सीवान: जिले में छठे चरण की शिक्षक बहाली के दौरान चयनित शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच चल रही है । पहले चक्र जांच में 36 शिक्षकों के प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए थे । ये शिक्षक केन्द्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा और बिहार शिक्षक पात्रता परीक्षा के फर्जी प्रमाणपत्र के सहारे शिक्षक पद पर चयनित हुए हैं । दूसरे चक्र की जांच अभी चल रही है । जिन चयनित शिक्षकों के प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए हैं उन पर विभागीय निर्देश के अनुसार एफआईआर दर्ज कराने की तैयारी की जा रही है ।

इस संदर्भ में डीपीओ स्थापना राजेंद्र सिंह ने कहा कि जिन शिक्षकों के प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए हैं , उन पर नियोजन इकाई संबंधित थाने में प्राथमिकी दर्ज कराएगी । अन्य प्रमाणपत्रों की भी जांच चल रही है । प्रथम चक्र के दौरान 12 शिक्षकों की बहाली में नियोजन इकाइयों द्वारा गड़बड़ी की गयी थी । यह नियोजन इकाई आंदर प्रखंड की है । इसलिए नियोजन इकाई पर जिला पंचायती राज पदाधिकारी एफआईआर दर्ज कराएंगे ।

उल्लेखनीय है कि फर्जी प्रमाणपत्र पाए जाने पर अभ्यर्थियों में बढ़ी बेचैनी फर्जी प्रमाणपत्र पाए जाने के बाद ऐसे शिक्षक अभ्यर्थियों के बीच काफी बेचैनी बढ़ गई है । कारण कि वे किसी तरह फर्जी प्रमाण पत्र के सहारे शिक्षक बनने के लिए चयनित हो गए लेकिन स्कूलों में योगदान से पहले ही उनकी प्रमाण पत्र जांच करा ली गई और प्रमाणपत्र फर्जी पाया गया । इस वजह से बिना शिक्षक पद पर योगदान की यही अब उन्हें कानूनी अड़चनों का सामना करना पड़ेगा। नियोजन के दौरान सक्रिय शिक्षा माफियाओं के बीच भी खलबली मच गई है ।

0Shares

पटना: हाई कोर्ट में गुरुवार को दो नवनियुक्त न्यायाधीशों ने न्यायाधीश के पद की शपथ ली।मुख्य न्यायाधीश संजय करोल ने इन नवनियुक्त न्यायाधीश नवनीत कुमार पाण्डेय और सुनील कुमार पनवर को हाईकोर्ट के न्यायाधीश पद की शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन हाई कोर्ट के शताब्दी भवनके लॉबी में शाम 4:30 बजे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते किया गया।

इस अवसर पर सीमित संख्या में अतिथि उपस्थित थे। इस समारोह में हाईकोर्ट के न्यायाधीश गण के अलावा नव नियुक्त न्यायाधीश के परिवार के सदस्य हाईकोर्ट के तीनों अधिवक्ता संघो के पदाधिकारीगण भी उपस्थित थे। नवनियुक्त दोनो न्यायाधीश बिहार न्यायिक सेवा के वरिष्ठ जज रहे हैं। इसमे न्यायाधीश नवनीत कुमार पाण्डेय हाईकोर्ट में रजिस्ट्रार जनरल के पद पर कार्यरत थे वहीं दूसरे न्यायाधीश सुनील कुमार पनवर हाईकोर्ट में रजिस्ट्रार विजिलेंस के पद पर कार्यरत थे।

इन नवनियुक्त न्यायाधीशों को हाई कोर्ट में जज बनाये जाने की अधिसूचना केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय ने बुधवार को जारी किया था। इन दो जजों के आ जाने से पटना हाईकोर्ट में जजों की संख्या चीफ जस्टिस समेत 21 हो गई,जबकि पटना हाईकोर्ट में जजों के स्वीकृत पदों की संख्या 53 हैं।

0Shares

पटना: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने नई राष्ट्रीय कार्यसमिति का एलान कर दिया है। भाजपा की नई राष्ट्रीय कार्यसमिति में बिहार के भी चुनिंदा नेताओं को जगह मिली है। बिहार से केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और नित्यानंद राय के अलावा सांसद रविशंकर प्रसाद और विधायक भागीरथी देवी को जगह मिली है।

इनके अलावा प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, दरभंगा से सांसद गोपाल जी ठाकुर, पूर्व मंत्री प्रेम कुमार और नंदकिशोर यादव को भी राष्ट्रीय कार्यसमिति में विशेष आमंत्रित सदस्य के तौर पर शामिल किया गया है।नई कार्यसमिति में भाजपा के बिहार से सांसद राधामोहन सिंह को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया है। इसके अलावा झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को भी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई है। पार्टी ने कुल 13 राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाए हैं।

