छपरा: धनतेरस पर सभी स्वर्ण आभूषण और बर्तनों की खरीददारी जमकर कर रहे है. जिससे की उनके घर खुशहाली आये. लेकिन धनतेरस पर विगत कुछ वर्षो से झाड़ू खरीदने की परंपरा काफी प्रचलन में है. माँ लक्ष्मी को खुश करने के लिए साथ ही साथ घर में सुख, शांति और सद्भाव को लेकर सभी झाड़ू खरीदना कभी नही भूलते. शुक्रवार को शहर के मुख्य बाजार मौना चौक पर झाड़ू दुकान की दुकानों में लोगों की अप्रत्याशित भीड़ थी. इसके अलावे इस अवसर को ध्यान में रखकर कई दुकानदारों ने तो मोहल्लों में ठेले पर झाड़ू बेचना शुरू कर दिया था. बाजारों में इस वर्ष कई प्रकार के झाड़ू देखने को मिल रहे थे. सभी अपनी आवश्यकता अनुसार 10 रूपये से लेकर 200 रूपये तक के झाड़ू खरीद कर इस धनतेरस खुशिया घर ले जा रहे थे.

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छपरा: दिवाली पर सभी को अपने घर को बेहतरीन ढ़ंग से सजाने की होड़ होती है. शहर के सभी बाजारों में रंगबिरंगी लाइटों की दुकानों पर भीड़ देखी जा सकती है. बाहरी दीवारों पर लगाने के लिए राइस और एलइडी बल्ब की धूम है. इसके अलावा आंगन को सजाने के लिए रंगोली के स्टीकर, कैंडल, रंगबिरंगी लड़ियाँ को लोग खूब पसंद कर रहे है.

इस दिवाली फूलों की जगह प्लास्टिक के आकर्षक सजावटी फूलों और सामानों ने ले ली है. घर के दरवाजों पर लगाने के लिए इनकी काफी मांग है. इसके साथ ही डिजाइनर दीया और मोमबत्तियों का क्रेज भी दिख रहा है.

पारंपरिक दीयों के साथ साथ डिजाइनर दीये भी बाज़ार में धूम मचा रहे है. मिट्टी के पारंपरिक दीये जहाँ 50-80 रुपये सैकड़ा बिक रहा है. वही डिजाइनर दीये सौ रुपये दर्जन के हिसाब से बिक रहे है. बाज़ार में मोमबत्तियों का भी क्रेज है. मोम से बनी विभिन्न आकृति में बनी मूर्तियाँ लोगों को लुभा रही है.

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छपरा: शहर के मारूतिमानस मंदिर के प्रांगन में चल रहे हनुमज्जयंती समारोह के 49वें वार्षिक अधिवेशन में शुक्रवार से प्रवचनमाला की शुरुआत हो गयी. प्रवचन माला का उद्घाटन काशी के संत महामण्डलेश्वर श्री बालकदास जी महाराज ने किया.

जयंती समारोह में इस बार देश के विभिन्न राज्यों से आये ख्याति प्राप्त संतो के द्वारा प्रवचन दिया जायेगा. प्रवचन के लिए आने वाले प्रवचनकर्ताओं में रामभद्राचार्य जी (चित्रकूट), सुश्री प्रज्ञा भारती ‘पंछी देवी (हरदोई), भरतदास जी (वृन्दावन), श्रीमती हीरामणि (काशी), शिवकांत मिश्र ( काशी), वैराज्ञानंद परमहंस (खलीलाबाद), कृष्णा त्रिपाठी ‘रामायणी’ (काशी), योगेश पराशर (दिल्ली), विद्याभूषण कवि जी (छपरा) तथा शिववचन जी (आमी) शामिल है.

समारोह समिति द्वारा इस आयोजन को लेकर भव्य पंडाल का निर्माण कराया गया है. 11 दिनों तक चलने वाले इस भव्य समारोह में सारण के अलावा आसपास के जिले से भी हजारो श्रद्धालु सम्मिलित होते हैं. मंदिर के प्रांगन में मेला भी लगाया गया है. जहाँ विभिन्न तरह की धार्मिक, अध्यात्मिक पुस्तकों के साथ साथ अन्य सामानों की बिक्री हो रही है.

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छपरा: शहर का माहौल भक्तिमय हो चुका है. चारों तरफ वैदिक मंत्रो का उद्घोष हो रहा है. रामर्चा पूजन के साथ ही सारण जिले का सबसे वृहत धार्मिक आयोजन श्री हनुमज्जयंती समारोह का शुभारम्भ हो गया है. हनुमज्जयंती समारोह के 49वें वार्षिक अधिवेशन को सफल बनाने हेतु शहर के मारूति मानस मंदिर के प्रांगण में समारोह समिति द्वारा भव्य तैयारी की गई है. 11 दिनों तक चलने वाले इस भव्य समारोह में सारण के अलावा आसपास के जिले से भी हजारो श्रद्धालु सम्मिलित होते हैं.

