Chhapra: शुक्रवार को हरतालिका तीज पर्व बेहद हर्ष और उल्लास के साथ मनाया गया. इस मौके पर सुहागनों ने अपनी पति की लम्बी आयु की कामना के लिए निर्जला उपवास रखा. कोविड काल होने कारण इस बार महिलाओं ने घरों में ही पूजा अर्चना की और अपने पति के लम्बी उम्र के लिए कामना की. यूं तो आम दिनों में तीज के मौके पर मन्दिरों में पूजा पाठ व कथा सुनने का कार्यक्रम होता था. लेकिन इससे बार कोरोना महामारी के चलते सभी महिलाओं ने घरों में ही पूजा पाठ किया व कथा सुना.

इस मौके पर सोशल मीडिया पर महिलाओं ने तीज की काफी सारी तस्वीरें साझा की. पूजा अर्चना करते हुए तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई. सारण जदयू महिला जिला अध्यक्ष माधवी सिंह ने भी तीज के मौके पर पूजा पाठ का तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर की.

सुहागिनों ने माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा कर अपने पति के लिए लम्बी आयु की कामना की. इस मौके पर विवाहिताओं ने घरों में भी विधि विधान से पूजा पाठ करके तीज़ का व्रत किया.

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जम्मू: जम्मू-कश्मीर में रियासी जिले की त्रिकुटा पहाड़ियों में वैष्णो देवी गुफा मंदिर की यात्रा कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के मद्देनजर करीब पांच महीने तक निलंबित रहने के बाद आज फिर से शुरू होगी. यात्रा 18 मार्च को निलंबित की गई थी. श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड (एसएमवीएसबी) ने पहले सप्ताह में हर रोज अधिकतम 2,000 तीर्थयात्रियों की सीमा तय की है, जिनमें से 1,900 यात्री जम्मू-कश्मीर और शेष 100 यात्री बाहर के होंगे. इसके बाद हालात की समीक्षा की जाएगी और उसी के अनुसार फैसले किए जाएंगे.

यात्रा रजिस्ट्रेशन विंडो पर भीड़ एकत्रित होने से रोकने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के बाद ही लोगों को यात्रा की अनुमति दी जाएगी. यात्रियों के लिए अपने मोबाइल फोन में ‘आरोग्य सेतु ऐप’ डाउनलोड करना अनिवार्य होगा. चेहरे पर मास्क और कवर अनिवार्य होगा. यात्रा के प्रवेश बिंदुओं पर यात्रियों की थर्मल जांच की जाएगी.

10 साल से कम आयु के बच्चों, गर्भवती महिलाओं, अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोगों और 60 साल से अधिक आयु के लोगों के लिए यात्रा नहीं करने का परामर्श जारी किया गया है. हालात सामान्य होने के बाद इस परामर्श की समीक्षा की जाएगी. कटरा से भवन जाने के लिए बाणगंगा, अर्धकुंवारी और सांझीछत के पारम्परिक मार्गों का इस्तेमाल किया जाएगा और भवन से आने के लिए हिमकोटि मार्ग-ताराकोट मार्ग का इस्तेमाल किया जाएगा.

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Ayodhya: बरसों से टाट और टेंट के नीचे रह रहे हमारे रामलला के लिए अब एक भव्य मंदिर का निर्माण होगा. टूटना और फिर उठ खड़ा होना, सदियों से चल रहे इस व्यतिक्रम से रामजन्मभूमि आज मुक्त हो गई है. पूरा देश रोमांचित है, हर मन दीपमय है. सदियों का इंतजार आज समाप्त हो रहा है. उक्त बातें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के भूमिपूजन के बाद आयोजित सभा को संबोधित करते हुए कही.

उन्होंने कहा कि आज श्रीराम का यह जयघोष सिर्फ सिया-राम की धरती में ही नहीं सुनाई दे रहा, इसकी गूंज पूरे विश्व में है. सभी देशवासियों को, विश्व में फैले करोड़ों राम भक्तों को आज के इस सुअवसर पर कोटि-कोटि बधाई. ये मेरा सौभाग्य है कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने मुझे आमंत्रित किया, इस ऐतिहासिक पल का साक्षी बनने का अवसर दिया.

