नई दिल्ली: संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने देश में कोरोना की दूसरी लहर के मद्देनजर 27 जून को होने वाली सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा- 2021 को स्थगित कर दिया है.

अब, यह परीक्षा 10 अक्टूबर को आयोजित की जाएगी. यूपीएससी ने गुरुवार को एक नोटिस जारी कर कहा, “नॉवेल कोरोना वायरस (कोविड-19) के कारण मौजूदा परिस्थितियों के कारण, संघ लोक सेवा आयोग ने सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा- 2021 को टाल दिया है. यह परीक्षा 27 जून को आयोजित होनी थी. अब, यह परीक्षा 10 अक्टूबर को आयोजित की जाएगी.”

 


इनपुट हिन्दुस्थान समाचार

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नई दिल्ली: इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) ने टर्म-एंड परीक्षा (टीईई)-2021 के लिए असाइनमेंट जमा करने की अंतिम तिथि  31 मई तक बढ़ा दी है।

इग्नू ने गुरुवार को आधिकारिक बयान जारी कर कहा, सभी पाठ्यक्रमों के उम्मीदवार 31 मई को या उससे पहले अपने कार्य सौंप सकते हैं। विश्वविद्यालय ने टर्म-एंड एग्जामिनेशन के लिए प्रोजेक्ट रिपोर्ट, फील्ड वर्क जर्नल, शोध प्रबंध इत्यादि प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि ऑनलाइन और ऑफलाइन बढ़ा दी है।

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Chhapra: शहर के कई इलाके कोरोना के चपेट में है और प्रशासन द्वारा उन क्षेत्रों को कंटेन्मेंट जोन घोषित कर दिया गया है. यहां किसी के आने जाने की अनुमति नही है.

वही जयप्रकाश विश्वविद्यालय का प्रीमियर कॉलेज राजेन्द्र महाविद्यालय भी कंटेन्मेंट जोन में है और आने जाने के रास्ते सील है. बावजूद इसके यहां के शिक्षक जयप्रकाश विश्वविद्यालय और महाविद्यालय के प्राचार्य के फरमान से असमंजस में है.

प्राचार्य द्वारा शिक्षकों की उपस्थिति को अनिवार्य किया गया है. जबकि महाविद्यालय के ही कई शिक्षक पूर्व से कोरोना संक्रमित है.

ऐसे में शिक्षकों को महाविद्यालय आने जाने में परेशानी हो रही है. साथ ही संक्रमण का खतरा भी बना हुआ है.

इसको लेकर शिक्षकों ने महाविद्यालय को कोरोना संक्रमण के मद्देनजर सार्थक कदम उठाने की मांग की है.

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पटना: बिहार सरकार ने नियोजित शिक्षकों के वेतन भुगतान के लिए राशि जारी कर दी है. नियोजित शिक्षकों को जनवरी माह से वेतन नहीं मिला है.

बिहार शिक्षा विभाग के उप सचिव ने वित्त विभाग के महालेखाकार को आज एक पत्र लिखकर माध्यमिक शिक्षक, उच्च माध्यमिक शिक्षक और पुस्तकालयाध्यक्षों के वेतन भुगतान के लिए 20 अरब 43 करोड़ 97 लाख 94 हजार 828 रुपये विमुक्त करने और इसके व्यय की स्वीकृति को लेकर मंजूरी मांगी है.

पत्र में लिखा गया है कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में राज्य के माध्यमिक शिक्षा के अन्तर्गत जिला परिषद और विभिन्न नगर निकायों के तहत स्वीकृत पद के विरूद्ध कार्यरत माध्यमिक शिक्षक, उच्च माध्यमिक शिक्षक और पुस्तकालयाध्यक्षों के वेतन भुगतान के लिए बीस अरब तेतालीस करोड़ सनतानवे लाख चौरानवे हजार आठ सौ अठाइस रुपये के सहायक अनुदान की स्वीकृति और वित्त विभाग की तरफ से 17 अप्रैल 1998 की कंडिका-2 में निहित चौमाही प्रतिशत बंधेज के शर्तों के अधीन राशि के विमुक्ति और खर्च से जुड़ी मंजूरी मांगी है.

