नई दिल्ली: अमेरिकी रिसर्च कंपनी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद कारोबारी गौतम अडाणी की अगुवाई वाली अडाणी समूह की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। अडाणी समूह की ग्यारह में से सात कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट से समूह का कुल बाजार पूंजीकरण 9.11 लाख करोड़ रुपये घटकर अब 10.09 लाख करोड़ रुपये रहा गया है, जो 24 जनवरी को 19.20 लाख करोड़ रुपये था। हालांकि, दो वैश्विक रेटिंग फर्मों ने समूह की कंपनियों की रेटिंग को बरकरार रखा है। कंपनी के फ्रांसीसी साझेदार ने समूह की कंपनियों में अपने निवेश को सही ठहराया।

शेयर बाजार के जानकार के मुताबिक हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद से अडाणी समूह का बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) घटा है। पिछले एक हफ्ते में अडाणी समूह का मार्केट कैप 9.11 लाख करोड़ रुपये घटकर अब 10.09 लाख करोड़ रुपये रहा गया है, जो 24 जनवरी तक 19.20 लाख करोड़ रुपये था। अडाणी समूह का कुल बाजार पूंजीकरण अब अकेले रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) के 15.75 लाख करोड़ और टीसीएस के 12.74 लाख करोड़ रुपये से भी कम हो गया है।

अडानी समूह के शेयरों में भारी गिरावट के बीच एलआईसी के समूह में निवेश और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) के कर्ज पर पहली बार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। वित्त मंत्री ने एक दिन पहले कहा कि एसबीआई और एलआईसी का अडानी समूह की कंपनियों में एक्पोसजर स्वीकृत लिमिट के भीतर है। वहीं, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने भी संसद में विपक्षी दलों की अडाणी समूह में एलआईसी व बैंक कर्ज की जांच की मांग पर कहा कि भारतीय बैंकिंग क्षेत्र मजबूत और स्थिर हालत में है।

उल्लेखनीय है कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर अडाणी समूह के शेयरों में गिरावट के बीच 24 जनवरी के बाद पहली बार समूह की प्रमुख कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर बढ़त के साथ बंद हुए थे। हालांकि, कारोबार की शुरुआत में कंपनी के शेयर 35 फीसदी तक गिर गए थे। अडाणी पोर्ट्स एंड एसईजेड भी आठ फीसदी की तेजी के साथ बंद हुआ।

दरअसल अडाणी इंटरप्राइजेज 1.80 लाख करोड़ रुपये के साथ समूह की सबसे बड़ी कंपनी है। कंपनी के शेयरों में गिरावट से अडाणी समूह के प्रमुख गौतम अडाणी दुनिया के सबसे अमीर व्यक्तियों की सूची में 21वें पायदान पर आ चुके हैं।

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नई दिल्ली, 01 फरवरी (एजेंसी )। भारतीय रेलवे को आम बजट 2023-24 में 2.40 लाख करोड़ रुपये का पूंजी परिव्यय मिला है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को लोकसभा में आम बजट 2023-24 पेश करते हुए यह घोषणा की।

केंद्रीय वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था सही रास्ते पर है, जो उज्ज्वल भविष्य की ओर बढ़ रही है। मौजूदा वित्त वर्ष में हमारी अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 7 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

उल्लेखनीय है कि यह रेलवे के लिए अबतक का सबसे अधिक पूंजी परिव्यय है। यह 2013-14 में रेलवे को प्रदान किए गए परिव्यय का नौ गुना है।

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नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को लोकसभा में अपने बजट भाषण में कहा कि देश की अर्थव्यवस्था सही रास्ते पर है। दुनिया में आर्थिक सुस्ती के बाद भी भारत की विकास दर सात फीसदी रही। यह बजट अमृत काल का पहला बजट है।

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Budget Desk: केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार पूर्वाह्न 11 बजे लोकसभा में केंद्रीय बजट पेश किया। इस समय वह बजट भाषण दे रही हैं। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने बजट को मंजूरी प्रदान की।