उन्होंने कहा कि हमारे स्वतंत्रता आंदोलन के समय कई-कई पीढ़ियों ने अपना सब कुछ समर्पित कर दिया था. गुलामी के कालखंड में कोई ऐसा समय नहीं था जब आजादी के लिए आंदोलन न चला हो, देश का कोई भूभाग ऐसा नहीं था जहां आजादी के लिए बलिदान न दिया गया हो. हमारे स्वतंत्रता आंदोलन के समय कई-कई पीढ़ियों ने अपना सब कुछ समर्पित कर दिया था. गुलामी के कालखंड में कोई ऐसा समय नहीं था जब आजादी के लिए आंदोलन न चला हो, देश का कोई भूभाग ऐसा नहीं था जहां आजादी के लिए बलिदान न दिया गया हो.

उन्होंने कहा कि राममंदिर के निर्माण की ये प्रक्रिया, राष्ट्र को जोडऩे का उपक्रम है. ये महोत्सव है. विश्वास को विद्यमान से जोड़ने का. नर को नारायण से जोड़ने का. लोक को आस्था से जोड़ने का. वर्तमान को अतीत से जोड़ने का. और स्वं को संस्कार से जोड़ने का.

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भूमि पूजन का कार्यक्रम अनेक मर्यादाओं के बीच हो रहा है. श्रीराम के काम में मर्यादा का जैसे उदाहरण प्रस्तुत किया जाना चाहिए, वैसा ही उदाहरण देश ने पेश किया है. ये उदाहरण तब भी पेश किया गया था, जब उच्चतम न्यायालय ने अपना फैसला सुनाया था. देश भर के धामों और मंदिरों से लाई गई मिट्टी और नदियों का जल, वहां के लोगों, वहां की संस्कृति और वहां की भावनाएं, आज यहां की शक्ति बन गई हैं. वाकई ये न भूतो न भविष्यति है.

श्री मोदी ने कहा कि श्रीरामचंद्र को तेज में सूर्य के समान, क्षमा में पृथ्वी के तुल्य, बुद्धि में बृहस्पति के सदृश्य और यश में इंद्र के समान माना गया है. श्रीराम का चरित्र सबसे अधिक जिस केंद्र बिंदु पर घूमता है, वो है सत्य पर अडिग रहना. इसलिए ही श्रीराम संपूर्ण हैं. श्रीराम ने सामाजिक समरसता को अपने शासन का आधार बनाया था. उन्होंने गुरु वशिष्ठ से ज्ञान, केवट से प्रेम, शबरी से मातृत्व, हनुमानजी एवं वनवासी बंधुओं से सहयोग और प्रजा से विश्वास प्राप्त किया. यहां तक कि एक गिलहरी की महत्ता को भी उन्होंने सहर्ष स्वीकार किया.

श्रीराम का अद्भुत व्यक्तित्व, उनकी वीरता, उनकी उदारता, उनकी सत्यनिष्ठा, उनकी निर्भीकता, उनका धैर्य, उनकी दृढ़ता, उनकी दार्शनिक दृष्टि युगों-युगों तक प्रेरित करते रहेंगे. जीवन का ऐसा कोई पहलू नहीं है, जहां हमारे राम प्रेरणा न देते हों. भारत की ऐसी कोई भावना नहीं है जिसमें प्रभु राम झलकते न हों. भारत की आस्था में राम हैं, भारत के आदर्शों में राम हैं! भारत की दिव्यता में राम हैं, भारत के दर्शन में राम हैं. तुलसी के राम सगुण राम हैं, तो नानक और कबीर के राम निर्गुण राम हैं! भगवान बुद्ध भी राम से जुड़े हैं तो सदियों से ये अयोध्या नगरी जैन धर्म की आस्था का केंद्र भी रही है. राम की यही सर्वव्यापकता भारत की विविधता में एकता का जीवन चरित्र है. आज भी भारत के बाहर दर्जनों ऐसे देश हैं जहां, वहां की भाषा में रामकथा प्रचलित है. मुझे विश्वास है कि आज इन देशों में भी करोड़ों लोगों को राम मंदिर के निर्माण का काम शुरू होने से बहुत सुखद अनुभूति हो रही होगी. आखिर राम सबके हैं, सब में हैं: पीएम मोदी. मुझे विश्वास है कि श्रीराम के नाम की तरह ही अयोध्या में बनने वाला ये भव्य राममंदिर भारतीय संस्कृति की समृद्ध विरासत का द्योतक होगा.

