पटना: बिहार सरकार में कोरोना की तीसरी लहर तेजी से अपने पांव पसार रही है। प्रदेश में बीते 24 घंटे के दौरान 5908 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं, जबकि पांच लोगों की मौत हुई है।

राज्य सरकार द्वारा देर शाम जारी स्वास्थ्य बुलेटिन के मुताबिक मृतकों में पटना-एनएमसीएच से दो, साईं हॉस्पिटल से एक, पीएमसीएच से एक और भागलपुर से एक संक्रमित हैं, जिनकी मौत हुई है। अकेले पटना में 2,202 लोग आज कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इधर, सोमवार को कोरोना के 4,737 नए मामले सामने आए, जो रविवार के आंकड़े से 6 प्रतिशत कम था। रविवार को 5,022 कोरोना केस आए थे।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सीएम नीतीश कुमार से फोन पर बात कर उनका हालचाल जाना। नीतीश कोरोना पॉजिटिव होने के बाद से होम आइसोलेशन में हैं। प्रदेश में कोरोना के संक्रमण में महिलाएं पुरुषों की अपेक्षा काफी सुरक्षित रही हैं। राज्य में 10 दिनों के अंदर 66.9 प्रतिशत पुरुष कोरोना संक्रमित हुए हैं, जबकि महिलाओं की संख्या 33.1 प्रतिशत रही है। उम्र के हिसाब से संक्रमण की बात करें तो 20 से 29 साल के लोगों में सबसे अधिक संक्रमण हुआ है। बिहार के 38 जिलों में 10 दिनों के अंदर सबसे अधिक 20 से 29 वर्ष के कुल 28 प्रतिशत लोग संक्रमित हुए हैं। संक्रमण की इस रफ्तार को लेकर स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने मास्क और सोशल डिस्टेंस को लेकर अलर्ट किया है।

जिला केंद्र से चिह्न्ति दवाओं की उपलब्धता करायी जा रही सुनिश्चित : मंगल पांडेय

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग तत्परता से काम कर रहा है। कुशल रणनीति के तहत विभाग कोरोना संक्रमण की रोकथाम और उपचार में लगा है। इसी क्रम में स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी जिलों में केंद्र से चिह्नित जरूरी दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करायी जा रही है। कोरोना के बेहतर उपचार के लिए राज्य के सरकारी अस्पतालों में वेंटिलेटर संचालन एवं रख-रखाव के लिए मेडिकल कॉलेजों एवं जिलों में पदस्थापित डॉक्टरों और कर्मियां को प्रशिक्षित करने की प्रक्रिया जारी है।

पांडेय ने कहा कि कोरोना मरीजों के बेहतर इलाज के लिए सभी सिविल सर्जनों और मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल के अधीक्षकों को आवश्यक निर्देश दिये गये हैं। इसके लिए जिलों को कोरोना इलाज के चिह्नित दवाइयां प्रचुर मात्रा में उपलब्ध कराया गया है। बीएमएसआईसीएल द्वारा इन दवाओं को चिकित्सा महाविद्यालय सह अस्पतालों एवं सभी जिलों को केस के आधार पर दवाइयां लगातार आवंटित की जा रही है।

उन्होंने कहा कि वेंटिलेटर की उपयोगिता को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को अत्यधिक विशिष्ट बनाने के लिए उसे सुचारू रूप संचालित करने के लिए चिकित्सक एवं पारामेडिकल स्टाफ के रिफ्रेशर प्रशिक्षण की आवश्यकता महसूस की गई है। ऐसे में चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल से लेकर जिला अस्पताल एवं अन्य स्वास्थ्य संस्थानों में पदस्थापित चिकित्सकों एवं पारा मेडिकल स्टाफ को वेंटिलेटर के संचालन एवं रख-रखाव के लिए और बेहतर प्रशिक्षण हेतु एम्स, पटना से समन्वय बनाया गया है।

बिहार में हर रोज होगा 98 हजार आरटीपीसीआर टेस्ट

प्रदेश में कोरोना की रोकथाम और इसके प्रसार को रोकने के लिए राज्य सरकार हर रोज 98 हजार आरटीपीसीआर टेस्ट करेगी। इसकी जानकारी आज स्वास्थ्य सचिव प्रत्यय अमृत ने आज दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। कोरोना की ट्रैसिंग और इसके प्रसार को रोकने के लिए अब हर रोज 98 हजार लोगों का आरटीपीसीआर टेस्ट किया जाएगा। जिससे इस बीमारी का पता जल्दी चल पायेगा।

