(नीरज सोनी)

विगत 16 मई 2014 के दिन जब लोकसभा के चुनाव परिणाम आ रहे थे तब उस दिन शाम होते- होते देश में एक नये सूर्य का उदय हो रहा था। पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 35 वर्षो के बाद भाजपा को ही नहीं अपितु राजग गठबंधन को पूर्ण बहुमत मिल गया। राजनैतिक विश्लेषकों को इस बात का  अनुमान नहीं था कि किसी दल को अकेले ही पूर्ण बहुमत मिल सकता है। 

भारतीय जनता पार्टी के लिए यह बेहद गौरवशाली क्षण तो थे ही साथ ही भारतीय लोकतंत्र व जनता की परिपक्वता की भी बात हो रही थी। पीएम मोदी की जीत कई मायनों में ऐतिहासिक थी। पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार अब तीन साल का लम्बा सफर तय कर चुकी है तथा अब इस सरकार के कामकाज का आंकलन किया जा सकता है,किया भी जा रहा है। मोदी सरकार के तीन साल पूरे होने पर भाजपा पूरे देश मे जश्न मनाने की तैयारी कर रही हैं। हालांकि विपक्ष सरकार के कामकाज को अपने ही नजरिये से देख रहा है तथा सरकार को कश्मीर सहित तमाम मामलों में अभी तक नाकाम ही मान रहा है। जबकि विपक्ष के दावों के विपरीत वास्तविकता और आंकड़े कुछ और ही कहानी कह रहे हैं। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के संभवतः पहले ऐसे प्रधानमंत्री रहे हैं जिन्होंने बिना थके ,बिना रूके तथा बिना अवकाश के गरीबों के हित में लगातार काम करते जा रहे हैं। पीएम मोदी के दिमाग में देश के लिए सदा कुछ न कुछ नया करने के विचार चला ही करते हैं तथा वह देश की जनता के बीच अपने विचारों का प्रस्तुतीकरण भी बिल्कुल नये आंदाज में करते भी है आज उसी का प्रतिफल है कि देश के अधिकांश हिस्से में भाजपा का राज्य है। 

पीएम मोदी के सत्ता में आने के बाद केवल सरकार में ही बदलाव आया है ऐसा नहीं है। अपितु राजग सरकार बनने के बाद  पूरे देशभर में अब भाजपा की स्वीकार्यता भी बढ़ रही है। केंद्र में सत्तारूढ़ होने के बाद जम्मू कश्मीर में भाजपा ने अपनी धुर घोर विरोधी पीडीपी के साथ सरकार बनाकर पूरे देश को चैंका दिया था। राजनैतिक विश्लेषक जम्मू कश्मीर में भाजपा-पीडीपी की सरकार बनने के बाद आश्चर्यचकित थे तथा वे सोच रहे थे कि यह सरकार बहुत लम्बे समय तक नहीं चल पायेगी लेकिन आज भी बेहद कठिन समय के दौर से गुजरने के बाद भी सरकार चल रही हैं।

नरेंद्र मोदी सरकार ने पाकिस्तान के नियंत्रण वाले कश्मीर के हिस्से में सर्जिकल स्ट्राइक की मंजूरी दी और भारतीय सेना ने पहली बार यह कारनामा कर पूरी दुनिया को अचरज में डाल दिया, यह अलग बात है कि कांग्रेस की ओर से कहा गया कि उनके कार्यकाल के दौरान में ऐसा हुआ लेकिन उन्होंने ढिंढोरा नहीं पीटा।  डीजीएमओ ने इसे अपनी तरह का पहला आपरेशन बताया तो कुछ पूर्व सैन्य अधिकारियों ने कहा कि सीमा पर अकसर इस तरह की कार्रवाई होती है।

केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद 2015 में दिल्ली व बिहार में भाजपा को पराजय का मुंह देखना पड़ गया था। तब लोगों ने कहना शुरू कर दिया था कि पीएम मोदी का जादू अब उतार पर है। लेकिन जब पीएम मोदी ने एकाएक 8 नवंबर 2016 को अचानक से टी वी पर आकर यह नोटबंदी का ऐलान कर दिया तो पूरे देशभर में एक तूफान सा  आ गया । विरोधी दलों मे हडकम्प मच गया था। जो विरोधी दल केंद्र सरकार व पीएम मोदी से यह सवाल कर रहे थे कि आखिर कालेधन के खिलाफ सरकार क्या कदम उठाने जा रही है अब उन्हीं लोगों ने सरकार के कदम के खिलाफ महागठबंधन कर लिया था। विपक्ष ने नोटबंदी के बाद सरकार को डिगाने व पूरे देशभर में जनआक्रोश पैदा करने के हर संभव प्रयास किये लेकिन जनता सरकार के साथ पूरी ताकत व धैर्य के साथ खड़ी रही। विपक्ष ने नोटबंदी के खिलाफ वातावरण बनाने के लिए संसद का पूरा का पूरा एक सत्र बर्बाद कर दिया था जिसका बुरा परिणाम उसे पूरे देशभर में हुए निकाय चुनावों से लेकर विधानसभा चुनावों तक में उठाना पड़ गया। सरकार का नोटबंदी का फैसला देशहित में उठाया गया एक ऐतिहासिक व क्रांतिकारी कदम था।

पीएम मोदी ने अपने फैसले को गरीबो के हक में और भ्रष्टाचार के खिलाफ उठाया गया कदम बताया। सरकार का कहना था कि यह कदम नक्सलवाद, आतंकवाद,तस्करी व जाली नोटो की तस्करी के खिलाफ उठाया गया कदम हैं। सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ महाजंग का ऐलान कर दिया था। अपने निर्णय के बाद पीएम मोदी ने जितने भी भाषण दिये वह गरीबों के हक में व भ्रष्टाचार केे खिलाफ दिये । पीएम मोदी का साफ कहना है कि 70 साल में जिन लोगों ने देश को लूटा है उन्हें तो अपना हिसाब देना ही होगा। आज जब सरकार अपने तीन साल का कार्यकाल पूरा करने जा रही है तब बेनामी संपत्ति के अंतर्गत बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव व उनके परिवार सहित कांग्रेस नेता पी चिदम्बरम व उनके बेटे के खिलाफ छापेमारी कर जांच भी शुरू कर दी है। सरकार कालेधन के खिलाफ लगातार काम कर रही है। सरकार का अनुमान है कि नोटबंदी के बाद 23 हजार करोड़ रूपये के कालेधन का पता चल चुका है।

पीएम मोदी अपनी जनसभाओं में कहा करते थे कि सरकार गरीबों के लिए होनी चाहिए तथा गरीबों के लिए सोचने व काम करने वाली होनी चाहिए। पीएम मोदी ने बकायदा अपने आप को देश का प्रधानसेवक तो घोषित किया ही साथ ही यह भी ऐलान किया कि उनकी सरकार गरीबो के लिए पूर्ण रूप से समर्पित है। पीएम मोदी का यह दावा बिलकुल सही है कि पिछली सरकारों में समाचारपत्रों में खबरें बनतीं थीं कि कितना गया, गया लेकिन अब वहीं विपक्ष सरकार से पूंछ रहा है कि कितना आया, कितना आया। यह एक महत्वपूर्ण बदलाव है। नोटबंदी वाकई में एक बेहद साहसिक कदम था। सरकार के फैसले के बाद घरों मं नोटों को छिपाकर रखने वाले लोगों के चेहरे से नकाब उतरने लग गया था। किसी ने नोटों को नदी में फेंका, पार्क में फेंका, नोटों को जलाया तक गया। लोगांे ने हर तरह से नोटों को छिपाने की कोशिश की लेकिन वह पीएम मोदी के दूरबीन से नहीं बच सके। सरकार के इस कदम के बाद जितने भी चुनाव हुए वहां पर भाजपा को जबर्दस्त कामयाबी मिली। 2017 में पांच प्रांतों के विधानसभा चुनाव हुए जिसमे उप्र व उत्तराखंड में तो पूर्ण बहुमत मिल गया लेकिन गोवा व मणिपुर में भी भाजपा अपने सहयोगी दलों के साथ सरकार बनाने में कामयाब रही। भाजपा के लिए उप्र की जीत वाकई में बहुत ही ऐतिहासिक अविस्मरणीय है। उप्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद अब पीएम मोदी पर कुछ दबाव कम हो गया है तथा अब उन्होनें 2019 का किला फतह करने के लिए मजबूत घेराबंदी अभी से शुरू कर दी है।

