*हिंदी, अंग्रेजी, जर्मन, पारसी और संस्कृत में तैयार किया है शब्दकोश

Chhapra: शब्द ब्रम्ह है इससे बढ़कर कोई और मोहक रचना नही हो सकती. ऐसी सोंच रखने वाले सारण जिला के बद्री नारायण पांडेय अपने ही शब्दों को ख्याति दिलाने के लिये 80 वर्ष की उम्र में भी संघर्षरत हैं. हिंदी, अंग्रेजी, जर्मन, पारसी और संस्कृत जैसी पांच भाषाओं का शब्दकोश एक ही पुस्तक के अंतर्गत तैयार करने वाले बद्री नारायण पांडेय को जर्मन और ईरान के एम्बेसी ने इस कार्य हेतु जहां प्रोत्साहित किया और उन्हें अपने प्रयास में सफल होने की शुभकामना दी वहीं दूसरी ओर साहित्य व संस्कृति से दिनरात संवाद करने वाले अपने प्रदेश बिहार में ही उनकी इस प्रतिभा और बौद्धिकता को कोई मोल नही मिला. सात वर्ष पहले श्री पांडेय ने अपनी यह रिसर्च और इससे संबंधित पुस्तक बिहार सरकार और राजभाषा परिषद को भी भेजी थी लेकिन आज तक न इस उपलब्धि को संचित करने का कोई आश्वासन मिला और नाही उन्हें इस कार्य के लिये कोई साधुवाद दिया गया. हालांकि ऐसी नायाब कोशिश को सफलता के पंख नही मिलने के बावजूद बद्री नारायण पांडेय का आत्मविश्वास नही डगमगाया और अस्सी साल के उम्र में उनका मनोबल आज भी कुछ नया करने के लिये प्रयत्नशील है.

प्रकाशन के लिये भी नही मिला कोई बड़ा बैनर

छपरा शहर के हरदनबासु लेन में रहने वाले श्री पांडेय मिश्रीलाल साह आर्यकन्या मध्य विद्यालय के सेवानिवृत शिक्षक हैं. 1998 में रिटायर होने के बाद उन्होंने भाषाओं और शब्दों को लेकर रिसर्च शुरू कर दी. संस्कृत से लगाव था इसलिए इसके इर्दगिर्द शब्दों की समानता ढूंढने लगे. दस वर्षों की कठिन तपस्या के बाद साल 2010 में फाइव लैंग्वेज कॉनसाइज डिक्शनरी लिख डाली. हालांकि तमाम प्रयासों के बावजूद कोई बड़ा प्रकाशक नही मिला जो इसे प्रकाशित कर सके. छपरा के ही एक लोकल प्रकाशक श्री माधव मुद्रणालय ने इस शब्दकोश की अहमियत को समझते हुए इसे प्रकाशित करने का साहस दिखाया. शब्दकोश में 3781 शब्द हैं. हमसे बातचीत में उन्होंने बताया कि रिसर्च में आर्थिक हालात आड़े आते हैं. परिवार में उतनी सम्पन्नता नही है. जो पैसे बचते हैं बीमारी में खर्च हो जाते हैं. यदि सरकार संसाधन उप्लब्ध कराये तो इस शब्दकोश में 11 भाषाओं के शब्दों को शामिल किया जा सकता है.

अभी भी जारी है रिसर्च

तमाम कठिनाइयों और वृद्धावस्था के संघर्षों के बावजूद इनका रिसर्च जारी है. फिलहाल इन्होंने ‘जेंडर सिमिलरिटी ऑफ संस्कृत एंड जर्मन’ नामक शब्दकोश तैयार किया है जिसमें 5759 शब्दों का जिक्र है. यह रिसर्च मात्र चार माह में पूरा हुआ है. हालांकि अबतक इसे कोई प्रकाशक नही मिला है. कुछ पुराने मित्रों से संम्पर्क कर इसे प्रकाशित कराने की कोशिश में हैं. इनके पुत्र राजू पांडेय भी पिता के उपलब्धि को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने की कोशिश में लगे हैं. यदि इनकी बनायी डिक्शनरी बड़े बैनर द्वारा प्रकाशित हो जाये तो छात्रों को एक साथ पांच भाषाओं की जानकारी और उनके शब्दों को पहचानना आसान होगा. शोध छात्रों के लिये भी यह शब्दकोश काफी उपयोगी है.

