Patna: सावन के शुभ महीने में डाक विभाग ने काशी विश्वनाथ मंदिर के प्रसाद को श्रद्धालुओं के घर तक पहुंचाने का प्रयास किया है.

इस बात की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने ट्वीट साझा की है.

काशी विश्वनाथ मंदिर का प्रसाद घर बैठे मंगवाने के लिए आपको अपने नज़दीकी डाकघर से मात्र ₹ 251 का ई-मनीआर्डर प्रवर डाक अधीक्षक, वाराणसी (पूर्वी) मंडल के नाम भेजना होगा. जिसके बाद डिब्बा बंद प्रसाद टेंपर प्रूफ़ इनवलप में स्पीड पोस्ट द्वारा आप तक डाक विभाग द्वरा पहुँचाया जायेगा.

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New Delhi: पहली बार सीधे हिमालय के पवित्र गुफा से बाबा अमरनाथ की आरती का सीधा प्रसारण किया जा रहा है. दूरदर्शन ने श्रद्धालु के लिए ये व्यवस्था की है. जिससे श्रद्धालु घर बैठे बाबा बर्फानी के दुर्लभ आरती का दर्शन कर सकेंगे.

यहाँ देखें आरती

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Chhapra: सावन में कोरोनावायरस पर लोगों की आस्था भारी पड़ती नजर आ रही है. 6 जुलाई को सावन की पहली सोमवारी के दिन छपरा के सभी मंदिर श्रद्धालुओं के लिए बंद रहे. इस दौरान छपरा के धर्मनाथ मंदिर परिसर में अलग ही नजारा को देखने को मिला. जिला प्रशासन के निर्देश पर मंदिर का मुख्य द्वार बंद कर दिया गया था . इस दौरान जब श्रद्धालु मंदिर के गेट पर पहुंचे तो गेट बंद पाया फिर श्रद्धालुओं ने मंदिर के गेट पर ही पूजा-पाठ की और फूल माला चढ़ाकर शिव की आराधना की.

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इस दौरान काफी लोगों ने मंदिर के गेट पर ही जल चढ़ा दिया और फूल माला चढ़ाकर शिवलिंग का दूर से ही दर्शन किया. लोगों को गेट पर पूजा अर्चना करते देख मंदिर प्रशासन की ओर से उन्हें वापस जाने का निर्देश दिया गया. हालांकि इसके बावजूद कई श्रद्धालुओं ने गेट पर पूजा-पाठ करके वापस चले गए.

इससे पहले रविवार को जिले के कई प्रसिद्ध मंदिरों को जिला प्रशासन की ओर से सील कर दिया गया था. ताकि कोई भी श्रद्धालु अंदर ना जाने पाए. धर्मनाथ मंदिर में भी एहतियातन सभी प्रवेश द्वारों को बंद कर दिया गया था. उसके बाद श्रद्धालु गेट पर ही पूजा करके वापस चले गए.

आपको बता दें कि सावन में सभी मंदिरों को श्रद्धालुओं के लिए बंद रखने का निर्देश दिया गया है. जिला प्रशासन ने अगस्त के पहले हफ्ते तक सभी शिव मंदिरों को बंद रखने का निर्देश दिया है.

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Chhapra: कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को लेकर सावन में शिवालयों में जलाभिषेक पर रोक है. जिसके कारण भक्त इस बार मंदिरों में जलाभिषेक नही कर पा रहे है.

जिले के तमाम शिवालयों को भीड़ उमड़ने के मद्देनजर भक्तों के लिए बंद रखा गया है. छपरा शहर के प्रसिद्ध बाबा धर्मनाथ धनी का द्वार भी बंद है. ऐसे में भक्तगण अपने अपने घरों में शिव आराधना में लीन है. साथ ही सभी भगवान से इस आपदा के जल्द समाप्त होने की कामना कर रहे है.