पीएम मोदी की सरकार ने अब तक कई ऐतिहासिक छोटे व बड़े फैसले भी लिये हैं। पीएम मोदी ने गरीबों के लिए जन धन योजना के तहत जीरो बैलेंस में खाते खुलवाये। नौकरियों के लिए प्रमाणपत्रों के सत्यापन का काम बंद करवाया। छोटे पदो के लिए साक्षात्कार बंद करवाये। सरकार अब तक 1200 बेकार के कानूनों को रदद करवाने में सफलता प्राप्त कर चुकी है।  केंद्र सरकार  देश व समाज तथ गरीबों के हित में लगातार फैसले कर रही है। केंद्र सरकार ने वर्षो से लम्बित सबसे कठिन काम वन रैंक वन पेंशन का उचित समाधान निकाला।  नेताजी सुभाषचंद्र बोस की गोपनीय फाइलों को सार्वजनिक किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर महीने के एक रविवार  को देश की जनता के साथ रेडियोे पर मन की बात कर रहे हैं  तथा एक प्रकार से वे देश में एक नये बदलाव की बयार उत्पन्न कर रहे हैं। मन की बात में वे हर बार नये विचारों के साथ जनता के सामने आते हैं। स्वच्छता से लेकर पर्यावरण सुरक्षा व ऊर्जा बचत तथा  छात्रों व  महापुरूषों के विषय में भी बाते करते  हैं। पीएम मोदी मन की बात के माध्यम से एक मौन क्रांति लाने का प्रयास कर रहे हैं। 

केंद्र सरकार ने अभी हाल ही में देश से वीआइपी कल्चर को समाप्त करने का ऐतिहासिक फैसला किया जिसमें सभी श्रेणियों के वाहन से सभी तरह की बत्तियां हटाने का फैसला हुआ। मोदी सरकार ने सामाजिक कल्याण बहुत सारी योजनाओं का श्रीगणेश किया जिनमें कुछ ने सफलता हासिल की तो कुछ अभी सफल होने के लिए बेकरार है। तीन साल में सरकार की सबसे बड़ी सफलताओं में रेल बजट को समाप्त करके उसे आम बजट के साथ जोड़ना और 10 हजार करेाड़ रूपये की बचत करना। सरकार ने बजट पेश करने की तारीख में बदलाव किया तथा अब वित्तीय वर्ष को बदलने की तैयारी चल रही है। नोटबंदी के बाद अब सरकार कैशलेस सिस्टम की ओर तेजी से बढ़ रही है। पीएम मोदी ने देश में व्यापक पैमाने पर बदलाव लाने के लिए बहुत सारी योजनाओं का शुभारम्भ किया है जिसमें कुछ योजनाये सफल तो रही हैं लेकिन कुछ योजनायें अभी सफलता का मार्ग खोजने में लगी हुईं हैं। पीएम मोदी ने जिन योजनाओं को लांच किया है उसमें स्टैंड अप इंडिया योजना, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना , फसल बीमा योजना,सांसद आदर्श ग्राम योजना , बेटी बचाओ, बेटी पढाओ,डिजिटल भारत, अनुसूचित जाति कल्याण कार्यक्रम ,स्वच्छ भारत मिशन, नमामि गंगे सहित छात्रों आदि के लिए कौशल विकास योजनाओ जैसे तमाम योजनाओं का शुभारम्भ सरकार की ओर से किया गया। इसे नकारा नही जा सकता कि पीएम मोदी के नेतृत्व में भ्रष्टाचार रहित सरकार दी हे तथा वह एक प्रकार से सबका साथ सबका विकास के नारे के आधार पर अपनी सरकार को न्यू इंडिया प्लान के तहत आगे बढ़ा रहे है। पीएम मोदी अपनी हर बात युवाओें को केंद्रित करके कह रहे हैं।

