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Chhapra: वट सावित्री पर्व को सुहागन स्त्रियाँ अपने अखंड सुहाग एवं पति की दीर्घायु होने के कामना के साथ मनाया.
ज्येष्ठ माह की अमावस्या के दिन नव विवाहित एवं सुहागन स्त्रियाँ उपवास रखकर पूरे विधि विधान से वट वृक्ष की पूजा करती हैं. जिसमें बांस के बने बियनि पंखा, फूल डाली, डलिया, मौनी में फल फूल सजा कर विशेष पूजा अर्चना कर बरगद के पेड़ में कच्चा धागा लपेटकर पति की दीर्घायु होने मनोकामना की जाती है.
इस पूजा में आम लीची तथा अंकुरित चना, मुंग,खीर, तेल सिन्दूर प्रसाद के रूप में सुहागन स्त्रियों मे वितरण किया जाता है.
यह पर्व सावित्री और सत्यवान की सत्य घटना पर आधारित हैं. जिस प्रकार सावित्री ने अपने सतीत्व धर्म के बल पर अपने अल्पायु पति को यमराज से वापस कर लेती है.
इसलिए इस दिन बरगद की पूजा की जाती है और यह पर्व वट सावित्री के रूप में जाना जाता है. इस पर्व में प्रकृति का कर्ज चुकाने के लिए इसका संरक्षण व संवर्धन का संकल्प लिया जाता है.
उल्लेखनीय है कि मनुष्य के जीवन में प्राण वायु एवं आक्सीजन प्रदान करने वाले पीपल बरगद नीम आंवला तुलसी आम सहित अन्य पेड़ पौधे का पूजन किया जाता है जिसे आज के वर्तमान समय में वैज्ञानिक भी इसकी प्रासंगिकता को समझते हुए अनिवार्य रूप से इसे सही तरीके से परिभाषित कर रहे हैं.
Chhapra: काराओं मे संसीमित बंदियों में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने एवं उससे बचाव हेतु समाजिक दूरी बनाये रखने के उद्देश्य से बंदियो के परिजनों को कारा आकर मुलाकात करने की व्यवस्था को पूर्ण रुप से प्रतिबंधित किया गया है.
प्रभारी सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकार के द्वारा बताया गया कि मुलाकाती व्यवस्था के प्रतिबंधित होने से बंदियों में संभावित मानसिक तनाव की स्थिति को ध्यान में रखते हुए कारा निरीक्षणालय मे ंबंदियो से मुलाकात के लिए ’’ई-मुलाकाती सिस्टम ’’ लागू कर दिया गया है. अब बंदी कारा से ही वीडियोकाॅफ्रेंसिंग के माध्यम से अपने परिजनों, डाॅक्टरों एवं अधिवक्ताओं से मुलाकात कर सकतेे हैं।
ई-मुलाकाती सिस्टम का उपयोग करने के लिए इच्छुक लोगों को भारत सरकार के ई-प्र्रिजन के बेब पोर्टल www.eprisons.nic.in पर निबंधन करेने पर मुलाकाती से संबंधित सत्यापन के बाद कारा प्रशासन इसकी अनुमति देगा और मुलाकाती के संबंधित माबाईल तथा ई-मेल पर मैसेज भेज कर मुलाकात का दिन और समय प्रेषित किया जाएगा.
ई-मुलाकाती व्यवस्था के तहत बंदी के रिश्तेदार एवं उनके केस की पैरवी कर रहे वकील को ही इसकी सुविधा मिलेगी. इसके अतिरिक्त बंदियों द्वारा अपने परिजनों के उपलब्ध कराये गये लैंडलाईन नंबर, मोबाईल नंबर पर भी बातचीत की सुविधा टेलिफोन बूथ के माध्यम से दी जा रही है.
Chhapra: गैस पाइपलाइन परियोजना का स्थानीय सांसद सह भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव प्रताप रुडी के नेतृत्व में वर्चुअल समीक्षा बैठक हुई.
इस संदर्भ में सांसद रुडी ने बताया कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के बाद नरेंद्र मोदी की दूरदर्शी नीति का सुखद परिणाम है रसोई गैस पाईपलाइन. इस योजना के तहत अब सारण की जनता को भी उनके रसोई घरों में पाईपलाइन के माध्यम से स्वच्छ ईंधन उपलब्ध होगा.
रुडी ने बताया कि मुजफ्फरपुर से सीधे जुड़ने वाली इस 900 करोड़ की लागत वाली परियोजना में 838 इंच किलोमीटर पाइपलाइन बिछाया जाना है. जिसमें से सारण के शहरी क्षेत्रों में लगभग 80 फिसदी पाइपलाइन बिछाने का काम पूरा हो गया है. शेष शीघ्र ही पूरा कर लिया जायेगा.
योजना तहत व्यक्तिगत और व्यावसायिक परिवहन के साधनों में सीएनजी की आपूर्ति के लिए भी 40 से अधिक स्टेशनों की स्थापना की जानी है जिसमें से 26 सारण में होंगे. इससे जहां चार लाख घरों में सीधे पाइपलाइन के माध्यम से घरेलू गैस की आपूर्ति की जायेगी वहीं आम उपभोक्ताओं के साथ-साथ औद्योगिक उपभोक्ताओं को भी गैस की आपूर्ति होगी.