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राष्ट्रीय कार्यसमिति, राष्ट्रीय कार्यसमिति के लिए विशेष आमंत्रित और स्थायी आमंत्रित (पदेन) सदस्यों की नियुक्त की है। भाजपा की इस नई राष्ट्रीय कार्यसमिति में 80 सदस्य हैं, जिनमें प्रमुख रूप से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, डॉ. मुरली मनोहर जोशी, पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और केन्द्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, अमित शाह, नितिन गडकरी, राज्यसभा में सदन के नेता केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल और सभी राष्ट्रीय पदाधिकारी शामिल हैं।

0Shares

पटना: बिहार लोक सेवा आयोग ( बीपीएससी) ने आज 65वीं संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा का फाइनल रिजल्ट घोषित कर दिया है। आयोग की 65वीं संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा में गौरव सिंह ने टॉप किया है।

इस परीक्षा के फाइनल रिजल्ट का इंतजार लाखों प्रतियोगी को था। आयोग ने अपनी वेबसाइट पर रिजल्ट की सूचना जारी कर दी है। परीक्षा में 422 प्रतियोगियों को सफल घोषित किया गया है। आयोग की ओर से कट ऑफ भी जारी कर दिया गया है। बीपीएससी 65वीं में गौरव सिंह ने टॉप किया है। मेरिट लिस्ट में दूसरे स्थान पर चंदा भारती और तीसरे स्थान पर वरुण कुमार हैं।

उल्लेखनीय है कि मुख्य परीक्षा के बाद साक्षात्कार के लिए 1142 प्रत्याशियों का चयन किया गया था। इसके बाद परीक्षा में 422 प्रतियोगियों को सफल घोषित हुए। आयोग इस परीक्षा के माध्यम से बिहार सरकार के 14 विभागों में कुल 423 रिक्त पदों को भरेगा। बीपीएससी ने अगस्त और सितंबर, 2021 के महीने में साक्षात्कार आयोजित किए थे। इन 423 पदों में से 186 अनारक्षित वर्ग के लिए हैं, 41 ईडब्ल्यूएस के लिए आरक्षित हैं। 53,6,68 एससी और 59 एसटी, ईबीसी और पिछडे़ वर्ग के लिए आरक्षित हैं। एफएफडी के लिए 06 और विकलांगों के लिए 14 पद आरक्षित हैं।

बीपीएससी ने मुख्य परीक्षा 25 से 28 नवंबर, 2020 तक आयोजित की थी। बीपीएससी 65वीं संयुक्त प्रतियोगी मुख्य परीक्षा का परिणाम 01 जुलाई को घोषित किया गया था। परिणाम के अनुसार 1,142 उम्मीदवारों ने मेरिट सूची में स्थान बनाया है। इसके आधार पर उन्हें अगले दौर के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया है जो कि साक्षात्कार है।

0Shares

पटना: राष्ट्रीय जनता दल और लालू परिवार की फजीहत कराने वाले तेज प्रताप यादव को लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने बड़ा बयान दिया है। शिवानंद तिवारी ने कहा है कि तेज प्रताप यादव अपने आपको खुद पार्टी से निष्कासित करवा चुके हैं।

हाजीपुर राजद कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत के दौरान राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा कि तेजप्रताप ने तो एक नया संगठन “छात्र जनशक्ति परिषद” बनाया है। वे खुद राजद से आउट हो गये हैं। शिवानंद ने यह भी कहा कि तेजप्रताप को लालटेन छाप का प्रयोग करने से राजद नेतृत्व ने भी मना किया है।

उल्लेखनीय है कि राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह पर तेजप्रताप ने कई आरोप लाए थे। वही पिछले दिनों छोटे भाई तेजस्वी यादव पर भी निशाना साधा था। जबकि राजद के प्रशिक्षण शिविर के दौरान लालू प्रसाद ने सिर्फ तेजस्वी की तारीफ की थी। इस दौरान लालू ने बड़े बेटे तेजप्रताप के लिए एक शब्द भी नहीं कहा। लालू ने कहा था कि तेजस्वी के नेतृत्व में राजद का प्रभाव बिहार में बढ़ा है। तेजस्वी का कद राजद में बढ़ता देख तेजप्रताप हैरान हैं यही कारण है कि तेजस्वी और राजद के बड़े नेता पर वे पहले भी आरोप लगा चुके हैं। ऐसे में यह कहा जा सकता है की राष्ट्रीय जनता दल में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है।

