नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की 12वीं की परीक्षा रद्द होने की घोषणा के बाद, काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (सीआईएससीई) ने मंगलवार को इस साल के लिए अपनी आईएससी परीक्षाएं रद्द कर दी हैं।

काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन ने कहा कि शैक्षणिक वर्ष 2020-21 के लिए कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं रद्द कर दी गई हैं। छात्रों के लिए मूल्यांकन मानदंड जल्द ही जारी किए जाएंगे। हालांकि, आईएससी कक्षा 12 के परिणामों से संतुष्ट नहीं होने वाले छात्रों को बाद की तारीख में परीक्षाओं में बैठने का अवसर दिया जाएगा।

सीबीएसई 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं रद्द

सीआईएससीई के मुख्य कार्यकारी गेरी अराथून ने बताया कि कक्षा 12 के छात्रों का मूल्यांकन अब एक वैकल्पिक योजना के माध्यम से किया जाएगा। उन्होंने कहा, “इसका ब्योरा जल्द ही तैयार किया जाएगा और आपके लिए उपलब्ध होगा।”

इससे पहले आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में राज्यों और संबंधित पक्षों की राय को ध्यान में रखते हुए सरकार ने कोरोना के चुनौतीपूर्ण माहौल में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 12वीं कक्षा की परीक्षाओं को रद्द करने का निर्णय लिया था।

उल्लेखनीय है कि सीआईएससीई दो बोर्ड् से मिलकर बना है। इसमें 10वीं कक्षा की परीक्षा आईसीएसई बोर्ड और 12वीं कक्षा की आईएससी बोर्ड के अंतर्गत होती हैं। बोर्ड 10वीं की परीक्षाएं अप्रैल में ही रद्द कर चुका है।

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नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने मंगलवार को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की 12वीं कक्षा की परीक्षाओं को रद्द करने की घोषणा कर दी।

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में 12वीं कक्षा की परीक्षाओं के आयोजन को लेकर एक अहम बैठक हुई। बैठक में प्रधानमंत्री को बोर्ड परीक्षाओं के संबंध में अधिकारियों ने अब तक हुए व्यापक विचार विमर्श और राज्य सरकारों सहित सभी हितधारकों से प्राप्त विचारों पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी।

बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि पिछले साल की तरह, यदि कुछ छात्र परीक्षा देने की इच्छा रखते हैं, तो स्थिति अनुकूल होने पर उन्हें सीबीएसई द्वारा ऐसा विकल्प प्रदान किया जाएगा।

कोविड-19 के कारण अनिश्चित परिस्थितियों और विभिन्न हितधारकों से प्राप्त प्रतिक्रिया को देखते हुए यह निर्णय लिया गया कि इस वर्ष 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा आयोजित नहीं की जाएगी। यह भी निर्णय लिया गया कि छात्रों के परिणामों को एक अच्छी तरह से परिभाषित उद्देश्य मानदंड के अनुसार समयबद्ध तरीके से संकलित करने के लिए कदम उठाए जाएंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सीबीएसई की 12वीं की परीक्षा पर फैसला छात्रों के हित में लिया गया है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 ने अकादमिक कैलेंडर को प्रभावित किया है और बोर्ड परीक्षाओं का मुद्दा छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों के बीच अत्यधिक चिंता पैदा कर रहा है, जिसे समाप्त किया जाना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश भर में कोविड की एक गतिशील स्थिति है। जबकि देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या कम हो रही है और कुछ राज्य प्रभावी सूक्ष्म-नियंत्रण के माध्यम से स्थिति का प्रबंधन कर रहे हैं, कुछ राज्यों ने अभी भी लॉकडाउन का विकल्प चुना है। ऐसे में छात्रों के स्वास्थ्य को लेकर छात्र, अभिभावक और शिक्षक स्वाभाविक रूप से चिंतित हैं। पीएम ने कहा कि ऐसी तनावपूर्ण स्थिति में छात्रों को परीक्षा में बैठने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि हमारे छात्रों के स्वास्थ्य और सुरक्षा का अत्यधिक महत्व है और इस पहलू पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आज के समय में इस तरह की परीक्षाएं हमारे युवाओं को जोखिम में डालने का कारण नहीं हो सकती हैं।