सीतारमण सुबह राष्ट्रपति भवन पहुंची और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से पारंपरिक मुलाकात की। इस दौरान उनके साथ केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री डॉ. भागवत किशनराव कराड, केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी और वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। राष्ट्रपति ने बजट को औपचारिक मंजूरी प्रदान की।

अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर इस बार का बजट बेहद अहम है। वित्त वर्ष 2023-24 का केंद्रीय बजट मोदी सरकार का आखिरी और पूर्ण बजट होगा। यह वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का पांचवां बजट है। इस बार आम लोगों, मध्यम वर्ग और उद्योग जगत को बजट से बड़ी उम्मीदें हैं। वहीं, विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार इस बार बड़े आर्थिक फैसलों के साथ-साथ आम लोगों को भी बड़ी राहत दे सकती है।

आइए जानते हैं वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में क्या कुछ कहा।  

  • 9-12 लाख रुपये की आय पर 15 प्रतिशत का आयकर लगेगा
  • पर्यटन क्षेत्र में विशेष रूप से युवाओं के लिए रोजगार और उद्यमिता के अपार अवसर मौजूद हैं। राज्यों की सक्रिय भागीदारी, सरकारी कार्यक्रमों के अभिसरण और सार्वजनिक-निजी भागीदारी के साथ मिशन मोड पर पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा
  • इलेक्ट्रिक रसोई घर चिमनी पर सीमा शुल्क 7.5 प्रतिशत से बढ़ा कर 15 प्रतिशत किया गया
  • हरित मोबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए आयात पर सीमा शुल्क में छूट। साथ ही मोबाइल पुर्जों, कैमरा और लेंसों के आयात में भी मिलेगी छूट
  • 2023-24 में 5.9 फीसदी राजकोषीय घाटे का अनुमान। 2025-26 तक 4.5 प्रतिशत के नीचे लाया जाएगा
  • सिगरेट पर आकस्मिकता शुल्क 16 प्रतिशत बढ़ाया गया
  • वरिष्ठ नागरिक बचत योजना की सीमा 15 लाख रुपये से बढ़ कर 30 लाख रुपये हुई:
  • अमृत धरोहर स्कीम के तहत रामसर साइट के संरक्षण को बढ़ावा दिया जाएगा
  • प्राकृतिक खेती के लिए 10 हजार बायो-इनपुट रिसोर्स केंद्र होंगे स्थापित
  • प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 4.0 की होगी शुरुआत, 30 स्किल इंडिया इंटरनेशनल सेंटर होंगे स्थापित
  • 47 लाख युवाओं को राष्ट्रीय प्रशिक्षुता प्रोत्साहन योजना को मिलेगा लाभ
  • एक जिला एक उत्पाद के लिए यूनिटी मॉल स्थापित किए जाएंगें
  • एमएसएमई के लिए ऋण गारंटी की नई योजना होगी शुरू
  • राष्ट्रीय वित्तीय सूचना रजिस्ट्री स्थापित की जाएगी