0Shares

नई दिल्ली: केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि जल्द ही गांगेय (गंगा में पायी जाने वाली) डॉल्फिन की जनगणना की जाएगी। हाल ही में मंत्रालय ने इसको लेकर दिशानिर्देश जारी किए हैं। डॉल्फिन की गणना वैज्ञानिकों, वन विभागों, गैर सरकारी संगठनों के विशेषज्ञों, स्थानीय लोगों आदि की भागीदारी से की जाएगी और यह एक संयुक्त प्रयास होगा।

वे भागलपुर वन प्रमंडल द्वारा गांगेय डॉल्फिन दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को दिल्ली से वर्चुअल माध्यम से संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का प्राथमिक लक्ष्य डॉल्फ़िन का संरक्षण और नदियों पर निर्भर समुदायों की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाना है। डॉल्फ़िन का संरक्षण लोगों और जैव विविधता के बीच एक सहजीवी संबंध और जैव विविधता के लिए दीर्घकालिक सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।

केंद्रीय राज्यमंत्री चौबे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में इस प्रोजेक्ट के तहत डॉल्फिन का संरक्षण एवं संवर्धन किया जाएगा। विक्रमशिला गांगेय डॉल्फिन आश्रयणी को विश्व स्तरीय पर्यटन स्थल बनाने की दिशा में सारे आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए आधारभूत संरचना का निर्माण करवाया जाएगा। 74वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लालकिले से देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने प्रोजेक्ट डॉल्फिन लॉन्च करने घोषणा की थी। इस प्रस्तावित परियोजना का उद्देश्य नदी और समुद्री डॉल्फिन की सुरक्षा करना है।

केंद्रीय राज्य मंत्री चौबे ने कहा कि भारत सरकार डॉल्फ़िन के साथ-साथ घड़ियाल, कछुओं, मछलियों, पक्षियों आदि जैसी अन्य संबद्ध प्रजातियों के संरक्षण के लिए एक महत्वाकांक्षी परियोजना, जिसका नाम ‘प्रोजेक्ट डॉल्फ़िन’ है, को आगे बढ़ा रही है। डॉल्फ़िन प्राचीन काल से भारत में रही हैं। डॉल्फ़िन नदी प्रदूषण को नियंत्रित करने में योगदान देती हैं और इस तरह पानी की गुणवत्ता में सुधार करने में सक्षम होती हैं।

उल्लेखनीय है कि भारत में डॉल्फिन अधिक संख्या में असम, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड और पश्चिम बंगाल राज्यों में पाई जाती है। भारत में 3 हजार के करीब डॉल्फिन है। गंगा के साथ सहायक नदियों में भी डॉल्फिन है। बिहार में सुल्तानगंज से लेकर कहलगांव तक के करीब 60 किलोमीटर क्षेत्र को ‘गैंगेटिक रिवर डॉल्फिन संरक्षित क्षेत्र’ घोषित किया था।

0Shares

पटना: राजद प्रमुख और पूर्व सीएम और केंद्रीय मंत्री लालू प्रसाद यादव ने मंगलवार को पार्टी की आभासी बैठक को संबोधित किया। राजद कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए लालू यादव ने कार्यकर्ताओं से कहा कि संगठन को तेज और धारदार बनाने की जरूरत है। पिछले दिनों मैंने यह आह्वान किया था कि कंधे पर गमछा और सिर पर हरी टोपी लगा लिजिए। राजद की यही पहचान है। गांव-देहात जहां भी अन्याय हो रहा हो वहां पार्टी के लोगों को गमछा और टोपी के साथ पहुंच जाना चाहिए और पीड़ित की मदद करते हुए उन्हें न्याय दिलाना चाहिए।

राजद सुप्रीमो ने कहा कि राजद की यह जिम्मेदारी बनती है कि वे अपने संगठन को तेज और धारदार बनाए और जनता के ज्वलंत मुद्दों को लेकर सरकार पर हमला करे। जेल भरो आंदोलन करो..जेल भरना मामूली बात नहीं है। कुछ लोग जेल जाने से भी डरते हैं जब डरेंगे तब आंदोलन और सत्याग्रह कैसे करेंगे? लोग मुकदमा होने से डरते है और इस बात से परेशान रहते है कि कही उन पर 107 ना लग जाए। ऐसी बातों से डरना नहीं चाहिए, बल्कि देश की व्याप्त समस्याओं को लेकर लोगों की आवाज बननी चाहिए और सरकार को घेरने का काम करना चाहिए। लालू ने कहा कि हमने राजद को सेल्फ मेड पार्टी बनाया। अपने पैरों पर खड़ा होकर राजद का गठन किया। आप भी पूरे मजबूती के साथ पार्टी को आगे बढ़ाए हम सभी साथ हैं।

