दो गुजराती देश बेच रहे है और दो गुजराती देश की संपत्ति खरीद रहे है : आनंद मोहन
Chhapra: पूर्व सांसद आनंद मोहन ने देश में नफरत फैलाने वाले सौदागरों के खिलाफ एक बार फिर एकजुट होकर अपनी एकता को मजबूत करते हुए राजपूत समाज से वतन को बचाने के लिए छाती चौड़ा करने का आह्वान किया. पूर्व सांसद आनंद मोहन ने देश की वर्तमान स्थिति पर उपस्थित जनसमूह को चिंता करने की बात कही और जातीय उन्माद से सचेत होकर देश में भाईचारे, प्रेम सद्भाव एवं सामाजिक सौहार्द बनाने का आह्वान किया. श्री मोहन स्थानीय प्रेक्षागृह में आयोजित अभिनंदन समारोह को संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि देश में राष्ट्रवाद के नाम पर राष्ट्र की संपत्ति बेची जा रही है. दो गुजराती देश बेच रहे हैं और दो गुजराती देश की संपत्ति खरीद रहे हैं और जो इनका विरोध करते हैं उनको जेल में भेज दिया जाता है.
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि गांधी दुनिया में भारत की पहचान है, विदेशों में 120 जगह उनकी प्रतिमा लगी हुई है जहां जाने के बाद ना चाहते हुए भी फूल चढ़ाना पड़ता है.
उन्होंने जिन्ना की चर्चा करते हुए कहा कि जिन्ना अंग्रेजों के एजेंट थे 6 वर्ष बाद अंग्रेज के एजेंट बनकर देश में हिंदू मुस्लिम को एक साथ नहीं रहने की बात कहते हुए बटवारा कराया, वही काम देश में मोदी और ओवैसी कर रहे हैं.
उन्होंने लोगों से हिम्मत दिखाने की बात कही. उन्होंने कहा कि जहां धार्मिक उन्माद फैलता है वहां देश टूटता है.उन्होंने कई देशों के नाम रखते हुए कहा कि मणिपुर में भी घमासान है. जो लोग चुटकी में रूस और यूक्रेन की लड़ाई को रोकने में अहम भूमिका निभाते हैं वह मणिपुर की तरफ देखते भी नहीं है.
देश का गृह मंत्री लखीसराय में राजनीतिक जुमलेबाजी करता है लेकिन मणिपुर नहीं जाता है. मणिपुर में 80 हजार से 1 लाख लोग विस्थापित हो चुके हैं, कई की मौत हो चुकी है, कई गायब हो चुके है. लेकिन सरकार सोई है.
यह समय भाईचारे के दुश्मनों से लड़ने का समय है, हम नफरतों के सौदागर को पराजित कर देश में सद्भाव कायम कर सकते हैं.
उन्होंने मीडिया की आजादी की लड़ाई मिलने की बात कही जिससे और मीडिया स्वतंत्र होकर अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर सके.
उन्होंने सभी उपस्थित जनसमूह से कहा कि चाणक्य ने कहा था जब राजा होगा व्यापारी प्रजा होगी भिखारी यह कहावत चरितार्थ हो रही है सब को आगे आना होगा देश के बुद्धिजीवी जेल में जा रहे हैं और देश में नफरत की आग फैलाने वाले ओवैसी के लिए कोई जेल नहीं बनी. बिहार को राजनीतिक भूमि और देश की आजादी में अग्रणी भूमिका निभाने वाले स्वतंत्रता सेनानियों की धरती बताते हुए उन्होंने कहा कि राजेंद्र प्रसाद, महेंद्र मिश्र, जयप्रकाश नारायण यह हम हमारे हमारे पूर्वज थे जो महात्मा गांधी के अनुयाई थे. लेकिन आज हमारे पूर्वजों को गाली दी जा रही है, उन पर आवाज उठाई जा रही है इसको बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
उन्होंने समाज के सभी वर्गों से आपसी सौहार्द कायम करें देश को नफरत से बचाने और विकास के पथ पर आगे ले जाने के लिए सहयोग मांगा.