उन्होंने कहा कि यहां निर्मित होने वाला राममंदिर अनंतकाल तक पूरी मानवता को प्रेरणा देगा. मुझे विश्वास है कि श्रीराम के नाम की तरह ही अयोध्या में बनने वाला ये भव्य राममंदिर भारतीय संस्कृति की समृद्ध विरासत का द्योतक होगा. यहां निर्मित होने वाला राममंदिर अनंतकाल तक पूरी मानवता को प्रेरणा देगा.

इसके पूर्व अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण कार्य के लिए भूमि पूजन संपन्न हो गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण की शिला तय समय और मुहूर्त में पुरोहितों के मंत्रोच्चारण के साथ रखी.

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या पहुंचने के बाद हनुमान गढ़ी मंदिर दर्शन के लिए पहुंचे थे. इसके बाद उन्होंने भगवान राम विराजमान के दर्शन किए और उन्होंने साष्टांग प्रणाम किया. इस अवसर पर पर प्रधानमंत्री ने 5 रुपये का एक डाक टिकट भी जारी किया.

इस दौरान आरएसएस प्रमुख डॉ मोहन भागवत, महंत नृत्य गोपालदास, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित थे.

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Ayodhya: अयोध्या में श्री राम मंदिर निर्माण कार्य के लिए भूमि पूजन संपन्न हो गया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री राम मंदिर निर्माण की आधारशिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तय समय और मुहूर्त में पुरोहितों के मंत्रोच्चारण के साथ रखी.

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या पहुंचने के बाद हनुमान गढ़ी मंदिर दर्शन के लिए पहुंचे थे. इसके बाद उन्होंने भगवान राम विराजमान के दर्शन किए और इस दौरान उन्होंने साष्टांग प्रणाम किया.

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अयोध्या: अयोध्या में राम मंदिर को लेकर भूमि पूजन की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत डेढ़ सौ से ज्यादा लोग इस दौरान राम जन्मभूमि पर मौजूद होंगे.

अयोध्या में हर तरफ इस वक्त रौनक है. हर तरफ लोग बेसब्री से भूमि पूजन का इंतजार कर रहे हैं. भूमि पूजन को लेकर पूरा अयोध्या जगमगा रहा है.

मंदिर का निर्माण कार्य 32 महीनों में पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है.

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Chhapra: देशभर में आज रक्षा बंधन का त्योहार मनाया जा रहा है. यह हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है. मुख्य रूप से रक्षा बंधन भाई-बहन के रिश्ते के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है. राखी का यह त्योहार भाई-बहन के अटूट रिश्ते, बेइंतहां प्यार, त्याग और समर्पण को दिखाता है. इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी या फिर रक्षा सूत्र बांधती हैं और उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं. इसके बदले भाई अपनी बहन तो भेंट देते हैं और उसकी रक्षा करने का वचन भी देते हैं.

रक्षा बंधन की तिथि
राखी का त्योहार सावन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है. इस साल यह त्योहार सोमवार को मनाया जा रहा है और इस वजह से इसका महत्व बढ़ जाता है. दरअसल, सावन के महीने में सोमवार को भगवान शिव की पूजा अर्चना का विशेष महत्व है. इस वजह राखी के सोमवार के दिन होने पर इसका महत्व और भी बढ़ जाता है.
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: अगस्त 2, 2020 को 21:31:02 से पूर्णिमा आरम्भ
पूर्णिमा तिथि सामप्त: अगस्त 3, 2020 को 21:30:28 पर पूर्णिमा समाप्त

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Chhapra: 5 अगस्त को अयोध्या में श्री राम मंदिर के निर्माण कार्य का शिलान्यास होना है. इस मौके पर देश भर में लोगों से मिट्टी के दीये जलाने की अपील की जा रही है. छपरा में भी इसके लिए तैयारी की जा रही है. रविवार को सनातन धर्म के शक्ति केंद्र तथा सभी पूजा स्थलों पर विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के जिला महासचिव धनंजय कुमार के नेतृत्व में विभिन्न मंदिर के पुजारियों को दीया पहुंचाया गया.