व्यापक परामर्श प्रक्रिया का उल्लेख करते हुए, प्रधानमंत्री ने सराहना की कि भारत के कोने-कोने से सभी हितधारकों से परामर्श करने के बाद एक छात्र हितैषी निर्णय लिया गया है। उन्होंने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देने के लिए राज्यों को भी धन्यवाद दिया।

आज की बैठक में केंद्रीय गृह अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी और प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, कैबिनेट सचिव और स्कूली शिक्षा और उच्च शिक्षा विभागों के सचिव और अन्य अधिकारियों ने भाग लिया।

उल्लेखनीय है कि इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में 23 मई को राज्यों के साथ हुई बैठक में परीक्षाओं को लेकर कोई निर्णय नहीं होने पर केंद्र ने राज्यों को 25 मई तक सीबीएसई की लंबित 12वीं कक्षा और अन्य व्यावसायिक पाठ्यक्रमों की प्रवेश परीक्षाओं के संबंध में विस्तृत सुझाव लिखित में मांगे थे।

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Chhapra: सारण जिला किशोरावस्था शिक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत मंगलवार को उच्च विद्यालय जलालपुर बाजार, राजपूत उच्च विद्यालय छपरा, जनता उच्च विद्यालय रामपुर बिरभान के लगभग 30 छात्र-छात्राओं के बीच लॉकडाउन में एक तरंग सत्र का आयोजन ऑनलाइन वेबीनार का आयोजन किया गया.

यह आयोजन सेंटर लाइन कैटालाइजिंग चेंज नई दिल्ली एवं राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद पटना के द्वारा संचालन किया गया. कार्यक्रम में संजय कुमार सिंह, अल्पन कुमार सिन्हा एवं संदीप कुमार ओझा उपस्थित थे और इंटरनेट का उपयोग एवं इसके दुष्परिणाम के बारे में बताया गया.

मास्टर ट्रेनर सुनील कुमार ने सत्र का संचालन एवं रवीना कुमारी ने सत्र का समापन किया. इसी सत्र में सर्वप्रथम इंटरनेट का उपयोग करते हैं कि नहीं अगर करते हैं तो किस रूप में करते हैं. आप इंटरनेट मोबाइल फोन या तो कंप्यूटर पर आपका स्वयं है. छात्र-छात्राओं को उपयोग करने से लाभ की जानकारी दी गई.

वेबीनार में इंटरनेट के उपयोग करने से क्या-क्या लाभ हैं इसके बारे में बारी बारी से छात्र छात्राओं को बताने एवं उसे जानने का प्रयास किया गया. इसके बाद इसके दुष्परिणाम इंटरनेट का प्रयोग करते हैं तो क्या-क्या परेशानी का सामना करना पड़ सकता है उसके बारे में बारी-बारी से समझाने का प्रयास किया गया.

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नई दिल्ली। कोरोना महामारी के मद्देनजर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) ने इंजीनियरिंग संकाय में प्रवेश के लिए प्रस्तावित संयुक्त प्रवेश परीक्षा जेईई (एडवांस्ड)-2021 को फिलहाल स्थगित कर दिया है। 

जेईई (एडवांस्ड) की आधिकारिक वेबसाइट पर बुधवार को इस संबंध में जानकारियां साझा की गई हैं। इसमें कहा गया है कि महामारी की स्थिति को देखते हुए जेईई (एडवांस्ड)-2021 को स्थगित किया जाता है। यह परीक्षा 3 जुलाई 2021 को निर्धारित थी। प्रवेश परीक्षा की अगली तारीख की घोषणा बाद में की जाएगी। 
ज्ञात हो कि इससे पहले आठ जनवरी को जारी नोटिस के अनुसार, इंजीनियरिंग संकाय में दाखिले के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा जेईई (एडवांस्ड)-2021 परीक्षा 3 जुलाई को निर्धारित की गई थी। 
उल्लेखनीय है कि जेईई मेंस में उत्तीर्ण होने वाले छात्र जेईई एडवांस्ड में आवेदन करने के पात्र होते हैं। राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी ने कोविड-19 के कारण जेईई (मेंस) की अप्रैल और मई सत्र की परीक्षा स्थगित कर दी थी।

इनपुट हिन्दुस्थान समाचार
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Chhapra: बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर जय प्रकाश विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर फारूक अली ने महात्मा बुद्ध के चित्र पर माल्यार्पण किए और कहा कि महात्मा बुद्ध की शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक है.
महात्मा बुद्ध के अपरिग्रह सिद्धांत के विषय मे कुलपति महोदय प्रोफेसर फारूक अली ने बताया कि जिसको संग्रह ना करने की आदत आ गई, तो समझ लीजिए कि उसके जीवन में बहुत बङा परिवर्तन आ गया.
महात्मा बुद्ध ने अपने व्यवहार से तत्कालीन समाज को जोड़कर ना केवल अपने देश अन्य कई देशों मे बौद्ध धर्म का प्रचार प्रसार किया.

