Patna, 03 जुलाई (हि.स.)। पटना टीपीएस कॉलेज के पूर्व प्राचार्य प्रो उपेंद्र प्रसाद सिंह को पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त किया गया है। राज्यपाल-सह-कुलाधिपति की ओर से जारी अधिसूचना में इस नियुक्ति की पुष्टि की गई है।

कार्यकाल नियुक्ति की तिथि से तीन वर्षों के लिए निर्धारित किया गया है

राज्यपाल के प्रधान सचिव रॉबर्ट आर चोंग्थू की ओर से गुरुवार को जारी अधिसूचना के अनुसार, उनका कार्यकाल नियुक्ति की तिथि से तीन वर्षों के लिए निर्धारित किया गया है। बीते 31 मई को ही प्रो. उपेंद्र सिंह सेवानिवृत्त हुए थे और अब सेवानिवृत्ति के ठीक एक महीने के भीतर ही उन्हें राज्य के एक महत्वपूर्ण विश्वविद्यालय की बागडोर सौंप दी गई है।

टीपीएस कॉलेज में उनके कार्यकाल के दौरान, संस्थान ने कई शैक्षणिक और प्रशासनिक ऊंचाइयों को छुआ

प्रो उपेंद्र प्रसाद सिंह का शिक्षकीय जीवन अनुशासन, नेतृत्व और शैक्षणिक गुणवत्ता का परिचायक रहा है। टीपीएस कॉलेज में उनके कार्यकाल के दौरान, संस्थान ने कई शैक्षणिक और प्रशासनिक ऊंचाइयों को छुआ। सेवानिवृत्ति के अवसर पर छात्रसंघ द्वारा उनके लिए ‘विदाई सह सम्मान समारोह’ का आयोजन भी किया गया था, जो इस बात का प्रमाण है कि उन्हें छात्रों और सहकर्मियों के बीच कितना सम्मान प्राप्त था।

कुलपति के रूप में उनकी नियुक्ति न केवल उनके लिए सम्मान की बात है, बल्कि यह विश्वविद्यालय के लिए भी एक सुनहरा अवसर है कि वह एक अनुभवी और कर्मठ शिक्षाविद के मार्गदर्शन में आगे बढ़े।

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Patna, 3 जुलाई (हि.स.)। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को सड़क मार्ग से पटना के आसपास गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर का जायजा लिया। मुख्यमंत्री अटल पथ होते हुये जेपी गंगा पथ पहुंचे और गाय घाट तक गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर का निरीक्षण किया।

पौधारोपण और सौंदर्गीकरण कार्य का भी निरीक्षण किया

मुख्यमंत्री ने जेपी गंगा पथ के किनारे किये जा रहे पौधारोपण और सौंदर्गीकरण कार्य का भी निरीक्षण किया और बेहतर ढंग से कार्य पूर्ण करने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने दीघा घाट पर रूककर दीघा से सोनपुर तक जेपी सेतु के समानांतर बनाये जा रहे नये 6 लेन पुल के निर्माण कार्य का जायजा लिया। उन्होंने इस पुल के निर्माण कार्य के संबंध में अधिकारियों से विस्तृत जानकारी ली।


इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पुल के बन जाने से पटना से सारण प्रमंडल की तरफ जानेवाले लोगों को आसानी होगी। उत्तर बिहार और दक्षिण बिहार के बीच आवागमन को सुगम बनाने में यह पुल काफी उपयोगी होगा। साथ ही महात्मा गांधी सेतु और जेपी सेतु पर वाहनों का दबाव कम होगा। मुख्यमंत्री ने जेपी गंगा पथ के दीघा घाट, कृष्णा घाट एवं गांधी घाट पर रूककर गंगा नदी के आसपास के इलाकों को देखा। गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर के निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि गंगा नदी के किनारे वाले क्षेत्रों में बढ़ते जलस्तर को ध्यान में रखते हुये पूरी तरह अलर्ट रहें।