प्रयास एक नजर में

लगभग 10 वर्षों के कठिन रिसर्च के बाद जब बद्री नारायण पांडेय ने अपने डिक्शनरी को प्रकाशित करने के लिये प्रयास शुरू किया तो कई बड़े प्रकाशकों ने इसमें अपना इंटरेस्ट नही दिखाया. अंत में एक स्थानीय प्रकाशक तैयार हुए और डिक्शनरी की कुछ प्रतियां छापी गयी. आर्थिक तंगी के कारण प्रचार-प्रसार नही हो सका जिस कारण बड़े स्तर पर डिक्शनरी प्रमोट नही हो सकी”

श्री पांडेय ने डिक्शनरी को राष्ट्रीय पटल पर प्रकाशित कराने के किये कई प्रयास किये. पहले उन्होंने इसे जर्मन और ईरान की दूतावास भेजा. वहां से उन्हें इस सार्थक प्रयास के लिये साधुवाद का एक पत्र भी आया और रिचर्स को आगे बढ़ाने की शुभकामना भेजी गयी. इससे उत्साहित होकर उन्होंने बिहार सरकार और राजभाषा परिषद को भी डिक्शनरी की एक कॉपी और रिसर्च से सम्बंधित कुछ मेटेरियल भेजा. हालांकि एक लंबा अंतराल बीत जाने के बाद भी अबतक बिहार सरकार व राजभाषा परिषद से कोई जवाब नही आया है”

डिक्शनरी संस्कृत, जर्मन, पारसी, अंग्रेजी और हिंदी के साढ़े तीन हजार से भी ज्यादा शब्द हैं. ऐसे में छात्रों के लिये यह काफी उपयोगी है. खासकर शोध छात्रों व अलग-अलग भाषाओं पर रिसर्च करने वाले विद्यार्थियों के लिये काफी उपयोगी साबित हो सकता है. बद्री नारायण पांडेय बताते हैं कि अबतक उनकी नजर में एक साथ पांच भाषाओं की डिक्शनरी नही आयी है. छपरा और आसपास के कुछ छात्र-छात्राओं को जब इस डिक्शनरी की जानकारी मिलती है तो वह उनके घर से खरीद कर ले जाते हैं. छात्रों का कहना है कि ऐसा शब्दकोश बाजार में कहीं उपलब्ध नही है. यदि दुकानें पर इसकी प्रतियां उपलब्ध हो और बड़ा प्रकाशक इसे प्रमोट करे तो छात्रों को काफी आसानी होगी”…

अस्सी वर्षीय बद्री नारायण पांडेय का रिसर्च इस उम्र में भी जारी है. संसाधनों के अभाव में अकेले ही दिनरात अपने अगले प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं. अभी संस्कृत और जर्मन की एक डिक्शनरी तैयार कर रहे हैं जो अंतिम चरण में है. इसके लिये प्रकाशक तलाश रहे हैं. अपने रिसर्च में व्यस्त रहने कारण उन्हें समाजिक गतिविधियों में शामिल होने का ज्यादा अवसर नही मिलता. रोटरी क्लब और लायंस क्लब जैसी संस्थाओं ने एक बार उनका सम्मान किया था. उसके बाद स्थानीय स्तर पर भी इनका हाल लेने कोई नही आया. तत्कालीन डीएम विनय कुमार से मिलकर इन्होंने अपने डिक्शनरी को प्रमोट कराने का आग्रह किया था लेकिन उसी बीच डीएम का तबादला हो गया और उनका प्रयास अधूरा रह गया”..

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Chhapra: लोहिया स्वच्छ अभियान अंतर्गत सारण जिले को शत-प्रतिशत खुले में शौच से मुक्त किये जाने के प्रयास के मद्देनजर मिशन 50 हज़ारपरिवारों हेतू गड्ढा खोदो अभियान के तहत पिछले दो दिनों से जिले में युद्ध स्तर पर तैयारी की गयी, जिसके तहत पूरे जिले के विभिन्न प्रखण्डों में कुल 50000 शौचालय का निर्माण कार्य प्रारंभ करने हेतु 1 लाख गड्ढों की खुदाई करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था. जिसके तहत आज दिनांक 7 सितंबर तक जिले में कुल 28 हजार शौचालय के निर्माण हेतु 56 हजार गड्ढों की खुदाई की जा चुकी है. इसमें परसा, मकेर, मशरख आदि प्रखण्डों की उपलब्धि काफी सराहनीय रही है जो निर्धारित लक्ष्य के काफी करीब रहे, वहीं दूसरी ओर रिविलगंज, मांझी, छपरा आदि प्रखण्ड 50 प्रतिशत लक्ष्य से कम रहें हैं जिनके प्रखण्ड विकाश पदाधिकारी, प्रखण्ड समन्वयक एवं कर्मियों को अभियान जारी रखते हुए अगले तीन दिनों के अंदर निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप उपलब्धि प्राप्त करने का निदेश दिया गया है.

