Chhapra: छपरा नगरपालिका (अब नगर निगम) के भूतपूर्व चेयरमैन स्व० ब्रजेन्द्र बहादुर के दौलतगंज स्थित निवास पर श्रीकृष्ण झूलनोत्सव का आयोजन हर्ष और उल्लास के साथ किया जाएगा।

इस आशय की जानकारी देते हुए उनके पौत्र पूर्व आईएएस अधिकारी व सचिव जय-ब्रज फाउण्डेशन प्रवीर कृष्ण ने बताया कि दिनांक 9 अगस्त 2025 को संध्या 7 बजे से दौलतगंज स्थित निवास पर श्रीकृष्ण झूलनोत्सव का आयोजन हर्ष और उल्लास के साथ किया जाएगा।

कार्यक्रम में बाल गोपाल की झांकी के समक्ष एक संगीतमय कार्यक्रम का भी आयोजन है।

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Chhapra: रक्षाबंधन का पावन त्योहार नजदीक है और इसको लेकर बाजारों में जबरदस्त रौनक देखने को मिल रही है। शहर के प्रमुख बाजारों जैसे गुदरी, हथुआ मार्केट, मुनिसफल चौक आदि में राखियों की दुकानें सज चुकी हैं। हर तरफ रंग-बिरंगी और आकर्षक राखियां ग्राहकों को अपनी ओर खींच रही हैं।

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बच्चों की पसंद बनी कार्टून राखियां

दुकानदारों का कहना है कि शुरुआत में ग्राहक केवल देखने आ रहे थे, लेकिन अब धीरे-धीरे खरीदार भी आने लगे हैं। एक दुकानदार ने बताया कि इस बार खासतौर पर बच्चों वाली राखियों की काफी मांग है। छोटा भीम, डोरेमॉन, मोटू-पतलू, स्पाइडरमैन जैसी कार्टून कैरेक्टर्स वाली राखियां छोटे बच्चों को खूब लुभा रही हैं।

दुकानदार बताते हैं कि बच्चे खुद आकर अपनी पसंद की राखी चुन रहे हैं। बच्चों की राखियों में रंग-बिरंगे डिजाइन, लाइट्स और म्यूजिक वाले वेरिएंट भी आ गए हैं, जो उन्हें और भी खास बना रहे हैं।

इस बार रक्षाबंधन 9 अगस्त को मनाया जाएगा

वहीं, बड़ों के लिए पारंपरिक राखियां, कुंदन, मोती और ज़री के काम वाली राखियां भी बाजार में उपलब्ध हैं। रक्षाबंधन भाई-बहन के रिश्ते का प्रतीक है और यह त्योहार हर साल नए उत्साह के साथ मनाया जाता है।

इस बार भी लोग पूरी तैयारी में हैं। इस बार रक्षाबंधन 9 अगस्त को मनाया जाएगा।

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Patna, 7 अगस्त (हि.स.)। अयोध्या के भव्य राममंदिर की तर्ज पर बिहार के पुनौराधाम में माता जानकी मंदिर का शिलान्यास 8 अगस्त यानी शुक्रवार काे हाेना है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मंदिर परिसर की आधारशिला रखेंगे। इस समाराेह काे लेकर भव्य तैयारियां की जा रही हैं।

मंदिर शिलान्यास के लिए 31 पवित्र नदियों का जल लाया जाएगा

मंदिर शिलान्यास के लिए जयपुर से विशेष चांदी के कलश, भारत के 21 प्रमुख तीर्थों की मिट्टी और 31 पवित्र नदियों का जल लाया जाएगा। दक्षिण भारत के बालाजी मंदिर तिरुपति के समान यहां 50 हजार पैकेट लड्डू बनाए जा रहे हैं। लड्डू बनाने के लिए दक्षिण भारत के विशेषज्ञ कारीगर खासतौर पर आए हैं। इन लड्डुओं का संकल्प स्नान गंगा सहित 11 पवित्र नदियों के जल से किया जाएगा, जो कार्यक्रम की दिव्यता को और बढ़ाएगा।

मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के लिए हाेंगे आधुनिक सुविधाएं मंदिर का निर्माण 67 एकड़ में होगा, जिसमें 151 फीट ऊंचा भव्य मंदिर तैयार किया जाएगा, जिसकी योजना वर्ष 2028 तक पूरा होने की है। मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के लिए कई सुविधाएं शामिल होंगी। इसमें यज्ञ मंडप, संग्रहालय, ऑडिटोरियम, कैफेटेरिया, बच्चों के लिए खेल क्षेत्र, धर्मशाला, सीता वाटिका, लवकुश वाटिका, भजन संध्या स्थल, यात्री डॉरमेट्री भवन, यात्री अतिथि गृह, ई-कार्ट स्टेशन, मिथिला हाट, पार्किंग, मार्ग प्रदर्शनी समेत अन्य सुविधाएं शामिल हैं।

मंदिर निर्माण परियोजना पर लगभग 882 करोड़ 87 लाख रुपये का खर्च अनुमानित है

मंदिर परिसर में माता सीता से जुड़े ऐतिहासिक साक्ष्यों, तथ्यों और कहानियों को प्रदर्शित किया जाएगा, जिससे यहां आने वाले श्रद्धालुओं को धार्मिक एवं सांस्कृतिक ज्ञान भी प्राप्त होगा। इसके अलावा, माता जानकी कुंड का सौंदर्यीकरण भी किया जाएगा। इस भव्य आयोजन में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अलावा कई केंद्रीय और राज्यमंत्री भाग लेंगे। साथ ही राज्य और देश भर से बड़ी संख्या में साधु-संत तथा हजारों श्रद्धालु इस ऐतिहासिक पल का साक्षी बनने के लिए उपस्थित होंगे।

मंदिर निर्माण परियोजना पर लगभग 882 करोड़ 87 लाख रुपये का खर्च अनुमानित है। जो न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र बनेगा, बल्कि क्षेत्र का पर्यटन एवं सांस्कृतिक विकास भी करेगा। यह परियोजना मिथिला क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

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Chhapra: सावन माह की चौथी और अंतिम सोमवारी को शिवलिंग पर जलाभिषेक के लिए शिव भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी है। जिले के विभिन्न मंदिरों, देवालयों में स्थापित शिवलिंग समेत शिवालयों में सुबह से ही शिवलिंग पर जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा।

विभिन्न मंदिरों और शिवालयों में शिव धुन और भक्तों की ओर से लगने वाले जयकारे हर हर महादेव, जय शिव शंभू, बाबा भोलेनाथ की जय के नारों से वातावरण पूरा शिवमय हो गया है।

केसरिया रंग के परिधान में शिव भक्त मंदिर पहुंचकर पूजा अर्चना करने के साथ शिवलिंग पर जलाभिषेक कर रहे हैं। मंदिरों, देवालयों और जिले के प्रतिष्ठित शिवालयों में विधि व्यवस्था संधारण और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए जिला प्रशासन की ओर से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।

जिले के सोनपुर प्रखंड स्थित बाबा हरिहारनाथ धाम मंदिर, छपरा स्थित बाबा धर्मनाथ धनी मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालु पूजा अर्चना के लिए पहुंच रहे हैं। मंदिरों में श्रद्धालु पंक्तिबद्ध होकर गर्भ गृह में पहुंच कर शिवलिंग पर जलाभिषेक कर रहे हैं।

श्रद्धालुओं को पंक्तिबद्ध करने के लिए मंदिर प्रबंधन कमिटी के सदस्य भी सहयोग कर रहे हैं।

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देवघर, 29 जुलाई (हि.स.)। सावन माह में देवघर के विश्व प्रसिद्ध बाबा बैद्यनाथ धाम में लगातार श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ रहा है। मंगलवार को नागपंचमी पर तड़के 04:06 बजे से मंदिर का पट खुलते ही जलार्पण शुरू हो गया।