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Patna, 03 जुलाई (हि.स.)। बिहार में भोजपुर जिले के आरा की रहने वाली और सीमा सुरक्षा बल में कार्यरत सपना कुमारी ने 21वें विश्व पुलिस गेम्स में पदक जीतकर राज्य और देश का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित किया है। यह प्रतियोगिता 27 जून से 6 जुलाई 2025 तक बर्मिंघम, अलबामा (संयुक्त राज्य अमेरिका) में आयोजित की जा रही है।

सपना को तीरंदाजी की तीन श्रेणियों में पदक प्राप्त हुए हैं

सपना कुमारी को तीरंदाजी की तीन श्रेणियों में पदक प्राप्त हुए हैं। उन्होंने फील्ड आर्चरी में स्वर्ण पदक, 3डी आर्चरी में स्वर्ण पदक और टारगेट आर्चरी में रजत पदक जीता है। तीरंदाजी में यह प्रदर्शन भारत और बिहार के खेल क्षेत्र के लिए उल्लेखनीय उपलब्धि माना जा रहा है। विश्व पुलिस खेलों में हिस्सा लेने के लिए सपना कुमारी का चयन सीमा सुरक्षा बल का प्रतिनिधित्व करते हुए हुआ था।

खेल विभाग ने उनके प्रदर्शन को प्रेरणादायक बताया है

राज्य के खेल जगत और प्रशासनिक हलकों में इस उपलब्धि को सकारात्मक संकेत के रूप में देखा जा रहा है। खेल विभाग ने उनके प्रदर्शन को प्रेरणादायक बताया है और इसे सुरक्षा बलों में कार्यरत खिलाड़ियों के लिए एक उदाहरण के रूप में रेखांकित किया है। सपना कुमारी की इस उपलब्धि के बाद राज्य सरकार और खेल संस्थानों द्वारा उनके योगदान और प्रदर्शन की सराहना की जा रही है।

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Patna, 02 जुलाई (हि.स.)। राजधानी पटना में सरकारी नौकरियों में डोमिसाइल नीति लागू करने की मांग को लेकर छात्रों ने बुधवार को सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया। पटना कॉलेज से शुरू हुआ छात्रों का प्रदर्शन शहर के प्रमुख मार्गों तक पहुंचा। हजारों छात्रों ने “वोट दे बिहारी, नौकरी ले बाहरी, अब नहीं चलेगा” जैसे नारे लगाते हुए बिहार सरकार से नौकरियों में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता देने की मांग की।

इसे ‘महान छात्र आंदोलन’ का नाम दिया गया है

छात्रों का कहना है कि जब तक सरकार इस मुद्दे पर स्पष्ट रुख नहीं अपनाती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। आंदोलनकारियों की मांग है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद सामने आकर डोमिसाइल नीति पर सरकार का रुख स्पष्ट करें। इससे पहले भी पटना में डोमिसाइल नीति को लेकर कई बार छात्र प्रदर्शन कर चुके हैं, लेकिन इस बार का आंदोलन बड़े स्तर पर आयोजित किया गया है। इसे ‘महान छात्र आंदोलन’ का नाम दिया गया है।

छात्रों की मांग है कि शिक्षक भर्ती परीक्षा में 100 प्रतिशत डोमिसाइल लागू किया जाए

छात्र गांधी चौक, मुसल्लहपुर हाट, भिखना पहाड़ी, नया टोला, मछुआ टोली, हथुआ मार्केट होते हुए गांधी मैदान, जेपी गोलंबर, डाक बंगला होते हुए मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने पहुंचे , जहां पुलिस बल ने बल प्रयोग कर उन्हें वहां से हटा दिया। सैकड़ों छात्र अलग अलग जिले से पटना पहुंचे थें। छात्रों की मांग है कि शिक्षक भर्ती परीक्षा में 100 प्रतिशत डोमिसाइल लागू किया जाए। साथ ही माध्यमिक, उच्चतर माध्यमिक शिक्षकों की भर्ती, दारोगा, सिपाही, लाइब्रेरियन, बीपीएससी और अन्य सभी सरकारी नौकरियों में भी 90 प्रतिशत डोमिसाइल लागू हो ,जिससे राज्य के युवाओं को नौकरी मिल सके। प्रदर्शनकारियों ने पड़ोसी राज्यों जैसे झारखंड और उत्तराखंड का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां डोमिसाइल नीति लागू होने से स्थानीय युवाओं को रोजगार मिल रहा है। प्रदर्शन को नियंत्रित करने के लिए पटना प्रशासन ने भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था।। जेपी गोलंबर और अन्य प्रमुख मार्गों पर बैरिकेड्स लगाए गए। प्रशासन ने प्रदर्शन को अनधिकृत बताते हुए सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है।