खुले में शौच से मुक्ती से संबंधित अभियान मुख्यतः व्यवहार परिवर्तन से संबंधित है. इसके तहत सभी प्रखण्डों में जिन-जिन स्थानों पर शौचालय निर्माण का कार्य पूर्ण कराया गया है वहाँ लगातार गतिविधि के तहत रात्रि चौपाल, घर-घर दस्तक, प्रभात फेरी का कार्य प्रखण्ड स्तरीय दल द्वारा प्रतिदिन कराया जा रहा है. उन जीविका की दीदीयों जिनके घर में शौचालय नहीं है, उनकों जोड़कर तथा प्रोत्साहित कर शौचालय निर्माण हेतु लगातार प्रयास किया जा रहा है और शौचालय निर्माण के उपरांत दिये जाने वाले कुल 12 हज़ार की प्रोत्साहन राशि के भुगतान में भी तेजी लाने का निदेश प्रखण्ड विकास पदाधिकारीयों को दिया गया है एवं जिलाधिकारी द्वारा लगातार इसका पर्यवेक्षण किया जा रहा है.

सभी नये शौचालय विहिन परिवार जिनके द्वारा शौचालय का निर्माण कराया जा रहा है, उनकों शौचालय निर्माण के साथ हीं दिये जाने वाले 12 हजार की प्रोत्साहन राशि को उनके खाते में अविलम्ब हस्तानान्तरित कराया जा रहा है तथा इसकी लगातार निगरानी जिला स्तर से की जा रही है.

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छपरा: शहर में बढ़ते कूड़े-कचरे की समस्या से निजात दिलाने के लिए छपरा नगर निगम जल्द ही शहर में कचरा प्रबंधन प्लांट लगाने जा रहा है. इसके तहत मुज़फ़्फ़रपुर नगर निगम के तर्ज पर छपरा में विभिन्न जगहों पर कचरा प्रबंधन केंद्र बनाया जाएगा. इस कचरा प्रबंधन केंद्र में प्राकृतिक और पारंपरिक तरीके से गीले कचरे को इक्कठा कर खाद का निर्माण कराया जायेगा. यहां बनने वाले खाद को पैकिंग कर बेचा भी जायेग. साथ ही इस प्लांट के ज़रिये किसी भी प्रकार के प्रदूषण की समस्या भी नहीं होगी. छपरा में बहुत जल्द इसे शुरू कर दिया जायेगा.

श्यामचौक और हुस्से छपरा में लगेगा प्लांट

कचरा प्रबंधन के लिए नगर निगम द्वारा शहर के तीन जगहों पर प्लांट लगाया जायेगा. जिसमें एक शहर के श्याम चौक के पास, दूसरा हुस्से छपरा स्थित नगर निगम की पुरानी भंगार की जमीन पर लगेगा. वहीं तीसरे प्लांट को लेकर जमीन को चिन्हित किया जा रहा है. जल्द ही इसे भी चिन्हित कर लिया जयेगा. प्लांट बैठाने को लेकर डीपीआर तैयार किया जा रहा है.

गीले कचरे से ऐसे बनेगा खाद

गीले कचरे से खाद बनना इस प्लांट के ज़रिए बिल्कुल आसान है. जिसमें सिंपल टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है. सबसे पहले घर-घर से जाकर गीला और सूखा कचरा का उठाव किया जायेगा. जिसके बाद गीले कचरे को एक निश्चित स्थान और डंप किया जायेग. वहां उस कचरे से प्लास्टिक की बोतलें व अन्य बेकार की चीज़ें हटा ली जाएंगी. जिसके बाद उस गीले कचरे को कचरा प्रबंधन प्लांट पर लाया जायेगा. वहां कचरे को मशीन में डालकर महीन किया जायेगा. फिर उसे वहां बने विभिन्न कॉम्पोस्ट पिट(गड्ढे) में डाला जायेगा. डालने से पहले कॉम्पोस्ट पिट में नारियल के खोइयों का लेप और फिर दो लेयर में गोबर का लेप चढ़ाया जायेगा. इसके बाद इसमे रसायनिक केमिकल डालकर कचरे को सूखने के लिए छोड़ दिया जायेगा. जिसके बाद वह खाद में तब्दील होगा. इसके उपरांत मशीन में डालकर नगर निगम के टैग के साथ पैक करके 5 रुपय प्रति किलो बेचा जायेगा.