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Sonpur: इस बार के सावन में श्रद्धालु, बाबा हरिहर नाथ मंदिर में जलाभिषेक नहीं कर सकेंगे. बिहार में प्रसिद्ध बाबा हरिहर नाथ मंदिर को श्रद्धालुओं के लिए बंद करने का फैसला लिया गया है. शुक्रवार यानी की आज से  श्रद्धालु मन्दिर में दर्शन, पूजन के साथ जलाभिषेक नहीं कर सकेंगे. कोरोनावायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए धार्मिक न्यास परिषद के आलोक में हरिहर नाथ मंदिर समिति ने श्रद्धालुओं के लिए मन्दिर बंद करने का यह फैसला लिया है. जिसके बाद सावन में बाबा हरिहरनाथ मन्दिर में लोग दर्शन के लिए नहीं जा सकेंगे. मन्दिर को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया है.


सावन के मौके पर बाबा हरिहरनाथ में लाखों श्रद्धालु जलाभिषेक करने आते हैं. ऐसे में कोरोना संक्रमण का खतरा ना हो इस को ध्यान में रखते हुए श्रद्धालुओं के हित में यह फैसला लिया गया है. ऐसा पहली बार होगा जब सावन के मौके पर हरिहर नाथ मन्दिर बंद हो.

यही नहीं इस बार सोनपुर में श्रावणी मेले का भी आयोजन नहीं किया जाएगा. सावन महीने में लाखों की संख्या में कांवड़िए भी जल भरकर बाबा के दर्शन करने आते हैं. इसको देखते हुए श्रावणी मेला का आयोजन ना करने का भी निर्णय लिया गया है. मन्दिर समिति कोरोना वायरस को देखते हुए किसी भी प्रकार का जोखिम नहीं लेना चाहता है.

आपको बता दें कि इस साल 6 जुलाई से सावन का महीना शुरु हो रहा है. बता दें कि सोनपुर में सावन मेला के मौके पर पहलेजा से लेकर हरि नाथ मंदिर तक मेला लगता है. इस बार कोरोनावायरस के कारण मेला प्रभावित हो गया है. इससे पहले झारखंड में कांवर यात्रा पर भी रोक लगा दी गई है.

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राशिफल-
मेष – लग्‍नेश के द्वादश भाव में आने की वजह से ताकत, इम्‍यून सिस्‍टम में कमी आ गई है। बचकर चलें। स्‍वास्‍थ्‍य मध्‍यम है। प्रेम और निर्णय लेने की क्षमता में दिक्‍कत है। व्‍यवसायिक स्‍तर पर ठीक ठाक है। लाल वस्‍तु पास रखें। सूर्यदेव को जल देते रहें।

वृषभ – शारीरिक और मानसिक चंचलता बनी रहेगी। स्‍वास्‍थ्‍य मध्‍यम, प्रेम की स्थिति तू-तू, मैं-मैं वाली है। व्‍यापारिक दृष्टिकोण से भी मध्‍यम समय है। बचकर पार करें। मां काली की अराधना करते रहें।

मिथुन – चिंताकारी सृष्टि का सृजन हो रहा है। खर्च की अधिकता से परेशान रहेंगे। व्‍यापारिक, स्‍वास्‍थ्‍य और प्रेम तीनों ही मध्‍यम और खराब स्थिति दिख रही है। हरी वस्‍तु पास रखें। मां काली की वंदना करें।

कर्क – आर्थिक मामले सुलझेंगे। स्‍वास्‍थ्‍य ठीक ठाक रहेगा। प्रेम की स्थिति अच्‍छे की ओर जा रही है। व्‍यवसायिक स्‍तर से भी चीजें सुधरेंगी। अच्‍छी स्थिति है। पहले से काफी अच्‍छी स्थिति दिख रही है। हनुमान चालीसा का पाठ करते रहें।

सिंह – शासन-सत्‍ता पक्ष का सहयोग मिलेगा। उच्‍चाधिकारी प्रसन्‍न होंगे। ठीक ठाक कहा जाएगा। लग्‍नेश के राहु के साथ होने की वजह से स्‍वास्‍थ्‍य अभी सही नहीं दिख रहा है। बहुत बचकर पार करें। बच्‍चों की सेहत पर ध्‍यान दें। प्रेम में अभी तू-तू, मैं-मैं के संकेत चल रहे हैं। थोड़ी दूरी बरकरार रहे। पीली वस्‍तु पास रखें।