मत बिहारी देते हैं और सरकार बाहरी लोगों को नौकरी दे देती है

छात्र नेता दिलीप कुमार ने मीडिया से बातचीत में कहा कि चुनाव में मत बिहारी देते हैं और जब नौकरी देने की बारी आती है, तो सरकार बाहरी लोगों को नौकरी दे देती है। इसी के विरोध में आज हम सड़कों पर उतरे हैं। पटना की सड़कों पर अपनी हक की आवाज उठाइ है, आगे भी उठाते रहेंगे।

उल्लेखनीय है कि डोमिसाइल नीति की मांग पिछले कुछ समय से तेज हो रही है। सोशल मीडिया पर भी यह मुद्दा तेजी से ट्रेंड कर रहा है। कई छात्र संगठनों ने सरकार से स्पष्ट नीति लाने की अपील की है। छात्रों का कहना है कि यदि उनकी मांगों पर जल्द विचार नहीं किया गया, तो आंदोलन और व्यापक होगा।

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Patna, 02 जुलाई (हि.स.)। बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीति पार्टियां सक्रिय हो गई हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बुधवार को राजधानी पटना पहुंचे हैं। वे पटना में भाजपा की प्रदेश कार्य समिति की बैठक में शामिल होंगे। बैठक में बिहार भाजपा के नेताओं संग बड़ा मंथन होगा।

रक्षा मंत्री सिंह एयरपोर्ट से सीधे बापू सभागार पहुंचे

रक्षा मंत्री के पटना हवाई अड्डे पहुंचने पर भारतीय जनता पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं ने ढोल-नगाड़ों और पारंपरिक अंदाज में उनका स्वागत किया। एयरपोर्ट पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष, संगठन महामंत्री और कई विधायक मौजूद रहे। रक्षा मंत्री सिंह एयरपोर्ट से सीधे बापू सभागार पहुंचे, जहां भारतीय जनता पार्टी की राज्य कार्यसमिति की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हो रही है। वे बैठक के मुख्य अतिथि हैं जबकि अध्यक्षता भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिलीप जायसवाल करेंगे। डॉ. जायसवाल के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद यह पहली कार्यसमिति बैठक है, जिसे संगठन के स्तर पर बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

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Patna, 01 जुलाई (हि.स.)। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में मां सीता की जन्मस्थली सीतामढ़ी के पुनौराधाम को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र अयोध्या के अनुरूप विकास किए जाने के लिए 882 करोड़ 87 लख रुपये की स्वीकृति सहित 24 प्रस्तावों पर अपनी मुहर लगाई है।

24 एजेंडों में मुख्यमंत्री कलाकार पेंशन योजना को भी स्वीकृति मिली है

कैबिनेट की बैठक में आज 24 एजेंडों में मुख्यमंत्री कलाकार पेंशन योजना को भी स्वीकृति मिली है। इसमें बिहार राज्य के समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित रखने के लिए निरंतर योगदान देने वाले राज्य के वरिष्ठ एवं आजीविका संकट से जूझ रहे उत्कृष्ट कलाकारों को 3000 रुपये पेंशन दिया जाएगा। साथ ही मुख्यमंत्री प्रतिज्ञा योजना अंतर्गत 2025-26 में 5000 लाभार्थी और वित्तीय वर्ष 2026- 27 से लेकर 2030- 31 तक 100000 युवाओं को लाभ देने का लक्ष्य तय किया गया है।