6 से 7 लाख का होगा खर्च

आपको बता दे कि इस प्लांट को लगाने में 6 से 7 लाख रुपये का खर्च की बात कही जा रही है. इसको लेकर नगर निगम सभागार में बुधवार को सशक्त स्थाई समिति की बैठक भी हुई. जिसमें मेयर के साथ नगर आयुक्त अजय सिन्हा व कनीय अभियंता के साथ स्थायी समिति के सदस्य उपस्थित रहे. बैठक में कचरा प्रबंधन प्लांट जल्द लगाने को लेकर चर्चा की गयी.

कचरा प्रबन्धन प्लांट लगाने से पहले लोगों को किया जायेगा जागरूक, दुकानदारों में बांटे जायेगें डस्टबिन

लोगों को गीली कचरा और सूखा कचरा अलग-अलग कूड़ेदान में इकट्ठा करने के लिए नगर निगम द्वारा लोगों को जागरूक किया जायेगा. जिससे कचरे के पृथक्करण में समस्या नहीं आयेगी. साथ ही उसे आसानी से कचरा प्रबंधन प्लांट ले जाया जा सकेगा. इसके अलावें नगर निगम शहर के दुकानदारों को गीला और सूखा कचरा रखने के लिए दो अलग अलग डस्टबिन भी देगा.

मेयर सहित अन्य पदाधिकारियों ने मुज़फ़्फ़रपुर नगर निगम का किया था दौरा

गौरतलब है कि हाल ही में छपरा नगर निगम की मेयर, उपमेयर , नगर आयुक्त व कनीय अभियंता मुज़फ़्फ़रपुर नगर निगम स्थित कचरा प्रबंधन केंद्र को देखने गये थे. उन्होंने देखा कि  वहां गीला कचरा को इक्कठा कर कॉम्पोस्ट पिट लाकर खाद बनाया जा रहा था. इस तरह का कचरा प्रबंधन देख छपरा नगर निगम के पदाधिकारी प्रभावित हुए और इसे छपरा में भी जल्द शुरू करने की पहल की.

क्या कहते हैं पदाधिकारी

मेयर प्रिया सिंह: फिलहाल शहर में 3 जगह प्लांट लगाने की कोशिश की जा रही है. अगर सबकुक ठीक रहा तो प्रत्येक 5 वार्ड पर एक कचरा प्रबन्धन प्लांट लगाया जायेगा.

नगर आयुक्त, अजय सिन्हा: बहुत जल्द ही इसे शुरू किया जायेगा. गीला कचरा के साथ सूखा कचरा का भी रिसाइकिलहो जायेगा. खाद बिकेगा तो निगम के आय का स्त्रोत भी बढ़ेगा.

कनीय अभियंता: एसके श्रीवास्तव के बताया कि प्लांट लगने से गीले कचरे से निपटारे में मदद मिलेगा. शहर को साफ रखना है तो लोगों को भी अपनी मानसिकता बदलनी होगी.

  1. सिंपल टेक्नोलॉजी से होगा गीले कचरे का निपटारा
  2. मुज़्ज़फरपुर के तर्ज पर बनेगा अपशिष्ट प्रबंधन प्लांट
  3. श्याम चौक और हुस्से छपरा में बनेंगे दो प्लांट
  4. प्राकृतिक तरीके से निर्मित होगा खाद
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Chhapra: गुरुवार को सूचना मिली कि जिलाधिकारी सारण के आवास परिसर में पेड़ पर अजगर देखा गया है. सूचना पर अग्निशमन दल और वन विभाग के कर्मी मौके पर पहुंचे और रेस्क्यू शुरू किया.

इस दौरान आवास के बाहर अजगर को देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ जुट गई. रास्ते से जो गुजरता देखने के लिए रुक जाता.

