Chhpara: नवरात्री को लेकर लोग घरों में पूजा पाठ में व्यस्त है. कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर इस बार लोग पूजा पंडालों के निर्माण पर रोक है वही मंदिरों में स्थापित होने वाले प्रतिमाओं को लेकर कई जरुरी दिशा निर्देश जारी किये गए है.

नवरात्र के छठे दिन माँ भगवती के पट खुले. शहर के भगवान् बाज़ार मंदिर में प्रतिवर्ष स्थापित होने वाली देवी दुर्गा की प्रतीक के पट षष्ठी को ही खुलते है. बुधवार को देर शाम माता के पट खुले तो दर्शन के लिए लोग पहुंचे. शंख, घंटा, ढोल और नगाड़ों की ध्वनि के साथ माता के पट खोले गए. 

नवरात्री में इस बार मेला लगाने और प्रसाद वितरण पर कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर रोक है. इन सभी दिशा निर्देश के बाच लोग भक्ति भाव से पूजा अर्चना में जुटे हुए है.     

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Dighwara: शारदीय नवरात्र शुरू होते ही प्रखंड के शक्तिपीठ स्थल अंबिका भवानी मंदिर आमी में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा और दोपहर तक मां के इस दरबार में आस्थावान श्रद्धालुओं का जमघट लगा रहा, वहीं पंक्तिबद्ध होकर हजारों श्रद्धालु मां अंबिका के दर्शन कर अपने-अपने घरों की ओर लौटते नजर आए. मां अंबिका की आस्था के आगे कोरोना के संक्रमण का डर पीछे छूटता नजर आया. कोरोना के संक्रमण के बीच मंदिर में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में पूर्व के वर्षो की तुलना में इस साल भी तनिक भी कोई कमी नहीं दिखी. हर कोई मां अंबिका के दर्शन को बेताब नजर आया. सामान्य लोगों के अलावे बड़ी संख्या में प्रशासनिक पदाधिकारियों व चुनावी किस्मत आजमाने वाले सैकड़ों प्रत्याशियों ने भी मां के दरबार में माथा टेका और हर किसी ने अपनी अपनी मन्नतों के पूर्ण होने की कामना की.

मार्च में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच हुए लॉकडाउन के बाद पहली बार मां अंबिका का दरबार श्रद्धालुओं की इतनी बड़ी भीड़ से गुलजार दिखा. मंदिर के आसपास की फिजा दुर्गा सप्तशती के मंत्रों व श्रद्धालुओं के जयकारों की गूंज से गुंजायमान होता देखा गया. बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने नवरात्र के पहले दिन मां के दरबार में सपरिवार अपनी हाजिरी लगाई और पारिवारिक खुशहाली, समृद्धि व तरक्की की कामना की.

सुबह चार बजे से ही मंदिर में जुटने लगी थी भीड़, पाठ करने वाले श्रद्धालुओं से पटा नजर आया मंदिर परिसर-

कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच शनिवार को मंदिर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में तनिक भी कोई कमी नहीं दिखी और हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी सुबह चार बजे से ही मंदिर में पाठ करने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी. दिघवारा,हराजी, अवतारनगर व मूसेपुर की तरफ से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को पैदल ही मंदिर पहुंचते देखा गया. मंदिर पहुंचने के बाद श्रद्धालुओं ने गर्भगृह के चारों ओर साफ किए गए जगहों पर आसन ग्रहण कर दुर्गा सप्तशती का पाठ पूरा किया और फिर श्रद्धालुओं ने सामूहिक तौर पर आरती की और उसके बाद पंक्तिबद्ध होकर गर्भगृह के बाहर से मां अंबिका के पिंडी रूप के दर्शन कर अपनी मुरादों के पूर्ण होने की कामना की. गर्भगृह के अंदर पंडित राजकुमार पांडेय द्वारा सभी श्रद्धालुओं के प्रसाद व अन्य पूजन सामग्रियों को पिंड पर अर्पित किया गया. बड़ी संख्या में मन्नत पूर्ण हुए श्रद्धालुओं ने मां की पिंडी रूप पर चुनरी चढ़ाकर मां अंबिका के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त की.