जातीय जनगणना पर लालू यादव ने कहा कि यह मांग कोई साधारण मांग नहीं है। इसके नहीं होने से समाज के अंतिम पायदान पर बैठा व्यक्ति पीछे छूटता जा रहा है। जातीय जनगणना को लेकर हम लड़ेंगे और इसे करा कर ही रहेंगे। जातीय जनगणना से समाज की खाई को पाटा जा सकता है।

भाजपा पर प्रहार करते हुए उन्होंने कहा कि राम और रहीम के बंदों के बीच भाजपा नफरत फैलाने का काम करती है। यही सब करके भाजपा सत्ता में आई है लेकिन इसकी भी एक सीमा होती है। जिसे देश की जनता देख रही है। जनता सर्वेसर्वा है सब कुछ जानती है। कांग्रेस सहित अन्य सहयोगी पार्टियों को एकजुट होने की जरूरत है लेकिन एकजुटता के अभाव के कारण इसका फायदा भाजपा उठाती है। आरक्षण पर लालू ने कहा कि भाजपा के लोग शुरू से ही आरक्षण का विरोध करते रहे हैं। आज देखिए आरक्षण भी अब धीरे-धीरे खत्म किया जा रहा है।

लालू ने कहा कि चुनाव के पहले की प्रक्रिया टिकट वितरण करने की होती है। यह काम संगठन के नीचे के लोगों का काम है कि छानकर ठीक से सोच समझकर पार्टी को उम्मीदवारों की लिस्ट सौंपे उसके बाद पार्टी इसे देखती है। लेकिन यह प्रक्रिया हो नहीं पाती है। जब चुनाव नजदीक आता है तब टिकट लेने वालों की भीड़ लग जाती है। पहले लोगों को आसानी से टिकट नहीं मिलता था। आलाकमान दिल्ली से यह सब तय होता था लेकिन हमने अपने हाथों से लोगों को टिकट दिया है।

0Shares

पटना: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाळे ने मंगलवार को यहां कहा कि आज आवश्यकता है कि प्रकृति का संरक्षण करते हुए विकास हो। विकास समय की मांग है। लेकिन, विकास सिर्फ ‘किसी भी कीमत’ पर नहीं होना चाहिए।

सरकार्यवाह होसबाळे ने कहा कि प्रकृति का संरक्षण करते हुए विकास होगा तो मनुष्य का शारीरिक, मानसिक व अध्यात्मिक विकास भी अवरूद्ध नहीं होगा। प्रकृति के विनाश से मनुष्य के अंदर कई बीमारियां जन्म ले रही है। विश्व के कई देश इस समस्या को झेल रहे हैं। इस संदर्भ में विचार करने की आवश्यकता है। विवेक के आधार पर एक संतुलन बिठाना होगा, जिससे विकास भी हो और प्रकृति का संरक्षण भी बना रहे।

पटना के बीआईए सभागार में डॉ. संजीव कुमार द्वारा लिखित पुस्तक ‘लोकेशनल कनफ्लिक्ट इन पटना: एक स्टडी इन अर्बन पोलिटिकल जियोग्राफी’ के विमोचन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने इस विषय पर विश्व में चल रहे कई प्रयोगों का उल्लेख किया। अमेरिका में आमिश नामक समुदाय आज भी प्रकृति के बीच रहता है। वहां 18 वर्ष तक के युवा-युवती को प्रकृति के बीच रहना अनिवार्य है। पुरी भारत का पहला शहर बनने जा रहा है, जहां 24 घंटे निःशुल्क पेय जल उपलब्ध रहेगा। अपने प्राचीन ग्रंथों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि भारत के प्राचीन ग्रंथों में सैकड़ों नदियों का वर्णन मिलता है। कालिदास अपने ग्रंथों में प्रकृति का एक विहंगम दृश्य दिखाते हैं।