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पटना: बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जल्द स्वस्थ हाेने की कामना की है । तेजस्वी आज हैदराबाद के लिए रवाना हो गए हैं । रवाना होने से पूर्व उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित जितने लोग भी कोरोना से पॉजिटिव हुए हैं उन सबके स्वास्थ्य में तीव्र सुधार हो, ऐसी मेरी कामना है।

उन्होंने कहा कि उन्हें कैबिनेट के कई मंत्री और सीएम आवास के कई लोगों के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद से ही ऐसा लग रहा था कि सीएम भी जरूर संक्रमित हुए होंगे लेकिन जल्द ही सब रिकवर हों, सीएम नीतीश भी जल्द स्वस्थ हों ये मेरी कामना है । वैशाली में पैसे लेकर वैक्सीन लगाने के मामले पर तेजस्वी ने कहा कि इसको हमलोग जांच करवाएंगे। उन्होंने कहा कि वैशाली में जिस तरह से वैक्सीन के लिए पैसे लिए जा रहे हैं, निश्चित तौर पर उसकी जांच होनी चाहिए।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कई कैबिनेट मंत्रियों का रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आया। इसके साथ मुख्यमंत्री आवास के कई कर्मचारी भी संक्रमित हो गये थे। इसके बाद मुख्यमंत्री ने अपना कोरोना टेस्ट करवाया था, जिसमें दो दिन पूर्व वह कोरोना पॉजिटिव पाये गये है । फिलहाल वह चिकित्सकों की सलाह पर होम आइसोलेशन में हैं।

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पटना/मधेपुरा:अगर कहा जाए कि बिहार में सबकुछ राम भरोसे चल रहा है तो यह आश्चर्यजनक नहीं होगा। प्रदेश के मधेपुरा जिले में ब्रह्मदेव मंडल नामक व्यक्ति ने इसे चरितार्थ कर दिखाया है। ब्रह्मदेव मंडल ने 12 बार कोरोना वैक्सीन का डोज लेने का दावा किया है। बीती रात मधेपुरा पुलिस ने ब्रह्मदेव मंडल को उसके घर से गिरफ्तार किया है।

एसपी राजेश कुमार ने सोमवार को बताया कि ब्रह्मदेव के खिलाफ धोखेबाजी, संपत्ति नष्ट करने और सरकारी आदेशों की अवहेलना का केस दर्ज किया गया है। एसपी राजेश कुमार ने बताया, ‘पुरैनी पीएचसी प्रभारी द्वारा ब्रह्मदेव मंडल पर पुरैनी थाना में आईपीसी की धारा 419, 420 और 188 के तहत मामला दर्ज कराया गया है। पुलिस जांच कर रही है। मंडल के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों की भूमिका की भी जांच की जाएगी।’

जिले के प्रभारी सिविल सर्जन डॉ. अब्दुल सलाम ने बताया कि ‘इस मामले में जिला स्तर से जांच कमेटी का गठन किया गया है। राज्य स्तर से भी मामले की निगरानी की जा रही है। जांच रिपोर्ट आने पर मुख्यालय को अवगत कराया जाएगा। ब्रह्मदेव मंडल तत्काल आगे फिर वैक्सीन न ले, इसके लिए थाने में आवेदन दिया गया है।’

केस दर्ज होने के बाद ब्रह्मदेव मंडल ने पत्रकारों को बताया कि ‘वैक्सीनेशन से मुझे फायदा हुआ है। इसलिए बार-बार वैक्सीन ली है। इसमें स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही है, जिसने बिना जांच के हमें 12 बार वैक्सीन दी। अपनी लापरवाही को छिपाने के लिए ही मेरे ऊपर एफआईआर दर्ज कराई गई है। ब्रह्मदेव मंडल ने बताया कि उसने13 फरवरी 2021 को पुरैनी पीएचसी में वैक्सीन का पहला डोज लिया था। इसके बाद उसने दूसरा डोज 13 मार्च को पुरैनी पीएचसी में, तीसरा डोज 19 मई को औराय उप स्वास्थ्य केंद्र और चौथी वैक्सीन 16 जून को भूपेंद्र भगत के कोटे पर लगे कैंप में लगवाई थी। उसने बताया कि पांचवां डोज 24 जुलाई को पुरैनी बड़ी हॉट स्कूल पर लगे कैंप में, छठा 31 अगस्त को नाथबाबा स्थान कैंप में, सातवां 11 सितंबर को बड़ी हाट स्कूल में, आठवीं बार वैक्सीन 22 सितंबर को बड़ी हाट स्कूल, नौवीं डोज 24 सितंबर को स्वास्थ्य उप केंद्र कलासन जाकर लिया था। मंडल ने दावा किया कि उसने 10वीं डोज खगड़िया जिले के परबत्ता में, 11वीं डोज भागलपुर के कहलगांव में और वैक्सीन की 12वीं डोज मंगलवार को चौसा पीएचसी में लिया है।