पेड़ पर चढ़े अजगर को उतारने के लिए वन विभाग के कर्मियों ने सीधी के सहारे पेड़ पर चढ़ने की शुरुआत की. बाद में पेड़ की टहनी को काट कर अजगर को नीचे उतारा गया. इस दौरान उसे पकड़ने के लिए पहुंचे वन कर्मीयों को काफी मशक्कत करनी पड़ी. बाद में जिलाधिकारी आवास के कर्मी के गार्ड के प्रयास से उसे पकड़ने में सफलता मिली.

वनपाल उदय कुमार सिंह ने बताया कि जिलाधिकारी आवास में अजगर देखें जाने की सूचना मिली थी. जिसके बात अग्निशमन विभाग की मदद से रेस्क्यू शुरू किया गया. अजगर को पकड़ लिया गया है. उसकी लंबाई लगभग 6 फिट है.

देखने के लिए जुटा रहा हुजूम

जिलाधिकारी आवास परिसर में अजगर देखें जाने की सूचना के बाद जिसे भी इस बात की जानकारी हुई वह देखने के लिए रुक गया. देखते ही देखते आवास के सामने सैकड़ों लोगों की भीड़ लग गयी. जो गुजरात जिज्ञासा वश देखने को रुक जाता. भीड़ हटाने के लिए पुलिसकर्मियों को काफी मशक्कत करनी पड़ी.

वन विभाग के पास नही थे समुचित उपकरण

अजगर को रेस्क्यू करने पहुंची वन विभाग की टीम कोई खास तैयारी में नही दिखी. जैसे तैसे बोरा की मदद से अजगर को पकड़ा और अपने साथ ले गयी.

 

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Chhapra: विगत दिनों रात्रि में सहाजितपुर थाना अंतर्गत कोल्हुआ बाजार स्थित नोवो पे के सीएसपी से लूटपाट और इस क्रम में अपराधियों को दबोचने के लिए आगे आए चौकीदार की हत्या कांड का उद्भेदन सारण पुलिस ने किया है.

गुरुवार को सारण पुलिस कप्तान हरकिशोर राय ने प्रेस वार्ता कर बताया कि हत्या और लूट कांड का उद्भेदन किया गया है. जिसमें दो अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है. अपराधी अनीश कुमार के पास से एक देसी कट्टा, चार जिंदा कारतूस और राकेश कुमार के पास से एक देसी कट्टा, दो जिंदा कारतूस, एक बिना नंबर का मोटरसाइकिल, लूट की चार हज़ार की रकम बरामद की गई है.

उन्होंने बताया कि बहादुर चौकीदार धीरज कुमार एवं एक दुकानदार और स्टाफ की बहादुरी की बदौलत एक अपराधी को लूट के दौरान ही दबोच लिया गया था. उन्होंने बताया कि अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अजय कुमार सिंह के नेतृत्व में एसआईटी टीम का गठन किया गया. सहाजितपुर थाना अंतर्गत पुल के पास से दोनों अपराधियों को गिरफ्तार किया गया.

उपरोक्त पकड़ाए दोनों अपराधियों का विस्तृत अपराधिक इतिहास प्राप्त किया जा रहा है तथा घटना में संलिप्त अन्य अपराध कर्मियों को गिरफ्तारी हेतु सघन छापेमारी की जा रही है.

पुलिस कप्तान ने कहा कि शहीद चौकीदार धीरज कुमार सिंह को पुरस्कार हेतु अनुशंसा किया जाएगा. छापेमारी टीम में शामिल सहाजितपुर थाना अध्यक्ष राम विनय पासवान, सच्चिदानंद कुमार आदि पुलिसकर्मियों शामिल है.

 

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Chhapra: विगत दिनों से लगातार नदी के जलस्तर में वृद्धि हो रही है. नदी के जलस्तर में वृद्धि के कारण आसपास के क्षेत्र पूरी तरह से जलमग्न है.

नदी का पानी विभिन्न रास्तों से होकर अब शहर तथा उसके आसपास के इलाकों में धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है.

गुरुवार की संध्या ब्रहमपुर स्थित पी एन सिंह डिग्री महाविद्यालय का परिसर पूरी तरह से बाढ़ के पानी से लबालब हो गया. वही शहर के निचले इलाके साहेबगंज, करीम चक, राहत रोड में भी नदी के पानी के आने की सुगबुगाहट दिखने लगी है.

एक बार फिर नगर निगम की लापरवाही के कारण शहर का निचला इलाका बाढ़ के पानी में डूबने को विवश है.