बिहार में मुख्यमंत्री गुरु शिष्य परंपरा योजना शुरू की जाएगी

बिहार में मुख्यमंत्री गुरु शिष्य परंपरा योजना शुरू की जाएगी। इसके लिए 2025-26 में एक करोड़ 11 लाख 60000 रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति मिली है। केंद्र प्रायोजित नेशनल मिशन ऑन नेचुरल फार्मिंग योजना अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2025- 26 के लिए 3635. 15 लाख रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है।

चतुर्थ कृषि रोड मैप योजना के तहत सब-मिशन ऑन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन योजना के कार्यान्वयन की स्वीकृति मिली है। बामेती एवं जिला स्तरीय कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंध अभिकरण को वित्तीय वर्ष 2025 -26 के लिए 80 करोड़ 99 लाख 20000 स्वीकृत किए गए हैं। चतुर्थ कृषि रोड मैप के तहत केंद्र प्रायोजित प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत काम होंगे। मिट्टी जांच प्रयोगशाला की स्थापना के लिए 2025-26 में 30 करोड़ 49 लाख 37, 227 रुपये की स्वीकृति दी गयी है।

बिहार विधानसभा सचिवालय में प्रशासनिक संवर्ग में निदेशक राजीव कुमार का संविदा आधारित नियोजन समाप्त होने के बाद 1-7-2025 से 1 वर्ष के लिए निर्देशक के पद पर संविदा आधारित नियोजन विस्तारित करने की स्वीकृति मिली है। सेवानिवृत्त अपर पुलिस अधीक्षक, विशेष कार्य बल रमाकांत प्रसाद की पुनर्नियुक्ति की अवधि 1-7- 2025 से 30.6.2026 तक 1 वर्ष विस्तारित कर दी गई। बिहार राज्य स्तरीय पंचायती राज संस्थाओं एवं ग्राम कचहरी के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के इलाज के लिए मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष से अनुदान की सुविधा प्रदान की जाएगी।

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Patna: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बिहार कैबिनेट की बैठक में 24 एजेंडों पर मुहर लगी। 

बिहार राज्य के वरिष्ठ एवं आर्थिक रूप से विपन्न कलाकारों को मासिक पेंशन प्रदान किये जाने हेतु मुख्यमंत्री कलाकार पेंशन योजना प्रारंभ करने तथा इस पर वित्तीय वर्ष 2025-26 में ₹1,00,00,000/- (एक करोड़ रूपये) मात्र वार्षिक व्यय की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है।

इस योजना के तहत राज्य के वरिष्ठ एवं आर्थिक रूप से विपन्न कलाकारों को मासिक 3000 रुपये पेंशन दिया जाएगा। इसके लिए उम्र सीमा 50 वर्ष या उससे अधिक राखी गई है। वहीं पारंपरिक, शास्त्रीय चाक्षुस और प्रदर्श कला में 10 वर्षों का अनुभव होना चाहिए। वहीं कलाकार की आय एक लाख बीस हजार वार्षिक से अधिक नहीं होनी चाहिए।  

बिहार सरकार के इस पहल से बिहार राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, दुर्लभ और विलुप्तप्राय कला रूपों को संरक्षित किया जा सकेगा। साथ ही विपन्न कलाकारों को मासिक पेंशन प्रदान करने से उन्हें आर्थिक मदद मिल सकेगी।

साथ ही बिहार मंत्री परिषद ने कला, संस्कृति के संरक्षण, संवर्द्धन एवं विकास हेतु बिहार राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, दुर्लभ और विलुप्तप्राय कला रूपों को संरक्षित करने हेतु ‘मुख्यमंत्री गुरू-शिष्य परम्परा योजना’ प्रारंभ करने की स्वीकृति प्रदान की है। 

इसके लिए इस पर वित्तीय वर्ष 2025-26 में ₹1,11,60,000/- (एक करोड़ ग्यारह लाख साठ हजार रूपये) मात्र वार्षिक व्यय की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है।

बिहार सरकार के इस पहल का कला संगठनों ने स्वागत किया है।

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Patna: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बिहार कैबिनेट की बैठक में 24 एजेंडों पर मुहर लगी। 