मंदिर के आसपास स्थित दुकानों पर खूब दिखी ग्राहकों की भीड़, चहल पहल से बढ़ी मंदिर की रौनक-

लॉक डाउन के बाद पहली बार आमी मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या में इजाफा दिखा और मंदिर के आसपास अवस्थित पूजन सामग्री व प्रसाद की दुकानों पर ग्राहकों की भारी भीड़ देखी गयी और दुकानदार ग्राहकों को सामान देने में व्यस्त नजर आए. मंदिर के आसपास चहल-पहल बढ़ने से माहौल नूरानी होता दिखा. दोपहर तक मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ देखी गयी और मां अंबिका के दर्शन के लिए गर्भगृह तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को घंटों पंक्ति में खड़ा होना पड़ा. धूप में खड़े श्रद्धालुओं का हौसला तनिक भी डिगता नहीं दिखा और हर किसी ने मां अंबिका के जयकारों के बीच आगे बढ़ते हुए गर्भगृह के बाहर से मां अंबिका के दर्शन किए. इस दौरान रितेश तिवारी, मुनचुन तिवारी,संतोष तिवारी, धीरज तिवारी, भीखम बाबा समेत तमाम पुजारी सक्रिय देखे गए. संजय दिघवारवी, रमेश वैश्य,राजू सिंह,रौशन मिश्रा,ब्रजेश सिंह व अनिल पांडेय सरीखे सैकड़ों भक्तों को मां अंबिका की आराधना में लीन देखा गया.

 

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Chhapra: शारदीय नवरात्र को लेकर लोग तैयारी में जुटे हैं. नवरात्र शनिवार 17 अक्टूबर से शुरू हो रहा है. घरों में कलश स्थापना की जाएगी और भक्ति भाव से पूजा आराधना होगी.

मां दुर्गा की पूजा आराधना के लिए लोग देर शाम तक खरीदारी में जुटे रहे. पूजा को लेकर बाजारों में रौनक देखने को मिली. लॉकडाउन के बाद नवरात्रों से दुकानदारों के चेहरे पर भी रौनक देखने को मिल रही है. बाजारों में पूजा पाठ के सामानों की दुकान और स्टॉल सज चुके हैं. वही फलों की बिक्री भी बढ़ गई है. लोग देर शाम तक पूजा की तैयारियों में जुटे रहे.

छपरा शहर के सभी बाजारों में मां दुर्गा के पूजा आराधना से जुड़े सामानों की दुकानों पर खासा भीड़ देखने को मिली. हालांकि इस बार नवरात्र में प्रशासन के आदेशों के कारण और कोविड के मद्देनजर पूजा पंडालों की स्थापना नहीं होगी. जिसने पूजा घरों और मंदिरों में ही की जा सकेगी.

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Chhapra: नवरात्रि के अवसर पर देश भर में सार्वजनिक रूप से दुर्गा पूजा का आयोजन किये जाते है लेकिन कोरोना काल मे इसबार सार्वजनिक तौर पर पूजा पंडाल निर्माण और मेला आयोजन पर सरकारी प्रतिबंध है. दुर्गा पूजा को लेकर एक अलग हीं उत्साह रहता है. परंतु इस बार कोरोना ने इसपर भी ग्रहण लगा दिया है.
गृह विभाग की विशेष शाखा ने कोरोना को लेकर एक एडवाइजरी जारी की गयी है जिसमे यह कहा गया है कि सार्वजनिक रूप से पूजा पंडालों का निर्माण नहीं किया जाएगा. सरकार के इस फैसले से दुर्गापूजा आयोजकों में भारी रोष है.

मंगलवार को शहर के सभी पूजा समितियों ने एक सामूहिक बैठक आयोजित की गई. बैठक की अध्यक्षता सियाराम सिंह (अनुज्ञप्तिधारी) ने की.

बैठक में सभी ने एक स्वर में सरकार के इस फैसले को गलत ठहराते हुए रोष जताया और कहा कि सरकार खुद यह दावा कर रही है कि राज्य में कोरोना से रिकवरी का दर 94% से भी अधिक है. इसी आधार पर राज्य में एक साथ विधानसभा और विधान परिषद् दोनो के चुनाव हो रहे हैं. चुनावी सभाओं का आयोजन किया जा रहा है.