नदी के बढ़ रहे है जल स्तर की निकासी पूर्व में खनुआ नाले के द्वारा ग्रामीण इलाकों में होती थी लेकिन समय पर इसकी सफाई नहीं होने के कारण इस बार भी शहर का निचला इलाका डूब सकता है.

नदी के जलस्तर में जिस अनुपात में वृद्धि हो रही है ऐसा माना जा रहा है कि अगले 2 दिनों में नदी का पानी सरकारी बाजार के निचले इलाकों आ सकता है.

हालांकि इस आहट के बाद भी नगर निगम एवं जिला प्रशासन द्वारा नाले की सफाई को लेकर कोई भी कार्य प्रारंभ नहीं किया जा रहा है. जिससे कि जल स्तर में वृद्धि के साथ पानी की निकासी हो सके. भले ही जिला प्रशासन ने बाढ़ में राहत एवं बचाव की तैयारी कर ली हो.

अगर ऐसी ही स्थिति रही तो शहर के जाम खनुआ नाला एवं सभी नालियों के कारण शहर भी डूबने को विवश है.

 

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Chhapra: एससी-एसटी एक्ट को लेकर सवर्ण सड़क पर है. सवर्ण के 35 जाति वर्गों द्वारा आज भारत बंद का ऐलान किया गया है. जिसका असर देखने को मिल रहा है.

शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में भी मुख्य मार्ग पर यातायात को अवरुद्ध करते हुए सवर्ण वर्गों की हड़ताल जारी है.

शहर के प्रवेश द्वार भिखारी चौक, बाजार समिति, ब्रहमपुर, सहित ग्रामीण क्षेत्रों में नगरा, मढ़ौरा, एकमा, ताजपुर, मसरख, इसुआपुर, दिघवारा के अलावे कई ग्रामीण इलाकों में भी सड़क मार्ग को अवरुद्ध करते हुए यातायात को बाधित किया गया है.

वही सोनपुर से लेकर एकमा तक के कई स्टेशनों पर भी रेलगाड़ियों को भी रोककर रेल यातायात को प्रभावित किया गया है. सवर्ण के इस भरत बंद से आम जनजीवन पर बुरा असर पड़ा है.

लोग यातायात व्यवस्था ठप होने के कारण पैदल ही अपने सामानों के साथ जा रहे हैं. वही रेलवे स्टेशन बस स्टैंड में यात्रियों की भारी भीड़ है.

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छपरा: मतदाताओं को जागरूक करने के लिए युवा राजद द्वारा विशेष अभियान चलाया जायेगा. इसको लेकर युवा राजद के प्रदेश उपाध्यक्ष सुनील कुमार राय ने बताया कि मतदाताओं को जागरूक करने के उद्देश्य से आगामी 8 सितम्बर को छपरा स्थित युवा राजद के स्थानीय कार्यालय से रथ को रवाना किया जायेगा.

इस रथ के ज़रिए मतदाताओ को उनके अधिकारों के बारे में जानकारी दी जाएगी. साथ रथ पर विभिन्न स्लोगनों के ज़रिए जारूकता फैलाई जायेगी. जिसमें लोकतंत्र का यह अधिकार वोट न कोई हो बेकार, मतदाता होने पर गर्व मतदाता के लिए तैयार मजबुत लोकतंत्र सबकी भागीदारी और अपने मताधिकार का उपयोग किजिए अपना वोट जरूर दिजिए जैसे स्लोगन्स दिये जायेंगे.

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Chhapra: एससी एसटी एक्ट के विरोध में देशव्यापी भारत बंद के तहत जिले में भी बंद का असर देखा गया. भारत बंद को लेकर जदयू नेता संतोष कुमार महतो ने कहा कि जिन लोगों ने भी भारत बंद का आह्वान किया था वह ना तो सरकार के पक्षधर हैं और ना ही दलितों के. उन्होंने बताया कि बंद पूरे तरह से बेअसर था.

यहां देखें वीडियो:

साथ ही उन्होंने कहा कि भारत बंद से आम जनता को परेशानी हुई है. उन्होंने बताया कि यह बंदी आम लोगों के लिए नहीं बल्कि अपने फायदे के लिए की गई थी. आम जनता पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा इससे बंद समर्थकों को कोई फर्क नहीं पड़ता. सभी अपनी राजनीति सिद्ध करने में जुटे है.

