Nag Panchami 2025: हिंदू धर्म में नाग पंचमी का विशेष महत्व है। यह त्योहार हर साल सावन महीने में मनाया जाता है और इस दिन भगवान शिव के साथ-साथ नाग देवता की पूजा की जाती है। मान्यता है कि नाग पंचमी के दिन पूजा-पाठ करने से कालसर्प दोष से राहत मिल सकती है। यही वजह है कि इस पर्व को विशेष श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जाता है। इस साल नाग पंचमी 29 जुलाई 2025, मंगलवार को मनाई जाएगी। यह दिन भक्तों के लिए आस्था और आध्यात्म से जुड़ने का खास अवसर है।

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नाग पंचमी 2025: तिथि और शुभ मुहूर्त

पंचमी तिथि शुरू: 28 जुलाई 2025, रात 11:24 बजे

पंचमी तिथि समाप्त: 30 जुलाई 2025, सुबह 12:46 बजे

पूजा का शुभ मुहूर्त: 29 जुलाई को सुबह 6:13 से 8:49 बजे तक

इसी दिन मुख्य पूजा का समय रहेगा और भक्त नाग देवता की पूजा इसी दौरान करेंगे।

क्यों मनाते हैं नाग पंचमी?

नाग पंचमी का पर्व शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। यह समय सावन का होता है, जो भगवान शिव को समर्पित महीना माना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, नाग पंचमी के दिन सांपों की पूजा करने से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है। साथ ही कालसर्प दोष जैसी परेशानियों से भी छुटकारा मिलता है।

नाग पंचमी पर क्या करते हैं भक्त?

  • इस दिन नाग देवता और भगवान शिव की पूजा की जाती है।
  • दूध, फूल, फल और मिठाई नागों को अर्पित किए जाते हैं।
  • कई जगहों पर मिट्टी या चांदी के नाग-नागिन की मूर्तियों को पूजा जाता है।
  • लोग शिव मंदिर जाकर जल, बेलपत्र और दूध अर्पित करते हैं।
  •  परंपरा के अनुसार, इस दिन रोटी नहीं बनाई जाती क्योंकि इसे अशुभ माना जाता है।

नाग पंचमी का सांस्कृतिक महत्व
नाग पंचमी सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि विदेशों में बसे हिंदू समुदायों के बीच भी श्रद्धा से मनाया जाता है। सांपों को हिंदू धर्म में रक्षक और उर्वरता के प्रतीक माना जाता है। यह पर्व हमें प्रकृति, जीव-जंतुओं और उनके महत्व की याद दिलाता है।29 जुलाई 2025 को पड़ रही नाग पंचमी, शिवभक्तों के लिए एक खास अवसर है। इस दिन विधिपूर्वक पूजा करके आप नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति पा सकते हैं और अपने जीवन में शांति और समृद्धि ला सकते हैं।

ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष , वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ 8080426594/9545290847

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Chhapra: सावन माह की तीसरी सोमवारी को जिले के विभिन्न मंदिरों और शिवालयों में शिवलिंग पर जलाभिषेक के लिए आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा है। सुबह से ही विभिन्न मंदिरों में स्थापित शिवलिंग समेत शिवालयों में जलाभिषेक के लिए शिव भक्तों का तांता लगा हुआ है।शिवलिंग पर जलाभिषेक के साथ ही शिव भक्त भगवान महादेव और मां पार्वती की पूजा अर्चना कर रहे हैं।

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शिवालयों में जलाभिषेक के लिए उमड़ा आस्था का सैलाब

केसरिया वस्त्रों में ॐ नमः शिवाय और हर हर महादेव का जाप करते हुए शिव भक्त मंदिर और शिवालय पहुंचकर पूजा अर्चना कर रहे हैं। जिले के बाबा धर्मनाथ धनी मंदिर ( छपरा ), बाबा हरिहरनाथ मंदिर ( सोनपुर ) सहित अन्य मंदिरों और शिवालयों में भक्तों की भीड़ सुबह से उमड़ रही है।पूरा वातावरण शिव धुन को लेकर शिवमय बना हुआ है।