  • कर्नाटक की ऊपरी भद्रा परियोजना को 5,300 करोड़ रुपये की मदद
  • पीएम आवास योजना के खर्च में 66 प्रतिशत को होगा इजाफा
  • क्षेत्रीय हवाई कनेक्टिविटी के लिए 50 हवाई पत्तनों का होगा पुनरुद्धार
  • नवाचार और शोध के लिए नई राष्ट्रीय डेटा शासन नीति बनाई जाएगी
  • केवाईसी प्रक्रिया को आसान बनाया जाएगा। एकीकृत फाइलिंग प्रक्रिया प्रणाली की होगी स्थापना
  • महामारी से प्रभावित एमएसएमई को राहत दी जाएगी
  • 7, 000 करोड़ रुपये की लागत से शुरू होगा ई-न्यायालय स्कीम का तीसरा चरण
  • हरित हाइड्रोजन मिशन के तहत 2030 तक 5MMT का वार्षिक उत्पादन लक्ष्य
  • सभी अंत्योदय और प्राथमिकता परिवारों को एक वर्ष के लिए मुफ्त खाद्यान्न की आपूर्ति के लिए पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत लगभग 2 लाख करोड़ रुपये का पूरा खर्च केंद्र सरकार द्वारा वहन किया जा रहा है
  • जनजातीय समूहों के विकास के लिए प्रधानमंत्री पीवीटीजी विकास मिशन होगा शुरू। इस पर अगले 3 साल में 15, 000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगें
  • हमने महत्वपूर्ण सुधारों के साथ अपनी स्थिति मजबूत की है। EPFO की सदस्यता दोगुनी से भी अधिक बढ़ कर 27 करोड़ हुई है
  • अगले 3 साल में एकलव्य स्कूलों को मिलेंगे 38,800 शिक्षक और स्टाफ
  • किसान सम्मान निधि के तहत 2.2 लाख करोड़ रुपये दिए गए
  • 157 नए नर्सिंग कॉलेज खोले जाएंगे
  • एग्री स्टार्टअप्स खोलने के लिए कृषि वर्घक निधि स्थापित की जाएगी
  • 2047 तक सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन के लिए शुरू होगा मिशन
  • 2516 करोड़ रुपये के निवेश के साथ पीएसीएस के कंप्यूटरण का काम शुरू
  • अध्यापकों के प्रशिक्षण के लिए उत्कृष्ट संस्थान खोले जाएंगें
  • राष्ट्रीय डिजिटल पुस्तकालय स्थापित किया जाएगा
  • एग्री स्टार्टअप्स खोलने के लिए कृषि वर्घक निधि स्थापित की जाएगी
  • स्वच्छ भारत मिशन के तहत 11.7 करोड़ परिवारों को मिले शौचालय
  • किसान सम्मान निधि के तहत 2.2 लाख करोड़ रुपये दिए गए
  • हमारी आजादी के 75वें साल में दुनिया ने भारतीय अर्थव्यवस्था को एक चमकते सितारे के रूप में पहचाना है
  • मुफ्त खाद्यान्न योजना पर 2 लाख करोड़ से अधिक होगा खर्च
  • विश्व स्तर पर अर्थव्यवस्था सुस्त पड़ने के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत
  • चालू वित्त वर्ष में आर्थिक विकास दर 7 प्रतिशत रहने का अनुमान
  • हमारी आजादी के 75वें साल में दुनिया ने भारतीय अर्थव्यवस्था को एक चमकते सितारे के रूप में पहचाना है