उल्लेखनीय है कि बिहार के नियोजित शिक्षकों को जनवरी माह से वेतन नहीं मिला है, जबकि स्थायी शिक्षकों को वेतन समय से दिया जा रहा है. नियोजित शिक्षकों का दो साल से एरियर भी बकाया है. वह भी सरकार नहीं दे रही है. एरियर की रकम भी डेढ़ से दो लाख के बीच हो गई है. दूसरी तरफ उन्हें कोरोना काल में 33 फीसदी हाजिरी भी बनानी पड़ रही है.

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पटना: बिहार सरकार ने नियोजित शिक्षकों के वेतन भुगतान के लिए राशि जारी कर दी है। नियोजित शिक्षकों को जनवरी माह से वेतन नहीं मिला है।

बिहार शिक्षा विभाग के उप सचिव ने वित्त विभाग के महालेखाकार को आज एक पत्र लिखकर माध्यमिक शिक्षक, उच्च माध्यमिक शिक्षक और पुस्तकालयाध्यक्षों के वेतन भुगतान के लिए 20 अरब 43 करोड़ 97 लाख 94 हजार 828 रुपये विमुक्त करने और इसके व्यय की स्वीकृति को लेकर मंजूरी मांगी है।

पत्र में लिखा गया है कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में राज्य के माध्यमिक शिक्षा के अन्तर्गत जिला परिषद और विभिन्न नगर निकायों के तहत स्वीकृत पद के विरूद्ध कार्यरत माध्यमिक शिक्षक, उच्च माध्यमिक शिक्षक और पुस्तकालयाध्यक्षों के वेतन भुगतान के लिए बीस अरब तेतालीस करोड़ सनतानवे लाख चौरानवे हजार आठ सौ अठाइस रुपये के सहायक अनुदान की स्वीकृति और वित्त विभाग की तरफ से 17 अप्रैल 1998 की कंडिका-2 में निहित चौमाही प्रतिशत बंधेज के शर्तों के अधीन राशि के विमुक्ति और खर्च से जुड़ी मंजूरी मांगी है।

उल्लेखनीय है कि बिहार के नियोजित शिक्षकों को जनवरी माह से वेतन नहीं मिला है, जबकि स्थायी शिक्षकों को वेतन समय से दिया जा रहा है। नियोजित शिक्षकों का दो साल से एरियर भी बकाया है।वह भी सरकार नहीं दे रही है। एरियर की रकम भी डेढ़ से दो लाख के बीच हो गई है। दूसरी तरफ उन्हें कोरोना काल में 33 फीसदी हाजिरी भी बनानी पड़ रही है।

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Patna: बिहार में कोरोना से लगातार खराब होते हालात को देखते हुए शिक्षा विभाग ने गुरूवार को एक नया आदेश जारी किया है. विभाग ने राज्य के सभी स्कूल और काॅलेज को बंद रखने के साथ – साथ सभी परीक्षाओं को स्थगित कर दिया है. इसके अलावा कोचिंग को भी बंद रखने का आदेश दिया है. बिहार सरकार की ओर से जारी आदेश के अनुसार बिहार के सभी सरकारी और निजी स्कूलों, काॅलेजों और कोचिंग संस्थानों को 15 मई तक बंद कर दिया गया है. विभाग ने स्कूल और काॅलेज की सभी परीक्षाओं को भी स्थगित कर दिया है. इससे पूर्व कहा गया था कि पहले की निर्धारित सभी परीक्षाएं ली जा सकती हैं और स्कूल और काॅलेज में 33 प्रतिशत उपस्थिति के साथ शिक्षक बारी से बारी से आते रहेंगे.

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार की ओर से गुरुवार को जारी आदेश के अनुसार यह आदेश प्रतियोगिता परीक्षा लेने वाले आयोगों या समिति पर लागू नहीं होगा. बिहार लोक सेवा आयोग, बिहार कर्मचारी चयन आयोग, बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग, बिहार विद्यालय परीक्षा समिति इस आदेश से बाहर रहेंगे.