सियाराम सिंह ने कहा कि महीने दिन तक चलने वाली इस प्रक्रिया में जब किसी को कोरोना नहीं होगा तो यदि इसी दौरान अगर 9 दिनों के दुर्गापूजा का आयोजन होता है तो कौन सी आफत आ जाएगी ? सरकार यह दोहरा रवैया क्यों अपना रही है?

उनका कहना है कि चुनावी प्रक्रिया को लेकर जो गाइडलाइंस जारी की गई है, उसकी सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है. सैकड़ों-हजारों की संख्या में नेताओं के समर्थक जिला प्रशासन के सामने खड़े रह रहे हैं बिना मास्क के और बिना सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किये. फिर भी किसी को कोरोना का खतरा नहीं दिख रहा और दुर्गा पूजा के आयोजन पर कोरोना का खतरा हो जाएगा ? आखिर यह किस प्रकार की दोहरी मानसिकता है?

पूजा समिति के सदस्यों ने बैठक में यह निर्णय लिया है कि बुधवार को दुर्गा पूजा आयोजकों का एक प्रतिनिधि मंडल जिलाधिकारी से मुलाकात करेगा और अपनी मांगों को रखेगा और यदि वहां से कोई सकारात्मक पहल नहीं होती तो न्यायालय का भी दरवाजा खटखटाया जाएगा.

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Chhapra: दुर्गा पूजा को लेकर रविवार को भगवान बाजार थाना में शांति समिति की बैठक हुई. इस बैठक में दुर्गा पूजा में शांति और सौहार्द बना  पूजा करने पर चर्चा की गई. इस दौरान सदस्य सत्येंद्र कुमार सिंह व थानाअध्यक्ष मुकेश कुमार झा ने समिति के सदस्यों से पूजा में किसी भी तरह की आपसी सौहार्द न न बिगड़े इसको लेकर सख्त निर्देश दिए. वही करोना वैश्विक महामारी को लेकर अपने घर में ही पूजा पाठ करने की बात कही.

वहीं समिति के सदस्यों ने सीओ से यह अपील की कि दुर्गा पूजा में पंडाल तथा मूर्ति  रखकर पूजा करने की अनुमति दी जाए मगर सीओ ने वरीय अधिकारियों व गाइडलाइन का हवाला देते हुए कहा कि जो मूर्ति अभी बन गई है, उसे रख कर पूजा करें मगर अब से कोई मूर्ति व पंडाल का निर्माण नहीं किया जाएगा.

सभा के अंत में किसी भी तरह का निर्णय ना होने से सदस्यों की नाराजगी भी देखने को मिली. सदस्यों में केदारनाथ सिंह वार्ड पार्षद मुन्ना सिंह खुसरू खान विजय कुमार, निरंजन कुमार,आशीष कुमार समेत कई लोग शामिल थे.

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करमा पर्व कल 29 अगस्त दिन शनिवार को है. करमा पर्व झारखंड के प्रमुख त्यौहारों में से एक है और काफी लोकप्रिय है. यह पर्व भादो महीने के शुक्ल पक्ष एकादशी के दिन पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. इस पर्व को मनाये जाने का मुख्य उद्देश्य है बहनों द्वारा भाईयों के सुख-समृद्धि और दीर्घायु की कामना की जाती है. झारखंड के लोगों की परंपरा रही है कि धान की रोपाई हो जाने के बाद यह पर्व मनाया जाता रहा है.

धरती अपनी हरियाली की चादर फैला रही होती है तब करम पर्व खुशियों से मनाने का आनंद और अधिक बढ़ जाता है. आज देश के वैज्ञानिकों ने भी माना है कि पहाड़-पर्वत, जंगल-झाड़, नदी-नाले, पेड़-पौधे आदि हमारे जीवन का अटूट हिस्सा बन गयी है. पेड़-पौधे पर्यावरण को संतुलित रखते हैं. जिससे समय पर वर्षा होती है. इसके बिना हमारा जीवन असंभव है. क्योंकि प्रकृति के इन गुणों को पहचान कर इनकी रक्षा करनी होगी.