बाबा बैद्यनाथ की नगरी देवघर में शिवभक्तों की गूंज से पूरा रूट लाइन गुंजायमान रहा। सभी कांवरिया कतारबद्ध होकर बाबा का जयघोष करते हुए जलार्पण कर रहे थे। कांवरिया सुल्तानगंज से जल लेकर 105 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर देवघर के बाबा बैद्यनाथ धाम पहुंचकर जलार्पण करते हैं।

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जिला प्रशासन के अनुसार सावन मेला में अबतक कुल 38 लाख 74 हजार 899 श्रद्धालुओं ने बाबा बैद्यनाथ पर जर्लापण किया है। जलार्पण शुरू होते ही पूरा मंदिर परिसर बोल-बम के नारों से रात तक गुंजयमान रहा। देश के हर कोने और विदेश से भी भक्त भोलेनाथ को जलार्पण करने आ रहे हैं।

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Nag Panchami: हमारी संस्कृति परम्पराओं और विविधताओं से भरी पड़ी है। जहां शास्त्र और लोक मिलकर एक समृद्ध और जीवंत संस्कृति की बुनावट करते हैं। एक ओर जहां शास्त्र अपने वैदिक मंत्रों और विधियों का समावेश करते हैं, वहीं दूसरी ओर लोक की अपनी मान्यताएं और परंपराएं हैं। ऐसी ही एक अद्भुत परंपरा है नाग पंचमी, जो श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है। यह पर्व नागों की पूजा का पर्व है। इस पर्व में हमें प्रकृति, जीवन और आध्यात्मिक चेतना के गहरे संबंध की पराकाष्ठा देखने को मिलती है।

शास्त्रीय आधार

शास्त्रों में नागों को अत्यंत शक्तिशाली, दिव्य और रहस्यमयी जीव माना गया है। महाभारत, रामायण, पुराणों आदि ग्रंथों में शेषनाग, वासुकी, तक्षक, कालिया जैसे नागों का उल्लेख मिलता है। विष्णु भगवान स्वयं शेषनाग की शय्या पर योगनिद्रा में लीन रहते हैं। नागों को पृथ्वी के नीचे पाताल लोक का संरक्षक माना गया है, जो भूतल की उर्वरता और स्थिरता को नियंत्रित करते हैं।

धार्मिक दृष्टिकोण से नाग पंचमी पर नागों की पूजा करने से शत्रु बाधा, भय और विष का नाश होता है तथा संतान सुख की प्राप्ति होती है। विशेषकर महिलाएँ इस दिन व्रत रखती हैं, दीवारों पर नाग की आकृति बनाकर दूध, मिठाई इत्यादि से पूजन करती हैं। यह न केवल धार्मिक कर्म है, बल्कि प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाए रखने का भी प्रतीक है।

लोक परंपरा

जहाँ शास्त्रों में नागों को दिव्यता का प्रतीक माना गया है, वहीं लोक परंपरा में वे साक्षात नाग देव हैं। विशेषकर पूर्वांचल में इस दिन महिलाएँ गोबर, पियराही सरसों और बालू को मिलाकर घर की दीवारों को चौगेंठती हैं और साथ ही नाग देव से परिवार की सुख-शांति की कामना करती हैं।

सदियों से चली आ रही एक परंपरा यह भी है कि इस सरसों और बालू के मिश्रण को गाँव के बुजुर्ग जिन्होंने सर्पों का मंत्र सिद्ध किया होता है, मंत्रोच्चारण के साथ सुध बनाते हैं। उसके बाद महिलाएँ इस सुध सरसों और बालू के मिश्रण को गोबर में मिलाकर दीवारों पर साँप और चौका की आकृति बनाती हैं।