इसके अलावा केंद्रीय चयन पर्षद पर भी शिक्षा विभाग के ये आदेश लागू नहीं होंगे।ऑन लाइन शैक्षणिक कार्यक्रम पहले की तरह चलते रहेंगे.

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार की ओर से जारी पत्र में स्पष्ट किया गया है कि सभी स्कूल, कॉलेज, कोचिंग संस्थान और अन्य शैक्षणिक संस्थान 15 मई 2021 तक बंद रहेंगे. इस अवधि में राज्य सरकार के विद्यालय और विश्वविद्यालय द्वारा किसी भी तरह की परीक्षाएं नहीं ली जाएंगी. बिहार लोक सेवा आयोग, बिहार कर्मचारी चयन आयोग, बिहार तकनीकी चयन आयोग, केन्द्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती), बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग और बिहार विद्यालय परीक्षा समिति पर यह लागू नहीं होगा. ऑन लाइन शैक्षणिक कार्यक्रम पहले की तरह चलते रहेंगे.

प्राथमिक विद्यालयों में जहां दो शिक्षक हैं, वहां बारी-बारी से शिक्षक विद्यालय में उपस्थिति रहेंगे और जहां दो से अधिक शिक्षक पदस्थापित हैं, वहां प्रतिदिन बारी-बारी से 33 प्रतिशत उपस्थित रहेंगे.

मध्य विद्यालय, माध्यमिक या उच्च माध्यमिक विद्यालयों के संदर्भ में प्रधानाध्यापक या प्रभारी प्रधानाध्यापक प्रतिदिन उपस्थित रहेंगे और शेष शिक्षक या शिक्षकेत्तर कर्मी प्रतिदिन बारी-बारी से 33 प्रतिशत उपस्थित रहेंगे.

विश्वविद्यालय या महाविद्यालय के संदर्भ में सह प्राध्यापक, प्राध्यापक और उनके समकक्ष स्तर व ऊपर के सभी पदाधिकारी प्रतिदिन उपस्थित रहेंगे और सहायक प्राध्यापक व उनके समकक्ष पदाधिकारी व उनके न्यून सभी पदाधिकारी व कर्मी बारी-बारी से प्रतिदिन 33 प्रतिशत उपस्थित रहेंगे.

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Chhapra: निदेशक प्रशासन सह अपर सचिव सुशील कुमार द्वारा सारण प्रमण्डल के क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक का पद गोपालगंज के जिला शिक्षा पदाधिकारी नसीम अहमद को अतिरिक्त प्रभार दिया गया है.

गुरुवार को निदेशक द्वारा इस आशय से सम्बंधित पत्र जारी किया गया. जारी पत्र में कहा गया है कि नसीम अहमद, जिला शिक्षा सपदाधिकारी, गोपालगंज को अपने कार्यों के अतिरिक्त क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक, सारण प्रमण्डल, छपरा के रिक्त पद का अतिरिक्त प्रभार (वित्तीय अधिकार सहित) दिया जाता है. क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक, सारण प्रमण्डल, छपरा के पद पर नियमित पदस्थापन या अन्य वैकल्पिक व्यवस्था होने पर यह स्वतः समाप्त समझी जायेगी. इस आदेश पर माननीय मंत्री, शिक्षा विभाग, बिहार, पटना का अनुमोदन प्राप्त है.

बताते चले कि सारण प्रमण्डल के क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक के पद पर कार्यरत पदाधिकारी के सेवा निवृत्त होने के पश्चात सारण के जिला शिक्षा पदाधिकारी अजय कुमार सिंह उक्त पद के अतिरिक्त प्रभार में थे.

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कोरोना वायरस महामारी के खतरे को देखते हुए काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशंस यानी कि CISCE ने कक्षा 10वीं की परीक्षाएं रद्द कर दी है.कक्षा 12वीं की परीक्षाएं पिछले आदेश के हिसाब से ही होंगी. वहीं 12वीं की परीक्षाएं ऑफलाइन ही होंगी.