कन्‍या – भाग्‍यवश कोई काम बन सकता है। अच्‍छी स्थिति दिख रही है। पहले से सुधार की ओर है। लेकिन स्‍वास्‍थ्‍य, प्रेम और व्‍यापार को लेकर सतर्क रहें। बहुत अच्‍छी स्थिति इन मामलों में नहीं है। हरी वस्‍तु पास रखें।

तुला – बहुत बचकर पार करें। चोट लग सकती है। संक्रमण के संकेत हैं। बहुत जरूरी है कि एहतियात बरतें। स्‍वास्‍थ्‍य, प्रेम, व्‍यापार तीनों ही मामलों में सावधान रहें। मां काली की अराधना करते रहें।

वृश्चिक – जीवनसाथी का सहयोग मिलेगा। स्‍वास्‍थ्‍य अच्‍छा, व्‍यापार पहले से बेहतर है। प्रेम की स्थिति अभी बहुत अच्‍छी नहीं चल रही है। लाल वस्‍तु पास रखें। पीला टीका लगाएं। अच्‍छा होगा।

धनु – रोग,ऋण, शत्रु परेशान करेगा लेकिन जीत आपकी सुनिश्चित है। स्‍वास्‍थ्‍य पर ध्‍यान दें। व्‍यापार मध्‍यम गति से चलता रहेगा। प्रेम की स्थिति में सुधार हो गया है। यह अच्‍छी बात है। निर्णय लेने की क्षमता में भी बढ़ोत्‍तरी हुई है। पीली वस्‍तु पास रखें।

मकर – थोड़ी भावनाओं में बहने वाली स्थिति है। मानसिक चंचलता बनी रहेगी। जीवनसाथी के साथ ठीक-ठाक गुजरेगा। स्‍वास्‍थ्‍य मध्‍यम है। प्रेमी-प्रेमिका में अनबन वाली स्थिति दिख रही है। व्‍यापार ठीक-ठाक चलता रहेगा। शनिदेव को प्रणाम करते रहें।

कुंभ- भूमि-भवन-वाहन की खरीदारी पर विचार कर सकते हैं। घर में कुछ उत्‍सव का संकेत है लेकिन कलह भी दिख रहा है। स्‍वास्‍थ्‍य, प्रेम मध्‍यम है। व्‍यापार ठीक-ठाक चलता रहेगा। मां काली की अराधना करते रहें।

मीन-भाग्‍येश के लग्‍न में आ जाने से अब काम बनने लगेगा। एक ओज, एक ताकत आपके अंदर आ गई है। अच्‍छी स्थिति है। योजनाओं को कार्यरूप दें। स्‍वास्‍थ्‍य अभी मध्‍यम चलेगा। प्रेम और व्‍यापार की स्थिति ठीक है। पीली वस्‍तु पास रखें।

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Chhapra: कल से सारण के सभी धार्मिक स्थल श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे. 8 जून से सरकार ने देश भर के धार्मिक स्थलों को खोलने के लिए अनुमति दे दी है. हालांकि इसके लिए कई शर्ते भी रखे गए हैं.

इसी बीच सारण जिले के कई मंदिर-मस्जिदों में इसके लिए तैयारी हो गई है. लोग भी देवी देवताओं के दर्शन के लिए उतारू हो गए हैं. लगभग ढाई महीने बाद मंदिरों को श्रद्धालुओं के लिए खोला जा रहा है इसके लिए तमाम एहतियात बरते जाएंगे.

छपरा के धर्मनाथ मंदिर, दिघवारा के अंबिका भवानी, सोनपुर के हरिहर नाथ मंदिर के साथ अन्य प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों पर साफ-सफाई व अन्य तैयारियां की गई है.

धार्मिक स्थल खुलने के बाद पूजा पाठ का तौर तरीका भी बदल जाएगा. स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुसार मंदिरों में पूजा पाठ के दौरान किसी भी प्रकार का प्रसाद नहीं चढ़ेगा, ना ही किसी भी प्रकार से प्रसाद का वितरण होगा.