श्री रुडी ने कहा कि योजना से हर घर स्वच्छ ईंधन के साथ ही वाणिज्यिक और औद्योगिक रूप से भी यह फायदेमंद होगा. उन्होंने कहा कि प्राकृतिक गैस न केवल एक स्वच्छ और पर्यावरण के अनुकूल ईंधन है, बल्कि इसके उच्च ऑटो-इग्निशन तापमान, कम ज्वलन शीलता रेंज और हवा की तुलना में हल्का होने के कारण उपयोग करने लिए सुरक्षित और सुविधाजनक है. एक सस्ता ईंधन होने के अलावा CNG से चलने वाले वाहनों का रखरखाव लागत भी कम रहता है.
विदित हो कि सांसद रुडी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर योजना का विस्तार सारण तक करने का आग्रह किया था. श्री रुडी के निरंतर प्रयासों के परिणामस्वरूप ही वर्ष 2019 में छपरा को गैस पाइपलाइन का यह बड़ा तोहफा मिला और 8 मार्च को योजना की आधारशिला रखी गई.
बैठक में छपरा विधायक डा सीएन गुप्ता, अमनौर विधायक मंटू सिंह, जिलाधिकारी डा निलेश रामचन्द्र देवरे, उप विकास आयुक्त, जिला कल्याण पदाधिकारी, एनचएआई के परियोजना निदेशक, कार्यपालक अभियन्ता पथ प्रमण्डल छपरा, बिहार राज्य पुल निर्माण निगम के प्रबंध निदेशक, सुरेंद्र राय के साथ ही सीटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन परियोजना के दिल्ली से मुख्य महाप्रबंधक राज जुत्सु, उप महाप्रबंधक पवन सिन्हा, एस के शर्मा, ईडी एवं पटना से ईडी एस के नंदी और सारण में योजना के सीनियर मैनेजर अनीश कुमार समेत IOCL के अन्य अधिकारी और इंजीनियर सत्येन्द्र कुमार उपस्थित थे.
Chhapra: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा लॉकडाउन हटाए जाने के बाद अनलॉक की शुरुआत की गई है. लॉकडाउन के बाद कोरोना के मामलों में भारी गिरावट आई है. वर्तमान में जिले में कोरोना के सक्रिय मामले 292 हैं. सारण वासियों की रक्षा एवं सुरक्षा के लिए जिला प्रशासन ने सशर्त दुकान खोलने की अनुमति दी है. हालांकि दुकाने पहले 2 बजे तक खुले रखने का आदेश था, वहीं से बढ़ाकर अब 5 बजे संध्या तक कर दिया गया है.
बेगूसराय: बिहार के बेगूसराय में मंगलवार को एक महिला ने अपने दो बच्चों के साथ कुएं में छलांग लगा दी। जिसमें मां और बेटी की मौत हो गई, जबकि एक बच्चे को कड़ी मशक्कत के बाद ग्रामीणों ने जिंदा निकाल लिया है। घटना चेरिया बरियारपुर थाना क्षेत्र के खांजहांपुर गांव के डाकबाबू कुआं की है। मृतका राम साह की 27 वर्षीय पत्नी रामसखी देवी तथा छह वर्षीय पुत्री पूजा कुमारी है। वहीं, राम साह के चार वर्षीय पुत्र पीयूष कुमार को बचा लिया गया है। घटना का कारण पारिवारिक विवाद बताया जा रहा है तथा पति राम साह एवं सास फरार बताए जा रहे हैं। सूचना मिलते ही पहुंचे सीओ राजीव रंजन चक्रवर्ती एवं थानाध्यक्ष रोहित गुप्ता ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया तथा आगे की कार्रवाई में जुट गए हैं।
भागलपुर: पुलिस जिला नवगछिया के बिहपुर थाना क्षेत्र के गौरीपुर गांव में पुलिस को अवैध रूप से हथियार बनाकर बेचने वालों के खिलाफ बड़ी सफलता हाथ लगी है। रविवार की देर रात गुप्त सूचना के आधार पर नवगछिया एसपी सुशांत कुमार सरोज के निर्देश पर एसडीपीओ दिलीप कुमार की अगुवाई में एसटीएफ पटना एवं बिहपुर पुलिस के सहयोग से प्रखंड के गौरीपुर के वार्ड नंबर 11 में पिंकू झा के दरवाजे पर करीब दो साल से चल रहे मिनी गन फैक्ट्री पर छापा मारकर भारी मात्रा में अर्धनिर्मित पिस्टल और बनाने के उपकरण बरामद किया है। पुलिस ने मौके पर से तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने गिरफ्तार लोगों से पूछताछ के बाद पांच अन्य लोगों को हिरासत में लिया है। पुलिस ने पिंकू झा के घर को सील कर वहां चौकीदार की तैनाती कर दी है। पुलिस के इस कार्रवाई से आसपास के लोग भी हैरान हैं कि वहां हथियार बनाने का काम चल रहा था। किसी को कानो-कान इसकी भनक नही थी।
• विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा- रेमडेसिविर इंजेक्शन का मरीजों पर बहुत कम या कोई प्रभाव नहीं पड़ा
• रेमडेसिविर की खरीदारी अस्पतालों को करनी होगी
• अस्पताल को स्पेशल ड्रग कमिटी विशेष (एसडीसी) गठित करना होगा
Chhapra: वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण काल में रेमडिसिविर इंजेक्शन की डिमांड बढ़ गयी थी। रेमडेसिविर इंजेक्शन के इस्तेमाल को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने नया गाइडलाइन जारी किया है। कोरोना के इलाज के लिए रेमडेसिविर के तर्कसंगत इस्तेमाल के लिए गाइड लाइन जारी किया गया है। डीजीएचएस की अध्यक्षता में जॉइंट मानिटरिंग ग्रुप ने इस एडवाइजरी को जारी किया है। द ‘एडप्टिव कोविड – 19 ट्रीटमेंट [जीएम1] ट्रायल’ में पाया गया कि मध्यम से गंभीर मामलों में रेमडेसिविर उपयोगी है, अगर कोविड-19 के मामलों में ऑक्सीजन लेवल 94% कमरे की हवा में अगर ये बीमारी के 7 से 10 दिनों के भीतर प्रशासित किया जाता है। रेमडेसिविर ने रैंडमाइजेशन से रिकवरी (प्लेसीबो के साथ 10 दिन, बनाम 15 दिन) तक का औसत समय कम कर दिया और हो सकता है कि अस्पताल से छुट्टी तक का समय कम हो गया हो, लेकिन मृत्यु दर का लाभ नहीं दिखा| डब्लयूएचओ द्वारा मार्च 2020 से 30 देशों में आयोजित ‘सॉलिडैरिटी ट्रायल’ 405 अस्पताल में 11330 वयस्कों पर हुआ; 2750 को रेमडेसिविर दिया गया| ‘डब्ल्यूएचओ सॉलिडेरिटी ट्रायल’ के अंतरिम नतीजे दिसंबर 2020 को प्रकाशित हुए और पता चला कि रेमेडिसविर का कोविड-19 के साथ अस्पताल में भर्ती मरीजों पर बहुत कम या कोई प्रभाव नहीं पड़ा।
हल्के लक्षण वाले मरीजों को नहीं देना रेमडेसिविर
जारी गाइड लाइन में कहा गया है कि रेमडेसिविर का उपयोग केवल चुनिंदा मध्यम या गंभीर अस्पताल में भर्ती कोविड 19 रोगियों में पूरक ऑक्सीजन पर किया जाना है क्योंकि यह केवल सीमित वैज्ञानिक साक्ष्य के आधार पर इमरजेंसी यूज़ ऑथराइजेशन के तहत अनुमोदित एक आरक्षित दवा है। हल्के कोविड-19 रोगियों में इसको नहीं दिया जाता है जो होम केयर/कोविड केयर सेंटर में हैं।
अत्यधिक सावधानी बरतने की सलाह
गाइड लाइन में डाक्टरों को सलाह दी गयी है कि वे इसके दुरुपयोग को रोकने के लिए इस रिजर्व, एक्सपेरिमेंटल और इमरजेंसी यूज़ ऑथराइजेशन दवा रेमडेसिविर का उपयोग करने में अत्यधिक सावधानी बरतें क्योंकि यह केवल एक एक्सपेरिमेंटल दवा है कोविड में, जिसमें नुकसान की संभावना है। इसके अलावा, रेमडेसिविर के दुरुपयोग को रोकने के लिए अतिरिक्त सिफारिश की गई है। रेमडेसिविर को मरीज की देखभाल में सीधे शामिल वरिष्ठ फैकल्टी मेंबर/विशेषज्ञों द्वारा ही सलाह दी जानी चाहिए।
स्पेशल ड्रग कमिटी होगी गठित
रेमडेसिविर के लिए प्रिस्क्रिप्शन लिखा होना चाहिए और संबंधित डॉक्टर का नाम, हस्ताक्षर और मुहर होनी चाहिए। हर अस्पताल को स्पेशल ड्रग कमिटी विशेष (एसडीसी) गठित करना होगा जो कि रेमडेसिविर के उपयोग की समय-समय पर समीक्षा करेगा। वहीं इस स्पेशल ड्रग कमिटी विशेष (एसडीसी) के सदस्य के रूप में फार्माकोलॉजी प्रोफेसर या फैकल्टी जहां कहीं भी उपलब्ध हो। ड्रग कमिटी विशेष (एसडीसी) को समय-समय पर अपने निष्कर्षों को चिकित्सकों के साथ साझा करना चाहिए| रेमडेसिविर के तर्कसंगत और विवेकपूर्ण उपयोग सुनिश्चित करेंगे। रेमडेसिविर केवल अस्पतालों द्वारा खरीदा और उपलब्ध कराया जाना चाहिए, रोगी के अटेंडेंट या रिश्तेदारों को रिटेल मार्केट से रेमडेसिविर खरीदने के लिए नहीं कहा जाना चाहिए।
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