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पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कोरोना संक्रिमत हो गए हैं। इसकी जानकारी उन्होंने अपने आधिकारिक ट्वीटर हैंडल सीएम बिहार के माध्यम से सोमवार शाम दी है।


मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी ट्वीट के मुताबिक नीतीश कुमार कोरोना जांच में पॉजिटिव पाए गए हैं। चिकित्सकों की सलाह पर वे होम आइसोलेशन में हैं।

उन्होंने प्रदेशवासियों से कोरोना अनुकूल सावधानियां बरतने की अपील की है। जानकारी के मुताबिक सीएम सुबह एंटीजन टेस्ट में निगेटिव थे। उसी समय आरटी-पीसीआर जांच कराई गई थी। आरटी-पीसीआर रिपोर्ट आने के बाद पता चला है कि वो कोरोना पॉजिटिव हैं।

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पटना: राजधानी पटना में ओमीक्रॉन के 27 मरीज मिले है। पटना के आईजीएमएस में जीनोम सिक्वेंसिंग की जांच में ओमिक्रोन की पुष्टि हुई है।

आईजीएमएस में कुल 32 सैम्पल की जांच हुई थी, जिसमें 85 फीसदी यानी 27 मरीजों में ओमिक्रोन की पुष्टि हुई है। पहली बार जीनोम सिक्वेंसिंग की जांच में ओमिक्रोन की पुष्टि हुई है। आईजीआईएमएस प्रबंधन के अनुसार 32 सैंपल में से 27 ओमिक्रोन के मरीज मिले । इसके अलावा डेल्टा के चार और एक अन्य मरीज मिला है। आईजीआईएमएस ने सैंपल कलेक्ट किया इसके बाद प्रोसेस में 7-10 दिनों का समय लगा। इसके बाद पूरी रिपोर्ट सामने आई है।

उल्लेखनीय है कि बिहार में पहले ओमिक्रोन वेरियंट की जांच की सुविधा बिहार में नहीं थी। इसलिए इसके सैंपल की जांच के लिए बाहर के लैब में भेजा जाता था लेकिन मुख्यमंत्री के आदेश पर पटना के आईजीआईएमएस में इसकी जांच की सुविधा शुरू हुई । हालांकि, अभी कुछ सैंपल की ही जांच ओमिक्रोन के लिए किये जा रहे हैं।

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पटना: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पंजाब यात्रा के दौरान बुधवार को उनकी सुरक्षा में हुई चूक मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री की पंजाब यात्रा के दौरान उनकी सुरक्षा में हुई चूक की घटना दुखद है। सुरक्षा व्यवस्था में चूक होने के चलते प्रधानमंत्री को अपनी यात्रा स्थगित कर दिल्ली लौटना पड़ा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा में इस तरह की चूक चिंताजनक, निंदनीय एवं दुर्भाग्यपूर्ण है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यों की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री को सुरक्षा उपलब्ध कराना राज्यों का दायित्व है। प्रधानमंत्री की सुरक्षा में किसी भी प्रकार की शिथिलता नहीं होनी चाहिये। प्रावधानों के अनुसार पंजाब सरकार को सुरक्षा प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करना चाहिए था। भविष्य में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो, इसे ध्यान में रखते हुए जांचोपरांत दोषी लोगों को चिह्नित कर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिये।

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बिहार: सभी स्कूल, कॉलेज 21 जनवरी तक बंद

Chhapra: राज्य के स्कूल, कॉलेज को पूर्णतया 21 जनवरी तक बंद करने का निर्देश जारी किया गया है. इस दौरान सभी स्कूल, कॉलेज के शिक्षक ऑनलाइन शिक्षण के साथ 50 प्रतिशत उपस्थिति के साथ रहेगें.