लोगों को देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को भी नहीं छूना होगा. दूर से ही दर्शन करके घर जाना होगा. मंदिरों में प्रवेश से पहले सैनिटाइजेशन और थर्मल स्क्रीनिंग की प्रक्रिया की जाएगी. इसके बाद ही बिना लक्षण वाले लोगों को प्रवेश मिलेगा. प्रत्येक श्रद्धालु को मास्क लगाना जरूरी होगा साथ ही साथ सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना भी जरूरी है.

धार्मिक स्थलों पर किसी भी प्रकार से भजन कीर्तन का आयोजन नहीं किया जाएगा. भजन कीर्तन के बदले रिकॉर्डेड भजन बजाए जाएंगे. साथ ही साथ मंदिरों के आसपास की दुकानों में सोशल डिस्टनसिंग का पालन कराया जाएगा.

देखिये Video Report 

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कोरोना वायरस के कारण लागू लॉकडाउन में सभी मंदिर और अन्य धार्मिक स्थल बंद रहे. अब, जबकि सरकार ने 8 जून से शर्तों के साथ मंदिर और अन्य धार्मिक स्थलों को शर्तों के साथ खोलने की इजाजत दे दी है, उत्तराखंड में भी चार धाम यात्रा की तैयारियां तेज हो गई हैं. बद्रीनाथ मंदिर में भी शर्तों का पालन कराने के लिए प्रशासन तैयारियों में जुटा है.

बद्रीनाथ धाम में यात्रा को लेकर मंदिर और आसपास के स्थलों को लगातार सैनिटाइज किया जा रहा है. साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन कराने के लिए श्रद्धालुओं की जहां कतार लगती है, वहां पेंट के सहारे एक-एक मीटर की दूरी पर गोले बनाए जा रहे हैं. केवल मंदिर परिसर ही नहीं, बल्कि मंदिर तक जाने वाले पैदल मार्ग पर भी श्रद्धालुओं के बीच एक-एक मीटर की दूरी सुनिश्चित करने के लिए गोले बनाए जा रहे हैं.

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New Delhi: रमज़ान का मुबारक महीना खत्म होने के बाद ईद के चांद का दीदार हुआ. जिसके बाद देशभर में सोमवार को ईद-उल-फित्र का त्योहार मनाया जाएगा.

ईद-उल-फित्र मुसलमानों के लिए सबसे बड़ा त्योहार होता है, जो रमज़ान के एक महीने पूरे होने के बाद मनाया जाता है.

ईद-उल-फित्र का त्योहार रमज़ान के 29 या 30 रोजे रखने के बाद चांद देखकर मनाया जाता है. सऊदी अरब, यूएई समेत तमाम खाड़ी देशों में शनिवार को ईद मनाई गई. वहीं, भारत में केरल और जम्मू-कश्मीर राज्य में भी रविवार को ही ईद मनाई गई.

कोरोना काल में ईद का रंग फीका

इस बार कोरोना वायरस के प्रकोप से बचने के लिए जारी रखे गए लॉकडाउन के कारण ईद का रंग फीका हुआ है. लोगों के अपने अपने घरों में ईद की नमाज पढ़ने के लिए कहा गया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सोमवार को ट्विटर पर देशवासियों को ईद की बधाई दी. पीएम मोदी ने ट्विटर पर लिखा, ‘ईद मुबारक, ईद उल फितर की आप सभी को बधाई. ये खास पर्व हम सभी के जीवन में भाईचारा और शांति लाए. हर कोई स्वस्थ रहे और खुश रहे’. वही राष्ट्रपति ने भी देशवासियों को बधाई दी है. 

 

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में लॉकडाउन 4.0 का संकेत दिया. पीएम मोदी ने बताया कि 18 मई से पहले लॉकडाउन के चौथे चरण की जानकारी साझा की जाएगी, इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ये लॉकडाउन नए रंग-रूप-नियम वाला होगा. बता दें कि देश में लागू लॉकडाउन 3.0 की अवधि 17 मई को खत्म हो रही है. अपने संबोधन में पीएम मोदी ने आर्थिक पैकेज का ऐलान भी किया, जो कि 20 लाख करोड़ रुपये का है.