साथ ही कई जगहों पर नाग देव को सुबह या शाम के समय दूध और जौ का लावा मिट्टी के पात्र में घर के चारदीवारी के बाहर चढ़ाया जाता है और लोग अपने घरों में भी जौ का लावा छिटते हैं। लोगों का मानना है कि नाग देव स्वयं आते हैं और दूध- लावा का सेवन करते हैं और आशीर्वाद देते हैं। लोगों का यह भी विश्वास है कि इससे अकाल मृत्यु और सर्पदंश दोष टल जाते हैं। यह लोक और लोक के लोगों की वह मान्यता है, जो न जाने कितनी शताब्दियों से चली आ रही है।

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Nag Panchami 2025: हिंदू धर्म में नाग पंचमी का विशेष महत्व है। यह त्योहार हर साल सावन महीने में मनाया जाता है और इस दिन भगवान शिव के साथ-साथ नाग देवता की पूजा की जाती है। मान्यता है कि नाग पंचमी के दिन पूजा-पाठ करने से कालसर्प दोष से राहत मिल सकती है। यही वजह है कि इस पर्व को विशेष श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जाता है। इस साल नाग पंचमी 29 जुलाई 2025, मंगलवार को मनाई जाएगी। यह दिन भक्तों के लिए आस्था और आध्यात्म से जुड़ने का खास अवसर है।

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नाग पंचमी 2025: तिथि और शुभ मुहूर्त

पंचमी तिथि शुरू: 28 जुलाई 2025, रात 11:24 बजे

पंचमी तिथि समाप्त: 30 जुलाई 2025, सुबह 12:46 बजे

पूजा का शुभ मुहूर्त: 29 जुलाई को सुबह 6:13 से 8:49 बजे तक

इसी दिन मुख्य पूजा का समय रहेगा और भक्त नाग देवता की पूजा इसी दौरान करेंगे।

क्यों मनाते हैं नाग पंचमी?

नाग पंचमी का पर्व शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। यह समय सावन का होता है, जो भगवान शिव को समर्पित महीना माना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, नाग पंचमी के दिन सांपों की पूजा करने से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है। साथ ही कालसर्प दोष जैसी परेशानियों से भी छुटकारा मिलता है।

नाग पंचमी पर क्या करते हैं भक्त?

  • इस दिन नाग देवता और भगवान शिव की पूजा की जाती है।
  • दूध, फूल, फल और मिठाई नागों को अर्पित किए जाते हैं।
  • कई जगहों पर मिट्टी या चांदी के नाग-नागिन की मूर्तियों को पूजा जाता है।
  • लोग शिव मंदिर जाकर जल, बेलपत्र और दूध अर्पित करते हैं।
  •  परंपरा के अनुसार, इस दिन रोटी नहीं बनाई जाती क्योंकि इसे अशुभ माना जाता है।

नाग पंचमी का सांस्कृतिक महत्व
नाग पंचमी सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि विदेशों में बसे हिंदू समुदायों के बीच भी श्रद्धा से मनाया जाता है। सांपों को हिंदू धर्म में रक्षक और उर्वरता के प्रतीक माना जाता है। यह पर्व हमें प्रकृति, जीव-जंतुओं और उनके महत्व की याद दिलाता है।29 जुलाई 2025 को पड़ रही नाग पंचमी, शिवभक्तों के लिए एक खास अवसर है। इस दिन विधिपूर्वक पूजा करके आप नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति पा सकते हैं और अपने जीवन में शांति और समृद्धि ला सकते हैं।

ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष , वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ 8080426594/9545290847

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Chhapra: सावन माह की तीसरी सोमवारी को जिले के विभिन्न मंदिरों और शिवालयों में शिवलिंग पर जलाभिषेक के लिए आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा है। सुबह से ही विभिन्न मंदिरों में स्थापित शिवलिंग समेत शिवालयों में जलाभिषेक के लिए शिव भक्तों का तांता लगा हुआ है।शिवलिंग पर जलाभिषेक के साथ ही शिव भक्त भगवान महादेव और मां पार्वती की पूजा अर्चना कर रहे हैं।