राज्य के मुख्य सचिव ने अपने जारी पत्र में सुधार करते हुए नया निर्देश जारी किया है.

बताते चले कि प्रदेश में ओमिक्रोन के मामले बढ़ रहे है ऐसे में सरकार ने 6 जनवरी से 21 जनवरी 2022 तक सभी प्री से लेकर 8 वी तक के स्कूल को बंद करते हुए 9वी से 12 तक के स्कूलों में 50 प्रतिशत उपस्थिति के साथ पढ़ाई का निर्देश दिया गया था. जिसमे सुधार करते हुए अब स्कूल, कॉलेज को पूर्णतया बंद करते हुए शिक्षक एवं कर्मियों को 50 प्रतिशत उपस्थिति के साथ ऑनलाइन क्लास चलाने का निर्देश दिया है.

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-मंत्री जनक राम, नित्यानंद राय भी हुए पॉजिटिव
-1,599 लोगों की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई
-पटना में तीन माह का संक्रमित एनएमसीएच में भर्ती


पटना: बिहार में कोरोना की स्थिति विस्फोटक हो गई है। पटना सबसे बड़ा हॉट स्पॉट बन गया है। गुरुवार दोपहर 12 बजे तक 1599 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इसमें से 396 लोग पटना से बाहर के हैं लेकिन उनकी जांच यहां हुई थी। 1203 लोग राजधानी के हैं, जिसमें 17 साल से कम उम्र के 18 बच्चे भी शामिल हैं। यह डराने वाले आंकड़े सिर्फ चार घंटे के हैं। शाम तक आंकड़ा बढ़ जाएगा।

इधर, भाजपा के राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने संक्रमित हो गए हैं। उन्होंने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। साथ ही केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय और मंत्री जनक राम की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। पटना में तीन माह का मासूम भी संक्रमित मिला है। उसे एनएमसीएच में भर्ती कराया गया है।

स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने बताया कि बिहार में कोरोना मरीज तीन से पांच दिन में ठीक हो रहे हैं। घबराने की जरूरत नहीं है। सिर्फ 63 लोग अस्पताल में भर्ती हैं। 98 प्रतिशत होम आइसोलेशन में ही ठीक हो रहे हैं। कोई मरीज 60 साल से अधिक उम्र का है और पहले से बीमारी है तो ऑक्सीजन लेवल मॉनिटरिंग करते रहें। कोरोना का बढ़ता ट्रेंड इंडीकेट करता है कि यह कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन है। बिहार में डेल्टा व डेल्टा प्लस वैरिएंट के केस भी हैं। नए वैरिएंट की पहचान के लिए आईजीआईएमएस में एक और मशीन लगेगी।

बुधवार को 1659 नए केस आए, यानी हर घंटे 69 पॉजिटिव। जो बीते 7 महीने में सबसे ज्यादा है। इससे पहले 28 मई को 1785 नए मरीज एक दिन में मिले थे। वहीं, अगर आंकड़ों को देखे तो राज्य में कोरोना की स्पीड करीब छह गुना तेज है। एक जनवरी को 281 नए केस आए थे। पांच जनवरी को यह संख्या 1659 पहुंच गई है। आंकड़ों के अनुसार बीते 24 घंटे में 184 संक्रमितों के ठीक होने के बाद भी एक्टिव मरीजों की संख्या 2222 से बढ़कर 3697 हो गई है।

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-संक्रमण की रफ्तार नए वैरिएंट का इंडिकेटर
-बिहार में डेल्टा नहीं, ओमिक्रोन की तेज रफ्तार!