सरकार की यह सबसे बड़ी सफलता है कि आज देश का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ा हुआ है। पर्यटन के माध्यम से कमाई का विकास हुआ है। जीडीपी दर में वृद्धि हुई है तथा डालर के मुकाबले रूपया कुछ मजबूत हुआ है। देश के शेयर बाजार का सेंसेक्स 30 हजार के ऊपर  जा रहा है तथा निफ्टी भी लगातार चढ़ रहा है। सरकार की उज्ज्वला योजना कारगर सिद्ध हो रही हैं जिसके तहत अब तक तीन करोड़ बीपीएल परिवारों को गैस कनेक्शन दिये गये। यह भी माना जा रहा है कि उप्र में यह योजना गेमचेजर साबित हो गयी है। यह बात भी सही है कि अभी देश में व्यापक बदलाव लाने के लिए सरकार को बहुत कुछ करना है।

सरकार ने तीन साल में नये पैमाने तो स्थपित कर ही दिये हैं। मोदी सरकार आम लोगों व गरीबों की सरकार साबित हुई है। सरकार ने जनहित में बहुत सारे निर्णय लिये है जो कि स्वागत योग्य तो है लेकिन अभी उनका प्रतिफल जमीनी धरातल पर उतरने से ही पता चलेगा। सरकार को कई क्षेत्रों में अभी लम्बा सफर तय करना है।  

ये लेखक के निजी विचार है. 

 

नीरज कुमार सोनी

(लेखक पत्रकार और स्तंभकार है.) 

https://www.facebook.com/neerajsonijournalist

 

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छपरा: जिले में बढ़ती आपराधिक घटनाओं और बैंक में लूट के बाद बैंक, दुकान से लेकर सरकारी कार्यालयों तक मे सीसीटीवी लगाने का आग्रह जिला प्रशासन द्वारा जारी किया गया था.

ख़ासकर उन जगहों पर अनिवार्य और विशेष रूप से सीसीटीवी लगाने का आग्रह किया गया था जहाँ पैसे के लेंन देंन तथा लोगों की भीड़ ज्यादा होती है.

लेकिन सुरक्षा के मद्देनजर शहर का प्रधान डाकघर में अब तक ना सीसीटीवी लग पाया है और ना ही कोई सुरक्षा कर्मी तैनात है.

मॉडल डाकघर में शुमार इस डाकघर में सुरक्षा के नाम पर कुछ भी नही है जिससे यहाँ आने वाले लोग और यहाँ के कर्मी अपने को किसी आपराधिक वारदात के समय सुरक्षित महसूस कर सकें.

मुख्य डाकघर में प्रतिदिन लाखों रुपये की लेनदेन होती है. पत्रों के निबंधन और स्पीड पोस्ट के अलावे अन्य कई कार्यो को लेकर शहर से गांव तक के हजारों लोग प्रतिदिन यहाँ आते है और लाइन में लग कर काम करवाते है.

लेकिन इनकी सुविधा और सुरक्षा को लेकर परिसर में पुलिस बल तो दूर होमगार्ड का एक जवान भी नही दिखता.

भीड़ भाड़ में जनता खुद ही एकदूसरे से उलझती है और खुद ही उसका निदान भी करती है.हालांकि डाकघर केंद्र सरकार के अधीन कार्यरत होता है इस प्रश्न को लेकर उनके अपने विभागीय उत्तर है. लेकिन जनहित और कर्मचारियों के हित में सुरक्षा व्यस्था की जिम्मेवारी कार्यालय प्रधान की बनती है.

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छपरा: गंडक कॉलोनी में अनाधिकृत रूप से रह रहे लोगों के क्वार्टर को गुरुवार को खाली कराने की कार्रवाई की गई. सदर सीओ विजय कुमार सिंह के नेतृत्व में कार्रवाई की गई. इस दौरान बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी.

सीओ ने बताया कि जिलाधिकारी हरिहर प्रसाद के आदेश पर अनाधिकृत रूप से रह रहे दो दर्जन क्वार्टरों को खाली कराने की कार्रवाई की गई है. जिनमे से 7 से 8 क्वार्टरों को खाली कराया जा चुका है शेष बचे क्वार्टरों को दो दिनों में खाली करा लिया जाएगा. 