उन्होंने आज की आवश्यकता शहर के अंदर आबादी के घनत्व को रोककर नये शहरों के विकास को बताया। उदाहरण स्वरूप रायपुर के स्थान पर नया रायपुर बनाया गया है। पुराने शहरों में कुछ ऐतिहासिक स्थलों को चिह्नित किया जाये। वहां की विशेषता को संरक्षित करते हुए विकास करना होगा। इससे भविष्य की पीढ़ी अपने महान विरासत का साक्षात्कार कर पायेगी। इन स्थलों के संरक्षण के संदर्भ में कोई व्यावसायिक हस्तक्षेप कतई नहीं होना चाहिए। इन विषयों पर अकादमिक लोग अध्ययन करें। प्रशासनिक लोग इस पर अमल करें तथा समाज जीवन से जुड़े संगठन जन-प्रबोधन कर लोगों को इस बारे में सचेत करते रहे। उन्होंने पुस्तक के लेखक डॉ. संजीव कुमार की भूरि-भूरि प्रशंसा भी की।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि आईआईटी, पटना के निदेशक प्रो. टी. एन. सिंह ने उत्तर प्रदेश के तर्ज पर ‘एक शहर- एक उत्पाद’ की विशिष्टता बनाये जाने की आवश्यकता बताई। उन्होंने जल प्रबंधन एवं ध्वनि नियंत्रण के बारे में विस्तृत चर्चा की। अपने संबोधन में उन्होंने बिहार की छवि बदलने का आह्वान भी किया। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के प्रो. बी. सी. वैद्या ने शहर के अंदर और परिधि में विकसित हो रहे स्लम की समस्या पर विचार करने की आवश्यकता बताई।

पुस्तक के लेखक डॉ. संजीव कुमार ने पुस्तक का परिचय कराया। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक पटना के गत 50-60 वर्षों के विकास का अध्ययन करती है।संस्था के अध्यक्ष सिद्धिनाथ सिंह ने बबुआजी स्मृति एवं शोध संस्थान के बारे में उपस्थित श्रोताओं को जानकारी दी। कार्यक्रम का मंच संचालन सरला बिड़ला विश्वविद्यालय की सहायक प्राध्यापक डॉ. स्मिता ने किया।

0Shares

पटना: सीएम नीतीश ने जनता दरबार के बाद सोमवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि जातीय जनगणना बिहार में कराई जाएगी और हम इस पर पूरी तरह से सर्वसम्मति बना लेंगे। नीतीश ने कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि बिहार में जातीय जनगणना पर आम राय बन जाएगी।

नीतीश कुमार ने कहा कि वह चाहते थे कि पूरे देश में जातीय जनगणना हो इसीलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से विधानसभा के शिष्टमंडल ने मुलाकात की थी। केंद्र सरकार ने भरोसा भी दिया था लेकिन अब जो जानकारी सामने आई है उसके बाद हम नए सिरे से इस पर चर्चा कर आगे की रणनीति तय करेंगे। नीति आयोग की रिपोर्ट को लेकर सवाल किया गया तो नीतीश कुमार ने आयोग के काम करने के तौर-तरीके पर ही सवाल खड़े कर दिए। नीतीश कुमार ने कहा कि नीति आयोग के आंकलन करने का तरीका बिल्कुल विचित्र है। सभी राज्यों के लिए एक पैरामीटर पर काम नहीं किया जा सकता। जनसंख्या के लिहाज से बिहार देश में तीसरे स्थान पर है और क्षेत्रफल के पैमाने पर 12 में स्थान पर। ऐसे में अगर आप एक स्क्वायर किलोमीटर के अंदर स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर आकलन करते हैं तो उसका नतीजा सही नहीं आ सकता। नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में 15 साल पहले क्या स्थिति थी, यह सबको मालूम है। राज्य के अंदर स्वास्थ्य सेवा ठप हो चुकी थी। अस्पतालों में जानवर पड़े रहते थे।

सीएम ने कहा कि केंद्र द्वारा कोरोना से मौत मामले में 50 हजार रुपये देने के बाद अब बिहार में कोरोना से हुए मौत मामले में पीड़ित परिवारों को पहले से ज्यादा आर्थिक मदद मिलेगी। दरअसल राज्य सरकार कोरोनावायरस के मामले में परिजनों को पहले ही चार लाख की आर्थिक मदद दे रही है। अब केंद्र सरकार ने भी 50 हजार की आर्थिक मदद का ऐलान किया है। ऐसे में अगर किसी परिवार में कोरोना वायरस तो पीड़ित परिवार को 4.5 लाख की राशि मिलेगी।

जनता दरबार में पहुंचा पशु तस्करी का मामला
भारत-नेपाल सीमा पर मवेशी की तस्करी चरम पर है और इसपर नकेल कसने के लिए लगातार सीमा सुरक्षा बल की ओर से विशेष अभियान चलाया जाता है। इसी मामले को लेकर सोमवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने एक ऐसा मामला सामने आया, जिसे जानकार सीएम अंचभित हो गए। ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम में पहुंचे सीतामढ़ी जिला परिषद के सदस्य कहा कि बेला के थानेदार ने पशु तस्करों के साथ मिलकर लगभग 2,000 गायों को मरवा दिया।

