Chhapra: महाशिवरात्रि को लेकर शहर से लेकर प्रखंडों तक सभी शिवालयों में तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं. सोमवार को जिले भर के श्रद्धालु विभिन्न शिवालयों में जलाभिषेक करने पहुंचेंगे. आइये जानते हैं जिले के प्रसिद्ध शिवालयों के बारे जहां महाशिवरात्रि पर बड़ी संख्या में जुटते हैं श्रद्धालु.

 

हरिहरनाथ मंदिर-सोनपुर में स्थित हरिहरनाथ मंदिर पूरे देश भर में प्रसिद्ध है. यहां सालों भर श्रद्धालु बाबा हरिहर नाथ के दर्शन के लिए आते हैं. महा शिवरात्रि के दिन यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है

धर्मनाथ मन्दिर- छपरा के रतनपुरा मुहल्ले में स्थित बाबा धर्मनाथ धनी का मंदिर करीब 200 साल पुराना है. यह मंदिर बेहद प्रसिद्ध है. हर साल महाशिवरात्रि के दिन ज़िले भर से हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहां अर्धनारेश्वर शिवलिंग पर जलाभिषेक करने आते हैं. यहां मेला भी लगता है. बाबा धर्मनाथ धनी की कथाएं पूरे जिले में प्रचलित हैं.

शिल्हौरी शिव मंदिर- जिले के मढ़ौरा प्रखंड के शिल्हौरी में भगवान आशुतोष को जलाभिषेक करने लोग दूर दूर से पहुंचते है.

मनोकामनानाथ मन्दिर- शहर के नेवाजी टोला कटरा में स्थित यह मंदिर बेहद प्रसिद्ध है. प्रत्येक साल महाशिवरात्रि के दिन इसी स्थान से शिव विवाह शोभायात्रा निकाली जाती है. इसके बाद देर रात को शिव विवाह का भी आयोजन होता है. इस विवाह यात्रा में 10 हज़ार से भी अधिक लोग शामिल होते हैं.

बटुकेश्वर नाथ मंदिर- दौलतगंज मुहल्ले में स्थित बटुकेश्वर नाथ मंदिर पंच मंदिर के रूप में भी जाना जाता है. यहां महाशिवरात्रि के दिन लोग जलाभिषेक करने पहुंचते हैं.

उमानाथ मंदिर: दहियावां में स्थिति यह मंदिर बेहद पुराना है. उमानाथ मंदिर की कहानी भी पूरे जिले में प्रचलित है. महाशिवरात्रि के दिन पूर्वी छपरा के ज्यादातर लोग इस मंदिर में जलाभिषेक करने पहुंचते हैं.

मासुमेश्वर नाथ मन्दिर- मासूमगंज मुहल्ले में स्थित शिव मंदिर दिन भर नमः शिवाय के जयकारों से गुलजार रहता है. महाशिवरात्रि पर दिनभर यहां श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है. पश्चिमी छपरा के ज्यादातर लोगों इसी मंदिर में जलाभिषेक करने जाते हैं.

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Chhapra: प्रजापिता ब्रहमकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के छपरा केंद्र के द्वारा महाशिवरात्रि पूर्व संध्या पर स्वर्णिम भारत भव्य झांकी निकाली गयी. जिसमें हजारों बी के भाई बहनों ने अपना सहयोग दिया.

बैंड बाजा के साथ निकली झांकी गुदरी राय चौक, सत्यनारायण मंदिर से आरंभ होकर बहुरिया कोठी, अस्पताल चौक, मलखाना चौक, मजहरुल हक मोड़ होते हुए महमूद चौक, नारायण चौक, नगर थाना चौक, करीम चक, कटहरी बाग होते हुए गांधी चौक मेवालाल चौक, मौना चौक, नगरपालिका चौक, बस स्टैंड होकर दरोगा राय चौक, भगवान बाजार होकर लल्लू मोड़ होते हुए गुदरी राय चौक पर समाप्त हुई.