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Chhapra: शुक्रवार को हरतालिका तीज पर्व बेहद हर्ष और उल्लास के साथ मनाया गया. इस मौके पर सुहागनों ने अपनी पति की लम्बी आयु की कामना के लिए निर्जला उपवास रखा. कोविड काल होने कारण इस बार महिलाओं ने घरों में ही पूजा अर्चना की और अपने पति के लम्बी उम्र के लिए कामना की. यूं तो आम दिनों में तीज के मौके पर मन्दिरों में पूजा पाठ व कथा सुनने का कार्यक्रम होता था. लेकिन इससे बार कोरोना महामारी के चलते सभी महिलाओं ने घरों में ही पूजा पाठ किया व कथा सुना.

इस मौके पर सोशल मीडिया पर महिलाओं ने तीज की काफी सारी तस्वीरें साझा की. पूजा अर्चना करते हुए तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई. सारण जदयू महिला जिला अध्यक्ष माधवी सिंह ने भी तीज के मौके पर पूजा पाठ का तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर की.

सुहागिनों ने माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा कर अपने पति के लिए लम्बी आयु की कामना की. इस मौके पर विवाहिताओं ने घरों में भी विधि विधान से पूजा पाठ करके तीज़ का व्रत किया.

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जम्मू: जम्मू-कश्मीर में रियासी जिले की त्रिकुटा पहाड़ियों में वैष्णो देवी गुफा मंदिर की यात्रा कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के मद्देनजर करीब पांच महीने तक निलंबित रहने के बाद आज फिर से शुरू होगी. यात्रा 18 मार्च को निलंबित की गई थी. श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड (एसएमवीएसबी) ने पहले सप्ताह में हर रोज अधिकतम 2,000 तीर्थयात्रियों की सीमा तय की है, जिनमें से 1,900 यात्री जम्मू-कश्मीर और शेष 100 यात्री बाहर के होंगे. इसके बाद हालात की समीक्षा की जाएगी और उसी के अनुसार फैसले किए जाएंगे.

यात्रा रजिस्ट्रेशन विंडो पर भीड़ एकत्रित होने से रोकने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के बाद ही लोगों को यात्रा की अनुमति दी जाएगी. यात्रियों के लिए अपने मोबाइल फोन में ‘आरोग्य सेतु ऐप’ डाउनलोड करना अनिवार्य होगा. चेहरे पर मास्क और कवर अनिवार्य होगा. यात्रा के प्रवेश बिंदुओं पर यात्रियों की थर्मल जांच की जाएगी.

10 साल से कम आयु के बच्चों, गर्भवती महिलाओं, अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोगों और 60 साल से अधिक आयु के लोगों के लिए यात्रा नहीं करने का परामर्श जारी किया गया है. हालात सामान्य होने के बाद इस परामर्श की समीक्षा की जाएगी. कटरा से भवन जाने के लिए बाणगंगा, अर्धकुंवारी और सांझीछत के पारम्परिक मार्गों का इस्तेमाल किया जाएगा और भवन से आने के लिए हिमकोटि मार्ग-ताराकोट मार्ग का इस्तेमाल किया जाएगा.

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Ayodhya: बरसों से टाट और टेंट के नीचे रह रहे हमारे रामलला के लिए अब एक भव्य मंदिर का निर्माण होगा. टूटना और फिर उठ खड़ा होना, सदियों से चल रहे इस व्यतिक्रम से रामजन्मभूमि आज मुक्त हो गई है. पूरा देश रोमांचित है, हर मन दीपमय है. सदियों का इंतजार आज समाप्त हो रहा है. उक्त बातें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के भूमिपूजन के बाद आयोजित सभा को संबोधित करते हुए कही.

उन्होंने कहा कि आज श्रीराम का यह जयघोष सिर्फ सिया-राम की धरती में ही नहीं सुनाई दे रहा, इसकी गूंज पूरे विश्व में है. सभी देशवासियों को, विश्व में फैले करोड़ों राम भक्तों को आज के इस सुअवसर पर कोटि-कोटि बधाई. ये मेरा सौभाग्य है कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने मुझे आमंत्रित किया, इस ऐतिहासिक पल का साक्षी बनने का अवसर दिया.