पटना: बिहार में कोरोना की तेज रफ्तार ने वायरस की पहचान उजागर कर दी है। जांच में अब तक भले ही ओमिक्रोन के मामले नहीं आए हैं लेकिन संक्रमण की रफ्तार नए वैरिएंट का इंडिकेटर है। बीते छह दिनों में वायरस 1050 प्रतिशत की रफ्तार से बढ़ा है। यही कारण है कि स्वास्थ्य विभाग भी मान रहा है कि राज्य में डेल्टा और डेल्टा प्लस के साथ अधिकतर मामले ओमिक्रोन वैरिएंट का इंडिकेशन दे रहे हैं।

31 दिसंबर को राज्य में 158 नए मामले आए थे जो पांच जनवरी को बढ़कर 1659 हो गए। कोरोना की पहली और दूसरी लहर में पीक पर ही यह रफ्तार देखी गई थी। बिहार में अब तक जो भी स्टडी हुई है उसके मुताबिक डेल्टा और डेल्टा प्लस में संक्रमण दर इतनी तेज नहीं थी। डेल्टा प्लस ने दूसरी लहर में काफी तबाही मचाई लेकिन संक्रमण की रफ्तार उसमें भी इतनी तेज नहीं थी। जब डेल्टा प्लस वाले वायरस का पीक था तब इतना तेज मामला बढ़ रहा था लेकिन अभी पीक भी नहीं आया है और यह रफ्तार ओमिक्रोन का ही इंडिकेटर है।

2021 में जब पीक पर कोरोना आने वाला था तब एक अप्रैल 2021 को 488 नए मामले आए थे और सात को 1524 नए संक्रमित हो गए थे। ठीक इसी रफ्तार से कोरोना का संक्रमण इस समय बढ़ रहा है। ऐसे में यह आशंका बढ़ रही है कि बिहार में तेजी से फैल रहा संक्रमण कोरोना के नए वैरिएंट के अधिक मामलों वाला है।स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना की रफ्तार को लेकर यह आशंका जाहिर कर रहा है कि डेल्टा और डेल्टा प्लस में इस तरह की रफ्तार नहीं थी।

स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत का कहना है कि जिस तरह से कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। यह ट्रेंड इंडिकेट कर रहा है कि राज्य में डेल्टा और डेल्टा प्लस के साथ ज्यादातर ओमिक्रोन वैरिएंट के मरीज हैं। हालांकि स्वास्थ्य विभाग इसकी तैयारी में जुटा है और संक्रमण का पता लगाने के लिए ओमिक्रोन की जांच पड़ताल करा रहा है। संक्रमण के बढ़ने का जो ट्रेंड है वह पूरी तरह से ओमिक्रॉन का इंडिकेशन है।

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बेगूसराय: बिहार में गंगा नदी पर बेगूसराय और पटना के बीच एशिया का सबसे अधिक चौड़ा एक्स्ट्रा डोजेड स्टे केबल तथा बिहार का पहला हाइब्रिड एन्युइटी मॉडल सिक्स लेन पुल अगले साल 2023 के अक्टूबर माह तक बनकर तैयार हो जाएगा। आजादी के बाद गंगा नदी देश में बने सबसे पहले बने राजेन्द्र सेतु (सिमरिया पुल) के समानांतर एक्स्ट्रा डोजेड स्टे केबल ब्रिज, सिक्सलेन औंटा-सिमरिया सड़क पुल का निर्माण कार्य काफी तेजी से चल रहा है।

साइट अभियंता ने बताया कि पुल के हाथीदह साइड से पीलर संख्या-एक एवं सिमरिया की ओर से पीलर संख्या-16 पर सतह का निर्माण (सेगमेंट लांचिंग) पूरा हो गया है। जबकि हाथीदह की ओर से पीलर संख्या-दो एवं तीन तथा सिमरिया की ओर से पीलर संख्या-15 पर सतह का निर्माण कार्य चल रहा है। पीलर संख्या-चार से दस तक सुपर स्ट्रक्चर का काम चल रहा है। जबकि, पीलर संख्या- 11, 12, 13 एवं 14 गंगा नदी के बीच में रहने के कारण निर्माण की रफ्तार धीमी है। एसपी सिंगला कंट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड की देखरेख में वेलस्पॉन इंटरप्राइजेज द्वारा 2018 से निर्माणाधीन 34 मीटर चौड़ा तथा 1.865 किलोमीटर लंबे पुल का निर्माण 2021 में पूरा हो जाना था। लेकिन कोरोना महामारी और गंगा नदी का जलस्तर काफी बढ़ जाने के कारण निर्माण कार्य में विलंब हुआ। अब यह पुल अक्टूबर 2023 में बनकर तैयार होगा। करीब 1161 करोड़ रुपए की लागत से बेगूसराय के सिमरिया और पटना के औंटा के बीच बन रहे पुल के दोनों ओर औंटा फोरलेन से हाथीदह तथा सिमरिया गंगा नदी से राजेन्द्र पुल स्टेशन के समीप एनएच-31 फोरलेन तक 8.15 किलोमीटर लंबे पहुंच पथ अप्रोच रोड का निर्माण काफी तेजी से चल रहा है। साइट अभियंता एवं असिस्टेंट मैनेजर ने बताया कि सिमरिया में गंगा नदी पर बन रहा यह सिक्स लेन पुल एशिया का सबसे अधिक चौड़ा स्टे केबल ब्रिज होगा। पूरे पुल का लोड केबल पर ही रहेगा, नई तकनीक हाइब्रिड एन्युइटी मॉडल से बनने वाले एशिया के दूसरे और बिहार के पहले पुल पर ट्रैफिक समस्या भी नहीं होगी। पुल पर डिवाइडर के दोनों ओर 13-13 मीटर का तीन-तीन लेन सड़क बनेगा तथा साइड में दोनों ओर डेढ़ मीटर चौड़ा फुटपाथ सड़क रहेगा। जिस पर पैदल, साइकिल एवं मोटरसाइकिल से लोग आवागमन कर सकेंगे। इसके अलावे पुल पर पर्याप्त रोशनी की भी व्यवस्था की जा रही है।