जनता दरबार में पहुंचे सीतामढ़ी जिला परिषद के सदस्य ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कहा कि “सीतामढ़ी जिला अंतगर्त बेला थाना के थानेदार ने 2,000 गायों को तस्करों के हाथों बेच दिया। जिन्होंने इन गायों की हत्या कर दी। मैंने पिछले तीन साल में बिहार के कई अधिकारी और पदाधिकारी से शिकायत की। लेकिन आजतक मुझे इंसाफ नहीं मिला। नेपाल से जो मवेशी तस्करी के लिए लाये जाते हैं, उन्हें एसएसबी वाले पकड़कर बेला थाना को दे देते हैं और फिर थानाध्यक्ष उन गायों को तस्करों के साथ में बेच देते हैं। जबकि एसएसबी को पकड़ी गई गायों या अन्य मवेशियों को सीतामढ़ी गौशाला में देना चाहिए। थानाध्यक्ष ने सात आदमी के साथ मिलकर दो हजार गायों को बेचा है। लेकिन शिकायत करने पर उल्टे मुझे जिला प्रशासन द्वारा ही फंसाते हैं।”

शख्स ने मुख्यमंत्री आगे कहा कि “घटना परसों की है, जनता दरबार में आने की खबर मिलते ही डीएसपी ने मुझे बुलाया और धमकाया कि सीएम के जनता दरबार में तुमको नहीं जाना है। तुम्हारा चुनाव होने वाला है। अगर तुम जाओगे, तो तुमको डिस्टर्ब करेंगे। जब मैंने बात नहीं मानी तो डीएसपी ने दो अक्टूबर के डेट में तीन लोगों पर एफआईआर कर दिया।”

सीतामढ़ी जिला परिषद के सदस्य की शिकायत सुनकर खुद मुख्यमंत्री के भी होश उड़ गए। उन्होंने दौरान बिहार के डीजीपी एसके सिंघल को फोन घुमाया और तत्काल इस मामले को देखने का आदेश दिया। सीएम ने पुलिस महानिदेशक के पास युवक को भेजते हुए कहा कि तुरंत इस मामले को देखिये।

उल्लेखनीय है कि भारत और नेपाल के बीच रोटी-बेटी के संबंध के साथ ट्रांजिट रूट से पारस्परिक व्यापार का संबंध भी है। दोनों देश के खुली सीमा पर तय रूट से व्यापार सहित लोगों की आवाजाही एक देश से दूसरे देश में होती है। निर्धारित रूट के अलावा दोनों देश के बीच भारत के सीमावर्ती क्षेत्र स्थित किशनगंज, सीतामढ़ी और अररिया जिला से सटे नेपाल की खुली सीमा क्षेत्र में तस्करी का कारोबार चरम पर है।

0Shares

पटना: बिहार के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा है कि महात्मा गांधी के विचारों पर बोलने से ज्यादा महत्वपूर्ण उनके विचारों पर चलना है। वह शांति एवं भाईचारा का पर्याय रहे। शाहनवाज ने कहा कि ओछी मानसिकता वाले कुछ लोग भले ही उनकी आलोचना कर लें, लेकिन इससे गांधीजी का महत्व कम नहीं हो जाता।

भारतीय नृत्य कला सांस्कृतिक परिसर में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के रिजनल आउटरिच ब्यूरो के तत्वावधान में आयोजित चित्रकला प्रदर्शनी के समापन एवं पुरस्कार वितरण समारोह को संबोधित करते हुए शाहनवाज ने कहा कि गांधी जी का पूरा जीवन ही संदेश है। उन्होंने हमें बताया कि धीरज की कोई सीमा नहीं होती। सब्र का कोई पैमाना नहीं होता। अंग्रेजी सत्ता के खिलाफ गांधी जी ने संयम के साथ आजादी की लड़ाई लड़ी। 15 अगस्त 1947 को देश आजाद हुआ। हम गांधी जी को याद करते हैं। याद करना जरूरी है, लेकिन उससे ज्यादा जरूरी है कि हम गांधीजी के पथ पर चलें।

शाहनवाज ने कहा कि गांधी जी को महात्मा बिहार ने बनाया। चंपारण उनकी कर्मभूमि रही, जहां उन्होंने सत्य, अहिंसा और सत्याग्रह के हथियार से ब्रिटिश हुकूमत को पस्त किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गांधी के विचारों के ध्वजावाहक हैं। वह गांधी जी के विचारों को आगे ले जा रहे हैं। गांधी जी के विचारों से प्रभावित होकर उन्होंने स्वच्छता अभियान चलाया तो पूरे देश में स्वच्छता के प्रति एक नया भाव आ गया। स्वच्छता और स्वदेशी समय की मांग है।

