नवरात्रि के पावन महिने में मां दुर्गा की पूजा और उनके आगमन की तिथि के बाद अगर कोई अधिक महत्वपूर्ण तिथि है, तो वो है नवरात्रि का आखिरी दिन, जिसे दुर्गा अष्टमी और नवमी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन, कन्याओं की पूजा करने की अद्भुत परंपरा है,READ MORE CLICK HERE

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इसुआपुर में 51 फीट के रावण का होगा पुतला दहन, आतिशबाजियों से जगमग होगा आसमान इसुआपुर: इसुआपुर में दुर्गा पूजा समिति महावीर मंदिर के द्वारा आगामी 24 अक्टूबर को विजयादशमी के दिन रावण वध कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. आयोजन को लेकर तैयारियां अंतिम चरण में है. विगत 10 वर्षोंREAD MORE CLICK HERE

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या देवी सर्वभूतेषु के मंत्र के साथ हुई कलश स्थापना, भक्तिमय हुआ वातावरण Chhapra: नौ दिवसीय शारदीय नवरात्र को लेकर रविवार को कलश स्थापना की गई. कलश स्थापना के साथ ही शहर से लेकर गांव तक या देवी सर्वभूतेषु के मंत्र गुजने लगे. जिससे पूरा वातावरण भक्तिमय बन गया है.READ MORE CLICK HERE

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हिन्दू पंचांग के अनुसार शारदीय नवरात्रि का व्रत आश्विन मास के शुक्लपक्ष के प्रतिपदा तिथि से आरंभ होकर नवमी तिथि तक यानि पुरे 9 दिन तक चलने वाला यह शारदीय नवरात्रि का व्रत बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. प्रतिपदा के दिन प्रातः काल यानि ब्रह्म मुहूत से माँREAD MORE CLICK HERE

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अयोध्या, 07 अक्टूबर (हि.स.)। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक शनिवार को श्री मणिराम दास छावनी में देर शाम समाप्त हुई। बैठक के बाद ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने बताया कि बैठक में 12 लोग मौजूद रहे, जबकि ट्रस्टी केशव परासरण ऑनलाइन शामिल हुए। मीटिंग में 18 बिंदुओंREAD MORE CLICK HERE

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जम्मू, 06 अक्टूबर (हि.स.)। अब माता वैष्णो देवी के दर्शन करने के लिए जाने वाले भक्तों को त्रिकुटा पहाड़ियों पर जाते समय रास्ते में पांच जगह वर्चुअल प्राकृतिक गुफा के दर्शन कराये जायेंगे। इसके लिए श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने भवन के रास्ते में पांच स्थानों पर कियोस्कREAD MORE CLICK HERE

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जीवित्पुत्रिका व्रत को लेकर संशय करें दूर, जाने व्रत के नियम एवम कथा जीवित्पुत्रिका हिंदू धर्म में महिलाओं के लिए बेहद कठिन व्रत माना जाता है. इस व्रत को महिलाएं निर्जला रहकर करती हैं. माताएं निर्जला व्रत रखती है. आज पूरे दिन उपवास रखकर जीउतवाहन की पूजा करती है औरREAD MORE CLICK HERE

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भारत में पिंडदान करने का कई धार्मिक स्थल है पिंडदान किसी भी पवित्र स्थान पर किया जा सकता है. लेकिन गया जी पिंडदान करने का विशेष महत्व है. गया जी में पिंडदान करने से सात पीढियों का मोक्ष की प्राप्ति होती है तथा परिवार में सुख शांति कायम रहता है।READ MORE CLICK HERE

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इसुआपुर में शास्त्र मर्मज्ञ विद्वान पंडितों की हुई बैठक, 7 अक्टूबर को मनाए जीवत्पुत्रिका व्रत Isuapur: इसुआपुर बाजार स्थित बिशुनपुरा धर्मशाला परिसर में जिले के शास्त्र मर्मज्ञ विद्वान पंडितो, मनीषियों, आचार्यों की बैठक पूर्व प्राचार्य आचार्य सुधाकर दत्त उपाध्याय की अध्यक्षता में हुई। जिसमें व्रत त्योहारों की तिथि में अलग-अलगREAD MORE CLICK HERE

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अनंत चतुर्दशी पर गुरुवार को सभी मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ सुबह से ही रही। लोगों ने भगवान को जलाभिषेक कर पूजा-अर्चना की। बड़ी संख्या में महिलाओं ने पूजा-अर्चना कर कथा श्रवण किया।  सुबह ही श्रद्धालुओं ने कतारबद्ध होकर जलार्पण करके मंगलकामना किया। जलार्पण के बाद श्रद्धालु मंदिर परिसर मेंREAD MORE CLICK HERE

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हिन्दू धर्म के मान्यताओ के अनुसार मृत्युलोक पर हमारे पूर्वज की आत्माए अपने परिवार के उपर उनका नजर बना हुआ रहता है. जिन परिवार में अपने पूर्वजो का पूजन पाठ नहीं करते है या उनको कष्ट देते है जिससे उनको पितृदोष लग जाता है. ज्योतिषशास्त्र के अनुसार जन्मकुंडली में सूर्यREAD MORE CLICK HERE

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पटना/गया (बिहार), 27 सितम्बर (हि.स.)। पितरों को मोक्ष देने वाली भूमि गया में 28 सितम्बर यानी गुरुवार से पितृपक्ष मेला शुरू होगा, जो आगामी 14 अक्टूबर तक चलेगा। इसके मद्देनजर जिला प्रशासन ने आने वाले पिंडदानियों के लिए आकर्षक, सुंदर और मनमोहक टेंट सिटी का निर्माण कराया है। टेंट सिटीREAD MORE CLICK HERE

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