बिहार मंत्री परिषद ने कला, संस्कृति के संरक्षण, संवर्द्धन एवं विकास हेतु बिहार राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, दुर्लभ और विलुप्तप्राय कला रूपों को संरक्षित करने हेतु ‘मुख्यमंत्री गुरू-शिष्य परम्परा योजना’ प्रारंभ करने की स्वीकृति प्रदान की है। 

इसके लिए इस पर वित्तीय वर्ष 2025-26 में ₹1,11,60,000/- (एक करोड़ ग्यारह लाख साठ हजार रूपये) मात्र वार्षिक व्यय की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है।

साथ ही बिहार राज्य के वरिष्ठ एवं आर्थिक रूप से विपन्न कलाकारों को मासिक पेंशन प्रदान किये जाने हेतु मुख्यमंत्री कलाकार पेंशन योजना प्रारंभ करने तथा इस पर वित्तीय वर्ष 2025-26 में ₹1,00,00,000/- (एक करोड़ रूपये) मात्र वार्षिक व्यय की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है।

बिहार सरकार के इस पहल से बिहार राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, दुर्लभ और विलुप्तप्राय कला रूपों को संरक्षित किया जा सकेगा। साथ ही विपन्न कलाकारों को मासिक पेंशन प्रदान करने से उन्हें आर्थिक मदद मिल सकेगी। 

बिहार सरकार के इस पहल का कला संगठनों ने स्वागत किया है।

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1 जुलाई (हि.स.)। वक्फ को लेकर राष्ट्रीय जनता दल( आरजेडी) नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के बयान को लेकर भारतीय जनता पार्टी लगातार हमलावर है। मंगलवार को आरजेडी पर हमला तेज करते हुए भाजपा ने कहा कि उन्हें देश में शरिया कानून चाहिए। ये नमाजवादी बाबा साहेब का संविधान नहीं चाहते हैं और न ही संविधान का सम्मान करते हैं।

भाजपा मुख्यालय में मंगलवार को प्रेस वार्ता में प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि कल प्रेसवार्ता में भाजपा ने बड़ी प्रखरता से मुद्दा उठाया था कि जो बिहार में अपने आप को समाजवादी बताते हैं, उनका असली चेहरा नमाजवादी है। इनको केवल शरिया कानून चाहिए, इनको हलाला चाहिए। इनकी समझ है कि केवल एक धर्म विशेष का सशक्तिकरण हो। गौरव भाटिया ने कहा कि पूर्व उप मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव कह रहे थे कि भारत की संसद से पारित वक्फ संशोधन कानून को कूड़ेदान में डाल देंगे। नमाजवादी और तुष्टिकरण के मसीहा मौलाना तेजस्वी यादव ये हमें बताइए कि क्या आपने कभी संविधान पढ़ा है, कभी उसकी मूल भावना को चरितार्थ किया है?

उन्होंने कहा कि यह कहना गलत नहीं होगा कि अगर किसी को जंगलराज देखना है तो लालू यादव, तेजस्वी यादव और आरजेडी के शासन को देख लें। जंगलराज में सबसे पहले संविधान और कानून का शासन खत्म होता है और तेजस्वी यादव विपक्ष में बैठकर भी यही कर रहे हैं। अभी चुनाव की घोषणा भी नहीं हुई है, लेकिन लालू यादव, तेजस्वी यादव और आरजेडी पहले से ही विभाजनकारी, सांप्रदायिक राजनीति में गले तक डूबे हुए हैं। उन्होंने आगे  कहा कि आरजेडी की जहरीली सोच के खिलाफ एनडीए के घटक दल इनके मंसूबे को सफल होने नहीं देंगे।

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Patna, 01 जुलाई (हि.स.)। पटना एयरपोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी भरा ई-मेल मिलने के बाद सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इस सिलसिले में हवाई अड्डा थाना में मामला दर्ज किया गया है। ई-मेल में लिखा है कि एयरपोर्ट पर बम रखा गया है और वह जल्द फटने वाला है। एयरपोर्ट प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों ने जांच शुरू कर दी है।