उद्योग मंत्री शाहनवाज ने कहा कि खादी के प्रति लोगों का लगाव बड़ा है। मोदी जी ने खादी फॉर नेशन, खादी फॉर फैशन का आह्वान किया है। खादी सेहत के लिए फायदेमंद है। खादी कपड़ों का प्रभाव विचारों पर भी पड़ता है। खुशी की बात है कि पूरे देश में खादी के प्रति लगाव बढ़ा है। हम गांधी जी को ज्यादा से ज्यादा याद करें। चरखा और खादी को याद रखें।

उन्होंने कहा कि हमें खादी एक दिन, खादी हर दिन के सिद्धांत का पालन करते हुए प्रतिदिन खादी का कोई एक वस्त्र जरूर धारण करना चाहिए। खादी को नेताओं के साथ जोड़कर नहीं देखें, बल्कि महात्मा गांधी और देश के साथ जोड़ कर देखें। उन्होंने कहा कि सदैव अच्छा सोचें, अच्छी चीजों से लगाव रखें और खूब किताबें पढ़ें। इससे पहले उन्होंने महात्मा गांधी की तस्वीर पर पुष्पांजलि कर उन्हें याद किया और उनके जीवन पर आधारित चित्र प्रदर्शनी में लगाई गई तस्वीरों को देखा।

उद्योग मंत्री शाहनवाज ने सूचना एवं प्रसारण विभाग के रिजनल आउटरीच ब्यूरो द्वारा आयोजित चित्रकला प्रतियोगिता, निबंध प्रतियोगिता, प्रेस विज्ञप्ति लेखन प्रतियोगिता, क्विज प्रतियोगिता और कई दूसरी प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कृत भी किया।

0Shares

मोतिहारी (एजेंसी): पूर्वी चंपारण जिले में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे 200 सिपाहियों में से 35 सिपाहियों की तबीयत रविवार की देर रात डिनर के बाद अचानक बिगड़ गई। सभी को सिरदर्द, उल्टी सहित अन्य जटिल समस्याएं होने लगी।

इसके बाद आनन फानन में पुलिस लाइन से गाड़ी मंगाकर उन्हें सदर अस्पताल इलाज के लिए लाया गया। सूचना पाकर मौके पर पहुंचे एसपी ने तत्काल कार्रवाई करते हुए ठेका पर मेस चलाने वाले सहित पांच लोगों को आज हिरासत में लिया । जिनसे पूछताछ चल रही है। डीएम के निर्देश पर देर रात सिविल सर्जन ने पहुंचकर मेडिकल टीम का गठन कर सभी बीमार सिपाहियों का इलाज शुरू कराया। जहां सोमवार की सुबह तक सभी सिपाही ठीक होकर वापस बैरक में चले गए हैं।

सूचना पर पहुंचे फूड इंस्पेक्टर ने खाद्य सामग्री का नमूना जांच के लिए संग्रह कर पटना भेज दिया है। मिली जानकारी के अनुसार सीआरपीएफ बिल्डिंग में अलग-अलग जिला के 200 सिपाही प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। जहां रविवार की देर रात डिनर में रोटी सब्जी तथा खीर बना था। खीर खानेवाले 35 सिपाही बीमार हो गए। खीर खाने के बाद पहले चार से पांच सिपाहियों को उल्टी होना शुरू हुआ। जैसे ही इसकी सूचना एसपी को मिली,गाड़ी से सभी को सदर अस्पताल भेजा गया। लेकिन देखते ही देखते अचानक अन्य सिपाहियों को उल्टी होना शुरू हो गया। इसके बाद पुलिस महकमे में हलचल मच गया।

आनन-फानन में सभी 35 बीमार सिपाहियों को सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस बाबत एसपी नवीन चंद्र झा ने बताया कि खाना खाने से प्रशिक्षु सिपाही बीमार हुए। सभी का इलाज कराया जा रहा है। दोषियों को चिन्हित किया जा रहा है। आखिर खाने में ऐसी कौन सी चीज मिला दी गई थी, जिसके कारण सिपाही बीमार हुए हैं।

0Shares

Patna: पटना साहिब संसदीय क्षेत्र के सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि खादी भारत की आत्मा और आजादी का स्वर बनी थी. उन्होंने खादी को आज भी प्रासंगिक बताते हुए कहा कि वर्ष 2015-16 में जहां खादी से 34500 करोड़ की आमद हुई थी, वहीं वर्ष 2020-21 में यह बढ़कर 95700 करोड रुपए हो गई. गांधी जयंती के अवसर पर भारतीय नृत्य कला मंदिर, पटना में आयोजित तीन दिवसीय गांधी चित्र-प्रदर्शनी सह खादी मेले के दूसरे दिन वे मुख्य अतिथि के रूप में ‘गांधी एवं आत्मनिर्भर भारत’ विषय पर एक संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे. इस तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के रीजनल आउटरीच ब्यूरो, पटना द्वारा किया गया है.

