत ने दया को क्यों मारा। कई लोगों ने यह भी लिखा है कि आखिरकार बचपन लौट आया.. ऐसा लग रहा है कि सीआईडी ​​के इस प्रोमो को दर्शकों ने अच्छा रिस्पॉन्स दिया है।

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