इस दौरान गंडक विभाग के अधीक्षण अभियंता उमानाथ राम, कार्यपालक अभियंता विनय कुमार सिंह आदि उपस्थित थे.

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छपरा: शहर के मेवालाल चौक पर छपरा विधायक सीएन गुप्ता की गाड़ी ट्रक के टक्कर से बाल- बाल-बाल बच गई. मामला गुरुवार की रात्रि का है. जब छपरा विधायक गांधी चौक से मेवालाल चौक पहुंचे ही थे कि महावीर स्थान की तरफ तेज़ रफ्तार से आ रही ट्रक मेवालाल चौक पर टकराते-टकराते बच गई.

गाड़ी से निकलकर विधायक के बॉडीगार्ड ने ट्रक ड्राइवर को फटकार भी लगाई. ऐसा मामला सुनते ही लोगों ने कॉल करके विधायक जी का हाल जाना. भाजपा नेता श्याम बिहारी अग्रवाल ने भी कॉल कर छपरा विधायक का हाल पूछा.

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छपरा: आठ माह से लंबित वेतन के भुगतान को लेकर आख़िरकार कर्मियों ने मोर्चा खोल दिया और धरने पर बैठ गए. कर्मचारियों ने महाविद्यालय प्राचार्य के कक्ष के सामने ही धरने पर बैठ गए.

इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार बताया जाता है कि जय प्रकाश महिला महाविद्यालय के संविदा कर्मचारियों को आठ महीने से वेतन नही मिला है.

वेतन नही मिलने से नाराज कर्मी महाविद्यालय के प्राचार्य कक्ष के बाहर धरना पर बैठ गये.

उनका कहना है कि प्रचार्य को आवेदन देकर अपनी मांग को रखा गया था लेकिन उनके द्वारा कोई पहल नही की गई. उनका कहना है कि इस बाबत कुलपति को भी जानकारी दी जायेगी. उन्होंने बताया कि जबतक वेतन नही मिलेगा तबतक यह धरना जारी रहेगा.

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छपरा: लोक जनशक्ति पार्टी सारण के व्यवसायी प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष के रूप में आदित्य अग्रवाल ने कार्यभार ग्रहण किया.
उक्त मौके पर उन्होंने व्यवसाइयों एवं कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि पार्टी ने उन्हें जो जिम्मेवारी दी है उसे वे बखूबी निर्वहन करेंगे. साथ ही साथ संगठन और व्यापारियों को मज़बूत करने का काम करेंगे. वही उपाध्यक्ष विक्की गुप्ता और सचिव के रूप में अली अहमद को पदभार सौंपा गया.

इस अवसर पर अतुल कुमार सिंह, धीरज सिंह, प्रशांत सिंह, अमरनाथ गुप्ता, सुमित उपाध्यय सहित सैकड़ों कार्यकर्त्ता मौजूद थे.

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छपरा: भारतीय जननाट्य संघ (इप्टा) के द्वारा गुरूवार 25 मई को जनसंस्कृति दिवस के अवसर पर स्थानीय जनक यादव पुस्तकालय में शाम के 6 बजे से समय संवाद का अयोजन किया जायेगा.

आयोजन की जानकारी देते हुए सचिव अमित रंजन ने बताया कि इस आयोजन में सूबे के प्रसिद्ध कवि शायरों द्वारा समय के साथ संवाद स्थापित किया जाएगा साथ ही लोगों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जकगरूक भी किया जाएगा. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आयुक्त सारण प्रमंडल नर्मदेश्वर लाल, भा0प्र0से0 और विशिष्ठ अतिथि डीएम सारण हरिहर प्रसाद, भा0प्र0से0 होंगे तो वहीं अध्यक्षता इप्टा अध्यक्ष सह विधान पार्षद प्रो0 वीरेन्द्र नारायण यादव करेंगे.