उन्होंने कहा कि गांधीजी बहुत पावरफुल स्पीकर नहीं थे, लेकिन उन्होंने हजारों-लाखों लोगों को आवाज दी. उस दौर में ना टेलीफोन था, ना ही इंटरनेट. लेकिन इसके बावजूद गांधीजी के संदेश दूर-दूर तक पहुंचते थे. यह वास्तव में एक जागृति थी, जिसे लाने का काम गांधीजी ने किया था. उन्होंने कहा कि यह आजादी हमने बहुतों के त्याग और बलिदान से पाई है. उन्होंने वीर सावरकर का जिक्र करते हुए कहा कि उन्हें अंडमान के जेल में एक ही सेल में 11 वर्षों तक कैद रखा गया था. हम आज आजाद हैं, क्योंकि इन जैसे महापुरुषों ने अपनी आहुति दी थी. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नारे को दोहराते हुए कहा कि हमें ‘खादी फॉर नेशन, खादी फॉर फैशन’ के संदेश को आगे बढ़ाना है, जन-जन तक पहुंचाना है. आत्मनिर्भरता की बात करते हुए उन्होने कहा कि 2014 में जब मोदी की सरकार आई थी, तब मात्र दो मोबाइल कंपनियां थीं. लेकिन आज भारत में 240 मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग कंपनियां हैं और चीन के बाद भारत दूसरा ऐसा सबसे बड़ा देश है. उन्होंने कहा कि पल्स पोलियो का टीका आने में 20 वर्ष लगे थे, लेकिन भारत ने एक वर्ष के अंदर ही कोविड-19 का टीका बना लिया. उन्होंने कहा कि हम जल्द ही 100 करोड़ टीकाकरण के आंकड़े को प्राप्त कर लेंगे.

इस मौके पर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार के रीजनल आउटरीच ब्यूरो, पटना के अपर महानिदेशक एस.के. मालवीय ने कहा कि खादी एक विचार है. उन्होंने कहा कि सभी संकटों से लड़ने और उससे पार पाने का एकमात्र उपाय है आत्मनिर्भरता. हमें सभी क्षेत्रों में आत्मनिर्भर बनने की आवश्यकता है. आत्मनिर्भरता की दिशा में खादी एक विशेष क्षेत्र बन सकता है. वरिष्ठ इतिहासकार रत्नेश्वर मिश्र ने संगोष्ठी में कहा कि आजादी में सभी महापुरुषों का योगदान है, लेकिन अगर एक नाम नेतृत्वकर्ता के रूप में लिया जाए तो वे गांधी ही थे. गांधीजी ने लोगों में वैचारिक चेतना जगाने का काम किया. गांधीजी का कहना था कि गांव को गांव ही रहने दिया जाए, उसे शहर ना बनाया जाए. उन्होंने कहा कि लोगों को अपने विचार और कर्म में सामंजस्य बिठाना चाहिए. गांधी ने सबको आत्मनिर्भर बनने का संदेश दिया था और चरखे को आत्मनिर्भरता का प्रतीक बताया था. उन्होंने कहा कि अगर हम गांधी के अट्ठारह नियमों का पालन करें, तो भारत को आत्मनिर्भर बनाने में सफल हो सकते हैं. संगोष्ठी में एनसीसी निदेशालय बिहार-झारखंड के मेजर जनरल इंद्रबालन ने कहा कि भारत युवाओं का देश है. उन्होंने कहा कि अगर हमें आत्मनिर्भर भारत के मुकाम को हासिल करना है तो इसमें युवाओं की भागीदारी अनिवार्य है.

चित्र-प्रदर्शनी सह खादी मेले के दूसरे दिन कार्यक्रम स्थल पर प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया, जिसमें छात्रों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया. मौके पर उन्हें पुरस्कृत भी किया गया. साथ ही सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के पंजीकृत सांस्कृतिक दल के द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी मंचन किया गया. इस अवसर पर एसएसबी पटना के फ्रंटियर पाइप बैंड टीम के द्वारा देश भक्ति धुन भी पेश किया गया.

0Shares