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नई दिल्ली: अडाणी समूह के बारे में अमेरिकी वित्तीय रिसर्च कंपनी हिंडनबर्ग की शोध रिपोर्ट के बाद शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव जारी है। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के असर से अडाणी समूह के शेयर 20 फीसदी तक टूटे हैं। अडाणी समूह ने इस रिपोर्ट के बाद 413 पन्नों में अपनी प्रतिक्रिया दी। हिंडनबर्ग ने इसके बाद फिर पलटवार किया है।

अडाणी समूह की कंपनियों के शेयरों में सोमवार को शुरुआती कारोबार में मिला-जुला रुख देखने को मिला है। अडाणी एंटरप्राइजेज का शेयर 10 फीसदी चढ़ गया, जबकि समूह की कई अन्य कंपनियों के शेयरों में नुकसान जारी था। कारोबार के दौरान बीएसई सेंसेक्स पर अडाणी टोटल गैस का शेयर 20 फीसदी तक टूटा। वहीं, अडाणी ग्रीन एनर्जी 18.99 फीसदी, अडाणी पावर 5 फीसदी, अडाणी विल्मर पांच फीसदी और एनडीटीवी के शेयर पांच फीसदी तक फिसल गए।

देश के सबसे अमीर शख्स गौतम अडाणी की अगुवाई वाले अडाणी समूह ने अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों के जवाब में रविवार को 413 पृष्ठ की प्रतिक्रिया जारी की थी। इसके बाद आज हिंडनबर्ग ने अपने आरोपों पर कायम रहते हुए कहा कि अडाणी समूह धोखाधड़ी को राष्ट्रवाद से ढंक नहीं सकता। हिंडनबर्ग के पलटवार के बाद अडाणी समूह के शेयर 20 फीसदी तक टूट गए। हालांकि, अडाणी एंटरप्राइजेज का शेयर 10 फीसदी प्रतिशत चढ़ गया और अडाणी पोर्ट्स में 10 फीसदी की तेजी आई है। इसके बावजूद समूह की कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में 4.17 लाख करोड़ रुपये की गिरावट आई है।

उल्लेखनीय है कि हिंडनबर्ग रिसर्च ने 106 पन्नों की एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिसमें अडाणी समूह में कई गंभीर अनियमितताओं के दावे किए गए थे। हिंडनबर्ग ने पलटवार करते हुए अडाणी समूह के इस आरोप को भी खारिज कर दिया है कि उसकी रिपोर्ट भारत पर हमला है। हिंडनबर्ग ने कहा है कि ‘धोखाधड़ी’ को राष्ट्रवाद या उसमें लिपटी प्रतिक्रिया से प्रभावित नहीं किया जा सकता है।

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पटना: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को केंद्रीय बजट पेश करने वाली हैं। देश के अन्य राज्यों की भांति बिहार को भी इस बजट से काफी उम्मीद हैं।

बिहार सरकार ने केंद्रीय बजट के पूर्व अपनी अपेक्षा से केंद्र सरकार को वाकिफ करा दिया है। इस बजट में केंद्र सरकार से बिहार को उम्मीदें काफी अधिक हैं। हालांकि संघीय ढांचे में किसी खास राज्य के लिए एक बड़ा वित्तीय प्रावधान करना मुश्किल कार्य है। ऐसे में उम्मीद है कि आधारभूत संरचना से जुड़े खर्चों का लाभ बिहार को भी मिलता रहेगा।

दूसरी महत्वपूर्ण बात है कि बिहार सरकार को कुल राजस्व का लगभग 25 प्रतिशत ही अपने संसाधनों से प्राप्त होता है, जबकि बाकि केंद्र से राज्य की करों में हिस्सेदारी और अन्य अनुदान होते हैं। ऐसे में केंद्र सरकार के स्तर पर राजस्व संग्रह में वृद्धि से सीधा लाभ अन्य राज्यों की तरह बिहार को भी बढ़े हुए राजस्व हस्तांतरण के रूप में मिलता है। अतः ऐसे कदम जिनसे देश की अर्थव्यवस्था में तेज विकास हो और परिणामतः कर राजस्व में वृद्धि हो, का लाभ राज्य को मिलने के लिए आर्थिक विकास को बढ़ावा देने वाले कदम जारी रखने की उम्मीद बिहार को भी है।

बिहार के मध्यम वर्ग के लोगों की उम्मीद अन्य राज्यों के मध्य आय वर्ग के लोगों से काफी भिन्न नहीं है। यह उम्मीद है कि करों में राहत मिले और साथ ही महंगाई पर भी नियंत्रण हो। महंगाई नियंत्रण का सीधा संबंध अब बजट से तो नहीं है लेकिन फिर भी कुशल राजकोषीय प्रबंधन जिससे की घाटे को नियंत्रण में रखा जा सके, का असर महंगाई नियंत्रण पर काफी होता है। साथ ही चूंकि यह एक चुनाव से पहले की तैयारियों वाले वर्ष का बजट है, ऐसे में लोक-लुभावन घोषणाओं और विकास की गति देने वाली नीतियों के बीच सामंजस्य देखने को मिलेगा, ऐसी उम्मीद की जा रही है।