बता दें कि पहले 10वीं के छात्रों की परीक्षा वैकल्पिक रखी गई थी.  गौरतलब है कि आईसीएसई की 10वीं की बोर्ड की परीक्षा 4 मई से शुरू होनी थी. इससे पहले ICSE बोर्ड द्वारा 12वीं की परीक्षा स्थगित की जा चुकी हैं. बोर्ड ने कहा था कि स्थिति की समीक्षा के बाद 12वीं की परीक्षा की नई तारीखों का ऐलान किया जाएगा. जानकारी के मुताबिक जून में परीक्षा की नई तारीखों का ऐलान किया जा सकता है.

दरअसल, CBSE द्वारा 10वीं की परीक्षा रद्द करने व 12वीं की परीक्षा स्थगित करने के बाद अब CISCE की ओर से ICSE (10वीं) को कैंसिल और ISC (12वीं) की बोर्ड परीक्षाओं को स्थगित कर दिया गया है. CISCE के मुख्य कार्यकारी और सचिव जी एराथून ने इस बाबत जानकारी दी है.

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Chhapra: कोरोना के संक्रमण को देखते हुए सभी शैक्षणिक संस्थानों में 33% कर्मियों के साथ शिक्षक कार्य करेंगे. इस आशय से संबंधित पत्र शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार द्वारा बुधवार को जारी किया गया.

जारी पत्र के आलोक में जिला शिक्षा पदाधिकारी अजय कुमार सिंह द्वारा भी सारण जिले में सभी अवस्थित सरकारी एवं निजी शैक्षणिक संस्थानों को दिनांक 18 अप्रैल तक बंद रखने के साथ-साथ उसमें कार्यरत शिक्षकेतर कर्मी, शिक्षक की उपस्थिति को लेकर दिशा निर्देश जारी किया गया है.

जारी पत्र के आलोक में कहा गया है कि बिहार राज्य अंतर्गत स्थित सभी सरकारी एवं निजी विद्यालय, महाविद्यालय, कोचिंग संस्थान को 18 अप्रैल तक बंद रखने का निर्णय संसूचित किया गया था.

इस संदर्भ में स्पष्ट दिशानिर्देश देते हुए प्रारंभिक विद्यालयों में 2 शिक्षक होने पर बारी बारी से शिक्षकों के विद्यालय में उपस्थित रहने तथा 2 से अधिक शिक्षक पदस्थापित होने पर वहां प्रतिदिन बारी-बारी से 33% शिक्षक के उपस्थित रहने तथा मध्य विद्यालय, माध्यमिक विद्यालय, उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक एवं प्रभारी प्रधानाध्यापक प्रतिदिन उपस्थित रहने तथा शेष शिक्षक शिक्षकेतर कर्मी को प्रतिदिन बारी बारी से 33% उपस्थित रहने का दिशानिर्देश जारी किया गया है.

वही विश्वविद्यालय, महाविद्यालय के संदर्भ में सह प्राध्यापक, प्राध्यापक एवं उनके समकक्ष स्तर एवं ऊपर के सभी पदाधिकारी की प्रतिदिन उपस्थिति तथा सहायक प्राध्यापक एवं उनके समकक्ष पदाधिकारी एवं उनसे न्यून सभी पदाधिकारी एवं कर्मी बारी-बारी से प्रतिदिन 33% उपस्थित रहने का निर्देश जारी करते हुए इसके अनुपालन सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया है.

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नई दिल्ली: कोरोना के तेजी से बढ़ते मामलों के बीच केंद्र सरकार ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की दसवीं कक्षा की परीक्षांए रद्द कर दी हैं और 12 वीं कक्षा की परीक्षा को फिलहाल स्थगित कर दिया है। एक जून को समीक्षा बैठक के बाद 12वीं कक्षा की परीक्षा को लेकर कोई फैसला किया जाएगा.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को  हुई शिक्षा मंत्रियों की बैठक में यह निर्णय किया गया. मोदी के साथ वर्चुअल माध्यम से हुई इस बैठक में केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के साथ ही राज्यों के शिक्षा मंत्री शामिल रहे.