बीती देररात हवाई अड्डा थाना में केस दर्ज किया गया है

हवाईअड्डे के अधिकारियों ने पूरे परिसर में व्यापक छानबीन की है। जांच के दौरान कोई संदिग्ध या विस्फोटक सामग्री नहीं मिली है। बीती देररात हवाई अड्डा थाना में केस दर्ज किया गया है। फिलहाल पुलिस ई-मेल भेजने वाले का पता करने में जुटी है। इसमें तकनीकी और साइबर विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है। उधर, इस समय पटना एयरपोर्ट में चप्पे-चप्पे पर केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के जवान तैनात हैं। एयरपोर्ट पर आने-जाने वाले लोगों पर भी निगाह रखी जा रही है।

 

पटना पुलिस भी अपने स्तर पर जांच कर रही है

एसपी (सिटी) दीक्षा ने बताया कि केस दर्ज कर आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) के साइबर सेल को जांच करने के लिए कहा गया है। पटना पुलिस भी अपने स्तर पर जांच कर रही है। उल्लेखनीय है कि पिछले साल 18 जून को भी ई-मेल से पटना एयरपोर्ट को बम से उड़ने की धमकी दी गई थी।

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Patna: भारत निर्वाचन आयोग ने बिहार की वर्ष 2003 की मतदाता सूची, जिसमें 4.96 करोड़ मतदाताओं का विवरण शामिल है, अपनी वेबसाइट https://voters.eci.gov.in पर अपलोड कर दी है।

 

आयोग द्वारा 24 जून 2025 को जारी निर्देशों के पैरा 5 में यह उल्लेख किया गया है कि मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (सीईओ), जिला निर्वाचन पदाधिकारी (डीईओ) एवं निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण पदाधिकारी (ईआरओ) यह सुनिश्चित करेंगे कि 01.01.2003 की अहर्ता तिथि पर आधारित मतदाता सूची सभी बीएलओ को हार्ड कॉपी में उपलब्ध हो और वेबसाइट पर ऑनलाइन भी सुलभ रूप से उपलब्ध हो, ताकि कोई भी व्यक्ति इसे डाउनलोड कर गणना प्रपत्र के साथ दस्तावेज़ प्रमाण के रूप में प्रस्तुत कर सके। बिहार की 2003 की मतदाता सूची की यह सहज उपलब्धता राज्य में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान को काफी सुगम बनाएगी, क्योंकि अब कुल मतदाताओं के लगभग 60 प्रतिशत यानी 4.96 करोड़ लोगों को कोई भी दस्तावेज़ प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं है। उन्हें केवल वर्ष 2003 की मतदाता सूची में अपने विवरण का सत्यापन कर गणना प्रपत्र भरकर जमा करना है। यह विवरण मतदाता व बीएलओ, दोनों के लिए ऑनलाइन उपलब्ध है।


इसके अतिरिक्त, यदि किसी व्यक्ति का नाम 2003 की बिहार की मतदाता सूची में नहीं है, लेकिन उनके माता या पिता का नाम उस सूची में है, तो ऐसे मामलों में माता-पिता से संबंधित अन्य कोई दस्तावेज़ प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं होगी। 2003 की मतदाता सूची का केवल प्रासंगिक अंश ही पर्याप्त होगा। ऐसे मतदाताओं को केवल अपने दस्तावेज़, गणना प्रपत्र के साथ, प्रस्तुत करने होंगे। यह पुनः स्पष्ट किया जाता है कि प्रत्येक निर्वाचन से पूर्व मतदाता सूची का पुनरीक्षण जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 21(2)(a) तथा निर्वाचक पंजीकरण नियमावली, 1960 के नियम 25 के अंतर्गत अनिवार्य है। भारत निर्वाचन आयोग बीते 75 वर्षों से यह वार्षिक पुनरीक्षण—कभी संक्षिप्त तो कभी गहन रूप में—नियमित रूप से करता आ रहा है।