यूं तो केन्द्रीय बजट केंद्र सरकार के आय और व्यय का लेखा जोखा है, लेकिन इसमें निर्धारित होने वाले कई तरह के खर्चों का असर राज्यों के विकास पर भी होता है। ऐसे में जनता को व्यक्तिगत स्तर पर होने वाले लाभों के साथ-साथ विकास के निचले पायदान पर खड़े राज्य की भी अपनी अपेक्षाएं हैं। संघीय ढांचे में केंद्र के साथ-साथ राज्य की भी बड़ी भूमिका विकास में रहती है। केंद्र सरकार के खर्च का एक बड़ा हिस्सा राज्यों के माध्यम से भी होता है।

सेंटर फॉर इकोनॉमिक पॉलिसी एंड पब्लिक फाइनेंस पटना के अर्थशास्त्री और एसोसिएट प्रोफेसर डॉ सुधांशु कुमार ने बातचीत में कहा कि बिहार सरकार के मूलतः बजट के विश्लेषण को इसमें होने वाली घोषणाओं के आम जनों पर होने वाले असर और साथ ही होने वाली राजनीतिक व्याख्याओं के नजर से भी देखा जाता रहा है। आम जनों की नजर से देखें तो कोरोना चुनौतीपूर्ण दौर और उसके बाद भी निम्न आय या गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले लोगों को केंद्र सरकार से काफी सहायता मिली है। वहीं केंद्र के नीतिगत प्रयासों से उच्च आय की श्रेणी के लोगों को भी उनके व्यावसायिक क्रिया कलापों में सहयोग मिला है। इन नीतिगत प्रयासों के परिणामस्वरूप अर्थव्यवस्था में काफी अच्छी वृद्धि दर्ज की गयी है। हालांकि इस बीच मध्य आय वर्ग के लोगों की उम्मीदें भी केंद्र सरकार से बढ़ी हैं।

डॉ सुधांशु ने कहा कि कुल मिला कर अन्य वर्ष की भांति इस बार भी केन्द्रीय बजट से आम लोगों को उम्मीद है कि इस वर्ष भी कुछ खास हो, जिससे देश की अर्थव्यवस्था के विकास की गति भी बढ़े और इसका लाभ मध्य आय वर्ग सहित सभी लोगों को भी मिले। हालांकि बजट से उम्मीद और फिर वास्तविक प्रावधानों में राजनीतिक व्याख्या की गुंजाइश हमेशा रहती है जो सामन्यतः तकनीकी विश्लेषण से काफी दूर होते हैं।

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नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने संसद के बजट सत्र से पहले आज (सोमवार) सर्वदलीय बैठक बुलाई है। यह बैठक संसद भवन परिसर में होगी। आमतौर पर संसद के हर सत्र से पहले ऐसी बैठक होती है। उल्लेखनीय है कि 31 जनवरी को आर्थिक सर्वे रिपोर्ट पेश होनी है।

इससे पहले केंद्रीय संसदीय मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा था कि संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू होगा और 6 अप्रैल तक चलेगा। उन्होंने बताया था कि इस दौरान 66 दिनों में सामान्य अवकाश के साथ 27 बैठकें होंगी।

जोशी के मुताबिक अमृत काल के बीच राष्ट्रपति के अभिभाषण, केंद्रीय बजट और अन्य मदों पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा होगी। सत्र के दौरान 14 फरवरी से 12 मार्च तक अवकाश रहेगा। ऐसा इसलिए कि विभागों से संबंधित संसदीय स्थाई समितियां अनुदान मांगों की जांच कर रिपोर्ट तैयार कर सकें।

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नई दिल्ली: दुनिया के 10 अन्य देशों में रह रहे प्रवासी भारतीयों को यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) के जरिए पैसा भेजने की अनुमति जल्द ही मिल जाएगी। इन देशों में रह रहे भारतीय अपने इंटरनेशनल मोबाइल नंबर के जरिए यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) का ‘उपयोग’ करने में सक्षम होंगे।

भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम ने बुधवार को बताया कि अमेरिका, कनाडा और संयुक्त अरब अमीरात समेत 10 देशों के प्रवासी भारतीयों को एनआरई/एनआरओ खातों से यूपीआई के जरिए कोष अंतरण की अनुमति दी गई है। एनपीसीआई ने जारी एक परिपत्र में कहा कि उसे प्रवासियों को यूपीआई मंच के जरिए लेन-देन के लिए अंतरराष्ट्रीय मोबाइल नंबरों का उपयोग करने की अनुमति देने को लेकर अनुरोध मिलते रहे हैं।

एनपीसीआई की ओर से 10 जनवरी को जारी परिपत्र के मुताबिक यूपीआई की सुविधा दे रहे प्रतिभागियों से 30 अप्रैल तक व्यवस्था बनाने को कहा गया है। एनपीसीआई के मुताबिक शुरुआत में यह सुविधा 10 देशों के प्रवासियों के लिए उपलब्ध होगी। इन देशों में सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, हांगकांग, ओमान, कतर, अमेरिका, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और ब्रिटेन शामिल है।

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नई दिल्ली: सार्वजनिक क्षेत्र की तेल एवं विपणन कंपनियों ने नए साल के पहले दिन एलपीजी उपभोक्ताओं को झटका दिया है। तेल कंपनियों ने कमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमत में 25 रुपये प्रति सिलेंडर तक का इजाफा किया है। हालांकि, राहत की बात यह है कि घरेलू रसोई गैस के दाम में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। कमर्शियल गैस की नई दरें रविवार से लागू हो गई हैं.

राजधानी दिल्ली में कमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमत बढ़कर 1769 रुपये, कोलकाता में 1870 रुपये, मुंबई में 1721 रुपये और चेन्नई में 1917 रुपये हो गई है। गौरतलब है कि इससे पहले तेल कंपनियों ने नवंबर में 19 किलोग्राम वाले कमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमत में 115.50 रुपये की कटौती की थी।

कंपनियों ने घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत में कोई भी बदलाव नहीं किया है। आखिरी बार 14.2 किलोग्राम वाले एलपीजी सिलेंडर की कीमत में 6 जुलाई, 2022 को बदलाव गया था। फिलहाल राजधानी दिल्ली में घरेलू सिलेंडर 1053 रुपये, मुंबई में 1052.5 रुपये, कोलकाता में 107

9 रुपये और चेन्नई में 1068.5 रुपये प्रति सिलेंडर की दर से मिल रहा है।

 

 

 

 

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Chhapra: लोकतंत्र का महापर्व है मतदान का दिन इसमें लोगों को अपने मत का प्रयोग करके विकासात्मक विचार वाले लोगों को चुनना चाहिए. आमजन को मतदान हेतु जागरूक करने हेतु रोजाना ग्रोसरी मार्ट लेकर आया है एक विशेष ऑफर 28 दिसंबर 2022 को होने वाले नगर निकाय के आम चुनाव में मतदान करके 29 दिसंबर को अपनी मतदान की स्याही लगी ऊँगली दिखाने पर 499 रूपए या उससे अधिक की खरीद करने पर रोजाना के श्री नंदन पथ सलेमपुर छपरा और रामनगर ढाला ब्राँच से खरीद करने पर 1% की अतिरिक्त छूट दे रहा है.

इस दौरान रोजाना ग्रुप के व्यवस्थापक ने बताया की ” मतदान लोकतंत्र का महत्वपूर्ण भाग है जिसमे हमें बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेना चाहिए. इस कारण से हम अपनी श्री नंदन पथ सलेमपुर और रामनगर ढाला के शाखा पर 499 या उससे अधिक की खरीद पर 29 दिसंबर को मतदान की स्याही लगी ऊँगली दिखाने पर 1 % की अतिरिक्त छूट दे रहे.”