उन्होंने बताया कि समय संवाद में पटना से युवा शायर समीर परिमल, रामनाथ शोधार्थी सिवान से कवयित्री डॉ0 नीलम श्रीवास्तव, गोपालगंज से डॉ0 जौहर सफियाबादी, छपरा के दक्ष निरंजन शंभू, रिपुंजय निशांत, खुर्शीद साहिल, शकील अनवर, अमरेन्द्र सिंह, सुहैल अहमद हाशमी आदि कविउपस्थित होंगे.

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छपरा: ओवर टेकिंग को लेकर कुछ लोगों ने एक ट्रैक्टर चालक की पिटाई कर दी और ट्रैक्टर की चाभी भी लेकर फरार हो गये. इतना ही नहीं स्टार्ट ट्रैक्टर इस दौरान अनियंत्रित होकर मकान और बिजली के पोल के बीच जा फंसा.

घटना के सम्बन्ध में मिली जानकारी के अनुसार शहर के दौलतगंज मुहल्ले से एक ट्रैक्टर गुजर रहा था. ट्रैक्टर के पीछे चल रहे बाइक सवार लड़को को जब टैक्टर चालक ने तुरंत साइड नहीं दिया तो वे आग बबूला हो गए और चालक को रोक कर उसके साथ मारपीट करने लगे. इसी दौरान ट्रैक्टर अचानक चल पड़ा और एक घर और बिजली के पोल के बीच जा फंसा. शोर होने पर आसपास के लोग जुटने लगे तब बाइक सवार लड़के ट्रैक्टर का चाभी लेकर फरार हो गए.

बाद में आसपास के लोगों की सहायता से ट्रैक्टर को किसी तरह निकाला गया.

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छपरा: नीरा उत्पाद से संबंधित उच्च स्तरीय बैठक में जिलाधिकारी हरिहर प्रसाद ने जिला उद्योग केन्द्र, जीविका एवं उत्पाद विभाग के अधिकारियों एवं जिले के हर क्षेत्र से आये हुये नीरा उत्पादको को संबोधित किया.

जिलाधिकारी ने कहा कि नीरा रोजगार का महत्वपूर्ण साधन बनने जा रहा है. यह स्वास्थ्य के लिए भी उतम है. ताड़ी की जगह नीरा आ जाने से रोजगार की दिशा बदल गयी है, परंतु इससे जुड़े समुदाय को किसी प्रकार की आर्थिक क्षति नहीं हुयी है बल्कि ताड़ एवं इसके विभिन्न उत्पाद के प्रयोग से उनके आर्थिक स्तर को और भी ऊँचा किया जा रहा है. इसलिए आवश्यक है कि यह समुदाय नीरा की बिक्री जिविका के माध्यम से ही करें.

उन्होंने कहा कि जिले में प्रतिदिन 10 हजार लीटर नीरा उत्पादन की संभावनाएं है, जबकि बहुत कम नीरा का उत्पादन हो रहा है. सरकार द्वारा नीरा का मूल्य प्रति लीटर 25 रूपया निर्धारित किया गया है, जबकि जिविका द्वारा सारण जिले में प्रति लीटर 30 रूपया नीरा का मूल्य उपलब्ध कराया जा रहा है. नीरा से बने गुड़ का मूल्य 150 रूपया प्रति किलो है.

जिलाधिकारी ने सभी नीरा उत्पादको को चेतावनी दी कि ताड़ी का उत्पादन, बिक्रय एवं सेवन तीनो अवैध है, साथ ही इससे सामाजिक समस्या के साथ-साथ कानूनी समस्या भी उत्पन्न होती है. इसलिए जरूरी है कि इस समुदाय से जुड़े लोग अपने हित के साथ-साथ ऐसा कोई काम न करें, जिससे प्रशासन को उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करनी पड़े. जिला प्रशासन द्वारा अवैध ताड़ी बिक्री के विरूद्ध अभियान जारी है तथा उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग को लगातार छापेमारी करने का आदेश दिया गया है.

बैठक में जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी अनिल कुमार चौधरी, कम्फेड के पदाधिकारी एम०के० चौरसिया सहित संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे.