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Chhapra: जयप्रकाश विश्वविद्यालय के 26वें कुलसचिव के रूप में डॉ रवि प्रकाश बबलू ने सोमवार को कार्यभार संभाल लिया.

कार्यभार संभालने के बाद छपरा टुडे डॉट कॉम से बातचीत में उन्होंने कहा कि पहली और सर्वोच्च प्राथमिकता विश्वविद्यालय का सर्वांगीण विकास के लिए तत्पर रहते हुए छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों के हित में सभी विधि सम्मत कार्यों को पूरी निष्ठा के साथ करने का प्रयास करूंगा.

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उन्होंने कहा कि मेरे पिछले कार्यकाल में लोकनायक जयप्रकाश नारायण के विचारों को लोगों तक पहुंचाने के लिए उनके नाम पर अध्ययन केंद्र का उद्धाटन हुआ था, जिसका कार्य विगत दिनों रुका हुआ है उसे आगे बढ़ाया जाएगा.

कुलसचिव ने कहा कि छात्रों के हित में बिहार विश्वविद्यालय अधिनियम के प्रावधानों और कुलाधिपति के निर्देशों के अनुसार नए महाविद्यालयों को खोलने की अनुमति देने का भी सकारात्मक प्रयास प्राथमिकता होगी ताकि छात्रों को नामांकन में सीटों की कमी की परेशानी ना आये.

बता दें कि डॉ आरपी बबलू एचआर कॉलेज मैरवा के दर्शनशास्त्र विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर है. वे तीसरी बार जयप्रकाश विश्वविद्यालय के कुलसचिव बनाये गए है.

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– राजनाथ की अध्यक्षता में राज्यों के शिक्षा मंत्रियों के साथ बैठक में नहीं निकला हल

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने राज्यों से 25 मई तक केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की लंबित 12वीं कक्षा और अन्य व्यावसायिक पाठ्यक्रमों की प्रवेश परीक्षाओं के संबंध में सुझाव मांगे हैं। केंद्र ने राज्यों को परीक्षाओं को लेकर दो विकल्प दिए हैं। बैठक में अधिकांश राज्यों ने परीक्षा का समर्थन किया जबकि दिल्ली और महाराष्ट्र सरकार ने कहा कि वो किसी भी परीक्षा के पक्ष में नहीं हैं।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में राज्यों के साथ हुई बैठक के बाद केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने कहा कि जैसा कि प्रधानमंत्री ने कल्पना की थी, बैठक अत्यंत उपयोगी रही क्योंकि हमें अत्यधिक मूल्यवान सुझाव प्राप्त हुए हैं। मैंने राज्य सरकारों से 25 मई तक अपने विस्तृत सुझाव मुझे भेजने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों और छात्रों की सुरक्षा और भविष्य हमारे लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा कि छात्रों के मन में अनिश्चितता को दूर करने के लिए 12वीं कक्षा की लंबित बोर्ड परीक्षाओं पर निर्णय जल्द से जल्द लिया जाए। मुझे विश्वास है कि हम कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के संबंध में एक सूचित, सहयोगात्मक निर्णय पर पहुंचने में सक्षम होंगे और अपने अंतिम निर्णय के बारे में उन्हें जल्द से जल्द सूचित करके छात्रों और अभिभावकों के मन की अनिश्चितता को दूर करेंगे।

बैठक में केंद्र ने 12वीं कक्षा की परीक्षा को लेकर राज्यों के सामने दो विकल्प रखे हैं पहला, यह कि कक्षा 12वीं के छात्रों के लिए केवल कुछ चुनिंदा प्रमुख विषयों की परीक्षा ली जाएं। दूसरा विकल्प, छात्रों के स्कूलों में ही उनसे केवल वस्तुनिष्ठ प्रश्न वाली परीक्षा ली जाएं। केंद्र सरकार ने राज्यों को संबंधित राज्यों में मौजूदा स्थितियों के अनुसार परीक्षा आयोजित करने की छूट दी है। सरकारी सूत्रों के मुताबिक अंडरग्रेजुएट इंजीनियरिंग कोर्स (जेईई मेन) और मेडिसिन (नीट) की प्रमुख प्रवेश परीक्षाएं भी होंगी।