उन्होंने कहा कि हमारे स्वतंत्रता आंदोलन के समय कई-कई पीढ़ियों ने अपना सब कुछ समर्पित कर दिया था. गुलामी के कालखंड में कोई ऐसा समय नहीं था जब आजादी के लिए आंदोलन न चला हो, देश का कोई भूभाग ऐसा नहीं था जहां आजादी के लिए बलिदान न दिया गया हो. हमारे स्वतंत्रता आंदोलन के समय कई-कई पीढ़ियों ने अपना सब कुछ समर्पित कर दिया था. गुलामी के कालखंड में कोई ऐसा समय नहीं था जब आजादी के लिए आंदोलन न चला हो, देश का कोई भूभाग ऐसा नहीं था जहां आजादी के लिए बलिदान न दिया गया हो.

उन्होंने कहा कि राममंदिर के निर्माण की ये प्रक्रिया, राष्ट्र को जोडऩे का उपक्रम है. ये महोत्सव है. विश्वास को विद्यमान से जोड़ने का. नर को नारायण से जोड़ने का. लोक को आस्था से जोड़ने का. वर्तमान को अतीत से जोड़ने का. और स्वं को संस्कार से जोड़ने का.

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भूमि पूजन का कार्यक्रम अनेक मर्यादाओं के बीच हो रहा है. श्रीराम के काम में मर्यादा का जैसे उदाहरण प्रस्तुत किया जाना चाहिए, वैसा ही उदाहरण देश ने पेश किया है. ये उदाहरण तब भी पेश किया गया था, जब उच्चतम न्यायालय ने अपना फैसला सुनाया था. देश भर के धामों और मंदिरों से लाई गई मिट्टी और नदियों का जल, वहां के लोगों, वहां की संस्कृति और वहां की भावनाएं, आज यहां की शक्ति बन गई हैं. वाकई ये न भूतो न भविष्यति है.

श्री मोदी ने कहा कि श्रीरामचंद्र को तेज में सूर्य के समान, क्षमा में पृथ्वी के तुल्य, बुद्धि में बृहस्पति के सदृश्य और यश में इंद्र के समान माना गया है. श्रीराम का चरित्र सबसे अधिक जिस केंद्र बिंदु पर घूमता है, वो है सत्य पर अडिग रहना. इसलिए ही श्रीराम संपूर्ण हैं. श्रीराम ने सामाजिक समरसता को अपने शासन का आधार बनाया था. उन्होंने गुरु वशिष्ठ से ज्ञान, केवट से प्रेम, शबरी से मातृत्व, हनुमानजी एवं वनवासी बंधुओं से सहयोग और प्रजा से विश्वास प्राप्त किया. यहां तक कि एक गिलहरी की महत्ता को भी उन्होंने सहर्ष स्वीकार किया.

श्रीराम का अद्भुत व्यक्तित्व, उनकी वीरता, उनकी उदारता, उनकी सत्यनिष्ठा, उनकी निर्भीकता, उनका धैर्य, उनकी दृढ़ता, उनकी दार्शनिक दृष्टि युगों-युगों तक प्रेरित करते रहेंगे. जीवन का ऐसा कोई पहलू नहीं है, जहां हमारे राम प्रेरणा न देते हों. भारत की ऐसी कोई भावना नहीं है जिसमें प्रभु राम झलकते न हों. भारत की आस्था में राम हैं, भारत के आदर्शों में राम हैं! भारत की दिव्यता में राम हैं, भारत के दर्शन में राम हैं. तुलसी के राम सगुण राम हैं, तो नानक और कबीर के राम निर्गुण राम हैं! भगवान बुद्ध भी राम से जुड़े हैं तो सदियों से ये अयोध्या नगरी जैन धर्म की आस्था का केंद्र भी रही है. राम की यही सर्वव्यापकता भारत की विविधता में एकता का जीवन चरित्र है. आज भी भारत के बाहर दर्जनों ऐसे देश हैं जहां, वहां की भाषा में रामकथा प्रचलित है. मुझे विश्वास है कि आज इन देशों में भी करोड़ों लोगों को राम मंदिर के निर्माण का काम शुरू होने से बहुत सुखद अनुभूति हो रही होगी. आखिर राम सबके हैं, सब में हैं: पीएम मोदी. मुझे विश्वास है कि श्रीराम के नाम की तरह ही अयोध्या में बनने वाला ये भव्य राममंदिर भारतीय संस्कृति की समृद्ध विरासत का द्योतक होगा.