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Chhapra: आगामी 4 मार्च को महाशिवरात्रि के दिन शहर में निकलने वाले शिव विवाह शोभा यात्रा की तैयारी लगभग पूरी कर ली गयी है. महाशिवरात्रि के दिन मनोकामनानाथ मन्दिर से शहर में शोभा यात्रा निकाली जाएगी.

51 झांकियां, 4 बैंड, 8 डीजे के साथ शहर में निकेलगा शिव बारात

सोमवार 4 मार्च की सुबह मनोकामनानाथ मन्दिर से निकलने वाले शिव बारात में हाथी, घोड़े आगे आगे चलेंगे. इसके अलावें इसमें लोगों को विभिन्न देवी देवताओं से लेकर अन्य तरह की 51 आकर्षक झांकियां देखने को मिलेंगी. इन झांकियों को पिछले 1 महीने से तैयार किया जा रहा है.


15 फीट की खोपड़ी भी आकर्षण का केंद्र

इस बार शिव बारात की झांकियों में आकर्षण का केंद्र 15 फीट की खोपड़ी होगी. यह खोपड़ी दूर से देखने मे भव्य और थोड़ी डरावनी नज़र आ रही है. इसके अलावें पहाड़ों पर उड़ता हुआ राक्षस भी लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा.

विभिन्न झांकियों में इस बार दधीचि आश्रम, वैधनाथ धाम के साथ लोगों को भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करने को मिलेंगे. साथ ही साथ विभिन्न कलाकर भगवान शिव के 5 रूप को प्रदर्शित करेंगे. जिसमें एक भव्य रूप, दो बालरूप, एक रौद्र रूप व एक तप में विलीन शिव को दिखाया जाएगा. इसके अलावें भूत-बैताल, राक्षसों समेत अन्य देवी देवताओं की मनमोहक झांकी नज़र आएगी. इस पूरे शिव बारात में 200 से अधिक कलाकरों द्वारा अपनी अपनी झांकी प्रस्तुत की जाएगी.

शिव बारात शोभा यात्रा समिति के अध्यक्ष अरुण कुमार सिंह ने बताया कि शिवरात्रि अनन्त काल से मनाया जा रहा है. छपरा में यह यात्रा 16 सालों से निकल रही है. उन्होंने बताया कि इस बार शिव बारात काफी अलग होगा. जो लोगों को पहले की तुलना में ज्यादा आकर्षित करेगा.

 

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Chhapra: महा शिवरात्रि पर शहर में निकाली जाने वाले शोभा यात्रा को देखने के लिए हजारों लोग काफी उत्साहित रहते हैं. शिव विवाह शोभा यात्रा के दौरान तांडव नृत्य का भी आयोजन होता है. जिसकी एक झलक पाने के लिए हजारों की संखया में लोग सड़कों पर उतरते हैं. मनोकामनानाथ मन्दिर से निकाले जाने वाले शिव बारात के दौरान शहर के कई स्थानों पर तांडव नृत्य का भी आयोजन किया जायेगा. जो इस शोभा यात्रा की भव्यता और भी बढ़ा देता है.


ये हैं वो स्थान जहाँ होंगे तांडव नृत्य
काशी और मथुरा से आए कलाकार शिव बरात में भगवान शिव के रूप में नज़र आएंगे. इसके तहत छपरा के अस्पताल चौक, मल्खाना चौक, नारायण चौक, थाना चौक , सलेमपुर चौक, नगरपालिका चौक, गुदरी और धर्मनाथ मन्दिर समेत आठ जगहों पर तांडव नृत्य पेश होगा.

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Chhapra: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के स्थानीय सेवा केंद्र पर सेवा केंद्र प्रभारी बीके अनामिका बहन की अध्यक्षता में भाई बहनों का स्नेह मिलन हुआ. जिसका उद्देश्य आगामी महाशिवरात्रि के 1 दिन पूर्व 3 मार्च को पूरे शहर में प्रभातफेरी हेतु समय रूट चार्ट के बिंदु पर विचार विमर्श था. स्नेह मिलन में सामूहिक निर्णय लिया गया की प्रभात फेरी का शुभारंभ सुबह 9:00 बजे से गुदरी राय चौक, सत्यनारायण मंदिर से आरंभ होकर बहुरिया कोठी, अस्पताल चौक, मलखाना चौक, मजहरुल हक मोड़ होते हुए महमूद चौक, नारायण चौक, नगर थाना चौक, करीम चक, कटहरी बाग होते हुए गांधी चौक मेवालाल चौक, मौना चौक, नगरपालिका चौक, बस स्टैंड होकर दरोगा राय चौक, भगवान बाजार होकर लल्लू मोड़ होते हुए गुदरी राय चौक पर समाप्त हो जाएगा.