सूत्रों के अनुसार, सीबीएसई 1 जून को 12वीं कक्षा की परीक्षा तिथियों की घोषणा करेगा। सीबीएसई ने जून के आखिरी हफ़्ते में परीक्षा करवाने का संकेत दिया है।  

वर्चुअल माध्यम से आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के शिक्षा मंक्षी, शिक्षा सचिव और राज्य परीक्षा बोर्डों के अध्यक्ष, केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’,  केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी और केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर भी जुड़े।

 

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Chhapra प्रख्यात पर्यावरणविद सुन्दर लाल बहुगुणा के निधन पर जयप्रकाश विश्वविद्यालय के कुलपति ने शोक संवेदना प्रकट की है.

कुलपति प्रो फारूक अली ने बहुगुणा की मृत्यु पर अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि हमने अपने एक महान पर्यावरणविद को खो दिया. उन्होंने कहा कि गंगोत्री से गंगासागर तक जब बहुगुणा जी साइकिल से यात्रा कर रहे थे उस समय भागलपुर में मैने ही व्यवस्थापक का कार्य किया था और वहां पर बहुगुणाजी के साथ रहने पर बहुत कुछ सीखने का मौका मिला.

कोरोना, प्रकृति के साथ छेड़छाड़ करने का ही परिणाम है. अब भी हम सबको सबक लेकर अपने में सुधार कर लेना होगा नहीं तो और गंभीर परिणाम भुगतना होगा. प्रकृति से प्रेम रखते हुए जल, जमीन, जंगल, जानवर और जन के बीच सामंजस्य स्थापित करना होगा. नहीं तो मानव अस्तित्व ही समाप्त हो जायेगा. हमें बहुगुणा जी के सिद्धांत से सीख लेनी होगी.

सीसीडीसी प्रोफेसर हरिश्चंद्र, डॉक्टर आर पी श्रीवास्तव, आई ओ सी, डॉक्टर सरफराज अहमद ने भी अपनी शोक संवेदना व्यक्त किया. सी सीडीसी प्रो हरिश्चंद्र ने कहा कि हमने ना केवल चिपको आन्दोलन के एक समाज-सुधारक को खोया है. वरन एक सच्चे इंसान को भी खो दिया है.

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नई दिल्ली: राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसन्धान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने “आम की टोकरी” कविता को लेकर छिड़े विवाद पर शुक्रवार को स्पष्ट किया कि बच्चों को रुचिपूर्ण ढंग से स्थानीय भाषाओं की शब्दावली से अवगत कराने के उद्देश्य से ये कविताएं शामिल की गई हैं।  

एनसीईआरटी ने बयान जारी कर कहा, एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तक में दी गई कविताओं के संदर्भ में: एन.सी.एफ-2005 के परिप्रेक्ष्य में स्थानीय भाषाओं की शब्दावली को बच्चों तक पहुँचाने के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए ये कविताएं शामिल की गई हैं ताकि सीखना रुचिपूर्ण हो सके।

बयान के अनुसार, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के परिप्रेक्ष्य में  नई राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा के निर्माण की प्रक्रिया आरंभ हो चुकी है। इसी पाठ्यचर्या की रूपरेखा के आधार पर भविष्य में पाठ्यपुस्तकों का निर्माण किया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि एनसीईआरटी की पहली कक्षा की हिंदी की किताब में “आम की टोकरी” कविता में छह साल की लड़की को आम बेंचते हुए दिखाया गया है। इसमें लड़की के लिए ‘छोकरी’ शब्द का प्रयोग किया है। सोशल मीडिया पर लोग इसे लड़कियों के लिए अपमानजनक भाषा के तौर पर देख रहे हैं। वहीं कुछ लोगों का मानना है कि यह कविता बाल मजदूरी को बढ़ावा देती है। वह सभी इस कविता को एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम से हटाने की मांग कर रहे हैं।

असल में यह विवाद गुरुवार को 2009 बैच के छत्तीसगढ़ काडर के आईएएस अधिकारी अवनीश शरन के ट्वीट के बाद शुरु हुआ। शरन ने कविता की प्रति को ट्विटर पर साझा करते हुए इसे सड़क छाप साहित्य की संज्ञा देते हुए पाठ्यक्रम से हटाने की मांग की थी।

 

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Chhapra: जयप्रकाश विश्वविद्यालय के एचआर कॉलेज मैरवा के दर्शनशास्त्र विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ आरपी बबलू को जेपीयू का नया कुलसचिव बनाया गया है.