हनुमज्जयंती समारोह समिति द्वारा शहर के विभिन्न चौक-चौराहों पर इस आयोजन के दौरान प्रतिदिन होने वाले  प्रवचन के प्रसार के लिए लाउडस्पीकर लगाया गया है.पूरा शहर वैदिक मंत्रोचार से भक्तिमय हो गया है. इस बार श्रोताओं को ख्याति प्राप्त संत-महात्माओं के प्रवचन से अभिभूत होने का अवसर प्राप्त होगा.

21 अक्टूबर से शुरू होगी प्रवचन माला

काशी के संत महामण्डलेश्वर श्री बालकदास जी महाराज द्वारा 21 अक्टूबर को दोपहर 3 बजे प्रवचन माला का उद्घाटन किया जाएगा. इस बार के आयोजन में कई ख्याति प्राप्त संतो ने सम्मिलित होने की स्वीकृत दे दी है. रामभद्राचार्य जी (चित्रकूट), सुश्री प्रज्ञा भारती ‘पंछी देवी (हरदोई), भरतदास जी (वृन्दावन), श्रीमती हीरामणि (काशी), शिवकांत मिश्र ( काशी), वैराज्ञानंद परमहंस (खलीलाबाद), कृष्णा त्रिपाठी ‘रामायणी’ (काशी), योगेश पराशर (दिल्ली), विद्याभूषण कवि जी (छपरा) तथा शिववचन जी (आमी) इस बार प्रवचन माला में अपने विचारों के माध्यम से श्रोताओं का मार्गदर्शन करेंगे.

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नई दिल्ली: सुहागिनों का त्योहार करवाचौथ आज है, इस दिन सुहागिनें अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं. पति की लंबी उम्र और अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए इस दिन चंद्रमा की पूजा की जाती है. चंद्रमा के साथ-साथ भगवान शिव, पार्वती जी, श्रीगणेश और कार्तिकेय की पूजा की जाती है. सुबह स्नान आदि ने निवृत्त होकर शाम के समय विविध विधान से पूजन कर चांद को अर्घ देंगी. चलनी से चांद का दीदार कर व्रत तोड़ेगीं.

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छपरा: शहर में प्रत्येक वर्ष आयोजित होने वाला हनुमज्जयंती समारोह का 49वाँ अधिवेशन आज से शुरू होगा. मारूति मानस मंदिर में जयंती समारोह का आयोजन 29 अक्तूबर तक चलेगा.

हनुमज्जयंती समारोह समारोह में देश के विभिन्न स्थानों से प्रवचनकर्ता पहुंचते है. प्रवचन माला का उद्घाटन 21 अक्तूबर को महामंडलेश्वर बालकदास जी महाराज के प्रवचन माला से होगा. hj

जयंती समारोह का शुभारम्भ आज से श्री रामार्चा पूजन एवं कथा के साथ होगा. शाम में संगीतमय भजन संध्या का आयोजन किया जायेगा.

समारोह में रामानंदाचार्य जी, चित्रकूट, बालकदास जी काशी, प्रज्ञा भारती गिरी (पंछी देवी), हरदोई, भारत दास जी, वृन्दावन, हीरामणि जी, शिवकांत मिश्र, काशी, वैराग्यानंद जी परमहंस, खलीलाबाद, कृष्णानंद त्रिपाठी, काशी, योगेश पराशर, दिल्ली, विद्याभूषण ‘कवि जी’, छपरा और शिववचन जी, अम्बिका स्थान से प्रवचन के लिए पहुंचेंगे. hjs

जयंती समारोह के बाद 30 अक्तूबर को हनुमान जी की शोभयात्रा निकाली जाएगी.

हनुमज्जयंती समारोह में प्रवचन सुनने के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ती है. इस दौरान शहर का वातावरण भक्तिमय हो जाता है.

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छपरा: देवी दुर्गा की उपासना का पर्व नवरात्रि का समापन आज नवमी पूजन के साथ होगा. नवमी के अवसर पर देवी मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ देखी जा रही है. नवमी रविवार रात 10.31 से शुरू हुई है जो सोमवार को रात 10.52 बजे तक रहेगी.

नवमी के अवसर पर कन्या पूजन और कन्या भोज का आयोजन किया जाता है. शहर के कोट देवी, धर्मनाथ मंदिर, बुढिया माता आदि मंदिरों में दर्शन-पूजन के लिए भक्तों की कतार देखी जा रही है. इस अवसर पर बलि प्रदान किया जाता है. हवन पूजन के साथ नवरात्रि का समापन होगा.  

रविवार को परंपरानुसार अष्टमी पूजन किया गया.

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छपरा: शहर के काली बाड़ी में बंगाली समुदाय के द्वारा स्थापित माँ दुर्गा का पट शुक्रवार को खुल गया. ढ़ोल, नगाड़े और शंख की ध्वनि के साथ पारंपरिक बंगाली रीति-रिवाज के अनुसार माँ का पट खुला. 