उक्त स्नेह मिलन में ब्रह्मकुमारी भाई-बहन या गौरी बहन, मुन्नी बहन, कमलावती बहन, ज्योति बहन तथा बी के गणेश भाई, अजय भाई, ललन भाई, मुरारी भाई, केदार भाई, अर्जुन भाई, सत्येंद्र भाई, संतोष भाई, धीरज भाई, शिव जी भाई तथा मुन्ना भाई उपस्थित थे

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Chhapra: स्वामी अद्भुतानंद महाराज श्रीरामकृष्ण परमहंस के 16 शिष्यों में से एक थे. उनका जन्म सारण जिले में हुआ था. उनकी इच्छा के अनुसार छपरा में रामकृष्ण मिशन आश्रम की स्थापना हुई.
 
स्वामी अद्भुतानंद के बारे में स्वामी विवेकानंद ने कहा था- “Latu is Sri Ramakrishna’s greatest miracle.
 
वे अनपढ़ थे फिर भी उनका अध्यात्मिक ज्ञान सबो से उपर था.
देखिये यह डॉक्यूमेंट्री फिल्म

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दिल्ली: आगामी 21 जनवरी को चंद्र ग्रहण की दशा बन रही है. खगोलशास्त्री के अनुसार 2019 का दूसरा ग्रहण और पहला चंद्रग्रहण जनवरी महीने के तीसरे सप्ताह में 20 आैर 21 जनवरी की मध्यरात्रि को दिखाई देगा. इस चंद्रगहण को सुपर ब्लड वुल्फ मून के नाम से जाना बुलाया जा रहा है.

चंद्रमा जब धरती की छाया से होकर जाता है तो सुपरमून या लाल तांबे के रंग जैसा नजर आता है. आमतौर पर एेसे हर चंद्र ग्रहण को एक खास नाम दिया जाता है, उसी क्रम में इस चंद्रगहण का नाम भी अपने में खास है.

ये सुपर ब्लड वुल्फ मून 20 जनवरी की शाम 8 बजकर 6 मिनट पर शुरू होगा और 21 जनवरी को 1 बजकर 18 मिनट पर पूर्ण हो जायेगा.

हांलाकि ये भारत में नहीं दिखार्इ देगा जिसके चलते इसका धार्मिक रूप से कोर्इ अधिक महत्व नहीं है फिर भी ग्रह गोचर में परिर्वतन हर संजीव आैर निर्जीव पर कोर्इ ना कोर्इ प्रभाव तो डालता ही है.

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Chhapra: मकर संक्रांति पर श्रद्धालुओं ने नदी, सरोवरों में आस्था की डुबकी लगाई.

शहर से सटे गंडक नदी घाट, सहित रिविलगंज, मांझी और डोरीगंज के आधा दर्जन से अधिक नदी घाट पर मंगलवार की अहले सुबह से श्रद्धालुओं का पहुंचना जारी था. प्रातः काल मे नदी में स्नान ध्यान कर श्रद्धालुओ ने तील, चूड़ा, गुड़, लाई का दान भी किया.एक मान्यता के अनुसार मकर संक्रांति के दिन नदी में स्नान करना तथा उसके बाद तील, चूड़ा तथा लाई का दान करके खुद सेवन भी करना शुभ माना जाता है. वैज्ञानिक रूप से भी इसका बड़ा महत्व है.

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Chhapra: इस वर्ष मकर संक्रांति का त्योहार 14 की बजाए 15 जनवरी को मनाया जाएगा. दरअसल मकर राशि में सूर्य का प्रवेश 14 तारीख की रात में हो रहा है. शास्त्रों में त्योहारों की तिथि सूर्योदय से मानी जाती है. इसलिए मकर संक्राति का पर्व 15 तारीख को मनाया जाएगा, जब सूर्य का उदय मकर राशि में होगा.

मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन सूर्य अपने पुत्र शनि के घर जाते हैं. इस दृष्टि से भी इस पर्व का खास महत्व है. एक अन्य मान्यता के अनुसार मकर संक्रांति के दिन ही भगवान विष्णु ने पृथ्वी लोक पर असुरों का संहार कर उनके सिरों को काटकर मंदराचल पर्वत पर भूमिगत कर दिया था. उस समय से ही भगवान विष्णु के इस विजय को मकर संक्रांति के पर्व के रूप में मनाया जाता है.

इस बार मकर संक्रांति पर सर्वार्थसिद्धि योग भी बन रहा है. 14 जनवरी 2019 की रात को 8:08 बजे सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे, जो मंगलवार को 15 जनवरी दोपहर 12 बजे तक तक इसमें रहेंगे. इसलिए 15 जनवरी 2019 को दोपहर 12 बजे से पूर्व ही स्नान-दान का शुभ मुहूर्त है. मकर संक्रांति पर स्नान और दान का विशेष योग मंगलवार को बन रहा है.

मकर संक्रांति पुण्य काल मुहूर्त:

पुण्य काल- 07:19 से 12:30

पुण्यकाल की कुल अवधि- 5 घंटे 11 मिनट

संक्रांति आरंभ- 14 जनवरी 2019 रात्रि 20:05 से

मकर संक्रांति महापुण्यकाल शुभ मुहूर्त- 07:19 से 09:02

महापुण्य काल की कुल अवधि- 1 घंटा 43 मिनट

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Chhapra (H.K.Verma): 166th birth anniversary of Holy Mother Sarda Devi will be observed in  Chhapra centre of Ramakrishna Mission on Friday (28th of December 2018).

   Disclosing this Swami Atidevananda, Secretary of this Ashram has informed that the program will begin with Mangal Aarati and Meditation at 5 AM, followed by Vedic Chanting at 6.30 AM, Special Puja and Bhajan at7.30AM, Maha Mangal Aarati at 10 AM, Hawan & Pushpanjali at 11 AM, Prasad distribution at 12 AM, Sandhya Aarati at 5 PM and Bhajans at 7.15 PM. Swami Ji has extended invitation to all devotees with friends and family on this joyous festival.

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Chhapra: क्रिसमस के अवसर पर शहर के गिरजाघरों में विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया. शहर के डाक बंगला रोड और मिशन कंपाउंड स्थित गिरजाघरों में पहुँच लोगों ने प्रार्थना की और खुशियां मना रहे हैं. वहीं लोग क्रिसमस की एक-दूसरे को बधाईयां भी दे रहे हैं.

खास कर बच्चे एक-दूसरे को बधाई दे रहे है. गिरजाघरों में ईसाई समाज के लोगों की भीड़ जुटी हुई है.

वही क्रिसमस डे के पूर्व ही शहर के कई स्कूलों में कार्यक्रम का आयोजन किया गया था.

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Chhapra: रविवार को शहर में धूम धाम से श्याम वार्षिक महोत्सव का आयोजन किया गया. इस दौरान मारवाड़ी समाज और युवा मंच के तत्वाधान में शहर के चांद कोठिया विवाह भवन में श्री श्याम वार्षिक महोत्सव पूरे हर्ष और उल्लास के साथ मनाया गया.

इस अवसर पर लोगों ने भजन कीर्तन भी किया. जिसमें बाहर सेआये भजन गायकों ने अपने भजनों से लोगों को भाव विभोर कर दिया. भजन गायकी में मंयक अग्रवाल, पंजाब के अबोहर, जयपुर के अभिषेक के साथ कटिहार के अभिषेक दाधीच ने अपने भजनों से समां बांध दिया.साथ ही साथ इस मौके पर भव्य दरबार का भी आयोजन हुआ. इसके अलावें सवामणी व छप्पन भोग लगाकर उत्सव मनाया गया.

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