राजभवन द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि वीरकुंवर सिंह विश्वविद्यालय, आरा के कुलसचिव कर्नल श्याम नंदन झा जो जेपीयू के कुलसचिव के अतिरिक्त प्रभार में थे के तीन साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद विश्वविद्यालय के शैक्षणिक और प्रशासनिक हित में डॉ आरपी बबलू को कुलसचिव के पद पर तत्काल प्रभाव से नियुक्त किया गया है.

दूसरी ओर डॉ आरपी बबलू ने कुलसचिव पद का पदभार ग्रहण कर लिया है.

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पटना: बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) ने 66वीं संयुक्त मुख्य लिखित परीक्षा स्थगित कर दी है। इस संबंध में आयोग के संयुक्त सचिव सह परीक्षा नियंत्रक की ओर से सोमवार को पत्र जारी किया गया है।

बिहार लोक सेवा आयोग की 66वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा की संभावित तिथि 04 जून, 05 जून और 08 जून निर्धारित की गयी थी लेकिन कोविड-19 संक्रमण के कारण उक्त तिथि को आयोजित परीक्षा स्थगित कर दी गयी। आयोग के अनुसार उक्त परीक्षा के आयोजन के तिथि की घोषणा बाद में की जायेगी।

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Chhapra: बिहार में लगे लॉक डाउन की वजह से सभी शिक्षण संस्थान बन्द हैं. ऐसे में छपरा के शारदा क्लासेज द्वारा 19 मई से 11 वीं का ऑनलाइन बैच शुरू करेगा. इसको लेकर संस्था के निदेशक सिद्धार्थ सिंह ने बताया की देशव्यापी कोरोना की दूसरी लहर से छात्रों की पढाई पे प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है. लेकिन इस मुश्किल समय में भी छात्रों की पढाई को रोका नहीं जा सकता. इसलिए संस्था ने ऑनलाइन माध्यम से हीं नयी बैच को चालू करने का निर्णय लिया है.

उन्होंने बताया कि सभी क्लासेज जूम प्लेटफॉर्म पे आयोजित की जायेंगी. यहां शिक्षक और छात्र एक दूसरे से लाइव वीडियो के माध्यम  से जुड़ेंगे और क्लास रुम की तरह ही वार्तालाप कर पायेंगे. वहीं छात्रों के मन में आने वाले डाउट्स को भी शिक्षक उसी समय हल कर देंगे. होमवर्क और टेस्टस भी इसी तरह ऑनलाइन आयोजित किये जायेंगे.

पिछले साल ऑनलाइन पढ़ाई कर आईआईटी में छात्रों ने पाई थी सफलता

लॉक डाउन के प्रतिबंध हटने के बाद छात्र संस्था मे आ के पढाई करेंगे. वहीं  निदेशक वसुमित्र सिंह ने बताया की पिछ्ले साल के लॉक डाउन मे भी संस्था के छात्रों ने शिक्षकों के मार्गदर्शन मे ऐसे हीं पढाई की थी और आपदा के समय में भी शानदार प्रदर्शन किया था. जब पूरे देश के छात्रों की पढाई बाधित हुई थी उस समय भी शारदा क्लसेज के छात्रों ने आई आई टी  की परीक्षा मे सफल हो के देश के प्रसिद्ध कॉलेजों में स्थान प्राप्त किया था. संस्था के दो छात्र दिवाकर तथा प्रीती ने जे ई ई मेन की परीक्षा मे 99.5 परसेंटाइल प्राप्त किया था तथा कशिश ने बोर्ड एग्ज़ाम मे 97•2 परसेन्ट ला कर पूरे छपरा जिले मे सबसे पहला स्थान प्राप्त किया था. गौरतलब है कि संस्था मे पहले से हीं वर्ग 9, 10, और 12 के छात्र ऑनलाइन पढाई कर रहे हैं और लॉक डाउन मे भी अपने करीयर को सही दिशा दे रहे हैं.

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