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘लॉकडाउन 4.0 नए रंग रूप वाला होगा, नए नियमों वाला होगा. राज्यों से हमें जो सुझाव मिल रहे हैं, इससे जुड़ी जानकारी आपको 18 मई से पहले दी जाएगी.’

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Chhapra: कोविड-19 कोरोना वायरस को लेकर देश में संपूर्ण लॉक डाउन है. लॉक डाउन के दौरान मुस्लिम समुदाय का सबसे पवित्र महीने रमजान शुरू हो गया है. रमजान के पहले दिन बच्चों ने भी रोजा रखा. घर वालों ने सेहरी से लेकर इफ्तार तक विशेष ख्याल रखा.

9 वर्षीय सादिया तबस्सुम ने कहा कि मैं कई वर्षों से रोजा रख रही हूं. मुझे रोजा रखना अच्छा लगता है. रमजान महीना साल में एक बार आता है. वही मोहम्मद सूफिया अली ने कहा कि रमजान बरकतों का महीना है. लॉक डाउन की वजह से स्कूल की छुट्टी भी है. इसलिए इस बार में पूरा रोजा रखूंगा.

वहीं 8 वर्षीय माज़ आलम ने कहा कि हम सब करोना जैसी वैश्विक महामारी से जूझ रहे हैं. हम सबको इससे मिलकर लड़ना है. घर में रहकर अल्लाह की इबादत करनी है और नमाज पढ़ना है. यह समय गुनाहों के तौबा करने का है. अपने मुल्क और दुनिया के लिए दुआ कर रहे हैं.

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Chhapra: 14 अप्रैल कई मायनों में ख़ास होता है. देश के अलग अलग राज्यों में इस तिथि को अलग अलग त्यौहार और आयोजन के रूप में मनाया जाता है. कही वैशाखी मनाई जाती है तो कही बाबा साहब की जयंती. सभी अपने अनुसार इस तिथि को मानते है. लेकिन हमारे यहां ख़ासकर बिहार के उत्तर बिहार में इसे सतुआन या फिर सतुआनी कहा जाता है. मतलब सतुआ (मक्के और चने का आटा) खाने का दिन.

नहान और सतुआन दोनों का ग़जब तालमेल है लेकिन इस बार कुछ ऐसा नही दिखेगा. कारण है Lockdown. भले नहान यानी स्नान घरों में ही होगा लेकिन सतुआन का लुफ़्त लोग जरूर उठाएंगे. लंबे अर्से बाद इस सतुआन को परिवार संग मनाने का मौका जो लोगों को मिला है.

सतुआन को लेकर सोमवार को लगभग लोगों ने खरीददारी की. विशेष रूप से सतुआ यानी मक्के का आटा, सतुई यानी भुने हुए चने का आटा, मूली, प्याज, आम की टिकोला, हरा धनिया पत्ता, लहसून पत्ता और भी बहुत कुछ.

शुद्ध रूप से देशी और सुपाच्य इस भोजन में वास्तव में 56 भोग वाले स्वाद मिलते है. वैसे तो यह सिर्फ सतुआ और सतुई, नमक तथा पानी के साथ भी खाया जा सकता है, लेकिन कहते है न जबतक दाल में घी का तड़का नही लगे तबतक दाल दाल नही बनती. वैसे ही है हमारा सतुआ.

सतुआ के साथ, चने का सत्तू ( सतुई), जौ का सत्तू, नमक, पानी के साथ साथ, जीरा पाऊडर, हरी मिर्च, मूली, प्याज, चटनी, 5- 6 तरह का आचार तब जाकर इसका स्वाद आता है.गर्मी के दिनों में लोग बड़े ही चाव के साथ इसे खाते है जिसका कारण यह है कि यह प्यास को जगाता है. गर्मी में शरीर को पानी की आवश्यकता ज्यादा होती है.

इस बार आप घर मे है इस सतुआन उत्तर बिहार के इस सबसे सस्ते और शुद्ध भोजन का स्वाद जरूर ले.

अपने अनुभव भी हमें जरूर बताएं.

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