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शिवालयों में जलाभिषेक के लिए उमड़ा आस्था का सैलाब

केसरिया वस्त्रों में ॐ नमः शिवाय और हर हर महादेव का जाप करते हुए शिव भक्त मंदिर और शिवालय पहुंचकर पूजा अर्चना कर रहे हैं। जिले के बाबा धर्मनाथ धनी मंदिर ( छपरा ), बाबा हरिहरनाथ मंदिर ( सोनपुर ) सहित अन्य मंदिरों और शिवालयों में भक्तों की भीड़ सुबह से उमड़ रही है।पूरा वातावरण शिव धुन को लेकर शिवमय बना हुआ है।

सावन की तीसरी सोमवारी को लेकर मंदिरों में उमड़ने वाली भीड़ को लेकर जिला प्रशासन की ओर से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किया गया है मंदिरों और शिवालयों पर विधि व्यवस्था संधारण को लेकर पुलिस अधिकारियों के साथ बलों की प्रतिनियुक्ति की गई है। इसके अलावा मंदिर प्रबंधन कमिटी भी मंदिर परिसरों भीड़ को नियंत्रित करने में प्रशासन का सहयोग कर रही है।

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Jammu, 28 जुलाई (हि.स.)। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सोमवार को भगवती नगर यात्री निवास से पवित्र श्री बूढ़ा अमरनाथ जी यात्रा के लिए श्रद्धालुओं के पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

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महादेव के निवास की पवित्र यात्रा एक ज्ञानवर्धक अनुभव है: उपराज्यपाल मनोज सिन्हा

उपराज्यपाल ने सभी तीर्थयात्रियों को सुरक्षित और आध्यात्मिक रूप से परिपूर्ण यात्रा की शुभकामनाएं दीं। उपराज्यपाल ने कहा कि महादेव के निवास की पवित्र यात्रा एक ज्ञानवर्धक अनुभव है। मेरा दृढ़ विश्वास है कि यह भक्तों के सामने जीवन के रहस्यों को उजागर करती है। उपराज्यपाल ने बाबा अमरनाथ और बूढ़ा अमरनाथ यात्री न्यास, पर्यटन विभाग, जिला प्रशासन, अन्य हितधारकों और लंगर सेवा प्रदान करने वाले संगठनों द्वारा किए गए सावधानीपूर्वक कार्य की सराहना की। वार्षिक तीर्थयात्रा और बूढ़ा अमरनाथ जी मेले, वार्षिक उत्सव के लिए सभी व्यवस्थाएं की गई हैं।

मीडिया से बात करते हुए उपराज्यपाल ने कहा कि पहले जत्थे में देश भर से 1000 से अधिक तीर्थयात्री श्री बूढ़ा अमरनाथ जी की पवित्र यात्रा के लिए रवाना हुए। वहीं दूसरी ओर कल तक 3.77 लाख तीर्थयात्री श्री अमरनाथ जी की पवित्र गुफा के दर्शन कर चुके हैं। मुझे आशा है कि देश भर से तीर्थयात्री श्री बूढ़ा अमरनाथ जी के दर्शन करने आएंगे और भोलेनाथ से जम्मू-कश्मीर और राष्ट्र की शांति और प्रगति के लिए प्रार्थना करेंगे।

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जम्मू, 26 जुलाई (हि.स.)। 2,300 से अधिक तीर्थयात्रियों का एक नया जत्था बाबा बर्फानी की पूजा-अर्चना के लिए शनिवार को जम्मू स्थित भगवती नगर आधार शिविर से घाटी के लिए रवाना हुआ।

3 जुलाई को 38 दिनों की यात्रा शुरू होने के बाद से अब तक 3.60 लाख से अधिक तीर्थयात्री श्री अमरनाथ की पवित्र गुफा के दर्शन कर चुके हैं।