उल्लेखनीय है कि आजादी के बाद पूर्वोत्तर भारत को देश के अन्य हिस्सों से जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. श्रीकृष्ण सिंह के प्रयास से सिमरिया में रेल-सह-रोड पुल बनाया गया था। जिससे आर्थिक और सामरिक क्षेत्र में जबरदस्त फायदा मिला। 2005 के बाद पुल की स्थिति अधिक खराब हुई, मरम्मत का खर्च भी बढ़ गया, लेकिन बार-बार मरम्मति के बावजूद पुल दुरुस्त नहीं रह सका। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जब यह जानकारी मिली तो उन्होंने नया पुल का निर्णय लिया और 2018 में औंटा आकर पुराने सिमरिया पुल के एक ओर सिक्स लेन सड़क पुल तथा दूसरी ओर रेल पुल का शिलान्यास किया। उसके बाद दोनों पुल का काम काफी तेजी से चल रहा है, 2023 में सड़क पुल एवं 2024 में रेल पुल तैयार हो जाने की पूरी उम्मीद है।

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-कोयला आधारित विद्युत संयंत्रों के चारों ओर 300 किमी में लागू होगा प्रतिबंध
-केवल फ्लाई ऐश से बनी ईंटों का होगा उत्पादन

पटना: बिहार में मिट्टी से ईंट निर्माण में लगे व्यवसायियों की मुश्किल बढ़ने वाली है। अब वे मिट्टी से ईंट का निर्माण नहीं कर पायेंगे। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने इस आशय की अधिसूचना जारी की है। इसके तहत कोयला आधारित बिजली संयंत्रों के चारों ओर 300 किलोमीटर में मिट्टी से ईंट नहीं बनाए जा सकेंगे।

बिहार सरकार के भी इसे लागू करने के बाद ताप बिजली घरों की स्थिति देखते हुए माना जा रहा है कि यह प्रतिबंध पूरे बिहार में लागू हो सकता है यानी राज्य के अधिकतर हिस्सों में ईंट भट्ठों को बंद करना पड़ सकता है। केवल फ्लाई ऐश यानी कोयला से चलने वाले ताप बिजलीघरों से निकली राख से ही ईंट का उत्पादन संभव होगा। केंद्र सरकार की इस अधिसूचना को जमीन पर लागू करने के लिए राज्य सरकार की ओर से भी अधिसूचना जारी की जाएगी। इसके अलावा वन एवं पर्यावरण विभाग पर्यावरण से जुड़ी नियमावलियों में भी बदलाव कर सकता है। प्रदेश के खान विभाग को ईंट भट्ठों को लाइसेंस देने से संबंधित नियम भी बदलने होंगे।

पूरे प्रदेश पर पड़ेगा असर :
पटना जिले के बाढ़ में स्थित नेशनल थर्मल पॉवर कॉरपोरेशन (एनटीपीसी) के प्लांट है, जिसकी वजह से पटना, आरा, नालंदा, शेखपुर, लखीसराय,मुंगेर और बक्सर प्लांट के 300 किलोमीटर के दायरे में आ जाएंगे। इसकी वजह से इन सभी जिलों के बड़े हिस्से में मिट्टी से ईंट बनाने पर प्रतिबंध रहेगा।