सावन की तीसरी सोमवारी को लेकर मंदिरों में उमड़ने वाली भीड़ को लेकर जिला प्रशासन की ओर से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किया गया है मंदिरों और शिवालयों पर विधि व्यवस्था संधारण को लेकर पुलिस अधिकारियों के साथ बलों की प्रतिनियुक्ति की गई है। इसके अलावा मंदिर प्रबंधन कमिटी भी मंदिर परिसरों भीड़ को नियंत्रित करने में प्रशासन का सहयोग कर रही है।

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Jammu, 28 जुलाई (हि.स.)। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सोमवार को भगवती नगर यात्री निवास से पवित्र श्री बूढ़ा अमरनाथ जी यात्रा के लिए श्रद्धालुओं के पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

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महादेव के निवास की पवित्र यात्रा एक ज्ञानवर्धक अनुभव है: उपराज्यपाल मनोज सिन्हा

उपराज्यपाल ने सभी तीर्थयात्रियों को सुरक्षित और आध्यात्मिक रूप से परिपूर्ण यात्रा की शुभकामनाएं दीं। उपराज्यपाल ने कहा कि महादेव के निवास की पवित्र यात्रा एक ज्ञानवर्धक अनुभव है। मेरा दृढ़ विश्वास है कि यह भक्तों के सामने जीवन के रहस्यों को उजागर करती है। उपराज्यपाल ने बाबा अमरनाथ और बूढ़ा अमरनाथ यात्री न्यास, पर्यटन विभाग, जिला प्रशासन, अन्य हितधारकों और लंगर सेवा प्रदान करने वाले संगठनों द्वारा किए गए सावधानीपूर्वक कार्य की सराहना की। वार्षिक तीर्थयात्रा और बूढ़ा अमरनाथ जी मेले, वार्षिक उत्सव के लिए सभी व्यवस्थाएं की गई हैं।

मीडिया से बात करते हुए उपराज्यपाल ने कहा कि पहले जत्थे में देश भर से 1000 से अधिक तीर्थयात्री श्री बूढ़ा अमरनाथ जी की पवित्र यात्रा के लिए रवाना हुए। वहीं दूसरी ओर कल तक 3.77 लाख तीर्थयात्री श्री अमरनाथ जी की पवित्र गुफा के दर्शन कर चुके हैं। मुझे आशा है कि देश भर से तीर्थयात्री श्री बूढ़ा अमरनाथ जी के दर्शन करने आएंगे और भोलेनाथ से जम्मू-कश्मीर और राष्ट्र की शांति और प्रगति के लिए प्रार्थना करेंगे।

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जम्मू, 26 जुलाई (हि.स.)। 2,300 से अधिक तीर्थयात्रियों का एक नया जत्था बाबा बर्फानी की पूजा-अर्चना के लिए शनिवार को जम्मू स्थित भगवती नगर आधार शिविर से घाटी के लिए रवाना हुआ।

3 जुलाई को 38 दिनों की यात्रा शुरू होने के बाद से अब तक 3.60 लाख से अधिक तीर्थयात्री श्री अमरनाथ की पवित्र गुफा के दर्शन कर चुके हैं।

हालांकि प्राकृतिक रूप से बने बर्फ के शिवलिंग के पिघलने के साथ ही पिछले कुछ दिनों से श्री अमरनाथ तीर्थयात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या कम होने लगी है।

अधिकारियों ने बताया कि पुलिस और सीआरपीएफ कर्मियों की सुरक्षा में 377 महिलाओं और 51 साधुओं और साध्वियों सहित 2,324 तीर्थयात्रियों का 24वां जत्था जम्मू के भगवती नगर आधार शिविर से 92 वाहनों में सुबह 3.25 बजे से 3.45 बजे के बीच कश्मीर स्थित दोनों आधार शिविरों के लिए रवाना हुआ।