इस अवसर पर अरुण पुरोहित ने सभी मंदिर के पुजारीयो से आग्रह किया कि लॉकडाउन के नियमों का पालन करते हुए 5अगस्त को सुबह में श्री राम जय राम जय जय राम का संकीर्तन और शाम में दीप जलाकर दीपावली मनाएं.

साथ ही छपरा के लोगों से आग्रह किया कि वे अपने घर में रहकर कुछ समय के लिए कीर्तन करें और शाम में दीप जलाकर दीपावली मनाएं.

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Chhapra: अयोध्या में 5 अगस्त को श्रीराम मंदिर का भूमि पूजन संपन्न होगा. इस भूमि पूजन के लिए तैयारी पूरी कर ली गयी है. श्रीराम मंदिर के निर्माण में देशभर के मंदिरों की मिट्टी भूमि पूजन में शामिल की जाएगी.

ऐसे में विश्व हिंदू परिषद् और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने सारण जिले के प्रमुख मंदिरों से मिट्टी को एकत्र कर अयोध्या भेजा है. इस मिट्टी को राम मंदिर की आधारशिला रखते समय उसकी नींव में डाला जाएगा.

इस कार्य में विश्व हिन्दू परिषद् और बजरंग दल के सदस्य महीनों से जुटे थे. इस दौरान जिले के बाबा हरिहर नाथ मंदिर, सिल्हौरी मंदिर, दधिची आश्रम, गौतम ऋषि मंदिर, माँ अम्बिका भवानी शक्ति पीठ, बाबा धर्मनाथ धनी, मनोकामना नाथ मंदिर समेत अन्य मंदिरों से मिट्टी को एकत्र कर अयोध्या में बन रहे श्रीराम मंदिर के लिए भेजा गया है.

विश्व हिन्दू परिषद् के जिला मंत्री धनंजय कुमार ने बताया कि श्रीराम जन्मभूमि आन्दोलन में पूरे देश के लोगों ने साथ दिया, अब जब मंदिर की स्थापना हो रही है तब सभी जगह से मिट्टी वहां पहुंचे ताकि भव्य मंदिर के निर्माण में सभी की सहभागिता रहे. विश्व हिंदू परिषद की राम मंदिर आंदोलन में काफी अहम भूमिका रही है. 

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अयोध्या: राम जन्मभूमि मंदिर के भूमिपूजन कार्यक्रम पर कोरोना संकट मंडराने लगा है. राम जन्मभूमि के पुजारी प्रदीप दास कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. इसके साथ ही राम जन्मभूमि की सुरक्षा में लगे 16 पुलिसकर्मी भी कोरोना संक्रमित हो गए हैं. प्रदीप दास प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास के शिष्य हैं. आचार्य सत्येंद्र दास का रिजल्ट निगेटिव आया है.

राम जन्मभूमि में प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास के साथ-साथ चार पुजारी राम लला की सेवा करते हैं. इन्हीं चार पुजारियों में से एक पुजारी प्रदीप दास की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई है. उन्होंने होम क्वारनटीन कर दिया गया है. इसके साथ ही 16 पुलिसकर्मी भी कोरोना संक्रमित हो गए हैं, जिन्हें क्वारनटीन किया गया है.

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Chhapra: अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए छपरा के बाबा मनोकामना नाथ मंदिर कटरा नेवाजी टोला से मिट्टी भेजी गयी है. भाजपा के वरिष्ठ नेता प्राचार्य अरुण कुमार सिंह, पुजारी महेश मिश्रा, प्राचार्य हरिओम त्रिपाठी ने मिट्टी को बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को सौंपी है. जिनके द्वारा इसे अयोध्या पहुँचाया जायेगा.