औरंगाबाद के नवीनगर थर्मल पावर प्लांट से 300 किलोमीटर के दायरे में गया, नवादा, नालंदा, जहानाबाद, भोजपुर, बक्सर, रोहतास और कैमूर जिलों के अधिकतर हिस्से आएंगे। इसी तरह बेगूसराय जिले के बरौनी पावर प्लांट से बेगूसराय, सहरसा, खगड़िया, मधेपुरा और सुपौल जिलों में मिट्टी से ईंट बनाने के भट्ठों पर बंदी की तलवार लटक रही है। मुजफ्फरपुर के कांटी थर्मल पावर के कारण दरभंगा, समस्तीपुर, सारण, वैशाली, पूर्वी और पश्चिमी चंपारण, सारण,गोपालगंज,सीतामढ़ी, शिवहर और मधुबनी जिलों में ईंट भट्ठा नामुमकिन होगा। पूर्णिया, अररिया, किशनगंज और कटिहार के इलाके भी फरक्का प्लांट के 300 किलोमीटर के दायरे में आ जाएंगे। अगर कहा जाए तो बिहार का शायद ही कोई हिस्सा इससे वंचित होगा।

इस बाबत प्रदेश के खान मंत्री जनक राम ने बातचीत में कहा कि थर्मल पावर प्लांट के 300 किलोमीटर के दायरे में मिट्टी से ईंट बनाने पर प्रतिबंध लगाने और केवल फ्लाई एश से ईंट बनाने से संबंधित भारत सरकार की अधिसूचना को बिहार सरकार पूरी तरह लागू करेगी। जल्द बैठक कर इससे संबंधित कार्ययोजना तय की जाएगी।

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पटना: नीतीश मंत्रिपरिषद की बैठक नये साल में आज पहली बार हुई । बैठक में कुल छह एजेंडों पर मुहर लगायी है । मंत्रिपरिषद की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये। बैठक में राज्य सरकार ने कोरोना महामारी से मरने वाले लोगों के आश्रितों को चार-चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता से जुड़े प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए इसके लिए वित्तीय वर्ष 2021-22 में सरकार ने मौजूदा वित्तीय वर्ष में 105 करोड़ रुपए की अग्रिम स्वीकृति को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही 50000 रुपये की दर से कोरोना वायरस से मृत व्यक्ति के परिजन को अनुग्रह अनुदान देने के लिए 20 करोड़ की स्वीकृति दी गई है ।

नीतीश कैबिनेट ने बिहार नगर पालिका अधिनियम-2007 के आलोक में एक नए नगर निकाय का गठन एवं तीन नगर निकायों का क्षेत्र विस्तार की स्वीकृति दी गई है।बिहार पेशा कर नियमावली में संशोधन की स्वीकृति दी गई है । बिहार में राजस्व वृद्धि के लिए बिहार ईख (आपूर्ति एवं खरीद का विनियमन) नियमावली-1978 के नियम, उपनियम में प्रथम अनुज्ञप्ति शुल्क, नवीकरण शुल्क में संशोधन का प्रस्ताव पास किया गया है।इसके साथ ही अब लाइसेंस के शुल्क का नवीनीकरण हो जाएगा । वाणिज्य कर विभाग से जुड़े बिहार पेशा कर नियमावली 2011 में संशोधन के प्रस्ताव को स्वीकृति दी ।

बैठक में कुछ स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मान देने के उदेश्य से 17 जनवरी को राजकीय समारोह मनाने का निर्णय लिया गया है। निर्णय के अनुसार प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय कविराज राम लखन सिंह, वैद्य शहीद नाथुन प्रसाद यादव, शीलभद्र याजी, मोगल सिंह, एवं डूमर प्रसाद सिंह के सम्मान में नगर परिषद क्षेत्र बख्तियारपुर में स्थापित प्रतिमा स्थल पर प्रत्येक वर्ष 17 जनवरी को राजकीय समारोह आयोजित किया जायेगा । स्वर्गीय कविराज राम लखन सिंह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पिता थे। उनकी प्रतिमा बख्तियारपुर में लगी है। अब उसी प्रतिमा स्थल पर हर साल 17 जनवरी को राजकीय समारोह आयोजित किये जायेंगे।

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