यह पुनरीक्षण आवश्यक है क्योंकि मतदाता सूची एक जीवंत (डायनामिक) दस्तावेज़ है, जो मृत्यु, स्थानांतरण (रोजगार, शिक्षा, विवाह आदि कारणों से), तथा 18 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके नए मतदाताओं के कारण लगातार परिवर्तित होती रहती है। साथ ही यह भी उल्लेखनीय है की संविधान के अनुच्छेद 326 के अनुसार, केवल वही भारतीय नागरिक मतदाता बनने के योग्य हैं जो 18 वर्ष से अधिक आयु के हों और संबंधित निर्वाचन क्षेत्र में सामान्य रूप से निवास करते हों।

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पूर्वी चंपारण, 30 जून (हि.स.)। भारत-नेपाल सीमा पर स्थित मैत्री पुल के पैदल यात्री फुटपाथ पर रविवार देर शाम उस समय तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई जब सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) 47वीं बटालियन के जवानों ने नए पोस्ट निर्माण का कार्य शुरू किया। यह स्थान भारत के लैंड कस्टम क्षेत्र में स्थित है।

निर्माण कार्य की सूचना मिलते ही कस्टम अधिकारियों ने मौके पर पहुंच कर इसे अवैध बताते हुए कार्य को रोकने का प्रयास किया। उन्होंने स्पष्ट कहा कि लैंड कस्टम एरिया में किसी अन्य एजेंसी को बिना अनुमति के न तो निर्माण का अधिकार है और न ही वहां स्थायी रूप से तैनात होने का वैधानिक अधिकार है।

इस बीच, बड़ी संख्या में एसएसबी जवान हथियारों के साथ मौके पर पहुंच गए और घेराबंदी कर निर्माण कार्य शुरू कर दिया। स्थिति और अधिक जटिल तब हो गई जब नेपाल सशस्त्र प्रहरी (एपीएफ) के परसा जिले के डीएसपी लोकेंद्र बहादुर सुब्बा भी मौके पर पहुंचे।

उन्होंने भारत द्वारा नो मेंस लैंड में हो रहे निर्माण को भारत-नेपाल मैत्री संबंधों का उल्लंघन बताया और इसका विरोध दर्ज कराया।

घटना स्थल पर मौजूद एसएसबी 47वीं बटालियन के असिस्टेंट कमांडेंट दिव्यांशु चौहान, नेपाल के डीएसपी और कस्टम अधिकारियों के बीच इस मुद्दे पर लंबी चर्चा हुई, लेकिन कोई समाधान नहीं निकल सका। कस्टम अधिकारियों ने बताया कि इस मामले को लेकर हरैया थाना को सूचना दी गई है और कस्टम अधीक्षक द्वारा अवैध अतिक्रमण के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराने का आवेदन भी दिया गया है।

उल्लेखनीय है कि 10 मार्च 2024 को तत्कालीन एसएसबी आईजी पंकज दरार द्वारा गृह मंत्रालय के आदेश पर इसी स्थान पर बने अस्थायी पोस्ट को नागरिक शिकायतों के आधार पर हटा दिया गया था। तब समाधान स्वरूप हेल्प डेस्क के रूप में केवल दो महिला कांस्टेबल की तैनाती की गई थी। अब दोबारा उसी स्थान पर पोस्ट निर्माण किए जाने से विवाद ने फिर तूल पकड़ लिया है। फिलहाल पोस्ट निर्माण को लेकर सीमा पर स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है और दोनों देशों के सुरक्षा बलों के बीच बातचीत का सिलसिला जारी है।

एसएसबी 47 बटालियन के असिस्टेंट कमांडेंट दिव्यांशु चौहान ने बताया कि भारत नेपाल सीमा की सुरक्षा को लेकर 15 किलोमीटर के दायरा आता है। सीमा की सुरक्षा को लेकर अस्थाई पोस्ट का निर्माण कराया जा रहा है। वही कस्टम आयुक्त मोहन कुमार मीणा ने बताया की कस्टम एरिया में एसएसबी के द्वारा किये जा रहे अवैध निर्माण को लेकर पूर्वी चंपारण के डीएम व एसपी को सूचना की गई है।निर्देशानुसार अग्रतर कारवाई की जायेगी।

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