उन्होंने बताया कि पहला काफिला 34 वाहनों में 741 तीर्थयात्रियों को लेकर गांदरबल जिले में 14 किलोमीटर लंबे लेकिन अधिक ढलान वाले बालटाल मार्ग के लिए रवाना हुआ जिसके बाद 58 वाहनों में 1,583 तीर्थयात्रियों का दूसरा काफिला अनंतनाग जिले में 48 किलोमीटर लंबे पारंपरिक पहलगाम मार्ग से यात्रा कर रहा है।

इसके साथ ही 2 जुलाई को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा द्वारा पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाने के बाद से अब तक कुल 1,39,098 तीर्थयात्री जम्मू आधार शिविर से घाटी के लिए रवाना हो चुके हैं।

यह तीर्थयात्रा 9 अगस्त को रक्षा बंधन के त्योहार के साथ समाप्त होगी।

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Amarnath Yatra 2025, 24 जुलाई (हि.स.)। इस साल 3 जुलाई को अमरनाथ यात्रा की शुरूआत के बाद से अब तक 3.42 लाख से ज़्यादा यात्री दर्शन कर चुके हैं, जबकि 3,500 तीर्थयात्रियों का नया जत्था गुरुवार को जम्मू से दोनों आधार शिविरों से यात्रा के लिए रवाना हुआ।

गुरुवार को 3,500 यात्रियों का जत्था जम्मू  से घाटी के लिए रवाना हुआ

अधिकारियों ने बताया कि पिछले 21 दिनों में 3.42 लाख से ज़्यादा यात्री अमरनाथ यात्रा कर चुके हैं। तीर्थयात्रियों की भारी भीड़ लगातार पहुंच रही है। उन्होंने बताया कि यात्रा शांतिपूर्ण और सुचारू रूप से चल रही है और इससे श्रद्धालुओं को रिकॉर्ड संख्या में आने का प्रोत्साहन मिला है। पिछले 21 दिनों में 3.42 लाख से ज़्यादा श्रद्धालुओं ने दर्शन किए हैं और गुरुवार को 3,500 यात्रियों का एक और जत्था जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास से घाटी के लिए रवाना हुआ। इनमें से 45 वाहनों का पहला सुरक्षा काफिला 832 यात्रियों को लेकर सुबह 3ः25 बजे बालटाल आधार शिविर के लिए रवाना हुआ जबकि 95 वाहनों का दूसरा काफिला 2,668 यात्रियों को लेकर पहलगाम आधार शिविर के लिए सुबह 4ः01 बजे रवाना हुआ।

9 अगस्त को पवित्र अमरनाथ गुफा यात्रा का आधिकारिक समापन होगा

10 जुलाई को पहलगाम में छड़ी मुबारक (भगवान शिव का पवित्र निवास) का भूमि पूजन किया गया। इसके बाद छड़ी मुबारक को दशनामी अखाड़ा भवन में वापस उसके स्थान पर ले जाया गया। यह 4 अगस्त को श्रीनगर के दशनामी अखाड़ा मंदिर से अमरनाथ गुफा मंदिर की ओर अपनी अंतिम यात्रा शुरू करेगी और 9 अगस्त को पवित्र अमरनाथ गुफा मंदिर पहुँचेगी जो यात्रा का आधिकारिक समापन होगा।

इस वर्ष अमरनाथ यात्रा के लिए व्यापक बहु-स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है। सेना, बीएसएफ, सीआरपीएफ, एसएसबी और स्थानीय पुलिस की मौजूदा संख्या बढ़ाने के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की 180 अतिरिक्त कंपनियाँ तैनात की गई हैं। सेना ने इस वर्ष तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 8,000 से अधिक विशेष कमांडो तैनात किए हैं। यह यात्रा 3 जुलाई को शुरू हुई थी और 38 दिनों के बाद 9 अगस्त को समाप्त होगी जो श्रावण पूर्णिमा और रक्षाबंधन के साथ मेल खाता है।