 

 

 

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छपरा: छपरा मढौरा पथ पर कुख्यात अपराधी रंजन कुमार सिंह को बुधवार की रात हुए गैंगवार में अपराधियों ने मौत के घाट उतार दिया गया है. घटना ज़िले के खैरा थाना क्षेत्र के फुटनी मोड़ और पेट्रोल पंप के बीच की है. जहां गंगवार में चली अंधाधुंध गोलियां चलायी गयीं. इसी गैंगवार में कुख्यात अपराधी रंजन कुमार सिंह मारा गया. अज्ञात अपराधी उसके शरीर मे गोली दागकर फरार हो गये.

जिसके बाद स्थानीय लोगों ने घायल अवस्था में उसे इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने उसकी एक बाइक जब्त कर थाना ले गयी. बाइक बिना नम्बर प्लेट की पड़ी हुई थी.

मृतक के पास से उसके पुलिस ने एक मोबाइल बरामद किया है. मृतक इसुआपुर के कुख्यात अपराधी रंजन कुमार सिंह बताया गया है. वह शहर में स्वर्ण आभूषण व्यवसायी की हत्या कर 30 लाख रुपये की आभूषण लूट मामले में वांटेड था.

थानाध्यक्ष अरविंद कुमार ने बताया कि मृतक के नाम पता का सत्यापन किया जा रहा है इसकी जांच की जा रही है. घटना पुलिस जांच में जुट गयी है.

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Chhapra (Aman Kumar): किसी ने ठीक ही कहा हैै- यदि आपके हौसले बुलन्द हो तो सामने कितना भी विशाल संकट का पहाड़ हो, उसे भी आप आसानी से लांघ सकते हैं. इसी हौसले और उम्मीद का दामन थामे युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बने हैं, छपरा के पटेल छात्रवास में रहने वाले दिव्यांग शिक्षक गुड्डू कुमार सिंह. छपरा के गुड्डू कुमार सिंह जीवन मे संघर्ष करते हुए छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराते हैं. एक पांव नहीं होने के बाद भी वो हर रोज़ बैशाखी के सहारे तीन मंजिला इमारत पर चढ़कर छात्रों को पढ़ाने का कार्य करते हैं.

घण्टो खड़े होकर पढ़ाते हैं

तीन तीन घण्टे तक एक पांव पर खड़े रहकर पढ़ाना अपने आप में बड़ी बात है. एक सामान्य व्यक्ति तीन मंजिल पर चढ़ने के दौरान थक कर हर जाता है लेकिन गुड्डू तो फिरभी दिव्यांग है. दिव्यांग होने के बाद भी उन्होंने कभी हार नहीं मानी और जीवन मे आगे बढ़ने के रास्ते ढूंढते रहे. उनके पढ़ाये हुए दर्जनों छात्र आज विभिन्न सरकारी विभागों में नौकरी कर रहे है.

गुड्डू का कहना है कि दिव्यांग होने की वजह से उन्हें बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है. इन सब के बावजूद अगर आप खुद पर विश्वास करते हैं तो कुछ भी हासिल हो सकता है.

ज़िले के मकेर प्रखण्ड के ठहरा गांव निवासी तिवारी सिंह के 23 वर्षीय पुत्र गुड्डू 2009 से छपरा में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी की. लेकिन कुछ खास सफलता नहीं मिलने पर बिना निराश हुए छात्रों को पढ़ाना शुरू किया.

वो बताते है कि शुरू में बगल के छात्र विभिन्न विषयों के सवाल पूछने आते थे. जिसका वो आसानी से जवाब बता देते. धीरे-धीरे वक़्त बीता तो कोचिंग खोलने की सोंची. आज सैकड़ो बच्चे गुड्डू के पास पढ़ने आते हैं. इस दिव्यांग शिक्षक ने कई छात्रों को प्रेरित करने का कार्य किया है.

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Chhapra: केरल बाढ़ राहत कोष के लिए सारण के युवा आगे आए है. युवाओं ने एक बड़ी राशि जमाकर करके केरल बाढ़ राहत कोष के लिए भेजा है. मंगलवार को युवाओं ने सारण जिलाधिकारी को 33,757 रुपए का चेक सौंपा.

इस मौके पर तारिक़ अनवर, समाजसेवी नबी अहमद, परवेज़ आलम, अजय सिंह, सुल्तान इदरिशी, दस्तगीर अहमद, बसरे आज़मी, नूर खान उपस्थित थे.

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