हालांकि प्राकृतिक रूप से बने बर्फ के शिवलिंग के पिघलने के साथ ही पिछले कुछ दिनों से श्री अमरनाथ तीर्थयात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या कम होने लगी है।

अधिकारियों ने बताया कि पुलिस और सीआरपीएफ कर्मियों की सुरक्षा में 377 महिलाओं और 51 साधुओं और साध्वियों सहित 2,324 तीर्थयात्रियों का 24वां जत्था जम्मू के भगवती नगर आधार शिविर से 92 वाहनों में सुबह 3.25 बजे से 3.45 बजे के बीच कश्मीर स्थित दोनों आधार शिविरों के लिए रवाना हुआ।

उन्होंने बताया कि पहला काफिला 34 वाहनों में 741 तीर्थयात्रियों को लेकर गांदरबल जिले में 14 किलोमीटर लंबे लेकिन अधिक ढलान वाले बालटाल मार्ग के लिए रवाना हुआ जिसके बाद 58 वाहनों में 1,583 तीर्थयात्रियों का दूसरा काफिला अनंतनाग जिले में 48 किलोमीटर लंबे पारंपरिक पहलगाम मार्ग से यात्रा कर रहा है।

इसके साथ ही 2 जुलाई को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा द्वारा पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाने के बाद से अब तक कुल 1,39,098 तीर्थयात्री जम्मू आधार शिविर से घाटी के लिए रवाना हो चुके हैं।

यह तीर्थयात्रा 9 अगस्त को रक्षा बंधन के त्योहार के साथ समाप्त होगी।

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Amarnath Yatra 2025, 24 जुलाई (हि.स.)। इस साल 3 जुलाई को अमरनाथ यात्रा की शुरूआत के बाद से अब तक 3.42 लाख से ज़्यादा यात्री दर्शन कर चुके हैं, जबकि 3,500 तीर्थयात्रियों का नया जत्था गुरुवार को जम्मू से दोनों आधार शिविरों से यात्रा के लिए रवाना हुआ।

गुरुवार को 3,500 यात्रियों का जत्था जम्मू  से घाटी के लिए रवाना हुआ

अधिकारियों ने बताया कि पिछले 21 दिनों में 3.42 लाख से ज़्यादा यात्री अमरनाथ यात्रा कर चुके हैं। तीर्थयात्रियों की भारी भीड़ लगातार पहुंच रही है। उन्होंने बताया कि यात्रा शांतिपूर्ण और सुचारू रूप से चल रही है और इससे श्रद्धालुओं को रिकॉर्ड संख्या में आने का प्रोत्साहन मिला है। पिछले 21 दिनों में 3.42 लाख से ज़्यादा श्रद्धालुओं ने दर्शन किए हैं और गुरुवार को 3,500 यात्रियों का एक और जत्था जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास से घाटी के लिए रवाना हुआ। इनमें से 45 वाहनों का पहला सुरक्षा काफिला 832 यात्रियों को लेकर सुबह 3ः25 बजे बालटाल आधार शिविर के लिए रवाना हुआ जबकि 95 वाहनों का दूसरा काफिला 2,668 यात्रियों को लेकर पहलगाम आधार शिविर के लिए सुबह 4ः01 बजे रवाना हुआ।

9 अगस्त को पवित्र अमरनाथ गुफा यात्रा का आधिकारिक समापन होगा

10 जुलाई को पहलगाम में छड़ी मुबारक (भगवान शिव का पवित्र निवास) का भूमि पूजन किया गया। इसके बाद छड़ी मुबारक को दशनामी अखाड़ा भवन में वापस उसके स्थान पर ले जाया गया। यह 4 अगस्त को श्रीनगर के दशनामी अखाड़ा मंदिर से अमरनाथ गुफा मंदिर की ओर अपनी अंतिम यात्रा शुरू करेगी और 9 अगस्त को पवित्र अमरनाथ गुफा मंदिर पहुँचेगी जो यात्रा का आधिकारिक समापन होगा।