प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक में कहा कि कोेरोना के बढ़ते तेज संक्रमण के कारण परीक्षाओं को टालना जरूरी है क्यों कि छात्र तनाव में है और उनको राहत देना आवश्यक है। उन्होंने शिक्षा मंत्रियों से अपील की कि वह इस मुश्किल वक्त में बच्चों की मदद करें।

बैठक के बाद शिक्षामंत्री पोखरियाल ने अधिकारियों के साथ भी बैठक की। बैठक में तय हुआ कि सीबीएसई 10वीं कक्षा की परीक्षाएं रद्द कर दी जाएं औऱ 12वीं की परीक्षा फिलहाल टाल दी जाए।केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ने कहा  कि कक्षा 10वीं के छात्रों को आतंरिक मूल्यांकन के आधार पर अगली कक्षा में भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि सीबीएसई मापदंड के आधार पर छात्रों का मूल्यांकन किया जाएगा। अगर कोई छात्र मूल्यांकन से संतुष्ट नहीं होगा तो वो हालात सामान्य होने पर परीक्षा दे सकता है। जबकि 12वीं की परीक्षा पर एक जून की बैठक में निर्णय किया जाएगा।

परीक्षा शुरू होने से पहले कम से कम 15 दिन पहले इसकी जानकारी छात्रों को दी जाएगी।

उल्लेखनीय है कि सीबीएसई की  परीक्षाएं 4 मई से शुरू होकर 10 जून तक संपन्न होनी थी। जबकि बोर्ड परीक्षाओं के नतीजे15 जुलाई तक घोषित करने का ऐलान किया गया था।  सीबीएसई द्वारा दोनों कक्षाओं के परीक्षा कार्यक्रम घोषित कर दिए गए थे।विपक्षी दलों द्वारा कोरोना के तेज संक्रमण के कारण केंद्र सरकार से सीबीएसई की परीक्षाएं रद्द करने की मांग कर रहे थे।

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Chhapra: जयप्रकाश विश्वविद्यालय द्वारा स्नातक प्रथम वर्ष में नामांकन को लेकर चौथी सूची जारी की गई है. स्नातक प्रथम वर्ष में नामांकन को लेकर भरे गए नामांकन पत्र के आधार पर छात्र अपना सूची में नाम देख सकते हैं.

विश्वविद्यालय द्वारा अपने वेबसाइट के माध्यम से छात्रों की सूची जारी की गयी है. छात्र अपने आवेदन संख्या को दर्ज कर अपना नाम सूची में देख सकते हैं.

इस लिंक पर जाकर छात्र अपना नाम चेक कर सकते है.
https://jpvadmission.org/ug-allotment-search

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Chhapra: रविवार को प्राइवेट स्कूल ऐंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन की वर्चुअल बैठक की गई.  इस बैठक में स्कूल संचालकों ने निर्णय लिया  कि बिहार सरकार के आदेश और कोरोना संक्रमण के तेजी से विस्तार को देखते हुए जिला के सभी प्राइवेट स्कूल 18 अप्रैल तक बन्द रहेंगे. परन्तु इस अवधि में स्कूल कार्यालय खुले रहेंगे और नामांकन तथा कार्यालय सम्बंधित अन्य कार्य किए जाएंगे.

अध्यक्ष सीमा सिंह ने कहा कि इस अवधि में स्कूल ऑनलाइन वर्गों का संचालन करेंगे. ऑनलाइन वर्ग संचालन की व्यवस्था के लिए अभिभावक स्कूल कार्यालय से सम्पर्क स्थापित करेंगे. सीमा सिंह ने कहा कि  विकट परिस्थितियों में प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने सरकार से ये मांग की है कि बी पी एल कोटा के अंतर्गत शिक्षित किए जा रहे बच्चों के बकाए राशि का भुगतान सरकार यथाशीघ्र करें. वहीं महामारी में आर्थिक रूप से कमजोर विद्यालयों और उनके शिक्षको और कर्मचारियों की दयनीय स्थिति को देखते हुए सरकार महामारी कल्याण कोष और मुख्यमंत्री कल्याण कोष से अविलंब अनुदान की व्यवस्था करें.

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