बंगाल से आये कारीगरों द्वारा माता की भव्य प्रतिमा का निर्माण किया गया है. बंगाल से आये पुरोहितों के द्वारा ही यहाँ पूजा-पाठ की जाती है.

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छपरा में रह रहे बंगाली समुदाय के लोगों के द्वारा लगभग सौ सालों से इस पूजा का आयोजन किया जाता है. यहाँ स्थापित मूर्ति अपने भव्यता से आकर्षण का केंद्र होती है. दूर-दूर लोग यहाँ स्थापित प्रतिमा को देखने के लिए पहुंचते है. सप्तमी से लेकर नवमी तक यहाँ विशेष आयोजन किये जाते है.

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छपरा: शहर के पश्चिमी छोर पर गुरुद्वारा में माता की प्रतिमा स्थापित की जाएगी. दुर्गा पूजा के मौके पर पूजा समिति के सदस्यों द्वारा रात दिन एक कर तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा हैं.

समिति के अध्यक्ष शैलेंद्र राय ने बताया कि इस बार माता की प्रतिमा पंजाब के गुरुद्वारा में स्थापित की जा रही हैं. पंडाल का निर्माण कोलकाता के कारीगरों द्वारा एक माह पूर्व से किया जा रहा हैं. उन्होंने बताया कि लाखों रुपए की लागत से यह पंडाल बनाया जा रहा हैं.

पूजा समिति द्वारा प्रत्येक वर्ष की भाँति इस वर्ष भी कुवांरी भोज का आयोजन किया जा रहा है. सप्तमी को हलवा, अष्टमी को खीर, नवमी को विशाल भंडारा तथा दशमी को खिचड़ी भोज किया जाएगा.

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छपरा: प्रत्येक वर्ष साहेबगंज में होने वाले भरत मिलाप समारोह की तैयारियां शुरू हो चुकी है. इस बार भरत मिलाप समारोह का 15 अक्टूबर को आयोजन किया जायेगा.

गुरुवार को स्थानीय साहेबगंज स्थित कठिया बाबा मंदिर में आयोजन समिति की बैठक आयोजित की गयी. बैठक में सर्वसम्मति से 15 अक्टूबर को भरत मिलाप समारोह मनाया जायेगा. बैठक में रंजित कुमार सिंह, रवि गुप्ता, धनञ्जय कुमार, रमण जयसवाल, संतोष कुमार, अमित कुमार शामिल थे.

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छपरा: शहर में दुर्गा पूजा के अवसर पर सभी पूजा समिति अपने अपने तरीके से बेहतर पूजा पंडाल और प्रतिमा बनाने में जुटी हैं. ग्रामीण इलाकों में भी पूजा को लेकर खासा उत्साह देखा जा रहा हैं. शहर से सटे नैनी गांव की आदर्श पंचायत बजरंग बली पूजा समिति द्वारा इस वर्ष 14 फीट का शिवलिंग बनाया जा रहा हैं. जो आकर्षण का केंद्र बनेगा.

पूजा समिति के अध्यक्ष सुनील कुमार ने बताया कि इस बार दशहरा में भक्त भगवान शिव के 14 फीट के शिवलिंग का दर्शन करगें. उन्होंने बताया कि मांझी प्रखंड के कारीगरों द्वारा बनाया जा रहा हैं. सैकड़ो बांस की मदद से यह बनाया जा रहा हैं. शिवलिंग पर जल भी अर्पण किया जायेगा.

सुनील कुमार ने बताया कि दशहरा के अवसर पर प्रतिदिन रामलीला का भी आयोजन किया जा रहा हैं. जिसे दरभंगा की बजरंगी झा पार्टी द्वारा किया जा रहा हैं.

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छपरा: विजयादशमी के अवसर पर प्रत्येक वर्ष होने वाले रावण दहन को लेकर तैयारियां पूरी कर ली गयी है. इस बार लोगों को रावण, कुम्भकर्ण और मेघनाथ के आकर्षक पुतलों को देखने का मौका मिलेगा. जिसके निर्माण में कारीगर जुटे हुए है. 

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रावण के पुतले के निर्माण में जुटे कारीगर                       Photo: Chhapra Today

समारोह की तैयारियों को लेकर बुधवार को राजेंद्र स्टेडियम में आयोजन समिति ने प्रेस वार्ता की. आयोजकों ने बताया कि इस बार रावण का 60 फिट ऊँचा पुतला का निर्माण हो रहा है. जबकि मेघनाथ और कुम्भकर्ण के 55-55 फिट ऊँचे पुतले देखने को मिलेंगे. 

समारोह राजेंद्र स्टेडियम में होगा. इस अवसर पर आयोजन समिति के सदस्य अरुण सिंह, श्याम बिहारी अग्रवाल, सत्यप्रकाश यादव आदि उपस्थित थे. 

आपको बता दें कि रावण दहन देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ राजेंद्र स्टेडियम में प्रत्येक वर्ष जुटती है. रावण दहन को देखने के लिए लोग दूर दूर से यहाँ पहुंचते है. इस अवसर पर होने वाली आतिशबाजी देखने लायक होती है.

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