इस पहल पर आमजनमानस में जबरदस्त रोमांच है और सभी इसकी प्रशंसा कर रहे हैं ।

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नई दिल्ली: आयकर विभाग ने करदाताओं के एक परामर्श जारी किया है। अगर आपने पैन को आधार से लिंक नहीं कराया है, तो आपके लिए यह काम की खबर है। आयकर विभाग ने शनिवार को ट्वीट कर कहा है कि मार्च, 2023 तक आधार कार्ड से नहीं जुड़े स्थायी खाता संख्या (पैन) को ‘निष्क्रिय’ घोषित कर दिया जाएगा।

आयकर विभाग की ओर से जारी एक परामर्श के मुताबिक आयकर अधिनियम 1961 के अनुसार छूट वाली श्रेणी में आने वाले लोगों को छोड़कर सभी पैन धारकों के लिए 31 मार्च, 2023 से पहले अपने पैन को आधार से जोड़ना अनिवार्य है। आधार से नहीं जोड़े गए पैन कार्ड एक अप्रैल, 2023 से निष्क्रिय हो जाएंगे।

विभाग ने जारी परामर्श में कहा है कि अब इसमें देर मत कीजिए। अपने पैन को आज ही आधार से लिंक कराये। ऐसा करना जरूरी है। जो अनिवार्य है, वह आवश्यक है। हालांकि कुछ लोगों को इसमें छूट दी गई है। इस कैटगरी में असम, जम्मू एवं कश्मीर और मेघालय के लोग नॉन रेजिडेंट, 80 साल या उससे अधिक उम्र के लोग और विदेशी नागरिक शामिल हैं।

उल्लेखनीय है कि केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के एक सर्कुलर के मुताबिक अगर किसी का पैन निष्क्रिय होता है, तो उसे आईटी कानून के तहत नतीजे भुगतने होंगे। अगर किसी का पैन निष्क्रिय होता है, तो आयकर रिटर्न नहीं भर पाएगा। उसका पेंडिंग रिटर्न प्रोसेस नहीं होगा। साथ ही उसका हाई रेट पर टैक्स कटेगा। इसके साथ ही करदाताओं को टैक्सपेयर को अन्य मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।

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सैन फ्रांसिस्को : सोशल मीडिया के लोकप्रिय माइक्रो ब्लॉगिंग सर्च इंजन ट्वीटर पर ब्लू टिक जहां प्रतिष्ठित होने की निशानी माना जाता है, वहीं अब ब्लू टिक आपकी जेब पर बोझ बढ़ाने जा रहा है। ट्वीटर के नए मालिक एलन मस्क के ऐलान के साथ ही ट्वीटर के खाता धारकों विशेषकर ब्लू टिक वालों की परेशानी बढ़ गई है।

एलन मस्क ने घोषणा की है कि ट्वीटर पर ‘ब्लू टिक’ की कीमत 8 डॉलर प्रति माह होगी यानि भारतीय रुपये में 660.63 रुपये अब ‘ब्लू टिक’ के लिए चुकाने होंगे।

इससे पहले यह जानकारी सामने आई थी कि ट्विटर पर ब्लू टिक प्रक्रिया में बदलाव होने वाला है। जिसके तहत उपयोगकर्ताओं को ब्लू टिक के लिए 1600 रुपये से अधिक चुकाने की बात सामने आई थी। इसमें यूजर को कई नए फीचर और ट्वीट्स को एडिट करने की बात कही गई थी।

दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मस्क ने हाल ही में ट्विटर को खरीदने के बाद ट्वीट कर कहा था कि अब चिड़िया मुक्त हो गई है। हालांकि एलन मस्क ने ट्विटर के सौदे के साथ ही कंपनी के सीईओ पराग अग्रवाल को बाहर का रास्ता दिखाने के साथ ही निदेशक मंडल को भी भंग कर दिया था।

एलन मस्क के कमान संभालने के बाद ट्वीटर ने बड़ा एक्शन लिया था। ट्विटर ने 26 अगस्त से 25 सितंबर के बीच बाल यौन शोषण और न्यूडिटी जैसे कंटेंट को बढ़ावा देने वाले अकाउंट्स पर एक्शन लिया था। ट्विटार ने 52 हजार 141 भारतीय अकाउंट्स पर प्रतिबंध लगाया था।

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