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Deoghar, 21 जुलाई (हि.स.)। सावन की दूसरे सोमवारी को लेकर देवघर के विश्व प्रसिद्ध बाबा बैद्यनाथ धाम में लगातार श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। देवघर में भक्तों एवं श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है। हर-हर महादेव और बम बोल के जयघोष के साथ शिवभक्त भगवान आशुतोष का अभिषेक कर रहे हैं।

10 जुलाई से रविवार रात तक 14 लाख 43 हजार 693 श्रद्धालुओं ने जलार्पण किया

सावन के दसवें दिन सुबह 04:07 मंदिर का पट खुलते ही जलार्पण शुरू हो गया है। बाबा बैद्यनाथ की नगरी देवघर में शिवभक्तों की गूंज से पूरा रूट लाईन गुंजायमान है और कांवरिया कतारबद्ध होकर बाबा का जयघोष करते हुए जलार्पण के लिए निरंतर आगे बढ़ रहे हैं। देश के हर कोने और विदेश से भी भक्त भोलेनाथ को जलार्पण करने आ रहे है। जिला प्रशासन के अनुसार 10 जुलाई से रविवार रात तक 14 लाख 43 हजार 693 श्रद्धालुओं ने जलार्पण किया है।

उपायुक्त ने रूट लाइन का किया निरीक्षण, दिए कई निर्देश

सावन की दूसरी सोमवारी को लेकर जिला उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा ने सम्पूर्ण मेला क्षेत्र अंतर्गत पड़ने वाले रुटलाइन का निरीक्षण किया। इसके अलावे उपायुक्त ने नेहरू पार्क स्तिथ आईएमसीआर कंट्रोल रूम का निरीक्षण कर मेला को लेकर की गई तैयारियों का जायजा लिया। साथ ही प्रतिनियुक्त दंडाधिकारियों, पुलिस पदाधिकारियों को मेला के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों को लेकर आवश्यक निर्देश दिए, ताकि श्रावणी मेला के दौरान चौबीसों घंटे कंट्रोल रूम एक्टिव मोड में कार्यरत रहे।

विनम्रता के साथ श्रद्धालुओं की सेवा करें: उपायुक्त

निरीक्षक के क्रम में उपायुक्त ने मेला क्षेत्र में प्रतिनियुक्त अधिकारियों, दंडाधिकारियों, पुलिस पदाधिकारियों एवं सुरक्षाकर्मियों को निर्देशित करते हुए कहा कि विनम्रता के साथ श्रद्धालुओं की सेवा करें, ताकि बाबा बैद्यनाथ की नगरी देवघर से श्रद्धालु एक सुखद अनुभूति लेकर प्रस्थान करें।

उपायुक्त ने संबंधित विभाग के अधिकारियों की टीम के साथ बरमसिया सरकार भवन से बीएड कॉलेज, तिवारी चौक, शिवराम झा चौक, बीएन झा पथ मोड़, शिवगंगा घाट, नेहरू पार्क, बाबा मंदिर एवं उनके आसपास के क्षेत्रों में श्रद्धालुओं की सुविधाओं को लेकर किये गए विभिन्न इंतजामों से अवगत हु

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Chhapra: सावन की दूसरी सोमवारी पर छपरा के बाबा धर्मनाथ धनी मंदिर समेत जिले के तमाम शिवालयों में जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं की लंबी कतारें देखीं जा रहीं।

सुबह से ही श्रद्धालु जल, बेलपत्र और फूल लेकर भगवान शिव का जलाभिषेक करने मंदिरों में उमड़ पड़े हैं। भक्तों में उत्साह और भक्ति का अद्भुत समर्पण देखने को मिल रहा है।

मंदिर प्रांगण में सुरक्षा और व्यवस्था को लेकर प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद दिखा। स्काउट गाइड के बच्चों ने भी भीड़ प्रबंधन में मदद की।