विश्व हिंदू परिषद एवं बजरंग दल के जिला संयोजक धनंजय कुमार के नेतृत्व इन दिनों विभिन्न मंदिरों से मिट्टी एकत्रित की जा रही है.

मंदिर के संस्थापक अरुण कुमार पुरोहित ने कहा कि 5 अगस्त 2020 को छपरा के सभी मंदिरों में भगवान राम नाम का कीर्तन और सभी सनातन धर्मावलंबी अपने घर में लॉकडाउन का पालन करते हुए अपने परिवार के साथ संकीर्तन करें और शाम में अपने घर पर दीप जलाकर दीपावली मनाएं.

आपको बता दें कि 5 अगस्त 2020 को अयोध्या में राम जन्मभूमि में मंदिर निर्माण का शिलान्यास होना तय बाई. जिसके लिए विश्व हिन्दू परिषद् के द्वारा धार्मिक, पौराणिक मंदिरों से मिट्टी अयोध्या पहुंचाई जाएगी.

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दुनिया भर के मुसलमानों की हज यात्रा आज से शुरू हो गई है. हालांकि कोरोना वायरस की वजह से इस बार हज यात्रा करने वाले लोगों की संख्या बहुत कम है. पिछले साल 25 लाख लोगों ने हज किया था, वहीं इस बार सिर्फ सऊदी अरब में रहने वाले 10,000 लोगों को ही इस तीर्थयात्रा में भाग लेने की इजाजत मिली है.

सऊदी अरब के सार्वजनिक सुरक्षा निदेशक खालिद बिन करार ने अल जजीरा न्यूज को बताया, ‘हज यात्रा को लेकर सुरक्षा संबंधी कोई चिंता नहीं है, लेकिन महामारी के खतरे को देखते हुए श्रद्धालुओं को सुरक्षित रखने की पूरी कोशिश की जाएगी.’

हज यात्रियों को मास्क पहनना और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य होगा. हज यात्रा के लिए उन्हें ही इजाजत मिली है जिन्हें टेम्प्रेचर चेक करने के बाद कुछ दिनों के लिए क्वारनटीन में रखा गया था.

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अयोध्या राम मंदिर के निर्माण को लेकर 5 अगस्त को भूमिपूजन की हो रही तैयारियों के बीच मस्जिद निर्माण के लिए भी आज बुधवार को ट्रस्ट का गठन कर लिया गया है. यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड संस्थापक ट्रस्टी बना है और इस ट्रस्ट में 15 सदस्य होंगे.

सुन्नी वक्फ बोर्ड मुख्य अधिशासी अधिकारी सैय्यद मोहम्मद शोएब ने बताया कि मस्जिद निर्माण के लिए बनाए गए ट्रस्ट का नाम होगा इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन. फिलहाल ट्रस्ट में शामिल 9 सदस्यों के नामों का ऐलान कर दिया गया है. ज़ुफर फारूकी ट्रस्ट के अध्यक्ष होंगे. ट्रस्ट के सदस्य अतहर हुसैन इसके आधिकारिक प्रवक्ता होंगे. मस्जिद निर्माण के लिए अयोध्या के धन्नीपुर गांव में आवंटित की गई 5 एकड़ जमीन पर मस्जिद, इंडो इस्लामिक रिसर्च सेंटर, लाइब्रेरी और अस्पताल का निर्माण कराया जाएगा. इसके लिए ‘इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन’ नाम से एक ट्रस्ट बनाया गया है.

वक्फ बोर्ड ने उस जमीन पर मस्जिद के साथ-साथ इंडो इस्लामिक रिसर्च सेंटर, अस्पताल और पुस्तकालय बनाने का ऐलान किया था. यह तमाम निर्माण कैसे होगा, इस बारे में फैसला लेने के लिए इस ट्रस्ट का गठन किया जाना था. माना जा रहा है कि ट्रस्ट भी अगले महीने मस्जिद निर्माण कार्य शुरू कर सकता है.

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