उन्होंने कहा कि यहां निर्मित होने वाला राममंदिर अनंतकाल तक पूरी मानवता को प्रेरणा देगा. मुझे विश्वास है कि श्रीराम के नाम की तरह ही अयोध्या में बनने वाला ये भव्य राममंदिर भारतीय संस्कृति की समृद्ध विरासत का द्योतक होगा. यहां निर्मित होने वाला राममंदिर अनंतकाल तक पूरी मानवता को प्रेरणा देगा.

इसके पूर्व अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण कार्य के लिए भूमि पूजन संपन्न हो गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण की शिला तय समय और मुहूर्त में पुरोहितों के मंत्रोच्चारण के साथ रखी.

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या पहुंचने के बाद हनुमान गढ़ी मंदिर दर्शन के लिए पहुंचे थे. इसके बाद उन्होंने भगवान राम विराजमान के दर्शन किए और उन्होंने साष्टांग प्रणाम किया. इस अवसर पर पर प्रधानमंत्री ने 5 रुपये का एक डाक टिकट भी जारी किया.

इस दौरान आरएसएस प्रमुख डॉ मोहन भागवत, महंत नृत्य गोपालदास, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित थे.

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Ayodhya: अयोध्या में श्री राम मंदिर निर्माण कार्य के लिए भूमि पूजन संपन्न हो गया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री राम मंदिर निर्माण की आधारशिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तय समय और मुहूर्त में पुरोहितों के मंत्रोच्चारण के साथ रखी.

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या पहुंचने के बाद हनुमान गढ़ी मंदिर दर्शन के लिए पहुंचे थे. इसके बाद उन्होंने भगवान राम विराजमान के दर्शन किए और इस दौरान उन्होंने साष्टांग प्रणाम किया.

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अयोध्या: अयोध्या में राम मंदिर को लेकर भूमि पूजन की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत डेढ़ सौ से ज्यादा लोग इस दौरान राम जन्मभूमि पर मौजूद होंगे.

अयोध्या में हर तरफ इस वक्त रौनक है. हर तरफ लोग बेसब्री से भूमि पूजन का इंतजार कर रहे हैं. भूमि पूजन को लेकर पूरा अयोध्या जगमगा रहा है.

मंदिर का निर्माण कार्य 32 महीनों में पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है.

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Chhapra: देशभर में आज रक्षा बंधन का त्योहार मनाया जा रहा है. यह हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है. मुख्य रूप से रक्षा बंधन भाई-बहन के रिश्ते के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है. राखी का यह त्योहार भाई-बहन के अटूट रिश्ते, बेइंतहां प्यार, त्याग और समर्पण को दिखाता है. इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी या फिर रक्षा सूत्र बांधती हैं और उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं. इसके बदले भाई अपनी बहन तो भेंट देते हैं और उसकी रक्षा करने का वचन भी देते हैं.

रक्षा बंधन की तिथि
राखी का त्योहार सावन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है. इस साल यह त्योहार सोमवार को मनाया जा रहा है और इस वजह से इसका महत्व बढ़ जाता है. दरअसल, सावन के महीने में सोमवार को भगवान शिव की पूजा अर्चना का विशेष महत्व है. इस वजह राखी के सोमवार के दिन होने पर इसका महत्व और भी बढ़ जाता है.
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: अगस्त 2, 2020 को 21:31:02 से पूर्णिमा आरम्भ
पूर्णिमा तिथि सामप्त: अगस्त 3, 2020 को 21:30:28 पर पूर्णिमा समाप्त

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