इस वर्ष अमरनाथ यात्रा के लिए व्यापक बहु-स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है। सेना, बीएसएफ, सीआरपीएफ, एसएसबी और स्थानीय पुलिस की मौजूदा संख्या बढ़ाने के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की 180 अतिरिक्त कंपनियाँ तैनात की गई हैं। सेना ने इस वर्ष तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 8,000 से अधिक विशेष कमांडो तैनात किए हैं। यह यात्रा 3 जुलाई को शुरू हुई थी और 38 दिनों के बाद 9 अगस्त को समाप्त होगी जो श्रावण पूर्णिमा और रक्षाबंधन के साथ मेल खाता है।

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Deoghar, 21 जुलाई (हि.स.)। सावन की दूसरे सोमवारी को लेकर देवघर के विश्व प्रसिद्ध बाबा बैद्यनाथ धाम में लगातार श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। देवघर में भक्तों एवं श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है। हर-हर महादेव और बम बोल के जयघोष के साथ शिवभक्त भगवान आशुतोष का अभिषेक कर रहे हैं।

10 जुलाई से रविवार रात तक 14 लाख 43 हजार 693 श्रद्धालुओं ने जलार्पण किया

सावन के दसवें दिन सुबह 04:07 मंदिर का पट खुलते ही जलार्पण शुरू हो गया है। बाबा बैद्यनाथ की नगरी देवघर में शिवभक्तों की गूंज से पूरा रूट लाईन गुंजायमान है और कांवरिया कतारबद्ध होकर बाबा का जयघोष करते हुए जलार्पण के लिए निरंतर आगे बढ़ रहे हैं। देश के हर कोने और विदेश से भी भक्त भोलेनाथ को जलार्पण करने आ रहे है। जिला प्रशासन के अनुसार 10 जुलाई से रविवार रात तक 14 लाख 43 हजार 693 श्रद्धालुओं ने जलार्पण किया है।

उपायुक्त ने रूट लाइन का किया निरीक्षण, दिए कई निर्देश

सावन की दूसरी सोमवारी को लेकर जिला उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा ने सम्पूर्ण मेला क्षेत्र अंतर्गत पड़ने वाले रुटलाइन का निरीक्षण किया। इसके अलावे उपायुक्त ने नेहरू पार्क स्तिथ आईएमसीआर कंट्रोल रूम का निरीक्षण कर मेला को लेकर की गई तैयारियों का जायजा लिया। साथ ही प्रतिनियुक्त दंडाधिकारियों, पुलिस पदाधिकारियों को मेला के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों को लेकर आवश्यक निर्देश दिए, ताकि श्रावणी मेला के दौरान चौबीसों घंटे कंट्रोल रूम एक्टिव मोड में कार्यरत रहे।

विनम्रता के साथ श्रद्धालुओं की सेवा करें: उपायुक्त

निरीक्षक के क्रम में उपायुक्त ने मेला क्षेत्र में प्रतिनियुक्त अधिकारियों, दंडाधिकारियों, पुलिस पदाधिकारियों एवं सुरक्षाकर्मियों को निर्देशित करते हुए कहा कि विनम्रता के साथ श्रद्धालुओं की सेवा करें, ताकि बाबा बैद्यनाथ की नगरी देवघर से श्रद्धालु एक सुखद अनुभूति लेकर प्रस्थान करें।

उपायुक्त ने संबंधित विभाग के अधिकारियों की टीम के साथ बरमसिया सरकार भवन से बीएड कॉलेज, तिवारी चौक, शिवराम झा चौक, बीएन झा पथ मोड़, शिवगंगा घाट, नेहरू पार्क, बाबा मंदिर एवं उनके आसपास के क्षेत्रों में श्रद्धालुओं की सुविधाओं को लेकर किये गए विभिन्न इंतजामों से अवगत हु

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