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देहरादून, 18 जुलाई (हि.स.)। 19,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित कैलाश पर्वत के मानसरोवर यात्रा के पहले दल ने आज भगवान शिव के दर्शन किए। कैलाश की पहली झलक से श्रद्धालुओं की आंखों से अश्रु बह निकले और वे ‘हर-हर महादेव’ के उद्घोष करने लगे। इस दल में देश के 11 राज्यों से आए कुल 49 श्रद्धालु शामिल हैं।

यात्रा की शुरुआत दिल्ली से हुई, जो पिथौरागढ़, गूंजी और लिपुलेख होते हुए चीन के तकलाकोट तक पहुंची। दर्शन के बाद यात्री आज भारत लाैट आएंगे और अपनी यात्रा के फोटो भी साझा किए। यात्री नरेंद्र ने बताया कि यात्रा भले ही कठिन रही, लेकिन हर कदम पर भगवान शिव की ओर बढ़ना सुखद अनुभव रहा। उन्होंने कहा कि डोल्मा पास की चढ़ाई बेहद चुनौतीपूर्ण थी, कईयों को थकान और ऑक्सीजन की कमी हुई, लेकिन भक्ति और आस्था ने उन्हें हिम्मत दी।

यात्री ऊं नमः शिवाय का जप करते हुए आगे बढ़ते रहे। यात्री नागपाल ने बताया कि कैलाश दर्शन के बाद मानसरोवर झील के दर्शन हुए, जहां पवित्र जल में उभरते दृश्यों ने ऐसा अहसास कराया मानो हिमालय भी शिव के समक्ष नतमस्तक हो। झील के किनारे हवन-यज्ञ, दीप प्रज्ज्वलन और भोलेनाथ का आह्वान किया गया, साथ ही देश की सुख-समृद्धि और कल्याण की कामना की गई।

प्रथम दल के लाइजनिंग ऑफिसर संजय गुज्याल ने बताया कि सभी यात्री दर्शन के बाद स्वस्थ्य हैं और भारत की ओर लौट रहे हैं। वे अपने को सौभाग्यशाली मानते हुए ‘शिव-शिव’ का जाप कर रहे हैं।

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Srinagar, 17 जुलाई (हि.स.)। गांदरबल जिले में अमरनाथ यात्रा के बालटाल मार्ग पर हुए भूस्खलन में एक महिला तीर्थयात्री की मौत हो गई, जबकि तीन अन्य घायल हुए हैं। अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा कारणों से यात्रा को आज गुरुवार के लिए स्थगित कर दिया गया है।

घायलों को बालटाल बेस कैंप अस्पताल ले जाया गया

अधिकारियों ने बताया कि ऊपरी रेलपथरी के पास जड-मोड़ पर भूस्खलन हुआ, जिससे कई तीर्थयात्री बालटाल मार्ग से नीचे की ओर बह गए जो पवित्र गुफा की ओर जाता है। घायलों को बालटाल बेस कैंप अस्पताल ले जाया गया, जहां पहुंचने पर एक महिला को मृत घोषित कर दिया गया। मृतक महिला की पहचान राजस्थान निवासी सोना बाई के रूप में हुई है। अधिकारियों ने बताया कि आज जम्मू से पवित्र गुफा की ओर जाने वाले तीर्थयात्रियों के किसी भी नए जत्थे को यात्रा की अनुमति नहीं दी गई है। यात्रा मार्ग पर भूस्खलन और भारी बारिश को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है।

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Jammu, 17 जुलाई (हि.स.)। पिछले दो दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश के कारण पहलगाम और बालटाल दोनों आधार शिविरों से अमरनाथ यात्रा आज यानी गुरुवार के लिए स्थगित कर दी गई है। यह रोक ऐसे समय में लगाई गई है जब अधिकारी भारी बारिश से प्रभावित तीर्थयात्रियों के मार्गों पर तत्काल मरम्मत कार्य करवाने में जुटे हैं।