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छपरा: दो दिवसीय नि:शुल्क स्वास्थ परामर्श शिविर का रोटरी सारण द्वारा आयोजन किया गया. रोटरी सारण के संस्थापक अध्यक्ष सह शिविर के संयोजक श्याम बिहारी अग्रवाल ने बताया शिविर में 23 रोगीयों को नि:शुल्क स्वास्थ परामर्श डॉ विजय किशोर प्रसाद ने दिया.

जाँचोपरान्त डॉ विजय किशोर प्रसाद ने बताया इस समय भीषण गर्मी पड़ रही है लू से बचने के लिए पानी और ग्लुकोज तथा नींबू पानी का सेवन अधिक मात्रा में करना चाहिए एवं कच्चे आम का पानी प्रतिदिन पीना चाहिए. उच्च रक्तचाप वाले मरीज को नमक का सेवन वर्जित हैं. सभी बीमारियों में सुबह की सैर राम बाण दवा है. दिल के मरीज को तेल एवं घी तथा मक्खन छोड़ देना चाहिए तथा मदिरा का त्याग कर ही स्वस्थ रहा जा सकता है. किडनी के मरीज को धनिया और पुदीने का रस समय-समय पर लेते रहना चाहिए. ये किडनी की सफाई का काम करते है. डाॅक्टर के परामर्श के अनुसार दवा समय पर लेना जरूरी है.

शिविर में रोटरी सारण के अध्यक्ष अजय कुमार, पूर्व अध्यक्ष पंकज कुमार, सदस्य सोहन कुमार गुप्ता, रतनलाल, अजय प्रसाद, प्रदीप कुमार आदि ने सहयोग किया.

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छपरा: केंद्र सरकार द्वारा पिछले दिनों जारी स्वच्छता सर्वेक्षण के  रैंकिंग में छपरा शहर के काफी निचले पायदान पर रहने को लेकर स्थानीय सांसद सह केंद्रीय कौशल विकास मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने दुःख जताया है. उन्होंने  कहा कि शहर को स्वच्छता रैंकिंग में अव्वल लाने के लिए योजनाओं की शुरुआत अक्टूबर से की जाएगी.

उन्होंने कहा कि अक्टूबर 2018 में केंद्र से टीम बुलाकर एक बार फिर सर्वे कराया जाएगा. जिसमे अव्वल रैंकिंग आए इसके लियर सभी मिलकर कार्य करेंगे.

आपको बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा 324 शहरों में कराए गए स्वच्छता सर्वेक्षण में छपरा शहर 321वें रैंकिंग पर आया था.

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छपरा: जिले की आरक्षी अधीक्षक और उनके अधीन के पुलिस पदाधिकारी आम जनता के हेलमेट नही लगाने और ट्रिपल लोड बाइक चलाने पर ट्रैफिक नियमों के अनुसार चालान काटते है.

शहर के लगभग सभी चौक चौराहों के अलावे सभी थानों को इस बाबत आवश्यक निर्देश जारी किया गया है. लेकिन यह बातें शायद आम जनता पर ही लागू होती है क्योंकि पुलिस तो पुलिस होती है उनका काम इस चित्र को देखकर लगता है कि शायद चालान उनके लिए नही बना है और ना ही वह फाइन भरने के लिए हैं.

सोमवार की दोपहर आरक्षी अधीक्षक के आवास के ठीक सामने कुछ ऐसा ही नज़ारा देखने को मिला. मोटरसाइकिल पर ट्रिपल लोड सवार होकर पुलिस कर्मी वारंटी के साथ मज़े से जा रहे थे. इन्हें ना कोई रोकने वाला था और ना ही ट्रिपल लोड या बिना हेलमेट गाड़ी चलाने का इनके अंदर डर दिख रहा था.

यह तो निश्चित था कि यह पुलिस कर्मी ग्रमीण क्षेत्र के थे और इन्हें दूर जाना था.लेकिन इनका मनोबल काफी ऊंचा था यही कारण है एक तो बिना हेलमेट और दूजे ट्रिपल लोड आराम से चलते जा रहे थे. हालांकि पिछले कई दिनों में जिस प्रकार शहर में हेलमेट लगाने वाले  वाहन चालकों की संख्या बढ़ी है उनमें शहरी क्षेत्र के पुलिस बलों का भी सहयोग रहा है.

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