यह पहला अवसर है जब जम्मू से तीर्थयात्रा एक दिन के लिए रोकी गई है

Jammu and Kashmir जनसंपर्क विभाग की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि पिछले दो दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश के कारण दोनों मार्गों पर मरम्मत कार्य करना जरूरी हो गया है। सीमा सड़क संगठन ने 18 जुलाई को दोनों आधार शिविरों से यात्रा शुरू होने से पहले काम पूरा करने के लिए अपने कर्मियों और मशीनों की तैनाती की है। इस वर्ष यह पहला अवसर है जब जम्मू से तीर्थयात्रा एक दिन के लिए रोकी गई है।

तीर्थयात्रा 18 जुलाई को फिर से शुरू होने की उम्मीद है

संभागीय आयुक्त कश्मीर विजय कुमार बिधूड़ी ने भी यात्रा स्थगित होने की पुष्टि की और कहा कि मौसम की स्थिति के आधार पर तीर्थयात्रा 18 जुलाई को फिर से शुरू होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण दोनों मार्गों पर तत्काल मरम्मत और रखरखाव कार्य किए जाने की आवश्यकता है इसलिए यह निर्णय लिया गया है कि आज दोनों आधार शिविरों से पवित्र गुफा की ओर किसी भी प्रकार की आवाजाही की अनुमति नहीं दी जाएगी। हालांकि पिछली रात पंजतरणी शिविर में रुके यात्रियों को बीआरओ और पर्वतीय बचाव दलों की पर्याप्त तैनाती के तहत बालटाल जाने की अनुमति दी जा रही है। दिन के दौरान मौसम की स्थिति के आधार पर यात्रा कल फिर से शुरू होने की पूरी संभावना है।

तीन जुलाई को तीर्थयात्रा शुरू होने के बाद से अब तक 2.35 लाख से अधिक तीर्थयात्री बाबा बर्फानी के दर्शन कर चुके हैं।

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Ujjain (Madhya Pradesh), 14 जुलाई (हि.स.)। देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में सात दिन में (13 जुलाई तक) 11 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे। इस अवधि में सुबह छह बजे से रात्रि पट बंद होने तक कुल 11,06,270 भक्तों ने भगवान महाकालेश्‍वर के दर्शन किए। साथ ही लगभग 26,996 भक्तों ने भस्म आरती के दर्शन किए। यह जानकारी श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक एवं अपर कलेक्टर प्रथम कौशिक ने दी।

उन्‍होंने कहा कि आज श्रावण माह के प्रथम सोमवार पर 4,498 श्रद्धालुओं ने श्री महाकालेश्वर भगवान की भस्म आरती में दर्शन किये। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति ने दर्शनार्थियों के लिए सुगम दर्शन की व्यवस्था की है। कौशिक ने कहा कि दर्शन, अन्य जानकारी एवं शिकायत के लिए श्री महाकालेश्वर मंदिर टोल फ्री नंबर 18002331008 पर संपर्क किया जा सकता है।

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Chhapra: सावन माह की पहली सोमवारी के पावन अवसर पर आज देशभर के शिवालयों में आस्था का अद्भुत नज़ारा देखने को मिला।सुबह होते ही ‘हर हर महादेव’ और ‘बोल बम’ के जयघोषों से मंदिर परिसर गूंज उठे। हजारों श्रद्धालु भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करने के लिए शिवालयों में उमड़ पड़े।

श्रद्धालुओं ने गंगा जल से भगवान शिव का अभिषेक किया और अपने परिवार व समाज की सुख-समृद्धि की कामना की। मंदिरों के बाहर लंबी कतारें देखी गईं, लेकिन व्यवस्था चाक-चौबंद रही।

स्थानीय प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किए थे। महिला श्रद्धालुओं के लिए अलग लाइनें लगाई गई थीं और चिकित्सा शिविर भी लगाए गए थे।

एक स्थानीय श्रद्धालु ने कहा, “सावन की सोमवारी का विशेष महत्व है। भगवान शिव इस दिन विशेष कृपा करते हैं। जलाभिषेक करने से सभी कष्ट दूर होते हैं।”

सोमवारी पर जलाभिषेक और व्रत का विशेष पुण्यफल मिलता है।

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